आओ समझें विज्ञान कक्षा 6 PDF
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This science textbook for class 6 introduces various science concepts, including daily life applications of science and the contributions of scientists from India and elsewhere. It also includes a table of contents with the topics that will be covered.
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1 आओ समझ िव ान (क ा 6) 2 3 िवषय-सूची पाठ्य म का मािसक िवभाजन इकाई 1 दैिनक जीवन म िव ान इकाई 2 पदाथ एवं पदाथ के समहू इकाई 3 पदाथ का पथ ृ करण इकाई 4 पास-पड़ोस म होने वाले प रवतन इकाई 5 त तु से व तक इकाई 6 जीव जगत इकाई 7 जीव म अनुकूलन इकाई 8 ज तु क संरचना व काय इकाई 9 भोजन एवं वा य...
1 आओ समझ िव ान (क ा 6) 2 3 िवषय-सूची पाठ्य म का मािसक िवभाजन इकाई 1 दैिनक जीवन म िव ान इकाई 2 पदाथ एवं पदाथ के समहू इकाई 3 पदाथ का पथ ृ करण इकाई 4 पास-पड़ोस म होने वाले प रवतन इकाई 5 त तु से व तक इकाई 6 जीव जगत इकाई 7 जीव म अनुकूलन इकाई 8 ज तु क संरचना व काय इकाई 9 भोजन एवं वा य इकाई 10 वा य एवं व छता इकाई 11 मापन इकाई 12 गित इकाई 13 ऊजा इकाई 14 काश इकाई15 वायु इकाई 16 जल इकाई 17 क यटू र 4 back 5 इकाई 1 दैिनक जीवन म िव ान दैिनक जीवन म िव ान क भूिमका पर परागत एवं वतमान प र े य म िविभ न े म िव ान क भूिमका िव ान के अिववेकपूण उपयोग से उ प न सम याएँ भारतीय एवं अ य देश के वै ािनक का िव ान के े म योगदान मनु य वभाव से सदैव ही िज ासु विृ का रहा है। उसे हमेशा अपने आस-पास क दुिनया म घटने वाले येक घटना म म कब, कहाँ, कैसे और य जैसे के उ र ढूँढ़ने क उ सुकता होती है। वा तव म िव ान क शु आत इसी उ सुकता से होती है। आइए, एक िज ासु बािलका सीमा ारा उठाये गये एवं िज ासाओं ारा इसे समझने का यास कर। सीमा कभी अपनी माँ से पछू ती, ``कोई भी चीज ऊपर फकने या छोड़ने के बाद जमीन पर य िगर जाती है ? ेशर कुकर म खाना ज दी कैसे बन जाता है ? दूध से दही कैसे बन जाता है ? ि ज म सामान ठ डा कैसे रहता है ? िचिड़या कैसे उड़ती है ?'' उसक माँ इन का जवाब नह दे पाती थी। उसक माँ ने कहा, ``म इन सवाल के जवाब नह जानती हँ, आप अपनी िशि का से पछू लीिजएगा। दूसरे िदन सीमा ने वही सवाल क ा म अपनी िशि का से भी पछ ू ा। िशि का ने सीमा को समझाते हए कहा िक आपके सभी सवाल हमारे आस-पास क दुिनया से स बि धत ह। मनु य म हर चीज़ को जानने समझने क उ सुकता होती है। यह उ सुकता देखने, छूने, सँघ ू ने, वाद चखने या सुनने के कारण उ प न होती है। उ सुकता के कारण ही हमारे मन म तरह-तरह के सवाल उठते ह। िव ान इन सवाल का उ र देने क कोिशश करता है। 6 सीमा ने कहा, ``ठीक है, लेिकन िव ान कैसे इन सवाल का उ र देता है ?'' िशि का बोली, यह जानने के िलए हम यह समझना होगा िक वै ािनक िकस तरह काय करते ह। वे, िजस सम या का हल खोजना होता है, सबसे पहले, उसका सू म अवलोकन करते ह और उससे स बि धत सभी जानका रयाँ एकि त करते ह। एकि त जानकारी के ारा वे अपने उ र के बारे म क पना करते ह। इस तरह िकसी िस ा त क रचना क जाती है। िस ा त क रचना ही सवाल का सबसे अ छा समाधान होता है। िस ा त क पुि के िलए बार-बार योग करना पड़ता है तािक यह िव ास होने लगे िक इस सम या का सबसे अ छा समाधान यही है। िशि का ने बताया, जैसे सीमा का सवाल है िक व तुएँ हमेशा जमीन पर ही य िगरती ह ? आप रोज देखते ह िक अगर आप कोई भी चीज हवा म उछाल या फके तो वह जमीन पर िगर जाती ह। या ऐसा हर जगह और व तु के साथ होता है ? यह जानने के िलए आपको कई तरह क व तुओ ं के साथ िविभ न थान पर योग करना पड़े गा। अगर आप ऐसा कर तो पायगे िक हर तरह क व तु फूल, प थर, िस के, कपड़े आिद चाहे जहाँ से िगराय वापस जमीन पर ही िगरते ह। इसे देखकर महान वै ािनक सर आइजेक यटू न ने यह िन कष िनकाला िक प ृ वी हर व तु को गु वाकषण के कारण अपनी तरफ ख चती है। िजसक वजह से येक व तु प ृ वी पर िगरती है। सीमा अपने का इतना सरल उ र पाकर उ सािहत हो गयी। िशि का सीमा के उ साह को देखकर बोली िक यादातर उ र सरल ही होते ह, लेिकन उनके उ र या िस ा त पाना अ सर जिटल होता है। वै ािनक िकसी भी सम या / िज ासा का समाधान ा करने के िलए वै ािनक िविध के िविभ न चरण के ारा िन कष िनकालते ह और उससे समाज को लाभाि वत करते ह। वै ािनक िविध के िविभ न चरण ह 1. िज ासा / करना 2. प रक पना 3.परी ण 4. िनरी ण / िव े षण / वग करण 5. अिभलेखन6. पुनिवचार7. िन कष िनकालना 8. नये योग सीमा अब िव ान के बारे म और अिधक जानने के िलए उ सुक थी। उसने पछ ू ा, ``िव ान ने हमारे जीवन के िलए या- या िकया है ?'' 7 िच सं.1.1सरआइजेक यूटन 1.1 दैिनक जीवन म िव ान क देन िशि का ने सीमा को िच के मा यम से दैिनक जीवन म िव ान क वजह से आए प रवतन के बारे म समझाया। िच 1.2 म िदखाये गये साधन का उपयोग हम दैिनक आव यकताओं म करते ह। कृिष काय शी हो इसिलए ै टर व अ य कृिष य जैसे ेशर मशीन, सीड ील, हाव टर आिद िव ान क ही देन है। घर बैठे देश-िवदेश क जानकारी व मनोरं जन टेलीिवजन व रे िडयो ारा िकया जाता है। गैस के चू हा ारा शी खाना पक जाता है। इससे समय और म क बचत होती है तथा दूषण भी कम होता है। यातायात के िविभ न साधन जैसे रे लगाड़ी, कार, बस तथा वायुयान ह िजनके ारा कुछ ही घंट म ल बी या ा तय क जा सकती है। िव ान क खोज ं के फल व प ही कृिष यं , यातायात एवं संचार के साधन तथा अ य अनेक कार के साधन एवं सामि य का िवकास स भव हो पाया है। िव ान ने हमारी बहत सी सम याय जो भोजन, वा य और यातायात से जुड़ी ह, को सुलझाने म सहायता क है। प प तथा नहर िसंचाई के िलए पया मा ा म पानी उपल ध कराती ह। आज उ म बीज, उवरक तथा क ट नाशक दवाय उपल ध ह। इसी कार मनोरं जन के े म, संचार के े म, िचिक सा के े म तथा िश ा के े म िव ान ने अभत ू पवू योगदान िदया है। समाचार प और रे िडयो ारा हम देश-िवदेश म हो रही घटनाओं क जानकारी िमलती है।ि े ट मैच और देश-िवदेश म होने वाले िविभ न समारोह का सीधा सारण हम टेलीिवजन पर देख सकते ह, टेलीफोन और मोबाइल फोन ारा हम दूर ि थत िकसी यि से बात कर सकते ह। यह सभी िवकास िव ान ारा ही स भव हो पाये ह। मनु य सदा ही अिधक ान ा करने और उसका 8 सही प म अनु योग करने के िलए य नशील रहा है। आप भी बहत सी नयी खोज के बारे म जानने को इ छुक ह गे। 1.2 पर परागत एवं वतमान प र े य म िविभ न े म िव ान क भूिमका िविभ न े म िव ान ने अपना योगदान िदया है। िकस तरह िव ान ने योगदान िदया है। िव ान ने हमारे दैिनक जीवन म होने वाले बहत से काय को आसान बना िदया है। तािलका 1.1 म पर पराग एवं वतमान म योग होने वाले साधन को दशाया गया है। तािलका 1.1 9 1.3 िव ान के दु पयोग से उ प न सम याएँ िव ान ने अनेक अस भव लगने वाली बात को भी स भव कर िदखाया है। जीवन का कोई भी े ऐसा नह बचा है िजसे िव ान ने भािवत न िकया हो। िव ान से मनु य को जहाँ अपार सुिवधाएँ ा हई ह, वह इसके दु पयोग / असंयिमत उपयोग से अनेक सम याएँ भी उ प न हई ह। जैसे - िव ान क गित के फल व प यातायात के े मे पे ोल/डीजल चािलत वाहन क विृ के कारण पयावरण असंतुिलत और दूिषत हो रहा है । रासायिनक उवरक एवंं क टनाशक दवाओं के उपयोग से कृिष उ पादन म अ यिधक विृ हयी है, िक तु अनुिचत योग से मदृ ा दूषण एवं जल दूषण का संंकट उ प न हो गया है। निदयॉ ं दूिषत होती जा रही ह और िकसान के िम कहे जाने वाले कचुआ, 10 सॉ ंप आिद क सं या घटती जा रही है। भ-ू जल के असंयिमत दोहन से भ-ू जल तर नीचे िखसकता जा रहा है िजससे कुएँ एवं तालाब सख ू ते जा रहे ह। ती विनयॉ ं उ प न करने वाले संगीत, लाउड पीकर आिद से विन दूषण उ प न हो रहा है िजससे मानव मि त क पर दु भाव पड़ रहा है। मानव बि तय म कूड़े -कचरे एवं अपिश पदाथ के िन तारण क समुिचत यव था के अभाव म मानव जीवन संकट त हो रहा है। रे िडयोधम िविकरण के कारण प ृ वी पर जीवन के अि त व का भय उ प न हो गया है। ओजोन पत म िछ वायु दूषण के कारण है। परमाणु ऊजा के अनुिचत योग से ही िहरोिशमा एवं नागासाक म पलक झपकते ही लाख लोग के जीवन का अ त हो गया था। रे ि जरे टर तथा एअरकंडीशनर म यु गैस से वायुम डल म लोरो लोरो काबन क मा ा म विृ हो रही है िजससे ओजोन परत का िनर तर रण हो रहा है। सड़क पर दौड़ते वाहन का धँुआ, पे ोल एवं डीजल के दहन से वायु म काबन डाइऑ साइड एवं नाइ ोजन के ऑ साइड क विृ हो रही है, िजससे िसरदद, दमा, अ थमा आिद रोग हो रहे ह। 1.4 वै ािनक खोज म भारतीय एवं िवदेशी वै ािनक का योगदान सीमा ने अपनी िशि का से अनुरोध िकया िक मुझे उन वै ािनक क खोज के बारे म जानने क बड़ी उ सुकता है, िज ह ने मह वपणू खोज क ह। िशि का ने उसे बताया िक ाचीनकाल से ही भारतीय ने वै ािनक खोज के े म नेत ृ व िकया है। ाचीन भारतीय वै ािनक चरक ने जड़ी बिू टय के औषधीय गुण के ारा रोग के उपचार क िविध का िवकास िकया तथा सु ुत ने श य िचिक सा के े म मह वपण ू योगदान िदया। आयभ ने पाई (∏) का मान तथा ीधराचाय वग समीकरण का हल देने वाले थम गिणत थे। आधुिनक वै ािनक खोज म भारतीय एवं अ य देश के वै ािनक एवं उनक खोज को तािलका 1.2 और 1.3 के मा यम से दशाया गया है - 11 भारतीय वै ािनक एवं उनका योगदान - तािलका 1.2 िच 1.3 भारतीय वै ािनक 12 िवदेशी वै ािनक एवं उनका योगदान- तािलका 1.3 िच 1.4 िवदेशी वै ािनक कुछ और भी जान भारतीय एवं िवदेशी वै ािनक िज ह नोबल ु परु कार से स मािनत िकया गया - सर. सी. वी. रमन, हर गोिव द खुराना, सु यम च शेखर, अ बट आइं टीन, मैडम यरू ी, अले जडर लेिमंग आिद भारतीय अंत र अनस ु ंधान सं थान (ISRO) - भारत म अ त र अ वेषण तथा 13 अ तर ौ ोिगक के िवकास एवं उसके अनु योग का काय भारतीय अ त र अनुसंधान सं थान (Indian Space Research Organisation) ारा िकया जाता है। इसे सं ेप म इसरो (ISRO) भी कहते ह। इसक थापना 15 अग त 1969 को हयी थी। इसरो का मु यालय बंगलु म है। यहाँ कृि म उप ह को िडजाइन करके िनमाण िकया जाता है। कृि म उप ह भी प ृ वी क पिनाâमा करते ह। कृि म उप ह अ त र म कुछ मुख उ े य के िलए ेिपत िकये जाते ह, िजनम दूरसंचार, मौसम िवभाग स ब धी अ ययन, आपदा बंधन, नौवहन और समिपत दूर थ िश ा संबंधी उप ह आिद मुख ह। हमने सीखा दैिनक जीवन म िव ान क देन ने जीवन को सरल व सुखमय बनाया है। िविभ न े म िव ान के योगदान से िवकास स भव हो सका है। िव ान क खोज एवं आिव कार का दु पयोग भी हो रहा है। परमाणु बम, हाइ ोजन बम, ेपा आिद का िनमाण हआ है। िव ान क गित के फल व प वाहन , क टनाशक दवाओं के उ पादन आिद म अ यिधक विृ हई है। िजससे बढ़ती जनसं या क माँग क आपिू त तो हई, पर तु इससे पयावरण असंतुिलत और दूिषत हो रहा है और मानव जीवन संकटमय होता जा रहा है। अ यास 1. सहीिववक प छाँटकर अपनी अ यास पिु तका म िलिखए। क. गु वाकषण का िस ा त िदया है - (i) वो टा ने (ii) यटू न ने (iii) सी. वी. रमन ने (iv) एस. एन. बोस ने 14 ख. वै ािनक िविध का चरण नह है - (i) िज ासा (ii) परी ण (iii) िस ा त (iv) िनरी ण ग. भारतीय वै ािनक ह - (i) एडीसन (ii) मैडम यरू ी (iii) गैिलिलयो (iv) हरगोिव द खुराना घ. ओजोन पत म िछ का कारण है - (i) जल दूषण (ii) विन दूषण (iii) वायु दूषण (iv) इनम से कोई नह 2. िन निलिखत के उ र दीिजए - क. दो भारतीय और दो िवदेशी वै ािनक के नाम िलिखए। ख. िव ान के दु पयोग से होने वाली िक ह दो सम याओं को िलिखए। 3. िन निलिखत म त भ (क) व त भ (ख) से िमलान क िजए - त भ (क) त भ (ख) क. ए.पी.जे.अ दुल कलाम अ. दूरबीन ख. मैडम यरू ी ब. ेपणशा 15 ग. वो टा स. िव त ु सेल घ. माइकल फै राडे द. रे िडयम ङ. गैिलिलयो य. डायनमो 4. र थान क पूित क िजए - क................ एक दूर थ शै िणक उप ह है। ख................ वायु यातायात का साधन है। ग. यू रया के अ यिधक उपयोग से.............. दूषण होता है। घ................ ाचीन काल म महान श य िचिक सक थे। ङ............. और........ पर परमाणु बम िगराया गया था। 5. िन निलिखत के उ र एक श द म दीिजए - क. दूर देश क घटनाओं क सिच जानकारी देने वाला साधन का नाम िलिखए? ु ब ब के आिव कारक ? ख. िव त 6. िक ह दो अ त र वै ािनक के नाम िलिखए। 7. िचिक सा के े म वतमान म या गित हई है। 8. वतमान समय म संचार मा यम के साधन या- या ह। 16 ोजे ट काय भारतीय एवं िवदेशी वै ािनक क फोटो को एक करके उनके योगदान को अपनी अ यास पुि तका म िलिखए। आप के िवचार से िव ान के दु पयोग से होने वाली सम याएँ या ह, अपनी अ यास पुि तका म िलख् back 17 इकाई 2 पदाथ एवं पदाथ के समूह पदाथ के वग करण क आव यकता एवं इसका आधार िविभ न ल ण के आधार पर व तओ ु ं का वग करण अणु एवं परमाणु का संि प रचय आप अपने कूल, घर तथा आस-पास अनेक व तुएँ देखते ह िजनका आप दैिनक जीवन म उपयोग करते ह। जैसे - त त, कुस , खुरपी, हवा, पेड़-पौधे आिद। इनम से कुछ व तुएँ मनु य ारा बनाई गई ह और कुछ कृित म पायी जाती ह। ये सभी पदाथ से िमलकर बनी होती है। हमारे आस-पास क सभी व तुएँ िजनम भार होता है, जो थान घेरती ह तथा िजसका ानेि य ारा अहसास िकया जा सकता है, पदाथ कहलाती ह। अत: येक पदाथ थान घेरता है तथा उसम भार होता है। आइए ितिदन उपयोग होने वाली कुछ िनज व व तुओ ं को अपने प रवेश से एक कर। इस एकि त सं ह म हमारे पास हो सकता है बा टी, खुरपी, थाली, पिहया आिद। इन व तुओ ं को यान से देिखये तथा येक व तु िजन-िजन पदाथ से बनी है उनको पहचानने का यास क िजए। बा टी, लाि टक और लोहे से बनी है। खुरपी लोहे एवं लकड़ी से बनी है। हम देखते ह िक कोई व तु एक ही पदाथ से बनी होती है तथा ऐसा भी होता है िक एक ही व तु कई पदाथ से बनी हो सकती है। िजस काय के िलए हम व तु बनानी होती है उसी के अनुसार हम पदाथ को भी चुनते ह, जैसे िगलास, काँच अथवा टील (धातु) के बनाये जा सकते ह। ि या कलाप 1 18 िच 2.1 हमारे चार ओर िदखने वाली व तएु ँ एक पदाथ से कई व तुएँ बनाई जाती ह। तािलका 2.1 को पू रत क िजए। तािलका 2.1.सं पदाथ व तु 1. लोहा पच, क ल, बतन, औजार 2. लकड़ी............................. 3. काँच............................. 4. िम ी............................. इसी कार एक व तु के बनाने म कई कार के पदाथ का उपयोग होता है। 19 तािलका 2.2 को पू रत क िजए। तािलका 2.2.सं व तु पदाथ 1. खुरपी लोहा, लकड़ी 2. च मा................. 3. शट................. 4. छाता.................. सोिचये और बताइए या होगा अगर हथौड़ी काँच क बनाई जाय या िगलास कपड़े से बनाया जाए ? या होगा अगर क ल और ू मोम के बनाये जाय ? या लोहे का गु बारा बन सकता है ? 2.1. पदाथ के वग करण क आव यकता एवं आधार आप अपने पास पड़ोस क बहत सी व तुएँ देख रहे ह। हर एक व तु अपने-अपने गुणो और उपयोिगता के आधार पर एक दूसरे से अलग ह। इन व तुओ ं के अलग - अलग होते हए भी या इनम कोई समानता िदखाई देती है? िकसी व तु क पहचान इसके आकार, बनावट, रं ग, उपयोग आिद के आधार पर क जाती है। जब हम व तुओ ं को उनके िवशेष गुण , उपयोग आिद के आधार पर अलग- अलग समहू म रखते ह तब उनक पहचान आसानी से क जा सकती है। व तुओ ं को उनके सामा य ल ण के आधार पर अलग-अलग समहू म यवि थत करने क ि या को वग करण कहते ह। पदाथ क बा संरचना के आधार पर वग करण भौितक वग करण कहलाता है तथा आ त रक संरचना के आधार पर वग करण रासायिनक वग करण 20 कहलाता है। भौितक वग करण के अ तगत पदाथ को ठोस, व व गैस म िवभािजत िकया जा सकता है। रासायिनक वग करण के अ तगत पदाथ को त व, यौिगक एवं िम ण म िवभािजत करते ह। 2.2 िविभ न ल ण के आधार पर वग करण पदाथ क अव थाओ ं के आधार पर आपने ना रयल का तेल देखा होगा। जाड़े के मौसम म यह बतन म ठोस के प म जम जाता है वह गम म तरल ( व) प म हो जाता है। मोम ठोस प म है, गम करने पर व अव था म प रवितत हो जाती है। यिद हम व मोम को गम करते जाय तो वह मोम क वा प बनकर उड़ जाता है। जल को दैिनक जीवन म हम बफ (ठोस), जल ( व), तथा जलवा प (गैस) के प म देखते ह। इस कार येक पदाथ क तीन भौितक अव थाएँ होती ह - ठोस, व तथा गैस। ठोस काँच क गोली को एक थैले से िनकालकर हाथ म ल, िफर िगलास म रख और देख िक या उसक बनावट एवं आकार म कोई प रवतन होता है ? काँच क गोली को थैले म ल, हाथ म ल अथवा िगलास म ल इसका आकार व आयतन िनि त होता है। इससे प है िक ठोस पदाथ का आकार व आयतन दोन िनि त होता है। ठोस पदाथ म कण (अणु) बहत पास-पास होते ह, इनम आपसी आकषण बल बहत अिधक होता है जो इ ह एक साथ बाँधे रखता है। ठोस पदाथ के कण अपने थान पर लगभग ि थर होते ह। इसी कारण इनक आकृित एवं आयतन दोन िनि त होते ह। (िच 2.2) व 21 एक लीटर के नपना बतन को परू ा पानी से भर। अब उस पानी को एक भगौने म उड़े ल। हम देखते ह िक जब नपने म था तब नपने के आकृित का िदखाई दे रहा था और जब उसे भगौने म उड़े ला गया तब उसक आकृित भगौने जैसे िदखायी देने लगी िक तु उसके आयतन म कोई प रवतन नह हआ। हम देखते ह िक िजस बतन म व रखा जाता है वह उसी का आकार ले लेता है। िक तु उसका आयतन िनि त रहता है। ठोस पदाथ क तुलना म व के अणु एक दूसरे से दूर-दूर होते ह। इनम आपसी आकषण बल ठोस क तुलना म कम होता है जो इ ह एक साथ बाँधे रखता है। इसी कारण व पदाथ क आकृित िनि त नह होती है। िक तु इनके कण का एक सीमा म बँधे होने के कारण इनका आयतन िनि त रहता है। (िच 2.2) गैस घर म जलती हई अगरब ी को देखा होगा। इनम से काले भरू े रं ग का धुआँ िनकलता है। इस धुएँ क बनावट एवं आयतन दोन िनि त नह होते ह। ये िजस थान पर रखे जाते ह उसी क बनावट और आयतन ा कर लेते ह। इस अव था को गैस कहते ह। गैसीय पदाथ म कण अपे ाकृत बहत दूर-दूर होते ह और इनम आपसी आकषण बल नह के बराबर होता है (िच 2.2)। अत: पदाथ क अव था के आधार पर, पदाथ को ठोस, व एवं गैस म वग कृत िकया जाता है। (िच 2.2) 22 ु नशीलता के आधार पर जल म घल काँच के अलग-अलग िगलास म नमक, रे त, श कर,चॉक पाउडर, लकड़ी के बुरादे क थोड़ी- थोड़ी मा ा ल। येक िगलास को पानी से आधा-आधा भर। कुछ समय तक िगलास को सावधानी से िहलाय। या देखते ह? नमक, श कर और चॉक पाउडर पानी म घुल जाते ह जबिक लकड़ी का बुरादा पानी म नह घुलता है। िकसी व (जैसे पानी) म घुलने वाले पदाथ को घुलनशील या िवलेय पदाथ कहते ह। इसी कार िकसी व जैसे पानी म न घुलने वाले पदाथ को अघुलनशील या अिवलेय पदाथ कहते ह। कुछ पदाथ ऐसे होते ह जो एक व म घुलनशील पर तु दूसरे म अघुलनशील ह, जैसे - नमक पानी म घुलनशील है िक तु िम ी के तेल म अघुलनशील है। इसी कार आप जल म घुलनशीलता के आधार पर पदाथ का वग करण कर सकते ह। जल के सापे भार के आधार पर कुछ पदाथ जल क अपे ा भारी तथा कुछ ह के होते ह। जो व तुएँ जल म सामा यतया तैरती ह वे जल से ह क तथा जो डूब जाती है वे जल से भारी होती ह। जल म कुछ पदाथ को डाल कर देख कौन तैरती ह तथा कौन डूबती ह - तािलका 2.3 23 इस कार जल के सापे भार के आधार पर पदाथ को ह का या भारी म वग कृत िकया जा सकता है। पारदिशता के आधार पर लकड़ी, काँच, तेल लगे कागज, पॉलीथीन आिद के छोटे-छोटे चौकोर टुकड़ को एक करके इ ह एक-एक करके सय ू के काश क सीध म रख और अवलोकन कर िक या काश सभी व तुओ ं के आर-पार िनकल जाता है ? वे पदाथ िजनके आर-पार देखा जा सकता है पारदश कहलाते ह। पदाथ के इस गुण को पारदिशता कहते ह। जैसे - काँच, जल आिद। वे पदाथ िजनके आर-पार काश नह देखा जा सकता है, अपारदश कहलाते ह। जैसे - लकड़ी, कागज आिद। वे पदाथ िजनके ारा धँुधला या आंिशक प से आर-पार देखा जा सकता है वे पारभासी कहलाते ह। जैसे तेल लगा कागज, पट लगा काँच आिद। इस कार पारदिशता के आधार पर पदाथ को पारदश , अपारदश तथा पारभासी म वग कृत िकया जाता है। ि याकलाप 2 घर, पास-पड़ोस, तथा िव ालय म पाये जाने वाले अपारदश , पारदश , तथा पारभासी व तुओ ं को पहचान और उ ह िन निलिखत तािलका 2.4 म अंिकत कर - तािलका 2.4 24 कठोरता के आधार पर कुछ ठोस पदाथ जैसे - लोहा, लकड़ी, काँच के टुकड़े , ई, ऊन, रबर क गद, पंज आिद लीिजए। एक-एक करके इनको अँगुिलय से दबाएँ । कुछ पदाथ आसानी से दब जाते ह, ऐसे पदाथ को मुलायम पदाथ कहते ह। कुछ पदाथ अँगुिलय से दबाने पर नह दबते ह, इन पदाथ को कठोर पदाथ कहते ह। चु बक के सापे यवहार के आधार पर ि याकलाप 3 अपने ब ते म से पेन, पेि सल, परकार, रबर, चॉक आिद लं। इसके अित र लोहे क कुछ क ल, लकड़ी का बुरादा, चॉक पाउडर, लाि टक के बटन तथा आलिपन को िकसी कागज पर अलग-अलग रख। एक छड़-चु बक ल। येक व तु के पास बारी-बारी से चु बक को लाय। या देखते ह? अवलोकन को िन निलिखत तािलका म िलख। चु बक िजन पदाथ को िचपका लेता है अथात अपनी ओर आकिषत करता है वे चु बक य तथा िजन पदाथ को आकिषत नह करता है वे अचु बक य पदाथ कहलाते ह। चु बक लोहे से बनी व तुओ ं को अपनी ओर ख च लेता है। लोहे के अित र चु बक, िनिकल, कोबा ट जैसी अ य धातुओ ं से बनी व तुओ ं को भी अपनी ओर आकिषत कर लेता है। 25 तािलका 2.5 2.3 पदाथ के िनमाण क मौिलक इकाई चॉक अथवा कोयले का बड़ा टुकड़ा लीिजए। इसे पीटकर टुकड़ म िवभािजत कर ल। इसके हर टुकड़े म उस पदाथ के गुण िव मान ह। अब इसे इतना अिधक पीस िक यह पाउडर के प म आ जाय। अब इस पाउडर को िकसी महीन कपड़े से छान ल, छानने पर बहत महीन कण ा होते ह अथात छोटे कण भी अनेक अ यिधक छोटे कण से िमलकर बने ह। हम इसी कार के और अित सू म कण क क पना कर सकते ह। इस ि याकलाप से प है िक पदाथ वयं सू म कण से िमलकर बने होते ह िज ह अणु या परमाणु कहते ह। अणु पदाथ का वह सू मतम कण जो वत अव था म रह सकता है तथा उसम पदाथ के सभी गुण िव मान होते ह अणु कहलाता है। िकसी त व के सभी अणु एक समान होते ह तथा िभ न- िभ न त व के अणु गुण म िभ न-िभ न होते ह। 26 परमाणु िकसी पदाथ का वह सू मतम कण जो वत अव था म नह रह सकता पर तु रासायिनक अिभि या म भाग लेता है, परमाणु कहलाता है। अणु तथा परमाणु को न न आँख से देखना स भव नह है। परमाणु आपस म संयु होकर अणु का िनमाण करते ह। समान परमाणुओ ं के संयोग से त व के अणु बनते ह, जैसे - ऑ सीजन, हाइ ोजन । िभ न परमाणुओ ं के संयोग से यौिगक के अणु बनते ह, जैसे - जल, काबन डाइऑ साइड । अत: परमाणु िकसी पदाथ के िनमाण क मौिलक इकाई ह। इस बात को यान म रिखये िक ऐसे सू मतम कण क केवल क पना ही क जा सकती है। इनको देखना - िदखाना स भव नह है। सारे पदाथ अितसू म कण से बनते ह तभी इ ह पदाथ क संरचना क इकाई कहा जाता है। कुछ और भी जान परमाणु श द को यन ू ानी भाषा मे एटॉ स कहते ह िजसका अथ अिवभा य है। डॉ टन के परमाणु िस ा त के अनुसार त व अ य त सू म अिवभा य कण से बना होता है िज ह परमाणु कहते ह। इले ॉन, ोटॉन तथा यू ॉन क खोज के बाद परमाणु को िवभा य माना जाने लगा। आधुिनक परमाणु िस ा त के अनुसार परमाणु िवभा य है। इले ॉन, ोटॉन तथा यू ॉन को परमाणु का मल ू भतू कण भी कहते ह। परमाणु के अवयवी कण आवेश संकेत ोटॉन धनआवेश p इले ॉन ऋणआवेश e 27 यू ॉन उदासीन n हमने सीखा येक पदाथ थान घेरता है तथा उसम भार होता है। पदाथ का वग करण उसके आकार, बनावट, रं ग, उपयोग आिद के आधार पर िकया जाता है। िकसी व तु को बनाने म एक ही पदाथ का योग हो सकता है अथवा व तु कई पदाथ से िमलकर भी बना हो सकता है। पदाथ का वग करण, िवलेयता, पारदिशता, कठोरता, चु बक व आिद के आधार पर िकया जा सकता है। अ यास 1. सही िवक प छांटकर अपनी उ र पिु तका म िलिखए- (क) वग करण आव यक होता है - (i) व तुओ ं को यवि थत रखने हे तु (ii) व तुओ ं एवं पदाथ के गुण को आसानी से समझने हे तु (iii) िव ालय के पु तकालय हे तु (iv) सभी हे तु (ख) िकसी व को गरम करने पर वह बदल जाता है - (i) ठोस म (ii) गैस म 28 (iii) जलवा प म (iv) अप रवितत रहता है। (ग) गैस को िकसी बतन म रखने पर वह - (i) उसक तली म बैठ जायेगी । (ii) उसम परू ी तरह से फै ल जायेगी । (iii) उसके केवल ऊपरी िह से म फै लेगी(iv) उसको खाली कर देगी । (घ) पदाथ क िनमाण इकाई है (i) परमाणु (ii) इले ॉन (iii) ोटॉन (iv) यू ॉन 2. र थान क पूित को क म िदये गये सही श द क सहायता से कर अपनी उ र पिु तका म िलिखए- (क) ठोस का आकार...................... होता है । (ख) अगरब ी क सुग ध................गुण के कारण कमरे म फै ल जाती है। (ग)............... पानी म घुल जाता है। (घ).............. पदाथ का वह सू मतम कण है जो वतं अव था म रह सकता है। 3.िलिखत के संि उ र अपनी उ र पिु तका म िलिखए। (क) पदाथ क तीन अव थाओं के नाम िलिखए। (ख) पदाथ क उस अव था का नाम िलख िजसम पदाथ का आयतन और आकृित दोन िनि त होते ह । 29 (ग) पदाथ के वग करण से या ता पय है ? (घ) पारभासी िकसे कहते ह ? 4. कारण बताइए- (क) व पदाथ क आकृित िनि त नह होती है । (ख) जल से भरा िगलास खाली िगलास क अपे ा भारी होता है । 5. िन निलिखत के उ र अपनी उ र पिु तका म िलिखए- (क) एक योग बताएं िजससे प होता है िक पदाथ थान घेरता है । (ख) िकसी पदाथ को ठोस अव था से व अव था तथा व अव था से ठोस अव था म कैसे बदला जा सकता है । (ग) ठोस, व और गैस म अ तर उदाहरण सिहत प क िजए। 6. पारदिशता के आधार पर पदाथ िकतने कार के होते है, उदाहरण सिहत िलिखए। े म पायी जाने वाली तीन-तीन कठोर व मल 7. प रे वश ु ं के नाम ु ायम व तओ िलाqखए। 8. चु बक िकन-िकन पदाथ से िनिमत व तओ ु ं को अपनी ओर आकिषत करता है? 30 9. अपने आस-पास िदखायी देने वाली व तओ ु ं को पारदश , अपारदश तथा पारभासी म िचि r कर उनक सूची बनाइए। 10. पदाथ का वग करण य आव यक है। इस स ब ध म अपने िवचार िलिखए। ोजे ट काय 1 प रवेश के कुछ पदाथ को एक कर। उ ह पानी म घोल कर देख और उनसे पानी म घुलनशील एवं अघुलनशील पदाथ क पहचान क िजए । 2. पानी म न घुलने वाले पदाथ को अ य व जैसे - िम ी का तेल, पे ोल आिद म भी घोल कर देख और अपने े ण को नोट क रए। 3. अपने कपड़े पर लगे िचकनाई, याही तथा चाय के ध ब को साफ करने म पे ोल अथवा िम ी का तेल उपयोग करके देिखए। या होता है ? अपने अनुभव को नोट क रये। back 31 इकाई 3 पदाथ का पथ ृ करण त व, यौिगक एवं िम ण िम ण के कार पथृ करण क आव यकता पथ ृ करण क सामा य िविधयाँ शीला गम के मौसम म दोपहर म िव ालय से घर आती है। थोड़ी देर प ात् उसक माँ ने उसे मीठा शबत िदया िजसे पीकर उसे राहत िमलती है और वह पुन: अपने काय म जुट जाती है। या आपने कभी शबत बनते हए देखा है ? सामा यत: शबत बनाने के िलए पानी म चीनी, न बू का रस एवं बफ के टुकड़े डालते ह तथा िमि त अवयव को च मच से घोल लेते ह। हम कह सकते ह िक पानी, चीनी, नीबू का रस एवं बफ के टुकड़ से बना शबत एक िम ण है। िम ण वे पदाथ ह, िजनम दो या दो से अिधक पदाथ िकसी भी अनप ु ात म िमले होते ह। हम दैिनक जीवन म बहत सी ऐसी व तुओ ं का योग करते ह जो िम ण ह। आइए िन निलिखत तािलका 3.1 के मा यम से कुछ िम ण के बारे म जान - तािलका 3.1.सं. िम ण अवयव 32 1. वायु ऑ सीजन, नाइ ोजन, काबन डाइऑ साइड एवं जलवा प 2. दूध जल, वसा, ोटीन, काब हाइ े ट एवं िवटािम स 3. समु ी जल जल एवं िवविभ न कार के लवण 4. आइस म दूध एवं श कर 5. सोडा वाटर खाने का सोडा, काबन डाइऑ साइड एवं जल का िम ण ि याकलाप 1 हमारे आसपास क बहत सी व तुएँ िजनका हम उपयोग करते ह, अलग-अलग पदाथ का िम ण होती ह। नीचे तािलका 3.2 दी गई है, उसे पू रत क िजए - उपयु तािलका से प है िक िम ण दो या दो से अिधक पदाथ से िमलकर बने होते ह। िम ण म िमि त अवयव के सभी गुण पाए जाते ह। जैसे - नीबू के शबत म, श कर क िमठास तथा नीबू के ख ेपन का वाद होता है। तािलका 3.2.सं. िम ण अवयव 1. चाय............................ 2. िखचड़ी............................ 3. बेसन का लड्डू........................... 4. पराठा............................ 33 5. खोए क बफ............................ 3.1 शु पदाथ शु पदाथ म केवल एक ही कार का पदाथ पाया जाता है एवं इनके कण समान होते ह। जैसे - सोना, चाँदी, लोहा, ताँबा, नमक एवं श कर आिद। यहाँ हम देखते ह िक श कर के सभी कण समान होते ह, इसी कार नमक के भी सभी कण समान होते ह पर तु नमक एवं श कर के कण एक-दूसरे से िभ न होते ह। शु पदाथ क अपनी िवशेषताएँ होती ह। शु पदाथ भी त व एवं यौिगक म बँटे होते ह। आइए गुण के आधार पर िन निलिखत तािलका 3.3 के मा यम से शु पदाथ एवं िम ण म अ तर को समझते ह - तािलका 3.3 34 3.2 त व एवं यौिगक (Element and Compound) त व के अणुओ ं म केवल एक कार के परमाणु होते ह, जैसे - लोहा, ताँबा, चाँदी, सोना, ऑ सीजन, नाइ ोजन आिद। एक ही त व के एक या एक से अिधक समान कार के परमाणु िमलकर उसी त व का एक अणु बनाते ह। त व एवं उनसे िमलकर बने अणुओ ं का गुण समान होता है। यौिगक के अणु दो या दो से अिधक िविभ न कार के परमाणुओ ं से िमलकर बने होते ह। जैसे - जल का एक अणु, हाइ ोजन के दो परमाणु तथा ऑ सीजन के एक परमाणु से िमलकर बना है। यौिगक के गुण उनके अवयवी त व के गुण से सवथा िभ न होते ह, जैसे - सामा य ताप पर हाइ ोजन एवं ऑ सीजन गैस ह जबिक उनसे िमलकर बना जल व है। 3.3 िम ण के कार िम ण दो कार के होते ह - 1. समांगी िम ण 2. िवषमांगी िम ण 1. समांगी िम ण (Homogeneous Mixture) एक िगलास ल। उसके आधे भाग तक पानी भर। उसम थोड़ी मा ा म चीनी घोल। भली कार घोलने के प ात् उसका िनरी ण कर। या जल म चीनी िदखाई देती है ? नह । ऐसे िम ण िजनम दो या दो से अिधक अवयव उपि थत रहते ह, िक तु उ ह अलग-अलग नह देखा जा सकता है, समांगी िम ण कहलाते ह और िम ण के सभी अवयव समान प से िवत रत होते ह। 35 2. िवषमांगी िम ण (Heterogeneous Mixture) एक कागज पर थोड़ी बालू एवं लोहे क छीलन को िमलाकर रिखए। आप िनरी ण क िजए िक या बालू एवं लोहे क छीलन अलग-अलग िदखाई देता है ? हाँ। ऐसे ठोस अथवा व पदाथ के िम ण, िजनम उनके अवयवी पदाथ को सामा यत: अलग-अलग देखा जा सकता है, िवषमांगी िम ण कहलाते ह। इस कार के िम ण म सभी घटक समान प से िवत रत नह होते ह। 3.4 िम ण के गण ु िम ण के सामा य गुण इस कार ह - िम ण म घटक (अवयव) िकसी भी अनुपात म िमले होते ह िम ण मे घटक के अपने गुण िव मान रहते ह िम ण से उनके घटक को पथ ृ क िकया जा सकता है। 3.5 िम ण के िविभ न अवयव के पथ ृ करण क आव यकता ब च , शु ता जीवन क आव यकता है। दैिनक जीवन म िम ण से शु व तु ा करने एवं अवांछनीय, अनुपयोगी एवं हािनकारक अवयव को दूर करना आव यक है। कई बार पथ ृ क िकए गए अवयव लाभकारी एवं उपयोगी भी हो सकते ह। नीचे दी गई तािलका 3.4 म िम ण के पथ ृ करण क आव यकता से स बि धत जानकारी दी गई है। तािलका 3.4 36 3.6 पथ ृ करण का आधार एवं पथ ृ करण क िविधयाँ िम ण से उनके अवयव को पथ ृ क करने क ि या को पथ ृ करण कहते ह। पथ ृ करण क ि या म िम ण के एक घटक के उस गुण का उपयोग िकया जाता है जो दूसरे घटक म न हो। िम ण से उनके अवयव को पथ ृ क करने के िलए िमि त अवयव क िवलेयता, चु बक के ित आकषण, भार, घन व, आकृित, आकार एवं रं ग आिद गुण को आधार मानकर िन निलिखत िविधय का योग िकया जाता है - 1. ठोस पदाथ को ठोस से पथ ृ क करना फटकना और ओसाना (Winnowing) आपने घर म अपनी माँ को सपू से गेहँ एवं चावल को फटक कर साफ करते हए देखा होगा। इस िविध ारा वे सपू से अनाज म िमली ह क अशुि य को अलग करती ह। पथ ृ क करने क इस 37 िविध को फटकना कहते ह। वे ऐसा य करती है? इस िविध ारा िम ण के ह के ठोस घटक को उनके भारी ठोस घटक से पथ ृ क िकया जाता है । खिलहान म िकसान को वायु क सहायता से गेहँ को साफ करते देखा होगा। िकसान भस ू ा यु अनाज को ऊँचे थान पर खड़ा होकर िगराता है । िजससे भारी गेहँ के कण उसके पास िगरते जाते हैa और ह का भस ू ा हवा से उड़कर दूर एकि त हो जाता है । पथ ृ करण क इस िविध को ओसाना कहते ह। (िच 3.1) िच 3.1 ओसाना िे शंग (Threshing) आपने खेत अथवा खिलहान म तुअर (अरहर), धान के सख ू े पौधे के ग र या ढे र देखे ह गे। पौधे से अनाज अलग करने के पहले पौध को धपू म सुखाया जाता है। इस िविध म अनाज के कण को अलग-अलग करने के िलए पौध को प थर या लकड़ी के पटर पर पीटते ह (िच 3.2)। अ न कण को पके हए पौध से अलग करने क ि या को ेिशंग कहते ह। अिधकांश े म अ न कण को पथ ृ क करने के िलए ेिशंग मशीन का भी उपयोग िकया जाता है। िच 3.2 िे शंग बीनना (Hand Picking) 38 इस िविध का उपयोग हम दाल, चावल, गहँ आिद से अशुि य को दूर करने के िलए करते ह। इसम अशुि य क मा ा ाय: बहत अिधक नह होती। हम ितिदन घर म चावल अथवा दाल को पकाने से पहले इ ह बीनते हए देखते ह । चावल अथवा दाल म कुछ अनुपयोगी पदाथ जैसे कंकड़, िम ी आिद िमले होते ह जो चावल अथवा दाल क आकृित, आकार अथवा रं ग से िभ न होते ह। अत: इ ह हाथ से बीन कर (िच 3.3) पथ ृ क कर िलया जाता है। इस ि या को बीनना कहते ह। िच 3.3 बीनना चालना (Sieving) दैिनक ि याकलाप म आपने आटे से रोटी बनते देखी होगी। रोटी बनाने के िलए चलनी से आटा चालते हए भी अव य देखा होगा। चलनी से आटा चालने पर चलनी म या रह जाता है ? चोकर (भसू ी) रह जाता है। इसी कार आपने मकान बनाते समय जाली से बालू को चालते हए देखा होगा। इस ि या म महीन बालू चाल कर अलग कर दी जाती है और कंकड़, प थर जाली म ही रह जाते ह । यह ि या ही चालना है (िच 3.4)। इस ि या म िभ न-िभ न आकार के घटक को पथ ृ क करने के िलए िविभ न आकार एवं आकृित के िछ वाले चलना योग म लाये जाते ह। 39 िच 3.4 चालना ऊ वपातन (Sublimation) हम ऊनी कपड़ क सुर ा के िलए उनम सफै द रं ग क गोिलयाँ (नै थेलीन) रखते ह। कुछ महीन बाद गोली छोटी हो जाती है या गायब हो जाती है। ऐसा य होता है ? य िक नै थेलीन सामा य ताप पर वा पीकृत हो जाती है। ि याकलाप 2 काँच क याली म कपरू और साधारण नमक का िम ण ल । अब एक क प िजसम िफ टर-प लगा हो, को िच 3.5 क भाँित इस पर उलट कर रख। क प क पतली नली के िसरे पर थोड़ी भीगी ई रख। पानी से भीगी ई क प के बाहरी भाग म लपेट द। अब याली को िच क भांित रख कर तब तक गरम कर जब तक िम ण से धुआँ न उठने लगे। आप या देखते ह ? यह धुआँ क प के ठं डे भाग तक प हँचने पर िफर से ठोस कपरू म प रवितत हो जाता है। इस कार कपरू िम ण से पथ ृ क हो जाता है। इस ि या को िजसम ठोस पदाथ गरम करने पर िबना िवत हये ही सीधे वा प म बदल जाते ह और ठ डा होने पर वा प सीधे ठोस पदाथ म बदल जाते ह, ऊ वपातन कहते ह । आयोडीन, नौसादर और नै थलीन को भी अ य िम ण से इसी िविध ारा पथ ृ क िकया जाता है। िवशेष : यह योग िश क अपनी उपि थित म ही कराएँ । 40 िच 3.5 ऊ वपातन 2. अघल ु नशील ठोस पदाथ को व से पथ ृ क करना तलछटीकरण और िनथारना (Sedimentation and Decantation) ि याकलाप 3 एक बीकर या िगलास म पानी लीिजए। उसम थोड़ी बालू िमलाय। अब इसे थोड़ी देर के िलए रखा रहने द । हम देखते ह िक बालू बीकर म नीचे बैठ जाती है और पानी ऊपर आ जाता है । अब 41 एक छड़ के सहारे , िच 3.6 क भांित, बीकर के पानी को दूसरे बीकर या िगलास म अलग कर लीिजए। इस कार बालू और पानी के िम ण से बालू को अलग करना तलछटीकरण और पानी को पथ ृ क करना िनथारना कहलाता है । तलछटीकरण अथवा िनथारने क ि या ारा ठोस तथा व के उ ह िम ण के घटक को पथृ क िकया जा सकता है जो व म अघुलनशील ह तथा भारी होने के कारण उसक पदी म बैठ जाते ह । अिवलेय ठोस पदाथ के पदी म बैठने को तलछटीकरण या अवसादन कहते ह। िच 3.6 िनथारना छानना (Filteration) साधारणतया फल तथा सि जय के रस को पीने से पहले उनसे बीज तथा ठोस गदू ी को पथ ृ क िकया जाता है। इसके िलए छानने क िविध का योग करते ह। घर म चाय को आपने अव य छाना होगा। व म अघुलनशील पदाथ के िम ण के घटक को छानकर पथ ृ क िकया जा सकता है। (िच 3.7) छानना-प (Filter Paper) 42 छानना-प (सो ता प ) गोल आकार का कागज का बना होता है इसम अ य त छोटे छोटे िछ होते ह। इससे हम छोटे कण को व से छानकर पथ ृ क करते ह। िच 3.7छानना ि याकलाप 4 एक छानना प ल । उसे ितकोनी आकृित म मोड़ कर एक फनल म लगाय । फनल के नीचे एक बीकर रख। अब एक दूसरे बीकर या िगलास म िम ी िमला हआ गंदा पानी लेकर उसे धीरे - धीरे फनल म डाल। हम देखते है िक साफ पानी फनल से िनकल कर बीकर म एक होता है । यह ि या भी छानना ही है। यहाँ िम ण म से सू म आकार के अघुलनशील पदाथ को पथ ृ क करने के िलए सू म िछ वाला छ ना कागज (िफ टर पेपर) उपयोग िकया गया। अत: छ ने का चयन िम ण के कण के आकार के अनुसार िकया जाता है। अपके ण (Centrigugation) या आपने घर म दही को मथनी से फट कर म खन और छाछ को पथ ृ क करते अथवा डे यरी म दूध से म खन को पथ ृ क करते देखा है। दूध म िचकनाई ( म) के ह के कण िनलंिबत होते ह। दूध को िकसी बड़े बतन म लेकर मथनी ारा ती गित से घुमाया जाता है। िजससे िचकनाई के ह के कण भारी कण से पथ ृ क हो जाते ह इस म को अपके ण कहते ह (िच 43 3.8)। दूध के भारी कण तली क ओर आ जाते ह। ह के कण (म खन) बतन म ऊपर आ जाते ह िज ह पथृ क कर िलया जाता है । िच 3.8 अपके ण 3. घुलनशील ठोस पदाथ को व से पथ ृ क करना ृ क करने के िलए वा पन िविध का उपयोग िकया जाता है। घुलनशील ठोस पदाथ को व से पथ वा पन िविध (Evaporation) लगभग आधा मग पानी लेकर उसम थोड़ा नमक घोल। इस पानी को गम क िजए। आप देखते ह िक थोड़ी देर बाद बीकर का सारा पानी वा प बनकर उड़ जाता है और बीकर म नमक शेष रह जाता है।िकसी व का वा प मे प रवितत होना वा पन कहलाता है तथा यह ि या वा पीकरण कहलाती है। यह ि या येक ताप पर िनर तर होती रहती है। इसी िविध ारा समु से नमक ा िकया जाता है। आसवन िविध (Distillation) एक धातु क लेट लीिजए िजस पर कुछ बफ रखी हो। लेट को केतली क ट टी के ठीक ऊपर पक़िडए। गम करने पर केतली का सारा पानी भाप म बदल जाता है, जब भाप बफ से ठं डी क गई लेट के स पक म आती है तो वह व जल बन जाती है। यह व बँदू -बँदू बनकर बीकर म इक ी हो जाती है। भाप के व म प रवितत होने क ि या को संघनन कहते ह (िच 3.9)। 44 िच 3.9 वा पन तथा संघनन िकसी िवलयन से वा पीकरण और संघनन िविध ारा शु व को ा करने क ि या को आसवन कहते ह। ि टलीकरण (Crystallization) एक बीकर म आधे भाग से अिधक पानी भर। इसम िफटकरी को तब तक घोलते जाय जब तक िक पानी म िफटकरी का घुलना ब द न हो जाये, ऐसे िवलयन को संत ृ िवलयन कहते ह। इस घोल को गरम कर। गरम करने पर िफटकरी क जल म िवलेयता बढ़ जाती है, अथात् िफटकरी क कुछ और मा ा जल म घुल जाती है। अब इस घोल को िबना िहलाये ठं डा कर। कुछ घंट बाद िफटकरी के शु ि टल ा हो जाते ह। इस ि या कोि टलीकरण कहते ह । 4. दो अिम णीय व को पथ ृ क करना ि याकलाप 5 पानी और िम ी के तेल का िम ण ल। इस िम ण को पथ ृ कारी क प म डाल और िहला कर ि थर होने द (िच 3.10)। या देखते ह ? क प म दो पथ ृ क पत िदखाई पड़ती ह। दोन पत 45 को पहचान। कौन सी पत ऊपर है ? िम ी का तेल पानी से ह का होता है, इसिलए यह पानी के ऊपर रहता है। अब पथ ृ कारी क प क टॉप-कॉक को खोल और िनचली पत म एक व को एक बीकर म िनकाल कर एक कर। एक िकया व पानी है। क प म बचा व िम ी का तेल है । आप देखगे िक केवल एक या दो बँदू पानी ही िम ी के तेल म शेष बचा रहता है, बाक पानी िम ी के तेल से पथ ृ क कर िलया जाता है। िच 3.10 पथ ृ कारी क प ारा पथ ृ करण चु बक य पथ ृ करण िविध ि याकलाप 6 एक लेट म लकड़ी का बुरादा, लोहे क क ल, सुई ल। एक चु बक को लेट के पास ले जाएँ । आप या देखते ह? 46 चु बक म लोहे क क ल व सुई िचपक जाते ह। इ ह एक अलग लेट म एकि त कर लेते ह। लकड़ी का बुरादा उसी लेट म रह जाता है। इस कार लोहे क व तुएँ पथ ृ क कर ली जाती ह। पथ ृ करण क यह िविध चु बक य पथ ृ करण कहलाती है। (िच 3.11) चु बक य पथृ करण िविध ारा बड़े-बड़े कारखान म र ी िम ण से लोहे के अवयव को पथृ क कर लेते ह। 3.7 ोमैटो ाफ (Chromatography) ाय: अपने आस-पास िविभ न रं ग क व तुएँ िदखाई देती ह। हम तीत होता है िक जो रं ग िदखाई दे रहा है वही उसका मल ू रं ग है। या आप जानते ह याही का िदखाई देने वाला नीला रं ग िकन रं ग से िमलकर बना है। 47 हम कैसे पता लगायगे िक नीला रं ग, कई रं ग से िमलकर बना है। हम ोमैटो ाफ िविध ारा इसक जानकारी कर सकते ह। ि याकलाप - 7 एक सफै द खड़ी चाक ल। चॉक के नीचे वाले िह से से थोड़ा ऊपर ॉपर से बँदू -बँदू याही डालकर चार ओर एक लाइन बनाएँ । एक लेट म थोड़ा पानी लेकर उसम चॉक का चौड़ा वाला िह सा रख। यान रख - जल तर, याही लगी िनशान के नीचे ही रहे । कुछ देर प ात िनरी ण कर - या चॉक जल सोख रहा है ? या याही के रं ग म कोई प रवतन िदखाई दे रहा है ? या कई रं ग क प याँ चॉक पर िदखाई दे रही ह ? चॉक म नीली याही के अित र और रं ग कहाँ से आया ? नोट : चॉक के ऊपरी सतह तक जल के अवशोषण िकए जाने के पूव ही चॉक पानी (जल) से बाहर िनकाल ल। आपने चॉक के िनचले सतह से ऊपरी सतह तक रं ग के पैटन म या अ तर देखा ? अपनी अ यास पुि तका (कॉपी) म चॉक पर िदखने वाले रं ग क प य का िच बनाएँ । हम देखते ह िक याही म केवल एक नीला रं ग िदखाई देता है पर तु वा तिवकता म यह याही कई रं ग से िमलकर बनी होती है। रं ग के पथ ृ करण क यह िविध ोमैटो ाफ िविध कहलाती है। 48 िच 3.12 ोमैटो ाफ हमने सीखा शु पदाथ म केवल एक ही कार का पदाथ पाया जाता है। शु पदाथ, त व एवं यौिगक म बँटा होता है। त व के अणओ ु ं म केवल एक कार के परमाणु होते ह। यौिगक के अणु दो या दो से अिधक िविभ न कार के परमाणओ ु ं से िमलकर बने होते ह। िम ण वे पदाथ है िजनम दो या दो से अिधक पदाथ िकसी भी अनप ु ात म िमले होते ह। अनाज से कंकड़-प थर को बीनना िविध ारा पथ ृ क करते ह। गेहँ से भूसा पथ ृ क करने म फटकना या ओसाना िविध का योग करते ह। व म अघल ु नशील ठोस पदाथ को तलछटीकरण एवं िनथारना, छानना एवं अपके ण िविध ारा पथ ृ क करते ह। व म घल ु नशील ठोस पदाथ को पथ ृ क करने म वा पन, आसवन एवंि टलीकरण िविधय ारा पथ ृ क करते ह। दो अिम णीय व को पथ ृ कारी क प ारा पथ ृ क करते ह। रं ग म पाए जाने वाले िविभ न अवयव को पथ ृ क करने म ोमैटो ाफ िविध का योग करते ह। अ यास 49 1. सही िवक प को छाँटकर अपनी अ यास पिु तका म िलिखए। (क) शु पदाथ वे पदाथ ह (i) जो खाने म शु ह । ृ क िकया जा सके। (ii) िज ह छानकर और वाि पत कर पथ (iii) िजसम सभी अणु समान कृित के ह । (iv) जो िविभ न त व के िम ण ह । (ख) वायु है - (i) शु पदाथ (ii) समांगी िम ण (iii) िवषमांगी िम ण (iv) ऑ सीजन और नाइ ोजन का यौिगक (ग) बालू और लोहे क छीलन को पथ ृ क िकया जाता है - (i) बीन कर (ii) चु बक य पथ ृ करण ारा (iii) फटक कर (iv) चाल कर 2. को क म िदए गए उिचत श द क सहायता से र थान क पूित हेतु सही श द अपनी उ र पिु तका म िलिखए। (भाप, अपके ण, लोहे, वा पन,ऊ वपातन तथा जल ) (क).................... िविध दूध से म को पथ ृ क करने म उपयोग क जाती है । (ख) कपरू और साधारण नमक का िम ण...............िविध से पथ ृ क िकए जाते ह। 50 (ग)................. के छीलन को िकसी िम ण से चु बक ारा पथ ृ क िकया जाता है। (घ) नमक और पानी के िम ण से नमक.................. िविध ारा पथ ृ क िकया जाता है । (ङ) आसवन िविध ारा................से शु............... ा िकया जाता है । 3. िन निलिखत वा य म से स य और अस य को छांट कर अलग-अलग अपनी अ यास पिु तका म िलिखए। (क) निदय के जल के तलछटीकरण और छानने के बाद पीने का पानी ा होता है। (ख) चावल के कण महीन छे द वाली चलनी से छान कर पथ ृ क कर िलए जाते ह। (ग) समु जल को वाि पत करके नमक ा िकया जाता है। (घ) शु पदाथ समांगी पदाथ ह िजसम केवल एक कार के ही अणु होते ह। (ङ) चीनी का शबत िवषमांगी िम ण है। (च) ोमैटो ाफ िविध ारा रं ग का िवभेदीकरण करते ह। 4. यिद िम ण म िदया गया अवयव िन नवत् गणु दिशत कर रहा है तो इसम पथृ करण क कौन सी िविध अपनाएँ गे - क. दूसरे अवयव से भारी हो। ख. दूसरे अवयव से बड़ा हो। ग. दूसरे अवयव से आकृित एवं रं ग म िभ न हो। घ. एक पानी म घुलनशील, दूसरा अघुलनशील हो। 51 ङ. एक अवयव तैरता हो, दूसरा अवयव डूब गया हो। 5. चीनी के शरबत म लकड़ी के कोयले के कुछ छोटे टुकड़े िमल गये ह। इ ह आप कैसे पथ ृ क करगे? े म उ र दीिजए - 6. सं प (क) शु और अशु पदाथ म या अ तर है ? (ख) समांगी और िवषमांगी िम ण िकसे कहते ह ? (ग) दो शु पदाथ के नाम बताइये । 7. अपनी अ यास-पिु तका म घर म योग क जाने वाली िम ण से पथ ृ करण क िकसी िविध का नामांिकत िच बनाइए। 8. ोमैटो ाफ िविध का योग हम कहाँ-कहाँ पर कर सकते ह ? ोजे ट अपने आस-पास दूध क डे री-फाम म जाइए एवं रपोट (आ या) बनाइए िक दूध से म कैसे बनाते ह ? back 52 इकाई 4 पास-पड़ोस म होने वाले प रवतन प रवतन के कार प रवतन म होने वाली आपसी िति याएँ प रवतन के िलये ऊजा क आव यकता हमारे चार ओर बहत से बदलाव होते रहते ह, कुछ बदलाव वत: या अपने आप होते रहते ह और कुछ मानव ि याकलाप ारा स प न होते ह। पौध का उगना, पि य का रं ग बदलना और सख ू कर पेड़ से िगर जाना, फूल का िखलना और मुरझाना, फल का पकना और पेड़ से िगर जाना, मौसम म बदलाव (जैसे जाड़ा, गम तथा बरसात) का होना, वत: ही स प न होने वाली ि याएँ ह। घर पर रसोई म गैस के चू हे को जलाना, दूध से पनीर बनाना, धपू ब ी एवं मोमब ी को जलाना, दीपावली म पटाखे व फुलझड़ी को जलाना आिद मानव कृ यि याएँ ह। उपरो उदाहरण म आपने देखा िक कुछ ि याओं म व तु क अव था बदल रही है जैसे दूध से दही व पनीर बनना, फूल का मुरझाना आिद। कुछ व तुओ ं के रं ग व गंध म बदलाव होता है तथा कुछ बदलाव कृित म वत: ही हो रहा है। अत: इन उदाहरण के आधार पर आप कह सकते ह िक ``व तु क अव था, आकार, रं ग, वाद एवं गंध तथा कृित म िनर तर होने वाले बदलाव को प रवतन कहते ह।'' 4.1 प रवतन के कार हमारे आस-पास कृित म कई कार के प रवतन होते ह। उ ह हम अलग-अलग नाम से 53 प रभािषत करते ह। प रवतन का वग करण िन निलिखत कार से िकया जा सकता है - 1. मंद एवं ती्ना प रवतन दूध म दही क अ प मा ा िमलाने से दही का बनना तथा दूध म नीबू का रस डालकर फाड़ना, दोन ि याओं म हम देखते ह िक दूध से दही बनने म अिधक समय लगता है जबिक दूध म नीबू का रस डालने पर दूध ज दी फट जाता है। जब िकसी प रवतन के स प न होने म अिधक समय लगता है तो इ ह धीमी या मंद गित से होने वाला प रवतन या मंद प रवतन कहते ह। िच 4.1 - मंद तथा ती्ना प रवतन जब िकसी प रवतन के स प न होने म कम समय लगता है तो उसे ते़ज गित से होने वाला प रवतन या ती प रवतन कहते ह। इसी कार के प रवतन को हम कुछ और उदाहरण ारा भी समझ सकते ह। जैसे - जल म नील घोलते ही िवलयन का रं ग नीला होना, मािचस का जलना, फूले गु बारे का फूटना आिद ती्ना गित से तथा नाखन ू का बढ़ना, ब च का बढ़ना, लोहे म जंग लगना व ात: काल सय ू का परू ब म उदय होकर सायंकाल पि म म अ त होना धीमी गित से होने वाले प रवतन है। ि याकलाप 1 तािलका म िदए गये प रवतन को मंद और ती्ना प रवतन म वग कृत क िजए - 54 तािलका 4.1 2. अनक ु ू ल तथा ितकूल प रवतन आपने देखा िक हमारे चार ओर होने वाले प रवतन म बहत अिधक िविवधता है। इसी के आधार पर इ ह उपयोगी और अनुपयोगी कहते ह। खाना पकाना, आम का पकना, केले का पकना, दूध से दही और दूध से पनीर बनना,कुछ उपयोगी प रवतन ह तथा रोटी म फ फँ ू द लगना, दूध का फटना, लोहे म जंग लगना आिद अनुपयोगी प रवतन है। उपयोगी तथा लाभदायक प रवतन अनकु ू ल प रवतन कहलाते ह। अनप ु योगी तथा हािनकारक प रवतन ितकूल प रवतन कहलाते ह। एक ही प रवतन कभी अनुकूल तो कभी ितकूल हो सकता है, जैसे फसल तैयार होते समय वषा का होना अनुकूल है पर तु फसल पक जाने पर बादल का बरसना ितकूल प रवतन है। 3. िनयिमत तथा अिनयिमत प रवतन हम जानते ह िक सिृ म कुछ प रवतन िनयिमत प से िनि त समय पर होते रहते ह, जैसे - ऋतुओ ं का बदलना, रात और िदन का होना आिद। कुछ प रवतन ऐसे होते ह िजनका कोई िनि त समय नह होता है और वे कभी भी हो सकते ह, जैसे वषा का होना, आँधी, तफ ू ान, बाढ़, सखू ा, भक ू प तथा सुनामी आिद का आना, वालामुखी का फूटना आिद। िनि त समय पर लगातार होते रहने वाले प रवतन िनयिमत प रवतन कहलाते ह। वे प रवतन िजनका समय िनि त नह होता है, अि