तारे एवं सौर परिवार PDF
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यह हिंदी में एक खगोल विज्ञान पाठ्यपुस्तक का अंश है। इसमें तारों, सौर परिवार, चंद्रमा, ग्रहों और उनके बारे में जानकारी दी गई है और क्रियाकलाप दिए गए हैं। यह पाठ्यक्रम माध्यमिक विद्यालय के स्तर के लिए उपयुक्त है।
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# तारे एवं सौर परिवार ## चन्द्रमा की कलाएँ - चन्द्रमा अपना प्रकाश उत्पन्न नहीं करता। वह सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करता है। - हम चन्द्रमा के उस भाग को देख पाते हैं जिस भाग से सूर्य का परावर्तित प्रकाश हम तक पहुँचता है। ## क्रियाकलाप 17.2 - एक बड़ी गेंद अथवा घड़ा लीजिए। इसके आधे भाग को सफ़ेद...
# तारे एवं सौर परिवार ## चन्द्रमा की कलाएँ - चन्द्रमा अपना प्रकाश उत्पन्न नहीं करता। वह सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करता है। - हम चन्द्रमा के उस भाग को देख पाते हैं जिस भाग से सूर्य का परावर्तित प्रकाश हम तक पहुँचता है। ## क्रियाकलाप 17.2 - एक बड़ी गेंद अथवा घड़ा लीजिए। इसके आधे भाग को सफ़ेद तथा आधे भाग को काले पेंट से पोतिए। - अपने दो मित्रों के साथ खेल के मैदान में जाइए। मैदान में लगभग 2 m त्रिज्या का वृत्त खींचिए। चित्र 17.4 में दर्शाए अनुसार इस वृत्त को आठ बराबर भागों में बाँटिए। - वृत्त के केन्द्र पर खड़े होइए। अपने मित्र से गेंद को पकड़कर वृत्त के विभिन्न बिन्दुओं पर खड़े होने को कहिए। - उससे कहिए कि वह घड़े के सफेद भाग को सदैव सूर्य के सामने रखे। यदि आप इस क्रियाकलाप को प्रातःकाल के समय कर रहे हैं, तो गेंद के सफेद भाग को पूर्व की दिशा में रखना चाहिए। यदि आप इस क्रियाकलाप को सायं काल के समय कर रहे है तो गेंद के सफेद भाग को पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। प्रत्येक प्रकरण में सफेद तथा काले भागों को विभाजित करने वाली रेखा ऊर्ध्वाधर होनी चाहिए। - वृत्त के केन्द्र पर खड़े रहकर गेंद के सफेद दृश्य भाग का प्रेक्षण कीजिए तथा इसकी आकृति अपनी नोटबुक में खींचिए। इन आकृतियों की तुलना चित्र 17.5 में दर्शायी गई चन्द्रमा की कलाओं से कीजिए। ## चन्द्रमा और उसकी कलाएँ - याद रखिए, चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है। - पृथ्वी चन्द्रमा सहित सूर्य की परिक्रमा करती है। ## क्रियाकलाप 17.3 - धरती पर लगभग 1m व्यास का एक वृत्त खींचिए। अपने किसी मित्र से इस वृत्त के केन्द्र पर खड़े रहने के लिए कहिए। आप अपने मित्र की परिक्रमा कीजिए। - पूर्ण चन्द्रमा देखने के लिए आप आकाश के किस भाग में देखेंगे? - बालचन्द्र के पश्चात पृथ्वी से देखने पर प्रतिदिन चन्द्रमा के प्रदीप्त भाग में वृद्धि होती जाती है। - पूर्णिमा के पश्चात पृथ्वी से देखने पर चन्द्रमा का सूर्य द्वारा प्रदीप्त भाग प्रतिदिन आकार में घटता जाता है। ## तारे - रात्रि के आकाश में आप अन्य कौन सी वस्तुएँ देखते हैं? - आकाश में असंख्य तारे हैं। - बड़े शहर से दूर किसी अँधियारी रात को आकाश का सावधानीपूर्वक प्रेक्षण कीजिए। - क्या सभी तारे समान रूप से चमकीले हैं? - क्या सभी तारों का रंग एक जैसा है? - वास्तव में, तारे अपना प्रकाश उत्सर्जित करते हैं। - सूर्य भी एक तारा है। - अन्य तारों की तुलना में सूर्य इतना अधिक बड़ा क्यों दिखाई देता है? - आपके पास रखी फुटबाल अथवा 100 m दूरी पर रखी फुटबाल में से कौन बड़ी प्रतीत होती है? - तारे सूर्य की तुलना में लाखों गुना अधिक दूर हैं। - इसीलिए तारे हमें बिन्दु जैसे प्रतीत होते हैं। - सूर्य पृथ्वी से लगभग 150,000,000 किलोमीटर (15 करोड़ किलोमीटर) दूर है। - सूर्य के पश्चात दूसरा निकटतम तारा ऐल्फा सेन्टॉरी है। - इसकी दूरी पृथ्वी से लगभग 40,000,000,000,000 km है। - क्या आप इस दूरी को आसानी से पढ़ सकते हैं? - कुछ तारे तो इससे भी कहीं अधिक दूर हैं। - इतनी अधिक दूरियों को लम्बाई के अन्य मात्रक प्रकाश वर्ष में व्यक्त करते हैं। - यह प्रकाश द्वारा एक वर्ष में चली गई दूरी है। - याद कीजिए, प्रकाश की चाल 300,000 किलोमीटर प्रति सेकंड है। - इस प्रकार सूर्य की पृथ्वी से दूरी लगभग 8 प्रकाश मिनट है। - ऐल्फा सेन्टॉरी लगभग 4.3 प्रकाश वर्ष दूर है। - यदि तारों का प्रकाश हमारे पास तक पहुँचने में वर्षों का समय लेता है तो तारों को देखते समय क्या हम अपने अतीत को देख रहे होते हैं? - वास्तव में, दिन के समय भी आकाश में तारे होते हैं। - तथापि, उस समय सूर्य के तीव्र प्रकाश के कारण वे हमें दिखाई नहीं देते। - कुछ प्रमुख तारों अथवा तारों के समूह का आकाश में लगभग दो घंटे अथवा अधिक समय तक प्रेक्षण कीजिए। - आपको क्या पता चलता है? - क्या आप आकाश में तारों की स्थितियों में कोई परिवर्तन होता हुआ पाते हैं? - आप यह पाएँगे कि तारे पूर्व से पश्चिम की ओर गति करते प्रतीत होते हैं। - कोई तारा जो सूर्यास्त होते ही पूर्व में उदय होता है सामान्यतः सूर्योदय से पहले ही पश्चिम में अस्त हो जाता है। - तारे पूर्व से पश्चिम की ओर गति करते क्यों प्रतीत होते हैं? - आइए पता लगाएँ। ## क्रियाकलाप 17.4 - किसी बड़े कमरे के बीच में खड़े होकर घूर्णन कीजिए। - कमरे में रखी वस्तुएँ किस दिशा में गति करती प्रतीत होती हैं? - क्या आप इन वस्तुओं को अपनी गति के विपरीत दिशा में गतिमान पाते हैं? - पहेली याद करती है, जब वह किसी चलती रेलगाड़ी में होती है तो निकट के वृक्ष तथा भवन पीछे की दिशा में जाते प्रतीत होते हैं। - यदि हमें तारे पूर्व से पश्चिम की ओर गमन करते प्रतीत होते हैं तो क्या इसका अर्थ है कि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व दिशा में घूर्णन करती है? - अब मैं समझा कि हमें सूर्य पूर्व में उदय होता तथा पश्चिम में अस्त होता क्यों प्रतीत होता है। - ऐसा पृथ्वी के अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व दिशा में घूर्णन करने के कारण होता है। - मेरे दादाजी ने मुझे बताया था कि आकाश में एक ऐसा तारा है जो एक ही स्थान पर स्थिर दिखाई देता है। - यह कैसे संभव होता है? ## क्रियाकलाप 17.5 - एक छाता लीजिए और इसे खोलिए। - कागज़ को काटकर लगभग 10-15 तारे बनाइए। - छाते की केन्द्रीय छड़ की स्थिति पर एक तारा चिपकाइए। - छाते के प्रत्येक तार (स्पोक) के सिरे के निकट कपड़े पर अन्य पर तारों को चिपकाइए। - अब छाते की केन्द्रीय छड़ को अपने हाथ में पकड़कर घुमाइए तथा छाते पर चिपकाए सभी तारों का प्रेक्षण कीजिए। - क्या कोई ऐसा तारा है जो गति करता प्रतीत नहीं होता? - यह तारा कहाँ स्थित है? - यदि कोई तारा वहाँ स्थित होता जहाँ आकाश में पृथ्वी का अक्ष मिलता है, तो क्या वह तारा भी स्थिर होता? - वास्तव में ध्रुव तारा एक ऐसा ही तारा है जो पृथ्वी के अक्ष की दिशा में स्थित है। - यह गति करता प्रतीत नहीं होता। ## तारामण्डल - कुछ समय तक आकाश का प्रेक्षण कीजिए। - क्या कुछ तारे चित्र 17.11 में दर्शाए अनुसार आकृतियों के समूह बनाए हुए हैं। - पहचाने जाने योग्य आकृतियों वाले तारों के समूह को तारामण्डल कहते हैं। - प्राचीन काल में मनुष्यों ने आकाश में तारों को पहचानने के लिए तारामण्डलों की अभिकल्पना की। - तारामण्डलों की आकृतियाँ उन व्यक्तियों की सुपरिचित वस्तुओं के सदृश थीं। - रात्रि के आकाश में कुछ तारामण्डलों की आप आसानी से पहचान कर सकते हैं। - इसके लिए आपको यह जानना होगा कि कोई विशिष्ट तारामण्डल कैसा दिखाई देता है और रात्रि के आकाश में उसे कहाँ देखना होगा। - सर्वविख्यात तारामण्डलों में से एक विख्यात तारामण्डल अर्सामेजर [(चित्र 17.11 (a)] है जिसे आप गर्मियों में रात्रि के प्रथम प्रहर में देख सकते हैं। - इस तारामण्डल को 'बिग डिपर,' 'ग्रेट बीयर' अथवा सप्तर्षि भी कहते हैं। - इस तारामण्डल में सात सुस्पष्ट तारे होते हैं। - यह बड़ी कलछी अथवा प्रश्नचिह्न जैसा प्रतीत होता है। - इस कलछी की हत्थी में तीन तथा कटोरी में चार तारे होते हैं। ## क्रियाकलाप 17.6 - कुछ घंटों तक इस तारामण्डल का प्रेक्षण कीजिए। - क्या आप इसकी आकृति में कोई परिवर्तन देखते हैं? - क्या आप इसकी स्थिति में कोई परिवर्तन देखते हैं? - आप यह प्रेक्षण करेंगे कि इस तारामण्डल की आकृति समान रहती है। - आप यह भी पाएँगे कि यह तारामण्डल पूर्व से पश्चिम की ओर गति करता प्रतीत होता है। ## क्रियाकलाप 17.7 - मैंने यह सुना है कि हम सप्तर्षि की सहायता से ध्रुव तारे का स्थान निर्धारित कर सकते हैं। - इस क्रियाकलाप को गर्मियों में रात्रि के समय लगभग 9.00 बजे उस दिन कीजिए जब आकाश में चन्द्रमा न हो। - आकाश के उत्तरी भाग का प्रेक्षण करके सप्तर्षि को पहचानिए। - इस कार्य में आप अपने परिवार के बड़ों की सहायता ले सकते हैं। - सप्तर्षि के सिरे के दो तारों को देखिए। - चित्र 17.13 में दर्शाए अनुसार इन दोनों तारों से गुजरने वाली सरल रेखा की कल्पना कीजिए। - इस काल्पनिक रेखा को उत्तर दिशा में आगे बढ़ाइए इन दो तारों के बीच की दूरी का लगभग पाँच गुना।। - यह रेखा एक ऐसे तारे पर पहुँचती है जो अधिक चमकीला नहीं है. - यह ध्रुव तारा है। - ध्रुव तारे का कुछ समय तक प्रेक्षण कीजिए। - नोट कीजिए कि यह तारा अन्य तारों की भांति पूर्व से पश्चिम की ओर गति नहीं करता। - है? - क्या यह ध्रुव तारे की परिक्रमा करता दिखाई देता है? - अपने प्रेक्षणों की तुलना चित्र 17.14 में दर्शायी स्थितियों से कीजिए। - वास्तव में सभी तारे ध्रुव तारे की परिक्रमा करते प्रतीत होते हैं। - ध्यान दीजिए, ध्रुव तारा दक्षिणी गोलार्ध से नहीं दिखाई देता। - सप्तर्षि जैसे उत्तरी गोलार्ध के कुछ तारामण्डल भी दक्षिणी गोलार्ध के कुछ स्थानों से नहीं दिखाई देते। - ओरॉयन एक अन्य विख्यात तारामण्डल है जिसे हम सर्दियों में मध्यरात्रि में देख सकते हैं। - यह आकाश में सर्वाधिक भव्य तारामण्डलों में गिना जाता है। - इसमें भी सात अथवा आठ चमकीले तारे हैं। - ओरॉयन को शिकारी भी कहते हैं। - इसके तीन मध्य के तारे शिकारी की बेल्ट (पेटी) को निरूपित करते हैं। - चार चमकीले तारे चतुर्भुज के रूप में व्यवस्थित दिखाई देते हैं। - आकाश में सबसे अधिक चमकीला तारा, सीरियस (लुब्धक), ओरॉयन के निकट दिखाई देता है। - सीरियस को ढूँढ़ने के लिए ओरॉयन के मध्य के तीन तारों से गुजरने वाली रेखा की कल्पना कीजिए तथा इसके अनुदिश पूर्व दिशा की ओर देखिए। - इस रेखा के अनुदिश आपको एक अत्यंत चमकीला तारा दिखाई देगा। - यह सीरियस है। - उत्तरी आकाश में एक अन्य प्रमुख तारामण्डल कैसियोपिया है। - यह सर्दियों में रात्रि के प्रथम प्रहर में दिखाई देता है। - यह अंग्रेजी के अक्षर W अथवा M के बिगड़े (विकृत) रूप जैसा दिखाई देता है। ## सौर परिवार - सूर्य तथा इसकी परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिंडों से मिलकर सौर परिवार बना है। - इस परिवार में बहुत से पिंड हैं, जैसे-ग्रह, धूमकेतु, क्षुद्रग्रह तथा उल्काएँ। - सूर्य तथा इन पिंडों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ये पिंड सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं। - जैसा आप जानते ही हैं, पृथ्वी भी सूर्य की परिक्रमा करती है। - यह सौर परिवार की एक सदस्य है। - यह एक ग्रह है। - इसके अतिरिक्त सात अन्य ग्रह हैं जो सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं। - सूर्य से दूरी के अनुसार इनके क्रम इस प्रकार हैः बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्ट्यून। - चित्र 17.17 सौर परिवार का योजनावत दृश्य दर्शाता ह। - मैंने तो यह पढ़ा था कि सौर परिवार में नौ ग्रह हैं। ## क्या आप जानते हैं? - सन् 2006 तक सौर परिवार में नौ ग्रह थे। - प्लूटो सौर परिवार का सूर्य से दूरतम ग्रह था। - सन् 2006 में अन्तर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ ने ग्रह की नयी परिभाषा को अपनाया जिसके अनुसार प्लूटो, ग्रहों की श्रेणी में नहीं आता। - अब यह सौर परिवार का ग्रह नहीं है। - आइए सौर परिवार के कुछ सदस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करें. - सूर्य हमसे निकटतम तारा है। - यह निरंतर विशाल मात्रा में ऊष्मा तथा प्रकाश उत्सर्जित कर रहा है। - पृथ्वी की लगभग समस्त ऊर्जा का स्रोत सूर्य है। - वास्तव में, सभी ग्रहों की ऊष्मा तथा प्रकाश की ऊर्जा का प्रमुख स्रोत सूर्य ही है। ## ग्रह - ग्रह तारों की भांति प्रतीत होते हैं परन्तु ग्रहों में अपना प्रकाश नहीं होता। - वे केवल अपने ऊपर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करते हैं। - क्या आप तारों तथा ग्रहों में भेद कर सकते हैं? - ग्रहों तथा तारों में अन्तर करने की सरलतम विधि यह है कि तारे टिमटिमाते हैं जबकि ग्रह ऐसा नहीं करते। - तारों के सापेक्ष सभी ग्रहों की स्थिति भी बदलती रहती है। - प्रत्येक ग्रह एक निश्चित पथ पर सूर्य की परिक्रमा करता है। - इस पथ को कक्षा कहते हैं। - किसी भी ग्रह द्वारा सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में लगे समय को उस ग्रह का परिक्रमण काल कहते हैं। - ग्रहों की सूर्य से दूरी बढ़ने पर उनके परिक्रमण काल में भी वृद्धि हो जाती है। - मैं यह जानना चाहता हूँ कि सूर्य की परिक्रमा करते समय ग्रहों की टक्कर क्यों नहीं होती। ## क्रियाकलाप 17.9 - अपने चार-पाँच मित्रों के साथ खेल के मैदान में जाइए। - चित्र 17.8 में दर्शाए अनुसार 1m, 1.8m, 2.5 m तथा 3.8m त्रिज्या के संकेन्द्री वृत्त खींचिए। - अपने किसी एक मित्र से केन्द्र पर खड़े होकर सूर्य को निरूपित करने के लिए कहिए। - आपके अन्य मित्र बुध, शुक्र, पृथ्वी तथा मंगल को निरूपित कर सकते हैं। - अपने मित्रों से अपनी-अपनी कक्षाओं में वामावर्त दिशा में सूर्य की परिक्रमा करने के लिए कहिए। - क्या उनकी एक-दूसरे से टक्कर होती है? - सूर्य की परिक्रमा करने के साथ-साथ ग्रह लट्टू की भांति अपने अक्ष पर घूर्णन गति भी करते हैं। - किसी ग्रह द्वारा एक घूर्णन पूरा करने में लगने वाले समय को उसका घूर्णन काल कहते हैं। - कुछ ग्रहों के ज्ञात उपग्रह (चन्द्रमा) हैं जो उनकी परिक्रमा करते हैं। - किसी खगोलीय पिंड की परिक्रमा करने वाले अन्य खगोलीय पिंड को पहले खगोलीय पिंड का उपग्रह कहते हैं। - पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है. - क्या इस कारण से पृथ्वी सूर्य का उपग्रह है? - पृथ्वी को सूर्य का उपग्रह कहा जा सकता है, यद्यपि, सामान्यतः हम इसे सूर्य का ग्रह कहते हैं। - ग्रहों की परिक्रमा करने वाले पिंडों के लिए ही उपग्रह शब्द का उपयोग करते हैं। - चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह है। - बहुत से मानव-निर्मित उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। - इन्हें कृत्रिम उपग्रह कहते हैं। - क्या हम चन्द्रमा पर कोई ध्वनि सुन सकते हैं? - अध्याय 13 में हमने यह सीखा था कि जब कोई माध्यम नहीं होता तो ध्वनि गमन नहीं कर सकती। - तब फिर हम चन्द्रमा पर किसी ध्वनि को कैसे सुन सकते हैं? ## क्या आप जानते हैं? - 21 जुलाई 1969 को अमेरिका के अन्तरिक्षयात्री नील आर्मस्ट्राँग ने सबसे पहले चन्द्रमा पर अपने कदम रखे। - उनके बाद एडविन एल्डरिन चन्द्रमा पर उतरे। ## चन्द्रमा का पृष्ठ - कवियों तथा कहानीकारों के लिए चन्द्रमा एक चित्ताकर्षक पिंड है। - परन्तु जब अन्तरिक्षयात्रियों ने चन्द्रमा पर कदम रखे तो उन्होंने चन्द्रमा के पृष्ठ को धूल भरा तथा निर्जन पाया। - उस पर विभिन्न आमापों के गर्त हैं। - इस पर बहुत से खड़ी ढाल वाले ऊँचे पर्वत भी हैं। - इनमें से कुछ पर्वत तो ऊँचाई में पृथ्वी के सर्वाधिक ऊँचाई के पर्वतों के समान हैं। ## क्या हम चन्द्रमा पर कोई ध्वनि सुन सकते हैं? - अध्याय 13 में हमने यह सीखा था कि जब कोई माध्यम नहीं होता तो ध्वनि गमन नहीं कर सकती। - तब फिर हम चन्द्रमा पर किसी ध्वनि को कैसे सुन सकते हैं? ## चन्द्रमा पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करने में अपने अक्ष पर एक घूर्णन पूरा करता है। - इस प्रकार कीजिए कि आपका मुख सदैव उसकी ओर ही रहे। - क्या आपका मित्र आपकी पीठ देख सकता है? - एक परिक्रमा करने में आपने कितने घूर्णन पूरे किए? - चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा इसी ढंग से करता है। ## कृत्रिम उपग्रह - आपने यह सुना होगा कि ऐसे बहुत से कृत्रिम उपग्रह हैं जो पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। - आप यह जानना चाहेंगे कि कृत्रिम उपग्रह प्राकृतिक उपग्रहों से किस प्रकार भिन्न हैं। - कृत्रिम उपग्रह मानव निर्मित हैं। - इनका प्रमोचन पृथ्वी से किया गया है। - ये पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह अर्थात् चन्द्रमा की तुलना में कहीं अधिक निकट रहकर पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं। - भारत ने बहुत से कृत्रिम उपग्रहों का निर्माण तथा प्रमोचन किया है। - आर्यभट्ट भारत का प्रथम उपग्रह था। - कुछ अन्य भारतीय उपग्रह इन्सैट (INSAT), आई.आर.एस. (IRS), कल्पना-1, EDUSAT, आदि हैं। - कृत्रिम उपग्रहों के बहुत से व्यावहारिक अनुप्रयोग हैं। - इनका उपयोग मौसम की भविष्यवाणी, रेडियो तथा टेलीविजन संकेतों के प्रेषण में किया जाता है। - इनका उपयोग दूरसंचार तथा सुदूर संवेदन के लिए भी होता है। - मुझे यह कहना है कि सुदूर संवेदन से हमारा तात्पर्य दूरी से सूचनाएँ एकत्र करना है। ## सौर परिवार - सूर्य तथा इसकी परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिंडों से मिलकर सौर परिवार बना है। - इस परिवार में बहुत से पिंड हैं, जैसे-ग्रह, धूमकेतु, क्षुद्रग्रह तथा उल्काएँ। - सूर्य तथा इन पिंडों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ये पिंड सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं। - जैसा आप जानते ही हैं, पृथ्वी भी सूर्य की परिक्रमा करती है। - यह सौर परिवार की एक सदस्य है. - यह एक ग्रह है। - इसके अतिरिक्त सात अन्य ग्रह हैं जो सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं। - सूर्य से दूरी के अनुसार इनके क्रम इस प्रकार हैः बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्ट्यून। - चित्र 17.17 सौर परिवार का योजनावत दृश्य दर्शाता है। - मैने तो यह पढ़ा था कि सौर परिवार में नौ ग्रह हैं। ## क्या आप जानते हैं? - सन् 2006 तक सौर परिवार में नौ ग्रह थे। - प्लूटो सौर परिवार का सूर्य से दूरतम ग्रह था। - सन् 2006 में अन्तर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ ने ग्रह की नयी परिभाषा को अपनाया जिसके अनुसार प्लूटो, ग्रहों की श्रेणी में नहीं आता। - अब यह सौर परिवार का ग्रह नहीं है। - आइए सौर परिवार के कुछ सदस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करें. - सूर्य हमसे निकटतम तारा है। - यह निरंतर विशाल मात्रा में ऊष्मा तथा प्रकाश उत्सर्जित कर रहा है। - पृथ्वी की लगभग समस्त ऊर्जा का स्रोत सूर्य है। - वास्तव में, सभी ग्रहों की ऊष्मा तथा प्रकाश की ऊर्जा का प्रमुख स्रोत सूर्य ही है। ## ग्रह - ग्रह तारों की भांति प्रतीत होते हैं परन्तु ग्रहों में अपना प्रकाश नहीं होता। - वे केवल अपने ऊपर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करते हैं। - क्या आप तारों तथा ग्रहों में भेद कर सकते हैं? - ग्रहों तथा तारों में अन्तर करने की सरलतम विधियह है कि तारे टिमटिमाते हैं जबकि ग्रह ऐसा नहीं करते। - तारों के सापेक्ष सभी ग्रहों की स्थिति भी बदलती रहती है। - प्रत्येक ग्रह एक निश्चित पथ पर सूर्य की परिक्रमा करता है। - इस पथ को कक्षा कहते हैं। - किसी भी ग्रह द्वारा सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में लगे समय को उस ग्रह का परिक्रमण काल कहते हैं। - ग्रहों की सूर्य से दूरी बढ़ने पर उनके परिक्रमण काल में भी वृद्धि हो जाती है। - मैं यह जानना चाहता हूं कि सूर्य की परिक्रमा करते समय ग्रहों की टक्कर क्यों नहीं होती। ## क्रियाकलाप 17.9 - अपने चार-पाँच मित्रों के साथ खेल के मैदान में जाइए। - चित्र 17.8 में दर्शाए अनुसार 1m, 1.8m, 2.5 m तथा 3.8m त्रिज्या के संकेन्द्री वृत्त खींचिए। - अपने किसी एक मित्र से केन्द्र पर खड़े होकर सूर्य को निरूपित करने के लिए कहिए। - आपके अन्य मित्र बुध, शुक्र, पृथ्वी तथा मंगल को निरूपित कर सकते हैं। - अपने मित्रों से अपनी-अपनी कक्षाओं में वामावर्त दिशा में सूर्य की परिक्रमा करने के लिए कहिए। - क्या उनकी एक-दूसरे से टक्कर होती है? - सूर्य की परिक्रमा करने के साथ-साथ ग्रह लट्टू की भांति अपने अक्ष पर घूर्णन गति भी करते हैं। - किसी ग्रह द्वारा एक घूर्णन पूरा करने में लगने वाले समय को उसका घूर्णन काल कहते हैं। - कुछ ग्रहों के ज्ञात उपग्रह (चन्द्रमा) हैं जो उनकी परिक्रमा करते हैं। - किसी खगोलीय पिंड की परिक्रमा करने वाले अन्य खगोलीय पिंड को पहले खगोलीय पिंड का उपग्रह कहते हैं। - पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है. - क्या इस कारण से पृथ्वी सूर्य का उपग्रह है? - पृथ्वी को सूर्य का उपग्रह कहा जा सकता है, यद्यपि, सामान्यतः हम इसे सूर्य का ग्रह कहते हैं। - ग्रहों की परिक्रमा करने वाले पिंडों के लिए ही उपग्रह शब्द का उपयोग करते हैं। - चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह है। - बहुत से मानव-निर्मित उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। - इन्हें कृत्रिम उपग्रह कहते हैं। - क्या हम चन्द्रमा पर कोई ध्वनि सुन सकते हैं? - अध्याय 13 में हमने यह सीखा था कि जब कोई माध्यम नहीं होता तो ध्वनि गमन नहीं कर सकती। - तब फिर हम चन्द्रमा पर किसी ध्वनि को कैसे सुन सकते हैं? ## चन्द्रमा पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करने में अपने अक्ष पर एक घूर्णन पूरा करता है। - इस प्रकार कीजिए कि आपका मुख सदैव उसकी ओर ही रहे। - क्या आपका मित्र आपकी पीठ देख सकता है? - एक परिक्रमा करने में आपने कितने घूर्णन पूरे किए? - चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा इसी ढंग से करता है। ## चन्द्रमा का पृष्ठ - कवियों तथा कहानीकारों के लिए चन्द्रमा एक चित्ताकर्षक पिंड है। - परन्तु जब अन्तरिक्षयात्रियों ने चन्द्रमा पर कदम रखे तो उन्होंने चन्द्रमा के पृष्ठ को धूल भरा तथा निर्जन पाया। - उस पर विभिन्न आमापों के गर्त हैं। - इस पर बहुत से खड़ी ढाल वाले ऊँचे पर्वत भी हैं। - इनमें से कुछ पर्वत तो ऊँचाई में पृथ्वी के सर्वाधिक ऊँचाई के पर्वतों के समान हैं। ## क्या हम चन्द्रमा पर कोई ध्वनि सुन सकते हैं? - अध्याय 13 में हमने यह सीखा था कि जब कोई माध्यम नहीं होता तो ध्वनि गमन नहीं कर सकती। - तब फिर हम चन्द्रमा पर किसी ध्वनि को कैसे सुन सकते हैं? ## चन्द्रमा की कलाएँ - चन्द्रमा अपना प्रकाश उत्पन्न नहीं करता। - वह सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करता है। - हम चन्द्रमा के उस भाग को देख पाते हैं जिस भाग से सूर्य का परावर्तित प्रकाश हम तक पहुँचता है। ## क्रियाकलाप 17.2 - एक बड़ी गेंद अथवा घड़ा लीजिए। - इसके आधे भाग को सफ़ेद तथा आधे भाग को काले पेंट से पोतिए। - अपने दो मित्रों के साथ खेल के मैदान में जाइए। - मैदान में लगभग 2 m त्रिज्या का वृत खींचिए। - चित्र 17.4 में दर्शाए अनुसार इस वृत्त को आठ बराबर भागों में बाँटिए। - वृत्त के केन्द्र पर खड़े होइए। - अपने मित्र से गेंद को पकड़कर वृत्त के विभिन्न बिन्दुओं पर खड़े होने को कहिए। - उससे कहिए कि वह घड़े के सफेद भाग को सदैव सूर्य के सामने रखे। - यदि आप इस क्रियाकलाप को प्रातःकाल के समय कर रहे हैं, तो गेंद के सफेद भाग को पूर्व की दिशा में रखना चाहिए। - यदि आप इस क्रियाकलाप को सायं काल के समय कर रहे है तो गेंद के सफेद भाग को पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। - प्रत्येक प्रकरण में सफेद तथा काले भागों को विभाजित करने वाली रेखा ऊर्ध्वाधर होनी चाहिए। - वृत्त के केन्द्र पर खड़े रहकर गेंद के सफेद दृश्य भाग का प्रेक्षण कीजिए तथा इसकी आकृति अपनी नोटबुक में खींचिए। - इन आकृतियों की तुलना चित्र 17.5 में दर्शायी गई चन्द्रमा की कलाओं से कीजिए।