आवर्त सारणी का वर्गीकरण PDF
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SSC PANACEA
Sandeep Singh
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इस दस्तावेज़ में आवर्त सारणी और इसके विकास पर जानकारी दी गई है। दस्तावेज़ में आवर्त सारणी के विभिन्न समूहों और आवर्तों और यह कैसे काम करता है के बारे में जानकारी शामिल है।
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Ssc panacea आवर्त सारणी का वर्गीकरण आवर्त सारणी की सभी महत्वपूणत अवधारणाओं का संकलन। एसएससी द्वारा पूछे र्गए पपछले वर्त के प्रश्नों के साथ Sandeep Singh...
Ssc panacea आवर्त सारणी का वर्गीकरण आवर्त सारणी की सभी महत्वपूणत अवधारणाओं का संकलन। एसएससी द्वारा पूछे र्गए पपछले वर्त के प्रश्नों के साथ Sandeep Singh “Ministry of Defence” Join SSC PANACEA-https://t.me/SscPanacea/1953 App Download - https://play.google.com/store/apps/details?id=co.jones.culkc र्त्वों की आवर्त सारणी परमाणु संख्या, इलेक्ट्रॉननक पवन्यास और आवर्ी रासायननक र्गुणों द्वारा व्यवस्थथर् रासायननक र्त्वों की एक सारणीबद्ध व्यवथथा है , स्िसकी संरचना आवनधक प्रवृपियों को दर्ातर्ी है । वर्तमान में, 118 र्त्व ज्ञार् हैं , इनमें से केवल 84 प्राकृ नर्क रूप से पाए िार्े हैं । अर्ः, सभी र्त्वों को समूहों में इस प्रकार पवभास्िर् ककया र्गया है कक एक ही समूह के र्त्वों के र्गुण समान हों। आवर्त सारणी का पवकास डोबेराइनर रायड्स– वर्त 1817 में िोहान वोल्फर्गैंर्ग डोबेराइनर ने समान र्गुणों वाले र्त्वों को र्ीन-र्ीन र्त्वों वाले समूहों में व्यवस्थथर् करने का प्रयास ककया। उन्होंने इन समूहों को रायड कहा। इससे पर्ा चला कक, िब एक पिक में र्ीन र्त्वों को बढ़र्े परमाणु द्रव्यमान के क्रम में व्यवस्थथर् ककया र्गया था, र्ो मध्य र्त्व का परमाणु द्रव्यमान अन्य दो र्त्वों के परमाणु द्रव्यमान का लर्गभर्ग औसर् था। डोबेराइनर उस समय ज्ञार् र्त्वों में से केवल र्ीन पिक की पहचान कर सके। उदाहरण - 1. Li(7) Na(23) k(39) = 7 + 39 = 46/2 = 23 2. CaSr Ba 3. Cl Br I न्यूलैंड्स लॉ ऑफ़ ऑक्ट्टे व्स (1866)- 1866 में, िॉन न्यूलड ैं ने ज्ञार् र्त्वों को बढ़र्े परमाणु द्रव्यमान के क्रम में व्यवस्थथर् ककया और पाया कक प्रत्येक 8वें र्त्व के र्गुण पहले के समान थे। उन्होंने इस पैटनत की र्ुलना संर्गीर् में पाए िाने वाले सप्तक यानी सा, रे , र्गा, मा, पा, दा, नी से की। (नलनथयम और सोकडयम के र्गुण समान थे), इसनलए, उन्होंने इसे ऑक्ट्टे व्स का ननयम कहा। इसे न्यूलड ैं के अष्टक ननयम के नाम से िाना िार्ा है । सीमाएँ– यह केवल कैस्ल्र्यम र्क ही लार्गू था। केवल 56 र्त्व माने र्गए। मेंडेलीव की आवर्त सारणी (1869)– र्त्वों की आवर्त सारणी के प्रारं नभक पवकास में कदनमिी इवानोपवच मेंडेलीव (आवर्त सारणी के िनक) का सबसे महत्वपूणत योर्गदान था। उनके समय में केवल 63 र्त्व ज्ञार् थे। मेंडेलीव के आवर्त ननयम के अनुसार, "र्त्वों के भौनर्क और रासायननक र्गुण उनके परमाणु द्रव्यमान के आवर्ी फलन हैं "। इस र्ानलका में 8 ऊध्वातधर थर्ंभ हैं , स्िन्हें समूह कहा िार्ा है , और 6 क्षैनर्ि पंपियाँ हैं , स्िन्हें अवनध कहा िार्ा है । अपनी र्ानलका में नए र्त्वों की खोि करर्े हुए, मेंडेलीव ने उस समय खोिे नहीं र्गए र्त्वों के नलए ररि थथान छोडे , उन्होंने कई र्त्वों के परमाणु द्रव्यमान और र्गुणों की भपवष्यवाणी की िो ज्ञार् नहीं थे और ऐसे र्त्वों को संथकृ र् ईका (एक), कदपव (दो), पि (र्ीन), आकद िोडकर नाम कदया र्गया। एक ही समूह में पूवव त र्ी समान र्त्व के नाम पर। उदाहरण के नलए, एका-बोरॉन, एका-एल्यूमीननयम, और एका-नसनलकॉन, स्िन्हें उनकी खोि के बाद क्रमर्ः थकैंकडयम, र्गैनलयम और िमेननयम नाम कदया र्गया। सीमाएं – आइसोटोप की स्थथनर् थपष्ट नहीं की र्गई। हाइड्रोिन की स्थथनर् ठीक से ननकदत ष्ट नहीं की र्गई थी। परमाणु द्रव्यमान में अननस्िर्र्ा. हल्के र्त्व से पहले भारी र्त्व को रखना। आधुननक आवर्त सारणी – 1913 में, हे नरी मोसले ने कदखाया कक ककसी र्त्व का परमाणु क्रमांक एक अनधक मौनलक र्गुण है । इसी के आधार पर. उन्होंने मेंडेलीव के आवर्त ननयम को संर्ोनधर् ककया "र्त्वों के भौनर्क और रासायननक र्गुण उनके परमाणु क्रमांक के आवर्ी फलन हैं "। इसे आधुननक आवर्त ननयम कहर्े हैं । िब र्त्वों को उनके परमाणु क्रमांक के बढ़र्े क्रम में व्यवस्थथर् ककया िार्ा है , र्ो प्राप्त र्ानलका को आधुननक आवर्त सारणी कहा िार्ा है । आधुननक आवर्त सारणी की पवर्ेर्र्ाएं इस र्ानलका में 18 ऊध्वातधर थर्ंभ हैं , स्िन्हें समूह के रूप में िाना िार्ा है और 7 क्षैनर्ि पंपियाँ हैं , स्िन्हें अवनध के रूप में िाना िार्ा है समूहों की पवर्ेर्र्ाएं:-:- समूहों में मौिूद र्त्वों की कुछ महत्वपूणत पवर्ेर्र्ाएं इस प्रकार हैं : समूहों को उप-समूहों में पवभास्िर् नहीं ककया र्गया है । एक समूह में मौिूद र्त्वों में वैलेंस इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होर्ी है । एक समूह में उपस्थथर् र्त्वों की संयोिकर्ा समान होर्ी है । िैसे-िैसे हम समूह में नीचे िार्े हैं , कोर्ों की संख्या बढ़र्ी िार्ी है । एक समूह में मौिूद र्त्वों के रासायननक र्गुण समान होर्े हैं । ककसी समूह में र्त्वों के भौनर्क र्गुण िैसे र्गलनांक, क्ट्वथनांक, घनत्व धीरे - धीरे बदलर्े रहर्े हैं । पीररयड्स की पवर्ेर्र्ाएं:- ककसी आवर्त के र्त्वों में वैलेंस इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान नहीं होर्ी है लेककन उनमें कोर्ों की संख्या समान होर्ी है । िैसे-िैसे संयोिकर्ा कोर् इलेक्ट्रॉनों की संख्या बदलर्ी है , र्त्वों के रासायननक र्गुण भी बदलर्े हैं । एक कोर् में समायोस्िर् ककए िा सकने वाले इलेक्ट्रॉनों की अनधकर्म संख्या सूि, 2n² ' द्वारा दी र्गई है , िहां, n = नानभक से कदए र्गए कोर् की संख्या। उदाहरण – K- कोर् —2x(1)² = 2, केवल 2 र्त्व - बहुर् ही छोटी अवनध। L- कोर् -2x(2)² = 8, 8 र्त्व - लघु अवनध। M- कोर् - 2x(3)² = 18 लेककन सबसे बाहरी कोर् में केवल 8 इलेक्ट्रॉन हैं , इसनलए इसमें भी केवल 8 र्त्व हैं - लघु अवनध। चौथे और पांचवें आवर्त में 18 र्त्व होर्े हैं - स्िन्हें दीघत आवर्त कहा िार्ा है । छठे और सार्वें आवर्त में 32 र्त्व होर्े हैं - स्िन्हें दीघत आवर्त कहा िार्ा है । परमाणु क्रमांक को ककसी परमाणु के नानभक में मौिूद प्रोटॉनों की कुल संख्या के रूप में पररभापर्र् ककया िार्ा है । द्रव्यमान संख्या को नानभक में मौिूद प्रोटॉन और न्यूरॉन की संख्या के योर्ग के रूप में पररभापर्र् ककया र्गया है । र्त्वों के प्रकार वैलेंस इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने वाले कक्षक के प्रकार के आधार पर, र्त्वों को ननम्ननलस्खर् चार ब्लॉकों में वर्गीकृ र् ककया िा सकर्ा है : - 1. S ब्लॉक र्त्व - इन र्त्वों में वैलेंस इलेक्ट्रॉन S -ऑपबतटल में प्रवेर् करर्े हैं । आवर्त सारणी के समूह-1 और 2 (1A और IIA) इसी से संबंनधर् हैं । आवर्त सारणी के समूह-1(IA) को सामूकहक रूप से क्षार धार्ु कहा िार्ा है । आवर्त सारणी के समूह- 2 (IIA) को सामूकहक रूप से क्षारीय पृथ्वी धार्ु कहा िार्ा है । ये र्त्व नरम धार्ु, पवद्युर् धनात्मक होर्े हैं और क्षारीय ऑक्ट्साइड बनार्े हैं । 2. P ब्लॉक र्त्व - ग्रुप-13 से 18 (IIIA से VIIIA) आवर्त सारणी में पी-ब्लॉक र्त्व हैं । यह एकमाि ब्लॉक है स्िसमें धार्ु, अधार्ु और उपधार्ु र्ानमल हैं । 3. D ब्लॉक र्त्व - इन र्त्वों को संक्रमण र्त्व कहा िार्ा है (जाइन, कैडनमयम और पारा को छोडकर)"। 'इस ब्लॉक में आवर्त सारणी के समूह-3 से 12 र्क के र्त्व र्ानमल हैं । संक्रमण धार्ुओं की र्ीन श्ृख ं लाओं को 3d श्ृख ं ला (Sc से Zn), 4d श्ृख ं ला (Y से Cd)) और 5d श्ृख ं ला ((La से Hg, Ce से Lu को छोडकर) के रूप में िाना िार्ा है । 4. F ब्लॉक र्त्व – एफ-ब्लॉक में दो श्ृख ं लाएं हैं 1. लैंथेनॉइड्स (लैंथेनम के बाद चौदह र्त्व) 2. एस्क्ट्टनोइड्स (एस्क्ट्टननयम के बाद चौदह र्त्व) इस ब्लॉक के र्त्वों को आंर्ररक संक्रमण र्त्व भी कहा िार्ा है । यूरेननयम से परे र्त्व (नंबर 92 पर) मानव नननमतर् र्त्व हैं । मनुष्य द्वारा कृ पिम रूप से संश्लेपर्र्। अर्ः इन्हें कृ पिम र्त्व कहा िार्ा है । ये सभी र्त्व रे कडयोधमी प्रकृ नर् के हैं । आवर्त सारणी के र्त्व आधुननक आवर्त सारणी में समूह समूह 1 के र्त्वों को क्षार धार्ु के रूप में िाना िार्ा है । समूह 2 के र्त्वों को क्षारीय पृथ्वी धार्ु के रूप में िाना िार्ा है । समूह 14 के र्त्वों को काबतन समूह के नाम से िाना िार्ा है । समूह 15 के र्त्वों को Pnictogens (नाइरोिन समूह) के रूप में िाना िार्ा है । समूह 16 के र्त्वों को चाल्कोिेन्स के नाम से िाना िार्ा है । समूह 17 के र्त्वों को है लोिन के नाम से िाना िार्ा है । समूह 18 के र्त्वों को उत्कृ ष्ट र्गैसों के रूप में िाना िार्ा है । समूह 1 - क्षार धार्ुएँ ये धार्ुएँ आवर्त सारणी के समूह 1 में र्त्वों की श्ृख ं ला हैं , श्ृख ं ला में नलनथयम (Li), सोकडयम (Na), पोटे नर्यम (K), रुपबकडयम, (Rb), सीस्जयम (Cs) और फ्ांनसयम (Fr) र्ानमल हैं । र्गुण - इन र्त्वों में एक संयोिकर्ा इलेक्ट्रॉन होर्े हैं । वे सबसे सकक्रय धार्ुएं हैं और सबसे कम आयनीकरण ऊिात उन्हें बहुर् प्रनर्कक्रयार्ील बनार्ी है । क्षार धार्ुएँ है लोिन के साथ आसानी से प्रनर्कक्रया करके आयननक लवण (टे बल नमक, सोकडयम क्ट्लोराइड) बनार्ी हैं । क्षार धार्ुएँ चाँदी के रं र्ग की, मुलायम, कम घनत्व वाली धार्ुएँ होर्ी हैं । क्षार धार्ु + िल → क्षार धार्ु हाइड्रॉक्ट्साइड + हाइड्रोिन समूह 2 - क्षारीय पृथ्वी धार्ुएँ दस ू रे समूह के र्त्व, बेररनलयम (Be), मैग्नीनर्यम (Mg), कैस्ल्र्यम (Ca), थरोंकटयम (Sr), बेररयम (Ba), और रे कडयम (Ra) को क्षारीय पृथ्वी धार्ु कहा िार्ा है । र्गुण – इन सभी र्त्वों में दो वैलेंस इलेक्ट्रॉन होर्े हैं और दो-प्लस चाित के साथ आयन बनाने के नलए दोनों को खो दे र्े हैं । ये चांदी के रं र्ग की, मुलायम, कम घनत्व वाली धार्ुएं हैं , हालांकक क्षार धार्ुओं की र्ुलना में थोडी सख्र् होर्ी हैं । बेररनलयम समूह में सबसे कम धास्त्वक र्त्व है और इसके यौनर्गकों में सहसंयोिक बंधन बनाने की प्रवृपि होर्ी है । क्षारीय पृथ्वी धार्ुएँ + है लोिन → आयननक नमक समूह 14 - काबतन समूह इसमें काबतन (C), नसनलकॉन (Si), िमेननयम (Ge), कटन (Sn), और लेड (Pb) र्त्व र्ानमल हैं । र्गुण – इस समूह में र्गैर-धार्ु काबतन, दो मेटलॉइड और दो धार्ुएं र्ानमल हैं लेककन सामान्य पवर्ेर्र्ा यह है कक सभी में चार वैलेंस इलेक्ट्रॉन होर्े हैं । काबतन एकपरमास्ववक आयन बनाने के बिाय यौनर्गकों में चार सहसंयोिक बंधन बनार्ा है । र्ास्त्वक अवथथा में इसके कई रूप हैं , स्िनमें से सबसे प्रनसद्ध ग्रेफाइट और हीरा हैं । नसनलकॉन कुछ मायनों में काबतन के समान है क्ट्योंकक यह चार सहसंयोिक बंधन बनार्ा है , लेककन यह यौनर्गकों की एक पवथर्ृर् श्ृख ं ला नहीं बनार्ा है । नसनलकॉन पृथ्वी की पपडी में दस ू रा सबसे प्रचुर र्त्व है (पहला एल्युमीननयम है )। समूह 15 - पेननक्ट्टोिेंस या नाइरोिन समूह यह आवर्त सारणी के समूह 15 में र्त्वों की श्ृख ं ला है । इसमें नाइरोिन (N), फॉथफोरस (P), आसेननक (As), एंटीमनी (Sb), और पबथमथ (Bi) र्त्व र्ानमल हैं । समूह 16 – चाकोिेन्स इसमें ऑक्ट्सीिन (O), सल्फर (S), सेलेननयम (Se), टे ल्यूररयम (Te), रे कडयोधमी पोलोननयम (Po), और नसंथेकटक यूनुन्हे स्क्ट्सयम (Uuh) र्ानमल हैं । र्गुण – इस समूह में छह वैलेंस इलेक्ट्रॉन हैं । ऑक्ट्सीिन और सल्फर अधार्ु हैं ; उनका र्ास्त्वक रूप आणपवक है , और वे दो माइनस चाित के साथ आयन बनाने के नलए दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर सकर्े हैं । सल्फर में संभवर्ः ककसी भी र्त्व का सबसे अनधक अपरूप होर्ा है , हालांकक सबसे आम और स्थथर रूप S8 अणुओं के पीले कक्रथटल हैं । समूह 17 - है लोिन सिहवें समूह के र्त्व फ्लोरीन (F), क्ट्लोरीन (Cl), ब्रोमीन (Br), आयोडीन (I), एथटै कटन (At) है लोिन कहलार्े हैं और डायटोनमक अणुओं के रूप में मौिूद होर्े हैं । र्गुण – सभी अधार्ु (केवल समूह) हैं । है लोिन अत्यनधक प्रनर्कक्रयार्ील होर्े हैं , और इस प्रकार पयातप्त मािा में िैपवक िीवों के नलए हाननकारक या घार्क हो सकर्े हैं । कमरे के र्ापमान पर फ्लोरीन और क्ट्लोरीन र्गैस के रूप में, ब्रोमीन र्रल के रूप में और आयोडीन ठोस के रूप में मौिूद होर्े हैं । फ्लोरीन सबसे अनधक प्रनर्कक्रयार्ील है और िैसे-िैसे हम समूह में नीचे िार्े हैं , प्रनर्कक्रयार्ीलर्ा कम होर्ी िार्ी है । क्ट्लोरीन और आयोडीन दोनों का उपयोर्ग कीटाणुनार्क के रूप में ककया िार्ा है । क्ट्लोरीन अनधकांर् फैपब्रक ब्लीच का सकक्रय घटक है और इसका उपयोर्ग अनधकांर् कार्गि उत्पादों के उत्पादन में ककया िार्ा है । है लोिन ऑक्ट्सीकरण एिेंट हैं और ब्लीच में उपयोर्ग ककए िार्े हैं । है लोिन के कुछ अनुप्रयोर्ग 1. फ्लोरीन - प्रकृ नर् में प्रबल ऑक्ट्सीकरण और प्रकृ नर् में पवर्ैला। क्ट्लोरोफ्लोरोकाबतन (सीएफसी) और टे फ्लॉन के ननमातण में उपयोर्ग ककया िार्ा है । रे कफ्िरे टर में उपयोर्ग होने वाले फ्ीऑन के ननमातण में डाइक्ट्लोरो और कडफ्लूरो मीथेन का उपयोर्ग ककया िार्ा है । 2. क्ट्लोरीन - चमडा, भोिन, कपडा, कार्गि और लुर्गदी उद्योर्गों में ब्लीनचंर्ग एिेंट। इर्ना ही नहीं, बस्ल्क यह एक िीवाणुनार्क, ऑक्ट्सीकारक और रोर्गाणुरोधक भी है । डीडीटी, क्ट्लोरोफॉमत और फॉथफीन र्गैस के ननमातण में उपयोर्ग ककया िार्ा है । िल र्ुपद्धकरण और पेयिल उपचार के नलए कीटाणुनार्क के रूप में उपयोर्ग ककया िार्ा है और स्थवनमंर्ग पूल में भी इसका उपयोर्ग ककया िार्ा है । पानी के थवाद और र्गंध ननयंिण के नलए पानी में क्ट्लोरीन डाइऑक्ट्साइड का उपयोर्ग ककया िार्ा है । 3. ब्रोमीन – यह एक अत्यनधक संक्षारक र्रल है , स्िसके वाष्प आंखों, त्वचा और श्लेष्म स्िल्ली को अत्यनधक परे र्ान करर्े हैं । (आंसू र्गैस और क्ट्लोरोपपकक्रन र्गैस का ननमातण) कपडे रं र्गने में उपयोर्ग ककया िार्ा है । और्नधयों के ननमातण में उपयोर्ग ककया िार्ा है । फोटोग्राफी में AgBr का उपयोर्ग ककया िार्ा है । 4. आयोडीन - कीटाणुनार्क और एंटीपाइरे ट्स के रूप में उपयोर्ग ककया िार्ा है । पवथफोटकों का ननमातण. आयोडे क्ट्स एवं आयोडोफॉमत का पवननमातण। 5. एथटाटाइन – रे कडयोधमी र्त्व इसका उपयोर्ग थायराइड संबंधी समथयाओं के इलाि के नलए भी ककया िार्ा है । समूह 18 – उत्कृ ष्ट र्गैसें (Inert or Noble Gases) अठारहवें समूह के र्त्व, हीनलयम (He), ननयॉन (Ne), आर्गतन (Ar), कक्रप्टन (Kr), क्ट्सीनन (Xe), और रे कडयोधमी रे डॉन (Rn) को नोबल र्गैस कहा िार्ा है । इन्हें अकक्रय र्गैसें भी कहा िार्ा है । र्गुण – वे सभी बहुर् कम रासायननक प्रनर्कक्रया वाली र्गंधहीन, रं र्गहीन और एकपरमाणुक र्गैसें हैं । भौनर्क रूप से वे कमरे के र्ापमान पर मोनोएटोनमक र्गैसों के रूप में मौिूद होर्े हैं , यहां र्क कक बडे परमाणु द्रव्यमान वाले भी। ऐसा इसनलए है क्ट्योंकक उनमें अंर्र-परमाणु आकर्तण बल बहुर् कमिोर हैं , और पररणामथवरूप र्गलनांक और क्ट्वथनांक बहुर् कम हैं । कक्रप्टन और क्ट्सीनन एकमाि उत्कृ ष्ट र्गैसें हैं िो ककसी भी यौनर्गक का ननमातण करर्ी हैं । अकक्रय र्गैसों के कुछ अनुप्रयोर्ग 1. हीनलयम – हीनलयम का उपयोर्ग अथथमा, वार्थफीनर् और अन्य श्वास संबंधी समथयाओं के इलाि के नलए ककया िार्ा है । र्ैराक अपने ऑक्ट्सीिन टैं क में हीनलयम + ऑक्ट्सीिन ले िा सकर्े हैं हीनलयम का उपयोर्ग उद्योर्गों में पवथफोटों को रोकने के नलए ककया िार्ा है र्गुब्बारों और वेस्ल्डं र्ग में उपयोर्ग ककया िार्ा है । 2. ननयॉन – सिावटी वथर्ुओं और ट्यूब लाइट में ननयॉन बल्ब का उपयोर्ग करें । ननयॉन का उपयोर्ग पवमान के कहथसों में ककया िार्ा है । ननयॉन का उपयोर्ग साइनबोडत में ककया िार्ा है क्ट्योंकक पबिली प्रवाकहर् करने पर यह चमकर्ा है । 3. आर्गतन – ननस्ष्क्रय वार्ावरण बनाने के नलए उपयोर्ग ककया िार्ा है । रे कडयोआइसोटोप डे कटं र्ग. 3-डी पप्रंकटं र्ग में उपयोर्ग ककया िार्ा है । धार्ु पवज्ञान में उपयोर्ग ककया िार्ा है क्ट्योंकक यह ऑक्ट्सीकरण या िंर्ग लर्गने से बचार्ा है । 4. कक्रप्टन – फेफडों के वेंकटलेर्न या नछडकाव थकैन के नलए परमाणु नचककत्सा में उपयोर्ग ककया िार्ा है । उपग्रहों में प्रणोदक के रूप में उपयोर्ग ककया िार्ा है । 5. जेनॉन - िीवाणुनार्क लैंप में उपयोर्ग ककया िार्ा है स्िसका उपयोर्ग भोिन र्ैयार करने में ककया िार्ा है प्रसंथकरण. नसनलकॉन माइक्रोप्रोसेसरों में इसका उपयोर्ग उस पर एक सुरक्षात्मक परर् बनाने के नलए ककया िार्ा है । ऑक्ट्सीिन और क्ट्सीनन का नमश्ण रि में आरबीसी की संख्या बढ़ाने में मदद करर्ा है । 6. रे डॉन - इसका उपयोर्ग कैंसर थेरेपी में ककया िार्ा है । भूकंप की भपवष्यवाणी में सहायक. औद्योनर्गक रे कडयोग्राफी में उपयोर्ग ककया िार्ा है । आधुननक आवर्त सारणी में प्रवृपियाँ संयोिकर्ा - यह उत्कृ ष्ट र्गैस पवन्यास प्राप्त करने के नलए ककसी र्त्व के परमाणु की संयोिन क्षमर्ा है । एक अवनध के साथ- हाइड्रोिन के संबंध में यह 1 से 7 र्क बढ़र्ा है लेककन ऑक्ट्सीिन के संबंध में यह पहले 1 से 4 र्क बढ़र्ा है और कफर घटकर 0 हो िार्ा है । एक समूह के साथ - स्थथर रहर्ा है परमाणु आकार- ककसी पृथक परमाणु के नानभक के केंद्र से इलेक्ट्रॉन युि उसके सबसे बाहरी कोर् के बीच की दरू ी। आवर्त के पार - िैस-े िैसे हम दाकहनी ओर बढ़र्े हैं , नानभक पर धनात्मक आवेर् बढ़र्ा है , इसनलए बाहरी इलेक्ट्रॉन का आकर्तण बढ़र्ा है । अर्ः इलेक्ट्रॉन नानभक के ननकट आ िार्ा है । इस प्रकार परमाणु का आकार बाएँ से दाएँ ओर घटर्ा िार्ा है समूह में नीचे - िैस-े िैसे हम नीचे िार्े हैं , कोर्ों की संख्या बढ़र्ी है , इसनलए परमाणु का आकार भी बढ़र्ा है । धास्त्वक और अधास्त्वक र्गुण- यह इलेक्ट्रॉनों की हानन से धनायन बनाने की र्त्व की प्रवृपि है । संपूणत अवनध में - बाएँ से दाएँ घटर्ा है समूह में नीचे - बढ़र्ा है ऑक्ट्साइड की प्रकृ नर् - धार्ुओं के ऑक्ट्साइड क्षारीय प्रकृ नर् के होर्े हैं िबकक अधार्ुओं के ऑक्ट्साइड अम्लीय होर्े हैं । संपूणत अवनध में - मूल र्गुण कम हो िार्ा है िबकक अम्लीय र्गुण बढ़ िार्ा है । समूह में नीचे - मूल र्गुण बढ़र्ा है िबकक अम्लीय र्गुण घटर्ा है । इलेक्ट्रोपॉस्िकटपवटी - यह एक परमाणु की इलेक्ट्रॉन छोडने की क्षमर्ा है । यकद इलेक्ट्रो पॉस्िकटपवटी अनधक है , र्ो इलेक्ट्रॉन खोना आसान है । यकद पवद्युर् सकारात्मकर्ा कम है , र्ो इलेक्ट्रॉन खोना ककठन है । एक अवनध के साथ-साथ घटर्ी है समूह में नीचे - बढ़र्ा है इलेक्ट्रोनर्गेकटपवटी - इसे अन्य परमाणु के साथ सहसंयोिक बंधन में एक सािा इलेक्ट्रॉन िोडी के नलए एक परमाणु की सापेक्ष इलेक्ट्रॉन आकपर्तर् करने वाली प्रवृपि के रूप में पररभापर्र् ककया िा सकर्ा है । एक अवनध के साथ-साथ बढ़र्ा है समूह में नीचे - घटर्ा है आयनीकरण ऊिात- यह एक धनायन बनाने के नलए सबसे पृथक बाध्य इलेक्ट्रॉन, एक पृथक र्गैसीय परमाणु के वैलेंस इलेक्ट्रॉन को हटाने के नलए आवश्यक ऊिात की मािा है । अवनध के साथ-साथ बाएँ से दाएँ बढ़र्ा है समूह में नीचे - घटर्ा है इलेक्ट्रॉन एकफ़ननटी- एक र्टथथ परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन िोडने पर ननकलने वाली या खचत होने वाली ऊिात की मािा। अवनध के साथ-साथ बाएँ से दाएँ बढ़र्ा है समूह में नीचे - घटर्ा है । कुछ र्त्वों के र्गुण Elements Quality 1. हाइड्रोिन सबसे हल्का र्त्व 2. ऑस्थमयम सबसे भारी र्त्व 3. पारा र्रल धार्ु 4. ब्रोमीन र्रल र्गैर धार्ु 5. चाँदी अच्छा कंडक्ट्टर (धार्ु) 6. ग्रेफाइट अच्छा कंडक्ट्टर (र्गैर धार्ु) 7. सीस्जयम प्रनर्कक्रयार्ील धार्ु 8. फ्लोरीन प्रनर्कक्रयार्ील र्गैर धार्ु 9. टं र्गथटन उच्चर्म र्गलनांक 10. हीनलयम उच्चर्म आयनीकरण एन्थैल्पी 11. सीस्जयम सबसे कम आयनीकरण एन्थैल्पी 12. सोकडयम नमट्टी के र्ेल में रखा र्गया 13. कैस्ल्र्यम हस्ड्डयों और दांर्ों में मौिूद 14. प्लूटोननयम अत्यनधक िहरीली धार्ु आवर्त सारणी के पपछले वर्त के प्रश्न 1. आधुननक आवर्त सारणी का आपवष्कार ककसने ककया - हे नरी मूसले ने। 2. आवर्त सारणी के िनक के रूप में ककसे िाना िार्ा है ? - मेंडेलीव 3. आवर्त सारणी में एक ही समूह के र्त्वों की सामान्य पवर्ेर्र्ा क्ट्या है ? - सबसे बाहरी कोर् में इलेक्ट्रॉन 4. समूह र्ून्य के र्त्वों को कहा िार्ा है - अकक्रय र्गैसें 5. ननम्ननलस्खर् में से कौन सा डोबेराइनर'स्थरयड्स का र्ीसरा सदथय है , स्िसमें नलनथयम और सोकडयम भी र्ानमल हैं ? - पोटै नर्यम 6. आधुननक आवर्त सारणी में र्त्वों को ककस प्रकार व्यवस्थथर् ककया र्गया है ? - उनके परमाणु क्रमांक के बढ़र्े क्रम में 7. है लोिन ककस ब्लॉक से संबंनधर् है ? – पी ब्लॉक 8. संक्रमण धार्ु ककस ब्लॉक से संबंनधर् है ? - डी ब्लॉक 9. आवर्त सारणी के दस ू रे आवर्त में र्त्वों की संख्या ककर्नी है ? – 8 10. मेंडेलीव की आवर्त सारणी में, र्त्वों के र्गुणों को उनका आवर्त कायत माना िार्ा है ? – परमाणु द्रव्यमान 11. परमाणु पिज्या के बढ़र्े क्रम में Na, Rb, K, Cs की व्यवथथा - Na< K