Chapter 1: Chemical Reactions and Equations PDF

Summary

This document introduces the concept of chemical reactions and equations. It uses examples from everyday life to illustrate the changes that occur during a chemical reaction. It also outlines some experiments and observations to help understand the process.

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अध्याय 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण अ पने दैनिक जीवन की निम्नलिखित परिस्थितियों पर ध्यान दीजिए और विचार कीजिए कि क्या होता है जब „„ गर्मियों...

अध्याय 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण अ पने दैनिक जीवन की निम्नलिखित परिस्थितियों पर ध्यान दीजिए और विचार कीजिए कि क्या होता है जब „„ गर्मियों में कमरे के ताप पर दधू को खल ु ा छोड़ दिया जाता है। „„ लोहे का तवा अथवा तसला अथवा कील को आर्द्र वायम ु डं ल में खल ु ा छोड़ दिया जाता है। „„ अग ं रू का किण्वन हो जाता है। „„ भोजन पकाया जाता है। „„ हमारा शरीर भोजन को पचा लेता है। „„ हम साँस लेते हैं। इन सभी परिस्थितियों में प्रारंभिक वस्तु की प्रकृ ति तथा पहचान कुछ न कुछ बदल जाती है। पदार्थ के भौतिक तथा रासायनिक परिवर्तनों के बारे में हम पिछली कक्षाओ ं में पढ़ चक ु े हैं। जब कोई रासायनिक परिवर्तन होता है तो हम कह सकते हैं कि एक रासायनिक अभिक्रिया हुई है। आप शायद सोच रहे होंगे कि रासायनिक अभिक्रिया का वास्तविक अर्थ क्या है। हम कै से जान सकते हैं कि कोई रासायनिक अभिक्रिया हुई है? इन प्रश्‍नों के उत्तर पाने के लिए आइए, हम कुछ क्रियाकलाप करते हैं। क्रियाकलाप 1.1 सावधानी— इस क्रियाकलाप में शिक्षक के सहयोग की आवश्यकता है। सरु क्षा के लिए छात्र आँखों पर चश्मा पहन लें तो उचित होगा। चिमटा „„ लगभग 3–4 cm लंबे मैग्नीशियम रिबन को रे गमाल से मैग्नीशियम रगड़कर साफ़ कर लीजिए। रिबन „„ इसे चिमटे से पकड़कर स्पिरिट लैंप या बर्नर से इसका दहन करिए तथा इससे बनी राख को वॉच ग्लास में बर्नर वॉच ग्लास मैग्नीशियम इकट्टा कर लीजिए जैसा कि चित्र 1.1 में दिखाया गया है। ऑक्साइड मैग्नीशियम रिबन का दहन करते समय इसे अपनी आँखों से यथासंभव दरू रखिए। चित्र 1.1 मैग्नीशियम रिबन का वायु में दहन कर मैग्नीशियम ऑक्साइड को वॉच „„ आपने क्या प्रेक्षण किया? ग्लास में इकट्ठा करना Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 1 30-11-2022 11:59:03 आपने देखा होगा कि चमकदार श्‍वेत लौ के साथ मैग्नीशियम रिबन का दहन होता है और यह श्‍वेत चर्णू में परिवर्तित हो जाता है। यह मैग्नीशियम ऑक्साइड का चर्णू है। वायु में उपस्थित ऑक्सीजन तथा मैग्नीशियम के बीच होने वाली अभिक्रिया के कारण यह बनता है। क्रियाकलाप 1.2 क्रियाकलाप 1.3 „„ एक परखनली में लेड (सीसा) „„ एक शकं ्वाकार फ्लास्क या परखनली में कुछ दानेदार जिंक लीजिए। नाइट्रेट का घोल लीजिए। „„ इसमें तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल या सल्‍फ़्यूरिक अम्ल मिला दीजिए (चित्र 1.2) „„ इसमें पोटैशियम आयोडाइड सावधानी— अम्ल का इस्तेमाल सावधानी से कीजिए। का घोल मिला दीजिए। „„ क्या जस्ते के दानों के आस-पास कुछ होता दिखाई दे रहा है? „„ आपने क्या प्रेक्षण किया? „„ शंक्वाकार फ्लास्क या परखनली को स्पर्श कीजिए। क्या इसके तापमान में कोई परिवर्तन हुआ है? ऊपर दिए गए तीनों क्रियाकलापों के आधार पर हम कह सकते हैं कि निम्न किसी भी प्रेक्षण की सहायता से हम निर्धारित कर सकते हैं कि एक रासायनिक कार्क अभिक्रिया हुई है— काँच „„ अवस्था में परिवर्तन की नली H2 गैस „„ रंग में परिवर्तन शकं ्‍वाकार „„ गैस का निकास अथवा उत्सर्जन फ्लास्‍क „„ तापमान में परिवर्तन तनु सल्‍फ़्यूरिक अम्‍ल यदि हम अपने आस-पास हो रहे परिवर्तनों को देख,ें तो पाएँगे कि हमारे चारों दानेदार जस्‍ता ओर विविध प्रकार की रासायनिक अभिक्रियाएँ हो रही हैं। इस अध्याय में हम चित्र 1.2 विभिन्न प्रकार की रासायनिक अभिक्रियाओ ं और उनके प्रतीकात्मक निरूपण दानेदार जस्‍ते पर तनु सल्‍फ़्रयू िक का अध्ययन करें गे। अम्‍ल की अभिक्रिया से हाइड्रोजन गैस का निर्माण 1.1 रासायनिक समीकरण क्रियाकलाप 1.1 का विवरण— जब ऑक्सीजन की उपस्थिति में मैग्नीशियम रिबन का दहन होता है तब यह मैग्नीशियम ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। वाक्य के रूप में किसी रासायनिक अभिक्रिया का विवरण बहुत लंबा हो जाता है। इसे संक्षिप्‍त रूप में भी लिखा जा सकता है। इसे शब्द-समीकरण के रूप में लिखना सबसे सरलतम विधि है। ऊपर दी गई अभिक्रिया का शब्द-समीकरण इस प्रकार होगा— मैग्‍नीशियम + ऑक्‍सीजन → मैग्‍नीशियम ऑक्‍साइड (1.1) (अभिकारक) (उत्‍पाद) अभिक्रिया (1.1) में मैग्नीशियम तथा ऑक्सीजन ऐसे पदार्थ हैं, जिनमें रासायनिक परिवर्तन होता है, इन्हें अभिकारक कहते हैं। इस अभिक्रिया से एक नए पदार्थ मैग्नीशियम ऑक्साइड का निर्माण होता है, इसे उत्पाद कहते हैं। 2 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 2 30-11-2022 11:59:04 शब्द-समीकरण में अभिकारकों के उत्पाद में परिवर्तन को उनके मध्य एक तीर का निशान लगाकर दर्शाया जाता है। अभिकारकों के बीच योग (+) का चि लगाकर उन्हें बार्इं ओर (LHS) लिखा जाता है। इसी प्रकार उत्पादों के बीच भी योग (+) का चि लगाकर उन्हें दार्इं ओर (RHS) लिखा जाता है। तीर का सिरा उत्पाद की ओर होता है तथा यह अभिक्रिया होने की दिशा को दर्शाता है। 1.1.1 रासायनिक समीकरण लिखना क्या रासायनिक समीकरण के निरूपण की इससे भी संक्षिप्‍त विधि है? शब्दों की जगह रासायनिक सत्रू का उपयोग करके रासायनिक समीकरणों को अधिक सक्ं षिप्‍त तथा उपयोगी बनाया जा सकता है। रासायनिक समीकरण किसी रासायनिक अभिक्रिया को दर्शाता है। यदि आप मैग्नीशियम, ऑक्सीजन तथा मैग्नीशियम ऑक्साइड के सत्रों ू का स्मरण करें तो उपरोक्‍त शब्द-समीकरण इस प्रकार लिखा जा सकता हैः Mg + O2 → MgO (1.2) तीर के निशान के बार्इं और दार्इं ओर के तत्वों के परमाणओु ं की संख्या की गिनती कर उनकी तल ु ना करें । क्या दोनों ओर तत्वों के परमाणओु ं की संख्या समान है? यदि है, तो समीकरण संतलि ु त है। यदि नहीं, तो समीकरण असंतलि ु त है, क्योंकि समीकरण के दोनों ओर का द्रव्यमान बराबर नहीं है। किसी अभिक्रिया का ऐसा रासायनिक समीकरण ढाँचा रासायनिक समीकरण कहलाता है। इस प्रकार समीकरण (1.2) मैग्नीशियम के वायु में जलने का ढाँचा समीकरण है। 1.1.2 सतं ुलित रासायनिक समीकरण का महत्व आपको द्रव्यमान के सरं क्षण का नियम स्मरण होगा, जिसका आपने नवीं कक्षा में अध्ययन किया था— किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है न ही विनाश। अर्थात किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के उत्पाद तत्वों का कुल द्रव्यमान अभिकारक तत्वों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है। दसू रे शब्दों में, रासायनिक अभिक्रिया के पहले एवं उसके पश्‍चात प्रत्येक तत्व के परमाणओ ु ं की सखं ्या समान रहती है। इसलिए हमें कंकाली समीकरण को सतं लि ु त करना आवश्यक है। क्या रासायनिक समीकरण (1.2) संतलि ु त है? आइए हम रासायनिक समीकरण को चरणबद्ध संतलि ु त करना सीखें। क्रियाकलाप 1.3 के शब्द-समीकरण को इस प्रकार दर्शाया जा सकता है— जिंक + सल्‍फ़्यूरिक अम्‍ल → जिंक सल्‍फ़े ट + हाइड्रोजन उपरोक्‍त शब्द-समीकरण को निम्नलिखित रासायनिक समीकरण से दर्शाया जा सकता हैः Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2 (1.3) आइए, समीकरण (1.3) में तीर के निशान के दोनों ओर के तत्वों के परमाणओ ु ं की संख्या की तल ु ना करें । रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 3 Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 3 30-11-2022 11:59:04 अभिकारकों में परमाणुओ ं उत्‍पाद में परमाणुओ ं तत्‍व की सख ं ्‍या (LHS) की सख ं ्‍या (RHS) Zn 1 1 H 2 2 S 1 1 O 4 4 समीकरण (1.3) में, तीर के निशान के दोनों ओर के प्रत्येक तत्व के परमाणओ ु ं की सखं ्या समान है इसलिए यह एक संतलिु त रासायनिक समीकरण है। अब हम निम्न रासायनिक समीकरण को सतं लि ु त करने का प्रयास करते हैं— Fe + H2O → Fe3O4 + H2 (1.4) चरण 1ः रासायनिक समीकरण को संतलि ु त करने के लिए सबसे पहले प्रत्येक सत्रू के चारों ओर एक बॉक्स बना लीजिए। समीकरण को सतं लि ु त करते समय बॉक्स के अदं र कुछ भी परिवर्तन नहीं कीजिए। Fe + H2O → Fe3O4 + H2 (1.5) चरण 2ः असंतलि ु त समीकरण (1.5) में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणओ ु ं की संख्या की सचू ी बना लीजिए। अभिकारकों में परमाणुओ ं उत्‍पाद में परमाणुओ ं तत्‍व की सख ं ्‍या (LHS) की सख ं ्‍या (RHS) Fe 1 3 H 2 2 O 1 4 चरण 3ः सवि ु धा के लिए सबसे अधिक परमाणु वाले यौगिक को पहले संतलि ु त कीजिए चाहे वह अभिकारक हो या उत्पाद। उस यौगिक में सबसे अधिक परमाणु वाले तत्व को चनि ु ए। इस आधार पर हम Fe3O4 और उसके ऑक्सीजन तत्व को चनु ते हैं। दार्इं ओर ऑक्सीजन के चार परमाणु हैं जबकि बार्इं ओर के वल एक। ऑक्सीजन परमाणु को संतलि ु त करने के लिए— आॅक्‍सीजन के परमाणु अभिकारकों में उत्‍पादों में (i) प्रारंभ में 1 (H2O में) 4 (Fe3O4 में) (ii) सतं लिु त करने के लिए 1×4 4 यह याद रखना आवश्यक है कि परमाणओ ु ं की सखं ्या को बराबर करने के लिए हम अभिक्रिया में शामिल तत्वों तथा यौगिकों के सत्रों ू को नहीं बदल सकते हैं। जैसे कि ऑक्सीजन परमाणु को 4 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 4 30-11-2022 11:59:04 सतं लि ु त करने के लिए हम ‘4’ गणु ाक ं लगाकर 4 H2O लिख सकते हैं, लेकिन H2O4 या (H2O)4 नहीं। आशं िक रूप से संतलि ु त समीकरण अब इस प्रकार होगा— Fe + 4 H2O → Fe3O4 + H2 (1.6) (आशं िक रूप से संतलि ु त समीकरण) चरण 4ः Fe तथा H परमाणु अब भी सतं लि ु त नहीं हैं। इनमें से किसी एक तत्व को चनु कर आगे बढ़ते हैं। अब हम आशं िक रूप से संतलि ु त समीकरण में हाइड्रोजन परमाणु को संतलि ु त करते हैंः हाइड्रोजन परमाणु को बराबर करने के लिए दार्इं ओर हाइड्रोजन अणु की संख्या को ‘4’ कर देते हैं। हाइड्रोजन के परमाणु अभिकारकों में उत्‍पादों में (i) प्रारंभ में 8 (4H2O में) 2 (H2 में) (ii) सतं लिु त करने के लिए 8 2×4 समीकरण अब इस प्रकार होगा— Fe + 4 H2O → Fe3O4 + 4 H2 (1.7) (आशं िक रूप से सतं लि ु त समीकरण) चरण 5ः ऊपर दिए समीकरण की जाँच कीजिए तथा तीसरा तत्व चनु लीजिए जो अब तक असंतलि ु त है। आप पाएँगे कि के वल लोहा ही एक तत्व है, जिसे संतलि ु त करना शेष है। लोहे (आयरन) के परमाणु अभिकारकों में उत्‍पादों में (i) प्रारंभ में 1 (Fe में) 3 (Fe3 O4 में) (ii) सतं ल ु न के लिए 1×3 3 Fe को संतलि ु त करने के लिए बार्इं ओर हम Fe के 3 परमाणु लेते हैं। 3 Fe + 4 H2O → Fe3O4 + 4 H2 (1.8) चरण 6ः अतं में, इस संतलि ु त समीकरण की जाँच के लिए हम समीकरण में दोनों ओर के तत्वों के परमाणओ ु ं की सखं ्याओ ं का परिकलन करते हैं। 3 Fe + 4 H2O → Fe3O4 + 4 H2 (1.9) (सतं लि ु त समीकरण) समीकरण (1.9) में दोनों ओर के तत्वों के परमाणओु ं की सखं ्या बराबर है। अतः यह समीकरण अब संतलि ु त है। रासायनिक समीकरणों को संतलि ु त करने की इस विधि को हिट एडं ट्रायल विधि कहते हैं, क्योंकि सबसे छोटी पर्णां ू क संख्या के गणु ांक का उपयोग करके समीकरण को संतलि ु त करने का प्रयत्न करते हैं। रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 5 Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 5 30-11-2022 11:59:04 चरण 7ः भौतिक अवस्थाओ ं के संकेत लिखना— ऊपर लिखे संतुलित समीकरण (1.9) की सावधानी से जाँच कीजिए। क्या इस समीकरण से हमें अभिकारकों तथा उत्पादों की भौतिक अवस्था के बारे में भी ज्ञान होता है? इस समीकरण में उनकी भौतिक अवस्थाओ ं की कोई जानकारी नहीं है। रासायनिक समीकरण को अधिक सचू नापर्णू बनाने के लिए अभिकारकों तथा उत्पादों के रासायनिक सत्रू के साथ उनकी भौतिक अवस्था को भी दर्शाया जाता है। अभिकारकों तथा उत्पादों के गैस, द्रव, जलीय तथा ठोस अवस्थाओ ं को क्रमशः (g), (l), (aq) तथा (s) से दर्शाया जाता है। अभिकारक या उत्पाद जब जल में घोल के रूप में उपस्थित होते हैं तब हम (aq) लिखते हैं। अब संतलि ु त समीकरण (1.9) इस प्रकार होगा— 3Fe(s) + 4H2O(g) → Fe3O4(s) + 4H2 (g) (1.10) ध्यान दीजिए समीकरण (1.10) में H2O के साथ (g) चि का उपयोग किया गया है। यह दर्शाता है कि इस अभिक्रिया में जल का उपयोग भाप के रूप में किया गया है। प्रायः हर रासायनिक समीकरण में भौतिक अवस्था को शामिल नहीं किया जाता है, जब तक कि यह आवश्यक न हो। कभी-कभी अभिक्रिया की परिस्थितियाँ जैसे कि ताप, दाब, उत्प्रेरक आदि को भी तीर के निशान के ऊपर या नीचे दर्शाया जाता है, जैसे– CO(g) + 2H 2 (g) 340atm → CH 3OH(1) सर्य–प्रकाश 6CO2(aq) + 12H2O(1) ू C6H12O6(aq)+6O2(aq) + 6H2O(1) (1.12) क्‍लोरोफिल (ग्‍लूकोज) इसी प्रकार क्‍या आप पस्‍त ु क में दिए गए समीकरण (1.2) को सतं लि ु त कर सकते हैं? प्रश्‍न 1. वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ़ क्यों किया जाता है? 2. निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओ ं के लिए संतलि ु त समीकरण लिखिए— ? (i) हाइड्रोजन + क्लोरीन → हाइड्रोजन क्लोराइड (ii) बेरियम क्लोराइड + एेलमु ीनियम सल्फ़े ट → बेरियम सल्फ़े ट + एेलमु ीनियम क्लोराइड (ii) सोडियम + जल → सोडियम हाइड्रॉक्साइड + हाइड्रोजन 3. निम्नलिखित अभिक्रियाओ ं के लिए उनकी अवस्था के सक ं े तों के साथ सतं लि ु त रासायनिक समीकरण लिखिए— (i) जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फ़े ट के विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अघल ु नशील बेरियम सल्फ़े ट का अवक्षेप बनाते हैं। (ii) सोडियम हाइड्रोक्साइड का विलयन (जल में) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन (जल में) से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते हैं। 6 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 6 30-11-2022 11:59:04 1.2 रासायनिक अभिक्रियाओ ं के प्रकार कक्षा 9 में हम अध्ययन कर चक ु े हैं कि रासायनिक क्रिया के समय किसी एक तत्व का परमाणु दसू रे तत्व के परमाणु में नहीं बदलता है। न तो कोई परमाणु मिश्रण से बाहर जाता है और न ही बाहर से मिश्रण में आता है। वास्तव में, किसी रासायनिक अभिक्रिया में परमाणओ ु ं के आपसी आबंध के टूटने एवं जड़ु ने से नए पदार्थों का निर्माण होता है। परमाणओु ं के बीच विभिन्न प्रकार के आबंध के बारे में आप अध्याय 3 तथा 4 में अध्ययन करें गे। 1.2.1 सयं ोजन अभिक्रिया क्रियाकलाप 1.4 बीकर „„ एक बीकर में थोड़ा कै ल्सियम अॉक्साइड तथा बझु ा हुआ चनू ा लीजिए। „„ इसमें धीरे -धीरे जल मिलाइए। जल „„ अब बीकर को स्पर्श कीजिए जैसा चित्र 1.3 में कै ल्सियम दिखाया गया है। ऑक्‍साइड „„ क्या इसके ताप में कोई परिवर्तन हुआ? चित्र 1.3 जल के साथ कै ल्सियम कै ल्सियम अॉक्साइड जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करके बझु े हुए चनू े (कै ल्सियम अॉक्साइड की अभिक्रिया से हाइड्रोक्साइड) का निर्माण करके अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करता है। बझु े हुए चूने का निर्माण CaO(s) + H2O(1) → Ca(OH)2(aq) + ऊष्मा (1.13) (बिना बझु ा हुआ चनू ा) (बझु ा हुआ चनू ा) इस अभिक्रिया में कै ल्सियम अॉक्साइड तथा जल मिलकर एकल उत्पाद, कै ल्सियम हाइड्रोक्साइड बनाते हैं। एेसी अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं उसे संयोजन अभिक्रिया कहते हैं। ऊपर की अभिक्रिया में निर्मित बझु े हुए चनू े के विलयन का उपयोग दीवारों की सफ़े दी करने के लिए किया जाता क्‍या आप जानते हैं? है। कै ल्सियम हाइड्रॉक्साइड वायु में उपस्थित कार्बन डाइअॉक्साइड के साथ धीमी गति से अभिक्रिया करके दीवारों पर कै ल्सियम कार्बोनेट की एक पतली परत बना देता है। सफ़े दी करने के दो-तीन दिन बाद कै ल्सियम कार्बोनेट का निर्माण होता है और इससे दीवारों पर चमक आ जाती है। रोचक बात यह है कि संगमरमर का रासायनिक सत्रू भी CaCO3 ही है। Ca(OH)2(aq) + CO2(g) → CaCO3(s) + H2O(1) (1.14) (कै ल्सियम हाइड्रोक्साइड) (कै ल्सियम) (कार्बोनेट) आइए, संयोजन अभिक्रिया के कुछ और उदाहरणों पर चर्चा करें । (i) कोयले का दहन C(s) + O2(g) → CO2(g) (1.15) रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 7 Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 7 30-11-2022 11:59:04 (ii) H2 (g) तथा O2 (g) से जल का निर्माण 2H2(g) + O2(g) → 2H2O(l) (1.16) सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि जब दो या दो से अधिक पदार्थ (तत्व या यौगिक) संयोग करके एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं, एेसी अभिक्रियाओ ं को संयोजन अभिक्रिया कहते हैं। क्रियाकलाप 1.4 में हमने यह भी देखा कि अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न हुई। इससे अभिक्रिया मिश्रण गर्म हो जाता है। जिन अभिक्रियाओ ं में उत्पाद के निर्माण के साथ-साथ ऊष्मा भी उत्पन्न होती है उन्हें ऊष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं। ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाओ ं के कुछ अन्य उदाहरण हैं— (i) प्राकृ तिक गैस का दहन— CH4(g) + 2O2 (g) → CO2 (g) + 2H2O (g) + ऊर्जा (1.17) (ii) क्या आप जानते हैं कि श्‍वसन एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है? हम सभी जानते हैं कि जीवित रहने के लिए हमें ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा हमें भोजन से प्राप्‍त होती है। पाचन क्रिया के समय खाद्य पदार्थ छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाते हैं। जैसे चावल, आलू तथा ब्रेड में कार्बोहाइड्रेट होता है। इन कार्बोहाइड्रेट के टूटने से ग्लूकोज़ प्राप्‍त होता है। यह ग्लूकोज़ हमारे शरीर की कोशिकाओ ं में उपस्थित अॉक्सीजन से मिलकर हमें ऊर्जा प्रदान करता है। इस अभिक्रिया का विशेष नाम श्‍वसन है, जिसका अध्ययन आप अध्याय 6 में करें गे। C6H12O6(aq) + 6O2(aq) → 6CO2(aq) + 6H2O(1) + ऊर्जा (iii) शाक-सब्जियों (वनस्पति द्रव्य) का विघटित होकर कंपोस्ट बनना भी ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया का ही उदाहरण है। क्रियाकलाप 1.1 में दी गई अभिक्रिया के प्रकार को गैस को धीमे से अपनी पहचानिए, जिसमें एकल उत्पाद के निर्माण के साथ ऊष्मा नाक की ओर मोड़ दीजिए उत्पन्न होती है। 1.2.2 वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया क्वथन नली के खुले क्रियाकलाप 1.5 सिरे को अपने पड़ोसी क्वथन नली या अपनी ओर न करें फ़े रस सल्फ़े ट „„ एक शुष्क क्वथन नली में 2g फ़े रस सल्फ़े ट के क्रिस्टल क्रिस्टल लीजिए। बर्नर „„ फ़े रस सल्फ़े ट के क्रिस्टल के रंग पर ध्यान दीजिए। „„ क्वथन नली को बर्नर या स्पिरिट लैंप की ज्वाला चित्र 1.4 पर गर्म कीजिए, जैसा चित्र 1.4 में दिखाया गया है। फ़े रस सल्फ़े ट क्रिस्टल वाली परखनली को गर्म करने तथा गधं सूँघने „„ गर्म करने के पश्‍चात क्रिस्टल के रंग को देखिए। की सही विधि 8 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 8 30-11-2022 11:59:05 क्या आपने ध्यान दिया कि फ़े रस सल्फ़े ट क्रिस्टल के हरे रंग में परिवर्तन हुआ है? सल्फ़र के दहन से उत्पन्न उस अभिलाक्षणिक (विशिष्‍ट) गंध को भी आप सँघू सकते हैं। 2FeSO4(s) ऊष्‍मा Fe2O3(s) + SO2(g) + SO3(g) (1.19) (फ़े रस सल्फ़े ट) (फ़े रिक अॉक्साइड) आप देख सकते हैं कि इस अभिक्रिया में एकल अभिकर्मक टूट कर छोटे-छोटे उत्पाद प्रदान करता है। यह एक वियोजन अभिक्रिया है। गर्म करने पर फ़े रस सल्फ़े ट (FeSO4. 7H2O) का क्रिस्टल जल त्याग देता है और क्रिस्टल का रंग बदल जाता है। इसके उपरांत यह फ़े रिक अॉक्साइड (Fe2O3), सल्फ़र डाइअॉक्साइड (SO2) तथा सल्फ़र ट्राइअॉक्साइड (SO3) में वियोजित हो जाता है। फ़े रिक अॉक्साइड ठोस है, जबकि SO2 तथा SO3 गैसें हैं। ऊष्मा देने पर कै ल्सियम कार्बोनेट का कै ल्सियम अॉक्साइड तथा कार्बन डाइअॉक्साइड में वियोजित होना एक प्रमख ु वियोजन अभिक्रिया है, जिसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में होता है। कै ल्सियम अॉक्साइड को चनू ा या बिना बझु ा हुआ चनू ा कहते हैं। इसके अनेक उपयोगों में से एक उपयोग सीमेंट के निर्माण में होता है। ऊष्मा के द्वारा की गई वियोजन अभिक्रिया को ऊष्मीय वियोजन कहते हैं। CaCO3(s) ऊष्‍मा CaO(s) + CO2(g) (1.20) (चनू ा पत्थर) (बझु ा हुआ चनू ा) ऊष्मीय वियोजन अभिक्रिया का एक अन्य उदाहरण क्रियाकलाप 1.6 में दिया गया है। क्रियाकलाप 1.6 „„ एक क्वथन नली में 2 g लेड नाइट्रेट का चर्णू लीजिए। „„ चिमटे से क्वथन नली को पकड़कर ज्वाला के ऊपर परखनली पकड़ने वाला चिमटा रखकर इसे गर्म कीजिए जैसा चित्र 1.5 में दिखाया क्वथन नली लेड नाइट्रेट गया है। „„ आपने क्या देखा? यदि कोई परिवर्तन हुआ हैे तो उसे नोट कर लीजिए। बर्नर आप देखेंगे कि भूरे रंग का धुआँ उत्सर्जित होता है। यह नाइट्रोजन डाइअॉक्साइड (NO2) का धआ ु ँ है। यह अभिक्रिया इस चित्र 1.5 प्रकार होती है— लेड नाइट्रे ट का तापन तथा 2Pb(NO3)2(s) तापन 2PbO(s) + 4NO2(g) + O2(g) (1.21) नाइट्रोजन डाइअॉक्साइड का उत्सर्जन (लेड नाइट्रेट) (लेड अॉक्साइड) (नाइट्रोजन (अॉक्सीजन) डाइअॉक्साइड) आइए, क्रियाकलाप 1.7 तथा 1.8 में दी गई कुछ अन्य अपघटन अभिक्रियाएँ करें । रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 9 Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 9 30-11-2022 11:59:05 क्रियाकलाप 1.7 प्लास्टिक मग अॉक्सीजन हाइड्रोजन „„ एक प्लास्टिक का मग लीजिए। इसकी तली में दो छिद्र करके उनमें रबड़ की डाट लगा दीजिए। इन छिद्रों में कार्बन इलेक्ट्रोड परखनली जल डाल दीजिए जैसा कि चित्र 1.6 में दिखाया गया है। जल ग्रैफ़ाइट रॉड „„ इन इलेक्ट्रोडों को 6 वोल्ट की बैटरी से जोड़ दीजिए। „„ मग में इतना जल डालिए कि इलेक्ट्रोड उसमें डूब जाए। जल रबड़ डाट में तनु सल्फ़्यूरिक अम्ल की कुछ बँदू ें डाल दीजिए। एेनोड कै थोड „„ जल से भरी दो अंशांकित परखनलियों को दोनों कार्बन स्विच 6V बैटरी इलेक्ट्रोडों के ऊपर उल्टा करके रख दीजिए। „„ अब विद्युत धारा प्रवाहित करके इस उपकरण को थोड़ी देर चित्र 1.6 जल का वैद्युतअपघटन के लिए छोड़ दीजिए। „„ दोनों इलेक्ट्रोडों पर आप बल ु बलु े बनते हुए देखगें े। ये बल ु बल ु े अश ं ांकित नली से जल को विस्थापित कर देते हैं। „„ क्या दोनों परखनलियों में एकत्रित गैस का आयतन समान है? „„ जब दोनों परखनलियाँ गैस से भर जाएँ तब उन्हें सावधानीपर्वू क हटा लीजिए। „„ एक जलती हुई मोमबत्ती को दोनों परखनलियों के महँु के ऊपर लाकर इन गैसों की जाँच कीजिए। सावधानी— इस चरण को शिक्षक द्वारा सावधानीपर्वू क किया जाना चाहिए। „„ दोनों स्थितियों में क्या होता है? „„ दोनों परखनलियों में कौन सी गैस उपस्थित है? क्रियाकलाप 1.8 सरू ्य का „„ चायना डिश में 2 g सिल्वर क्लोराइड लीजिए। प्रकाश „„ इसका रंग क्या है? „„ इस चायना डिश को थोड़ी देर के लिए सर्यू के प्रकाश में रख दीजिए (चित्र 1.7)। चायना डिश „„ थोड़ी देर पश्‍चात सिल्वर क्लोराइड के रंग को देखिए। सिल्‍वर क्‍लोराइड चित्र 1.7 आप देखगें े कि सर्यू के प्रकाश में श्‍वेत रंग का सिल्वर क्लोराइड धसू र रंग का हो जाता है। प्रकाश सूर्य के प्रकाश में सिल्वर की उपस्थिति में सिल्वर क्लोराइड का सिल्वर तथा क्लोरीन में वियोजन के कारण से एेसा होता है। क्लोराइड धूसर रंग का होकर सिल्वर धातु बनाता है। 2AgCl(s) सर्यू का प्रकाश 2Ag(s) + Cl2(g) (1.22) सिल्वर ब्रोमाइड भी इसी प्रकार अभिक्रिया करता है। 2AgBr(s) सर्यू का प्रकाश 2Ag(s) + Br2(g) (1.23) ऊपर दी गई अभिक्रिया का उपयोग श्याम-श्‍वेत फ़ोटोग्राफी में किया जाता है। किस प्रकार की ऊर्जा के कारण यह वियोजन अभिक्रिया होती है? 10 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 10 30-11-2022 11:59:06 हमने देखा कि वियोजन अभिक्रिया में अभिकारकों को तोड़ने के लिए ऊष्मा, प्रकाश या विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जिन अभिक्रियाओ ं में ऊर्जा अवशोषित होती है, उन्हें ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं। निम्नलिखित क्रियाकलाप करें एक परखनली में लगभग 2 g बेरियम हाइड्रॉक्साइड लीजिए। इसमें 1 g अमोनियम क्लोराइड डालकर काँच की छड़ से मिलाइए। अपनी हथेली से परखनली के निचले सिरे को छुएँ। आप कै सा महससू करते हैं? क्या यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी अथवा ऊष्माशोषी है? प्रश्‍न ? 1. किसी पदार्थ ‘X’ के विलयन का उपयोग सफ़े दी करने के लिए होता है। (i) पदार्थ ‘X’ का नाम तथा इसका सत्रू लिखिए। (ii) ऊपर (i) में लिखे पदार्थ ‘X’ की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए। 2. क्रियाकलाप 1.7 में एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दसू री से दोगनु ी क्‍यों है? उस गैस का नाम बताइए। 1.2.3 विस्थापन अभिक्रिया क्रियाकलाप 1.9 „„ लोहे की तीन कील लीजिए और उन्हें रे गमाल से रगड़कर स्टैंड साफ़ कीजिए। „„ (A) तथा (B) से चिह्नित की हुई दो परखनलियाँ लीजिए। परखनली प्रत्येक परखनली में 10 mL कॉपर सल्फ़े ट का विलयन लीजिए। धागा „„ दो कीलों को धागे से बाँधकर सावधानीपर्वू क परखनली (B) के कॉपर सल्फ़े ट के विलयन में लगभग 20 मिनट तक (चित्र कॉपर सल्फ़े ट 1.8 a) डुबो कर रखिए। तल का विलयन ु ना करने के लिए एक कील को अलग रखिए। लोहे की कील „„ 20 मिनट पश्‍चात दोनों कीलों को कॉपर सल्फ़े ट के विलयन से बाहर निकाल लीजिए। „„ परखनली (A) तथा (B) में कॉपर सल्फ़े ट के विलयन के नीले रंग की तीव्रता की तल ु ना (चित्र 1.8 b) कीजिए। „„ कॉपर सल्फ़े ट के विलयन में डूबी कीलों के रंग की तल ु ना बाहर (a) चित्र 1.8 (a) रखी कील (चित्र 1.8 b) से कीजिए। कॉपर सल्फ़े ट के विलयन में डूबी हुई लोहे की कीलें रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 11 Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 11 30-11-2022 11:59:06 कॉपर सल्फे ट लोहे की कील के विलयन से कॉपर सल्‍फ़े ट परखनली बाहर निकाली का विलयन परखनली स्टैंड गई लोहे की (परखनली A) कील अभिक्रिया मिश्रण (परखनली B) (b) चित्र 1.8 (b) प्रयोग से पहले तथा उसके उपरांत लोहे की कील तथा कॉपर सल्फ़े ट के विलयन की तलन ु ा लोहे की कील का रंग भरू ा क्यों हो गया तथा कॉपर सल्फ़े ट के विलयन का नीला रंग मलीन क्यों पड़ गया? इस क्रियाकलाप में निम्नलिखित अभिक्रिया हुई— Fe(s) + CuSO4(aq) → FeSO4(aq) + Cu(s) (1.24) (कॉपर सल्फ़े ट) (आयरन सल्फ़े ट) इस अभिक्रिया में लोहे (आयरन) ने दसू रे तत्व कॉपर को कॉपर सल्फ़े ट के विलयन सेे विस्थापित कर दिया या हटा दिया। इस अभिक्रिया को विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं। विस्थापन अभिक्रिया के कुछ अन्य उदाहरण— Zn(s) + CuSO4(aq) → ZnSO4(aq) + Cu(s) (1.25) (कॉपर सल्फ़े ट) (जिंक सल्फ़े ट) Pb(s) + CuCl2(aq) → PbCl2(aq) + Cu(s) (1.26) (कॉपर क्लोराइड) (लेड क्लोराइड) जिंक तथा लेड, कॉपर की अपेक्षा अधिक क्रियाशील तत्व हैं। वे कॉपर को उसके यौगिक से विस्थापित कर देते हैं। 1.2.4 द्विविस्थापन अभिक्रिया सोडियम सल्फ़े ट के विलयन यक्‍त ु परखनली क्रियाकलाप 1.10 „„ एक परखनली में 3 mL सोडियम सल्फ़े ट का विलयन बेरियम क्लोराइड के विलयन यक्‍त ु परखनली लीजिए। „„ एक अन्य परखनली में 3 mL बेरियम क्लोराइड लीजिए। „„ दोनों विलयनों को (चित्र 1.9) मिला लीजिए। चित्र 1.9 „„ आपने क्या देखा? बेरियम सल्फ़े ट तथा सोडियम क्लोराइड का निर्माण 12 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 12 30-11-2022 11:59:06 आप देखगें े कि श्‍वेत रंग के एक पदार्थ का निर्माण होता है, जो जल में अविलेय है। इस अविलेय पदार्थ को अवक्षेप कहते हैं। जिस अभिक्रिया में अवक्षेप का निर्माण होता है, उसे अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैं। Na2SO4(aq) + BaCl2(aq) → BaSO4(s) + 2NaCl(aq) (1.27) (सोडियम (बेरियम (बेरियम (सोडियम सल्फ़े ट) क्लोराइड) सल्फ़े ट) क्लोराइड) एेसा क्यों होता है? Ba2+ तथा SO42– की अभिक्रिया से BaSO4 के अवक्षेप का निर्माण होता है। एक अन्य उत्पाद सोडियम कलोराइड का भी निर्माण होता है, जो विलयन में ही रहता है। वे अभिक्रियाएँ, जिनमें अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है, उन्हें द्विविस्थापन अभिक्रियाएँ कहते हैं। क्रियाकलाप 1.2 पर ध्यान दें, जिसमें आपने लेड (II) नाइट्रेट तथा पोटैशियम आयोडाइड के विलयनों को मिश्रित किया था। (i) अवक्षेप किस रंग का था? क्या आप अवक्षेपित यौगिक का नाम बता सकते हैं? (ii) इस अभिक्रिया के लिए संतलि ु त रासायनिक समीकरण लिखिए। (iii) क्या यह भी द्विविस्थापन अभिक्रिया है? 1.2.5 उपचयन एवं अपचयन क्रियाकलाप 1.11 कॉपर चर्णू यक्‍त ु चायना „„ चायना डिश में 1 g कॉपर चर्णू लेकर उसे गर्म डिश जाली कीजिए। (चित्र 1.10) तिपाई „„ आपने क्या देखा? बर्नर कॉपर चर्णू की सतह पर कॉपर अॉक्साइड (II) की काली परत चढ़ जाती है। यह काला पदार्थ क्यों बना? चित्र 1.10 यह कॉपर अॉक्साइड कॉपर में अॉक्सीजन के योग से बना है। कॅ ापर का कॉपर आक्साइड 2Cu + O2 तापन 2CuO (1.28) में उपचयन यदि इस गर्म पदार्थ (CuO) के ऊपर हाइड्रोजन गैस प्रवाहित की जाए तो सतह की काली परत भरू े रंग की हो जाती है, क्योंकि इस स्थिति में विपरीत अभिक्रिया संपन्न होती है तथा कॉपर प्राप्‍त होता है। CuO + H2 तापन Cu + H2O (1.29) अभिक्रिया के समय जब किसी पदार्थ में अॉक्सीजन की वृद्धि होती है तो कहते हैं कि उसका उपचयन हुआ है। तथा जब अभिक्रिया में किसी पदार्थ में अॉक्सीजन का ह्रास होता है तो कहते हैं कि उसका अपचयन हुआ है। रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 13 Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 13 30-11-2022 11:59:07 अभिक्रिया (1.29) में कॉपर (II) अॉक्साइड में अॉक्सीजन का ह्रास हो रहा है इसलिए यह अपचयित हुआ है। हाइड्रोजन में अॉक्सीजन की वृद्धि हो रही है इसलिए यह उपचयित हुआ है। अर्थात, किसी अभिक्रिया में एक अभिकारक उपचयित तथा दसू रा अभिकारक अपचयित होता है। इन अभिक्रियाओ ं को उपचयन-अपचयन अथवा रेडॉक्स अभिक्रियाएँ कहते हैं। (1.30) रे डॉक्स अभिक्रिया के कुछ अन्य उदाहरण है— ZnO + C → Zn + CO (1.31) MnO2 + 4HCl → MnCl2 + 2H2O + Cl2 (1.32) अभिक्रिया (1.31) में र्काबन उपचयित होकर CO तथा ZnO अपचयित होकर Zn बनता है। अभिक्रिया (1.32) में HCl, Cl2 में उपचयित तथा MnO2, MnCl2 में अपचयित हुआ है। ऊपर के उदाहरणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि यदि किसी अभिक्रिया में पदार्थ का उपचयन तब होता है, जब उसमें अॉक्सीजन की वृद्धि या हाइड्रोजन का ह्रास होता है। पदार्थ का अपचयन तब होता है, जब उसमें अॉक्सीजन का ह्रास या हाइड्रोजन की वृद्धि होती है। क्रियाकलाप 1.1 पर ध्यान दीजिए, जिसमें एक चमकदार ज्वाला के साथ मैग्नीशियम रिबन का वायु (अॉक्सीजन) में दहन होता है तथा यह श्‍वेत पदार्थ मैग्नीशियम अॉक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। इस अभिक्रिया में मैग्नीशियम का उपचयन होता है या अपचयन? 1.3 क्या आपने दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रियाओ ं के प्रभावों को देखा है? 1.3.1 सक् ं षारण आपने अवश्य देखा होगा कि लोहे की बनी नई वस्तुएँ चमकीली होती हैं, लेकिन कुछ समय पश्चात उन पर लालिमायक्त ु भरू े रंग की परत चढ़ जाती है। प्रायः इस प्रक्रिया को लोहे पर जंग लगना कहते हैं। कुछ अन्य धातओु ं में भी एेसा ही परिवर्तन होता है। क्या आपने चाँदी तथा ताँबे पर चढ़ने वाली परत के रंग पर ध्यान दिया है? जब कोई धातु अपने आस-पास अम्ल, आर्द्रता आदि के संपर्क में आती है तब ये संक्षारित होती हैं और इस प्रक्रिया को सक् ं षारण कहते हैं। चाँदी के ऊपर काली पर्त व ताँबे के ऊपर हरी पर्त चढ़ना संक्षारण के अन्य उदाहरण हैं। 14 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 14 30-11-2022 11:59:07 संक्षारण के कारण कार के ढाँच,े पलु , लोहे की रे लिंग, जहाज तथा धात,ु विशेषकर लोहे से बनी वस्तुओ ं की बहुत क्षति होती है। लोहे का सक्षा ं रण एक गभं ीर समस्या है। क्षतिग्रस्त लोहे को बदलने में हर वर्ष अधिक पैसा खर्च होता है। अध्याय 3 में आपको संक्षारण के बारे में अधिक जानकारी प्राप्‍त होगी। 1.3.2 विकृतगंधिता वसायक्‍त ु अथवा तैलीय खाद्य सामग्री जब लंबे समय तक रखी रह जाती है तब उसका स्वाद या गधं कै सी होती है? उपचयित होने पर तेल एवं वसा विकृ तगंधी हो जाते हैं तथा उनके स्वाद तथा गंध बदल जाते हैं। प्रायः तैलीय तथा वसायक्‍त ु खाद्य सामग्रियों में उपचयन रोकने वाले पदार्थ (प्रति अॉक्सीकारक) मिलाए जाते हैं। वायरु ोधी बर्तनों में खाद्य सामग्री रखने से उपचयन की गति धीमी हो जाती है। क्या आप जानते हैं कि चिप्स बनाने वाले चिप्स की थैली में से अॉक्सीजन हटाकर उसमें नाइट्रोजन जैसी कम सक्रिय गैस से यक्‍तु कर देते हैं ताकि चिप्स का उपचयन न हो सके । प्रश्‍न ? 1. जब लोहे की कील को कॉपर सल्फ़े ट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है? 2. क्रियाकलाप 1.10 से भिन्न द्विविस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए। 3. निम्न अभिक्रियाओ ं में उपचयित तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिएः (i) 4Na(s) + O2(g) → 2Na2O(s) (ii) CuO(s) + H2(g) → Cu(s) + H2O(l) आपने क्‍या सीखा „„ एक पर्णू रासायनिक समीकरण अभिकारक, उत्पाद एवं प्रतीकात्मक रूप से उनकी भौतिक अवस्था को प्रदर्शित करता है। „„ रासायनिक समीकरण को संतुलित किया जाता है, जिससे समीकरण में अभिकारक तथा उत्पाद, दोनों ही ओर रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले प्रत्येक परमाणु की संख्या समान हो। समीकरण का संतुलित होना आवश्यक है। „„ संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ बनाते हैं। „„ वियोजन अभिक्रिया संयोजन अभिक्रिया के विपरीत होती है। वियोजन अभिक्रिया में एकल पदार्थ वियोजित होकर दो या दो से अधिक पदार्थ देता है। „„ जिन अभिक्रियाओ ं में उत्पाद के साथ ऊष्मा का भी उत्सर्जन होता है, उन्हें ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ कहते हैं। रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण 15 Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 15 30-11-2022 11:59:07 „„ जिन अभिक्रियाओ ं में ऊष्मा का अवशोषण होता है, उन्हें ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ कहते हैं। „„ जब कोई एक तत्व दसू रे तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है, विस्थापन अभिक्रिया होती है। „„ द्विविस्थापन अभिक्रिया में दो अलग-अलग परमाणु या परमाणओ ु ं के समहू (आयन) का आपस में आदान-प्रदान होता है। „„ अवक्षेपण अभिक्रिया से अविलेय लवण प्राप्‍त होेता है। „„ अभिक्रिया में पदार्थों से अॉक्सीजन या हाइड्रोजन का योग अथवा ह्रास भी होता है। अॉक्सीजन का योग या हाइड्रोजन का ह्रास अॉक्सीकरण या उपचयन कहलाता है। अॉक्सीजन का ह्रास या हाइड्रोजन का योग अपचयन कहलाता है। अभ्‍यास 1. नीचे दी गई अभिक्रिया के सबं ंध में कौन सा कथन असत्‍य है? 2PbO(s) + C(s) → 2Pb(s) + Co2(g) (a) सीसा अपचयित हो रहा है। (b) कार्बन डाइअॉक्साइड उपचयित हो रहा है। (c) कार्बन उपचयित हो रहा है। (d) लेड अॉक्साइड अपचयित हो रहा है। (i) (a) एवं (b) (ii) (a) एवं (c) (iii) (a), (b) एवं (c) (iv) सभी 2. Fe2O3 + 2Al → Al2O3 + 2Fe ऊपर दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है— (a) सयं ोजन अभिक्रिया (b) द्विविस्थापन अभिक्रिया (c) वियोजन अभिक्रिया (d) विस्थापन अभिक्रिया 3. लौह-चर्णू पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है? सही उत्तर पर निशान लगाइए। (a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है। (b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रॉक्साइड बनता है। (c) कोई अभिक्रिया नहीं होती है। (d) आयरन लवण एवं जल बनता है। 16 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 1.indd 16 30-11-2022 11:59:07 4. संतलि ु त रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरण को संतलि ु त करना क्यों आवश्यक है? 5. निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में परिवर्तित कर उन्हें संतलि ु त कीजिए। (a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है। (

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