Rajasthan Industry PDF
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This document provides information on industries in Rajasthan, categorized by investment. It discusses different types of industries, including large-scale, medium-scale, small-scale, and cottage industries. The document further details industrial development in Rajasthan, highlighting key initiatives and historical context.
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# राज० के उद्योग ## निवेश राशि के आधार पर उद्योग निम्न प्रकार के होते हैं | उद्योग का प्रकार | निर्माण क्षेत्र | सेवा क्षेत्र | |---|---|---| | वृहद उद्योग | 10 करोड़ रु. से अधिक | 5 करोड रु. से अधिक | | मध्यम उद्योग | 5-10 करोड रु. तक | 2-5 करोड़ रु तक | | लघु उद्योग | 25 लाख रू. से 1 करोड़ रु. तक...
# राज० के उद्योग ## निवेश राशि के आधार पर उद्योग निम्न प्रकार के होते हैं | उद्योग का प्रकार | निर्माण क्षेत्र | सेवा क्षेत्र | |---|---|---| | वृहद उद्योग | 10 करोड़ रु. से अधिक | 5 करोड रु. से अधिक | | मध्यम उद्योग | 5-10 करोड रु. तक | 2-5 करोड़ रु तक | | लघु उद्योग | 25 लाख रू. से 1 करोड़ रु. तक | 10 लाख रु से 2 करोड़ रु तक | | अति लघु उद्योग | लाख रु से कम | 10 लाख रु से कम | | कुटीर उद्योग | 25 लाख रु से कम | - | - यह उद्योग घर पर घर के सदस्यों द्वारा संचालित किया जाता है। ## राज्य में औद्योगिक विकास - राजस्थान राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए सन 1949 में राजस्थान उद्योग विभाग की स्थापना की गई. - इसका मुख्यालय जयपुर में है. - भारत में औद्योगिक विकास पर सर्वाधिक बल - दारी पंचवर्षीय योजना से "April 1956" से 31 March 1961. - पूषरी पंचवर्षीय योजना "पी०सी० महालनोबिस" के मॉडल पर आधारित थी.। ## जबाद राजस्थान में औद्योगिक विकास यह सर्वाधिक बल तीसरी पंचवर्षीय योजना "1 April 1961 से 31 March 1966 के दौरान दिया गया. - तीसरी पंचवर्षीय योजना "जॉन सैण्डी" एवं "सुखमय (एस) चक्रवर्ती, के मॉडल पर आधारित थी. ## राजस्थान के प्रमुख उद्योग ### सूती वस्त्र उद्योग - ये राज्य का सबसे प्राचीन " सर्वाधिक बड़ा तथा सर्वाधिक रोजगार प्रदान करने वाला उद्योग है. - जो कृषि पर आधारित उद्योग है. - राज्य में सूती वस्त्र उद्योग का प्रमुख केन्द्र " भीलवाड़ा " जिला है. - राज्य में सर्वाधिक सूती वरख मिलें "भीलवाडा, जिले में स्थापित है. - इसलिए भीलवाड़ा जिले को - राजस्थान का मैनचेस्टर भी कहा जाता है. | क्षेत्र | स्थान | |---|---| | राजस्थान का नवीन मैनचेस्टर | भीताडी (अलवर) | | भारत का मैनचेस्टर | अहमदाबाद (गुजरात) | | उतरी भारत का मैनचेस्टर | कानपुर | | दक्षिण भारत का मैनचेस्टर | कोयम्बटूर (तमिल नाडु) | - भारत में वस्त्रों की नगरी "मुंबई (महाराष्ट्र) - वर्तमान में राजस्थान में 23 सूती वस्त्र मिलें स्थित है. - A- 17 - निजी क्षेत्र। - B - 3 - सार्वजनिक क्षेत्र में। - C - 3 - सहकारी क्षेत्र की। - की सूती वस्त्र मिले हैं. - निजी क्षेत्र की प्रमुख सूती वस्त्र मिले - द कृष्णा मिल्स लिमेटेड - व्यावर, अजमेर - स्थापना - 1889 ई. में सेठ दामोदर राठी बारा - यह राज्य की प्रथम मील है। (सब उद्योग की, - यह राज्य की निजी क्षेत्र की प्रथम भूती वहा मील है - यह राज्य की सर्वाधिक कार्यशील हथकरघो वाली मील ही - मेवाड टेक्सटाइल्स मिल्स लिमेटेड - स्थापना - भीलवाडा में 1998 ई. में - महाराजा उम्मेदासिंह मिल्स लिमिटेड - स्थापना - पाली 1942 ई. में - यह राज्य की सबसे बड़ी सूती वस्त्र मील है। - यह राज्य की सर्वाधिक उत्पादन करने वाली मील है. - साईल टेक्स टाइल्स मिल्स - स्थापना - श्रीगंगानगर 1946 ई. में - कोटा टेक्स राइल्स मिल्स लिमिटेड - स्थापना - कोरा सन 1956 ई. में - राजस्थान टेक्सटाइल्स मिल्स - स्थापना - भवानीमण्डी (भालावाड) सन - 1968 ई. में - सार्वजनिक क्षेत्र की सूती वस्त्र मिले [3] - एडवर्ड मिल्स - स्थापना [ ब्यावर (अजमेर)] 1906 ई. में - यह राज्य की दूसरी सूती वस्त्र मील हैं। - यह राज्य की सार्वजनिक क्षेत्र की प्रथम सूती वस्त्र मील हो जो वर्तमान में बंद है। - श्री महालक्ष्मी मिल्स - स्थापना - 1925 ई. में (व्यावर (अजमेर)) - यह राज्य की तीसरी सूती वस्त्र मील है। - जबकि राज्य की सार्वजनिक क्षेत्र की दूसरी सूती वस्त्र मील है। - विजय कॉटन मिल्स - स्थापना - 1932 ई. में (विजयनगर (अजमेर) - जबकि राज्य की सार्वजनिक क्षेत्र की तीसरी सूती वस्त्र भीलो - सहकारी क्षेत्र की सूती वस्त्र मीले - 3 मील - राजस्थान सहकारी कताई मिल्स गुलाबपुरा (भीलवाड़ा) - स्थापना - 1965 ई. में - श्री गंगानगर सहकारी कताई मिल्स, हनुमानगढ़ - स्थापना- 1978 ई. में - गंगापुर सहकारी कताई मिल्स गंगापुर (भीलवाडा) -स्थापना 1981 ई. में -" 1 April 1993" की सहकारी क्षेत्र की तीली मिलों मीलों को मिलाकर " राजस्थान राज्य सहकारी स्पिननिंग एण्ड जिनिंग (स्पिनफैंड) की स्थापना की गरी - मिल्स फेडरेशन (स्पिनर्प - वर्तमान में सहकारी क्षेत्र की तीनों मीलों का संचालन । स्पिनफैंड के द्वारा किया जा रहा है. # [2] चीनी उद्योग - विश्व में सर्वाधिक चीनी उत्पादक देश - ब्राजील है. - जबकि भारत का विश्व में स्थान है- दूसरा है. - भारत में सर्वाधिक चीनी उत्पादक राज्य - महाराष्ट्र है. - जबकि दूसरा चीनी उत्पादक राज्य - उत्तरप्रदेश है. - भारत में सर्वाधिक गुड उत्पादन राज्य - उत्तरप्रदेश है. - भारत में सर्वाधिक चीनी मिलों। मीलों राज्य - महाराष्ट्र है. - द मेवाड शुगर मिल्स - ओपालसागर (चितौडगढ़) - यह राज्य की प्रथम निजी क्षेत्र की चीनी मील है. - स्थापना - 1932 ई. में - ही गंगानगर शुगर मिल्स - श्री गंगानगर - स्थापना - सन 1937 में (लालचंद व पोखर) बारा । की गई. - यह राज्य की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की चीली मिल है. - इस मील को सन 1956 में सार्वजनिक क्षेत्र में शामिल किया गया है. - सन 1968 से इस मील में चीनी निर्माण करने के लिए " गन्ने के साथ चुकन्दर का प्रयोग किया गया. - इस मील में चीनी निर्माण के साथ शराब बनाने का कार्य भी किया जाता है। - इसके लिए (शराब) निम्न 4 केन्द्रो की स्थापना की गई. - अररू- बाँरा - अजमेर - तापगढ - जोधपुर - दी गंगानगर शुगर मिल्स को वर्ष 2016 में "कमीन पुरा" में स्थानान्तरित किया है. - केशवराय पाटन शुगर मिल्स - केशवराय पाटनू (बूंदी) - स्थापना - 1965 ई. में - यह राज्य की "सहकारी क्षेत्र की प्रथम शुगर मीला मिल्स है - जो सन 2003 का से बंद हो - उदयपुर शुगर मिल्स - उदयपुर - स्थापना - 1976 ई. में - यह राज्य की निजी क्षेत्र की " दूसरी चीनी मिल्सा पीव - यह " द मेवाड़ शुगर मिल्स की सहायक कंपनी है. # [3] सीमेन्ट उद्योग - विश्व में सीमेन्ट उत्पादन की दृष्टि से प्रथम स्थान - चील - विश्व में दूसरा स्थान - India - विश्व में तीसरा स्थान. U.S.A (संयुक्त एक सर्वेका - भारत में सीमेन्ट उत्पादन की दृष्टि से प्रथम स्थान - (राजस्थान राज्य) - भारत में सीमेन्ट सर्वा० उत्पादन वाला राज्य - (राजस्थान) - भारत में सर्वाधिक सीमेन्ट के कारखाने- (राजस्थान राज्य) मेने - राजस्थान में सर्वाधिक सीमेन्ट उत्पादक जिला - (चितौडगए) है. - भास्त विश्व में सर्वप्रथम सीमेन्ट का आविष्कार- 1824 ई. में जोसेफ द्वारा) - विश्व में सर्वप्रथम पहला सीमेन्ट उद्योग- 1824 ई. में इंग्लैण्ड में (1824 पोर्ट लैण्ड सी मेर उद्योग के नाम से) - भारत का पहला सीमेन्ट उद्योग, 1904 ई. में साउथ इण्डियन कम्पनी द्वारा मद्रास । चेन्नई) में स्थापित किया गया. - जहाँ पर समुद्री "सीवियो" को पीसकर सीमेन्ट बनाने का प्रयास किया गया। - जो असफल रहा. - सीमेन्ट उद्योग : - ACC - स्थापना - लाखेरी (बूंदी) ई. में क्लिक निकलन कंपनी 1945 द्वारा लाखेरी (बूँदी) में के नाम से की गई। - एसोसिएट सीमेन्ट कंपनी (RCC) - उत्पादन प्रांरभ - 1917 ई. में - यह राज्य का प्रथम सीमेन्ट उद्योग है. - जयपुर सीमेन्ट उद्योग - स्थापना - सवाई माधोपुर " ई. में रास बाबरा कम्पनी द्वारा। 1953 - ब्रांड का नाम - त्रिशूल हाप सीमेन्ट - यह एशिया का सबसे बड़ा सीमेन्ट उद्योग था। जो वर्तमान में बेह है. - जे. के. सीमेन्ट उद्योग - निम्बाहेड़ा (चितौड़गढ़) - स्थापना - 1974 ई. में - यह राज्य का सर्वाधिक सीमेन्ट उत्पादन क्षमता वाला उद्योग है. - जे. के. व्हाइट सीमेन्ट उद्योग - गोएन (नागौर) - स्थापना - 1984 ई. में - यह राज्य का प्रथम सफेद सीमेन्ट उद्योग है. - श्री राम सीमेन्ट उद्योग - श्रीरामनगर DCM (कोरा) - स्थापना - 1985 ई. में. - यह राज्य का सबसे कम सीमेन्ट उत्पादन क्षमतावाला उद्योग है. - जे. के व्हाइए बिरला सीमेन्ट उद्योग - - खारिया खंगार - (भोपालगढ़ जोधपुर) - स्थापना - 1988 - यह राज्य का दूसरा सफेद सीमेन्ट उद्योग हो - यह राज्य का सबसे बड़ा सफेद सीमेन्ट उद्योग है. - जे. केव्हाहट सीमेन्ट उद्योग (मांगरोल चितौडगढ) - यह राज्य का तीसरा उद्योग है. स्थापना - 2002 - अन्य सीमेन्ट उद्योग के कारखाने- - चेतक छाप सीमेन्ट उद्योग - चितौड़गढ - बिरला सीमेन्ट उद्योग - चितौड़गढ - आदित्य सीमेन्ट उद्योग - चितौड़गढ़ - अल्ट्राटेक सीमेन्ट उद्योग. चितौडगढ़ - लाफार्ज सीमेन्ट उद्योग- चितौड़गढ - बिनानी सीमेन्ट उद्योग - पिण्डवाड़ा सिरोही - जे. के. महालक्ष्मी सीमेन्ट उद्योग- पिण्डवाडा सिरोही - राज श्री सीमेन्ट उद्योग - पिंडवाडा सिरोही - गुजरात अम्बुजा सीमेन्ट उद्योग - सिरोही - श्री सीमेन्ट उद्योग - ब्यावर अजमेर - नीर श्री सीमेन्ट उद्योग - मोडक (कोटा) - अम्बुजा सीमेन्ट उद्योग - व्यावर (अजमेर) # [4] _उर्वरक उद्योग । रासायनिक उद्योग - C.F.C.L. (चम्बल फर्टिलाइजर्स एण्ड केमिकल लिमिटेड) ? - स्थापना - सन 1985 ई. में - गढ़पान (कोश) - " कुमार मंगलम् बिरला बारा गढेपान (कोच) में की गई. - यह भारत का गैस पर आधारित निजी क्षेत्र का पहला " यूरिया खाद" का कारखाना है. - ब्रॉड का नाम -> उत्तम यूरिया - श्रीराम फर्टिलाइर्ज -> कोटा - जीवन फर्टिलाइर्ज -> कोटा - श्री गंगानगर फर्टिलाइजर्स, -> श्री गंगानगर - ज्योति ट्रिपल सुपर फास्फेट -> खेतड़ी (मुंझुंनू) - मोदी एल्केलाइन एण्ड केमिकल लिमेटेड - अलपर - राज. राष्ट्रीय केमिकल एण्ड फर्टिलाइजर्स- कपासन (चितौड़गढ़) - यहाँ पर खाद बनायी जाती है. - DAP ( डाई अमोनियम फास्फेट) - राज्य का सहकारी क्षेत्र का पहला जीवाणु । जैविक खाद का कारखाना (नैफेड की सहायता से) "भरतपुर " में स्थापित किया गया। -" केंचुआ खाद को "वर्मी कम्पोस्ट" कहा जाता है। # [5] काँच उद्योग - राजस्थान राज्य में कांच उद्योग की स्थापना हेतु 'धौलपुर, जिला श्रेष्ठ माना जाता है. - द हाइटेक प्रिसीजन ग्लास वर्क्स धौलपुर (सार्वजनिक क्षेत्रे - यह दी गंगानगर शुगर मिल्स । मील की सहायक कंपनी है. - जहाँ पर शराब की बोतलें बनायी जाती थी. - जो वर्तमान में बंद है. - धौलपुर ग्लार्स वर्क्स लिमेटेड (नीजी । निजी क्षेत्र में) - सेमकोर । सेमरेव ग्लास वर्क्स लिमेटेड - (निजी क्षेत्र में) - यहाँ पर सैमसंग कम्पनी के द्वारा कलर TV. रंगीन की पिक्चर ट्यूब बनायी जाती थी। - सेन्ट ग्लोवन ग्लास पफैक्ट्री क भिवाड़ी एयर निजी क्षेत्र में (अलवर) - इसकी स्थापना सन 2008 में फ्राँस की कंपनी द्वारा की गई। - यह भारत की सबसे बड़ी काँच फैक्ट्री है. - यहाँ पर •लेंस, (चरमों के काँच), दरवाजों व खिड़कियों के काँच बनाये जाते हैं। - सिरेमिक पार्क - राज्य में सिरेमिक पार्क की स्थापना " बीकानेर में की गई. # [6] इंजीनियरिंग उद्योग - जयपुर मीटर कम्पनी : (जयपुर में) - (जयपुर मेटल्स) - इसकी स्थापना - सन 1943 में जयपुर मेटल्स 1943 उद्योग के नाम से की गई। - यह राज्य का पहला " इंजीनियरिंग उद्योग है. - कार्य- विजली के मीटर बनाये जाते है. - कैप्सटन मीटर कंपनी (पाली व जयपुर) - कार्य - पानी के मीटर बनाये जाते हैं। - अरावली मीटर कंपनी - अलवर - कार्य- पानी के मीटर बनाये जाते हैं - सिमको वेगन फैक्ट्री - (भरतपुर) - स्थापना - सन 1957 में भारत सरकार बारा - कार्य- रेल के डिब्बे बनाये जाते है. - इन्स्ट्रुमेनटेशन लिमिटेड उद्योग - (IOL)-: कोटरा - स्थापना - सल, 1965 में केन्द्र सरकार ने - कार्य - मशीनों के कल पुर्जे बनाये जाते थे। - जो वर्तमान में बंद है. - H.M.T. (हिन्दुस्तान मशीन टूल्स) -: -स्थापना- 1967 ई. में चेकोस्लोवाकिया देश के सहयोग से - कार्य - घड़ियों के कलपुर्जे बनाये जाते हैं. - अशोक लीलैण्ड उद्योग = : - भिवाड़ी (अलवर) - राजस्थान टेलीफोन उद्योग :- भिवाड़ी (अलवर) - यह एशिया का सबसे बड़ा टेलीफोन उद्योग है. - राजस्थान बाल बियरिंग उद्योग -: (जयपुर) - यह एशिया का सबसे बड़ा विद्यारिंग उद्योग है. - मॉडर्न बेकरीज उद्योग - : जयपुर - मान इण्डस्ट्रीज कॉर्पोरेशन -: जयपुर - कार्य - लोहे के राबर बनाये जाते हैं. - लोको ए०ड कैरिज वर्क्स - अजमेर - मालगाडी के डिब्बों की मरम्मत की जाती है। - तथा ऐल का लोको इंजन का निर्माण किया जाता है. - बड़ी लाइन के वेगन - कोटा - रेल के डिल्वें बनाये जाते है. - होण्डा श्री एल कार - खुशखेड़ा (अलवर) - हीरो मोटर उद्योग - नीमराना (अलवर) - टायर ट्युप उत्बोठा कांकरोली (राजसमंद) # [7] नमक उद्योग (Mad) - नमक उत्पादन की दृष्टि से भारत में राजस्थान का चौथा स्थान है. - झीलों के माध्यम से नमक उत्पादन करने की दृष्टि से (भांतरिक) राजस्थान का देवेश में प्रथम स्थान - सोगर बील के द्वारा देश को 8.7% नमक उत्पादित किया जाता है। - जबकी सोबर सील के द्वारा राजस्थान का 80% नमक उत्पपित किया जाता है। - राजस्थान देश का कुल 12% नमक उत्पादित करता है। - सांभर साल्ट लिमिटेड -> जयपुर- - स्थापना - 1964 ई. में "केन्द्र सरकार द्वारा। - यह • हिन्दुस्तान सॉल्ट लिमिटेड" की सहायक कंपनी है। - राज० राज्य साल्ट वर्क्स लि० - डीडवाना (नागौर) - स्थापना - 1960 ई. में • राज्य सरकार द्वाराम - राज० राज्य साल्ट वर्क्स लिमिटेड - (पंचपद्रा) बाड़मेर - स्थापना - 1960 ई. राज्य सरकार, गने - यहाँ पर उत्पादित किए गये नमक में 98% की मात्रा पाई जाती है. - यहाँ पर ( सोडियम क्लोराइड Mach) की खारवाल लोगों द्वारा " मोरली बाड़ी का प्रयोग करके नमक उत्पादित किया जाता है। - राज० राज्य केमिकल वर्क्स लिमिटेड - डीडवाना (नागौर) -स्थापना - 1964 में • राज्य सरकार द्वारा - यहाँ पर सोडियम सल्फेट (M9304) का उत्पादन किया जाता है) - राजन् राज्य केमिकल वक्र्स लिमिटेड - डीडवाना(नागौर) -स्थापना - 1968 में (राज्य सरकार) - यहाँ पर " सोडियम सल्फाइड ( Na₂s) नमक का उत्पादन किया जाता है. # [8] वनस्पति उद्योग - राजस्थान में वनस्पति घी का पहला कारखाना - 1964 ई. में (भीलवाज) में स्थाष्टि - राज्य में सर्वाधिक वनस्पति घी के कारखाने- जयपुर जिले में है. - आमेर वनस्पति घी के कारखाने - बोटवाड़ा (जयपुर) (सहकारी) - रोहिताश्रव वनस्पति थी - दुर्गापुरा (जयपुर) - महाराजा वनस्पति घी - जयपुर - केसरी वनस्पति धी - निवाई (येक) । । नीबाई - मेहता वेजिटेबल घी - चिगैडगढ # राज्य की प्रमुख औद्योगिक नीतियाँ - राजस्थान राज्य सरकार बारा औद्योगिक विकास के लिए निम्न औद्योगिक नीतियों चलाई गई। - प्रथम औद्योगिक नीति - 24 June 1978 - मुख्यमंत्री (इल लमय) - भैरोसिंह शेखावत के - दूसरी औद्योगिक नीति - Deember 1990 में को लागू की गई। - मुख्यमंत्री - (इस समय) - भैरोसिंह शेखावत - April 1991 - तीसरी औद्योगिक नीति - 15 June 1994 में - मुख्यमंत्री (इस समय) - भैरोसिंह शेखावत - चतुर्थ औद्योगिक नीति - 4 June 1998 में - मुख्यमंत्री (इस समय) - भैरोसिंह शेखावत - पंचमी औद्योगिक नीति - 25 Augest 2010 - मुख्यमंत्री (इस समय) - श्री अशोक गहलोत - पब्ठी औद्योगिक नीति - 8 Augest 2015 - मुख्यमंत्री (इल (समय) - वसुंधरा राजे सिन्हिाया - राज० राज्य औद्योगिक विकास एवं विनियोग निगम लिमिटेड (ङ) - (रीको) -: - स्थापना- 28 MARCH 1969 ई. (संयुक्त रुपसे) - को राज्यधान उद्योग एवं खनिज विकास निगम, के रूप में की गई। - 1979 ई. में इसका विभाजन कर राजस्थान राज्य व खनिज विकास निगम की स्थापना की गई। - "1 January 1980" को [रीको की स्थापना की गई। - मुख्यालय - जयपुर - RICO का मुख्य उद्देश्य - - राजस्थान में औद्योगिक संरचना का विकास करना - मध्यम एवं वृहत उद्योगों को दण उपलब्ध करवाना। - तकनीकी सलाह देना। - तथा अंश पूँजी सहभागिता द्वारा औद्योगिकख को प्रोत्साहित करना। - मुख्य कार्य- - राज्य में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना करना, - राज. वित्त निगम - - (RFC - Rajasthan Financial corporation) - स्थापना - 17 January 1955 - मुख्यालय - जयपुर - मुख्य उद्देश्य - राज्य की अति लघु व मध्यम बैच औद्योगिक इकाईयों को दीर्घकालिन वित्तीय" सहायता प्रदान करना । ऋण उपलब्ध करना। - राज. लघु उद्योग निगम (राजसिको) - स्थापना - 3 जून 1961 - मुख्यालय - जयपुर - मुख्य उद्देश्य - लघु औद्योगिक और हस्ताशल्य इकाईयों को वित्तीय सहायता एवं प्रोत्साहन देना। - कच्चा माल उपलब्ध करवाना। - उत्पादित वस्तुओं का उचित मूल्य दिलाना। - राज० राज्य हथकरघा विकास निगम लिमिटेड -: - स्थापना - March 1984 - मुख्यालय - ग्रामीण गैर-कृषि विकास अभिकरण [ - [ RUDA- Rural Non-Agriculture Development Agency J - स्थापना - 1995 ई. - मुख्यालय - जयपुर में - मुख्य उद्देश्य - ग्रामीण क्षेत्र में गैर-कृषि आजीविका के साधनों जैसे- - चमड़ा उद्योग, सिरेमिक, पोट्री, खादी ग्रामोद्योग, हथकरघा तथा हस्तशिल्प। - का विकास कर स्थाई आजीविका के साधन विकासत करना। - राज० खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड -: - स्थापना - April 1955 - मुख्यालय - जयपुर