अर्थ अवस्था की समस्याओं और समाधान के बारे में जानें
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अर्थ अवस्था की समस्याओं और समाधान के बारे में जानें

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Questions and Answers

अर्थ अवस्था की दो केन्द्रीय समस्याएँ लिखें।

उत्पादन सम्भावना वक्र और अवसर तागत केन्द्रीय समस्याएँ हैं।

सकरात्मक और आदर्शमक अर्थशास्त्र में क्या अंतर है?

सकरात्मक अर्थशास्त्र व्यक्तिगत उत्पादन तथा आदर्शमक अर्थशास्त्र सामाजिक उत्पादन को अध्ययन करता है।

भारतीय अर्थशास्त्र के किस प्रकार के उत्तर संभावनात्मक होते हैं?

भारतीय अर्थशास्त्र के सार्वजनिक अर्थशास्त्र के प्रश्न संभावनात्मक होते हैं।

चयन की समस्या कब उत्पन्न होती है?

<p>चयन की समस्या उत्पादन और अधिकतम उपयोग के समय उत्पन्न होती है।</p> Signup and view all the answers

Study Notes

अर्थशास्त्र की समस्याएँ

  • अर्थ अवस्था में दो केन्द्रीय समस्याएँ हैं - विकल्प की समस्या और चयन की समस्या।

सकरात्मक और आदर्शमक अर्थशास्त्र में अंतर

  • सकरात्मक अर्थशास्त्र वह है जो आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करता है कि क्या हो रहा है।
  • आदर्शमक अर्थशास्त्र वह है जो आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करता है कि क्या होना चाहिए।

भारतीय अर्थशास्त्र के उत्तर संभावनात्मक होते हैं

  • भारतीय अर्थशास्त्र में संभावनात्मक उत्तर होते हैं क्योंकि वे लोगों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं पर आधारित होते हैं।

चयन की समस्या

  • चयन की समस्या तब उत्पन्न होती है जब हमें सीमित संसाधनों से अधिकतम लाभ प्राप्त करना हो।

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Description

इस क्विज़ में आपको अर्थ अवस्था की दो केंद्रीय समस्याओं के बारे में जानकारी दी जाएगी और आपको उनके समाधान

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