Hindi Study Outcomes: Fifth Grade (Sulabhbharati) PDF
Document Details
Uploaded by SnappyMossAgate9173
Zila Parishad
Tags
Summary
This document outlines suggested learning processes for Hindi language studies in the fifth grade. Students are encouraged to express their understanding, ask questions, share thoughts, and interact with diverse materials, including stories, poems, news articles, etc. Emphasis on vocabulary development and translation between Hindi and English.
Full Transcript
भारत का संविधान भाग 4 क मूल कर्तव्य अनुच्छेद 51 क मूल कर्तव्य- भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह – (क) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे; (...
भारत का संविधान भाग 4 क मूल कर्तव्य अनुच्छेद 51 क मूल कर्तव्य- भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह – (क) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे; (ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजाेए रखे और उनका पालन करें; (ग) भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखें; (घ) देश की रक्षा करे और आह््वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे; (ङ) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभावों से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध है; (च) हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्त्व समझे और उसका परिरक्षण करे; (छ) प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखे; (ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें; (झ) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे; (ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले; (ट) यदि माता-पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करे । Xmo eãX `h nmR²>`nwñVH$ {dX²`m{W©`m| Ho$ nyd© kmZ H$mo Ñ{îQ ‘| aIVo hþE ^mfm Ho$ ZdrZ Ed§ ì`mdhm[aH$ à`moJm| VWm {d{dY ‘Zmoa§OH$ {df`m| Ho$ gmW AmnHo$ gå‘wI àñVwV h¡ & nmR²>`nwñVH$ H$mo ñVar` (J«oS>oS>) ~ZmZo hoVw Xmo ^mJm| ‘| {d^m{OV H$aVo hþE CgH$m "gab go H${R>Z H$s Amoa' H«$‘ aIm J`m h¡ & `hm± {dX²`m{W©`m| Ho$ nyd© AZw^d, Ka-n[adma, n[aga H$mo AmYma ~ZmH$a ldU, ^mfU- g¨^mfU, dmMZ, boIZ Ho$ ^mfmB© ‘yb H$m¡ebm| Ho$ gmW ^mfm à¶moJ Am¡a ì`mdhm[aH$ g¥OZ na {deof ~b {X`m J`m h¡ & Bg‘| ñd`§ AÜ``Z Ed§ MMm© H$mo ào[aV H$aZo dmbr a§OH$, AmH$f©H$, ghO Am¡a gab ^mfm H$m à`moJ {H$`m J`m h¡ & nmR²>¶nwñVH$ ‘| AmE eãXm| Am¡a dm³¶m| H$s aMZm qhXr H$s ì¶mdhm[aH$Vm H$mo ܶmZ ‘| aIH$a H$s JB© h¡ & Bg‘| H«${‘H$ Ed§ loUr~X²Y H$m¡ebm{Y{îR>V AÜ``Z gm‘J«r, AÜ`mnZ g¨Ho$V, Aä`mg Am¡a CnH«$‘ ^r {XE JE h¢ & {dX²`m{W©`m| Ho$ {bE b`mË‘H$ H${dVm, ~mbJrV, H$hmZr, g¨dmX Am{X {df`m| Ho$ gmW-gmW {MÌdmMZ, XoImo Am¡a gwZmo, n‹T> mo, XoImo Am¡a ~ZmAmo, XoImo Am¡a H$amo, g‘Pmo, AZwaoIZ, AZwboIZ, gwboIZ, lwVboIZ Am{X H¥${V`m± ^r Xr JB© h¢ & {ejH$m| Ed§ A{^^mdH$m| go `h Anojm h¡ {H$ AÜ``Z-AZw^d XoZo Ho$ nhbo nmR²>`nwñVH$ ‘o§ {XE JE AÜ`mnZ g¨H$o V Ed§ {Xem {ZX}em| H$mo AÀN>r Vah g‘P b| & g^r H¥${V`m| H$m {dX²`m{W©`m| go Aä`mg H$admE°§ & Amdí`H$VmZwgma ‘mJ©Xe©Z H$a| & {ejH$ Ed§ A{^^mdH$ nmR²>`nwñVH$ ‘| {XE JE "eãXmW©' H$m Cn`moJ H$a| & "nhMmZ h‘mar' Ho$ g^r ^mJm| ‘o| ZrMo {XE JE "n‹T> mo' Ho$ eãXm| Ho$ AW© ~VmZm Ano{jV Zht h¡ & b`mË‘H$, ÜdÝ`mË‘H$ eãXm| H$m Ano{jV CƒmaU Ed§ Ñ‹T>r>H$aU H$aZm Amdí`H$ h¡ & Bg nmR²>`nwñVH$ ‘| bmoH$ àM{bV VX²^d eãXm| H$m à`moJ {H$`m J`m h¡ & BZgo {dX²`mWu ghO ê$n ‘| n[a{MV Am¡a Aä`ñV hmoVo h¢ & BZHo$ ‘mÜ`‘ go ‘mZH$ eãXmdbr H$m Aä`mg H$aZm gab hmo OmVm h¡ & Amdí`H$VmZwgma nmR²>`oVa H¥${V`m|, Iobm|, g¨X^m], àg¨Jm| H$m g‘mdoe H$a| & {ejH$ Ed§ A{^^mdH$ nmR²>`nwñVH$ Ho$ ‘mÜ`‘ go OrdZ ‘yë`m|, OrdZ H$m¡ebm|, ‘yb^yV VËËdm| Ho$ {dH$mg H$m Adga {dX²`m{W©`m| H$mo àXmZ H$a| & nmR²>`gm‘J«r H$m ‘yë`m§H$Z {Za§Va hmoZo dmbr à{H«$`m h¡ Bggo {dX²`mWu narjm Ho$ VZmd go ‘w³V ah|Jo & nmR²>`nwñVH$ ‘| A§V{Z©{hV g^r j‘VmAm|-ldU, ^mfU-g¨^mfU, dmMZ, boIZ, H$m¶m©Ë‘H$ ì¶mH$aU (^mfm à¶moJ) Am¡a ì`mdhm[aH$ g¥OZ H$m gVV ‘yë`‘mnZ Ano{jV h¡ & {dídmg h¡ {H$ Amn g~ AÜ``Z-AÜ`mnZ ‘| nmR²>`nwñVH$ H$m Cn`moJ Hw$ebVmnyd©H$ H$a|Jo Am¡a qhXr {df` Ho$ à{V {dX²`m{W©`m| ‘| A{^é{M Am¡a AmË‘r`Vm H$s ^mdZm OmJ¥V H$aVo hþE CZHo$ gdmªJrU {dH$mg ‘| gh`moJ X|Jo & 55 {ejm {d^mJ H$m ñdrH¥${V H«$‘m§H$ : àm{eg§/2014-15/8543/h/^mfm/‘§Oyar/S>-505/342 {XZm§H$ …- 19/01/2015 qhXr gwलभ^maVr nm±Mdt H$jm ‘hmamîQ´> amÁ¶ nmR²`nwñVH$ {Z{‘©Vr d Aä¶mgH«$‘ g§emoYZ ‘§S>i, nwUo ‘oam Zm‘ h¡ & àW‘md¥pËV : 2015 © ‘hmamîQ´> amÁ¶ nmR²>¶nwñVH$ {Z{‘©Vr d Aä¶mgH«$‘ g§emoYZ ‘§S>i, nwUo - 411004 Bg nwñVH$ H$m gdm©{YH$ma ‘hmamîQ´> amÁ¶ nmR²>¶nwñVH$ {Z{‘©Vr d Aä¶mgH«$‘ g§emoYZ ‘§S>i Ho$ AYrZ gwa{jV gmVdm± nwZ‘w©ÐU :2022 h¡ & Bg nwñVH$ H$m H$moB© ^r ^mJ ‘hmamîQ´> amÁ¶ nmR²>¶nwñVH$ {Z{‘©Vr d Aä¶mgH«$‘ g§emoYZ ‘§S>i Ho$ g§MmbH$ H$s {b{IV AZw‘{V Ho$ {~Zm àH$m{eV Zht {H$¶m Om gH$Vm & qhXr ^mfm g{‘{V àñVmdZm S>m.° M§ÐXod H$dS>-o AÜ`j, S>m.° ho‘M§Ð d¡X¶² -gXñ`, "~ƒm| H$m {Z…ewëH$ Ed§ A{Zdm`© {ejm{YH$ma A{Y{Z`‘ 2009 S>m.° gmYZm emh-gXñ`, lr am‘Z¶Z Xþ~-o gXñ`, Am¡a amîQ´>r` nmR²`H«$‘ àmê$n -2005' Ñ{îQ>JV aIVo hþE amÁ` H$s lr am‘{hV ¶mXd-gXñ`, lr H$m¡eb nm§S>¶o -gXñ`, "àmW{‘H$ {ejm nmR²`M`m©-2012' V¡`ma H$s JB© & Bg nmR²>`M`m© na àm. ‘¡ZmoX²XrZ ‘wëbm-gXñ`, AmYm[aV qhXr X²{dVr` ^mfm (g§nyU©) "gwलभ^maVr' H$s nmR²>`nwñVH$ S>m°. AbH$m nmoVXma-gXñ`-g{Md "‘§S>i' àH$m{eV H$a ahm h¡ & nm±Mdt H$jm H$s `h nwñVH$ AmnHo$ hmWm| ‘| gm¢nVo hþE h‘| {deof AmZ§X hmo ahm h¡ & qhXr ^mfm H$m¶©JQ> qhXrVa {dX²`mb`m| ‘| nm±Mdt H$jm qhXr {ejm H$m àW‘ S>m°. am‘Or {Vdmar, S>m°. gy¶©Zmam¶U aUgw^o, gmonmZ h¡ & nm±Mdt H$jm Ho$ {dX²`m{W©`m| H$s grIZo H$s à{H«$`m àm. AZw¶m Xidr, lr g§O¶ ^maX²dmO, ghO-gab ~ZmZo Ho$ {bE Bg ~mV H$m Ü`mZ aIm J`m h¡ {H$ S>m°. gaOyàgmX {‘l, S>m°. X¶mZ§X {Vdmar, `h nwñVH$ {MËVmH$f©H$, {MÌ‘`, H¥${VàYmZ Am¡a ~mbñZohr hmo & lr AZwamJ {ÌnmR>r, lr amO|ÐàgmX {Vdmar, {dX²`m{W©`m| H$s A{^é{M H$mo Ü`mZ ‘| aIH$a qhXr ^mfm {ejm lr C‘mH$m§V {ÌnmR>r, àm. {Zem ~mhoH$a, ‘Zmoa§OH$ Ed§ AmZ§XXm`r ~ZmZo Ho$ {bE `mo½` ~mbJrV, H${dVm, S>m°. Amem {‘lm, S>m°. g§VmofHw$‘ma ¶ed§VH$a, {MÌH$Wm Am¡a a§JrZ {MÌm| H$m g‘mdoe {H$`m J`m h¡ & nmR²>`nwñVH$ ‘| lr‘Vr ‘§Jbm ndma, lr Zaqgh {Vdmar AÝ` {df`m| H$mo ^mfmB© Ñ{îQ> go g‘m{dîQ> {H$`m J`m h¡ & BZ KQ>H$m| Ho$ g§¶moOZ : AÜ`mnZ Ho$ g‘` {dX²`m{W©`m| Ho$ {bE AÜ``Z-AZw^d Ho$ {Z`moOZ ‘| S>m°. AbH$m nmoVXma, {deofm{YH$mar qhXr, embm~mh²` OJV Ed§ X¡{ZH$ ì`dhma go Ow‹S>r ~mVm| H$mo Omo‹S>Zo H$m à`mg {H$`m J`m h¡ & ì`mH$aU H$mo ^mfm à`moJ Ho$ ê$n ‘| {X`m nmR²>¶nwñVH$ ‘§S>i, nwUo J`m h¡ & g§¶moOZ ghm`H$ : {ejH$ Ed§ A{^^mdH$m| Ho$ ‘mJ©Xe©Z Ho$ {bE gyMZmE± gm¡. g§Ü`m {dZ` CnmgZr, {df` ghm`H$ qhXr, "Xmo eãX' VWm àË`oH$ n¥îR> na Xr JB© h¢ & AÜ``Z-AÜ`mnZ H$s nmR²>¶nwñVH$ ‘§S>i, nwUo à{H$`m ‘| `o gyMZmE± {ZpíMV Cn`moJr hm|Jr & ‘wIn¥îR > : amOoe bdioH$a qhXr ^mfm g{‘{V, H$m`©JQ> Am¡a {MÌH$mam| Ho$ {ZîR>mnyU© n[al‘ go `h nwñVH$ V¡`ma H$s JB© h¡ & nwñVH$ H$mo Xmofa{hV Ed§ {MÌm§H$Z : brZm _mUH$sH$a, amOoe bdioH$a, ñVar` ~ZmZo Ho$ {bE amÁ` Ho$ {d{dY ^mJm| go Am‘§{ÌV {ejH$m|, ‘§Joe {H$adS>H$a {deofkm| X²dmam nwñVH$ H$m g‘rjU H$am`m J`m h¡ & g‘rjH$m| H$s {Z{‘©{V : gyMZm Am¡a A{^àm`m| H$mo Ñ{îQ> ‘| aIH$a qhXr ^mfm g{‘{V Zo nwñVH$ lr gpÀMVmZ§X Am’$io, ‘w»¶ {Z{‘©{V A{YH$mar H$mo A§{V‘ ê$n {X`m h¡ & "‘§S>i' qhXr ^mfm g{‘{V, H$m`©JQ>, lr संदीप आजगांवकर, {Z{‘©{V A{YH$mar g‘rjH$m|, {MÌH$mam| VWm JwUdËVm narjH$ S>m°. à‘moX ewŠb Ho$ à{V öX` go Am^mar h¡ & Amem h¡ {H$ {dX²`mWu, {ejH$, A{^^mdH$ g^r Ajam§H$Z : ^mfm {d^mJ, nmR²>¶nwñVH$ ‘§S>i, nwUo Bg nwñVH$ H$m ñdmJV H$a|Jo & H$mJO : 70 OrEgE‘, H«$s‘dmod ‘wÐUmXoe :N/PB/2022-23/Qty. ‘wÐH$ : M/s nwUo {XZm§H$ …- (चं. रा. बोरकर) àH$meH$ : 20 {Xg§~a 2014 संचालक lr {ddoH$ CËV‘ Jmogmdr, {Z¶§ÌH$, ‘mJ©erf© H¥$. 13 महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिती व eHo$ 1936 अभ्यासक्रम संशोधन मंडळ पुणे-०4 nmR²>¶nwñVH$ {Z{‘©Vr ‘§S>i, à^mXodr, ‘w§~B©-25 हिंंदी अध्ययन निष्पत्ति ः पाँचवीं कक्षा (सुलभभारती) अध्ययन के लिए सुझाई हुई शैक्षणिक प्रक्रिया अध्ययन निष्पत्ति सभी विद्यार्थियों (भिन्न रूप से सक्षम विद्यार्थियों सहित) को विद्यार्थी – व्यक्तिगत, सामूहिक रूप से कार्य करने के अवसर और प्रोत्साहन 05.15.01 अपने आसपास घटने वाली विभिन्न घटनाओं की दिया जाएँ, ताकि उन्हें – बारीकियों पर ध्यान देते हुए उनपर मौखिक रूप से yy विभिन्न विषयों, स्थितियों, घटनाओं, अनुभवों, कहानियों, अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं/प्रश्न पूछते हैं । कविताओं आदि को अपने तरीके और अपनी भाषा में (मौखिक/ 05.15.02 विविध प्रकार की सामग्री (समाचार पत्र, बाल साहित्य, लिखित/सांकेतिक रूप से) कहने-सुनाने/प्रश्न पूछने, टिप्पणी पोस्टर आदि) में आए संवदे नशील बिंदओं ु पर करने, अपनी राय देने की आजादी हो । (मौखिक/लिखित) अभिव्यक्ति करते हैं । yy पुस्तकालय/कक्षा में अलग-अलग तरह की कहानियाँ, 05.15.03 विभिन्न स्थितियों और उद्देश्यों (सूचना फलक पर कविताएँ अथवा/बाल साहित्य, स्तरानुसार सामग्री, साइन- लगाई जाने वाली सूचना, कार्यक्रम की रिपोर्ट, बोर्ड, होर्डिंग, समाचार पत्र की कतरने उनके आसपास के जानकारी आदि प्राप्त करने के लिए) के लिए पढ़ते परिवेश में उपलब्ध हों और उन पर चर्चा करने के मौके हों । और लिखते हैं । 05.15.04 सुनी अथवा पढ़ी रचनाओं (हास्य, साहसिक, सामाजिक yy तरह-तरह की कहानी, कविताओं, पोस्टर आदि को आदि विषयों पर आधारित कहानी, कविता आदि) की संदर्भ के अनुसार पढ़कर समझने-समझाने के अवसर विषयवस्तु, घटनाओं, चित्रों और पात्रों, शीर्षक आदि उपलब्ध हों । के बारे में बातचीत करते हैं/प्रश्न पूछते हैं/अपनी बात yy सुनी, देखी, पढ़ी बातों को अपने तरीके से, अपनी भाषा में लिखने के लिए तर्क देते हैं/निष्कर्ष निकालते हैं । के अवसर हों । 05.15.05 अपरिचित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजते हैं । yy जरूरत और संदर्भ के अनुसार अपनी भाषा गढ़ने ( नए शब्द/ 05.15.06 अंग्रेजी शब्दों/वाक्यों का देवनागरी में लिप्यंतरण करते वाक्य/अभिव्यक्तियाँ बनाने ) और उनका प्रयोग करने के अवसर है । हों । 05.15.07 देवनागरी में लिखे शब्दों/वाक्यों का अंग्रेजी में लिप्यंतरण yy एक-दूसरे की लिखी हुई रचनाओं को सुनने, पढ़ने और उस करते हैं । पर अपनी राय देन,े उसमें अपनी बात को जोड़ने, बढ़ाने और 05.15.08 मुहावरे-कहावतों का अपनी बोलचाल तथा लेखन में अलग-अलग ढंग से लिखने के अवसर हों । सार्थक प्रयोग करते हैं । yy आसपास होने वाली गतिविधियों/घटने वाली घटनाओं को लेकर 05.15.09 भाषा की बारीकियों पर ध्यान देते हुए अपनी भाषा गढ़ते प्रश्न करने, विद्यार्थियों से बातचीत या चर्चा करने, टिप्पणी करने, हैं और उसे अपने लेखन में/ब्रेल लिपि में शामिल करते राय देने के अवसर उपलब्ध हों । हैं । yy विषयवस्तु के संदर्भ में भाषा की बारीकियों और उसकी नियमबद्ध 05.15.10 भाषा की व्याकरणिक इकाइयों (जैसे – कारक-चिह्न , प्रकृति को समझने और उनका प्रयोग करने के अवसर हों । क्रिया, काल, विलोम आदि) की पहचान करते हैं और yy नए शब्दों को चित्र शब्दकोश/शब्दकोश में देखने के अवसर उनके प्रति सचेत रहते हुए लिखते हैं । उपलब्ध हों । 05.15.11 विभिन्न उद्देश्यों के लिए लिखते हुए अपने लेखन yy अन्य विषयों, व्यवसायों, कलाओं आदि । (जैसे – गणित, विज्ञान, में विरामचिह्न ों जैसे – पूर्ण विराम, अल्प विराम, सामाजिक अध्ययन, नृत्यकला, चिकित्सा आदि) में प्रयुक्त होने प्रश्नवाचक चिह्न, उद्धरण चिह्न का सचेत प्रयोग वाली शब्दावली को समझने और उसका संदर्भ एवं स्थिति के करते हैं । अनुसार प्रयोग करने के अवसर हों । 05.15.12 अपने आसपास घटने वाली विभिन्न घटनाओं की yy पाठ्यपुस्तक और उससे इतर सामग्री में आए प्राकृतिक, सामाजिक बारीकियों पर ध्यान देते हुए उनपर लिखित रूप से एवं अन्य संवेदनशील मुद्दों को समझने और उन पर चर्चा करने के अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं । अवसर उपलब्ध हों । 05.15.13 उद्देश्य और संदर्भ के अनुसार शब्दों, वाक्यों, विरामचिह्नों का उचित प्रयोग करते हुए लिखते हैं । 05.15.14 पाठ्यपुस्तक और उससे इतर सामग्री में आए संवेदनशील बिंदुओं पर लिखित में/ब्रेल लिपि में अभिव्यक्ति करते हैं । 05.15.15 अपनी कल्पना से कहानी, कविता, पत्र आदि लिखते हैं । कविता, कहानी को आगे बढ़ाते हुए लिखते हैं । * AZwH«$‘{UH$m * nhbr BH$mB© H«$. nmR H$m Zm‘ n¥îR H«$. H«$. nmR H$m Zm‘ n¥îR H«$. * AmAmo Iob| 1 10. J‹S>m YZ 14 1. नंदनवन 2,3 11. मित्रता 16 2. बँूदें 4. 12. बचत 17 3. योग्य चुनाव 5 13. nhMmZ h‘mar- ^mJ (2) 18,19. 4. H$í‘ram 7 14. मैं सड़क हँू 20 5. nhMmZ h‘mar- ^mJ (1) 8,9 15. ì`m`m‘ 21 6. पेटूराम 10 16. ~mobmo Am¡a OmZmo 22 7. बधाई कार्ड 11 * ñd`§ AÜ``Z 23 8. करो और जानो 12 * nwZamdV©Z 1,2 24,25 9. Zrम 13 Xÿgar BH$mB© H«$. nmR H$m Zm‘ n¥îR H«$. H«$. nmR H$m Zm‘ n¥îR H«$. 1. गाँव और शहर 26,27 11. वीरों को प्रणाम 40 2. जीवन 28 12. सपूत 41 3. भाई-भाई का प्रेम 29 13. amîQ>—r` Ë`mohma 43 4. बालिका दिवस 31 14. (A) h_ AbJ - ê$n EH$ 44 5. रोबोट 32 (~) Nw>H$-Nw>H$ Jm‹S>r 45 6. Ow‹S>| h‘ 33,34 15. ज्ञानी 46 7. (अ) ~moY 35 16. बचाव 47 (~) g‘mZ - {déX²Y 36 17. {ZarjU 48 8. बीज 37 18. Mbmo-Mb| 49 9. ‘wPo nhMmZmo 38 * ñd`§ AÜ``Z 50 10. ‘wPo OmZmo 39 * nwZamdV©Z 3,4 51,52 * eãXmW©, eãX nhobr, CËVa 53,54 z ,;>*K2.&> G4G AÜ`mnZ g¨Ho$V … {dX²`m{W©`m| go nyN>| {H$ do H$m¡Z-go Iob IobVo h¢ & {MÌm| H$m {ZarjU H$admH$a CZna MMm© H$amE°§ & àË`oH$ {dX²`mWu H$mo ~mobZo H$m Adga X| & CZHo$ nydm©Zw^d H$s OmZH$mar àmßV H$a|, Bggo AÜ``Z-AZw^d ‘| ghm`Vm {‘boJr & 1 देखो, बताओ और कृति करो ः 1. नंदनवन पौधे लगाओ, पेड़ बचाओ । नमस्ते ! स्वागत है । नाचो-गाओ । कतार में चलो । हम सब साथ हैं । q चित्र के प्राणियों की कृतियों पर चर्चा कराऍं । विद्यार्थियों से अन्य परिचित प्राणियों के नाम पूछें । प्रणाम, स्वागत आदि की सामूहिक और एकल रूप में कृतियॉं करवाऍं । प्राणियों की बोलियॉं बुलवाऍं । इसी प्रकार अन्य चित्रों का वाचन करवाऍं । 2 पहली इकाई h[a¶mbr ‘| Iwehmbr । प्रणाम! जल ही जीवन है । नमस्कार ! आओ खेलें । q {dX²¶m{W©`m| H$mo {MÌ XoIH$a ~VmZo Ho$ {bE H$ho§ {H$ ³¶m hþAm hmoJm & {MÌ Ho$ dmŠ`m| H$mo gwZmH$a CZna {dX²¶m{W©`m| go MMm© H$a| & àíZ nyN>H$a gw{ZpíMV H$a| {H$ CÝh| g‘P ‘| Am ahm h¡ & n¶m©daU g§Vb w Z ‘| àm{U¶m| H$m ‘hËËd g‘PmE± & 3 z :A*K2> 2Ɯ.B(| ¦20?0ƛ¦20?0JmVt.B(|ƚ )2&@,2; Vt.B (| _ G&Ĝƚ.>Ĝƚ0H(>Zm|0|ƚ ;¦21>4@-Ĵ4>Vt.B(|_ )2&@:G*>4Ĝƚ*¦(1K§0|ƚ :>20|?04>Vt.B(|_ 20@:G&,&G4K>GKƚ 8@&4&>,Œ>Vt.B(|_ 0|$ƚ0K2ƚ,,@;Gƚ>G14ƚ :.>0*;29>Vt.B(|_ ,A27> ij2',2X2ƚ "4>&ºƚ0A:>Vt.B(|_ ƛ2K?;&>íd®'>*> bƜ ?7&>0|Œ41>08¢(ĜK$ŊX2:A*>_ cƜ.B(|1>ƛ1>2&@;ƚ~Vm_ ,B2@?7&> ?&;>7ƛ/>7ƚ41ƚ?&ƚ?/*1ij:>'.>2ƛ.>2:A*>_(Kƛ(K,§Ú1I:A*>2?7(M1>?'1Ĝ:G(K;27>_ ?7&>>:>0B?;ƚA!ƚ4ē,0|,>"27>& H${dVmÐíZmoËV2(M7>2>:0>_,¦2?&?7&> *:G;47>_ 4 z :A*K2(K;2> 3Ɯ1K1A*>7 amOm ‘§JbgoZ Ho ‘§Ìr OJVam‘ ~y‹T>o hmo M`Zdmbo {XZ amOXa~ma H$s Amoa OmZo MwHo$ Wo & CÝhm|Zo amOm go ñd`§ H$mo godm‘w³V dmbo ‘mJ© na gw~h go hr Zd¶wdH$m| H$s ^r‹S> H$aZo H$s {dZVr H$s & amOm ‘§JbgoZ Zo H$hm, bJ JB© Wr & g¡H$‹S>m| H$s g§»¶m ‘| `wdH$ ""Amn nhbo AnZo O¡go godm^mdr, namonH$mar Xa~ma H$s Amoa Om aho Wo & Bgr amñVo na EH$ Am¡a B©‘mZXma ‘§Ìr H$m MwZmd H$a br{OE, Va’$ EH$ d¥X²Y hVme-gm ~¡R>m Wm & CgH$s V^r AmnH$mo godm‘w³V {H$`m Om gH$Vm h¡ &'' ~¡bJm‹S>r H$m EH$ n{h¶m amñVo Ho$ {H$Zmao OJVam‘ Zo AmXoe {X¶m, ""amÁ` ‘| qT>T>moam H$sM‹S> ‘| ’±$g J¶m Wm & d¥X²Y Zo H$B© ~ma {nQ>dm Xmo {H$ amÁ` Ho$ ZE ‘§Ìr H$m M`Z n{h¶m H$sM‹S> go {ZH$mbZo H$s H$mo{ee H$s na AJbo Jwédma H$mo {H$`m OmEJm & Bg nX Ag’$b ahm & ‘§Ìr nX Ho$ AZoH$ Cå‘rXdmam| Zo Ho$ BÀNw>H$ ½¶mah ~Oo amOXa~ma ‘| nh°þ§Mo§ &'' amOXa~ma OmVo g‘¶ ¶h Ñí¶ XoIm na {H$gr haH$mao Jm±d-Jm±d qT>T>moam nrQ>Zo bJo & Zo ^r d¥X²Y H$s ghm¶Vm Zht H$s & {MÌ XoIH$a Š`m hþAm hmoJm, {dX²¶m{W©`m| H$mo ~VmZo Ho$ {bE H$h| & nyar H$hmZr gwZmE°§ Am¡a XmohadmE°§ & gw{ZpíMV H$a| {H$ àË`oH$ {dX²¶mWu Zo H$hmZr H$mo g‘PVo hþE gwZm h¡ & CÝh| gË`, ~§YwVm g§~Yr H$hmZr gwZZo Am¡a gwZmZo Ho$ {bE ào[aV H$a| & 5 Cå‘rXdma ¶wdH$m| ‘| EH$ Wm H$‘©dra & H$‘©dra Cgo XoIH$a h±gZo bJo & V^r ~¡bJm‹S>rdmbm {ZY©Z n[adma H$m à{V^membr Zd¶wdH$ Wm & d¥X²Y ^r dhm± nhþ±Mm & dh d¥X²Y H$moB© Am¡a dh VoOr go amOXa~ma H$s Amoa Om ahm Wm & Zht ~pëH$ ñd`§ ‘§Ìr OJVam‘ Wo & Cgr g‘¶ ~¡bJm‹S>rdmbm d¥X²Y EH$ ~ma {’$a CÝhm|Zo gmar KQ>Zm amOm H$mo gwZmB© {’$a n{h¶m H$sM‹S> go ~mha Ir§MZo H$m à¶mg H$a OJVam‘ Zo amOm go H$hm, ""‘hmamO ! H$‘©dra ahm Wm & ¶h Ñí¶ XoIH$a Xa~ma nhþ±MZo ‘| do gmao JwU h¢ Omo amÁ¶ Ho$ ‘§Ìr Ho$ {bE H$s qMVm Z H$aVo hþE H$‘©dra grYo H$sM‹S> ‘| Amdí¶H$ h¢ &'' gmar ~mV| OmZH$a amOm CVam & Omoa bJmH$a CgZo ~¡bJm‹S>r H$m n{h`m ‘§JbgoZ ~hþV àgÝZ hþE & CÝhm|Zo H$hm, ""Omo H$sM‹S> go ~mha {ZH$mbm & d¥X²Y Zo Cgo T>oam| gm‘mݶ AmX‘r H$s nr‹S> m go XþIr hmoVm h¡, Amerdm©X {XE {’$a BZm‘ ‘| Hw$N> én`o XoZo Cgo Xÿa H$aZo H$m à¶mg H$aVm h¡, dhr amÁ¶ Mmho na H$‘©dra Zo {dZ‘«Vm go ‘Zm H$a {X`m & Ho$ D±$Mo nX na ~¡R>Zo H$m A{YH$mar hmoVm h¡ & Xoa hmo OmZo H$s Ame§H$m go ^mJVo-Xm¡‹S>Vo OJVam‘ Or Zo ¶mo½¶ ì¶p³V H$m MwZmd {H$¶m H$‘©dra Xa~ma nh°þ§Mm & dh hm±’$ ahm Wm & h¡ & AmO go H$‘©dra amÁ¶ Ho$ ZE ‘§Ìr hm|Jo &'' CgHo$ H$n‹S>o H$sM‹S> go gZo Wo & gmao Cå‘rXdma ƛ:A)>80> :;>*@:G1>:@?04&@;Hƚ.&>_ {dX²¶m{W©¶m| go H$hmZr H$m ‘m¡Z Am¡a ‘wIa dmMZ H$admE± & Amdí¶H$VmZwgma CZHo$ CÀMmaU ‘| gwYma H$a| & H$hmZr ‘| AmE g§dmXm| H$mo gm{^Z¶ n‹T>Zo Ho$ {bE àmoËgm{hV H$a| & namonH$ma g§~§Yr Aݶ H$WmAm|/g˶ KQ>ZmAm| na MMm© H$a| &> 6 अंतर बताओ ः 4. H$í‘ram q {dX²`m{W©`m| go XmoZm| {MÌm| H$mo Ü`mZ go XoIH$a BZ‘| Xg A§Va ~VmZo Ho$ {bE H$h| & Oå‘y-H$í‘ra H$s ~oQ>r Ho$ g§~Y§ ‘| OmZH$mar X| & nhMmZ h‘mar q AÜ`mnZ g¨Ho$V … nhbr BH$mB©, nmR> 5. nhMmZ h‘mar-^mJ (1) Ho$ n¥îR> 8 Ed§ 9 ‘| dU©‘mbm H$m AmYm ^mJ AÜ``Z- AZw^d Ho$ {bE h¡ & eof dU©‘mbm nmR> 13. nhMmZ h‘mar-^mJ (2) Ho$ n¥îR> 18 Ed§ 19 na Xr JB© h¡ & AÜ`mnZ g§Ho$V g‘PH$a {dX²`m{W©`m| go Aä`mg H$admE°§ & g§nyU© nmR²>`gm‘J«r H$m ‘yb CX²Xoí` dU©‘mbm Ho$ dUm] (ñda, ì`§OZ) VWm ‘mÌm Am¡a CZHo$ {Mh²Zm| H$s nhMmZ H$admZm h¡ & {Za§Va Aä`mg X²dmam BZH$m Ñ‹T> rH$aU H$admE°§ & ldU-dmMZ H$m ~ma-~ma Aä`mg Ed§ ñd`§ AÜ``Z Ano{jV h¡ & (1) n¥îR 8, 9, 18, 19 na D$na Xm{hZr Amoa ñda {XE JE h¢ & BZH$s ‘mÌmE°§ ~‹S>o {MÌm| X²dmam n‹T>mZm Ano{jV h¡ & (2) gd©àW‘ BZ n¥îR>mo§ na {XE JE {MÌm| H$m {ZarjU H$aZo Ho$ {bE H$h| & (3) ~‹S>o {MÌm| Am¡a ‘moQ>o Ajam| Ho$ ‘mÜ`‘ go dUm] H$m n[aM` H$admE°§ {’$a ‘mÌmAm| H$mo g‘PmE°§ & (4) nwZamdV©Z Ho$ {bE D$na {XE JE àË`oH$ dU© H$m H«$‘ ~XbH$a> N>moQ>o {MÌm| ‘| eãX {XE JE h¢ & `o eãX ‘mÌmdmbo ^r h¢ & {dX²`m{W©`m| H$mo Ho$db dU© nhMmZZo Am¡a aoIm§{H$V H$aZo Ho$ {bE H$ho§ & (5) àË`oH$ n¥îR> Ho$ ZE dUm] H$m n[aM` H$admE°§ VWm Cg n¥îR> na AmE hþE ñda Am¡a ‘mÌmAm| H$mo í`m‘nQ²>Q> na {bI|, {bIdmE°§ Am¡a AmH$bZ H$amE°§ & "n‹T>mo' Ho$ {bE {XE JE eãXm| H$m gwboIZ Am¡a lwVboIZ H$admE± & (6) àË`oH$ n¥îR> na ZrMo {XE JE eãX, ‘mÌmAm| H$mo nhMmZZo Am¡a {XE JE dUm] Ho$ gmW CÝh| Omo‹S>H$a n‹T> Zo Ho$ {bE h¢ & nhbr n§{³V {~Zm ‘mÌmdmbr, Xÿgar n§p³V nyd© n¥îR> H$s ‘mÌmdmbr (n¥. 8 N>mo‹S>H$a) VWm Vrgar n§p³V ‘| Cgr n¥îR>> H$s ‘mÌmE°§ bJmH$a {’$a XmoZm| ‘mÌmE°§ gmW bJmH$a H$B© eãX {XE JE h¢ & BZ eãXm| H$mo í`m‘nQ²>Q> na {bIH$a ñd`§ n‹T>o § Am¡a {dX²`m{W©`m| go AZwdmMZ H$admE°§ & VËníMmV àË`oH$ {dX²`mWu go ‘wIa Am¡a ‘m¡Z dmMZ H$admE°§ & BZ eãXm| Ho$ AW© ~VmZm Ano{jV Zht h¡ & 7 XoImo Am¡a gwZmo … 5. nhMmZ h‘mar-^mJ (1) N> h S> ’$ ~N>‹S>m hWobr S>‘ê$ ’$b A X a H$ AZma H$Q>hb दमकल X‘H$b ObMa Am H$m e K Q> hm W WnH$s K‹S>r H$Nw>Am ebJ‘ Q>‘mQ>a n‹T>mo> … S>a, ’$a, Ka, aW, eH$, eaX, ehX, XeH$, AmXa, H$hH$a, Aaha, Aea’$, AQ>H$H$a, Amh, S>mH$, N>mN>, WH$m, H$Wm, ham, Amem, AmH$m, H$mH$m, XmXm, Amhma, emaXm, emH$mhma, ’$Q>H$ma & q Bg n¥îR> H$m AÜ``Z-AÜ`mnZ H$aZo go nhbo n¥îR> H«$‘m§H$ 7 na {XE JE AÜ`mnZ g§Ho$V n‹T>| & 8 XoImo Am¡a gwZmo … B bm ` Mr {N> n H$ br B© X nm`b MmanmB© gmB{H$b gm±n C ‹S> Z I Q>mo bm D$ Z Ow J Zy Cëby bhgwZ IQ>‘b ߶mD$ AOJa M ‘ Jm X ‹S> T> bm Z J R> ar MQ>mB© R>ßnm ‘H$‹S>r b‹S>H$s T>mb n‹T>m>o … ¶h, ZI, Ca, Am‘, JR>Z, enW, D$na, M‘M‘, h‘X‘, MH$‘H$, MQ>nQ>, ’$‹S>H$H$a, AmB©, ‘mB©, Bam, a‘m, T>mH$m, ‘m‘m, ZmZm, MmMm, AmH$me, H$n‹S>m, XmXam, AMma, BH$ham, MmanmB©, XrXr, Myam, Hw$hÿ, {M{‹S>¶m, {eH$mar, Xr{nH$m, Om‘wZ, Zynwa, Xþê$h, Hw$ê$n, JwQ>ê$, emar[aH$, {nMH$mar & q Bg n¥îR> H$m AÜ``Z-AÜ`mnZ H$aZo go nhbo n¥îR> H«$‘m§H$ 7 na {XE JE AÜ`mnZ g§Ho$V n‹T>o§ & 9 z :A*>G2(K;2> 6Ɯ,G!Ŋ2>0 ǹǹ?4ƚ/K*&H1>2;H_ǺǺ ǹǹ,/K*½?_0ƜƜƜƜƜƏǺǺ ǹǹ1>,/K**;º2|GƭǺǺ ǹǹ0G2> ,7>:;H_ǺǺ ǹǹ ,7>:0|Ł&K4G&G;ĜGƭǺǺ ǹǹ;Iƚ'KW>.Œ&>4G&>;B_ǺǺ ǹǹ?-2:>GĴ:>ƭņ,1>.&> _ǺǺ ǹǹB2?04&G;ƭǺǺ ǹǹ;Iƚ.Œ&?04&G;_ǺǺ ǹǹij74)>?4K07>4|_ǺǺ ǹǹH2ƭǺǺ ǹǹ>)>(*ij4Gƚ?4K:G._ǺǺ ǹǹH2ƭǺǺ ǹǹ,>70G7>ƚ:7>,>7?0"> _ǺǺ ǹǹ.:1>Ł2ƭǺǺ ǹǹ)>4@!2(Ä)22.W@.:_ǺǺ ǹǹ"@2>G >ƭǺǺ ǹǹ*;ºƛ*;ºƩ0G2> ,7>:;H_ d«V Ho$ {XZ0?)*;º>&>_ǺǺ ƛ#IƜ?Î4K½*>'Ò7>4 ?72>0?;M*ĜK,;>*Kƚ,XK2:0K ,B%?72>0Ɩ_Ɨƚ¨,?72>0ƖƚƗƚàíZdmMH$ƖƭƗƚ?7®01>{X~moYƖƏƗƚ)?72>0ƖƩƗ bƜB2?04&G;ƭ cƜ 0ƜƜƜƜƜƏ dƜ)>(*ij4Gƚ?4K:G._ 4. *;ºƛ*;ºƩ0G2> ,7>:;H_ ,>"M1>8K ?&?72>0ƚ ä>2%:?;&:A*>_?7(M1>?'1Ĝ:G :>0A27>*27>2*>!M1@2%27>_Ð1G ?7(M1>'»K.K4*Gij?4ÐG¦2&2|_ ;|:A*GŒA!Ł4G:A*>*Gij?4;|_?72>0?;M* Ĝ>Ð1K27>_ 10 देखो, सुनो और बनाओ ः 7. बधाई कार्ड सामग्री - कागज, पुरानी साड़ी की लेस, टिकलियॉं, a§JrZ कॉंच के छोटे-छोटे टुकड़े, कैंची, गोंद । कृति - बधाई कार्ड के लिए आवश्यक अाकार में कागज को काटो । पुरानी साड़ी की लेस को काट कर चारों किनारों में चि े पकाओ । कार्ड को आकर्षक बनाने के लिए टिकलियों और कॉंच के छोटे-छोटे टुकड़ों को उचित जगहों पर चिपकाओ & ñHo$M noZ go {d{dY a§Jm| H$s gOmdQ> H$amo & बधाई का संदेश देखकर लिखो । पूज्य दादा जी, सादर प्रणाम । जन्मदिन की बधाई ! आपकी/आपका प्रिय पाेती/पोता, स्वप्निल/मेघा q विद्यार्थियों को उनके मित्र/सहेली के जन्मदिन Ed§ Aݶ Adgam| na हाथ से बनाकर बधाई कार्ड भेजने के लिए H$h| । बड़ों के लिए प्रणाम, नमस्कार, नमस्ते और छोटों के लिए आशीष, स्नेह, प्यार जैसे शब्दों से विद्यार्थियों काे परिचित कराऍं । 11 देखो और g‘Pmo ः 8. करो और जानो पगड़ी बाँधो । फुगड़ी खेलो । हँसो नाचो झाड़ू लगाओ । गाओ कपड़े धोओ । रस्सी कूदो । रोटी बेलो । कुम्हार पंसारी फूलवाली अंगूर फलवाला मौलश्री केला सेवंती अनार सीताफल तरबूज खरबूजा कमल चंपा बेला गुड़हल सेब संतरा अनन्नास कनेर गेंदा गुलाब q विद्यार्थियों से गुट में एवं एकल रूप से दी गई कृतियों का अभिनय करने के लिए कहें । चित्रों की पहचान करवाकर विभिन्न अनाज, फूलाें, फलों के नाम पूछें । किसान, डाकिया, सैनिक, नर्स, वकील के कार्यों पर चर्चा करें । 12 gwZmo Am¡a A{^Z` H$aVo hþE JmAmo … 9. Zr‘ Zm ‘¡§ S>m°³Q>a, Zm ‘¢ AmoPm, Zm ‘¢ d¡X²¶-hH$s‘ & ‘¢ Vmo Ho$db EH$ no‹S> h±ÿ, Zm‘ h¡ ‘oam Zr‘ & ‘oar gyIr nËVr S>mbmo, D$Zr H$n‹S>o, AZmO ~Mm bmo & gyIr nËVr Ho$ YwE± go, ‘³Ir-‘ÀN>a Xÿa ^Jm bmo & KZr npËV¶m| Ho$ H$maU, erVb h¡ ‘oar N>m¶m & Ja‘r Am¡a WH$mZ {‘Q>r, Omo ‘oao ZrMo Am¶m & Zhr§ H$mQ>Zm ‘wPH$mo Vw‘, ‘¢ BVZo gwI Xo XoVm & gyaO H$s {H$aUm| go {‘bH$a, hdm ewX²Y H$a XoVm & gyaO, Vmao, YaVr, Mm±X H$s, O~ VH$ Mbo H$hmZr & h‘oem g~H$mo gwI XoZo H$s, h¡ ‘¢Zo ‘Z ‘| R>mZr & - bVm n§V H$moîR>H$ ‘| {XE dUm] go रिक्त स्थान भरो ः (‹S>o, Um|, H$s, Zm, ‘¢, W, gy, hm, {H$ ) Zo, H$n , h ‘, A ज, H$mZ, aO, H$ Zr, a । q C{MV hmd-^md, b¶-Vmb Ho$ gmW H${dVm H$m dmMZ H$a| & {dX²¶m{W©¶m] go gm{^Z¶ ‘wIa dmMZ H$admE± & ^yV-àoV, AmoPm O¡go A§Y{dídmg na MMm© H$aVo hþE {dX²¶m{W©¶m| H$mo BZgo Xÿa ahZo Am¡a d¡km{ZH$ Ñ{îQ>H$moU AnZmZo Ho$ {bE H$h| & 13 सुनो, दोहराओ और बताओ ः 10. J‹S>m YZ gw§Xanwa Jm±d ‘| am‘XrZ Zm‘H$ {H$gmZ AJbr gw~h am‘XrZ Zo AnZo Mmam| ~oQ>m| ahVm Wm & CgHo$ Mma ~oQ>o Wo & am‘XrZ ñd¶§ H$mo ~wbmH$a H$hm, ""‘¢ Am¡a Vwåhmar ‘m± A~ ~yT‹ >o Vmo ~hþV n[al‘r Wm na CgHo$ Mmam| ~oQ>o ~‹S>o hmo JE h¢ & h‘ Xÿa VrW©¶mÌm na Om aho h¢ & ‘¢Zo Ambgr Wo & ha g‘¶ BYa-CYa ~¡R>H$a Jßn| IoV ‘| YZ Jm‹S>H$a {N>nm aIm h¡ & ¶{X H$moB© ‘mam H$aVo Wo & am‘XrZ CZHo$ Bg Aëh‹S>nZ Oê$aV n‹S>o Vmo Cgo {ZH$mbH$a Cn¶moJ H$a go naoemZ Wm & Cgo h‘oem ~oQ>m| Ho$ ^{dî¶ H$s boZm &'' J‹S>o hþE YZ H$s ~mV gwZH$a ~oQ>o Iwe qMVm gVm¶m H$aVr & dh {XZ-amV ¶hr gmoMm hmo JE Am¡a CÝhm|Zo AnZo {nVm Or H$mo Iwer- H$aVm {H$ ~oQ>o AnZm noQ> H¡$go nmb|Jo & EH$ Iwer VrW©¶mÌm na OmZo Ho$ {bE H$h {X¶m & amV dh BÝht {dMmam| ‘| Imo¶m Wm, V^r CgH$s do ‘Z-hr-‘Z Iwe hmo JE {H$ A~ Hw$N> {XZm| nËZr Zo {PPH$Vo hþE Cgo EH$ Cnm¶ gwPm¶m & VH$ {nVm Or H$m ~§YZ ^r CZna Zht hmoJm & Cnm¶ gwZH$a dh Hw$N> Xoa gmoMVm ahm & {’$a am‘XrZ Ho$ OmZo Ho$ ~mX Hw$N> {XZm| VH$ Vmo EH$mEH$ Iwer go CN>b n‹S>m & g~ Hw$N> gm‘mݶ MbVm ahm na CgHo$ ~mX q {dX²¶m{W©`m| H$mo H$hmZr gwZmE°§ Am¡a Xmo-Xmo n§p³V`m| H$m ‘wIa dmMZ H$aHo$ XmohadmE°§ & àíZ nyN>| Am¡a CZgo CËVa àmßV H$a| & l‘ Ho$ ‘hËËd H$mo g‘PmE°§ & {‘ÌVm g§~Y§ r H$hmZr gwZmZo Ho$ {bE àmoËgm{hV H$a| & {dX²¶m{W©`m| go ’$gbm| Ho$ Zm‘ H$hbdmE°§ & 14 nmg H$m YZ Am¡a Ka H$m Ymݶ g‘mßV hmoZo Ho$ H$ho AZwgma hr {H$¶m & bJm & A~ Mmamo§ ^mB¶m| H$mo qMVm hþB© & CÝh| IoV ‘| ZÝho-ZÝho A§Hw$a {ZH$b AmE & CZ AnZo {nVm Or H$s H$hr ~mV ¶mX Am JB© {H$ Mmam| Ho$ ‘Z ‘| CËgmh OmJ J¶m & do {ZamB©- Oê$aV n‹S>Zo na IoV ‘| J‹S>m YZ {ZH$mb boZm & J‹wS>mB© H$aZo bJo & ’$gb ~hþV AÀN>r hþB© & CÝhm|Zo amV Ho$ g‘¶ IoV H$s IwXmB© H$m H$m‘ h[aZmW H$mH$m H$mo YݶdmX XoH$a do ’$gb H$mo Ama§^ {H$¶m & do Xmo-VrZ amV| IoV H$mo ImoXVo ~mOma ‘| ~oMZo Ho$ {bE bo OmZo H$s V¡¶mar ‘o§ aho, na H$ht ^r CÝh| J‹S>m hþAm YZ Zht OwQ> JE & Cgr g‘¶ VrW©¶mÌm go am‘XrZ Am¡a {‘bm & amV ^a Ho$ n[al‘ go do ~hþV WH$ JE CgH$s nËZr bm¡Q> AmE & ‘mVm-{nVm Ho$ AmVo Wo & O~ gw~h ~hþV {Zame Am¡a hVme hmoH$a hr ~oQ>m| Zo CZHo$ MaUñne© {H$E & Jm‹S>r ‘| bXo do Mmam| AnZo Ka bm¡Q> aho Wo, V^r am‘XrZ AZmO Ho$ ~moao XoIH$a am‘XrZ Zo H$hm, ""A~ Ho$ na‘ {‘Ì h[aZmW Zo nyN>m, "" Vw‘ g~ WHo$ Vwåh| IoV ‘| J‹S>o YZ H$m amO g‘P ‘| Am J¶m hþE ³¶m| hmo ?'' H$maU OmZZo Ho$ ~mX h[aZmW hmoJm &'' Mmam| Zo {ga {hbmH$a ñdrH$ma {H$¶m Zo CZ Mmam| H$mo gbmh XoVo hþE H$hm, ""Vw‘ Am¡a H$hm, ""hm±, {nVm Or ! A~ h‘ ¶h ^r bmoJm| Zo IoV Vmo ImoX hr {b¶m h¡, A~ Cg‘| g‘P JE h¢ {H$ OrdZ ‘| n[al‘ Ho$ {~Zm Hw$N> ~rO ~mo Xmo &'' Mmamo§ ^mB¶m| Ho$ CXmg Moham| ^r g§^d Zht h¡ & n[al‘ go hr YZ H$‘m¶m na Iwer H$s bha Xm¡‹S> JB© & CÝhm|Zo h[aZmW Om gH$Vm h¡ &'' सुनो, समझो और उËVर {bImo ः (H$) am‘XrZ naoemZ ³¶m| Wm ? (I) VrW©¶mÌm na {ZH$bZo Ho$ g‘¶ am‘XrZ Zo ~oQ>m| go ³¶m H$hm ? (J) Mmam| ^mB¶m| H$mo {nVm Or H$s H$m¡Z-gr ~mV ¶mX AmB© ? (K) Mmam| ^mB¶m| Ho$ ‘Z ‘| CËgmh H$~ OmJm ? q nmR> ‘| AmE {dam‘{Mh²Zm| H$m à¶moJ> {Z~§Y, g§dmX ¶m Aݶ {dYm ‘| H$admE± & {dX²¶m{W©¶m| H$mo {~Zm {dam‘{Mh²Zdmbo n[aÀN>oX XoH$a C{MV {dam‘{Mh²Z bJmZo Ho$ {bE H$h| & BZH$m Ñ‹T>rH$aU hmoZo VH$ {dX²¶m{W©¶m| go ~ma-~ma Aä¶mg H$amE± &> 15 सुनो, समझो और बोलो ः 11. मित्रता (Iob Ho$ ‘¡XmZ ‘| ~mVMrV H$aVo hþE ~ÀMo &) अर्नाल्ड ः नमस्ते ! मेरा नाम अर्नाल्ड है । मैं छतरी तालाब के सामने रहता हँू । तबस्सुम ः मित्रो ! मरे ा नाम तबस्सुम है । मैं पाठशाला के समीप रहती हँू । क्षमा ः सुनो ! मैं क्षमा हँू । बाजार के पास रहती हँॅू । विहंग ः नमस्ते ! मैं विहंग, बस स्टैंड के पीछे रहता हँू । अर्नाल्ड ः मेरे घर में दादा जी, मmVm Or, पिता जी और छोटी बहन है§ । तबस्सुम ः मेरे घर में मmVm Or, पिता जी और बुआ जी रहती हैं । बुआ जी हमें ज्ञान-विज्ञान की रोचक कहानियॉं सुनाती हैं । विहंग ः मेरे पिता जी वकील हैं । वे न्यायालय के किस्से सुनाते हैं । अर्नाल्ड ः मेरी मmVm Or सरकारी अस्पताल में नर्स है§ । तुम्हारी मmVm जी क्या करती हैं ? क्षमा ः मेरी मmVm Or सरपंच हैं । कल मेरी बहन का जन्मदिन है, तुम स~ जरूर आना । तबस्सुम ः हॉं-हॉं, जरूर । मैं तुम्हारी मदद के लिए जरूर आऊँगी । विहंग ः आज से हम सब अच्छे मित्र हैं । g¨dmX gwZH$a C{MV Omo{‹S>`m± {‘bmAmo … 1. N>Var Vmbm~ Ho$ gm‘Zo ahVm h±ÿ &- V~ñgw‘ 3. ‘oao {nVm Or dH$sb h¢ & - j‘m 2. amoMH$ H$hm{Z¶m± gwZmVr h¢ & - AZm©ëS> 4. ‘oar ‘mVm Or gan§M h¢ & - {dh§J q {dX²`m{W©`m| H$mo ghr CƒmaU Ho$ gmW g¨dmX gwZmE°§ & CZH$mo EH$-Xygao go àíZ nyN>Zo Am¡a CËVa XoZo Ho$ {bE H$h| & CÝh| Bgr àH$ma AnZo n‹S>mogr H$m n[aM` XoZo Ho$ {bE àmoËgm{hV H$a| & Bggo CZH$s g¨^mfU j‘Vm ~‹T>o Jr & AnZo go ~‹S>m| Ho$ {bE AmXagyMH$ eãXm| (Amn, Or, h¢ ) H$m à`moJ g‘PmE°§ Am¡a Aä`mg H$admE°§ & g¨^mfU Am¡a boIZ ‘| AmXagyMH$ eãXm| Ho$ C{MV à`moJ na Ü`mZ X| & 16 सोच समझकर दैनिक उपयोग करो ः 12. बचत अन्न, जंगल, बिजली, पानी-है सभी बचाना । पैसों की बचत करो-जीवन को अब है सजाना । अन्न पानी पैसा कागज- पेन्सिल बिजली q चित्रों का निरीक्षण करवाऍं । विद्यार्थियों से अन्न, कागज, बिजली, पानी आदि के उपयोग पर चर्चा करें । इनकी बचत करने हेतु CÝh| प्रेरित करें । बचत कैसे हो सकती है, बताE± । ‘यदि पानी न हो तो क्या होगा’, इसपर समूह में चर्चा करवाऍं । 17 XoImo Am¡a gwZmo … 13. nhMmZ h‘mar - ^mJ (2) E ‹S>r य ज्ञ Eo am d V EoZH$ VamOy विज्ञापन EH$Vm dZ दो बूँद जिंदगी की ‘o O Amo ‹T> > Zr> ~¡ b JmOa AmoIbr Jw‹S>hb J‹T> Am¡ a V g am¡ Vm P amo Im PaZm औजार सहिजन n‹T>mo> … Ob, EH$, J‹T> , dh, Amoa, Am¡a, H$‘b, H$aVb, AZn‹T>, >OJ‘J, AMaO, AmOH$b, Eogm, H$mbm, nrbm, Pm‹S>r, brMr, MmVH$, AkmV, EH$Vm, nnrVm, gwXÿa, ehVyV, AZwgyMr, Hw$Vyhb, ‘odo, O¡VyZ, W¡bo, Q>monr, Xm¡‹S>mo, Vm¡bmo, H$Mm¡‹S>r, H¡$Ho$`r, d¡Xohr, e¡boe, H¡$ZoS>r, Mm¡H$moa, Zm¡amoOr, Mm¡H$moZ & q Bg n¥ð> H$m AÜ``Z-AÜ`mnZ H$aZo go nhbo n¥îR> H«$‘m§H$ 7. na {XE JE AÜ`mnZ g§Ho$V n‹T>o§ & 1188 XoImo Am¡a gwZmo … G$ f ^ d¥ j fQ>H$moU ^dZ G$U j‘m A§ ~ a A± Jy R>r Am° Q>>mo ~H$ar अं त रि क्ष A±JrR>r Am°³Q>mong A… l d U ¶§ Ì Y Zw f àmV… g‘mMmanÌ YZmXoe L> ldUHw$‘ma g§JUH$ ञ i n‹T>mo> … V~, jU, A§J, l‘, YZ, ‘R>, gÌ, Am°Z, Am°’$, Am±I, AV…, Z‘…, Z¶Z, G$f^, ~m°b, hm°b, ~m¡Zmo§, ~mOam, Vmbm~, {~hmar, ~oM¡Z, {ÌdoUr, A‘¥V, My{‹S>¶m±, AZwHy$b, dmL²>‘¶, fQ>H$ma, ~§Q>r, H§$Km, A§S>m, n§n, n§I, H§$R>, n§N>r, A§Ora, A§{H$Vm, AM§^m, A§Jay , ~§YZ, Jw’§ $Z, P§PmdmV, n§T>anwa & q Bg n¥îR>> H$m AÜ``Z-AÜ`mnZ H$aZo go nhbo n¥îR> H«$‘m§H$ 7 na {XE JE AÜ`mnZ g§Ho$V n‹T>o§ & 19 पढ़ो और समझो ः 14. मैं सड़क h±ÿ ‘¢ g‹S>H$ hy± & g~ ‘wP na MbVo h¢ & h¢& AnZm `h Z`m ê$n ~hþV AÀN>m bJVm AmX‘r, [a³em, ~g, gmB{H$b g^r ‘wP na h¡ & XwI Cg g‘` hmoVm h¡ O~ bmoJ J§Xm BYa go CYa AmVo-OmVo h¢ & ~mbH$, OdmZ, H$a XoVo h¢ & bmoJ nmZ ImVo h¢ & {~Zm ~y‹T>o g^r Ho$ H$m‘ AmVr hy± & ‘¢ Ka Am¡a gmoMo-g‘Po Ohm± Or ‘| Am`m ‘wP na WyH$ {dX²¶mb` Ho$ ~rM goVw hy± & bmoJ ‘oao {H$Zmao XoVo h¢ & bmoJ OJh-OJh ‘wPo ImoXH$a JS²>T>o ‘H$mZ ~Zm boVo h¢ & gm‘mZ ~oMZo dmbo ^r ~Zm XoVo h¢ & Bggo ‘oao eara na ~hþV go Kmd ‘oao XmoZm| Amoa XþH$mZ| bJmVo h¢ & Mm¡amho na hmo OmVo h¢ & JS²>T>mo§ Ho$ H$maU AZoH$ XþK©Q>ZmE°§ nw{bg H$m {gnmhr dXu nhZo I‹S>m hmoVm h¡ & hmoVr h¢ {’$a ^r Z OmZo bmoJ Eogm Š`m| H$aVo dh `mVm`mV H$mo AZwem{gV aIVm h¡ & amñVm h¢ ? ‘¢ gXm gm’$-gwWar ahZm MmhVr hy± & ~XbZo Ho$ {bE H$B© ~ma bmoJm| H$mo ‘w‹S>Zm n‹S>Vm g~H$mo amñVm {XImZm MmhVr hy± & ‘oao H$maU h¡ na Bg‘| ‘oam Xmof Zht h¡ & ‘¢ Vmo gXm grYr Xoe ‘| Xÿa-Xÿa ahZo dmbo bmoJ EH$-Xÿgao go MbZo Ho$ {bE V¡`ma hy± & bmoJ AnZr Oê$aV go AmgmZr go {‘b nmVo h¢ & ‘¢ Ohm± OmVr hy±, H$^r ‘wPo Q>o‹T>r, ZrMr Am¡a D$±Mr ~Zm XoVo h¢ & dh n[aga {dH${gV hmo OmVm h¡ & ‘¢ MmhVr ‘oam Ama§{^H$ ñdê$n H$ÀMm Wm & Cgna hy± {H$ ha Jm±d H$mo EH$-Xÿgao go Omo‹S>±z, bmoJm| ~¡bJm‹S>r, Vm±Jm, D±$Q>Jm‹S>r O¡go dmhZ MbVo ‘| ‘ob-Omob ~‹T>mD$± & nyao Xoe ‘| Iwehmbr Wo {’$a H$mobVma S>mbH$a n³H$s g‹S>H|$ ~ZZo bmD$± & {dídmg h¡ {H$ EH$ {XZ ‘oar BÀN>m bJt & AmOH$b ZB© VH$ZrH$ Am JB© h¡ & {ZpíMV hr nyar hmoJr & Bg VH$ZrH$ ‘| ‘wPo gr‘|Q> go ~ZmZo bJo द्रुतगति मार्ग महामार्ग १. अंत्याक्षरी खेलो ः सड़क.... किनारे.... रास्ता.... तकनीक.... काम.... मकान.... निकिता.... तm±गा....गाजर..... रश्मि । २. सड़क कैसे साफ-सुथरी रख सकतo हैं, बताओ । q उचित उच्चारण, आरोह-अवरोह के साथ वाचन करें और अनुवाचन कराE± । विद्यार्थियों से अपने बारे में पm±च वाक्य कहलवाऍं । पगडंडी, कच्ची सड़क, पक्की सड़क पर चर्चा कराE± । नदी, उद्यान आदि H$s AmË‘H$Wm प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करें । 20 कृति करो ः 15. व्यायाम विश्राम की मुद्रा में खड़े रहो । सावधान की मुद्रा में खड़े रहो । एक पैर पर खड़े हो जाओ । अपने हाथ nrR> Ho$ पीछे दोनों हाथ फैलाकर झुककर दाहिना हाथ बाऍं पैर के से पकड़कर आगे झुको । पीछे झुको । अँगूठे पर और बायाँ हाथ ऊपर करो । बायाँ हाथ सामने रखकर उसे अपने दोनाें पैरों के अँगूठे छwओ । दोनांे हाथ ऊपर करके पैर के धीरे-धीरे बाईं ओर ले जाते पंजों पर खड़े हो जाओ । हुए अँगूठे का नाखून देखो । दायॉं हाथ दाईं ओर ले जाते घुटनों पर ~¡R>H$a XmoZm| hmWm| बैठकर पैर सीधे करो । दोनों हाथों हुए अँगूठे का नाखून देखो । go n¡am| H$s C±J{b¶m± nH$‹S>mo & से पैर की उँगलियाें को पकड़ो । q विद्यार्थियों से सभी कृतियॉं समूह, गुट एवं एकल रूप में करवाऍं । व्यायाम के ‘hËËd और आवश्यकता पर चर्चा करें । 21 देखो, समझो और मातृभाषा में बताओ ः 16. बाेलो और जानो अमरूद गुब्बारा घर बेला बस्ता पानी गुड़िया यह कुËVm है । dh पुस्तक है । हवाई जहाज कलम उड़नतश्तरी m {ZHo$V {dX²¶ Z मँूछ विद्यालय तिलचट्टा q D$na {XE JE {MÌm| H$s nhMmZ H$amE°§ & {dX²¶m{W©`m| go {MÌm| Ho$ Zm‘ ‘mV¥^mfm ‘| ~VmZo Ho$ {bE H$h| & qhXr Ho$ AÝ` eãXm|, dmŠ`m| H$m AZwdmX H$hbdmE°§ & qhXr Am¡a ‘amR>r ‘| g‘mZ AW© ‘| à`w³V hmoZo dmbo eãXm| na MMm© H$a| Am¡a AÝ` eãX H$hbdmE°§ & {ZH$Q>/ Xÿa Xem©Zo Ho$ {bE "¶h' Am¡a "dh' eãXm| H$m à¶moJ {dX²¶m{W©¶m| H$mo g‘PmE± Ed§ C{MV CXmhaU XoH$a Aä¶mg H$admE± & 22 * ñd¶§ Aܶ¶Z * 1.?.(ÃűKKW22/2K2,B2@7%0>4>É0:G.K4K AÌ 2. ?Î>G20>Î>Ɲ{Mh²Zm|½ ?&KW@?04>(dU©-n) > [ Ð>& >G 23 Ƙ,A*2>7&*-1 * 1. gwZmo Am¡a XmohamAmo … ~Z-dZ, na-’$a, CZ-D$Z, AmYm-gmXm, H$ma-Ima, gmV-gmW, J¥h-J«h, dmUr-nmZr, ‘oKm-‘oYm, G$Mm-H¥$nm, eoa-goa, MaU-MmaU, H$n‹S>m-S>~am, bmoar-bm°ar, emn-gm±n, CYma-CKm‹S>, ganQ>-ganV & 2. Vw‘ AnZo n‹S>mog Ho$ ~ƒm| Ho$ gmW H¡$gm ì`dhma H$aVo hmo, ~VmAmo & 3. AZwaoIZ H$amo Am¡a n‹T>mo> … , , , , , , , , 4. {XE JE àm{U¶m| Am¡a CZHo$ Ka H$s C{MV Omo‹S>r {‘bmAmo … Kmog § bm N>ËVm X‹S>~m Ombm Ka Jw’$m Vmbm~ JmoR> 5. Vwåhmao ~ZmE hþE aoV Ho$ Kam¢Xo H$mo {H$gr Zo Vmo‹S> {X`m Vmo Vw‘ Š`m H$amoJo & H¥${V/CnH«$‘ n[aga Ho$ H$m`©H«$‘ A{V{W AmZo à{V gßVmh n[aga g‘mMmanÌ ‘| N>no ‘| nho{b`m±/ na AnZm Am¡ a ‘| bJr Vp»V`m| {~Zm ‘mÌmdmbo MwQ>Hw$bo gwZmAmo & AnZo n[adma H$m go ‘mÌmdmbo eãX dUm] Ho$ ZrMo aoIm n[aM` Xmo & n‹T>mo> & ItMmo & 24 Ƙ,A*2>7&*-2 * 1. gwZmo Am¡a XmohamAmo … ~¡b-~ob, T>mb-J‹T> , AmoO-^moO, a§J-aJ, V{‘i-H$‘b, gm‹S>r-H$‹T>r, N>V-N>Ì, {dkmZ-{dkmnZ, [anw-G$Vw, Jm¡ar-H$gm¡Q>r, Pm±P-gm±P, Mm^r-Xr`m, hmb-hm°b, gmb-em°b, V¥U-öX`, noS‹ >-S>‘ê$ & 2. narjm Ho$ g‘` AMmZH$ Vwåhmam noZ Iam~ hmo OmE Vmo Vw‘ Š`m H$amoJo ? 3. AZwaoIZ H$amo Am¡a n‹T>mo> … , , , , , , , , , 4. Ü`mZ go XoImo Am¡a nËVm| Ho$ AmYma na nm¡Ym|/d¥jm| Ho$ Zm‘ qhXr Am¡a ‘amR>r ‘| {bImo … 5. nwñVH$ ‘obo ‘| OmH$a nwñVH$m| H$m {ZarjU H$amo Am¡a CZna MMm© H$amo & H¥${V/CnH«$‘ ao{S>`mo/XyaXe©Z `{X Vwåh| n§I bJ à{V gßVmh AnZr g‘mMmanÌ na gwZo hþE OmE± Vmo Vw‘ ng¨X Ho$ {MÌ boH$a Am¡a {XZX{e©H$m Ho$ {dkmnZ gwZmAmo & Š`m-Š`m H$amoJo, {MÌdmMZ H$amo & ‘mÌmdmbo Xg eãX ~VmAmo & {bImo & 25 देखो और बताओ ः 1. गm±व Am¡a शहर गm±व- शहर की प्रगति, देश की उन्नति g‘Vm {dX²¶mb¶ em¡Mmb¶ Hy$‹S>mXmZ स्वच्छ ग्राम, स्वस्थ ग्राम । q गॉंव और शहर के चित्र दिखाकर शब्द, वाक्य बोलने के लिए प्रेरित करें । प्रíZmoËVर द्वारा दोनों की जानकारी दें । प्रíZ पूछकर सुनिpíMत करें कि उन्होंन विष े य को समझा है । विद्यार्थियों के दो समूह बनाकर उनसे गॉंव और शहर की विशेषताऍं कहलवाऍं । 26 (B:2@ > ewX²Y hdm-nmZr H$m V§Ì, ñdñW OrdZ H$m ‘§Ì & ñdÀN> ZJa, gw§Xa ZJa & AZwemgZ Ho$ gmW, Xoe H$m {dH$mg & ?ÎĜ>?*2@%2>_?ÎĜ0|7>1Ĝ,2>2>_>7ƛ8;2½®7&>2*A8>:*ij.>2G0|.&>_ 27 पढ़ो और गाओ ः 2. जीवन जीवन है चलने का नाम । करना कभी नहीं विश्राम ।। घड़ी सदा टिक-टिक करती, éकने का नहीं लेती नाम । घड़ीनुमा सब आगे बढ़ना, सूरज-सा नित ऊपर उठना । कण-कण में अपनत्व देखकर, सबको दिल से करो प्रणाम && लहराना सागर से सीखो, आसमान-सा हृदय विशाल & सहनशील बन धरती जैसे, मिलजुल करते जाना काम । जो चलता वह आगे बढ़ता, मेहनत कर पाता पद नाम ।। माँ जैसी हो मीठी बोली, मन में सच्चे उच्च विचार । अपने जैसा सबको जानो, सेवा का कर लो सुविचार । जीवन है चलने का नाम, करना कभी नहीं विश्राम ।। - डॉ. कुलभूषणलाल मखीजा १. अपनी दिनचर्या बनाओ और सुनाओ । २. तुम्हारी मm± तुम्हारे लिए क्या-क्या करती है§, बताओ । q विद्यार्थियों को साभिनय गीत सुनाऍं और उनसे दोहरवाE± । सामूहिक अभिनय के साथ गाने के लिए कहें । लयात्मक शब्दों का अनुवाचन कराE± । कविता की लयात्मकता की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उचित लय में गीत गवाE± । 2288 पढ़ो और समझो ः 3. भाई-भाई का प्रेम ‘Zmohanwa Zm‘H$ EH$ gw§Xa Jm±d Wm & Jm±d ‘oar Hw$N>-Z-Hw$N> ‘XX H$aVo hr h¢ & ‘oao N>mQo >o H$s {‘Q²>Q>r ~hþV CnOmD$ Wr & AV… Jm±d Ho$ ^mB© Ho$ ~mb-~ÀMo Zht h¢ & Cgo gmam H$m‘ A{YH$m§e bmoJ IoVr {H$¶m H$aVo Wo & Bgr AHo$bo hr g±^mbZm n‹S>Vm h¡ & Bg{bE ‘wPo ‘Zmohanwa ‘| Xmo ^mB© ahVo Wo & XmoZm| {H$gmZ CgH$s ghm`Vm H$aZr Mm{hE &' ¶h gmoMH$a Wo & CZHo$ Ka AbJ-AbJ Wo na XmoZm| ‘| dh CR>m Am¡a I{bhmZ ‘| J`m & ~‹S>m ào‘ Wm & XmoZm| ^mB© h‘oem EH$-Xÿgao H$s I{bhmZ ‘| AnZo AZmO Ho$ T>oa go CgZo ^bmB© H$s ~mV gmoMm H$aVo Wo & Xg JR>ar AZmO ~m±Ym & CZ‘| go EH$ JR>ar Bg df© nyao Jm±d ‘| ’$gb AÀN>r hþB© Wr & {ga na aIH$a$N>mQo >o ^mB© Ho$ T>ao H$s Amoa ~‹T>m & H$Q>mB© hmo MwH$s Wr & I{bhmZ ‘| g~Ho$ AZmO R>rH$ Cgr g‘¶ N>moQ>m ^mB© ^r AnZo Ka Ho$ T>ao bJo Wo & EH$ {XZ amV ‘| ~‹S>m ^mB© boQ>-o ‘| ~¡R>m gmoM ahm Wm,"‘¢ OdmZ h±ÿ & {OVZm boQ>o gmoMZo bJm, "‘oao Xmo ~ƒo h¢ & do J¥hñWr ‘| Mmho CVZm H$m‘ H$a gH$Vm h°ÿ§, Ohm± Mmhy± q विद्यार्थियों को कहानी उचित हाव-भाव और उच्चारण के साथ सुनाE± । कहानी छोटे-छोटे अंशों में बॉंटकर दोहरवाE± । पाठ में आए प्रसंगों पर चर्चा करें । उनसे सामूहिक, गुट एवं एकल वाचन करवाE± । "Xÿgam| H$mo XoZo' की खुशी पर उनसे चर्चा करें । 29 Om gH$Vm hy± & {H$gr H$maUde ¶{X IoVr g‘P JE & ‘| ’$m`Xm Zht hþAm Vmo H$moB© Xÿgam H$m‘ H$a ~‹S>o ^mB© Zo H$hm, ""N>moQ>o ! Vwåhmar ‘XX by±Jm & ‘oam IM© H$‘ h¡ bo{H$Z ‘oao ~‹S>o ^¡`m H$aZo dmbm H$moB© Zht h¡ & IoVr H$m gmam Vmo ~mb-~ƒodmbo h¢ & Ka J¥hñWr Ho$ IM© H$m‘ Vwåh| AHo$bo g±^mbZm n‹S>Vm h¡ & ‘¢Zo A{YH$ h¢ & Bg{bE ‘wPo CZH$s ghm¶Vm H$aZr gmoMm {H$ Vwåhmao nmg AZmO A{YH$ hmoJm Mm{hE &' dh ^r CR>m Am¡a I{bhmZ ‘| J¶m & Vmo A{YH$ {XZ VH$ Ka MboJm Bg{bE ‘¢ I{bhmZ ‘| AnZo AZmO Ho$ T>oa ‘| go I{bhmZ go AZmO Vwåhmao T>oa ‘| S>mbZo Om CgZo ^r Xg JR>ar AZmO ~m±Ym & CZ‘| go EH$ ahm Wm &'' ""^¡`m ! Amn ~mb-~ƒodmbo h¢ & JR>ar {ga na CR>mH$a ~‹S>o ^mB© Ho$ T>oa H$s Amoa AmnHo$ IM© A{YH$ h¡§ & AmnH$mo A{YH$ ‘mÌm ~‹T>m & ‘| AZmO H$s Amdí¶H$Vm hmoVr h¡ Bg{bE ‘¢ A±Yoar amV Wr & hmW H$mo hmW ^r {XImB© I{bhmZ go AZmO AmnHo$ T>oa ‘| S>mbZo Om Z XoVm Wm & Bg dmVmdaU ‘| XmoZm| ^mB© Yrao- ahm Wm &'' Yrao EH$-Xÿgao Ho$ AZmO Ho$ T>oa H$s Amoa ~‹T> AnZr ~mV H$hVo-gwZVo XmoZm| ^mB¶m| H$s aho Wo & >AMmZH$ do EH$-Xygao go Q>H$am JE & Am±Io§ ^a AmBª & XmoZm| amoVo hþE EH$-Xygao Ho$ XmoZm| Mm¢H$H$a EH$ gmW ~mobo, ""H$m¡Z h¡ ?'' Jbo bJ JE & XmoZm| ^mB`m| Zo EH$-Xygao H$mo XoIm & XmoZm| ^mB¶m| Ho$ ào‘ H$s ¶h H$hmZr AmO CZHo$ {ga na AZmO H$s JR>[a`m± Wt & XmoZm| ^r bmoJ ^md-{d^moa hmoH$a gwZVo-gwZmVo h¢ & पढ़ो और समझो ः १. सप्रेम - प्रेम - प्रेमभरा । २. प्रतिदिन - दिन - दैनिक । ३. विज्ञान - ज्ञान - ज्ञानी । 4. अदृश्य - दृश्य - दृश्यमान । q विद्यार्थियों को उदाहरण द्वारा उपसर्ग Am¡a प्रत्यय समझाE± । पाठ्यपुस्तक go उपसर्ग, प्रत्यययुक्त शब्द ढ़ँूढ़कर कहलवाऍं । BZ eãXm| H$s gyMr ~ZdmE± & ^mfmB© Iob Ho$ ‘mܶ‘ go Ñ‹T>rH$aU H$admE± &> CngJ© Am¡a à˶¶ bJmH$a ZE eãX ~ZdmE± & 30 पढ़ो, समझो और लिखो ः 4. ~m{bH$m {Xdg (सब बच्चे दूर्वा के घर खेलने के लिए एकत्रित हुए हैं । वहाँ चाची जी और बड़े भैया भी हैं ।) दूर्वा - सृष्टि, आज तो तुम बहुत ~Z-R>ZH$a आई हो । सृष्टि - आज तीन जनवरी बालिका दिवस है ना ! प्राची - अरे हॉं ! कल बहन जी ने बताया था कि सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन ‘बालिका दिवस’ के रूप में मनाया जाता है । चाची जी - सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम शिक्षिका मानी जाती हैं । अपने पति महात्मा जोतीबा फुले के साथ मिलकर उन्होंने लड़कियोंं के लिए पुणे में पहली पाठशाला शुरू की थी । {Oशान - आजकल तो लगभग सभी लड़कियाँ पाठशाला जाती हैं । पढ़ाई-लिखाई Am¡a Aݶ क्षेत्रों में खूब आगे हैं । मंत्र - हाँ-हाँ, आज समाजसेवा, शिक्षा, विज्ञान, संगीत, प्रशासन, शोधकार्य, खेलकूद आदि हर क्षेत्र में लड़कियाँ आगे बढ़ रही हैं । सृष्टि - मेरी माँ बताती हैं कि शिक्षा हमें स्वावलंबी और सजग बनाती है । भैया - कहm OmVm h¡, एक लड़की शिक्षित होती है तो पूरा परिवार शिक्षित होता है । प्राची - हाँ ! इसलिए हम सबको खूब मन लगाकर पढ़ना चाहिए । सभी - खूब पढ़ेंगे-खूब बढ़ेंगे । q उचित आरोह-अवरोह, उच्चारण के साथ पाठ का वाचन करें । विद्यार्थिर्यो से अनुवाचन कराE± । मुखर और मौन वाचन हेतु प्रेरित करें । CÝh| AnZo n‹S>mog Ho$ n[adma Ho$ gXñ¶m| H$s OmZH$mar XoZo Ho$ {bE H$h| & n‹S>mo{g¶m| Ho$ ‘hËËd ~VmE± & 31 z *A2G*2>G 5.2K.K! amo~moQ> ‘| dU© Ho$ Ad`d Ed§ dU© {XE JE h¢ & CZH$m AZwaoIZ H$admE°§ & Bgr àH$ma g^r dUm] H$m boIZ H$aZo Ho$ {bE ào[aV H$a| & Ow‹S>| h‘ AÜ`mnZ g¨Ho$V … n¥îR>> 33 Am¡a 34 na Xr JB© g§nyU© nmR²`gm‘J«r H$m CX²Xoí` g§`w³Vmjam| H$s nhMmZ H$admH$a dmMZ Am¡a boIZ H$amZm h¡ & dUm] H$mo g¨`w³V ~ZmZo Ho$ {bE ê$n Ho$ AmYma na BÝh| VrZ ^mJm| VWm "a' H$mo VrZ àH$mam| ( ©, m«, — ) ‘| ~m±Q>m J`m h¡ & BÝh| AbJ-AbJ {X`m J`m h¡ & {eamoaoIm Ho$ ZrMo a nyam hmoVm h¡ & (1) gd©àW‘ nmR> ‘| AmE {MÌ Ho$ eãX gwZmH$a XmohadmE°§ & ‘moQ>o Aja Ho$ g§¶³w Vmja H$mo í`m‘nQ²>Q> na {bIH$a g‘PmE°§ & g^r g¨`w³Vmja H$s nhMmZ hmoZo VH$ Aä`mg H$admE°§ & (2) nmR²`m§e n‹T> dmH$a g¨`w³Vmjam| H$mo aoIm§{H$V H$aZo Ho$ {bE H$h| & VËníMmV {dX²`m{W©`m| go g¨nyU© nmR²`m§e H$m AZwboIZ H$aZo Ho$ {bE H$h| & XoI| {H$ {dX²`mWu {dam‘{Mh²Zm| g{hV ewX²Y boIZ H$aVo h¢ & {dam‘{Mh²Zm|-nyU©{dam‘, àíZ[Mh²Z, Aën{dam‘, {dñ‘`m{X~moYH$ Am¡a AY©{dam‘ H$mo g‘PmH$a BZHo$ C{MV à`moJ na ~b X| & (3) {MÌ {XImH$a Am¡a {XE JE eãXm| H$m à`moJ H$amHo$ EH$-EH$ dmŠ` {bIdmE°§ & (4) g§`³w Vmja H$m Aä`mg hmoZo Ho$ níMmV BZ nmR²`m§em| H$m lwVboIZ H$admE°§ & {dam‘{Mh²Zm| g{hV ewXY² boIZ na Ü`mZ X| & 32 z nhMmZmo Am¡a ~VmAmo … 6. Ow‹S>| h‘ * gwZmo Am¡a XmohamAmo … ‘w»` bú` na Ü`mZ bJmAmo & àh²bmX, {dX²`m {Mh²Z ~ZmAmo & 1. n‹T>mo> … nmB© hQ>mH$a Ow‹S>| h‘ hb bJmH$a Ow‹S>| h‘ ½dmbm nwîn {gX²Yy X²dma JwÀN>m {S>ã~m bS²>Sy> IQ²Q>m Mßnb nËWa ~mh²¶ dmL²‘` 2. ‘wIa dmMZ H$amo Am¡a AZwboIZ H$amo … gmoAm, ‘oWr, nmbH$, Mm¡bmB©; har gpãO`m± ‘Z H$mo ^mE± & ~¢JZ, Hw$åh‹S>m, bhgwZ, ß`mO; JmOa, ‘ybr ~hwV bw^mE± & H$H$‹S>r, ‘Q>a, Amby bmAmo; bmb Q>‘mQ>a H$mo {‘Ì ~ZmAmo & MwH§$Xa, ^wQ²>Q>m, H$X²Xy ImAmo; ha ~r‘mar H$mo Xya ^JmAmo && AÜ`mnZ H$aZo go nhbo n¥îR>> 32 na {XE JE AÜ`mnZ g§Ho$V n‹T> H$a {dX²`m{W©`m| go Aä`mg H$admE°§ & {MÌm| H$mo nhMmZH$a gpãO`m| Ho$ Zm‘ H$hbdmE°§ & Amdí`H$VmZwgma ghm`Vm H$a| & X¡{ZH$ Cn`moJ H$s AÝ` dñVwAm| Ho$ Zm‘ H$hbdmE°§ & 33 z nhMmZmo Am¡a ~VmAmo … * gwZmo Am¡a XmohamAmo … AŠI‹S>, ’$³H$‹S>, Jâ’$ma, CËV‘ & A AJ«ga ‘hmamîQ´> gdm}ËV‘ & 1. n‹T>mo> … AmYo hmoH$a Ow‹S>| h‘ {d{^ÝZVm go Ow‹S>| h‘ ‘ŠIr {g³H$m XOu J§Yd© aâVma S>m°ŠQ>a B§ÐYZwf M§Ð‘m eJwâVm ‘wOâ’$a ‘oQ´mo aob ‘hmamîQ´> 2. ‘m¡Z dmMZ H$amo Am¡a Amng ‘| lwVboIZ H$amo … 1. godm S>mŠ° Q>a H$m H$V©ì` h¡ & 5. a³VXmZ-OrdZXmZ, ZoÌXmZ-loîR> XmZ & 2. nm¡Yo bJmAmo, àXyfU hQ>mAmo & 6. {dídmg aImo, A§Y{dídmg Zht & 3. amîQ´>r` g¨nXm, ñdÀN> aI| gd©Xm & 7. ~oB©‘mZr Rw>H$amAmo, B©‘mZXmar AnZmAmo & 4. ‘ŠIr, ‘ÀN>a ^JmAmo, amoJ {‘Q>mAmo & 8. B§ÐYZwf Ho$ a§Jm| H$s Vah {‘bH$a ahmo & Bg n¥ð> H$m AÜ`mnZ H$aZo go nhbo n¥îR> 32 na {XE JE AÜ`mnZ g§Ho$V n‹T> H$a {dX²`m{W©`m| go Aä`mg H$admE°§ & gw{dMmam| H$mo g‘PmE°§ Am¡a Bgr àH$ma Ho$ gw{dMmam| Am¡a gwdMZm| H$m g§J«h H$admE°§ & X¡{ZH$ ì`dhma ‘| BZH$m à`moJ H$aZo Ho$ {bE ào[aV H$a| & B§ÐYZwf Ho$ a§Jm| Ho$ Zm‘ H$hbdmE°§ Am¡a a§Jm| H$s gyMr ~ZdmE°§ & {dX²¶m{W©¶m| go a§Jmo§ Am¡a X¡{ZH$ Cn`moJ H$s dñVwAm| H$s Omo{‹S>`m± {‘bdmE°§ & 34 n‹T>mo>, समझो और बताओ ः 7. (अ) बोध Am±I noQ>r Am¡f{Y nnrVm Am‘ Am±I| no{Q>¶m± Am¡f{Y¶m± nnrVo Am‘ बंदर ‘mbm {g³H$m Vm¡{b¶m ~§Xa {~ëbr ‘mbmE± {g³Ho$ तौलिये ~§X[a¶m {~bmd qgh Jm¶ {haZ Zm{JZ Mw{h¶m {g§hZr ~¡b {haZr ZmJ Myhm q चित्र के माध्यम से वचन और लिंग बोधक शब्द समझाऍं । परिभाषा नहीं बतानी है । अन्य उदाहरण देकर विद्यार्थियों से दृढ़ीकरण करवाऍं । एकवचन-बहुवचन, स् ीलिंग-पुल्लिंग से संबंधित अन्य शब्दों का लेखन करवाऍं । पाठ्यपुस्तक में आए इसी प्रकार के शब्दों को ढ़ँूढ़ने और लिखने के लिए कहें । सामान्य बातचीत में ऐसे शब्दों का प्रयोग करने हेतु प्रेरित करें । 35 z ,XK2:0K (.) :0>*ƛ?7Ē(M) ± 7C ,@ ,A, *GÎ ,GW ,@ -ł4 (M7>2 >2,> :7G2> ij8 (27>> ¦!1> :A.;.>4 ¦(* 2>& ,2 *@G 0 ?) K!>.W> 20 "#> :A@ (Ã@.( A4> G ,@G ?Îij0>10:G:0>*>'»ƛ?7Ē(M)>'»:0>_,¦2/>9>*;º.&>*@;H_1 (>;2%(G2?7(M1 >?'1Ĝ:G:G8¢(Ĝ>đX@2% 2>ij4G*27>_,>"M1,A®&0|:G8¢(ĜK$XB *Gij?4;|_ *>:Ë;2>ij:A4 G *ƚA&4G*27>_ 36 z ,XK2> 8Ɯ.@ ?:@*(@ij ?*>2G .@ ,W> '> _ 7;.Œ&K!>'>_7;I ??W1> _7;Ĝ ǻĒ½2;KƚĒ½2;Kƚ#>4ƛ,>&;>G*G(K_ 0>22.@K>*G4@_&..@.K4>ƛ ,>*@ƚ>(>*G(Kƚ&.0AG&A0>*>_Ǽ ǻĒ½2;KƚĒ½2;Kƚ0@*0|W*G(K_ 1;:A*2>1a±/>&@Œ 4@ _ #>4ƛ,>&;K*G(Kƚ&.0AG&A0>*>_Ǽ.Œ&¦(*.@&_ :½#>4|.W@ƛ ??W1>ºƛº2&@ W _.W@ ;K z _ ¦(* ?-2 7;@ ??W1>ƚ Ł¦(*.>(,>*@.2:>_,>*@2.2@2>17;Iz_ ;Ĝ*Gƛ(Ä:2G )B,,>2.@0|Ł2-ł!>_Ł¦(*.>( :G,B>ƚ""7;>G!>,L)>;I1>ƭ''&/@ 7;I .2@ _Ĝ,4| (G2 :ij ,GW.>G4 ">ƛǻ0;@.@;BƜƜƜƜƜ0;@Ł2 0A;0| ,>*@/21>_ œ_0;@,L)>;BƜƜƜƜƜ0;@,GW;B_.0 7; ;|>*G4@_&. &A0:.ij >0:&>;B _Ǽ1;:A*2 >G,4*G;>ƛ :.A8;K_ ǻĒ½2;KƚĒ½2;KƚWK;2G>*G(K_ ƛ2>0G¬72(1>4(Ã.G ,>*@ƚ>(>*G(Kƚ&.0AG&A0>*>_Ǽ.2@1;:A*20|ƛ0|2&@4@ _ 'KWG ¦(*Ĝij.>(.@K!>ƛ:> ,L)>.*1>_¦(*>17;I _ :*G,L)GK>*Gij?40A;K4>_ &*G 0|,L)G*G;>ƛ bƜ ?*¤*?4§&7>1ĜKÉ0.(M) 2ij,A*,XK ƖH$Ɨ,>*@2)B,,>2.@0|Ł2-ł!>_ ƖI)?:@*(@?*>2G.@,W>'>_ ƖJƗ.0&A0:.ij>0:&>œ_ ƖK) :½#>4|.W@ƛ.W@;Kz_ cƜ *GK@4@?0!M!@0|.KK2Ł¦2&;K2nm¡Ym hmoZo & :>?*2@%2K_ ?& ä>2%ƚ>2K;ƛ72K;ij :>'?7&>>7>*2| _1>*:G :A**G ij ?4;| _ ?&41ij :>' :>0B?;ƚA!747>*2>_;>*@0| ?7&>?7(M1>?'1ĜK,*G8¢(Ĝ0|:A*>*Gij?4ÐG¦2&2|_ 37 z >>2Ĝij*>0.&> 9Ɯ0AG,;>*K ?%&@1>2ĜƖ7ƚ1&ƚ?ÎK%ƚ9!K%ƚ8Ł>2ƚ7CËVƚ.G4*>>2Ɨ½ ,1K@7®&Aűij*>0;47>_ 388 z :0K2?4K 10. ‘wPo OmZmo #>12@ )yÔ,>*0*>;H_ {MÌm| Ho$ Zm‘ XodZmJar {b{n (qhXr) Ed§ amo‘Z {b{n (A§J«oOr) ‘| {bIdmE°§ & O¡go OhmO = jahaj Am{X & CXmhaUm| X²dmam {b߶§VaU Am¡a AZwdmX H$m A§Va ñnîQ> H$a| & {dX²¶m{W©¶m| go g‘mZ AmH$madmbo qhXr Ho$ {d{^ÝZ dUm] H$m boIZ H$admE± & 39 z ,XK2> 11Ɯ7@2ĜKÐ%>0 (G8½?0!M!@>%ƛ%;Hƚ ?;|Ð>%:G 1>2>_ Ð%>0:G7@2ĜKƚ :Lƛ:L.>2;0>2>__ 1;:@)2&@;H;I,2ƚ >ƛ0*>.;&@_ (G8,202?0!*G½ƚ ;2(0)A*ƛ:@2;&@__ 7@2Ĝij.?4(>*:Gƚ 0>?;(7&*>&>2>_ *0®>2:G7@2ĜKƚ :Lƛ:L.>2;0>2>__ 1;>(@*;º?04@;Hƚ ;0|?:@:G/@0|_ :@>;04KĜ*GŁ&>Gƚ Ð>%>,%½:@0|__ (G8½?0!M!@>%ƛ%;Hƚ ?;|Ð>%:G 1>2>_ Ð%>0:G7@2ĜKƚ :Lƛ:L.>2;0>2>__ ƛ20G8(@?& ,§Ú1ĜKÉ0:G4>2,XK bƜ Ð>%>,%½:@0|__ dƜ:@>;04KĜ*GŁ&>Gƚ cƜ?;|Ð>%:G 1>2>_ 4. (G8½?0!M!@>%ƛ%;Hƚ ?&;>7ƛ/>7:G?7&>>:®727>*2|227>_ ?&41ƛ&>40|:0B;ƚA!ƚ4,>"27>_ *:G K!GƛK!GàíZ,B| _®7&Î&>:G*>?*1Ĝij*>0;47>_(G8/§Ú½1?7&>E±,X*Gij?4ÐG¦2&2|_ 40 z ,XKƚ:0K2(K;2> 12Ɯ:,B&.Œ&,A2>*@.>&;H_-Ł4G2>*>0.WGƛ.WGË',X4G&>;H_>8ij&>2ĜK (8 >7'>_>70| ;2&2-®7&> (G2 *ij*>0.&>(G&>;H_(G8ƛ?7(G8 '@_>7½?41Ĝ0|?*1?0&ē,:G>WÄ ½:/@.>&Ĝ> :G ,&>;H _''(Ä:2@*G 4> >&@ '@ _ *>?41> 2K :>- ½ K8 0| ! :G G.X2 ;>ƚ ""2@ >&@ 'º _ ?4,> ƛ,A&> 2ij 2ƛ* :@ Ə 0G2G 4>4ƛH:>.4@ &K (:ƛ,> :A(22>>&>'>_,¦2:20|.W@:1>0| >7Ĝ0|(G*GK/@*;º?04G>_,>:L ,GWƛ,L)G'G_Ł>,>*@?*042*Gij (#ƛ.H"7;2K:A.;4>&>;H_>WG ?47¬1:>7)>?*1>.2&@>&@'º_ 0|.&>4"Ĝ2 &2,W&>;H&K.WGƛ ,*!®72:A:?&'>_.WG ,;47>*& :>0A>.4>2*G :G ¦(* ,*! ,2 &@* pñÌ1> ,>*@ .2>&G;_7;0G2>:,B&;H_'' /22;@'º_7G,*Gƛ,*G4>W4GijA%Ĝ .&@:2@ñÌr½.>2@'@,27;A, >.>*22;@'º_.K4@ƚ"".;*Ə 2;@_ :,2 *(K*Ĝ*G ;>ƚ"".;*ƚ&A0 0G2>:,B&.W>?7(M7>*;H _.:G 8;2:G A,1Ĝ;Kƭ4&>;H&A¤;>2>4W>,B& ,X21>;Hƚ>2Ĝo2 :½)B00@;H_ ?*4>_''&@:2@ñÌr?.*>?:@K81> g‘w{MV Amamoh-Adamoh Am¡a dm{MH$ A{^Z¶ go H$hmZr H$m dmMZ H$a| & gmXJr, n[al‘, ‘mV¥^p³V Am¡a Xm{¶Ëd~moY O¡go ‘yë¶mo§ go g§~§{YV H$hm{Z¶m± CÝh| gwZmE± & {dX²¶m{W©¶m| H$mo Aݶ H$moB© H$hmZr gwZmZo Am¡a Cgna MMm© H$aZo Ho$ {bE H$h| & 41 गर्व go बोली, ""बहनो ! सपूत या कपूत जैसे आज दंगल में मैंने एक नामी पहलवान को शब्द तो मैं नहीं समझती पर मेरा लाल मेरे बुरी तरह पछाड़ा । पानी लेकर जल्दी घर लिए बहुत अच्छा है । वह सीधे-सादे स्वभाव पहॅचुं ना, मुझे जोरो§ की भूख लगी है ।” यह का साधारण किसान है । दिन भर खेत में जुता कहकर वह घर की ओर बढ़ गया । रहता है । शाम को घर का काम करता है । अंत में तीसरी स्त्री का पुत्र भी आ आज बहुत कहने-सुनने पर वह मेला देखने पहँुचा । वह बड़ा ही सीधा-सादा था । आते गया है, इसीलिए मुझे पानी भरने आना पड़ा ।'' ही उसने अपने माँ के सिर से घड़ा उतारकर तीनों pñÌयाँ अपने-अपने सिर पर घड़ा अपनo सिर पर रख लिया और बोला, “माँ, तुम रखकर चल पड़ी§ । अभी वे दो-चार कदम ही क्यों पानी भरने चली AmBª ? मैं तो आ ही रहा चली थीं कि पहली ñÌr का पुत्र आता हुआ था ।” माँ से घड़ा लेकर वह उत्साह के साथ दिखाई पड़ा । पास आते ही उसने अपनी माँ से घर की ओर चल पड़ा । कहा, ""व्याख्यान देने जा रहा हँू । भोजन dht यह देखकर Aݶ दोनों स् त्रियों का सिर करगूँ ा ।'' यह कहकर वह तेजी से चला गया । संकोच से झुक गया । उन्हें बोध हाे गया था कि तभी दूसरी ñÌr का पहलवान पुत्र भी आता कर्तव्य और सेवा के बिना ज्ञान एवं बल अधूरे हुआ दिखा । वह मतवाले हाथी की तरह झूम हैं । वे समझ गईं कि सपूत तो तीसरी स्त्री का रहा था । उसने अपनी माँ से कहा, “माँ, बेटा ही है । - श्रीकृष्ण १. VrZm| {ñ̶m| Zo AnZo-AnZo ~oQ>o H$s H$m¡Z-gr {deofVmE± ~VmBª ? २. अच्छे लड़के/ अच्छी लड़की में कौन-कौन-से गुण होने चाहिए, आपस में चर्चा करो । q H$hmZr VrZ-Mma ~ma n‹T>dmE± & ‘m¡Z Am¡a ‘wIa dmMZ H$aZo Ho$ {bE H$h| & àíZmoËVa Ho$ ‘mÜ`‘ go nmR> Ho$ Ame` na MMm© H$a| & {dX²¶m{W©`m| H$mo OrdZ ‘yë`m| H$mo ì`dhma ‘| CVmaZo H$m ‘hËËd g‘PmE± & CZgo MMm© X²dmam Ñ‹T>rH$aU H$amE±> & 42 z n‹T>mo Am¡a ~mobmo … 13. amîQ´>r` Ë`mohma ({dX²¶mWu H$jm ‘| amîQ´>r¶ ˶mohmam| na MMm© H$a aho h¢ &) kmZ … ñdV§ÌVm {Xdg Ed§ JUV§Ì {Xdg h‘mao amîQ´>r` Ë`mohma h¢ & AmH$m§jm … A‘a gnyVm|§ Ho$ AWH$ à`mgm| go 15 AJñV 1947 H$mo h‘mam Xoe ñdV§Ì hþAm & Í`§~H$ … `h {XZ ñdV§ÌVm {Xdg Ho$ ê$n ‘| ‘Zm`m OmVm h¡ & kmZ … AmOmXr {‘bZo Ho$ ~mX ~‹S>r bJZ go Xoe H$m g¨{dYmZ ~Zm`m J`m VWm 26 OZdar 1950 H$mo Bgo Xoe ?