3rd Sem Notes 3005 PDF
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Jamal Ansard
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These notes cover various aspects of renewable energy, including solar, wind, and wave power. The document discusses different types of energy systems, practical applications and the principles behind each. Key topics explored are energy generation via photovoltaics and wind turbines.
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# Thakur 219 ## INDEX Name: Jamal Ansard Subject: 3005 | S. No. | Date | Title | Page No. | Remarks | |---|---|---|---|---| | | | Renewable energy power plants | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | |...
# Thakur 219 ## INDEX Name: Jamal Ansard Subject: 3005 | S. No. | Date | Title | Page No. | Remarks | |---|---|---|---|---| | | | Renewable energy power plants | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | | # Unit-1 ## समुन्द्री उर्जा ! - समुन्द्र अपने भीतर अपने आत्याधिक मात्रा में उर्जा को कई रूपों में समेटे हुए है। - लहरों द्वारा ज्वार भाटा गया तथा गर्म पानी सतह एवं गहरे किए गए पानी के तापमान के अंतर द्वारा प्राप्त ऊष्मा ऊर्जा होती है। - इसलीय सागरी उर्जा को तीन भागों में बाँटा गया है. - लहर उर्जा (Wave Energy) - ज्वार भाटा उर्जा (Tidal Energy) - दो रहा उत्पादन (Two-way Energy) - समुन्द्री तापन एवं लहर उर्जा सौर उर्जा का रूप है। समुद्र की सतह पर पानी का तापमान तथा 1000m नीन्चे पानी के तापमान में 200 से 300 का अंतर होता है. ## समुन्द्री उर्जा के प्रयोग - सागरी तापीय उर्जा रूपांतरण आधारित संयंत्र दो प्रकार के होते है. - खुला चक्र तापीय उर्जा रूपांतरण संयंत्र (open cycle) - बंद चक्र तापीय उर्जा रूपांतरण संयंत्र (close cycle) ### (1) खुला चक्र (open cycle) **Image:** A diagram showing the movement of water in the open cycle. - इसमें समुद्री गर्नु जल को ही कार्यकारी दव के रूप में काम में लिया जाता है. - open cycle में दो कक्ष होते है. - पहले कक्ष में समुद्री सतह का गर्म पानी जिसका तापमान 250 से अधिक होता है. - उसे गर्म कराते है। - इस गर्म जाम से flash (उदेश) वाष्पीकरण कराया जाता है। - और इस प्रक्रिया में ष्मी वास्प एक दाब के Turbine को चलाती है। - कम दाब के Turbine को चलाती है। - और तारखाइन मे वाष्प का प्रसार होता है। - और यह गति कुराने लगता है। और - इससे यांत्रिक उर्जा उत्पन्न होती है। - और इस Turbine से एक Generator युग्भीत (Coupling) होता है। - Turbine के घुमन से Coupling Generator भी घुमता है । और - Electrical Energy P.T.O का उत्पादन करता है। - Turbine से निकासित स्टाष्प को Condensor ठण्डा कर उन्हें समुन्द्र में छोड दिया जाता है। - Condenser में गर्म वाष्प को ठेण्डा करने के लिए समुद्र में गहराई वाले रुण्डे जल का प्रयोग किया जाता है। ### (ii) बंद चक्र तापीय उर्जा रूपांतरण समेत (close cycle) **Image:** A diagram showing the movement of water in the closed cycle - ये चक्र (cycle) सिस्टम पर कार्य करता है. - इस सिस्टम में समुद्री सतह कि गर्म जल विशेष प्रकार के प्रप (कार्बनिक प्रेष) को गर्म करने के लिए। - इस हव का उबलने का तापमान कम होता है। इस कार्यकारी हव को Close cycle में घुमाया जाता है। और गर्म जल के सम्पर्क में आने से पूर्व वाष्प कृत होकर **Image:** A diagram showing the movement of water in the closed cycle - होकर Turbine को चलाता है। इस Turbine से A Generator युग्मीत (Coupling) Generator भी घुमता है। और विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करता है। इस पूरी प्रक्रीया में कुछ भाप पानी में बदलकर एक Condenser सर में एकत्रित होती है। - यहाँ पर समुन्द्र की गहराई वाला रंण्डा जल उपयोग में लिया जाता है। - जो संघनन क्रिया में सायद रहता है। - और से पानी पम्प द्वारा वाष्पीकरण हेतु उन्हें गर्म पानी के सम्पर्क में आ जाता है। - और इस प्रक्रिया को बार-बार प्रहराता जाता है। Turbine से बची वास्प को बदलने के लिए समुन्द्र कि गहराई के शीतलम जल को लेकर संघनन के चारों ओर भेजते है। जिससे वे संघनित होकर पम्प के द्वारा आसानी से उन्हें बाष्पीकरण कक्ष में आ जाता है।, # Unit-2 ## सौर उर्जा उपयोग के सिद्धांत! - प्रकाशीय रासायनिक विधी द्वारा - तापीय प्रभाव से - प्रकाश वोस्टीय तकनीक से ## प्रकाशीय रासायनीका विधी ! - इस मैबड से सूर्य का प्रकाश रासायनिक उर्जा में प्रवर्तित हो जाता है। - समस्त वनस्पति जगत प्रकाश संसलेषण विधी द्वारा क्लोरोफिल डि उपस्थिति में कार्बनडाई ऑक्साइड (C02) और पानी को मिलाकर सकरावा कार्बोहाइड्रेट बनाते है। - ये पदार्थ नाइट्रोजन तथा दूसरे पदार्थों से मिलता है। - सभी के लिए भोजन और विभिन्न प्रकार के जैविक उर्जा स्त्रोत स्त्रोत उत्पन्न करता है। - इस विधी को प्रकासीय रासायनिक विधी कहते हैं। - $ 6.C02 + 6H20 + सौर उर्जा → C6H12O6 + 602 $ ## तापीय प्रवाह (Thermal effect)! - सुर्य कि गर्मी कुछ उर्जा उपयोगी से संग्रहीत कर ५४९ में ली जाती है। - इसके उपयोग से हम खाना बना सकते है। और साथ में शीतल (ठंडा) और गर्म करने हेतु यंत्र बना सकते हैं. - आवश्यकता पड़ने पर इस विधी बिजली भी भूपन डि, जा सकती है। ## प्रकाश वोल्टीय तकनीक विधी : - इस विपाल द्वारा मेसुर्य के किरणों को सिधे बिजली मे प्रवर्तित किया जा सकता है। - इससे उत्पन्न बिजली में प्रवर्तित किया जा सकता है। - इससे उत्पन्न बिजली को आवश्यक कार्यों में उपयोग किया जा सकता है। - इस काम में आते है। - ये सेल प्रकाश को सीधे ही बिजली में परिवर्तित करते हैं। - कृत्रिम उपग्रह और दूर दराज के स्थानों पर सौर उर्जा से इसे इलेक्ट्रीसिटी उत्पन्न की जाती है। - इस मैथेड द्वारा उत्पन्न की जाती है। **Image:** A diagram showing a solar power plant - Photovaltaic Arrays - Salar cells - Salar Panel - BATTRY ## Salar Poway Plant :- - working of Salar Pawar plant ## PV - Photo valdiaîc ### Salar Phatovaldiac (PV): - - Pv एक ऐसी प्रद्योगिकी है जो कि ग्रुप को सिधे ही विद्युत में परिवर्तित करती है। - PV ही ही विद्युत में परिवर्तित करती है। - यह विद्युत विद्युत उर्जा सुरक्षा और जिवास्प ईंधन किमती की प्रति चिंता कि प्रति में कार्बन उत्सर्जन से बढ़ती हुई पारंपरिक और सिलकोन (मिट्टी) से तैयार कि जाती है। - और सामान्यता यह सार्वाधिक कार्य क्षामता योग होते है। - अनाकार सिलकोत तथा गैर सिसकोत समाग्ती जैसे (CD) केडियम से तैयार पतले फेएम सौर सेल प्राप्त किए जाते है। - और सौर सेलों में High applances वाली PB (समान्ती) material के लिए डिजाइन किए जाते है। - material और मैनों टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। - जब Salar Panal पर किरणे गिरती है) Salar Panal में solar sell सूर्य कि किरणों को इलेक्ट्रीकल Enangy में convert कर देते हैं। - Salar sello से Enarrgy हमें मिलती है। उसे INVattar के द्वारा उसको या तो वनाry में Stor करते हैं। - या तो सिधे उपभोक्ता उपने उपने उपयोग में से लेता है। - और जो सभ्य बिजली होती उसको सेड सिस्टम में दे देता है। - बडे पैमानों पर PV सभेत्रों का इस्तेमाल बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है। - और इसे ग्रेड में उपयोग किया जाता है। - इस तरह कि प्रणलियों में आम तौर पर क्या । से अधिक PV Power & convarter, Rack बदले जुझार और Electrical Inter connection सामील होते हैं। - इसके अतिरिक्त इस सिस्टम में अधिकतम Panal D.C. Ae Polway. Peintrecer, Battry, system, or चार्जर और उर्जा प्रबंधन के लिए soptwear,. And Barcontrecer संत्रीत किया जाता है। - उत्पन्न बिजली को या तो संग्रीत किया जाता है। - या सिधे स्वयं उपयोग किया जाता है। - यह बडे बिजली ग्रेड में उपयोग किया जाता है. ## PV मुख्यता दो प्रकार के होते हैं। - Ground mount P-V - Roof top P-V ### Roof top P-V **Image:** A diagram showing a roof top solar power plant ### dig -1 - Sun - Solar Panels - Salary Inverter - ENeRing meter - Appliad - italtiy voi'd ## यह एक SPB (Smal System) है। - SPB Panal कि सहायता से AC power में convert किया जाता है। - 3 Phase line, और 440V, 220V 3 Phase to जाव में 33KV, LIKV Single phase line de pent करती है। लोकस Reqürmen. (आवश्यकता है।" - इस system से सुर्य डि किरणों को सिधे हि Salar Panel पर डाला जाता है। - Salar Panel में salar sell लगे हुए होते है। - जो सूर्य के किरणों को Electrical Energy में convert कर देते हैं। - Solar Panel से Inverter conect रहता है। जो Battry को चार्ज करता है। - salar Inverter से Energy meter conect होता है। जो सिधे fe supply it velity वपको देता है। - जो हमारे घरों आता है। ## Benefits (लाम :- - इसमे power transmition or distribution के समय 1088es कम होते हैं। - power conteधमक के समय इसमें minimum ७ses होते है। - इसके लिए Roof Spass कि आवश्यकता होती है। - या) इस Spm सिस्टम को छतों पर स्थापित किया जा सकता है। और इसका beter manas ment और day time peale Load अच्छा होता है। - और इसमें 1% तक Electricity Conswivel होता है। ## Solar Panals: - Salar fang Photoxaltic P-V Cells के बने होते हैं। जो sunlight को DC Power में बदलते है। ## D.C Power ! - D-C Power Salar panel के द्वारा gnverter में आती है। - और १nverter इसका AC Power मे convert करता है। ## Are Power 1 - A-C power Elec Electricity Panel Through घरों में use की जाती है। ## Ground mount P-V : **Image:** A diagram showing a ground mounted solar power plant - This type of BB System is built on the ground. - Mounting Racks are used. - Sun rays fall on solar cells. - Solar cells convert the sun rays into DC supply. - DC supply goes to the inverter. - Inverter converts DC supply into AC supply. - AC supply goes to the AC swives Panal. - Panal gives power to Net meter. Then AC swives panal gives power to LV, MV, voltage staf of transformer. - Transformer converts AC supply into LV, MV, voltage staf of transformer. ## This system requires a lot more space for solar panels than the roof top option and it more expensive. - Chapter-2 - LARGE WIND POWER PLANT ## पवन उर्जा - पवन उर्जा उर्जा का NONE conversnal सोर्स में से एक है और इसका उपयोग विद्युत शक्ति उत्पादन में किया जाता है। ## पवन उर्जा के लाम :- - पवन उर्जा सयंत्रों में ईंधन कि आवश्यकता नहीं होती है। - इनसे उत्पादित कि गई विद्युत शक्ति क्षामता वाले सयत्रो मे कम लागत पर उपलब्ध घे जाती है। - बडे सयंत्रों की तुलना में परम्परागत विद्युत सयेत्रो से बराबरी डि जा सकती है। और ज्यादा उत्पादन में लागत और भी तुम आती है। - पवन ऊर्जा नवीनीकरण स्त्रोत है। - पवन उर्जा से चलने वाले संयंत्र प्रदूषण रहित होते हैं। ## पवन उर्जा के हानि ! - पवन उर्जा प्राकृतिक रूप से मंद और घटती बहती रहती है। - पवन उर्जा से विद्युत शक्ति उत्पादन करने के लिए सयंत्र को स्थापित करने के लिए बहुत बडे क्षेत्र कि आवश्यकता घेती है। - पवन उर्जा सयंत्रों में धवनी अधिक होती है। ## Drey (खिचना) - यह एक प्रकार का Rasistance जो कि तरल पदार्थ के उपर से गुजरने पर वस्तु पर अनवय होता है। - dreg force एक प्रया कि दिशा में एक बहता हुआ द्वव किसी पिण्ड पर पो लगता है। - उसे इस बल को कहते है। - बाढ़ का पानी जानवरों और इमारतों को घोता है। - आँधी और तुफान से पेड आदि गिर जाते है। - और ये जहाजों को दूर ले जाता है। - यदि drey force अधिगतविधियों में काम में लिया जाता है। - उदाहरण है। इझजिनियरिंग में dreg es usfull Effect पैचा जब बाद से कोई उल्का पृथ्वी के वायुमंडल के साब्ब लगती है और reg force अंतरिक्ष में आग के कारण सुब्बी रहने वाले मनुष्यों को बचाता है। ## पवन उर्जा के तिव्रता तथा पवन शक्ति :- - wind Energy उसकी speed के कारण पुल का गतिशिल होता है। पवन का mass उसकी उर्जा के कुछ भाग पवन चक्की द्वारा ग्रहण किया जाता है। और ग्रहण हि गई उर्जा को उपयोगी कार्य में प्रवर्तित किया जाता है। wind energy को लिए 3-factor मुख्य धै - पवन कि गति / ग्रहण करने वाले Roter द्वारा कोटी गई वायु का अनुप्रस्त डाट - सर्वांग दक्षता ## पवन चक्की से विद्युत - शक्ति का उत्पादनम् **Image:** A diagram showing a wind turbine generating power ## वायु कि गतिशिल अस्था को inव कहते हैं। - वायु जब Speed से चलती है। तो वह wend का रूप से लेती है। - बायु को speed प्रदान करने के लिए दो मुख्य घटक है। - वायुमंडल के गर्म तथा ठंडा होने कि प्रक्रिया के फलस्वरूप जिसके कारण वायुमंडल धरती कि सतह और का गर्न घेता Salar Radition के कारण होता है। - अर्थ का अपनी Axex (हलवी) पर वायुमंडल के सापेक्ष घुमना और सुरजे के चारोओर चक्कर काटना वाला दूशरा घटक है। ## पवन चकियों में जेनेरेटर जोडकर पवन उर्जा से विद्युत शक्ति उत्पादीत कि जाती है। - सर्वप्रथम एक starcमज तैयार करते हैं। - उस प्पर पवनन चक्की लगाकर उसके साथ Generater conect किया जाता है। - पवन कि पति के कारण पवन चक्की घुमता है। - और पवन चक्की से घुमता हुआ Generater भी घुमता है। - और जिससे Electricity उत्पन्न होती है। ## पवन उर्जा का उपयोग :- - मकैनिकल पॉवर उत्पन्न करने और मकैनिकल पॉवर से water lifting या water pomping के लिए use किया जाता है। ## Lift (लिफ्ट) - जब किसी चिण्ड को Constant (स्थिर) हव में भिगोया जाता है। - तो उस पर केवल Pressur farce लगाया जाता है। - द्वव पर एक बहते हुए द्वव जिसकी अतिरिक्त सतह पर स्पर्स रेखा आपरूवण बल लगता है। - थे दोनो बल बलों के हि घटक है। - जिनमें से एक बल प्रवाह दिशा को लम्बवत रहा घेता है। - और दूसरा बल लगता है। जिसे lift कहते है। - dieg के सापेक्ष परिणाम परिमाप और 8 त्वर्थिन बल पूरी तरह से वस्तु आकृति पर निर्भर करते है। - पवन turbine के Aerfall के विशेष रूप से सम्पर्क में आने पर lift force उत्पन्न करने के लिए ये आकार में होते हैं। - पर असमान दाब बल उपरी एवं निवली Arfall सतहों का magnitube (परिणाम) drez force वायु पत्रक कि सतह पर सोडता धर्षण बल एकसमान Presser दोनों के प्रवाह के कारण उत्पन्न घेता है। **Image:** A diagram showing lift force and drag - डेरियस पवन turbene का अपयोग आजकल बहुत किये जाते है। - सेवेनियास प97 turbine सबसे आम (मुख्य) प्रकार dreg turbine है। - इसकी दक्षता अच्छी होती है। - और ये turbine मजबुत होती है। - और इस turbine का निर्माण आसानी से किया जाता है। <start_of_image> - $ CL = \frac{L}{FAW2} $ - $ CD = \frac{D}{FAW2} $ # Explanation of the terms - $CL = left गुणोड़ | official off lift $ - $CD = drey गुणांक ( official off drey) $ - $ f = धनत्व (Dancity) $ - $A = क्षेत्रफल (Aria) $ - $ W = पवन टारवाईन के ब्लेड द्वारा अनभव कि जाने वाली सापेक्ष $ - $L = Jift (लिफ्ट) $ - $D = drey (खिचना) $ ## Lift force - शक्ति पवन turbene वायु गतिष वाले माध्यम से हवा से उर्जा निकालती है। - शकी पवन और dieg वायु गतिष force & dreg सापेक्ष दिशा में बॉडी पर बल लगाता है। - कुछ मशीन मे topalogy को उर्जा निकालने के लिए Premry द्वारा बाँटा जाता है। - सेवनियास पवन turbine एक बज आधारित मशीन है। जब कि Jerins turbine और पारम्परिक्त क्षैतिज अक्ष पवन turbine आधारित मशीन है। - Symple होती है। और इसकी Afficiancy कम होती है। ## D.C. Generafer tecnaвду **Image:** Diagram of a DC generator - DC मशीन में field wirding Steter पर घेती है। - Armeches winding Roter पर घेती है। - जो स्थाई DC field candong द्वारा Excuted (उत्तेजीत) होते हैं। - यदि कोई माशीत विश्वम स्प से Excited हो तो वह Shunt wound DC Generater कि तरह होते हैं। - इस पवन turbine में Controller Generater एक IGBT Inverter और controller (3 Transformer और एक power Shount wound DC Generater के लिए Freld current पंरिचालन गति के साथ ब्लेड होता है। - जब कि wind turbine के WT drive torque और Gand tarque इन हिज घेता है. - के बीच संतुलन से निर्धारित कि जाती है. - Roter में आर्मेचर में उपर conductor wound सामील होते है। जो Sleep Ring comide for से जुडे रहते है। conditor को जुड़ने वाले उपझ के माध्य से विद्युत शक्ति निकाले जाते हैं। जिसका उपयोग AC शक्ति को D.C outport में सुधारने के लिए किया जाता है। or Brush के कारण बहुत रखरखाव Gminet Ormined होता है. ## direct drive venerater - direct drive venerater विशेष disine सिन्क्रोनस मशीनों होती है। मेन मानक में सिर्फ इतना अन्दर संख्या में मशीनों कि होता है। क्योंकि यह direct drève roter से प्प्राप्त होती है। क्योंकि turbine & Roter के साथ सामान चालु करने के लिए gearbox कि जरूरत को खतम कर देता है। - Phase Pals (धन) संख्या अधिक होने पर Generater का Dayamefer (व्यास) बड़ा होता है। - wind turbine में dercat dreve Generater संयोजन के रूप में उपयोग किये जाते हैं। - पवन turbine का छत्रपति चरगति संचालन हो पूर्ण रूप से वांछिनिय होता है। - इस संचालन दो कारणों से वांछिनिय होता है。 - हवा कि गति Speed नियत गति से रखा जाए और टिप गति अनुपात constant रखा जाए तो wind turbine में सबसे अधिक उर्जा उत्पन्न करता है. - हवा कि Speed के साथ Roter कि Speed (पति) के साथ बदलती रहती है। ## और varibal + turbine के Roter वाले tension को संचारपन से उतार चढ़ाव कम किया जा सकता है. ## deebull fan Induction Generater :- **Image:** A diagram of a deebull fan induction generator - जब Steter. को 3% AC Supply दी जाती है। - तो Air gap मे एरु दुर्णन चुम्बकीय क्षेत्र बन जाती है। - और Induction मशीने सरल सरल सस्ती और अच्छी ब्ली हुई होती है। - और Indun मशीने grait से प्रतिक्रियाशील Power खिचती है। - इन प्रतिक्रियाशील अव्ययों में चिप्पली capaciter या Power Converters का उपयोग किया जाता हो - Costant speed Induction Generater के लिए Steter es transformer के माध्यम से grad है। - प्रबंध से जुडा हुआ घेता हा और Roter 3 Gearbox के माध्यम से wind turbine के माध्यम से जुड़ा हुआ होता है। - SIG का उपयोग चरगति wind turbine भो किया जाता है। - और इसका उपयोग सिर्गक्रोनस मशीनों को contral करने में भि किया जाता है। - लेकिन output voltage Inductional venerater के लिए चुम्बकीया सर्किट की सक्रिय करने वाली सारी प्रतिक्रियाशील शक्ति को grid या स्थानिय (Local) capalilter के द्वारा प्रदान की जाती है। - यहाँ पर capalilter का उपयोग Power Factor Inpumen (सुधार) के लिए किया जा सकता है। - (DFIG) का Roter 25 drive train system के (machanical) भौतिक रन्प के माध्यम से wind turbine से commer होता है। इसमें High और low speed वाले Soft wearing और एक gearbox लगा हुआ होता है। - Roter को og derecnal (हलै दिशात्मक) valdage सौर्य converter द्वारा power दि जाती हैं। - said converter जिसके कारण Rotes डो contral करके converter speed और Torque. सब सिंकोनस सिंक्रोनस Super सिंकोनस Candition में पलाया जा सकता है। इसयो हमेशा जब की Power करता है। - सब सिंक्रोनस दोनों दिशाओं मे Power Handal (Controler) करता है। - greand सिंक्रोनस ऑपरेसन के दौरान Roter Rood said Converter के दौरान (GSET Converter) 13 Reactifre 5 (cide saide converter रूप में कार्य करता है। - Roter पर सक्रिय शक्ति फलो घेती हो। - सुपर सिंक्रोनस में सिम्स / RSC (React Fore और USE ) कि तरह कार्य करता है। Inverted converter के रूप में कार्य करता है। - Steter के साथ साथ Roter से Power grid तक सक्रिय शक्ति प्रवाहित हो सके । - $RSC=$ Roter Saide Converter - $ USE = $ viraide Saide converter ## Bio gass Plant : - Bio gaiss sell एक साधारण ४el है। जिसमें गोबर मनुष्य का मल व अन्य वनस्पति पदार्थ को वायु की अनुपस्थिति में सडाकर गैस बनाई जाते हैं। ## Bio g988 उत्पादन को प्रवाहित करने वाले कारखुः- - छा और ऑक्सीजन कि अनुपस्थिति :- - सम्पूर्ण क्रिया के लिए ऑक्सीजन कि आवश्यकता होती घेती है। - है। मेोजानिक जिवाणू वा की अनुपस्थिति में ही कार्य करता है। - ph का प्रभाव :- - इसमे सलरिकास 6.5 से लेकर 8-5 तक रखना है। - यदि PH ST मान कम हो जाए तो गैल उत्पादन में अधिर कभी आने लगती है। - सडाने के लिए भौतिक परिस्थीति :- - भौतिक परिस्थितियों में तापमान एवं स्थानिय जल वायु है यदि temprature 35 से 40°C अधिक मात्रा मे गैस उत्पन होता है। - उत्पन होता है। तो 32°C से लेकर 40.0 तक का तापमान मेव्धेनोजोन होने में सबसे अच्छा तापमान है। मुड़े स्थानों में सयंत्रों का संबेध्की काल रखा जाता है। - कार्बन नाइट्रोजन अनुपात !- - यदि सलेरी में में कार्बन नाइट्रोजन का अनुपात 30:1 हो तो अधिक गैस उत्पन्न होगी यहाँ पर अर्बन का उपयोग कोशिका बनाने के लिए किया जाता है। - और नाइट्रोजन से उर्जा प्राप्त कि जाती है। - यदि नास्ट्रोजन कि मात्रा बढ़ जाए तो इससे अमोनियाँ अधिक बनेगी और , - इसी वजह से जिवाणु कार्य करना बंद कर देगी । - कार्बनिक पदार्थ कि प्राक्रिति :- - पिन पोसक तत्व में प्रोटिन मात्रा में होता है। उनसे गैस अधिक उत्पन्न होती है जटिल कार्बनिक बनस्पति से अधिक गैस प्राप्त होति हो और मात्रा में गैस उत्पन्न कम होती है। - प्रतिक्रिया समय - यदि भौतिक परिस्थिति में तापमान और P-H सही हो तो गोबर कि पाचन किया 21-28 दिन में पूरी हो जाती है। - शाबर एवं पानी कि मिश्रण में ठोस पदार्थों कि मात्रा। - इस मिश्रण में ठोस पदार्थों कि मात्रा 8 से 10% तक होनी पाहिए। जिससे Bio g988 का उत्पाप्त अधिर मात्रा में पशुओं से प्राप्त गोबर के 80% पानी और 20%. ठोस पदार्थ होता है। - गोबर और पानी का अनुपात 4:1 के मिश्रण में ठोस पदार्थ डि मात्रा 8 से 10% तक होती है। - अगर पानी कि मात्रा मे कम होने से सयंत्र कि सलरी पर ठोस परत जम जाती है। जिसके कारण मेव्धेन गैस का उत्पादन कम हो जाता है। - और उसके बिजवाणु मर जाते है। - सड़ने वाले गोबर कि मात्रा : - यदि १० से 94% ठोस गोबर Plant में डाला जाता है। - तो 70% खाद और इसके रूप में बाहर निकलता है। - गोबर को सुखाकर खेतों में उपयोग में लाया जाता है। - घुमिकासु पदार्थ : - गोबर के साव्ध में अगर कई प्रकार के हानिकारक पदार्थ घेते हैं। - और जिनके वजह से Bro gas plant में meधेने मर जाते हैं। - और हमें अधिक मात्रा में गैस प्राप्त नहीं होती है। ## Bio 9988 संग्रह करने कि विधी: - Bio gass संग्रह करने कि मुख्यता दो विधी है। - तैरने वाले गैस संग्ग्राद्ध संग्रह. - स्थिर गैस संग्ग्राहछ सयेत्र ### तैरने वाले गैस संग्राछु सयंत्र :- - तैरने वाले गैस संग्ग्राछ मुख्यता चार प्रकार के होते है। - KVIC Bio gass plent - phero cyments Bio gass plent - गणेश Bio gass plant - प्रगति Bio gass Plent ### स्थिर गैस संग्राछ सभेत्र : - स्थिर गैस Biogas plent मुख्यत! दो प्रकार के होते ह है। - जनतः Bio gass plant - दिनबन्धु ०gass promit ## जानता Bro yas - गोबर + पानी मिश्रण - बनाने कि कुण्डली **Image:** A diagram showing the process of creating biogas - Bio gas उपभोय हेतू - ← जर पाइप - वायोगैस - खाद - प्रवेश द्वार - सहान कक्ष / पाचर - आधार (सिमेंट केहीट) - निर्गम - हाफ ## Bio gass सयंत्र के मुख्य भाग एवं उनके कार्यप्रणाली - यह जमीन से निश्वित गहराई पर सिमेंट तथा केंद्रीट डि सहायता से बनाया जाता है। - जिस पर डिप्पासाटर (पाचक) का निर्माण होता है । - और वे कि डिजास्टर के अन्दर स्ब