सामाजिक विज्ञान - कक्षा 6 - अध्याय 6 - इंडिया अर्थात भारत PDF
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इस दस्तावेज़ में भारत के इतिहास, भूगोल पर जानकारी है। इसमें भारत के प्राचीन नामों और प्रारंभिक काल से ही आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता, जो हिमालय और दो समुद्रों के बीच स्थापित है, के बारे में जानकारी दी गई है।
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5 अध्याय इडं िया, अर्थात भारत भारत में प्रारंिभक काल से ही आध्याित्मक और सांस्कृ तिक एकता स्थापित हो गई थी, जो हिमालय...
5 अध्याय इडं िया, अर्थात भारत भारत में प्रारंिभक काल से ही आध्याित्मक और सांस्कृ तिक एकता स्थापित हो गई थी, जो हिमालय और दो समद्ु रों के बीच इस महान मानवता की जीवनधारा का अभिन्न अंग बन गई। — श्री अरविंद चित्र 5.1 — 2,300 वर्ष पर्वू ग्रामीण भारत को दर्शाता एक दृश्य 5 – इडं िया, अर्थात भारत (महान साँची स्तूप का उत्तरी द्वार) महत्वपूर्ण 1. भारत को हम कै से परिभाषित कर सकते हैं? प्रश्न 2. भारत के कुछ प्राचीन नाम क्या थे? 75 Chapter 5.indd 75 05-09-2024 16:58:35 70° प०ू 75° प०ू 80° प०ू 85° प०ू 90° प०ू 40° उ० 40° उ० ु श हि 35° उ० 35° उ० द क ु ह ी मा सिधं ु नद नदी नदी ेझलम चेनाब ी दी लय ी नद ब्यास न राव दी जु न 30° उ० 30° उ० नदी सतल सरस्वती ी ु नद सिधं यम गगं नु ा ा नद नद ी ब्रह्मपुत्र नद ी ी ी नद ल गंगा नदी चबं 25° उ० 25° उ० नर्मदा नदी ताप्ती नदी महानद ी नदी 20° उ० 20° उ० गोद ाव र ी नद ी कृष्णा न दी बंगाल की खाड़ी 15° उ० 15° उ० अरब सागर समाज का अध्ययन : भारत और उसके आगे का वेर ी नद ी 10° उ० 10° उ० उ. अतीत के चित्रपट प. प.ू किलोमीटर 5° उ० 5° उ० द. 70° प०ू 75° प०ू 80° प०ू 85° प०ू 90° प०ू 76 चित्र 5.2 — भारतीय उपमहाद्वीप का भौतिक मानचित्र जिसमें कुछ नदियाँ प्रदर्शित हैं। Chapter 5.indd 76 05-09-2024 16:58:36 आज का भारत एक आधनु िक राष्ट्र है, जिसकी परिभाषित सीमाएँ, राज्य और ज्ञात जनसखं ्या है। हालाँकि यह 500, 2,000 या 5,000 वर्ष पर्वू बहुत अलग था। विश्व के इस भाग को हम प्राय: ‘भारतीय उपमहाद्वीप’ कहते हैं। इसके भिन्न-भिन्न नाम रहे हैं और इसकी सीमाएँ भी बदलती रही हैं। विभिन्न स्रोतों से हम भारत के अतीत और विकास के बारे में जान सकते हैं। आइए, पता करें । आइए विचार करें इस अध्याय के प्रारंभ में दिए गए भारतीय उपमहाद्वीप के भौतिक मानचित्र का अध्ययन कीजिए। वे कौन-कौन सी प्राकृ तिक सीमाएँ हैं जिसे आप समझ सकते हैं? इतिहास के इस क्रम में भारत को उसके निवासियों और विदेशों से आए आगंतक ु ों के निवासी द्वारा कई नामों से बल ु ाया जाता रहा है। ये नाम प्राचीन पसु ्तकों, यात्रियों और तीर्थयात्रियों वे लोग जो एक स्थान विशेष में के वृत्तांतों और शिलालेखों में मिलते हैं। रहते हैं। भारतीयों ने भारत नाम कै से दिया? ॠग्वेद भारत का सबसे प्राचीन ग्रंथ है। हम अध्याय 7 में देखगें े कि ी ं ु नद नदी नदी सिध यह हजारों वर्ष परु ाना है। म ेचनाब झेल नदी इस ग्रंथ में उपमहाद्वीप के ी नदी ब्यास राव उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र का सतल जु नद ी सरस्वती नदी नाम ‘सप्त सैंधव’ अर्थात गगं ा ी ‘सात नदियों की भमि ू ’ ु नद नदी सिधं यम नु ा है। ‘सैंधव’ शब्द सिधं ु से नद ी आया है जिसका आशय ल नदी चबं सिधं ु नदी या सामान्यत: 5 – इडं िया, अर्थात भारत एक नदी से है। समय बीतने के नर्मदा नदी ताप्ती नदी साथ ही हमें साहित्य में भारत के अन्य क्षेत्रों के नाम भी मिलने लगते हैं। चित्र 5.3 — भारतीय उपमहाद्वीप का उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र 77 Chapter 5.indd 77 12-09-2024 14:19:36 महाभारत, भारत के सबसे प्रसिद्ध ग्रंथों में से एक है (इसके बारे में हम ‘हमारी सांस्कृतिक विरासत तथा ज्ञान परंपराएँ’ अध्याय में पढ़ेंगे)। रोचक बात यह है कि इसमें अनेक क्षेत्रों को सचू ीबद्ध किया गया है, जैसे – काश्मीर (लगभग आज का कश्मीर), कुरूक्षेत्र (आज हरियाणा का भाग), वंग (बंगाल का भाग), प्राग्ज्योितष (कुछ-कुछ असम का भाग), कच्छ (आज का कच्छ) और के रल (लगभग आज का के रल) इत्यादि। आइए पता लगाएँ क्या आप पृष्ठ 79 पर मानचित्र (चित्र 5.4) में दिए गए कुछ क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं? आपने जिन क्षेत्रों के बारे में सनु ा हो, उनकी सचू ी बनाइए। वास्तव में हमें कब समचू े भारतीय उपमहाद्वीप के लिए एक नाम मिला? चकि ँू प्राचीन भारतीय ग्रंथों की तिथि निर्धारित करना कठिन है, अतः इस प्रश्न का उत्तर देना आसान नहीं है। महाभारत में ‘भारतवर्ष’ तथा ‘जम्बूद्वीप’ शब्द का प्रयोग किया गया है तथा विद्वान सामान्यत: इस बात से सहमत हैं कि सा.सं.प.ू की कुछ शताब्दियों पर्वू से यह महाकाव्य लिखा जाने लगा था। पहला शब्द ‘भारतवर्ष’ स्पष्ट रूप से समचू े उपमहाद्वीप के लिए प्रयक्त ु हुआ है और इस ग्रंथ में अनगिनत नदियों और लोगों के नाम सम्मिलित हैं। भारतवर्ष से आशय ‘भरत’ के देश से है। ‘भरत’ वह नाम है जो सर्वप्रथम ॠग्वेद में उल्लिखित हुआ था। वहाँ इसका अभिप्राय लोगों के एक प्रमख ु वैदिक समहू से है। बाद के साहित्य में विभिन्न महाराजाओ ं के लिए ‘भरत’ नाम उल्लिखित हुआ। दसू रे शब्द ‘जम्बूद्वीप’ से आशय ‘जामनु वृक्ष के फल के द्वीप’ से है। यह वास्तव में भारत में पाया जाने वाला एक सामान्य पेड़ है जिसे ‘जम्बुल वृक्ष’, ‘मालाबार प्लम या जामनु वृक्ष’ आदि भी कहते हैं। आगे जम्बूद्वीप भारतीय उपमहाद्वीप का पर्याय बन गया। वास्तव में इस संबंध में हमें एक भारतीय सम्राट से बहुत अच्छा संकेत मिलता है — समाज का अध्ययन : भारत और उसके आगे उनका नाम अशोक है, जिनके विषय में हम बाद में जानेंगे। अभी के लिए हम उनकी तिथि को लगभग 250 सा.सं.प.ू मान सकते हैं। जैसा कि हम देखगें े, उन्होंने हमारे लिए बहुत से शिलालेख छोड़े हैं। उनमें से एक में उन्होंने उसी नाम ‘जम्बूद्वीप’ का संपर्णू भारत का वर्णन करने के लिए उपयोग किया है। उस समय इसमें आज के बांग्लादेश, पाकिस्तान और साथ अतीत के चित्रपट ही साथ अफगानिस्तान के भाग सम्मिलित थे। 78 Chapter 5.indd 78 05-09-2024 16:58:36 65° प०ू 70° प०ू 75° प०ू 80° प०ू 85° प०ू 90° प०ू 95° प०ू 35° उ० 35° उ० 30° उ० 30° उ० 25° उ० 25° उ० 20° उ० 20° उ० 15° उ० 15° उ० 10° उ० 10° उ० उ० प० प०ू किलोमीटर 5° उ० 5° उ० द० 65° प०ू 70° प०ू 75° प०ू 80° प०ू 85° प०ू 90° प०ू 95° प०ू चित्र 5.4 — महाभारत में सचू ीबद्ध कुछ क्षेत्रों को दर्शाता मानचित्र (अध्याय में कई क्षेत्रों का उल्लेख राज्यों के रूप 5 – इडं िया, अर्थात भारत में भी किया गया है)। आपको इन क्षेत्रों को याद रखने की आवश्यकता नहीं है, परंतु आप ध्यान दें कि इनका विस्तार उपमहाद्वीप के सपं र्णू भौगोलिक क्षेत्र में मिलता है। 79 Chapter 5.indd 79 05-09-2024 16:58:38 कुछ शताब्दियों के बाद भारतीय उपमहाद्वीप के लिए सामान्यतया ‘भारत’ नाम का प्रयोग किया जाने लगा। उदाहरण के लिए, एक प्राचीन ग्रंथ ‘विष्णु परु ाण’ में हम पढ़ते हैं — उत्तरं यत् समद्रु स्य हिमाद्रे ै दक्षिणम् वर्षं तद् भारतं नाम... वह देश जो समद्रु के उत्तर में और हिमाच्छादित पर्वतों के दक्षिण में है, उसे भारत कहते हैं। यह नाम ‘भारत’ आज भी प्रयोग में है। उत्तर भारत में इसे सामान्यतया ‘भारत’ लिखते हैं, जबकि दक्षिण भारत में प्राय: ‘भारतम’् लिखते हैं। आइए विचार करें क्या आप ‘हिमाच्छादित पर्वतों’ को पहचानते हैं? क्या आप समझते हैं कि भारत का यह सक्षि ं प्त विवरण सही है? यह जानना रोचक है कि भारत के लिए देश के विभिन्न भागों ने एक समान परिभाषा को अपनाया है। उदाहरण के लिए, 2,000 वर्ष पर्वू प्राचीन तमिल साहित्य की एक समाज का अध्ययन : भारत और उसके आगे कविता में एक ऐसे राजा की प्रशसं ा की गई है जिसका नाम “दक्षिण में के प कुमारी से उत्तर में महान पर्वत तक, पर्वू के महासागर से पश्चिम के महासागर” तक जाना जाता है। ‘उत्तर में महान पर्वत’ को अब आप पहचान सकते हैं और ‘के प कुमारी’ की पहचान करने में भी कठिनाई नहीं होनी चाहिए। इस तरह प्रतीत होता है कि प्राचीन भारतीय अपने भगू ोल अतीत के चित्रपट को अच्छी तरह से जानते थे। 80 Chapter 5.indd 80 05-09-2024 16:58:41 ध्यान रखें भारतीय सवि ं धान, जो सर्वप्रथम अग्ं रेजी में लिखा गया था, की शरुु आत में ही ‘इडं िया, दैट संविधान इज भारत’ वाक्यांश का प्रयोग किया गया है। संविधान के हिदं ी अनवु ाद में भी वही ‘भारत किसी देश के अर्थात इडं िया’ को उल्लिखित किया गया है। आधारभतू सिद्धांतों और काननू ों को बताने वाला प्रलेख। आइए विचार करें भारतीय संविधान 1950 में लागू हुआ। चित्र 5.5 (पृष्ठ 82) में भारत के मल ू संविधान के प्रथम पृष्ठ में क्या आप ‘इडं िया अर्थात इसका अध्ययन भारत’ को समझ सकते हैं? आप कक्षा 7 में करें गे। विदेशियों ने इडं िया नाम कै से रखा विदेशियों में, सर्वप्रथम प्राचीन ईरान (फारस) के निवासियों ने ‘भारत’ का उल्लेख किया था। छठी शताब्दी सा.सं.प.ू , एक फारसी सम्राट ने सैन्य अभियान आरंभ किया और सिंधु नदी के क्षेत्र, जिसे ‘सिंध’ु कहा जाता था, पर नियंत्रण किया। अत: यह कोई आश्चर्य नहीं है कि अपने प्रारंभिक लेखों और शिलालेखों में फारसियों ने भारत को ‘हिदं ’,‘हिद’ु या ‘हिदं ’ू से निर्दिष्ट किया था, जो उनकी भाषा में ‘सिंध’ु का रूपातंरण था (ध्यान रखिए कि प्राचीन फारसी में ‘हिदं ’ू पर्णू तया एक भौगोलिक शब्द है। यहाँ इसे हिदं ू धर्म से संदर्भित नहीं किया गया है)। इन्हीं फारसी स्रोतों के आधार पर प्राचीन यनू ानियों ने इस भाग को ‘इडं ोई’ अथवा ‘इडं िके ’ नाम दिया था। इन्होंने हिदं ू शब्द के पहले अक्षर ‘ह’ को हटा दिया क्योंकि यह अक्षर यनू ानी भाषा में नहीं था। सिध ं ु हदु इडं ोई/इडं िके प्राचीन चीनियों ने भी भारत से सपं र्क स्थापित किया था। विभिन्न ग्रंथों में इन्होंने इडं िया का उल्लेख ‘यिन्तू’ या ‘यिदं ’ू से किया था। यह शब्द भी मलू त: ‘सिधं ’ु से आया है। 5 – इडं िया, अर्थात भारत सिध ं ु हिंदू इदं ू यिंदू 81 Chapter 5.indd 81 05-09-2024 16:58:41 समाज का अध्ययन : भारत और उसके आगे अतीत के चित्रपट चित्र 5.5 — भारत के सवि ं धान का प्रथम पृष्ठ (स्रोत – लोक सभा सचिवालय, नई दिल्ली, 1999 हदी प्रतिलिपि — प्रबंधक, भारत सरकार, फोटो लिथो मद्रु णालय, नई दिल्ली द्बारा निर्मित की गई।) 82 Chapter 5.indd 82 05-09-2024 16:58:41 ध्यान रखें जआ़ु नज़ैंग (Xuanzang; पर्वू में इसे ेनसांग उच्चारित किया जाता था) ने 7वीं सा.सं. में चीन से भारत की यात्रा की। उन्होंने भारत के कई भागों का भ्रमण किया, विद्वानों से मिले, बौद्ध ग्रंथों को एकत्रित किया और 17 वर्ष बाद चीन वापस लौट गए। वहाँ उन्होंने संस्कृ त से चीनी भाषा में उन पांडुलिपियों का अनवु ाद किया जो वह अपने साथ ले गए थे। आगे आने वाली शताब्दियों में कई अन्य चीनी विद्वानों ने भी भारत का भ्रमण किया। एक अन्य चीनी शब्द ‘तियन्जू’ को ‘सिंध’ु से लिया गया था, परंतु इस शब्द को ‘स्वर्गतल्य ु स्वामी’ के रूप में भी समझा जा सकता है। यह बताता है कि चीनियों का बद्ध ु की भमि ू के रूप में भारत के प्रति कितना सम्मान था। आप संभवत: हाल के पारिभाषिक शब्द ‘हिदं सु ्तान’ से भलीभाँति परिचित होंगे, परंतु आप यह नहीं जानते होंगे कि यह शब्द आज से 1,800 वर्ष पर्वू सर्वप्रथम एक फारसी शिलालेख में प्रयोग किया गया था। बाद में, भारत पर आक्रमण करने वालों ने भारतीय उपमहाद्वीप को वर्णित करने के लिए इसी शब्द का प्रयोग किया। आइए पता लगाएँ क्या आप भारत के लिए प्रयक्त ु भिन्न-भिन्न नामों से इस तालिका को पर्णू कर सकते हैं? फारसी यनू ानी लैटिन भारत चीनी 5 – इडं िया, अर्थात भारत अरबी और फारसी अंग्रेजी इडं िया फ्रेंच इन्डे 83 Chapter 5.indd 83 05-09-2024 16:58:42 आगे बढ़ने से पहले... ÆÆ भारत एक प्राचीन भमि ू है, जिसे इसके इतिहास के क्रम में कई नाम दिए गए हैं। ÆÆ प्राचीन भारतीयों द्वारा दिए गए नामों में ‘जम्बूद्वीप’ तथा ‘भारत’ सम्मिलित हैं। बाद के समय में ‘भारत’ शब्द अधिक प्रचलित हुआ। अधिकांश भारतीय भाषाओ ं में यही नाम मिलता है। ÆÆ भारत आने वाले विदेशी आगंतक ु ों और आक्रमणकारियों ने भारत के लिए सिंधु या सिंधु नदी आधारित नामों को अपनाया। इसके परिणामस्वरूप ‘हिदं ’ू , ‘इडं ोई’ तथा अतं त: इडं िया जैसे नाम बने। प्रश्न, क्रियाकलाप और परियोजनाएँ 1. अध्याय के आरंभ में दिए गए उद्धरण का क्या अर्थ है? चर्चा कीजिए। 2. सही अथवा गलत की पहचान कीजिए — ÆÆ ‘ॠग्वेद’ में भारत के संपर्ण ू भगू ोल का वर्णन किया गया है। ÆÆ ‘विष्णु परु ाण’ में संपर्ण ू उपमहाद्वीप का वर्णन किया गया है। ÆÆ अशोक के समय ‘जम्बूद्वीप’ में आज का भारत, अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्र, बांग्लादेश और पाकिस्तान सम्मिलित थे। ÆÆ महाभारत में कश्मीर, कच्छ और के रल समेत कई क्षेत्रों को सच ू ीबद्ध किया गया है। ÆÆ ‘हिद ं सु ्तान’ शब्द का प्रयोग 2,000 वर्ष से भी पहले सर्वप्रथम एक यनू ानी शिलालेख में किया गया था। ÆÆ प्राचीन फारसी में ‘हिद ं ’ू शब्द का उपयोग हिदं ू धर्म के लिए किया गया है। समाज का अध्ययन : भारत और उसके आगे ÆÆ विदेशी यात्रियों द्वारा इडं िया को ‘भारत’ नाम दिया गया। 3. यदि आपका जन्म 2,000 वर्ष पर्वू हुआ होता और आपको अपने देश का नामकरण करने का अवसर मिलता, तो आप किस नाम का चयन करते एवं क्यों? अपनी कल्पनाशक्ति का उपयोग कीजिए। अतीत के चित्रपट 4. प्राचीन काल में विश्व के विभिन्न भागों से लोग भारत की यात्रा क्यों करते थे? इस प्रकार की लंबी यात्रा करने के पीछे उनका उदद् श्े य क्या था? (संकेत – कम से कम चार या पाँच उदद् श्य े हो सकते हैं।) 84 Chapter 5.indd 84 05-09-2024 16:58:43