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GallantPanPipes6017

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Amit Shukla

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vaccination public health immunization medical history

Summary

This document provides a comprehensive overview of vaccination programs in India, tracing their history from 1802 to recent times. It details various vaccines, including those for polio, measles, and hepatitis, and outlines the national vaccination schedule for children and pregnant women. The text also discusses major milestones like the elimination of polio and maternal/neonatal tetanus, and significant vaccination initiatives.

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प्रथम खडं – पोषण एवं स्वास््य टीकाकरण टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्यत लर्ने वाले हटके महिला बाल पर्यवेक्षक 2024 Complete Course on MPPSC ज्ञानदूत App By – Amit Shukla टीकाकरण ❑ भारत में टीकाकरण का इहतिास (Hi...

प्रथम खडं – पोषण एवं स्वास््य टीकाकरण टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्यत लर्ने वाले हटके महिला बाल पर्यवेक्षक 2024 Complete Course on MPPSC ज्ञानदूत App By – Amit Shukla टीकाकरण ❑ भारत में टीकाकरण का इहतिास (History of Vaccination in India) – ✓ The first vaccine (small pox) was discovered in 1798 (In World). ववश्व में पहला टीका (चेचक) 1798 में खोजा गया था। ✓ The first doses of smallpox vaccine lymph in India arrived in May 1802. Anna Dusthall, a three year old child from Bombay (now Mumbai) became the first person in India to receive smallpox vaccine on June 14, 1802. भारत में चेचक के टीके की पहली खरु ाक मई 1802 में पहचं ी। बॉम्बे (अब मबंु ई) की तीन वषीय बच्ची अन्ना डस्टहॉल 14 जनू 1802 को चेचक का टीका लगवाने वाली भारत की पहली व्यवि बनी। ✓ The Economic Survey found that the history of vaccines and immunisation in India dates back to 1802, when the first dose of vaccine for smallpox was registered. The last case of smallpox in India was recorded in 1975 and India was declared smallpox-free in 1977. आवथिक सवेक्षण में पाया गया है वक भारत में टीकों और टीकाकरण का इवतहास हमें 1802 में ले जाता है, जब चेचक के वलए टीके की पहली खरु ाक पंजीकृत की गई थी। 1975 में भारत में स्मालपॉक्स का अवं तम रोगी दजि वकया गया एवं 1977 में भारत में स्मालपॉक्स मवु ि की घोषणा की गई। By – Amit Shukla ✓ The Compulsory Vaccination Act was passed in India in the year 1892. भारत में वषि 1892 में अवनवायि टीकाकरण अविवनयम पाररत वकया गया। ✓ In 1896, the Epidemic Act was passed in view of the plague epidemic in India. 1896 में भारत में प्लेग की महामारी को देखते हए महामारी अविवनयम पाररत वकया गया। ✓ In the year 1897, Haffkine developed the plague vaccine which is considered to be the first vaccine developed in India. वषि 1897 में हॉव‍कन ने प्लेग वैक्सीन ववकवसत की जो भारत में ववकवसत पहली वैक्सीन मानी जाती है। ✓ In 1970, the first indigenous oral polio vaccine, trivalent, was developed and manufactured in India. 1970 में भारत में पहली बार स्वदेशी ओरल पोवलया वैक्सीन ट्राईवैलेंट ववकवसत और वनवमित की गई। ✓ Expanded Programme on Immunization (EPI) was launched in 1978. It was renamed as Universal Immunization Programme (UPI) in 1985 when its reach was expanded beyond urban areas. ववस्ताररत टीकाकरण कायिक्रम (ईपीआई) 1978 में शरू ु वकया गया था। 1985 में जब इसका दायरा शहरी क्षेत्रों से बाहर बढाया गया तो इसका नाम बदलकर साविभौवमक टीकाकरण कायिक्रम (यपू ीआई) कर वदया गया। By – Amit Shukla ✓ In 1992, it became part of Child Survival and Safe Motherhood Programme and in 1997 it was included in the ambit of National Reproductive and Child Health Programme. Since the launch of National Rural Health Mission in 2005, Universal Immunization Programme has always been an integral part of it. 1992 में इसे बाल जीवन रक्षा एवं सरु वक्षत मातत्ृ व कायिक्रम का वहस्सा बनाया गया तथा 1997 में इसे राष्ट्ट्रीय प्रजनन एवं बाल स्वास््य कायिक्रम के दायरे में शावमल वकया गया। 2005 में राष्ट्ट्रीय ग्रामीण स्वास््य वमशन की शरुु आत के बाद से साविभौवमक टीकाकरण कायिक्रम हमेशा इसका अवभन्न अगं रहा है। ✓ Universal Immunization Programme (UIP) is one of the largest public health programmes targeting close of 2.67 crore newborns and 2.9 crore pregnant women annually. साविभौवमक टीकाकरण कायिक्रम (यआ ू ईपी) सबसे बडे साविजवनक स्वास््य कायिक्रमों में से एक है, वजसका लक्ष्य प्रवतवषि लगभग 2.67 करोड नवजात वशशओ ु ं और 2.9 करोड गभिवती मवहलाओ ं को टीकाकरण प्रदान करना है। By – Amit Shukla ✓ Under UIP, immunization is providing free of cost against 12 vaccine preventable diseases र्ूआईपी के तित 12 वैक्सीन रोकथाम र्ोग्र् बीमाररर्ों के हिलाफ मुफ्त टीकाकरण प्रदान हकर्ा जा रिा िै - Nationally against 9 diseases - Diphtheria, Pertussis, Tetanus, Polio, Measles, Rubella, severe form of Childhood Tuberculosis, Hepatitis B and Meningitis & Pneumonia caused by Hemophilus Influenza type B. राष्ट्ट्रीय स्तर पर 9 बीमाररयों के वखला‍ - वडप्थीररया, पटुिवसस, टेटनस, पोवलयो, खसरा, रूबेला, गंभीर बाल क्षय रोग, हेपेटाइवटस बी और हीमोव‍लस इन््लुएंजा टाइप बी के कारण होने वाला मेवननजाइवटस और वनमोवनया Sub-nationally against 3 diseases - Rotavirus diarrhoea, Pneumococcal Pneumonia and Japanese Encephalitis; of which Rotavirus vaccine and Pneumococcal Conjugate vaccine are in process of expansion while JE vaccine is provided only in endemic districts. उप-राष्ट्ट्रीय स्तर पर तीन बीमाररयों - रोटावायरस डायररया, न्यमू ोकोकल न्यमू ोवनया और जापानी इसं े‍ेलाइवटस के ववरुद्ध टीकाकरण अवभयान चलाया जा रहा है; वजनमें से रोटावायरस वैक्सीन और न्यमू ोकोकल कंजगु ेट वैक्सीन का ववस्तार वकया जा रहा है, जबवक जेई वैक्सीन के वल प्रभाववत वजलों में ही उपलब्ि कराई जा रही है। By – Amit Shukla ✓ A child is said to be fully immunized if child receives all due vaccine as per national immunization schedule within 1st year age of child. एक बच्चे को पणू ितः प्रवतरवक्षत तब कहा जाता है जब उसे एक वषि की आयु के भीतर राष्ट्ट्रीय टीकाकरण कायिक्रम के अनसु ार सभी आवश्यक टीके लग जाए।ं ✓ The two major milestones of UIP have been the elimination of polio in 2014 and maternal and neonatal tetanus elimination in 2015. यआ ू ईपी के दो प्रमखु मील के पत्थर 2014 में पोवलयो का उन्मल ू न और 2015 में मातृ एवं नवजात टेटनस का उन्मल ू न रहे हैं। ✓ National Vaccination Day is celebrated on 16 March. Now if we talk about celebrating National Vaccination Day on 16 March, then for the first time National Vaccination Day was celebrated on 16 March 1995. On this day in 1995, the first dose of oral polio vaccine was given in India. 16 माचि को नेशनल वैक्सीनेशन डे (National Vaccination Day) मनाया जाता है। अब अगर 16 माचि को राष्ट्ट्रीय टीकाकरण वदवस मनाए जाने की बात करें तो पहली बार नेशनल वैक्सीनेशन डे को 16 माचि 1995 में मनाया गया था। 1995 में इसी वदन भारत में ओरल पोवलयो वैक्सीन की पहली खरु ाक दी गई थी । o NOTE - National Vaccine Policy year - 2011 By – Amit Shukla ✓ India's national COVID-19 vaccination programme, the world's largest vaccination programme, began on 16 January 2021, with the aim of covering the country's adult population in the shortest possible time. The programme was expanded to cover all persons aged 12 years and above and precautionary doses for all persons aged 18 years and above भारत का राष्ट्ट्रीय कोववड-19 टीकाकरण कायिक्रम, जो दवु नया का सबसे बडा टीकाकरण कायिक्रम है, 16 जनवरी 2021 को शरू ु हआ, वजसका उद्देश्य कम से कम समय में देश की वयस्क आबादी को कवर करना था। कायिक्रम का ववस्तार 12 वषि और उससे अविक आयु के सभी व्यवियों को शावमल करने और 18 वषि और उससे अविक आयु के सभी व्यवियों के वलए एहवतयाती खरु ाक के वलए वकया गया। o Note - Government of India declared 2012 as “Year of Intensification of Routine Immunization. भारत सरकार ने वषि 2012 को "वनयवमत टीकाकरण की तीव्रता का वषि" घोवषत वकया है। By – Amit Shukla ✓ Major achievements under vaccination (टीकाकरण के अंतर्यत प्रमुि उपलहधिर्ां) – 1978 – Expanded Immunization Program BCG, DPT, OPV, Typhoid (Urban Areas) टीकाकरण का ववस्ताररत कायिक्रम बी.सी.जी, डी.पी.टी, ओ.पी.वी, टाइ‍ाइट (शहरी क्षेत्र) 1983 – TT vaccine for pregnant women गभिवती मवहलाओ ं के वलए टी.टी. वैक्सीन 1985 - Universal Immunization Program included measles and removed typhoid and focused on children below 1 year of age यवू नवसिल टीका कायिक्रम में खसरे को शावमल वकया एवं टाइ‍ाइड को हटा वदया गया तथा 1 वषों से कम आयु के बच्चों पर ध्यान कें वित वकया गया 1990 - Vitamin A supplements ववटावमन – ए परू क 1995 – National Polio Vaccination Day राष्ट्ट्रीय पोवलया टीकाकरण वदवस 1997 – VVM (Vaccine Vial Monitor) introduced on vaccines at UIP. य.ू आई.पी में टीकों पर वी.वी.एम (वैक्सीन वायल मॉवनटर) को पेश वकया गया। 2002 –– Auto Disable (AD) syringes introduced in UIP. स्वत: अक्षम (ऑटो वडसएबल – ए.डी) वसररंज को य.ू आई.पी में शावमल वकया गया। By – Amit Shukla ✓ General Facts (सामान्र् जानकारी) – Polio – India reported its last case of polio on 13th January 2011. South East Asia Region (SEAR) has been certified Polio free on 27th March, 2014. भारत में पोवलयो का अवं तम मामला 13 जनवरी 2011 को सामने आया था। दवक्षण पवू ि एवशया क्षेत्र (एसईएआर) को 27 माचि 2014 को पोवलयो मि ु प्रमावणत वकया गया। Measles - Nationwide coverage of Measles first dose was started in 1985 in Routine immunization (RI). 2nd dose of Measles was introduced in 2010. वनयवमत टीकाकरण (आर.आई.) के तहत खसरे की पहली खरु ाक का राष्ट्ट्रव्यापी कवरे ज 1985 में शरू ु वकया गया था। खसरे की दसू री खरु ाक 2010 में शरूु की गई थी। Hepatitis B - Hepatitis B vaccine was piloted in 2002-03 and then scaled up in entire country in 2010 to protect children from liver diseases such as Jaundice and Cancer. हेपेटाइवटस बी के टीके की शरुु आत 2002-03 में की गई थी और व‍र 2010 में इसे परू े देश में लागू वकया गया तावक बच्चों को पीवलया और कैं सर जैसी यकृत सबं ंिी बीमाररयों से बचाया जा सके । By – Amit Shukla Pentavalent vaccine - Pentavalent vaccine contains five antigens i.e. Hepatitis B, Diphtheria+Pertussis+Tetanus (DPT – current trivalent vaccine) and Haemophilus influenza b (Hib) vaccine. Pentavalent vaccination is provided to the children at the age of 6, 10 and 14 weeks as primary dose. India introduced Pentavalent vaccine initially in two states viz. Kerala and Tamil Nadu in December 2011. पेंटावेलेंट वैक्सीन में पाच ं एटं ीजन होते हैं, जैसे हेपेटाइवटस बी, वडप्थीररया+पटुिवसस+टेटनस (डीपीटी - वतिमान ट्राइवेलेंट वैक्सीन) और हीमोव‍लस इन््लएू ंजा बी (एचआईबी) वैक्सीन। पेंटावेलेंट टीकाकरण 6, 10 और 14 सप्ताह की आयु के बच्चों को प्राथवमक खरु ाक के रूप में वदया जाता है। भारत ने वदसंबर 2011 में दो राज्यों अथाित के रल और तवमलनाडु में पेंटावेलेंट वैक्सीन की शरुु आत की। Rotavirus Vaccine - The vaccine was launched on 26th March 2016. यह टीका 26 माचि 2016 को लॉन्च वकया गया था। Japanese encephalitis - JE vaccination program started in 2006. जेई टीकाकरण कायिक्रम 2006 में शरूु हआ। Rubella vaccine - has been launched on 5th February 2017. 5 ‍रवरी 2017 को लॉन्च वकया गया है By – Amit Shukla t OPV to b OPV switch - As part of Polio Endgame Strategy, India has switched from trivalent Oral Polio Vaccine (tOPV) to Bivalent Oral Polio Vaccine (bOPV) on 25th April, 2016 both in polio campaigns and routine immunization. पोवलयो उन्मल ू न रणनीवत के एक भाग के रूप में, भारत ने 25 अप्रैल, 2016 को पोवलयो अवभयान और वनयवमत टीकाकरण दोनों में वत्रसंयोजक ओरल पोवलयो वैक्सीन (टीओपीवी) के स्थान पर विसयं ोजक ओरल पोवलयो वैक्सीन (बीओपीवी) का प्रयोग शरू ु कर वदया है। Pneumococcal Conjugate Vaccine (PCV) - To protect the children from Pneumonia caused by Pnuemococcal bacteria, PCV will be introduced in the state of Himachal Pradesh & parts of Uttar Pradesh & Bihar in 2017. न्यमू ोकोकल बैक्टीररया के कारण होने वाले वनमोवनया से बच्चों को बचाने के वलए, 2017 में वहमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और वबहार के कुछ वहस्सों में पीसीवी शरू ु की जाएगी। By – Amit Shukla o नोट - पोवलयो के अवतररक्त सभी रोग प्रवत रक्षण टीके इजं ेक्शन िारा वदये जाते है। पोवलयो के टीके की दवा बच्चे को महंु मे वपलाई जाती है। By – Amit Shukla 1) तपेहदक (टी.बी) - ✓ बीमारी का कारण – माइकोबैक्टेररयम ट्यबू रक्लोवसस नामक जीवाणु (बैक्टीररया) यह आमतौर पर ‍े ‍डो पर हमला करता है, लेवकन हड्वडयों, जोडो, और मवस्तष्ट्क सवहत शरीर के अन्य वहस्सों को भी प्रभाववत कर सकता है, बीमारी गंभीर होने पर मौत तक हो सकती हैl ✓ बीमारी की पिचान - वकसी बच्चे को 2 सप्ताह से अविक समय से बख ु ार के साथ खांसी हो या के वल खासं ी हो तथा वजसके वजन में वगरावट हो अथवा वजन में ववृ द्ध रुक गयी हो तथा ऐसे बच्चे वजनका संपकि ऐसे व्यवि से हआ हो वजसमें ववगत 2 वषों से सवक्रय टी.बी होने की पवु ि या शक हो। ✓ रोर् कै से फैलता िै (वार्ुजहनत रोर्) - जब कोई व्यवि टी.बी से पीवडत वकसी दसू रे व्यवि के सपं कि में आता है तो पीवडत व्यवि के थक ू ने या खासं ने पर वनकले थकू के कणों के संपकि से उसे टी.बी हो सकती है। टी.बी खासतौर से उन क्षेत्रों में तेज़ी से ‍ै लती है जहााँ लोग भीडभाड वाली जगहों में रह रहे हैं, उनको स्वास््य सवु विाओ ं का अभाव है या वे कुपोषण का वशकार हैं। By – Amit Shukla o नोट - सक्रं वमत मवेवशयों के कच्चे दिू का उपभोग करने से भी व्यवि टी.बी की एक और प्रकार 'बोवाइन तपेवदक' से संक्रवमत हो सकता है। ✓ रोकथाम - बैवसलस के ल्मेट - गरु रन (बी. सी.जी.) का टीका (राष्ट्ट्रीय टीकाकरण सारणी के अनसु ार) o Note – M.T.B. – Mycobacterium Tuberculosis ✓ M.T.B. – also known as Koch’s bacillus, is a species of pathogenic bacteria in the family Mycobacteriaceae and the causative agent of tuberculosis. Mtb was first discovered in 1882 by Robert Koch. o नोट – ववश्व टी बी वदवस – 24 माचि (थीम 2024 - Yes! We can end TB) जोहान शौनलेन ने 1834 में तपेवदक (टी बी ) शब्द गढा था। ✓ T.B. Test – Tuberculin skin Test (TST) – also known as a Mantoux test or PPD (Purified Protein Derivative) skin test. (This test is the preferred method for children under 5) Interferon Gamma Release Assay (IGRA) – also known as a TB blood test (more common test) By – Amit Shukla ✓ Incubation Period of TB – about 3–9 weeks ✓ TB के अन्र् नाम - यक्ष्मा, क्षय रोग, सफ़े द प्लेग ✓ TB की शुरुआत - पवू ी अफ्रीका BCG वैक्सीन का ववकास अल्बटि कै ल्मेट और जीन - मैरी कै वमली गरु रन ने 1921 में वकया था। 1720 में पहली बार टी.बी की सक्र ं ामक उत्पवत्त का अनमु ान अग्रं ेजी वचवकत्सक बेंजावमन माटिन ने लगाया था ✓ There are two types of TB conditions - TB disease and Latent TB infection. ✓ BCG का टीका कब लर्ार्ा जाता िै - उवचत आयु - जन्म के तरु ं त बाद अविकतम आयु - 1 वषि की उम्र तक खरु ाक - एक माह तक के वशशु के वलए 0.05 वमलीलीटर, एक माह से ऊपर के वलए 0.1 वमलीलीटर घोलक (Diluent) - सोवडयम क्लोराइड (NaCl) सईु की सही वस्थवत - त्वचा में (इट्रं ाडमिल) शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - बायीं ऊपरी बांह By – Amit Shukla o नोट - BCG का टीका जीववत जीवाणओ ु ं िारा ववकवसत वकया जाता है। BCG का टीका 20 C से 80C के मध्य स्टोर और ट्रासं पोटि वकया जाता है। भारत सरकार ने 1962 से राष्ट्ट्रीय क्षय वनयन्त्रण कायिक्रम लागू वकया। भारत सरकार िारा वषि 2025 तक क्षय रोग का उन्मल ू न करने के सतत ववकास लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रवतबद्धता की अनपु ालना में सश ं ोवित राष्ट्ट्रीय क्षय रोग वनयत्रं ण कायिक्रम का नाम 1 जनवरी 2020 से राष्ट्ट्रीय क्षय रोग उन्मल ू न कायिक्रम वनवित वकया है। o नोट - सभी प्रकार के क्षय रोवगयों का पक्का इलाज डाट्स पिवत से सम्भव है। DOTS का परू ा नाम डायरे क्टली ऑब्जव्डि थेरेपी है। National Tuberculosis Institute (NTI) - बेंगलरुु , कनािटक (1959) BCG work started in India as a pilot project in two centers in 1948. वषि 1929 में भारत ‘इटं रनेशनल र्ूहनर्न अर्ेंस्ट ट्र्ूबरकुलोहसस’ में शावमल हआ था। वनक्षय पोषण योजना - टीबी रोवगयों को पोषण सबं ंिी सहायता प्रदान करने के वलये अप्रैल 2018 में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के रूप में वनक्षय पोषण योजना शरुु आत की गई है। इस योजना के तहत टीबी रोवगयों को उपचार की परू ी अववि के वलये प्रवतमाह 500 रुपए वमलते हैं। By – Amit Shukla 2.) िेपेटाइहटस बी - ✓ रोर् का कारण - यह संक्रमण हेपेटाइवटस - बी (एच.बी.वी ) वायरस के कारण होता है तथा लीवर (यकृत) को प्रभाववत करता है। जो बच्चे जन्म के दौरान या एक वषि की उम्र से पहले सक्र ं वमत हो जाते हैं, उनमें से 90 % में क्रोवनक रोग ववकवसत हो जाता है (क्रोवनक = जीणि) यह एक अत्यंत संक्रामक (एच. आई. वी. से 50 - 100 गनु ा अविक संक्रामक) रोग है और पीवलया, वसरोवसस या लीवर कैं सर का एक प्रमख ु कारण भी है। ✓ रोर् की पिचान - इसके लक्षणों में आमतौर पर गभं ीर पीवलया, गहरा (पीला) मत्रू , भख ू न लगना (एनोरे वक्सया), बेचैनी, अत्यतं थकान और पेट के ऊपरी दावहने चौथाई वहस्से का मल ु ायम होना आवद शावमल हैं। ✓ रोर् कै से फैलता िै - यह रोग सक्रं वमत रि या वववभन्न वस्थवतयों में शरीर से वनकलने वाले तरल पदाथों से सपं कि में आने से ‍ै लता है - जन्म के दौरान मां से बच्चे में बच्चों की आपसी सामावजक वक्रया - कलापों के दौरान कटने, वछलने, काटने और/या खरोंच लगने से। असरु वक्षत यौन सम्बन्ि से एक व्यवि से दसू रे व्यवि में। By – Amit Shukla असरु वक्षत इजं ेक्शन और/या ट्रांस्यजू न या संक्रवमत रि चढाने से। ✓ रोकथाम - टीकाकरण सारणी (पेंटावालेन्ट टीका में वनवहत) के अनसु ार बच्चों को हेपेटाइवटस - बी का टीका देकर सक्र ं मण और जवटलताओ ं को रोक सकते हैं। Hepatitis B virus (HBV) is a member of the hepadnaviras family. Originally, the virus was called the ‘’Australia Antigen’’. In 1976, Dr. Baruch Blumberg won the Nobel Prize in Medicine for discovering the hepatitis B virus. He and his colleagues discovered the virus in 1967, and invented the first hepatitis B vaccine in 1969. o नोट - ववश्व हेपेटाइवटस वदवस - 28 जल ु ाई। (डॉ. बारूक ब्लमू बगि के जन्मवदन के सम्मान में) Theme 2024 - Its time to act By – Amit Shukla ✓ Hepatitis B Test – HBsAg (Hepatitis B surface antigen) – A ‘Positive’ or ‘reactive’ HBsAg test result means that the person is infected with hepatitis B. This test can detect the actual presence of the hepatitis B virus called the ‘surface antigen’ in your blood. (Only HBsAg test can tell if you have chronic hepatitis B) Anti – HBs or HBsAb (Hepatitis B surface antibody) – tells if you are protected against hepatitis B. Anti – HBc or HBcAb (Hepatitis B core antibody) – Determines if you have ever come into contact with hepatitis B. ✓ Incubation period for hepatitis B - 90 days (range 60 – 150 days/ 30 – 180 days) ✓ अन्र् नाम - सीरम हेपटाइवटस ✓ शुरुआत - अध्ययन में पाया गया वक हेपटाइवटस बी की शरुु आत उत्तरी अफ्रीका और मध्य पवू ि (Middle East) में हयी थी। By – Amit Shukla ✓ िेपटाइहटस बी का टीका कब लर्ार्ा जाता िै – i. िेपटाइहटस बी – बथय डोज उवचत आयु – जन्म के तरु न्त बाद अविकतम आयु – 24 घटं े के अन्दर खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक (Diluent) - नहीं सईु की सही वस्थवत - माश ं पेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - बायीं मध्य जांघ का बाहरी वहस्सा ii. पेंटावालेंट 1, 2 और 3 टीके में हनहित - उवचत आयु - 6 सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह परू ा होने पर अविकतम आयु - 1 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक (Diluent) - नहीं सईु की सही वस्थवत - माश ं पेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - बायीं मध्य जांघ का बाहरी वहस्सा By – Amit Shukla o नोट - बच्चो के वलए पेंटावालेंट वैक्सीन पाच ं जानलेवा वबमाररयों से बचाव के वलए उपयोगी हैं - वडप्थीररया (गलघोटूं) पटुिवसस (काली खासं ी) हेपटाइवटस बी वटटनेस/टेटनेस वहब (Hib – Haemophilus influenzae type b) ✓ अन्य त्य – हेपेटाइवटस बी वायरस शरीर के बाहर कम से कम 7 वदनों तक जीववत रह सकता है। हेपेटाइवटस बी को 2030 तक परू ी दवु नया से खत्म करने का लक्ष्य है। By – Amit Shukla 3.) पोहलर्ोमाइलाइहटस - ✓ कारण - पोवलयोमाइलाइवटस या पोवलयो, पोवलयो - वायरस 1, 2 या 3 के संक्रमण से होने वाला एक अवत संक्रामक रोग है। यह मख्ु य रूप से पाचं वषि से कम उम्र के बच्चों को प्रभाववत करता है। जब यह वायरस माश ं पेवशयों को वनयंवत्रत करने वाले रीढ की हड्डी की तंवत्रका कोवशकाओ ं पर हमला करता है तो प्रत्येक 200 संक्रमणों में से एक संक्रमण असाध्य लकवा का कारण बन जाता है। भारत 2011 में पोवलयो मि ु हो चक ु ा है लेवकन जब तक वक ववश्व पोवलयो मि ु ना हो जाये, यह आवश्यक है वक सभी 5 वषि से छोटे बच्चों का पोवलयो प्रवतरक्षण जारी रहना चावहए। ✓ रोर् की पिचान – 15 वषि से कम उम्र के बच्चो के शरीर के वकसी भी वहस्से में कमजोरी और ढीलेपन की अचानक शरुु आत या, वकसी भी उम्र के व्यवि को पोवलयो वायरस के संक्रमण के कारण लकवा मारना। ✓ रोर् कै से फैलता िै - यह मल से, मौवखक मागि से ‍ै लता है। अस्वच्छ जगहों में जब लोग मल दवू षत भोजन या पानी का सेवन करते हैं तो यह वायरस मख ु के माध्यम शरीर में प्रवेश करता है। o Note - पोवलयो स्पाइनल कॉडि व मैडुला की बीमारी है। By – Amit Shukla ✓ रोकथाम – टीकाकरण सारणी के अनसु ार मौवखक पोवलयो टीका (ओ.पी.वी. - ओरल पोवलयो वैक्सीन) और वनवष्ट्क्रय पोवलयो टीका (आई.पी.वी. - इनएवक्टवेटेड पोवलयो वैक्सीन) के साथ टीकाकरण प्रभावी ढगं से सक्र ं मण को रोक देता है। Polio virus is a member of the enterovirus subgroup, family Picornaviridae. Polio virus, which was discovered nearly a century ago by Karl Landsteiner and Erwin Popper (1909). The first known clinical description of polio was given by british doctor Michael Underwood in 1789, and it was formally recognized as a condition in 1840 by German physician Jakob Heine. ✓ पोहलर्ो वार्रस के मुख्र्तः तीन उपभेद िैं - 1. वाइल्ड पोवलयो वायरस 1 (W P V 1) 2. वाइल्ड पोवलयो वायरस 2 (W P V 2 ) 3. वाइल्ड पोवलयो वायरस 3 (W P V 3 ) ✓ अन्र् नाम - Infantile Paralysis. By – Amit Shukla o नोट - डॉ. जोनास सॉल्क िारा एक वनवष्ट्क्रय (मतृ ) पोवलयो वैक्सीन (आई.पी.वी.) का ववकास वकया गया और पहली बार 1955 में इसका इस्तेमाल वकया गया। डॉ. अल्बटि सावबन िारा ववकवसत और पहली बार 1961 में प्रयि ु एक जीववत (कमजोर) मौवखक पोवलयो वैक्सीन (OPV) है। o नोट - ववश्व पोवलयो वदवस 24 अक्टूबर (Theme 2023 - माताओ ं और बच्चों के वलए एक स्वस्थ भववष्ट्य) भारत में पोवलयो का अवं तम मामला 2011 में दजि वकया गया था। तीन वषो के दौरान शन्ू य मामलों के बाद भारत को वषि 2014 में WHO िारा पोवलयो मि ु प्रमाणन प्राप्त हआ। देश में वाइल्ड पोवलयो वायरस के कारण अवं तम मामला - 13 जनवरी 2011 (हावडा पविम बंगाल) भारत को WHO िारा पोवलयो - मि ु प्रमाणन प्राप्त हआ - 27 माचि 2014. o नोट - अफ़गावनस्तान , पावकस्तान दवु नया के के वल दो ऐसे देश हैं, जहााँ पोवलयो अभी भी स्थावनक है। ✓ Incubation Period – Approximately 7-10 days (range 4-35 days) By – Amit Shukla o नोट - भारत में 2 अक्टूबर 1995 को पल्स पोवलयो का टीकाकरण कायिक्रम शरू ु वकया। ववश्व स्वास््य संगठन (WHO) ने 1985 में इस कायिक्रम की शरुु आत की थी। ✓ पोहलर्ो टीकाकरण कब हदर्ा जाता िै - 1 - ओ. पी. वी. - O उवचत आयु - जन्म के तरु ं त बाद अविकतम आयु - पहले 15 वदनों के अदं र खरु ाक - 2 बंदू ें मागि - माँहु से शरीर का अगं जहााँ टीका लगवाना है - माँहु से 2 - ओ. पी. वी. 1, 2 और 3 उवचत आयु - 6 सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह परू े होने पर अविकतम आयु - 5 वषि की उम्र तक खरु ाक - 2 बंदू ें मागि - माँहु से By – Amit Shukla शरीर का अगं जहााँ टीका लगवाना है - माँहु से 3 - फ्रैक्शनल आई.पी. वी. (हनहरक्रर् पोहलर्ो टीका) उवचत आयु - 6 सप्ताह और 14 सप्ताह परू े होने पर अविकतम आयु - 1 वषि खरु ाक - 0. 1 वमलीलीटर घोलक - नहीं सईु की सही वस्थवत - त्वचा में (इट्रं ाडमिल) शरीर का अगं जहााँ टीका लगवाना है - दांयी ऊपरी बांह 4 - ओ. पी. वी. बूस्टर उवचत आयु - 16 से 24 महीने में अविकतम आयु - 5 वषि खरु ाक - 2 बंदू ें घोलक - नहीं मागि - महंु से शरीर का अगं जहााँ टीका लगवाना है - मंहु से By – Amit Shukla o Note - वषि 1988 में वैवश्वक पोवलयो उन्मलू न पहल (GPEI) के तहत राष्ट्ट्रीय सरकारों और WHO िारा शरू ु वकया गया था। वतिमान में ववश्व की 80% आबादी पोवलयो मि ु है। 4. र्लघोटूं (हडप्थीररर्ा) - ✓ कारण – कोराइनबैक्टीररयम वडप्थीररया नामक जीवाण।ु वडप्थीररया एक ऐसा संक्रामक रोग है जो गले और टॉवन्सल को प्रभाववत करता है। इस रोग में गले में एक ऐसी विल्ली बन जाती है जो सााँस लेने में रुकावट पैदा करती है वजससे मौत भी हो सकती है। ✓ रोर् की पिचान – यह ऊपरी श्वसन मागि का एक रोग है वजसके वनम्नवलवखत लक्षण हैं - कंठशोथ (गले में सजू न और जलन), ग्रसनीशोथ (भोजन नली में सजू न और जलन) या टोवनवलवटस और टॉवन्सल्स, ग्रसनी और या नाक की वचपकी विल्ली ✓ रोर् कै से फैलता िै - वडप्थीररया के जीवाणु संक्रवमत व्यवि के महंु , नाक और गले में रहते हैं। यह रोग एक व्यवि से दसू रे व्यवि में खासं ने और छींकने से ‍ै लता है। ✓ रोकथाम – टीकाकरण सारणी के अनसु ार डी. पी. टी. (पेंटावालेंट टीके में वनवहत) और डी. पी. टी. बस्ू टर रोकथाम का सबसे प्रभावी तरीका है। Corynebacterium diphtheriae, belong to the corynebacteria family. The bacterium was first observed by Edwin Klebs in 1883. Diphtheria gained its official name from French physician Pierre Bretonneau. ✓ अन्र् नाम - Children's Plague ✓ Incubation period – 2 to 5 days (range 1 to 10 days) ✓ र्लघोटूं (हडप्थीररर्ा) का टीका कब हदर्ा जाता िै - 1) पेंटावालेंट 1, 2 और 3 में हनहित - (हडप्थीररर्ा + पटुयहसस + टेटनस + िेपेटाइहटस बी + हिब) उवचत आयु - 6 सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह परू े होने पर अविकतम आयु - 1 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक - नहीं सईु की सही वस्थवत - मासं पेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगवाना है - बांयी मध्य जांघ का बाहरी वहस्सा 2) डी. पी.टी. बूस्टर -1 उवचत आयु - 16 - 24 महीने में अविकतम आयु - 7 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक - नहीं सईु की सही वस्थवत - मासं पेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगवाना है - बायं ी मध्य जाघं का बाहरी वहस्सा 3) DPT बूस्टर - 2 उवचत आयु - 5 - 6 वषि अविकतम आयु - 7 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक - नहीं सईु की सही वस्थवत - मासं पेशी में शरीर का अगं जहं ा टीका लगवाना है - ऊपरी बाहं o Note - ✓ वषि 1978 में भारत ने टीकाकरण पर ववस्ताररत कायिक्रम शरू ु वकया। ✓ इस कायिक्रम के अतं गित पहले तीन टीके BCG (टीबी के वखला‍), DPT (वडप्थीररया, पटुिवसस, वटटनेस) और हैजा के थे। ✓ अब इसे एक ‘पेंटावैलेंट वैक्सीन’ (वडप्थीररया, पटुिवसस, वटटनेस, हेपेटाइवटस बी और हीमोव‍लस इन््लएु ज़ं ा टाइप बी के वखला‍ टीका) के रूप में शावमल वकया गया है । 5. काली िांसी (पटुयहसस) - ✓ बीमारी का कारण - बोडेटेला पटुिवसस बैक्टीररया। यह मंहु , नाक और गले में संक्रमण से होने वाली श्वास नली की एक बीमारी है। यह अवत सक्र ं मणीय बीमारी है वजसका मख्ु य लक्षण बार – बार खासं ी आना है। यह खासकर नवजात वशशओ ु ं और छोटे बच्चों में वनमोवनया और अन्य जवटलताओ ं के साथ मत्ृ यु तक का कारण बन सकती है। ✓ पिचान – कम से कम दो सप्ताह से खांसी प्रभाववत बच्चे वजनमें वनम्नवलवखत में से कम से कम एक लक्षण मौजदू हो - क) खासं ी के दौरे (व‍ट) का उठना ख) हूवपंग कफ़ (हू हू करते हए सााँस लेना) ग) खासं ी के तरु ं त बाद उल्टी का आना घ) अन्य स्पि कारणों के वबना खांसी का होना ✓ रोर् कै से फैलता िै - वकसी सक्र ं वमत व्यवि के खासं ने या छींकने के दौरान उत्पन्न सक्ष्ू म बंदू ों के सपं कि में आने से। ✓ रोकथाम – टीकाकरण सारणी के अनसु ार डी.पी.टी. (पेंटावालेंट टीका में वनवहत) और डी.पी.टी. बस्ू टर पटुिवसस की रोकथाम का सबसे प्रभावी तरीका है। Bordetella pertussis bacterium is a gram-negative rod from the family of Alcaligenaceae. The organism (bacterium) was first isolated/discovered by Jules Bordet and Octave Gengou in 1906. Pertussis has three stages, each lasting 1-2 weeks – i) Catarrhal – Mild symptoms. ii) Paroxysmal – More severe coughing. iii) Convalescent – Episodes of coughing are less frequent and symptoms improve. ✓ Incubation period – Commonly 7 – 10 days (range 4-21 days) ✓ अन्र् नाम - Whooping Cough o Note - Pertussis Awareness Day (Whooping cough day) – 8th November. o Note - DPT vaccine, also known as DTP vaccine. पटुयहसस का टीका कब हदर्ा जाता िै - 1) पेंटावालेन्ट 1, 2 और 3 में हनहित - उवचत आयु - 6 सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह परू े होने पर अविकतम आयु - 1 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक - नहीं सईु की सही वस्थवत - मांसपेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - बांयी मध्य जांघ का बाहरी वहस्सा o Note - काली खांसी के इलाज के वलए आमतौर पर एवज़थ्रोमाइवसन, क्लैररथ्रोमाइवसन या एररथ्रोमाइवसन जैसी एटं ीबायोवटक्स का उपयोग वकया जाता है। 2) डी.पी.टी. बूस्टर - 1 उवचत आयु - 16 - 24 महीने अविकतम आयु - 7 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक - नहीं सईु की सही वस्थवत - मांसपेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - बायं ी मध्य जाघं का बाहरी वहस्सा 3) डी.पी.टी. बूस्टर - 2 उवचत आयु - 5 - 6 वषि अविकतम आयु - 7 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक - नहीं सईु की सही वस्थवत - मांसपेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - ऊपरी बाहं 6. टेटनस/हटटनेस - ✓ कारण - क्लॉवस्ट्रवडयम टेटानी जीवाणु (यह हर जगह वमटटी में मौजदू होता है) इस जीवाणु से संक्रमण तब होता है जब वमटटी घाव या कटी-‍टी त्वचा में प्रवेश करती है, बैक्टीररया िारा स्राववत एक ववषाि िव गंभीर, ददिनाक मांसपेवशयों में ऐठं न का कारण बनता है जो मत्ृ यु का कारण बन सकता है। वनयोनेंटल टेटनस (नवजात वशशओ ु ं में) और मैटरनल टेटनस (माताओ ं में) उन क्षेत्रों की एक गंभीर समस्या है जहााँ रोगाणहु ीन माहौल के वबना ही घर पर प्रसव कराया जाना आम बात है। ✓ रोर् की पिचान - वनयोनेंटल टेटनस - नवजात वशशु जो अपने जीवन के पहले 2 वदनों के दौरान सामान्य ढंग से स्तनपान करते हैं और रोते हैं, और उसके बाद 3 से 28 वदनों के बीच स्तनपान में कवठनाई महससू करते हैं और उनका शरीर अकड जाता है या इसमें आवेग, स्पाज्म (मांसपेवशयों का िटका) या दोनों होता है। ✓ रोर् कै से फैलता िै - यह एक व्यवि से दसू रे व्यवि में सक्र ं वमत नहीं होता है। सभी उम्र के लोगों में इसके जीवाणु गंदे नाखनू ों, चाकू, उपकरण, लकडी के नक ु ीले टुकडों, प्रसव के दौरान उपयोग वकये गए अस्वच्छ उपकरण या जानवरों के काटने से होने वाले घावों के माध्यम से प्रवेश का सकते हैं। नवजात वशशओ ु ं में संक्रमण तब होता है जब गन्दी चटाइयों या ‍शि पर वडलीवरी कराई जाती है, नावभनाल को गंदे उपकरणों िारा काटा जाता है, नावभनाल साफ़ करने के वलए गदं े पदाथि का उपयोग वकया जाता है या प्रसव में मदद करने वाले व्यवि के हाथ साफ़ नहीं होते हैं। ✓ रोकथाम - गभािवस्था के दौरान गभिवती मवहलाओ ं को प्राथवमक खरु ाक और बस्ू टर खरु ाक, यवद आवश्यक हो, के साथ टी.डी. का टीका देना मैटरनल और वनयोनेटल टेटसस को रोकता है। अन्य आयु समहू ों में टेटनस को रोकने के वलए टीकाकरण सारणी के अनसु ार सभी बच्चों को टी.टी./डी.पी.टी. (पेंटावालेंट वैक्सीन/डी.पी.टी. बस्ू टर में वनवहत) का टीका देना आवश्यक है। The bacterium that causes tetanus, Clostridium tetani, belongs to the Clostridiaceae family. The organism (Tetanus bacterium) is sensitive to heat and cannot survive in the presence of oxygen. In 1889, Kitasato Shibasaburo isolated the tetanus Bacteria, Clostridium tetani (C. tetani), from a human o Note - World Immunization Day 10th November It is celebrated every year to raise awareness about the benefits of vaccination and how it can prevent diseases. ✓ Incubation period of Tetanus – Varies between 3 and 21 days after infection. (Most cases occur within 14 days). ✓ अन्र् नाम - Lockjaw/Trismus/िनस्ु तभं ✓ टेटनस के तीन मख्ु य रूप हैं - 1) Generalized (सामान्यीकृत ) 2) Localized (स्थानीय) 3) Cephalic (मस्तक का) 1) सामान्र्ीकृत - सबसे आम रूप 5 में से 4 मामलों में पाया जाता है नवजात वशशओ ु ं में होने वाला टेटनस इसी का एक रूप है, यह उन नवजात वशशओ ु ं में होता है वजनमें मातृ एटं ीबॉडी से प्राप्त वनवष्ट्क्रय सरु क्षा (Passive Protection) की कमी होती है 2) स्थानीर् - टेटनस रोग का एक असामान्य रूप यह आमतौर पर आवं शक टेटनस प्रवतरक्षा वाले लोगों में होता है 3) मस्तक का - सबसे दल ु िभ प्रकार यह वसर या चेहरे के घावों से जडु ा होता है यह ओवटनस मीवडया (Middle Ear Infection) से जडु ा हो सकता है टेटनस का टीका कब हदर्ा जाता िै - 1) पेंटावालेंट 1, 2 और 3 टीके में हनहित उवचत आयु - 6 सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह परू े होने पर अविकतम आयु - 1 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक - नहीं सईु की सही वस्थवत - मासं पेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - बायं ी मध्य जाघं का बाहरी वहस्सा 2) डी.पी.टी. बूस्टर -1 उवचत आयु - 16 - 24 महीने में अविकतम आयु - 7 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक - नहीं सईु की सही वस्थवत - मासं पेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - बायं ी मध्य जाघं का बाहरी वहस्सा 3) डी.पी.टी. बस्टर - 2 उवचत आयु – 5 - 6 वषि अविकतम आयु - 7 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक - नहीं सईु की सही वस्थवत - मांसपेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - ऊपरी बाहं 4) टी.टी. - उवचत आयु -10 वषि और 16 वषि अविकतम आयु - 16 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक - नहीं सईु की सही वस्थवत - मांसपेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - ऊपरी बाहं ✓वैवश्वक नवजात वटटनेस उन्मल ू न लक्ष्य की शरुु आत - 1989। ✓मातृ एवं नवजात वटटनेस उन्मल ू न (एम.एन.टी.ई.) पहल को 1999 में यवू नसे‍, ववश्व स्वास््य संगठन और संयि ु राष्ट्ट्र जनसख्ं या कोष (य.ू एन.ए‍.पी.ए.) िारा शरू ु वकया गया था। 7. िसरा (मीजल्स)/ रूबेला - ✓ कारण - खसरा रोग एक वायरस से होने वाली एक अत्यविक संक्रामक बीमारी है। जो बच्चे कुपोवषत होते हैं और भीड वाले इलाकों में वनवास करते हैं, उन बच्चों को खसरा का खतरा ज़्यादा होता है। लक्षण - दस्त के कारण वनजिलीकरण, कुपोषण, मध्य कान की सजू न, वनमोवनया, अिं ापन और एन्से‍लाइवटस (मवस्तष्ट्क सक्र ं मण) रूबेला आम तौर पर बच्चों में एक छोटी बीमारी होती है, लेवकन जब संक्रमण गभािवस्था की शरुु आत में होता है तो बच्चे में आजीवन गभिपात, भ्रणू मत्ृ य,ु मतृ प्रसव और गंभीर जन्मजात दोषों (जन्मजात रूबेला वसंड्रोम) का कारण बन सकता है ✓ पिचान - वकसी को खसरा होने का पहला संकेत होता है - बख ु ार और शरीर पर खजु ली वाले लाल चकंते होना, ये चकंते (रै शेज) या वनशान पहले कानों के पीछे , गदिन या वसर पर वदखाई देते हैं, इन चकंतो के वदखाई देने से तीन वदन पहले ही इसका वायरस शरीर में पहचाँ चक ु ा होता है। खासं ी, कोररज़ा (बहती नाक) या नेत्र शोथ (लाल आख ं /े आख ं आना) भी इसके लक्षण होते है। ✓ रोर् कै से फैलता िै – सक्र ं वमत लोगों की नाक और गले के स्राव से और सक्र ं वमत व्यवि के चीखने या खासं ने से हवा में ‍ै लता है। ✓ रोकथाम – राष्ट्ट्रीय टीकाकरण सारणी के अनसु ार खसरा/रूबेला यि ु टीका (M.R) को रोकने का प्रभावी उपाय है। The rubella virus is a member of the Matonaviridae family. The Measels virus is a member of the Paramyxoviridae family. रूबेला को जमिन मीज़ल्स एवं 3 डे मीजल्स भी कहते है। खसरे को रूवबयोला या 10 डे मीजल्स या रे ड मीजल्स भी कहा जाता है। रूबेला खसरे के समान नहीं है, वकंतु दोनों बीमाररयों के कुछ सक ं े त और लक्षण समान हैं, जैसे वक लाल चकत्ते। भारत ने वषि 2017-2021 के दौरान खसरा और रूबेला उन्मल ू न के वलये एक राष्ट्ट्रीय रणनीवतक योजना को अपनाया। इसी अववि के दौरान सरकार ने रूबेला यि ु टीके (Rubella-Containing Vaccine- RCV) को वनयवमत टीकाकरण कायिक्रम में शावमल वकया। खसरा और रूबेला टीके से रोकथाम योग्य रोग (वीपीडी) हैं और एमआर वैक्सीन 2017 से भारत के साविभौवमक टीकाकरण कायिक्रम का वहस्सा है। 16 माचि को खसरा टीकाकरण वदवस के रूप में मनाया जाता है। िसरा/रूबेला का टीका कब हदर्ा जाता िै - 1) उवचत आयु – 9 से 12 माह के बीच अविकतम आयु - 5 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक – रोगाणहु ीन जल सईु की सही वस्थवत – उपत्वचा शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है – दांयी ऊपरी बाह 2) उवचत आयु – 16 से 24 माह के बीच अविकतम आयु - 5 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक – रोगाणहु ीन जल सईु की सही वस्थवत – उपत्वचा शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है – दायं ी ऊपरी बाह 9. िैमोहफलस इन्फ्लूएज ं ा टाइप - बी रोर् (Hib) कुल छह प्रकार के हैमोव‍लस इन््लएू ंजा में से हैमोव‍लस इन््लएू जं ा टाइप बी, या वहब, सभी गंभीर हैमोव‍लस इन््लएू ंजा संक्रमण में से 90% का कारण बनता है जो जीवाणु से ‍ै लता है। 5 वषि से कम आयु के बच्चों में वहब गभं ीर वनमोवनया और मेवननजाइवटस का कारण बन सकता है। ✓ बीमारी की पिचान - इस रोग में बख ु ार, ठंड, खासं ी, तेजी से सासं लेना और छाती की दीवार का सक ं ु चन आवद लक्षण शावमल होते हैं । ✓ रोर् कै से फैलता िै - हैमोव‍लस इन््लएू जं ा छींक और खांसी के कणों के माध्यम से एक व्यवि से दसू रे व्यवि में ‍ै लता है। बच्चों में बैक्टीररयल मेवननजाइवटस का यह एक मख्ु य कारण होता है। इस रोग में बैक्टीररया शरीर के उन वहस्सों में भी ‍ै लते हैं जो रोगाणओ ु ं से मिु होते हैं। मवस्तष्ट्क और रीढ की हड्डी को ढकने वाली विल्ली में होने वाले संक्रमण को मेवननजाइवटस कहते हैं। ✓ इस रोर् की रोकथाम कै से की जा सकती िै - पेंटावेलेंट के समय से तीन टीके की रोग रोकथाम का सबसे प्रभावी तरीका है । िैमोहफलस इन्फ्लूएज ं ा टाइप - बी रोर् (Hib) टीका कब हदर्ा जाता िै - 1) पेंटावालेन्ट 1, 2 और 3 में हनहित - उवचत आयु - 6 सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह परू े होने पर अविकतम आयु - 1 वषि खरु ाक - 0.5 वमलीलीटर घोलक - नहीं सईु की सही वस्थवत - मांसपेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - बायं ी मध्य जाघं का बाहरी वहस्सा 10. रोटावार्रस र्ैस्रोएन्टेररहटस - रोटावायरस गैस्ट्रोएन्टेररवटस अत्यतं सक्रामं क दस्त रोग है जो छोटी आाँत के रोटावायरस से सक्र ं मण के कारण होता है। ✓ बीमारी की पिचान - गंभीर पानी के दस्त और उल्टी होने के कारण वनजिलीकरण (शरीर में पानी अत्यतं कम हो जाना) रोटावायरस गैस्ट्रोएन्टेररवटस के लक्षण होते हैं। ✓ रोर् कै से फैलता िै - यह रोग रोटावायरस के दवू षत भोजन, पानी और वस्तओ ु ं के माध्यम से मल - तथा - मौवखक मागि से शरीर में प्रवेश कर जाने से ‍ै लता है । ✓ इस रोर् की रोकथाम कै से की जा सकती िै – बच्चों को रोटावायरस टीका लगाकर हम इसके सक्र ं मण और इसकी जवटलताओ ं को रोक सकते हैं। वकसी भी प्रकार के दस्त के दौरन ओआरएस का घोल देना जरूर ध्यान रखना चावहए। रोटावार्रस र्ैस्रोएन्टेररहटस टीका कब हदर्ा जाता िै - ✓ रोटावार्रस (जिां लार्ू िो) – उवचत आयु - 6 सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह परू े होने पर अविकतम आयु - 1 वषि । खरु ाक – 5 बंदू े । महंू में वदया जाएगा 11. न्र्ूमोकोकल रोर् - न्यमू ोकोकल बीमारी स्ट्रेप्टोकोकस न्यमू ोवनया बैक्टेररया (वजसे न्यमू ोकोकस भी कहा जाता है) के कारण होने वाली बीमाररयों का एक समहू है। स्ट्रेप्टो कोकस वनमोवनया 5 वषि से कम उम्र के बच्चों में बेक्टेररयल वनमोवनया का प्रमख ु कारण है। ✓ बीमारी की पिचान - वनमोवनया, बैक्टीररयल मेवनजाइवटस मध्य - कान का संक्रमण (ओवटवटस मीवडया) ✓ रोर् कै से फैलता िै - न्यमू ोकोकस खासं ी, छींकने या वनकट सपं कि के कारण व्यवि से व्यवि तक ‍ै लता है। कई लोगों के नासो‍ै ररनक्स में कई वदनों या ह्तों तक न्यमू ोकोकस उपवस्थत रहता है। ज्यादातर मामलों में न्यमू ोकोकस वबना वकसी संवदग्ि लक्षण के नासो‍ै ररनक्स से गायब हो जाता है। लेवकन कभी-कभी रोग ववकवसत हो जाता है। ✓ न्र्ूमोकोकी के कारण िोने वाले रोर्ों में हनम्न शाहमल िैं - वनमोवनया, बैक्टेररएवमया, सेवप्सस रि प्रवाह सक्र ं मण बैक्टीररयल मेवनंजाइवटस - रीढ की हड्डी और मवस्तष्ट्क को ढंकने और सरु वक्षत रखने वाली विल्ली और तरल पदाथि में सक्र ं मण मध्य-कान का संक्रमण (ओवटवटस मीवडया) साइनवसवसवटस, ब्रोंकाइवटस ✓ न्र्ूमोकोकल रोर् का ितरा हकन लोर्ों को िोता िै - यवु ा बच्चों और बजु गु ि व्यवियों को सबसे ज्यादा जोवखम रहता है। बच्चे वजन्हें न्यमू ोकोकल रोग का सबसे ज्यादा खतरा होता है, वे वनम्न हैं: 5 वषि से कम आयु के बच्चे (खासकर 2 वषि से कम आयु के ) प्रवतरक्षा-रवहत बच्चे इन््लएू जं ा या अन्य वायरस से सक्रं वमत श्वसन प्रणाली वाले लोगों को न्यमू ोकोकस का दसू रा सक्र ं मण हो सकता है। कुपोषण, स्तनपान की कमी, घरे ल-ू िएु ाँ से सपं कि , और भीडभाड और सघन आवास वाली वस्थवतयों में रहने वाले बच्चे। स्वास््य सेवा की कमी के साथ गरीब और हावशए पर रहने वाली आबादी । ✓ रोर् को कै से रोका जा सकता िै - राररीर् टीकाकरण सारणी के अनुसार न्र्ूमोकोकल कंजुर्ेट वैहक्सन (पी.सी.वी) (जिां लार्ू िो) – उवचत आयु - 6 सप्ताह, 14 सप्ताह परू े होने पर, 9 माह परू े होने पर बस्ु टर खरु ाक अविकतम आयु - 1 वषि । खरु ाक – 0.5 एमएल सईु की सही वस्थवत - मांसपेशी में शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - दायं ी मध्य जाघं का बाहरी वहस्सा 12. जापानी एन्सीफै लाइहटस - जापानी एन्सी‍ै लाइवटस (जे.ई.) वायरस के कारण होने वाला मवस्तष्ट्क के संक्रमण का रोग है । जे.ई. रोग 10 वषि से कम उम्र के बच्चों में गभं ीर बीमारी का कारण और जानलेवा हो सकता है । ✓ बीमारी की पिचान - यह रोग वकसी भी उम्र के व्यवि को साल के वकसी भी समय बख ु ार की तीव्र शरुु आत और मानवसक वस्थवत में पररवतिन के लक्षणों के साथ हो सकता है । ✓ रोर् कै से फै लता िै - जे.ई. का वायरस मच्छरों िारा ‍ै लता है। यह वायरस आम तौर पर पवक्षयों और घरे लू जानवरों, ववशेष रूप से सअ ू रों को सक्र ं वमत करता है, जो इनके प्रजनन स्थल के रूप में कायि करते हैं। जब कोई मच्छर वकसी संक्रवमत जानवर को काटने के बाद मनष्ट्ु य को काटता है तो लोग जे.ई. से संक्रवमत हो जाते हैं । ✓ रोर् को कै से रोका जा सकता िै - जे-ई- के अविक जोवखम वाले वजलों में 9 महीने से 2 वषि तक के सभी बच्चों को जे.ई. की दो खरु ाक दे जे.ई. की रोकथाम यह प्रभावी तरीका है। जापानी एन्सीफै लाइहटस टीका कब हदर्ा जाता िै – 1. जापानी एन्सीफैलाइहटस 1 (जिां लार्ू िो) – ✓ उवचत आयु – 9 से 12 माह के बीच ✓ अविकतम आयु – 15 वषि ✓ खरु ाक – 0.5 एमएल ✓ घोलक – ‍ॉस्‍े ट ब‍र घोल ✓ सईु की सही वस्थवत – उपत्वचा में ✓ शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - बायं ी ऊपरी बाहं 2. जापानी एन्सीफैलाइहटस 2 (जिां लार्ू िो) – ✓ उवचत आयु – 16 से 24 माह के बीच ✓ अविकतम आयु – 15 वषि ✓ खरु ाक – 0.5 एमएल ✓ घोलक – ‍ॉस्‍े ट ब‍र घोल ✓ सईु की सही वस्थवत – उपत्वचा में ✓ शरीर का अगं जहााँ टीका लगाना है - बांयी ऊपरी बांह ✓ जापानी इस ं ेफेलाइहटस वार्रस (जेईवी) – ▪ जापानी इसं े‍ेलाइवटस वायरल रोग (जेई) का पहला मामला 1871 में जापान में दजि वकया गया था। ▪ ऊष्ट्मायन अववि 4-14 वदनों के बीच होती है। ▪ जेई का प्रमख ु प्रकोप हर 2-15 साल में होता है। ▪ जेईवी क्यलू ेक्स प्रजावत (मख्ु य रूप से क्यल ू ेक्स ट्राइटेनियोरिन्चस ) के सक्र ं वमत मच्छरों के काटने से मनष्ट्ु यों में ‍ै लता है। ▪ जापानी इसं े‍ेलाइवटस वायरस (जेईवी) एक ्लेवववायरस है जो डेंग,ू पीत ज्वर और वेस्ट नाइल वायरस से सबं ंवित है, और मच्छरों िारा ‍ै लता है। ✓ िसरा (मीजल्स)/ रूबेला - ▪ Henry Veale, in 1866, named the disease rubella ▪ Humans are the only known host in rubella ▪ The rubella virus was first isolated in 1962, and a vaccine was made available in 1969 ▪ The incubation period of rubella ranges from 12 to 23 days, with an average of 18 days ▪ Measles virus was identified in 1954 by Thomas Peebles and John Enders. ▪ Dr. John Enders and his colleagues developed the first measles vaccine in 1963. ▪ Symptoms of measles usually begin 10–14 days after exposure to the virus. ▪ The clinical picture of measles can be divided into three stages: prodromal, eruptive, and convalescent and should be suspected in patients with the classic triad of the three “Cs”: cough, conjunctivitis, and coryza. ▪ Tiny white spots (Koplik spots) may appear inside the mouth two to three days after symptoms begin ✓ ववश्व टीकाकरण सप्ताह 2024 - यह सप्ताह 24-30 अप्रैल तक मनाया जाता है। ✓ AD Syrienge (Auto-Disable) – ▪ HMD Ltd. introduced the AD syringe in India in 2001, becoming the first auto disable syringe manufacturers in the country. ▪ AD syringes are recommended for immunization programmes because they are designed to prevent re-use by locking automatically after a single use o Note – 1. यआ ू ईपी के तहत टीके से बचाव योग्य 12 बीमाररयों के वखला‍ वन:शल्ु क टीकाकरण प्रदान वकया जा रहा है। 2. राष्ट्ट्रीय स्तर पर 10 बीमाररयों के वखला‍ टीकारकण चलाया जा रहा है, जो है- वडप्थीररया, पटुिवसस, टेटनस, पोवलयो, खसरा, रूबेला, तपेवदक का गंभीर रूप, रोटावायरस डायररया, हेपेटाइवटस बी और हीमोव‍लस इन््लुएजं ा टाइप बी के कारण होने वाला मेवननजाइवटस और वनमोवनया 3. उप-राष्ट्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तर पर दो बीमाररयों के वखला‍ टीकाकरण अवभयान चलाया जा रहा है, जो है- न्यमू ोकोकल न्यमू ोवनया और जापानी एन्से‍लाइवटस; वजनमें से न्यमू ोकोकल कॉन्जगु ेट वैक्सीन का आज राष्ट्ट्रीय स्तर पर ववस्तार वकया गया है, जबवक जेई वैक्सीन के वल स्थावनक वजलों में प्रदान की जाती है। ❑ र्भयवती महिलाओ ं को कौन-कौन से टीके लर्ार्े जाते िैं और र्े टीके कब लर्ार्े जाते िैं – गभिवती मवहलाओ ं को गभािवस्था के दौरान जल्दी से जल्दी वटटनेस टॉक्साइड (टीटी) के दो टीके लगाये जाने चावहए। इन टीकों को टीटी-1 एवं टीटी-2 कहा जाता है। इन दोनो टीकों के बीच 4 सप्ताह का अतं र रखना आवष्ट्यक है। यवद गभिवती मवहला वपछले 3 वषि में टीटी के 2 टीके लगवा चक ु ी है तो उसे इस गभािवस्था के दौरान के वल बस्ू टर टीटी का टीका ही लगवाया जाना चावहये। भारतीर् बच्चों के हलए हवटाहमन A अनुपूरक अनुसच ू ी- ✓ खसरा के साथ 9 महीने परू े होने पर ववटावमन A ( पहली खरु ाक) - 1 वमली (1 लाख IU) मौवखक रूप से वदया जाता है। ✓ ववटावमन A (दसू री खरु ाक) 16 से 18 महीने - 2 वमली (2 लाख IU) मौवखक रूप से दी जाती है। ✓ व‍र 5 साल की उम्र तक हर 6 महीने में एक खरु ाक (तीसरी से नवीं खरु ाक) - 2 वमली (2 लाख IU) मौवखक रूप से दी जाती है। ✓ कुल खरु ाक – 9 o Note - सरकारी अस्पतालों में टेटनस टाक्सायड (टीटी) की जगह टेटनस एडं एडल्ट वडप्थीररया (टीडी) का टीका लगाया जाएगा। अब तक बच्चों को वडप्थीररया (गलघोंटू) बीमारी से बचाने के वलए वटटनेस की वैक्सीन लगाई जाती थी, लेवकन अब इसे बदल वदया गया है। वटटनस की जगह वटटनस एडं एडल्ट वडप्थीररया की वैक्सीन लगाई जाएगी। पहले यह घातक बीमारी पाच ं साल के बच्चों को होती थी, लेवकन अब व्यस्क भी बीमारी की चपेट में आने लगे हैं। यह घातक बीमारी वकसी उम्र के लोगों को हो सकती है। इस संक्रवमत बीमारी से भववष्ट्य वनमािताओ ं को सरु वक्षत करने के वलए टीडी वैक्सीन लॉन्च वकया गया है। ✓ टीकाकरण का मित्व – सभी बच्चे स्वस्थ प्रवतरक्षा प्रणाली के साथ पैदा नहीं होते हैं। कुछ बच्चे कमज़ोर प्रवतरक्षा प्रणाली के साथ पैदा होते हैं जबवक अन्य ऑटो-इम्यनू वस्थवतयों के वशकार हो सकते हैं। हो सकता है वक टीकाकरण के बाद भी उन लोगों में अच्छी प्रवतरोिक क्षमता ववकवसत न हो। कुछ बीमाररयों से बचने के वलए टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है। बच्चों की रोग प्रवतरोिक क्षमता कमज़ोर होती है। मौसम में मामल ू ी बदलाव या खान-पान की आदतों में बदलाव से भी वे बीमाररयों की चपेट में आ सकते हैं। टीकाकरण से एक बच्चे से दसू रे बच्चे में बीमाररयों के ‍ै लने से बचाव होता है। कुछ सक्रं मण महामारी का रूप ले सकते हैं, वजससे परू ा समदु ाय प्रभाववत हो सकता है। टीकाकरण करवा चक ु े लोगों में महामारी संबंिी बीमाररयों का खतरा बहत कम या वबलकुल नहीं होता। टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है जो वशशओ ु ं में पोवलयो को समाप्त करता है। ✓ टीकाकरण न िोने के दुरप्रभाव – टीकाकरण के वबना बच्चे की प्रवतरक्षा प्रणाली अविक कमज़ोर होती है। और अगर टीकाकरण न हो, तो कई बच्चे गभं ीर रूप से बीमार हो सकते हैं या खसरा, कण्ठमाला और काली खासं ी जैसी बीमाररयों से मर भी सकते हैं। वबना टीकाकरण वाले बच्चे को जीवन भर ऐसे बदलावों का सामना करना पडता है जो संभाववत रूप से उसे जोवखम में डाल सकते हैं। जो मवहलाएं गभिवती हैं, लेवकन उन्हें टीका नहीं लगाया गया है, वे ऐसी बीमाररयों की चपेट में आ सकती हैं जो उनकी गभािवस्था को जवटल बना सकती हैं। एक गभिवती मवहला जो पहली वतमाही में रूबेला से सक्र ं वमत होती है, उसके बच्चे को जन्मजात रूबेला वसंड्रोम (सीआरएस) हो सकता है, जो हृदय दोष, ववकास संबंिी देरी और बहरापन का कारण बन सकता है। जो लोग अपने बच्चों को टीका नहीं लगवाना चाहते, वे दसू रों को भी जोवखम में डालते हैं, अगर उनके बच्चे को टीका नहीं लगाया जाता और वह बीमार हो जाता है। लोगों के ववशेष समहू ों को टीका नहीं लगाया जा सकता, वजनमें कमज़ोर प्रवतरक्षा प्रणाली वाले लोग (जैसे ल्यकू े वमया या अन्य कैं सर वाले लोग) शावमल हैं। ये लोग आम लोगों के टीकाकरण पर वनभिर रहते हैं, तावक उनके संक्रवमत होने का जोवखम कम हो जाए। अपने बच्चे को टीका न लगवाने के सामावजक वनवहताथि भी हैं - बवहष्ट्कार से लेकर संगरोि तक। यवद बीमार है या बीमारी के सपं कि में है, तो आपके बच्चे को पररवार सवहत दसू रों से अलग-थलग रहने की आवश्यकता हो सकती है। यवद आपके समदु ाय में कोई प्रकोप है, तो आपको अपने बच्चे को स्कूल और अन्य संगवठत गवतवववियों से बाहर वनकालने के वलए कहा जा सकता है, वजससे आपका बच्चा स्कूल और ववशेष कायिक्रमों से चक ू सकता है। हमशन इन्रिनुष - ✓भारत सरकार के स्वास््य एवं पररवार कल्याण मंत्रालय ने 25 वदसबं र 2014 को ‘वमशन इन्ििनषु ’ की शरुु आत की थी। वमशन इन्ििनषु एक बस्ू टर टीकाकरण कायिक्रम है जो कम टीकाकरण कवरे ज वाले 201 वज़लों में शरू ु हआ था। ✓वमशन इिं िनषु का उद्देश्य परू े देश में सभी उपलब्ि टीकों के साथ बच्चों और गभिवती मवहलाओ ं की उच्च कवरे ज सवु नवित करना है। ✓र्िन हमशन इरं िनुष (आईएमआई) - भारत सरकार ने दो वषि से कम उम्र के प्रत्येक बच्चे और उन सभी गभिवती मवहलाओ ं को टीकाकरण प्रदान करने के उद्देश्य से गहन वमशन इिं िनषु (आईएमआई) शरू ु वकया है, वजन्हें वनयवमत टीकाकरण कायिक्रम के तहत कवरे ज नहीं वमला है। आईएमआई का उद्देश्य 90% पणू ि टीकाकरण कवरे ज हावसल करना और देश में टीकाकरण कवरे ज को बढाना है। 1. सघन हमशन इन्रिनुष (आईएमआई) – ✓इसे अक्टूबर 2017 में लॉन्च वकया गया था। ✓आईएमआई के अतं गित शहरी क्षेत्रों पर अविक ध्यान वदया गया , जो वमशन इन्ििनषु में वपछडे क्षेत्रों में से एक थे। ✓इसका उद्देश्य चवु नंदा वजलों और शहरों में टीकाकरण कवरे ज में सिु ार लाना है, तावक 2020 के बजाय वदसंबर 2018 तक 90% से अविक पणू ि टीकाकरण सवु नवित वकया जा सके । 2. सघन हमशन इन्रिनुष 2.0 - ✓यह पल्स पोवलयो कायिक्रम (2019-20) के 25 वषि परू े होने के उपलक्ष्य में एक राष्ट्ट्रव्यापी टीकाकरण अवभयान था । ✓इसका लक्ष्य 27 राज्यों के 272 वजलों में पणू ि टीकाकरण कवरे ज का था। ✓इसका लक्ष्य 2022 तक कम से कम 90% अवखल भारतीय टीकाकरण कवरे ज हावसल करना है। 3. सघन हमशन इन्रिनुष 3.0 - ✓आईएमआई 3.0 को 2021 में लॉन्च वकया गया था। ✓आईएमआई 3.0 का ‍ोकस उन बच्चों और गभिवती मवहलाओ ं पर था, जो कोववड-19 महामारी के दौरान अपने टीके की खरु ाक लेने से चकू गए थे। ✓प्रवास क्षेत्रों और पहचं से दरू क्षेत्रों के लाभावथियों को लवक्षत वकया गया, क्योंवक कोववड-19 के दौरान वे सभं वतः टीके की खरु ाक लेने से चक ू गए थे। 4. सघन हमशन इन्रिनुष 4.0 - ✓इससे यह सवु नवित होगा वक वनयवमत टीकाकरण (आरआई) सेवाएं टीकाकरण रवहत और आवं शक रूप से टीकाकरण वाले ब

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