Polity Test 1 Hindi QP PDF
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This is a Hindi polity test. The test paper contains multiple choice questions on the Indian constitution and related topics. It includes sections on parliamentary sovereignty and the Indian constitution.
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Polity Test 01 जब तक आपको यह परीक्षण पुस्तिका खोलने को न कहा जाए तब तक न खोलें टे स्ट कोड:- 0001 परीक्षण पुस्तिका अनुक्रम...
Polity Test 01 जब तक आपको यह परीक्षण पुस्तिका खोलने को न कहा जाए तब तक न खोलें टे स्ट कोड:- 0001 परीक्षण पुस्तिका अनुक्रम A परीक्षण पुस्तिका Polity पूणाांक : 200 समय : 2 घंटे अनुदेश 1. परीक्षा प्रारम्भ होने के तुरन्त बाद, आप इस परीक्षण पुस्तिका की पड़ताल अवश्य कर लें कक इसमें कोई कबना छपा, फटा या छूटा हुआ पृष्ठ अथवा प्रश्ाां श, आकद न हो। यकद ऐसा है , तो इसे सही परीक्षण पुस्तिका से बदल लीकिए। 2. कृपया ध्यान रखें कक OMR उत्तर-पत्रक में, उकित स्थान पर, रोल नम्बर और परीक्षण पुस्तिका अनुक्रम A, B, C या D को, ध्यान से एवं कबना ककसी िूक या कवसंगकत के भरने और कूटबद्ध करने की कजम्मेदारी उम्मीदवार की है । ककसी भी प्रकार की िूक / कवसंगकत की स्तस्थकत में उत्तर पत्रक कनरि कर कदया जाएगा। 3. इस परीक्षण पुस्तिका पर साथ में कदए गए कोष्ठक में आपको अपना अनुक्रमाां क कलखना है । परीक्षण पुस्तिका पर और कुछ न कलखें। 4. इस परीक्षण पुस्तिका में 100 प्रश्ाां श (प्रश्) कदए गए हैं । प्रत्ये क प्रश्ाां श कहं दीमें छपा है । प्रत्ये क प्रश्ाां श में चार प्रत्यु त्तर (उत्तर) कदए गए हैं । इनमें से एक प्रत्यु त्तर को चुन लें, किसे आप उत्तर-पत्रक पर अांककत करना चाहते हैं । यकद आपको ऐसा लगे कक एक से अकिक प्रत्यु त्तर सही हैं , तो उस प्रत्यु त्तर को अांककत करें िो आपको सवोत्तम लगे । प्रत्ये क प्रश्ाां श के कलए केवल एक ही प्रत्यु त्तर चुनना है । 5. आपको अपने सभी प्रत्यु त्तर अलग से कदए गए उत्तर-पत्रक पर ही अांककत करने हैं । उत्तर पत्रक में कदए गए कनदे श दे स्तखए । 6. सभी प्रश्ाां शोां के अांक समान हैं । 7. इससे पहले कक आप परीक्षण पुस्तिका के कवकभन्न प्रश्ाां शोां के प्रत्यु त्तर उत्तर- पत्रक पर अांककत करना शुरू करें , आपको प्रवेश प्रमाण-पत्र के साथ प्रेकित अनुदेशोां के अनुसार कुछ कववरण उत्तर-पत्रक में दे ने हैं । 8. आप अपने सभी प्रत्यु त्तरोां को उत्तर पत्रक में भरने के बाद तथा परीक्षा के समापन पर केवल उत्तर पत्रक अिीक्षक को स प ां दें । आपको अपने साथ परीक्षण पुस्तिका ले िाने की अनुमकत है । 9. कच्चे काम के कलए पत्रक परीक्षण पुस्तिका के अांत में सांलग्न हैं । 10. ग़लत उत्तरों के कलए दं ड : विुकनष्ठ प्रश्-पत्रोां में उम्मीदवार द्वारा कदए गए ग़लत उत्तरोां के कलए दां ड कदया िाएगा। (i) प्रत्ये क प्रश् के कलए चार वैकस्तिक उत्तर हैं । उम्मीदवार द्वारा प्रत्ये क प्रश् के कलए कदए गए एक गलत उत्तर के कलए प्रश् हे तु कनयत ककए गए अांकोां का एक-कतहाई दां ड के रूप में काटा िाएगा। (ii) यकद कोई उम्मीदवार एक से अकिक उत्तर दे ता है , तो इसे ग़लत उत्तर माना िाएगा, यद्यकप कदए गए उत्तरोां में से एक उत्तर सही होता है , कफर भी उस प्रश् के कलए उपयुुक्तानुसार ही, उसी तरह का दां ड कदया िाएगा। (iii) यकद उम्मीदवार द्वारा कोई प्रश् हल नहीां ककया िाता है , अथाु त् उम्मीदवार द्वारा उत्तर नहीां कदया िाता है , तो उस प्रश् के कलए कोई दं ड नही ं कदया जाएगा। जब तक आपको यह परीक्षण पुस्तिका खोलने को न कहा जाए तब तक न खोलें 1-A Polity Test 01 1. भारतीय सांकविान की सांशोिनीयता के सांबांि में 4. कवकि द्वारा स्थाकपत प्रकक्रया और कवकि की उकचत कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : प्रकक्रया के सांबांि में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार 1. भारतीय सांकविान में पूणु बहुमत का कहीां उल्लेख नहीां है । कीकिये : 2. भारतीय राष्ट्रपकत पर महाकभयोग लगाने के कलए 1. कवकि की उकचत प्रकक्रया, कायुकारी और कविायी उपयोग में लाया िाना वाला बहुमत, पूणु बहुमत से भी अकिक ककिन होता है । दोनोां कारु वाई के कलए कनिाु ररत सीमा है , परन्तु कवकि 3. भारत के सांकविान में सािारण बहुमत द्वारा भी द्वारा स्थाकपत प्रकक्रया केवल कविायी कारु वाई के सांशोिन ककया िा सकता है । 4. भारत के उपराष्ट्रपकत को सभी तत्कालीक सदस्ोां के कलए कनिाु ररत सीमा है । बहुमत से हटाया िा सकता है । 2. कवकि की उकचत प्रकक्रया को प्राकृकतक न्याय की उपयुुक्त कथनोां में से क न-सा/से सही है /हैं ? अविारणा के समान भी माना िा सकता है । (a) केवल 1 उपयुुक्त कथनोां में से क न-सा/से सही है /हैं ? (b) केवल 2 और 3 (c) केवल 2 और 4 (a) केवल 1 (d) 1, 2, 3 और 4 (b) केवल 2 2. भारतीय सांकविान की कनम्नकलस्तखत में से क न-क न सी (c) 1 और 2 दोनोां कवशेिताएँ किकटश सांकविान से ली गई हैं ? (d) न तो 1 और न ही 2 1. फर्स्ु पार्स् द पोर्स् चुनावी प्रणाली 2. सरकार का सांसदीय स्वरूप 3. अवकशष्ट् शस्तक्तयोां का कवचार 5. सांकविान के सांबांि में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार 4. कवकि के शासन का कवचार 5. अध्यक्ष का पद और उसकी भूकमका कीकिये : 6. म कलक अकिकारोां का अकिकारपत्र कथन-I: 7. कवकि कनमाु ण की प्रकक्रया नीचे कदए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुकनए। सभी लोकताां कत्रक दे शोां में एक सांकविान होने की सांभावना (a) केवल चार होती है । (b) केवल पाँ च (c) केवल छह कथन-II: (d) सभी सात किन दे शोां के पास सांकविान हैं , वे सभी लोकताां कत्रक हैं । 3. कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : उपयुुक्त कथनोां के सांबांि में कनम्नकलस्तखत में से क न सा कथन-I: सही है ? सांकविान सभा ने हाथी को अपने प्रतीक के रूप में अपनाया। (a) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं और कथन-II, कथन-II: कथन-I की सही व्याख्या है । कहां दुओां के कलए अपने िाकमुक महत्व के कारण, हाथी को सांकविान सभा के चरमपांथी दल को शाां त करने के कलए (b) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं और कथन-II, प्रतीक के रूप में चुना गया था। कथन-I की सही व्याख्या नहीां है । उपयुुक्त कथनोां के सांबांि में कनम्नकलस्तखत में से क न-सा सही है ? (c) कथन-I सही है ककन्तु कथन-II गलत है । (a) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं और कथन-II, (d) कथन-I गलत है ककन्तु कथन-II सही है । कथन-I की सही व्याख्या है (b) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं और कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीां है (c) कथन-I सही है ककन्तु कथन-II गलत है (d) कथन-I गलत है ककन्तु कथन-II सही है 2-A Polity Test 01 6. भारतीय सांकविान की सातवीां अनुसूची के सांबांि में 8. भारतीय सांकविान की आिवीां अनुसूची के सांबांि में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये: 1. ककसी राज्य सरकार द्वारा सांचाकलत लॉटरी सातवीां 1. आिवीां अनुसूची में अकिक भािाओां को शाकमल अनुसूची की सूची-I के अांतगुत आती है । करने के कलए विुकनष्ठ मानदां डोां का एक समूह 2. िनगणना सातवीां अनुसूची की सूची-I के अांतगुत सूचीबद्ध है । तैयार करने के कलए सीताकाां त महापात्र सकमकत 3. सट्टे बािी और िुआ (दाां व और द् यूत) को सातवीां का गिन ककया गया था। अनुसूची की सूची-II के अांतगुत सू चीबद्ध ककया 2. आिवीां अनुसूची में भािाओां को शाकमल करने के गया है । कलए सरकार के पास कनिाु ररत मानदां ड हैं । 4. कदवाला और कदवाकलयापन (शोिन अक्षमता) को 3. सभी शास्त्रीय भािाएँ आिवीां अनुसूची का कहस्सा सातवीां अनुसूची की सूची-III के अांतगुत सूचीबद्ध ककया गया है । हैं । उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? (a) केवल एक (a) केवल एक (b) केवल दो (b) केवल दो (c) केवल तीन (c) सभी तीनोां (d) सभी चारोां (d) उपयुुक्त में से कोई नहीां 7. भारतीय सांकविान के सांबांि में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये: 9. सांसदीय सांप्रभुता के सांबांि में कनम्नकलस्तखत कथनोां कथन-I: पर कवचार कीकिये : भारतीय सांकविान को इस तथ्य से अत्यकिक वैिता 1. इस अविारणा का तात्पयु यह है कक कोई भी प्राप्त होती है कक इसे उन लोगोां द्वारा तैयार ककया गया था, किनकी सावुिकनक कवश्वसनीयता बहुत अकिक थी। सांसद ऐसे कानून पाररत नहीां कर सकती है , किन्हें कथन-II: भकवष्य में सांसद बदल या कनरि नहीां कर सकती भारतीय सांकविान के कलए एक पूणु िनमत सांग्रह हैं । करवाया गया था, िहाँ सभी लोगोां ने एक सांकविान की 2. यह अविारणा यूनाइटे ड ककांगडम और न्यूिीलैंड वाँ छनीयता पर मतदान ककया। में प्रचकलत है । उपयुुक्त कथनोां के सांबांि में कनम्नकलस्तखत में से क न- सा सही है ? 3. सांसदीय सांप्रभुता का कसद्धाां त अन्य सभी सरकारी (a) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं और कथन-II सांस्थानोां पर सांसद की सवोच्चता को दशाु ता है । कथन-I की सही व्याख्या है । उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? (b) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं और कथन-II (a) केवल एक कथन-I की सही व्याख्या नहीां है । (b) केवल दो (c) कथन-I सही है ककन्तु कथन-II गलत है । (d) कथन-I गलत है ककन्तु कथन-II सही है । (c) सभी तीनोां (d) उपरोक्त में से कोई नहीां 3-A Polity Test 01 10. भारत में िमुकनरपेक्षता के सांदभु में कनम्नकलस्तखत 12. कपट् स इां कडया एक्ट, 1784 के सांबांि में, कथनोां पर कवचार कीकिये: कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये: 1. इसने भारत में द्वै ि शासन प्रणाली की स्थापना 1. 'िमुकनरपेक्षता' शब्द सांकविान में मूल रूप से की। शाकमल नहीां था और इसे 44वें सांकविान सांशोिन 2. गवनुर िनरल को अपनी कायुकारी पररिद में अकिकनयम के माध्यम से िोड़ा गया। एक प्रभावी कनणाु यक मत दे ने का अकिकार प्रदान ककया गया था, चाहे ककसी भी सदस् ने उसका 2. सवोच्च न्यायालय के शब्दोां में सांकविान सांघीय है समथुन न ककया हो। और एस.आर बोम्मई मामले में इसने सांघवाद को 3. गवनुर िनरल को भारत में सभी सैन्य अकभयानोां इसकी 'मूल सांरचना' का एक भाग कहा। को कनदे कशत करने का अकिकार कदया गया था। 4. भारत में ईर्स् इां कडया कांपनी की सांपकत्त पर किकटश 3. भारतीय सांकविान िमुकनरपेक्षता की नकारात्मक सांसद का कनयांत्रण हो गया। अविारणा का प्रतीक है , अथाु त, राज्य और िमु उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? एक दू सरे से पूणुत: पृथक हैं । (a) केवल एक (b) केवल दो उपयुुक्त कथनोां में से क न-सा/से सही नही ं है /हैं ? (c) केवल तीन (a) केवल 1 (d) सभी चारोां (b) केवल 3 (c) केवल 1 और 3 13. सांकविान कदवस के बारे में, कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : (d) 1, 2 और 3 कथन-I: नागररकोां के बीच सांवैिाकनक मूल्ोां को बढ़ावा दे ने के 11. कनम्नकलस्तखत में से क न सा कविय/प्रकवकष्ट्याँ कलए सांकविान कदवस प्रकत विु 26 नवांबर को मनाया िाता है । भारतीय सांकविान की सातवीां अनुसूची की सूची III के कथन-II: अांतगुत आती हैं ? 26 नवांबर, 1949 को, भारत की सांकविान सभा ने 1. लोक व्यवस्था भारतीय सांकविान का प्रारूप तैयार करने के कलए डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की अध्यक्षता में एक प्रारूप 2. कशक्षा सकमकत का गिन ककया। 3. कववाह उपयुुक्त कथनोां के बारे में कनम्नकलस्तखत में से क न-सा 4. लोक स्वास्थ्य सही है ? 5. वन (a) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं और कथन-II कथन-I की सही व्याख्या है 6. टर े ड यूकनयन (b) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं और कथन-II, नीचे कदए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुकनए: कथन-I की सही व्याख्या नहीां है (a) केवल 1, 2, 4, 5 (c) कथन-I सही है ककन्तु कथन-II गलत है (d) कथन-I गलत है ककन्तु कथन-II सही है (b) केवल 2, 3, 5, 6 (c) केवल 1, 4, 5, 6 (d) केवल 1, 2, 3, 4, 5 और 6 4-A Polity Test 01 14. भारतीय सांकविान की अन्म्यता/किोरता के सांबांि 17. भारतीय पररिद् अकिकनयम 1861 के बारे में में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये: 1. राज्य िर पर गिबांिन सरकारें 1. पहली बार इसने भारतीयोां को वायसराय की कवकि 2. मूल सांरचना कसद्धाां त कनमाु ण पररिद में शाकमल ककया। 3. सांसदीय उत्पादकता (दक्षता) में कमी 2. इसने वायसराय को आपातकाल के द रान उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? (a) केवल एक अध्यादे श िारी करने का अकिकार कदया। (b) केवल दो 3. इसने 1859 में लॉडु कैकनांग द्वारा शुरू की गई (c) सभी तीनोां पोटु फोकलयो प्रणाली को मान्यता दी। (d) उपयुुक्त में से कोई नहीां उपयुुक्त कथनोां में से क न-से सही हैं ? (a) केवल 1 और 2 15. भारतीय सांकविान की न वीां अनुसूची के सांबांि में (b) केवल 1 और 3 कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : 1. इसे न्याकयक समीक्षा से बचने के कलए सांसद द्वारा (c) केवल 2 और 3 िोड़ा गया था। (d) 1, 2 और 3 2. राज्य कविानमांडलोां द्वारा पाररत कानूनोां को भी इस अनुसूची में शाकमल ककया िा सकता है । 18. चाटु र एक्ट, 1833 के सांदभु में, इनमें से क न-से 3. ककहोतो होलोहन मामले में सवोच्च न्यायालय ने कथन सही हैं ? कनणु य कदया कक 24 अप्रैल 1973 के बाद इस 1. इसने बां गाल के गवनुर-िनरल को भारत का अनुसूची में सस्तम्मकलत कानूनोां की न्याकयक गवनुर-िनरल बना कदया। समीक्षा की िा सकती है । उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? 2. इसने भारत में किकटश ईर्स् इां कडया कांपनी के (a) केवल एक वाकणस्तज्यक उत्तरदाकयत्व को समाप्त कर कदया। (b) केवल दो 3. इसने भारत में कसकवल सेवकोां के चयन के कलए खुली (c) सभी तीनोां प्रकतयोकगता की व्यवस्था शुरू की। (d) उपयुुक्त में से कोई नहीां उपयुुक्त कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुकनए: (a) केवल 1 और 2 16. कनम्नकलस्तखत युग्ोां पर कवचार कीकिये : (b) केवल 1 और 3 कवशेषताएँ कवशेषता जो उस दे श से उधार कलया गया (c) केवल 2 और 3 1. उच्च न्यायालयोां के कनाडा का सांकविान (d) 1, 2 और 3 न्यायािीशोां को हटाया िाना 19. कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये: 2. कवकि कनमाु ण की किकटश सांकविान 1. सांकविान सभा ने भारतीय स्वतांत्रता अकिकनयम, प्रकक्रया 1947 के पाररत होने से पहले सािारण कवकि 3. सवोच्च न्यायालय का अमेररकी सांकविान सलाहकारी कनमाु ण सांबांिी कायु नहीां ककये थे। क्षेत्राकिकार 2. िब सांकविान सभा की बैिक एक कविायी कनकाय 4. सांसदीय भारत शासन के रूप में हुई, तो इसकी अध्यक्षता िी.वी. कवशेिाकिकार अकिकनयम, 1935 मावलांकर ने की। उपयुुक्त में से ककतने यु ग् सही सुमेकलत है /हैं ? 3. सांकविान सभा में दो उपाध्यक्ष थे। (a) केवल एक युग् उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? (b) केवल दो युग् (a) केवल एक (c) केवल तीन युग् (d) सभी चारोां युग् (b) केवल दो (c) सभी तीनोां (d) उपयुुक्त में से कोई नहीां 5-A Polity Test 01 20. सांकविान सभा के सांबांि में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर 23. मॉले-कमांटो सुिारोां के सांदभु में, कनम्नकलस्तखत कथनोां कवचार कीकिये : पर कवचार कीकिये : 1. सांकविान सभा में सांयुक्त प्राां त का प्रकतकनकित्व सवाु किक था। 1. इसने केंद्रीय और प्राां तीय कविायी कवियोां को पृथक 2. किकटश भारतीय प्राां तोां और भारतीय राज्योां को कर कदया। उनकी सांबांकित आबादी के अनुरूप लगभग एक से दस लाख के अनुपात में सीटें आवांकटत की गईां । 2. इसने पहली बार वायसराय की कायुकारी पररिद में 3. प्राां तीय कविान पररिदोां के सदस्ोां ने सांकविान सभा भारतीयोां को शाकमल ककया। के सदस्ोां के चुनाव में भाग कलया। 3. केंद्रीय और प्राां तीय कविानमांडलोां में कद्वसदनीय उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? (a) केवल एक व्यवस्था लागू की गई। (b) केवल दो 4. इसने एक केंद्रीय लोक सेवा आयोग की स्थापना का (c) सभी तीनोां (d) उपयुुक्त में से कोई नहीां प्राविान ककया। 5. केंद्रीय कविान पररिद की सांख्या बढ़ाकर 60 सदस् 21. कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिए: 1. राष्ट्रपकत ककसी राज्य में बोली िाने वाली ककसी भी कर दी गई। भािा को उस राज्य में आकिकाररक त र पर मान्यता उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? प्रदान करने का कनदे श दे सकता है । (a) केवल दो 2. राज्यपाल यह कनदे श दे सकता है कक सांसद का कोई अकिकनयम राज्य के एक अनुसूकचत क्षेत्र पर लागू नहीां (b) केवल तीन होगा। (c) केवल चार 3. राष्ट्रपकत अनुसूकचत िनिाकत एवां कबना अनुसूकचत क्षेत्र वाले राज्य में िनिातीय सलाहकार पररिद का गिन (d) सभी पाँ चोां कर सकता है । 4. राष्ट्रपकत सांघशाकसत प्रदे श लद्दाख के प्रगकत और सुशासन के कलए कनयम बना सकते हैं । 24. सांकविान का अनुच्छेद 302, िो सांसद को उपयुुक्त में से ककतने कथन सांसद के पूणु क्षेत्रीय न्यायक्षेत्र सावुिकनक कहत में व्यापार और वाकणज्य की स्वतांत्रता को (क्षेत्राकिकार) पर प्रकतबांि के रूप में हैं ? प्रकतबांकित करने की शस्तक्त प्रदान करता है , पर कवचार (a) केवल एक (b) केवल दो करते हुए कनम्नकलस्तखत में से क न-सा कायु इस अनुच्छेद (c) केवल तीन का उल्लांघन करे गा? (d) सभी चारोां (a) क्षकतपूकतु शुल्क के साथ लाइसेंकसांग कनयम। 22. अनुच्छेद 21 के सांदभु में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर (b) प्रातः 8 बिे से रात 8 बिे तक सीमेंट के पररवहन कवचार कीकिये : 1. इसमें 'कवकि की उकचत प्रकक्रया' की अकभव्यस्तक्त है , पर पूणु प्रकतबांि। िो अमेररकी सांकविान में कनकहत 'कवकि द्वारा स्थाकपत (c) अकग्रम अनुबांिोां पर कर। प्रकक्रया' की अकभव्यस्तक्त से काफी अलग है । (d) एक राज्य द्वारा लगाया गया कबक्री कर, िो अन्य 2. मेनका गाां िी मामले में, सवोच्च न्यायालय ने अपनी उदार व्याख्या के माध्यम से 'कवकि द्वारा स्थाकपत राज्योां से आयाकतत होने वाली विुओां से भेदभाव प्रकक्रया' की अविारणा प्रिुत की। (भेदभावपूणु) करता है । उपयुुक्त कथनोां में से क न सा/से सही नही ं है /हैं ? (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोनोां (d) न तो 1 और न ही 2 6-A Polity Test 01 25. भारत सरकार अकिकनयम,1935 के सांबांि में 28. भारत के सांकविान के सांबांि में कनम्नकलस्तखत कथनोां कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : पर कवचार कीकिये : 1. इसने किकटश प्रशासन के अिीन सभी ग्यारह प्राां तोां में कद्वसदनीय व्यवस्था की स्थापना की। 1. भारतीय सांकविान के अनुच्छेद 1 में 'इां कडया' और 2. कवकि कनमाु ण की अवकशष्ट् शस्तक्त सांघीय सरकार 'भारत' शब्दोां का एक दू सरे के स्थान पर प्रयोग में कनकहत थी। 3. प्राां तीय सरकारोां को अपनी प्रकतभूकत (कसक्यूररटी) ककया िाता है । पर िन उिार लेने की अनुमकत थी। 2. भारत की उद्दे कशका के कहां दी सांस्करण में इां कडया उपयुुक्त कथनोां में से क न सा/से सही नही ं है /हैं ? (a) केवल 1 और 2 के स्थान पर 'भारत' शब्द का प्रयोग ककया गया (b) केवल 2 है । (c) केवल 2 और 3 (d) केवल 3 3. दे श के आकिकाररक नाम के रूप में 'भारत' के साथ-साथ 'इां कडया' नाम अपनाने को लेकर 26. मोांटेग्यू-चेम्सफोडु सुिारोां के सांदभु में कनम्नकलस्तखत कथनोां में से क न-सा/से सही है /हैं ? सांकविान सभा के सदस्ोां के बीच सवुसम्मकत थी। 1. इसने आां ग्ल-भारकतयोां के कलए पृथक कनवाु चक उपयुुक्त कथनोां में से क न-सा/से सही है /हैं ? मांडल प्रदान ककया। 2. अकिकनयम ने तीन सूकचयोां के सांदभु में केंद्र और (a) केवल 1 प्राां तीय इकाइयोां के बीच शस्तक्तयोां को कवभाकित (b) केवल 1 और 2 ककया। 3. प्राां तीय कविाकयकाओां को अपना पृथक बिट (c) केवल 2 और 3 बनाने की अनुमकत थी। (d) 1, 2 और 3 4. इसने प्राां तोां में द्वै ि शासन का प्राविान ककया, किसमें आरकक्षत कवियोां को मांकत्रयोां की सहायता से गवनुर द्वारा प्रशाकसत ककया िाना था। 29. कविानोां के कनम्नकलस्तखत युग्ोां और उनके उपयुुक्त में से ककतने कथन सही है /हैं ? (a) केवल एक प्रकतस्थापन के रूप में नए प्रिाकवत कविेयकोां पर (b) केवल दो कवचार कीकिये : (c) केवल तीन (d) सभी चारोां पुराने कवधान प्रकतस्थाकपत कवधेयक 1. भारतीय दां ड भारतीय साक्ष्य कविेयक 27. सांकविान सभा की सकमकतयोां के सन्दभु में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : सांकहता, 1860 1. सांकविान सभा की सकमकतयोां ने उन्हें आवांकटत 2. दां ड प्रकक्रया भारतीय न्याय सांकहता कवियोां पर प्रारां कभक शोि ककया। 2. डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सांकविान सभा की कई सांकहता, 1973 कविेयक सकमकतयोां के सदस् थे। 3. म कलक अकिकारोां, अिसांख्यकोां एवां िनिातीय 3. साक्ष्य अकिकनयम, भारतीय नागररक तथा बकहष्कृत क्षेत्रोां के कलए सलाहकार सकमकत 1872 सुरक्षा सांकहता सदस्ोां की सांख्या के मामले में सांकविान सभा की सभी सकमकतयोां में सबसे बड़ी थी। उपयुुक्त युग् में से ककतने युग् सही सुमेकलत है /हैं ? उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? (a) केवल एक युग् (a) केवल एक (b) केवल दो (b) केवल दो युग् (c) सभी तीनोां (c) सभी तीनोां युग् (d) उपयुुक्त में से कोई नहीां (d) इनमें से कोई युग् नहीां 7-A Polity Test 01 30. कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : 32. भारत की सांप्रभुता के सांबांि में कनम्नकलस्तखत कथनोां कथन - I: पर कवचार कीकिये : सांवैिाकनक नैकतकता का तात्पयु केवल सांकविान के कथन-I: अक्षरशः पालन से नहीां है ; इसके कलए सांकविान की भावना और उद्दे श्य की गहन समझ होना भी सांयुक्त राष्ट्र सांगिन (UNO) और अन्य अांतरराष्ट्रीय आवश्यक है । सांगिनोां में भारत की सदस्ता, उसकी सांप्रभु ता को कथन - II: पररसीकमत नहीां करती है। सांवैिाकनक नैकतकता व्यस्तक्तगत व्याख्या का कविय है , और सांकविान की व्याख्या का कोई सही तरीका कथन-II: कवद्यमान नहीां है । भारत को अपने आां तररक या बाहरी मामलोां के उपयुुक्त कथनोां के सांबांि में कनम्नकलस्तखत में से क न- सांचालन में पूणु स्वतांत्रता प्राप्त है । सा सही है ? (a) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं और कथन- उपयुुक्त कथनोां के सांदभु में कनम्नकलस्तखत में से क न सा II, कथन-I की सही व्याख्या है । सही है ? (b) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं और कथन- (a) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं तथा कथन-II, II, कथन-I की सही व्याख्या नहीां है । कथन-I की सही व्याख्या है । (c) कथन-I सही है ककन्तु कथन-II गलत है । (d) कथन-I गलत है ककन्तु कथन-II सही है । (b) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीां है । 31. कनम्नकलस्तखत में से ककतने कथन (c) कथन-I सही है ककन्तु कथन-II गलत है । "रािनीकत/रािव्यवस्था" शब्द की सही व्याख्या करते हैं - (d) कथन-I गलत है ककन्तु कथन-II सही है । 1. यह राज्य, साम्राज्य या गणतांत्र सकहत ककसी भी प्रकार के शासन या सांगकित समाि को सांदकभुत 33. 42वें सांकविान सांशोिन अकिकनयम के माध्यम से करता है । 2. यह एक इकाई है , किसमें क्षेत्र, िनसांख्या, सरकार इनमें से क न से कवियोां को राज्य सूची से समवती सूची और सांप्रभुता शाकमल है । में स्थानाां तररत ककया गया था? 3. यह सरकार की एक प्रणाली है , किसमें शस्तक्त 1. स्थानीय स्वशासन लोगोां में कनकहत होती है , िो प्रत्यक्ष या स्वतांत्र रूप से कनवाु कचत प्रकतकनकियोां के माध्यम से शासन 2. कसांचाई करते हैं । 3. कशक्षा 4. यह शासन की एक प्रणाली है , िहाँ सरकार का 4. वन प्राकिकार सांकविान द्वारा पररभाकित और सीकमत 5. माप और त ल होता है । उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? नीचे कदए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनें: (a) केवल एक (a) केवल 1, 3, 4 (b) केवल दो (b) केवल 2, 3, 4 (c) केवल तीन (d) सभी चारोां (c) केवल 3, 4, 5 (d) 1, 2, 3, 4 और 5 8-A Polity Test 01 34. कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : 37. नागररकता के सांदभु में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर 1. यकद कोई कवदे शी क्षे त्र भारत का कहस्सा बन िाता है , कवचार कीकिये : तो उस क्षेत्र में रहने वाले सभी लोग स्वतः ही भारत कथन-I: के नागररक बन िाते हैं । भारतीय सांकविान का अनुच्छेद 5 मुख्य रूप से सांकविान 2. कवदे शी भारतीय नागररक (OCI) काडु िारक के के प्रारां भ के समय िीकवत व्यस्तक्तयोां के कलए 'िस सोकल' कवपरीत, भारतीय मूल के व्यस्तक्त (PIO), िीवन भर कबना वीज़ा के भारत की यात्रा कर सकते हैं । (Jus Soli) कसद्धाां त पर आिाररत था। 3. कोई भी व्यस्तक्त, िो पाककिान या बाां ग्लादे श का कथन-II: नागररक है या रहा था, वह कवदे शी भारतीय नागररक 'िस साां गुइकनस (Jus Sanguinis) की तुलना में िस काडु िारक के रूप में पांिीकरण के कलए अहु नहीां सोकल को प्राथकमकता दी गई, क्योांकक कई सांकविान होगा। कनमाु ताओां ने इसे नस्लीय नागररकता के कवचार के रूप उपयुुक्त कथन/कथनोां में से ककतने सही हैं ? में दे खा था। (a) केवल एक (b) केवल दो उपयुुक्त कथनोां के सांदभु में कनम्नकलस्तखत में से क न सा (c) सभी तीनोां सही है ? (d) कोई नहीां (a) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है । 35. कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : (b) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं तथा कथन-II, 1. भारतीय सांकविान के अनुच्छेद 3 के अांतगुत सांसद पूरे कथन-I की सही व्याख्या नहीां है । राज्य को केंद्र शाकसत प्रदे श में पररवकतुत कर सकती (c) कथन-I सही है ककन्तु कथन-II गलत है । है । 2. सांकविान, सांसद को राज्योां सहमकत के कबना नये (d) कथन-I गलत है ककन्तु कथन-II सही है । राज्योां का कनमाु ण और उसके क्षेत्रोां, सीमाओां या सांबांकित राज्योां के नामोां में पररवतुन करने का 38. कनाडा की तरह भारत के सांकविान ने ककस भावना अकिकार दे ता है । को बढ़ावा दे ने के कलए एकल नागररकता की व्यवस्था उपयुुक्त कथनोां में से क न सा/से सही है /हैं ? लागू की है ? (a) केवल 1 (a) स्वतांत्रता (b) केवल 2 (b) समािवाद (c) 1 और 2 दोनोां (d) न तो 1 और न ही 2 (c) एकता और बन्धुत्व (d) िमुकनरपेक्षता 36. राष्ट्रीय िनसांख्या रकिर्स्र (NPR) के सांबांि में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : 39. भारतीय सांकविान की मूल सांरचना के सांबांि में 1. 'दे श का सामान्य कनवासी' वह है , िो कम से कम कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : कपछले छह महीनोां से ककसी स्थानीय क्षेत्र में कनवास 1. आई.आर. कोएल्हो वाद (2007) में, सवोच्च कर रहा हो, या अगले छह महीनोां के कलए ककसी कवशेि स्थान पर कनवास करने का इरादा रखता हो। न्यायालय ने न वीां अनुसूची के अांतगुत सस्तम्मकलत 2. भारत के प्रत्येक 'सामान्य कनवासी' के कलए राष्ट्रीय कवकियोां की न्याकयक समीक्षा की अनुमकत दी। िनसांख्या रकिर्स्र में पांिीकरण कराना अकनवायु है । 2. वामन राव वाद (1981) में, सवोच्च न्यायालय ने 3. राष्ट्रीय िनसांख्या रकिर्स्र, िनसाां स्तख्यकीय डे टा और कनणुय कदया कक मूल सांरचना का कसद्धाां त 24 अप्रैल, बॉयोमीकटर क डे टा दोनोां एकत्र करे गा। 1973 के बाद अकिकनयकमत सांवैिाकनक सांशोिनोां 4. राष्ट्रीय िनसांख्या रकिर्स्र में ककसी इलाके में छह पर लागू होगा। महीने से अकिक समय तक रहने वाले कवदे शी का भी उपयुुक्त कथनोां में से क न सा/से सही नही ं है /हैं ? कववरण दिु ककया िाएगा। उपयुुक्त कथन/कथनोां में से ककतने सही हैं /हैं ? (a) केवल 1 (a) केवल एक कथन (b) केवल 2 (b) केवल दो कथन (c) 1 और 2 दोनोां (c) केवल तीन कथन (d) न तो 1 और न ही 2 (d) सभी चारोां कथन 9-A Polity Test 01 40. कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिएः 43. सांकविान के तहत कनम्नकलस्तखत में से ककतने 1. अनुच्छेद 368, सांकविान में पररविुन, पररवतुन प्राविानोां में सांशोिन के कलए अनुच्छेद 368 के अांतगुत और रद्द करने (striking down) के माध्यम से आिे से अकिक राज्योां के अनुमोदन की आवश्यकता सांशोिन की अनुमकत दे ता है । होती है ? 2. अनुच्छेद 368 में तीन प्रकार के सांशोिनोां का 1. विु एवां सेवा कर पररिद। प्राविान है। 2. सांकविान का सांशोिन करने की सांसद की शस्तक्त 3. सांसद उन प्राविानोां में सांशोिन नहीां कर सकती और इसके कलए प्रकक्रया। है , िो सांकविान के मूल ढाँ चे से सांबांकित हो । 3. सांसद और राज्य कविानमांडलोां के कलए कनवाु चन। 4. किन सांशोिनोां के कलए केवल सािारण बहुमत की आवश्यकता होती है , उन्हें अनुच्छेद 368 के तहत 4. सातवीां अनुसूची से सांबद्ध कोई कविय। सांशोिन नहीां माना िाता है । नीचे कदए गए कवकिोां में से सही कूट का चयन उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही हैं ? कीकिये: (a) केवल एक (a) केवल एक (b) केवल दो (b) केवल दो (c) केवल तीीन (c) केवल तीन (d) सभी चारोां (d) सभी चारोां 41. कनम्नकलस्तखत में से क न सा कारक एक उदार 44. सांक्षेप में, 'स्वतांत्रता' शब्द का क्या अथु है ? लोकतांत्र में स्वतांत्रता का सवोत्तम सांरक्षण सुकनकित (a) कवशेिाकिकारोां का अभाव करता है ? (b) अवसरोां की समानता (a) एक प्रकतबद्ध न्यायपाकलका (c) लोगोां के कलए अपनी क्षमताओां को कवककसत करने (b) शस्तक्त का केंद्रीकरण (c) कनवाु कचत सरकार की स्तस्थकत का अस्तित्व (d) शस्तक्तयोां का पृथक्करण (d) कवकि के शासन की उपस्तस्थकत 42. सवोच्च न्यायालय के ऐकतहाकसक कनणु योां के 45. भारतीय सांकविान के अनुच्छेद 22 के सांबांि में कनम्नकलस्तखत युग्ोां और उन कनणु योां में घोकित सांकविान कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये के मूल ढाँ चे के तत्वोां पर कवचार कीकिये : 1. अनुच्छेद 22 के पहले भाग में कगरफ्तारी और कनणणय मूल ढाँिे के तत्व कहरासत में ककसी कवदे शी के कनवाु सन से सांबांकित 1. ककहोतो होलोहन समािवाद कगरफ्तारी शाकमल नहीां है । 2. कमनवाु कमल्स न्याकयक समीक्षा 2. कनवारक कनरोि का अथु है - ककसी व्यस्तक्त को 3. इां कदरा नेहरू गाँ िी अनुच्छेद 226 दोिकसस्तद्ध के कबना कहरासत में रखना। बनाम राि नारायण और 227 के तहत 3. भारत में कनवारक कनरोि से सांबांकित कानून बनाने उच्च न्यायालयोां की शस्तक्तयाँ का एकमात्र कविायी क्षेत्राकिकार सांसद के पास है । 4. एस.आर. बोम्मई िमुकनरपेक्षता उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही हैं ? उपयुुक्त युग्ोां में से ककतने सही सुमेकलत हैं ? (a) केवल एक (a) केवल एक युग् (b) केवल दो (b) केवल दो युग् (c) सभी तीनोां (c) केवल तीन युग् (d) कोई नहीां (d) सभी चारोां युग् 10 - A Polity Test 01 46. अनुच्छेद 20 के तहत 'अपरािोां के कलए दोिकसस्तद्ध 49. भारतीय सांकविान के अनुच्छेद 13 के दायरे में के सांबांि में सांरक्षण' के सांदभु में कनम्नकलस्तखत कथनोां कनम्नकलस्तखत में से ककतने 'कानून' आते हैं ? पर कवचार कीकिये: 1. एक कायोत्तर िन-उत्तरदाकयत्व या कर कानून का 1. सांसद द्वारा अकिकनयकमत स्थायी कानून अकिकनयमन कनकिद्ध है । 2. राष्ट्रपकत द्वारा िारी ककये गये अध्यादे श 2. कवभागीय या प्रशासकनक अकिकाररयोां के समक्ष कायुवाही में दोहरे दां ड से सुरक्षा उपलब्ध नहीां है । 3. प्रत्यायोकित कविान 3. डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूस्तिक एकसड) 4. सांवैिाकनक सांशोिन परीक्षण कवश्लेिण कनिता के अकिकार और स्व- नीचे कदए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुकनए: अकभशांसन के कवरुद्ध सां रक्षण के अकिकार को प्रकतबां कित करता है तथा इस प्रकार अनुच्छेद 20 (a) केवल एक का हनन है । (b) केवल दो उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही नही ं है /हैं ? (a) केवल एक (c) केवल तीन (b) केवल दो (d) सभी चारोां (c) सभी तीनोां (d) कोई भी नहीां 50. भारतीय सांकविान के अनुच्छेद 15 के सां दभु में 47. भारतीय सांकविान के अनुच्छेद 31ख और न वीां कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये: अनुसूची के सां दभु में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये: 1. राज्य, सामाकिक और शैक्षकणक दृकष्ट् से कपछड़े 1. अनुच्छेद 31ख को न वीां अनुसूची के साथ 1951 वगों के कलए अिसांख्यक शैक्षकणक सांस्थानोां के प्रथम सांवैिाकनक सांशोिन अकिकनयम द्वारा िोड़ा गया था। सकहत शैक्षकणक सांस्थानोां में उनके प्रवेश के 2. अनुच्छेद 31ख, न वीां अनुसूची में उस्तल्लस्तखत सांबांि में कोई कवशेि प्राविान कर सकता है । अकिकनयमोां और कवकनयमोां को ककसी भी म कलक अकिकारोां के उल्लांघन के आिार पर चुन ती दे ने 2. 1992 के इां द्रा साहनी मामले में, आरक्षण की और अवैि होने से सांरक्षण प्रदान करता है । ऊपरी सीमा 50% कनिाु ररत की गई थी। 3. ककहोतो होलोहन वाद (1992) में, सवोच्च 3. 1992 के इां द्रा साहनी मामले में, यह कनणु य कदया न्यायालय ने कनणु य कदया कक न वीां अनुसूची में उस्तल्लस्तखत कवकियोां को न्याकयक समीक्षा से सम्पूणु गया कक सांकविान के अनुच्छेद 16(4) में केवल उन्मुस्तक्त प्राप्त नहीां हो सकती। रोिगार के प्रारां कभक चरण के कलए आरक्षण उपयुुक्त कथनोां में से क न से सही हैं ? (a) केवल 1 और 2 कदया गया है , न कक पदोन्नकत में । (b) केवल 2 और 3 उपयुुक्त कथनोां में से क न-सा/से सही है /हैं ? (c) केवल 1 और 3 (d) 1, 2 और 3 (a) केवल 1 (b) केवल 2 48. भारत में मत दे ने और कनवाु कचत होने का अकिकार (c) केवल 2 और 3 है - (a) मूल अकिकार (d) 1, 2 और 3 (b) नैसकगुक अकिकार (c) सांवैिाकनक अकिकार (d) कवकिक अकिकार 11 - A Polity Test 01 51. भारत में आरक्षण नीकत के सन्दभु में कनम्नकलस्तखत 53. प्रथम सूचना ररपोटु (FIR) के सांदभु में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये: कथनोां पर कवचार कीकिये: 1. प्रकसद्ध मांडल मामले (1992) में, सवोच्च न्यायालय ने अिूरी (बै कलॉग) ररस्तक्तयोां के मामले में 'कैरी 1. यह सांज्ञेय और असांज्ञेय दोनोां प्रकार के अपरािोां फॉरवडु कनयम' को वैि घोकित ककया। में दिु की िाती है । 2. 77वें सांवैिाकनक सांशोिन अकिकनयम में सरकारी सेवकोां के कलए आरक्षण के कनयम के आिार पर 2. एफआईआर केवल अपराि से पीकड़त द्वारा ही पदोन्नकत के मामले में 'पररणामी वररष्ठता' प्रदान दिु कराई िा सकती है । की गई। 3. मात्रात्मक आँ कड़े प्रिुत करने की आवश्यकता 3. कनयकमत एफआईआर के कवपरीत, शून्य सवोच्च न्यायालय द्वारा िरनैल कसांह बनाम लछमी एफआईआर ककसी भी पुकलस र्स्े शन में दिु की नारायण गुप्ता मामले में कनिाु ररत की गई थी। िा सकती है , भले ही अपराि उस र्स्े शन के 4. एम. नागराि बनाम भारत सांघ मामले में, सवोच्च न्यायालय ने माना है कक क्रीमी लेयर पर ककसी भी अकिकार क्षेत्र के भीतर न हुआ हो। चचाु की अनुसूकचत िाकत/अनुसूकचत िनिाकत के 4. िब भी पुकलस को सूचना कमले तो सभी मामलोां में सांदभु में "कोई प्रासांकगकता नहीां है "। उपयुुक्त में से ककतने कथन सही नही ं हैं ? एफआईआर दिु करना अकनवायु है । (a) केवल एक उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? (b) केवल दो (c) केवल तीन (a) केवल एक (d) सभी चारोां (b) केवल दो 52. एक प्रकसद्ध पत्रकार सुश्री XYZ, ने हाल ही में (c) केवल तीन कशक्षा पर सरकार की नई नीकत की आलोचना करते हुए लेखोां की एक श्रृांखला प्रकाकशत की। प्रकाशन के (d) सभी चारोां बाद, उसे पुकलस र्स्े शन में बु लाया गया, िहाँ उससे उसके स्रोतोां के बारे में घांटोां पूछताछ की गई और उन्हें उिागर करने के कलए दबाव डाला गया। पुकलस ने 54. गैरकानूनी गकतकवकि (कनवारण) अकिकनयम के कबना कोई वारां ट या कानूनी औकचत्य बताए उसकी सांदभु में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये: कनिी नोटबु क और लैपटॉप भी िब्त कर कलया। कुछ 1. भारतीय और कवदे शी दोनोां नागररकोां पर यूएपीए कदनोां बाद, उनके लेखोां को उनके अखबार की वेबसाइट से िबरदिी हटा कदया गया, और उनके इस के तहत मुकदमा चलाया िा सकता है । कविय पर आगे लेख कलखने पर प्रकतबां ि लगा कदया 2. यूएपीए में 2019 के सांशोिन द्वारा व्यस्तक्तयोां को गया। इसके अलावा, सुश्री XYZ को इस दमन का कवरोि करने के कलए एक शाां कतपूणु सभा आयोकित आतांकवादी के रूप में नाकमत करना सांभव हो करने के अकिकार से भी वांकचत कर कदया गया। गया है । केस र्स्डी में सुश्री XYZ के कनम्नकलस्तखत में से क न-से म कलक अकिकार का उल्लांघन हुआ? सबसे उपयुक्त 3. यूएपीए के तहत मामलोां की िाँ च पुकलस कवकि चुकनए: उपािीक्षक (S.P) िर से नीचे के अकिकारी द्वारा 1. अनुच्छेद 19 2. अनुच्छेद 21 नहीां की िा सकती है । 3. अनुच्छेद 32 उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? 4. अनुच्छेद 22 (a) केवल एक उपयुुक्त युग्ोां में से क न-सा सही सुमेकलत है /हैं ? (a) केवल 1 और 2 (b) केवल दो (b) केवल 1, 2, और 3 (c) सभी तीनोां (c) केवल 1, 2, और 4 (d) उपयुुक्त सभी (d) कोई नहीां 12 - A Polity Test 01 55. कवकि का शासन' और ‘कवकि द्वारा शासन' के सांदभु 58. प्रतीक और नाम अकिकनयम (अनुकचत उपयोग की में कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : रोकथाम), 1950 के सांबांि में कनम्नकलस्तखत कथन पर 1. कवकि का शासन और कवकि द्वारा शासन दोनोां सभी कवचार कीकिये : व्यस्तक्तयोां पर समान रूप से लागू होते हैं , चाहे उनकी पृष्ठभूकम, स्तस्थकत या शस्तक्त कुछ भी हो। 1. यह भारतीय नागररकोां पर लागू होता है , चाहे वे 2. कवकि द्वारा शासन का उद्दे श्य कनयांत्रण बनाए भारत में रह रहे होां या भारत के बाहर। रखना है िबकक कवकि के शासन का उद्दे श्य 2. अकिकनयम के तहत प्रतीक की पररभािा में वैयस्तक्तक अकिकारोां को सांरक्षण प्रदान करना है। भारतीय ध्वि भी शाकमल है । उपयुुक्त कथनोां में से क न-सा/से सही है /हैं ? (a) केवल 1 3. अकिकनयम की अनुसूची में उस्तल्लस्तखत ककसी भी (b) केवल 2 नाम का उपयोग केंद्र सरकार की पूवु अनुमकत के (c) 1 और 2 दोनोां कबना ककसी पेटेंट के शीिुक, या ककसी टर े डमाकु (d) न तो 1 और न ही 2 या कडज़ाइन में नहीां ककया िा सकता है । 56. कनम्नकलस्तखत कथनोां पर कवचार कीकिये : उपयुुक्त कथनोां में से ककतने सही है /हैं ? कथन I: (a) केवल एक सांवैिाकनक कसद्धाां तोां के अनुसार, िब राज्य के नीकत (b) केवल दो कनदे शक तत्व बाध्यकारी नहीां होते हैं तो कोई ककसी (c) सभी तीन न्यायालय को राज्य को परमादे श िारी करने का अकिकार नहीां है। (d) कोई नहीां कथन I I: राज्य के नीकत कनदे शक तत्व, सरकार के कृत्योां 59. कनम्नकलस्तखत युग्ोां पर कवचार कीकिये: (प्रदशुन) की िाँ च हे तु लोगोां के पास उपलब्ध एक कधकनयम नीकत कनदे शक तत्व पैमाना है और यह न्यायालयोां के कलए उपलब्ध नहीां है । उपयुुक्त कथनोां के सांबांि में कनम्नकलस्तखत में से क न- 1. प्राचीन और ऐकतहाकसक अनुच्छेद 49 सा सही है ? स्मारक और पुरातास्तत्वक (a) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं और कथन-II स्थल और अवशेि कथन-I की सही व्याख्या है अकिकनयम, 1958 (b) कथन-I और कथन-II दोनोां सही हैं और कथन-II कथन-1 की सही व्याख्या नहीां है 2. बाल श्रम (कनिेि और अनुच्छेद 40 (c) कथन-I सही है ककन्तु कथन-II गलत है कवकनयमन) अकिकनयम, (d) कथन-I गलत है ककन्तु कथन-II सही है 1986 3. कानूनी सेवा प्राकिकरण अनुच्छेद 39क 57. कनम्नकलस्तखत दे शोां पर कवचार कीकिये : 1. सोकवयत सांघ (USSR) अकिकनयम, 1987 2. िापान 4. मातृत्व लाभ अकिकनयम, अनुच्छेद 42 3. कनाडा 1961 4. फ़्ाां स उपयुुक्त युग्ोां में से ककतने सही सुमेकलत है /हैं ? 5. ऑर्स्रेकलया उपयुुक्त में से ककतने दे शोां का सांकविान अपने (a) केवल एक युग् नागररकोां हे तु ककसी न ककसी रूप में कतुव्योां का (b) केवल दो युग् प्राविान करता है ? (c) केवल तीन युग् (a) केवल दो