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Class 12th (Arts) Geography Past Paper 2025 PDF

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Summary

This document is a geography past paper for class 12th students in Bihar. It contains topics on water resources including geographical distribution, regional use, and protection/management methods. The paper is from 2025.

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Class – 12th (Arts) मंजिल बैमचंजिल – 2025 बैच Geography...

Class – 12th (Arts) मंजिल बैमचंजिल – 2025 बैच Geography GEOGRAPHY DISHA ARTS CLASSES (A Unit of Disha Online Classes) मं ज िल बै च - For:- Class – 12 Arts (Bihar Board) th विषय :- भूगोि 2025 अध्याय- 6. जि सं साधन Under the Guidance Of Sanjay Sir COURSE FEATURES ❖ Live Classes ❖ PDF Notes ❖ Recorded Classes ❖ Model Paper ❖ Class Pdf ❖ Guess Question Paper ❖ Doubt Classes ❖ Question Bank App:- https://play.google.com/store/apps/details?id=co.dishaonlineclasses YouTube:- https://youtube.com/@DishaArtsClasses इं टर आर्ट्स की तैयारी के लिए आज ही YouTube पर Disha Arts Classes से जुड़ें| Mob–6201320598, 7700879453 जि सं साधन- जि सं साधन पानी के िह स्रोत है जो ✓ विर भी धरातिीय जि का के िि िगभग 690 घन मनुष्य के लिए उपयोगी है या लजनके वकिोमीटर यानी 32% जि का ही उपयोग वकया जा उपयोग की सं भािना है । सकता है । जि एक चक्रीय सं साधन है जो पृथ्वी ❖ भारत में कु छ नवदयां जैसे - गं गा , ब्रह्मपुत्र, और लसंधु पर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है । नदी के जि ग्रहण क्षेत्र िहुत िड़े हैं । गं गा, ब्रह्मपुत्र और पृथ्वी के िगभग 71% भाग में पानी पाया जाता है । िराक नवदयों के जि ग्रहण क्षेत्र में िषाल अपेक्षाकृ त परंतु अििणीय जि कु ि जि का के िि िगभग तीन अलधक होती है यह नवदयां यद्यवप देश के कु ि क्षेत्र के प्रवतशत ही है । िगभग एक वतहाई भाग पर पाई जाती हैं लजनमें कु ि इस दुिलभ सं साधन के आिं टन और वनयं त्रण पर तनाि धरातिीय जि सं साधनों का 60% जि पाया जाता है । और िड़ाई झगड़ा सं प्रदाय एिं प्रदेशों और राज्ों के िीच 2. भौम जि सं साधन – वििाद का विषय िन गए हैं । भूवम के अंदर भौम जि स्तर के नीचे पाए जाने िािे जि इस अध्याय में भारत में -- को भौम जि सं साधन कहते हैं । ✓ जि सं साधनों, ✓ पं जाि, हररयाणा, राजस्थान और तवमिनाडु राज्ों में भौम ✓ इसके भौगोलिक वितरण, जि का उपयोग िहुत अलधक है । ✓ क्षेत्रीय उपयोग और इसके सं रक्षण और ✓ छत्तीसगढ़, उड़ीसा, के रि आवद राज् अपने भौम जि ✓ प्रिं धन की विलधयों पर चचाल करेंगे । क्षमता का िहुत कम उपयोग करते हैं । ✓ भारत के जि सं साधन ✓ गुजरात, उत्तर प्रदेश, विहार, वत्रपुरा और महाराष्ट्ि अपने ✓ भारत में विश्व के धरातिीय क्षेत्र का िगभग 2.4% जि भौम जि सं साधनों का मध्यम दर से उपयोग कर रहे हैं । उपिब्ध है । 3. िैगून और पश्च जि: - िैगून वकसी विस्तृत जिस्रोत ✓ जि सं साधनों का िगभग 4% जि उपिब्ध है । जैसे समुद्र या महासागर के वकनारे पर िनने िािा एक उथिा ✓ विश्व की जनसं ख्या का िगभग 16 प्रवतशत भाग पाया जि क्षेत्र होता है जो वकसी पतिी स्थिीय पेटी या अिरोध जाता है । द्वारा सागर से अंशतः अथिा पूणलतः अिग होता है। ✓ देश में एक िषल में िषाल से प्राप्त कु ि जि की मात्रा ✓ के रि उड़ीसा और पलश्चम िं गाि में इन िैगून और झीिों िगभग 4000 घन वकिोमीटर है में िड़े धरातिीय जि सं साधन है । ✓ धरातिीय जि और भौम जि से 1869 घन वकिोमीटर ✓ इन जिाशय में खारा जि है । जि उपिब्ध है । ✓ इसका उपयोग मछिी पािन और चािि की कु छ वनलश्चत ✓ इसमें से के िि 60% जि का िाभदायक उपयोग वकया वकस्ों नाररयि आवद की लसंचाई में वकया जाता है । जा सकता है । ❖ जि की मांग और उपयोग- ✓ इस प्रकार देश में कु ि उपयोगी जि सं साधन 1122 घन ✓ हम सभी शुरू से ही जानते हैं वक भारत एक कृ वष प्रधान वकिोमीटर है । अथलव्यिस्था है और इसकी जनसं ख्या का िगभग दो 1. धरातिीय जि सं साधन वतहाई भाग कृ वष पर वनभलर है । ✓ धरातिीय जि के चार मुख्य स्रोत हैं - नवदयां , झीिे, ✓ इसलिए पं चिषीय योजनाओं में कृ वष उत्पादन को िढ़ाने तिैया और तािाि । के लिए लसंचाई के विकास को उच्च प्राथवमकता प्रदान की ✓ देश में कु ि नवदयों तथा उन सहायक नवदयों लजनकी गई है । िं िाई 1.6 वकिोमीटर से अलधक है को वमिाकर 10360 ✓ लजसके तहत िहुउद्दे शीय नदी घाटी पररयोजनाएं जैसे - नवदयां हैं । भाखड़ा नांगि, हीराकुं ड, दामोदर घाटी, नागाजुलन सागर, ✓ भारत में सभी नदी िेलसनो में औसत िावषलक प्रिाह 1869 इंवदरा गांधी नहर पररयोजना आवद शुरू की गई है । घन वकिोमीटर होने का अनुमान है । ✓ धराति जि का 89% और भोम जि का 92% जि का उपयोग वकसी कायल में वकया जाता है । विहार में मैवटि क की िेहतरीन तैयारी के लिए आज ही YouTube पर Disha Online Classes से जुड़ें| Mob–6201320598, 7700879453 Class – 12th MANJIL BATCH Geography ✓ औद्योवगक सेक्टर में धराति जि का के िि 2% और जि सं रक्षण और प्रिं धन भोम जि का 5% भाग का उपयोग वकया जाता है । ✓ जि की घटती हुई उपिब्धता और िढ़ती हुई मांग के लसंचाई के लिए जि की मांग:- कारण इसके सं रक्षण और प्रिं धन की आिश्यकता िढ़ गई ✓ कृ वष में जि का उपयोग मुख्य रूप से लसंचाई के लिए है। होता । देश में असमय िषाल होने के कारण लसंचाई की ✓ भारत को भी जि सं रक्षण के लिए तुरंत कदम उठाने आिश्यकता होती है, देश के ज्ादातर वहस्से िषाल विहीन चावहए और प्रभािशािी नीवतयों और कानून िनाने चावहए और सूखाग्रस्त है ।। और जि सं रक्षण हेतु प्रभािशािी उपाय अपनाना ✓ पयालप्त मात्रा में िषाल िािे क्षेत्र जैसे पलश्चम िं गाि और चावहए। विहार में भी मानसून के मौसम में विना िषाल से सुख जैसी जि प्रदूषण का वनिारण स्थस्थवत उत्पन्न हो जाती है जो कृ वष के लिए हावनकारक लजतने भी जि सं साधन उपिब्ध हैं उसका तेजी से होती है । वनम्नीकरण हो रहा है । ✓ लसंचाई की व्यिस्था िहुिसिीकरण को सं भि िनाती है देश की नवदयां जि मैदानी भागों में प्रिेश करती हैं तो ऐसा पाया गया है की सं लचत भूवम की कृ वष उत्पादकता उसका उपयोग कृ वष में, घरेिू उपयोग में एिं उद्योग धं धों e अलसंलचत भूवम की अपेक्षा ज्ादा होती है । में वकया जाता है । ✓ पं जाि, हररयाणा और पलश्चम उत्तर प्रदेश में वनिि िाये गए क्षेत्र का 85% भाग लसंचाई के अंतगलत है। इन राज्ों में गेहं और चािि मुख्य रूप से लसंचाई की lin खेती में उपयोग वकए गए उिलरक एिं कीटनाशक तथा घरेिू अपलशष्ट् एिं ठोस कचरे से तथा उद्योगों से वनकिने िािे अपलशष्ट् एिं जहरीिे रसायन के कारण इन नवदयों On सहायता से पैदा वकए जाते हैं । का पानी प्रदूवषत हो रहा है । ✓ वनिि लसंलचत क्षेत्र का 76.01% पं जाि में और 51.3% कें द्रीय प्रदूषण वनयं त्रण िोडल Central Pollution हररयाणा में कु आं और निकू पों द्वारा लसंलचत है । Control Board (CPCB) , राज् प्रदूषण वनयं त्रण a इन राज्ों में भौम जि सं साधन के अत्यलधक प्रयोग से िोडल State Pollution Control Board (SPCB) भौम जि स्तर नीचा हो गया है । के 3 साथ वमिकर देश भर के 507 स्टे शनों की राष्ट्िीय sh सं भावित जि समस्या:- जि सं साधन की गुणित्ता की मॉनीटररंग कर रहा है ।। ✓ जनसं ख्या के िढ़ने से वदन प्रवतवदन जि की प्रवत व्यवि वदल्ली और इटािा के िीच यमुना नदी दे श की सिसे Di उपिब्धता कम होती जा रही है । उपिब्ध जि सं साधन अलधक प्रदूवषत नदी है। औद्योवगक, कृ वष और घरेिू उपयोग से प्रदूवषत होता जा अहमदािाद में सािरमती िखनऊ में गोमती नदी मदुरई रहा है । में कािी, अडयार, कु अम, िैगई, हैदरािाद में मूसी तथा ✓ और इस कारण उपयोगी जि सं साधनों की उपिब्धता कानपुर और िाराणसी में गं गा नदी देश की अन्य प्रदूवषत और ज्ादा सीवमत होती जा रही है । । नवदयााँ हैं । जि के गुणों का ह्रास जि अलधवनयम 1974 एिं पयालिरण सुरक्षा अलधवनयम ✓ जि की गुणित्ता से तात्पयल जि की शुद्धता से है । जि 1986 प्रभािी ढं ग से िागू नहीं हुआ है । िाह्य पदाथल जैसे - सूक्ष्मजीिों, रासायवनक पदाथल, लजसके पररणाम स्वरुप 1997 में भारत में प्रदूषण िै िाने औद्योवगक और अन्य अपलशष्ट् पदाथल से प्रदूवषत होता है । िािे 251 उद्योग नवदयों एिं झीिो के वकनारे पर स्थावपत ✓ इस प्रकार के पदाथल जि के गुणों में कमी िाते हैं और वकए गए । इसे मानि उपयोग के योग्य नहीं रहने देते हैं ।। जि उपकर अलधवनयम 1977 लजसका उद्दे श्य प्रदूषण कम ✓ कभी-कभी प्रदूषण नीचे तक पहुंच जाते हैं और भौम जि करना था िह भी प्रभािी रूप से िागू नहीं हो पाया है । को प्रदूवषत करते हैं । जि प्रदूषण के कारण होने िािे व्यापक िुरे प्रभाि के िारे ✓ देश में गं गा और यमुना दो अत्यलधक प्रदूवषत नवदयां हैं । में समाज में जागरूकता िै िाने की आिश्यकता है । विहार िोडल मैवटिक परीक्षा की िेहतरीन तैयारी के लिए आज ही YouTube पर Disha Online Classes से जुड़ें| Mob–6201320598, 7700879453 Class – 12th MANJIL BATCH Geography िोगों में जागरूकता एिं उसकी भागीदारी से कृ वष से, ✓ इसका उपयोग भूवमगत जि के पुनः पूवतल के लिए वकया घरेिू उपयोग से एिं उद्योग धं धों से होने िािे जि जाता है प्रदूषण को िहुत हद तक कम वकया जा सकता है । ✓ िषाल जि सं ग्रहण पानी की उपिब्धता को िढ़ाता है, जि का पुनः चक्रन और पुनः उपयोग पुनः चक्र और पुनः भूवमगत जि स्तर को नीचा होने से रोकता है, फ्लोराइड उपयोग िह विलध है लजसके द्वारा अििणीय जि की और नाइटिे ट्स जैसे प्रदूषकों को कम करके भूवमगत जि की उपिब्धता को सुधारा जा सकता है | गुणित्ता को िढ़ाता है, मृदा अपरदन और िाढ़ को रोकता ✓ कम गुणित्ता िािे जि का उपयोग उद्योगों के लिए एक है । अच्छा विकल्प है । ✓ राजस्थान में िषाल जि सं ग्रहण ढांचे लजन्हें कुं ड अथिा ✓ कम गुणित्ता िािे जि का उपयोग अविशमन में करके टांका (एक ढका हुआ भूवमगत टं की) के नाम से जाना भी इसकी िागत को कम कर सकते हैं । जाता है लजसका वनमालण घर अथिा गांि के पास या घर में ✓ िड़े-िड़े नगरों में स्नान और ितलन धोने में प्रयुि जि का सं ग्रवहत िषाल जि को एकत्र करने के लिए वकया जाता है। पुनः उपयोग वकया जा सकता है िागिानी में । ✓ िहुमूल्य जि सं साधन के सं रक्षण के लिए िषाल जि ✓ िाहनों को धोने के लिए प्रयुि जि का उपयोग भी सं ग्रहण विलध का उपयोग करना एक िहुत ही िेहतर e िागिानी में वकया जा सकता है। उपाय है । घर की चो अथिा खुिे स्थानों में िषाल जि जि सं भर प्रिं धन  जि सं भर प्रिं धन से तात्पयल मुख्य रूप से धरातिीय और भौम जि सं साधन के अच्छे प्रिं धन से है । lin सं ग्रहण वकया जा सकता है । ✓ िषाल जि सं ग्रहण करने से घर में उपयोग करने के लिए भूवमगत जि पर समुदाय की वनभलरता को काम करता है। On  इसके अंतगलत िहते जि को रोकना और विलभन्न विलधयों ✓ तटीय क्षेत्रों में पानी के वििािनीकरण और शुष्क और अधल द्वारा भौम जि का सं चयन करना शावमि है । शुष्क क्षेत्र में खारे पानी की समस्या नवदयों को जोड़कर  जि सं भर व्यिस्था की सििता मुख्य रूप से सं प्रदाय के अलधक जि के क्षेत्र से कम जि के क्षेत्र में जि a सहयोग पर वनभलर करती है । स्थानांतररत करके भारत में जि समस्या को सुिझाने का  "हररयािी कें द्र" सरकार द्वारा चिाई गई जि सं भर महत्वपूणल उपाय वकया जा सकता है । sh विकास पररयोजना है, लजसका उद्दे श्य ग्रामीण जनसं ख्या भारतीय राष्ट्िीय जि नीवत 2002 को पीने, लसंचाई, मत्स्य पािन और िन रोपण के लिए ✓ राष्ट्िीय जि नीवत 2002 में पेयजि, लसंचाई, जिशवि, Di जि सं रक्षण के लिए योग्य िनाना है नौकायन, औद्योवगक और अन्य उपयोग को प्राथवमकताएं  "नीरू-मीरू" (जि और आप) कायलक्रम आं ध्र प्रदेश में दी गई। और "अरिारी पानी सांसद" अििर राजस्थान में के ✓ इसके मुख्य िक्षण इस प्रकार हैं - अंतगलत िोगों के सहयोग से विलभन्न जि सं ग्रहण सं रचना (1) लजस क्षेत्र में पेयजि का कोई स्रोत नहीं है िहां पर लसंचाई िनाए गए हैं । और िहुउद्दे शीय पररयोजनाओं में पीने का जि घटक को  तवमिनाडु में घरों में जि सं ग्रहण सं रचना को िनाना सस्थिलित करना चावहए । आिश्यक कर वदया गया है । वकसी भी इमारत का (2) पेयजि सभी मानि जावत और प्रालणयों को उपिब्ध वनमालण विना जि सं ग्रहण सं रचना िनाए नहीं वकया जा कराना पहिी प्राथवमकता होनी चावहए। सकता है । (3) भूवमगत जि के शोषण को सीवमत और वनयवमत करने के  देश में िोगों के िीच जि सं भर विकास और प्रिं धन के लिए उपाय करने चावहए । िाभों को िता कर जागरूकता उत्पन्न करने की (4) सतह और भूवमगत जि दोनों की गुणित्ता के लिए आिश्यकता है । वनयवमत रूप से जांच होनी चावहए । िषाल जि सं ग्रहण (5) जि के सभी विविध प्रयोग में कायल क्षमता सुधारनी ✓ िषाल जि सं ग्रहण विलभन्न उपयोग के लिए िषल के जि को चावहए । रोकने और एकत्र करने की विलध है । (6) जि के उपयोग को िेकर समाज में जागरूकता िै िाने चावहए । विहार िोडल मैवटिक परीक्षा की िेहतरीन तैयारी के लिए आज ही YouTube पर Disha Online Classes से जुड़ें| Mob–6201320598, 7700879453 Class – 12th MANJIL BATCH Geography जि क्रांवत अलभयान (2015-16) 7. पृथ्वी का िगभग वकतना प्रवतशत धराति पानी से ✓ जि क्रांवत अलभयान भारत सरकार द्वारा 2015-16 में आच्छावदत हैं? आरंभ वकया गया लजसका मुख्य उद्दे श्य दे श में प्रवत व्यवि उत्तर:- 71% जि की उपिब्धता को सुवनलश्चत करना है भारत के 8. पृथ्वी के कु ि जि का वकतने प्रवतशत जि अििणीय हैं? विलभन्न क्षेत्र में िोग पारंपररक तरीकों से जि सं रक्षण और उत्तर:- 3% प्रिं धन सुवनस्थचचत करते हैं । 9. अििणीय जि की उपिब्धता वकसके अनुसार लभन्न-लभन्न ✓ जि क्रांवत अलभयान का िक्ष्य स्थानीय वनकायों और हैं? सरकारी सं गठन एिं नागररकों को सस्थिलित करके इस उत्तर:- स्थान अलभयान के उद्दे श्य के िारे में जागरूकता िैिाना है । 10. अििणीय जि की उपिब्धता वकसके अनुसार लभन्न-लभन्न जि क्रांवत अलभयान के तहत वनम्नलिलखत उपाय वकए गए हैं - हैं? (1) "जि ग्राम" िनाने के लिए देश के 672 लजिों में से उत्तर:- स्थान प्रत्येक लजिे में एक ग्राम लजसमें जि की कमी है उसे चुना 11. वकस सं साधन के आिं टन और वनयं त्रण पर तनाि, िड़ाई गया है । झगड़े, सम्प्रदायों, प्रदेशों और राज्ों के िीच वििाद का विषय e (2) भारत के विलभन्न भागों में 1000 हेक्टेयर मॉडि कमांड िन गया है? क्षेत्र की पहचान की गई है। (3) प्रदूषण को कम करने के लिए - ✓ जि सं रक्षण और कृ वत्रम पुनभलरण lin उत्तर:- जि सं साधन 12. भारत में विश्व के जि सं साधन का वकतना प्रवतशत भाग है? On ✓ भूवमगत जि प्रदूषण को कम करना उत्तर:- 4% ✓ देश के चयवनत क्षेत्र में आसेवनक मुि कु ओं का वनमालण 13. घन वक०मी० में दी गई वनम्नलिलखत सं ख्याओं में से कौन- (4) िोगों में जागरूकता िैिाने के लिए रेवडयो, टीिी, वप्रंट सी सं ख्य धरातिीय जि और पुनः पुवतलयोग भौम जि उपिब्ध a मीवडया, पोस्टर प्रवतस्पधाल, वनिं ध प्रवतयोवगता आवद का प्रयोग है? वकया जा सकता है । उत्तर:- 1869 घन KM sh ✓ जि क्रांवत अलभयान इस तरह से िनाया गया है वक जि 14. धरातिीय जि के मुख्या स्रोत कौनसे हैं? सुरक्षा द्वारा खाद्य सुरक्षा और आजीविका प्रदान की जाए । उत्तर:- नवदयााँ , तािाि, झीिें Di िस्तुवनष्ट् प्रश्न:- 15. धरातिीय जि का वकतने प्रवतशत जि उपयोग वकया 1. वनम्नलिलखत में से जि वकस प्रकार का सं साधन है? जाता है? उत्तर:- चक्रीय सं साधन उत्तर:- 32% 2. वनम्नलिलखत नवदयों में से दे श में वकस नदी में सिसे ज्ादा 16. भारत में वकन नवदयों का जि ग्रहण क्षेत्र िहुत िड़ा है ? पुनः पूवतलयोग्य भौम जि सं साधन हैं? उत्तर:- गं गा, लसन्धु, ब्रह्मपुत्र उत्तर:- ब्रह्मपुत्र 17. गं गा, ब्रह्मपुत्र और िराक नवदयााँ देश के कु ि वकतने क्षेत्र 3. घन वक० मी० में दी गई वनम्नलिलखत सं ख्याओं में से कौन- में पाई जाती हैं ? सी सं ख्य भारत में कु ि िवषलक िषाल दशालती है ? उत्तर:- एक वतहाई उत्तर:- 4000 18. दलक्षण भारत की कौनसी नवदयों के जि प्रिाह का 4. दलक्षण भारतीय राज्ों में से वकस राज् में भौम जि अलधकतर भाग प्रयोग में िाया जाता है ? उपयोग (%में) इसके कु ि भौम जि सं भाव्य से ज्ादा हैं ? उत्तर:- गोदािरी, कृ ष्णा उत्तर:- तवमिनाडु 19. दलक्षण भारत की कौनसी नवदयों के जि प्रिाह का 5. देश में प्रयुि कु ि जि का सिसे अलधक समानुपात अलधकतर भाग प्रयोग में िाया जाता है ? वनम्नलिलखत सेक्टरों में से वकस सेक्टर में हैं ? उत्तर:- गोदािरी, कृ ष्णा उत्तर:- लसंचाई 20. पुवतलयोग भौम जि सं साधन का 46 प्रवतशत भाग वकन नवदयों के िेलसन में पाया जाता है ? विहार िोडल मैवटिक परीक्षा की िेहतरीन तैयारी के लिए आज ही YouTube पर Disha Online Classes से जुड़ें| Mob–6201320598, 7700879453 Class – 12th MANJIL BATCH Geography उत्तर:- गं गा, ब्रह्मपुत्र 35. भारत को जि सं साधन के लिए क् उठाने चावहए ? 21. वकन राज्ों में भौम जि का उपयोग सिसे अलधक वकया उत्तर:- नीवतयााँ , कानून, उपाय जाता है? 36. नवदयों में प्रदूषकों का सं के द्रण कौन-से मौसम में िहुत उत्तर:- पं जाि, राजस्थान, हररयाणा अलधक होता है ? 22. वकन राज्ों में भौम जि का उपयोग िहुत कम वकया उत्तर:- गमी जाता है? 37. गमी के मौसम में प्रदूषकों का सं के द्रण अलधक क्ों हो उत्तर:- के रि जाता है? 23. वकन राज्ों में भौम जि सं साधनों का उपयोग माध्यम दर उत्तर:- जि का प्रिाह स्थस्थर पर वकया जाता है ? 38. के न्द्रीय प्रदूषण वनयं त्रण िोडल और राज् प्रदूषण िोडल उत्तर:- गुजरात, विहार वमिकर वकतने राष्ट्िीय जि सं साधन की गुणिता का वनररक्षण 24. के रि, उड़ीसा और पलश्चम िं गाि के िैगूनो और झीिों के वकया है ? खरे जि का उपयोग वकसके लिए वकया जाता है? उत्तर:- 507 उत्तर:- मछिी पािन 39. अहमदािाद नगर कौन-सी नदी के वकनारे स्थस्थत है ? e 25. भविष्य में विकास के साथ-साथ देश के वकन क्षेत्रों में उत्तर:- सािरमती जि का उपयोग िढ़ने की सं भािना है ? उत्तर:- औद्योवगक और घरेिू 26. िहद्दे शी नदी घाटी पररयोजनाएाँ कौन-कौन-सी हैं ? lin 40. भौम जि प्रदूषण देश के विलभन्न भागों में वकसके सं के द्रण के कारण होता है ? उत्तर:- विषैिी धातुएं, नाइटि ोजन, फ्लुओराइट On उत्तर:- भाखड़ा नांगि, हीराकुं ड, नागाजुलन 41. अििणीय जि की उपिब्धता को वकस प्रकार सुधरा जा 27. देश में िषाल विहीन और सुखा ग्रस्त भाग कौन-से हैं ? सकता है ? उत्तर:- उत्तर-पलश्चम भाग, दक्कन का पठार उत्तर:- पुनः चक्र, पुनः उपयोग a 28. वकन िसिों के लिए जि की अलधक मात्रा में 42. नगरीय क्षेत्रों में स्नान और ितलन धोने में प्रयुि जि का आिश्यकता होती है ? उपयोग ---------में िाया जा सकता है ? sh उत्तर:- चािि उत्तर:- िागिानीcorrect 29. िसिों की अलधक उपज देने िािी वकस्ों के लिए ----- िघु उत्तरीय प्रश्न:- Di ----आपूवतल वनयावमत रूप से आिश्यता है ? 1. वनम्नलिलखत प्रश्नों का उत्तर िगभग 30 शब्ों में दें। उत्तर:- आद्रता (i) यह कहा जाता है वक भारत में जि सं साधनों में तेजी से 30. देश में कृ वष विकास की हररत क्रांवत की रणनीवत वकन कमी आ रही है। जि सं साधनों की कमी के लिए उत्तरदायी राज्ों में अलधक सिि हुई ? कारकों की वििेचना कीलजए। उत्तर:- पं जाि, हररयाणा, पलश्चम उत्तर प्रदेश उत्तर - जि सं साधन की कमी के लिए उत्तरदायी कारक 31. हररयाणा, पं जाि और उत्तर प्रदेश में कौनसी िासिे मुख्य वनम्नलिलखत है- रूप से लसंचाई की सहायता से पैदा की जाती है ? a. लसंचाई के लिए जि की अत्यलधक मांग उत्तर:- गेहं और चािि b. जि की प्रवत व्यवि उपिब्धता कम होना 32. राजस्थान और महाराष्ट्ि में भूवमगत जि में ---------का c. जनसं ख्या िृवद्ध के ििस्वरुप जि के उपयोग में िृवद्ध सं के न्द्रण िढ़ गया है ? d. उद्योग धं धे में जि का अत्यलधक प्रयोग उत्तर:- फ्लुओराइड e. जि प्रदूषण में िेतहाशा िृवद्ध 33. जि वकन िाह्य पदाथों के कारण प्रदुषण हो रहा है ? (ii) पं जाि, हररयाणा और तवमिनाडु राज्ों में सिसे अलधक उत्तर:- सूक्ष्म जीिों, औद्योवगक उपलशष्ट्, रासायवनक पदाथल भौम जि विकास के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं? 34. देश में अत्यालधक प्रदूवषत नवदयााँ कौन-सी हैं ? उत्तर - पं जाि एिं हररयाणा में कृ वष के लिए लसंचाई के रूप में उत्तर:- गं गा और यमुना जि की अत्यलधक आिश्यकता होती है, लजसके िि स्वरुप विहार िोडल मैवटिक परीक्षा की िेहतरीन तैयारी के लिए आज ही YouTube पर Disha Online Classes से जुड़ें| Mob–6201320598, 7700879453 Class – 12th MANJIL BATCH Geography सतही जि के साथ-साथ भौम जि का उपयोग भी लसंचाई के गं गा, ब्रहमपुत्र ि िराक नवदयों के जि ग्रहण क्षेत्रों में लिए वकया जाता है । अपेक्षाकृ त अलधक िषाल होती है जो वक भारत का एक- तवमिनाडु में दलक्षणी पलश्चमी मानसून से िषाल िहुत ही वतहाई क्षेत्रिि है। वकं तु यहााँ कु ि धरातिीय जि कम होती है लजस िजह से िहां पर भी कृ वष के लिए सं साधनों का 60% जि पाया जाता है। लसंचाई के लिए भौम जि का उपयोग करना पड़ता है । दलक्षण भारतीय नवदयााँ जैसे-गोदािरी, कृ ष्णा ि कािेरी में (iii) देश में कु ि उपयोग वकए गए जि में कृ वष क्षेत्र का जि प्रिाह का अलधकतर भाग उपयोग में िाया जा रहा है वहस्सा कम होने की सं भािना क्ों है? जिवक गं गा ि ब्रह्मपुत्र नदी घावटयों में यह अभी तक उत्तर - ितलमान समय में हमारे देश में धरातिीय जि का सं भि नहीं हो पाया है। नवदयों में जि प्रिाह उनके जि 89% वहस्सा एिं भूवमगत जि का 92% वहस्सा कृ वष कायों ग्रहण क्षेत्र के आकार तथा उनके जि ग्रहण क्षेत्र में हुई में उपयोग वकया जाता है । एिं औद्योवगक क्षेत्र में धरातिीय िषाल पर वनभलर करता है। भारत में नवदयों ि उनकी जि का के िि 2 प्रवतशत एिं भूवमगत जि का मात्र 5 सहायक नवदयों की कु ि सं ख्या 10,360 है। इनमें प्रवतशत वहस्सा ही उपयोग वकया जाता है। 1,869 घन वक०मी० िावषलक जि प्रिाह होने का अनुमान िेवकन भविष्य में विकास के साथ-साथ औद्योवगक एिं है लजसका के िि 32% अथालत् 690 घन वक०मी० जि e घरेिू क्षेत्र में जि की उपयोवगता िढ़ाने की पूरी सं भािना का उपयोग ही वकया जा सकता है। है । (iv) िोगों पर सं दूवषत जि/गं दे पानी के उपभोग के क्ा सं भि प्रभाि हो सकते हैं? lin (ii) जि सं साधनों का हास सामालजक द्वंद्वों और वििादों को जन्म देते हैं। इसे उपयुि उदाहरणों सवहत समझाइए। उत्तर - जि एक निीकरणीय चक्रीय प्राकृ वतक सं साधन है । On उत्तर - ितलमान समय में िढ़ते हुए प्रदूषण के कारण जि की जो वक पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में उपिब्ध है वकं तु पृथ्वी पर गुणित्ता में भारी कमी आई है । इसलिए सं तुष्ट् जि या गं दे उपिब्ध कु ि जि का के िि 3% ही अििणीय अथालत मानि पानी के उपयोग का मानि के स्वास्थ्य पर गं भीर प्रभाि पड़ता के लिए उपयोगी है, शेष 97% जि ििणयुि अथिा खारा a है । पेट के होने िािे ज्ादातर रोग का प्रमुख कारण सं तुवष्ट् है जो के िि नौ सं चािन ि मछिी पकड़ने के अिािा मानि जि या गं दा पानी ही है । गं दे पानी के उपयोग से हैजा , के लिए प्रत्यक्ष उपयोग में नहीं आता। sh तपेवदक, पेलचश , पीलिया आवद होने का खतरा िढ़ जाता है । ✓ अििणीय जि की उपिब्धता भी स्थान और समय के 2. वनम्नलिलखत प्रश्नों के उत्तर िगभग 150 शब्ों में दें। अनुसार लभन्न लभन्न है। इसलिए इस दुिलभ सं साधन के Di (i) देश में जि सं साधनों की उपिब्धता की वििेचना कीलजए आिं टन और वनयं त्रण को िेकर समुदायों, राज्ों तथा देशों और इसके स्थावनक वितरण के लिए उत्तरदायी वनधालररत करने के िीच तनाि ि िड़ाई- झगड़े तथा वििाद होते रहे हैं। िािे कारक िताइए। जैस- उत्तरः - भारत में जि सं साधनों की उपिब्धता के चार मुख्य (i) पं जाि, हररयाणा ि वहमाचि प्रदेश में िहने िािी नवदयों स्रोत है- के जि िाँ टिारे को िेकर वििाद। (i) नवदयााँ (ii) झीिें (iii) तिेया (iv) तािाि (ii) नमलदा नदी के जि को िेकर महाराष्ट्ि, मध्यप्रदेश ि यह जि िषाल के विविध रूपों से प्राप्त होता है। देश में गुजरात राज्ों में वििाद एक िषल में िषलण से प्राप्त कु ि जिरालश की मात्रा िगभग (iii) कािेरी नदी के जि िं टिारे को िेकर के रि, तवमिनाडु 4,000 घन वक०मी० है। धरातिीय जि और पुन ि कनालटक राज्ों में वििाद। पुवतलयोग्य भौम जि से 1,869 घन वक०मी० जि की जनसं ख्या के िढ़ने के साथ-साथ जि की प्रवतव्यवि उपिब्धता है। लजसका के िि 60% अथालत् 1122 घन उपिब्धता वदन-प्रवतवदन कम होती जा रही है। उपिब्ध वक०मी० का ही िाभदायक उपयोग वकया जा सकता है। जि औद्योवगक, कृ वष ि घरेिू वनस्सरणों से प्रदूवषत होता भारत में होने िािी िषाल में अत्यलधक सामवयक ि जा रहा है अतः उपयोगी, शुद्ध जि सं साधनों की स्थावनक विलभन्नता पायी जाती है। कु ि िषाल का अलधकांश उपिब्धता और सीवमत होती जा रही है। भाग मानसूनी मौसम तक के वद्रत है। विहार िोडल मैवटिक परीक्षा की िेहतरीन तैयारी के लिए आज ही YouTube पर Disha Online Classes से जुड़ें| Mob–6201320598, 7700879453 Class – 12th MANJIL BATCH Geography (iii) जि-सं भर प्रिं धन क्ा है? क्ा आप सोचते हैं वक यह सतत पोषणीय विकास में एक महत्त्वपूणल भूवमका अदा कर सकता है? उत्तर - जि-सं भर प्रिं धन का सं िं ध, मुख्य रूप से धरातिीय तथा भौमजि सं साधनों के कु शि ि दक्ष प्रिं धन से है। इसके अंतगलत िहते िषाल जि को विलभन्न विलधयों द्वारा रोककर अंतः स्रिण, तािाि, पुनभलरण तथा कु ओं आवद के द्वारा भौमजि का सं चयन और पुनभलरण करना शावमि है। जि सं भर प्रिं धन का उद्दे श्य प्राकृ वतक जि सं साधनों और समाज की आिश्यकताओं के िीच सं तुिन स्थावपत करना है। कु छ क्षेत्रों में जि- सं भर विकास पररयोजनाएाँ पयालिरण और अथलव्यिस्था का कायाकल्प करने में सिि हुई हैं। जैसे - e 1. हररयािी: - कें द्र सरकार द्वारा प्रिवतलत जि-सं भर विकास पररयोजना है लजसका उद्दे श्य ग्रामीण जनसं ख्या को पीने, लसचाई, मत्स्यपािन और िन रोपण के लिए जि-सं भर विलध से जि का सं रक्षण करना है। यह पररयोजना िोगों के सहयोग lin On से ग्राम पं चायतों द्वारा वनष्पावदत की जा रही है। 2. नीरू: - मीरू (जि और आप) कायलक्रम आं ध्रप्रदेश में तथा अरिारी पानी सं सद (अििर राजस्थान में) िोगों के सहयोग से a चिाई जा रहे है लजनमें जि सं ग्रहण के लिए सं रचनाएाँ जैसे - अंतः स्रािण, तािाि, ताि की खुदाई की गई है तथा रोक िााँ ध sh िनाए गए हैं। 3. तवमिनाडु में घरों में जि सं ग्रहण सं रचना का वनमालण Di आिश्यक िना वदया गया है। o देश में िोगों को जि-सं भर विकास प्रिं धन के िाभों को िता कर उनमें जागरूकता पैदा करके जि की उपिब्धता को सतत पौषणीय विकास से जोड़ा जा सकता है। विहार िोडल मैवटिक परीक्षा की िेहतरीन तैयारी के लिए आज ही YouTube पर Disha Online Classes से जुड़ें| Mob–6201320598, 7700879453 Class – 12th MANJIL BATCH Geography Youtube: 👉 11िीं और 12िीं (वहंदी और अंग्रेजी) के लिए https://www.youtube.com/@DishaOnlin YouTube: eClasses https://youtube.com/@dishahindienglish Telegram: Telegram: https://telegram.me/dishaonlineclasses https://telegram.me/dishahindienglish 👉 11िीं और 12िीं (Science) के लिए 👉मैवटिक और इं टर के िैच ज्वाइन करने के लिए Youtube: Disha Online Classes App download करें। https://youtube.com/@DishaScienceClas App Link: ses https://play.google.com/store/apps/detail Telegram: s?id=co.dishaonlineclasses https://telegram.me/dishascienceclasses 👉वकसी भी सहायता के लिए आप कॉि /व्हाट्सएप कर 👉 11िीं और 12िीं (Arts) के लिए सकते है। e YouTube: 7700879453 https://youtube.com/@DishaArtsClasses Telegram: lin 6201320598 9234080284 https://telegram.me/dishaartsclass On आप हमसे जुड़ सकते है। 👉 11िीं और 12िीं (commerce) के लिए Facebook: YouTube: https://www.facebook.com/dishaonlinecl https://www.youtube.com/@dishacomm asses?mibextid=ZbWKwL a erceclasses Instagram: sh Telegram: https://instagram.com/dishaonlineclasses https://telegram.me/dishacommerceclass ?igshid=YmMyMTA2M2Y= Di es विहार िोडल मैवटिक परीक्षा की िेहतरीन तैयारी के लिए आज ही YouTube पर Disha Online Classes से जुड़ें| Mob–6201320598, 7700879453

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