हमारा परिवेश (EVS) कक्षा - 5.PDF
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"हमारा परिवेश" (EVS) पाठ कक्षा 5 के लिए प्रतीत होता है। यह पाठ परिवार के बदलावों, परिवेश की विभिन्न स्थितियों, खेलकूद, और ईमानदारी जैसी विषय वस्तुओं पर केंद्रित है।
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हमारा प रवेश (क ा -5 ) 1- प रवार कल, आज और कल यहाँ टु इयाँ, शरद और उ मा के प रवार के कुछ च दए गए ह च को दे खए और चचा क रए न ा मेहमान-टु इयाँ का प रवार ब त खुश है उसके यहाँ न सी बेटी का ज आ है टु इयाँ और भी खुश है उसे छोटी बहन मल गई है च दे खकर ल खए - टु इयाँ...
हमारा प रवेश (क ा -5 ) 1- प रवार कल, आज और कल यहाँ टु इयाँ, शरद और उ मा के प रवार के कुछ च दए गए ह च को दे खए और चचा क रए न ा मेहमान-टु इयाँ का प रवार ब त खुश है उसके यहाँ न सी बेटी का ज आ है टु इयाँ और भी खुश है उसे छोटी बहन मल गई है च दे खकर ल खए - टु इयाँ के प रवार म छोटी बहन के ज से पहले कौन-कौन थे ?........... अब इस प रवार म कुल मलाकर कतने लोग ह ?.......... बदली हो गई - शरद के पापा को बक से प मला है प म लखा है क अब उनको सरे शहर के बक म काम करना है सो चए, जब शरद के पापा ने यह बात घरवाल को बताई होगी तो प रवार के लोग को कैसा लगा होगा ? पापा क बदली होने के कारण शरद के प रवार म ा बदलेगा ? चचा क रए पापा के साथ कौन जाएगा ? ा शरद के दो बदलगे ? ा आपके प रवार म भी कसी को काम के कारण नई जगह जाना पड़ा था ? सरी जगह जाने के बाद उनसे आप कब-कब मले - ोहार पर, कसी र ेदार क शादी म या उनके पास जाकर शादी है - आज उ मा के यहाँ सभी ब त खुश ह उसके चचेरे भाई क शादी है सभी लोग अलग-अलग काम म ह शादी म उ मा अपने कई र ेदार से मली उसने यह भी दे खा क शादी कैसे होती है ा इस शादी के कारण उ ा के प रवार म कुछ बदलाव ह गे ? ा- ा बदलाव ह गे ? जस घर से उ मा क नई भाभी आई है, ा उस प रवार म भी कुछ बदलाव ए ह गे? ा- ा? दो से पता क रए क उनके यहाँ शादी कैसे होती है ? शादी म ा- ा पकवान पकाए जाते ह ? शादी के समारोह मं◌े कस तरह के गाने होते ह ? हमने दे खा क टु इयाँ, शरद और उ मा के प रवार म अलग-अलग कारण से बदलाव ए ह ा प रवार म बदलाव के कुछ और कारण हो सकते ह ? पता क रए और ल खए - गोपाल क याद- गोपाल के लए शहर एकदम नया था उसे यहाँ का रहन-सहन गाँव से अलग दखता था दन तो व ालय जाने और पढ़ने म बीत जाता मगर शाम को गाँव क बात याद आत नई जगह पर अभी उसका कोई ऐसा दो भी नह था जससे वह अपने मन क बात कहता आज वह आपको कुछ बात बताना चाहता है हम लोग मंसूराबाद गाँव म एक बड़े प रवार क तरह रहते थे अ े -बुरे समय म सब साथ मलकर एक सरे क मदद करते थे म अपने भाई-बहन व चचेरे भाई- बहन म सबसे छोटा था हम सभी एक साथ रहते थे प रवार के लोग खेती करते थे खेती के अलावा म ी के बतन बनाना, चारपाई बुनना, बांस से चीज बनाने का काम तथा कपड़े सलने का काम भी करते थे बड़ के साथ काम करके हम ब े भी उन काम के बारे म ब त कुछ सीख जाते थे चचा क रए- आपने अपने बड़ से ा सीखा ह ? गाँव एवं शहर के रहन-सहन म ा- ा अंतर होते ह ? मंसूराबाद म हाइवे - एक दन गाँव वाल ने सुना क यहाँ से हाइवे नकलेगा बात सच नकली मेरे खेत के साथ-साथ गाँव के कई लोग के खेत हाइवे म मल गए हम उसका हजाना तो मला ले कन हमारी जमीन जा चुक थी जो थोड़ी बची थी उस पर चाचा खेती करते थे प रवार क ज रत को पूरा करने के लए नई जगह तलाशनी थी जहाँ काम के साथ-साथ रहने क भी व ा हो सके आ खर एक दन बाबा ने कहा क हम गाँव छोड़कर शहर जाना है मुझे अपना घर, गाँव छोड़ना ब ु ल भी अ ा नह लगा वह तो थे, मेरे सारे दो एक बात और थी मुझे मेरी दादी से ब त ार था, मेरे चले जाने पर उनक दे खभाल कौन करे गा ? मने मन ही मन सोचा म जाऊँगा तो दादी को भी साथ ले जाऊँगा दादी हमारे साथ आ ग शहर से थोड़ी र एक छोटा-सा घर मल गया, हम सब वह रहने लगे हम आज भी अपना गाँव नह भूला है ोहार पर हम सभी अपने गाँव जाते ह वहाँ चाचाजी के साथ मलकर पूड़ी-कचैड़ी, मठाई और भी ब त कुछ पकाते ह पास- पड़ोस के दो के साथ मलकर खूब मौज करते ह आपके घर म बड़े बुजुग क दे खभाल के लए ा इं तजाम होता है ? आपके यहाँ ोहार म ा- ा पकवान पकाए जाते ह बदलते रहते ह प रवार - सभी के प रवार कसी न कसी कारण बदलते रहते ह हमारे प रवार म बदलाव होते ह- नए ब े के ज होने पर ववाह होने पर पढ़ाई के लए बाहर जाने पर घर से र नौकरी करने के कारण तबादला होने पर रोजी-रोटी और काम क तलाश म सा थय से चचा क रए और प रवार म बदलाव के अ कारण भी ल खए -................................................. हमारे प रवार म कुछ न कुछ बदलाव होते रहते ह प रवार म लोग क सं ा भी सदै व एक जैसी नह रहती जैस-जैसे समय बीतता है लोग क सं ा कम या ादा होती रहती है ाचीन समय म जब मनु ने खेती करना शु कया तब वह एक ान पर ायी होकर रहने लगा खेती म ब त लोग क ज रत पड़ती थी, अतः ब त से सद मलजुल कर एक साथ रहने लगे इससे एक बड़ा प रवार बना प रवार क ज रत केवल खेती से पूरी नह होती थी अतः ापार तथा अ वसाय वक सत ए शहर का वकास आ मनु उस जगह जाने लगे जहाँ उ काम मलता था बड़े -बड़े प रवार अब छोटे होने लगे वतमान समय म सरे रा या सरे दे श म जाकर श ा ा करने का चलन बढ़ गया है इसी तरह काम के सल सले म भी लोग सरे रा या दे श म जाकर रहते ह ब त से प रवार से केवल एक ही सद सरी जगह जाकर रहता है कुछ प रवार के कई लोग बाहर रहते ह इससे भी प रवार म बदलाव होते रहते ह इस तरह के बदलाव केवल हमारे ही प रवार म ही नह ब पूरे समाज म होते ह अ ास 1. बदलाव के कारण लखो - टु इयाँ के प रवार म......... शरद के प रवार म.......... उ मा के प रवार म.......... 2. प रवार म बदलाव कन- कन कारण से होता है ? 3. अपने दादा-दादी या नानी-नाना से पता क रए क जब वे आपक उ के थे, तब उनके प रवार म कौन-कौन था ? 4. गोपाल के प रवार मं◌े ा- ा काम होता था ? 5. गोपाल को गाँव छोड़ना नह अ ा लगा ? 6. खेती करने के बाद मनु के जीवन म ा बदलाव आया ? 7. ा आपक क ा या ू ल म भी सरी जगह से ब े आएँ ह य द हाँ तो उनसे बातचीत क रए - वे कहाँ से आए ह ? उ यहाँ ा- ा नया लगा ? ा उ यह बदलाव अ ा लगा ? 8 अपने प रवार के सबसे बुजुग और दो के प रवार म कसी बड़े से बात करके नीचे क ता लका पूरी करो - 9. आप जब कसी शादी म गए थे, उसम आपने ा- ा दे खा? अपनी काॅपी म च बनाकर दो को दखाइए, उनके ारा बनाए गए च भी दे खए श क नदश- 1. बदलाव जदगी का ह ा है इन बदलाव का ब पर गहरा असर हो सकता है इस लए यह आव क है क इस चचा को संवेदनशीलता से कर 2. क ा म ब से प रवार छोड़ने के कारण पर चचा करवाएँ इससे ब म प रवार पर पड़ने वाले भाव के त समझ वक सत होगी 2-मेरा प रवार, मेरी ेरणा म ू ल से खुश होकर लौट रही थी पयावरण संर ण पर सबसे अ ा लेख मेरा था म घर पर दो लोग को अपनी यह बात सबसे पहले बताना चाहती थी एक मेरी नानी और सरे मेरे भैया वे दोन मेरी बात से सबसे ादा खुश होते ह मेरी नानी, मेरे बारे म सुनने को हमेशा उ ुक रहती ह भैया से मुझे हमेशा ेरणा मलती ह नानी के घर म उनक दे ख-भाल करने वाला कोई नह है भैया क बात मानकर नानी अब हमारे साथ ही रहती है नानी क उ ादा है, वह ऊँचा सुनती है और उ दखता भी कम है रोज सुबह पापा उनको अखबार जोर-जोर से पढ़कर सुनाते ह इस उ म भी नानी तरह-तरह के पकवान बनाती ह वो बाटी-चोखा भी ब त अ ा बनाती ह माँ ने उ से बनाना सीखा माँ आज भी नानी से पकवान को बनाने के बारे म पूछती रहती ह नानी के साथ हम सब मजे से रहते ह चचा क रए - जब कोई बूढ़ा हो जाता है, तब उनको ा- ा तकलीफ हो सकती है ? मेरे भैया कशन संगीत सखाते ह ब े उनक ब त इ त करते ह भैया को संगीत सुनने, दो के साथ घूमने और बात करने का ब त शौक है भैया को दखता नह है फर भी वह अपने काम खुद करते ह जब कभी उनको मदद क ज रत होती है तो हम सब उनक मदद करते ह भैया को पढ़ने का ब त शौक है भैया ने शहर जाकर संगीत सीखा अब वह गाँव म रहकर ब को संगीत सखाते ह व ालय म 26 जनवरी के काय म को तैयार करने म भी भैया ने सहयोग दया था जब भी वह घर के बाहर जाते ह, तब एक सफेद छड़ी ले जाते ह चचा क रए- हम उन लोग क मदद कैसे कर सकते ह ज दखता नह है? ा आपके प रवार म ऐसा कोई सद है जो दे ख, बोल या सुन नह सकता? आप उनक मदद कैसे करते ह ? इसे भी जा नए - जो लोग दे ख नह सकते उनके पढ़ने के लए एक खास ल प म कताब तैयार क जाती ह जसे ेल कहते ह ेल एक मोटे कागज पर एक नुक ले औजार से ब बनाकर लखा जाता है ेल कागज पर हाथ फेरकर पढ़ा जाता है क उस पर ा लखा है लुई ेल ांस दे श का रहने वाला था जब वह तीन साल का था तब एक नुक ले औजार से उसक आँख म चोट लग गई और उसक आँख खराब हो गई उसे आँख से दखना ब ु ल बंद हो गया उसक पढ़ने म ब त च थी वह पढ़ने क तरक ब सोचता रहता था आ खर उसने ढूँढ़ ही लया एक तरीका-छू कर पढ़ने का पढ़ने क यह व ध बाद म ेल ल प के नाम से जानी जाने लगी ेल इस तरह क ल प म मोटे कागज पर उभरे ब बने होते ह उभरे होने के कारण इ छू कर पढ़ा जा सकता है यह ल प छः ब ओ ं पर आधा रत होती है आजकल ेल म नए-नए प रवतन ए ह जससे इसे पढ़ना- लखना और भी आसान हो गया है ेल ल प अब क ूटर के ारा भी लखी जा सकती है और भी जा नए- जो लोग सुन नह सकते उनके लए सांके तक भाषा इ ेमाल क जाती है सांके तक भाषा पर आधा रत वशेष काय म टी0वी0 पर सा रत होते ह टी0वी0 पर मूक ब धर के लए समाचार आते ह दे खो वहाँ बात को कस कार संकेत के ारा समझाया जाता है भैया क ईमानदारी- शाम को भैया बोले-चलो मेला चल अपने पड़ोस के दो को भी बुला लो इस बार अलग-अलग रा के लोग अपनी-अपनी चीज लेकर आए ह भैया ने मेला घुमाया हमने ब त कुछ खाया पया मुंबई क भेलपुरी भी खाई भेलपुरी वाले ने गलती से छः क जगह पाँच ही लोग के पैसे लए हमने सोचा चलो पैसे बच गए पर भैया ने हसाब लगाया और भेलपुरी वाले को बाक पैसे दए हम आपस म खुसर-फुसर कर रहे थे तो भैया ने समझाया क नह अंज,ू हम कसी को नुकसान नह प ँचाना चा हए ईमानदार होने पर डरने क ज रत नह पड़ती आ व ास बढ़ता है ईमानदार लोग को सभी पसंद करते ह उस दन हमने भैया से जो सीखा उसे कभी नह भूलगे इनको भी जा नए - चचा क रए- अगर भैया कम पैसे दे कर चले आते, तो ब े उनके बारे म ा सोचते? आप इस बारे म ा सोचते ह अ ास 1. उ र लखो- (क) कशन के प रवार म कौन-कौन है ? (ख) कशन ब को ा सखाते ह ? (ग) हम ईमानदार होना चा हए ? (घ) पाठ म अंजू ने अपने भैया को ा- ा बात बता ह ? (ङ) ेल से आप ा समझते है ? 2. ा आपके साथ कोई ऐसी घटना ई जसम लगा हो क आपने ईमानदारी का पालन कया था ? उस घटना के बारे म ल खए 3. पयावरण संर ण पर पाँच वा ल खए 4. उन लोग क सूची बनाइए जो आपके व ालय के काम म सहयोग दे ते ह ? और यह भी ल खए क उनके सहयोग से आपको ा लाभ आ ? 5. अगर कभी कानदार गलती से आपको ादा पैसे वापस कर दे तो आप ा करगे ? ोजे वक- ा कशन जैसे लोग क मदद के लए कोई योजनाएँ चल रही ह ? अपने बड़ या श क क सहायता से पता क रए और उन योजनाओ ं क सूची बनाइए श क नदश- 1 - ब े ेल ल प को दे खगे तो बेहतर ढं ग से समझ पाएंगे बे्रल ल प क जानकारी दे ते समय ब को वा वक ेलशीट दखाना अ ा रहेगा 2 - इस उदाहरण ारा ब का ान इस तरफ ख चा जा सकता है क हमारे प रवार और समाज म कुछ ऐसे होते ह जो सामा न होते ए भी ब त तभावान होते ह 3 - पुरानी बात को जानने को मह पूण ोत हमारे बुजुग होते ह ब के अ र यह समझ वक सत होने से वह बुजुग के साथ समय बताएंगे 3-गौरव पुर ार दस र माह के थम स ाह म व ालय क वा षक खेलकूद तयो गता का आयोजन कया गया ेक क ा के बालक-बा लकाओ ं ने अपने-अपने मनपसंद खेल म भाग लया खेलकूद के अ म दन समापन समारोह म पुर ार वतरण का काय म चल रहा था खेलकूद के साथ ही व ालय क अ ग त व धय म उ ृ दशन के लए ‘गौरव पुर ार’ ा करने वाले ब े के नाम क घोषणा होने वाली थी हर बार क तरह इस बार भी शादमा के नाम क चचा थी मंच पर धाना ापक ने मु अ त थ को पुर ार पाने वाले ब े का नाम लखा कागज दया और माइक पर उसका नाम बताने का अनुरोध कया मु अतथ माइक के पास खड़े ए ब म सुगबुगाहट होने लगी क कसका नाम बुलाया जाएगा तभी माइक पर मु अ त थ ने मधु के नाम क घोषणा क ता लय क गड़गड़ाहट के बीच मधु ने मु अ त थ से पुर ार हण कया शादमा को अपने नाम क घोषणा का इ जार था, क ु मधु के नाम क घोषणा के बाद उसका मन उदास हो गया मध्◌ाु के सा थय ने खुशी से मधु को चार तरफ से बधाई दे ने के लए घेर लया शादमा उ र से दे खकर ःखी हो रही थी काय म समा होने के पहले ही शादमा बुझे मन से घर प ँची और माँ क गोद म सर रखकर सुबकते ए सारी बात बताई माँ ने शादमा को अपने पास बठाया और बोल ‘‘इसम ःखी होने क कोई बात नह है हर बार एक ही जीते ये ज री नह है अपने-अपने दशन के आधार पर जीतता या हारता है तु वचार करना चा हए क तु ारे दशन म कमी आई ?’’ ‘मुझे लगा क हर बार तो म ही जीतती ,ँ इस बार भी जीत जाऊँगी, ले कन ऐसा नह आ मने खेल का समय भी पढ़ाई म लगाया क ु परी ाओ ं म भी मुझे अ े अंक नह मले ऐसा आ माँ ? शादमा ने माँ क ओर दे खकर पूछा शरीर होता है तो म भी रहता है शरीर को रखने के लए खेल और ायाम क आव कता होती है पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद, मनु के सवागीण वकास म सहायक होते ह- माँ ने शादमा को बताया ले कन माँ हम हाथ-पैर ारा खेलते हं◌ै इसका म के ा पर कैसे भाव पड़ सकता है? शादमा ने आ यच कत होते ए माँ से पूछा शादमा क बात सुनकर माँ मु रा कर बोल - जब तुम केट खेलती हो तब तुमने दे खा होगा क गद को पकड़ने के लए हाथ को बढ़ाते समय यह भी सोचना पड़ता है क गद को आगे बढ़कर पकड़ पाएंगे या पीछे हट कर या अ कस तरीके से गद को पकड़ पाएंगे यह संकेत हम म से ही मलता है और उसी के अनुसार हम गद पकड़ पाते ह कसी काय को करने के लए षारी रक एवं मान सक प से वक सत होना आव क है पढ़ने, लखने, खेलने आ द सभी काय म हमारा म और षरीर दोन एक साथ काय करते ह माँ क बात सुनकर शादमा समझ गई थी क पढ़ाई के साथ खेल का अ ास हमारे शरीर और म के वकास म सहायक होते ह चचा क रए - ा आप व ालय म खेल के घंटे म खेलते ह ? आप लोग म से कौन खेलने नह जाता? आप खेल म कभी हारे ह ? ा आपने हार के कारण को जानने का यास कया है? जीतने वाली टीम को हारने वाली टीम से कैसा वहार करना चा हए? पता कर - खेल के घंटे म य द कोई ब ा खेलने नह जाता है तो खेलने न जाने के कारण का पता लगाइए आप उस ब े क ा मदद कर सकते ह ? गम क छु याँ हो गई थ षादमा क बुआ अपने बेटे आ सफ के साथ छु याँ बताने आई थ शादमा आ सफ से मलकर ब त खुष ई दोन घर के बाहर धूप म ही खेलने नकल गये ब को धूप म खेलता दे खकर षादमा क माँ ने उ घर के अ र आकर खेलने को कहा घर के अ र भला हम कैसे खेल सकते ह ? खेल तो बाहर ही खेल सकते ह - आ सफ ने कहा खेल घर के अ र भी खेल सकते ह आओ म तु बताती -ँ शादमा क माँ ने कहा षादमा और आ सफ ने बात मान ली और अ र आ गए घर के अ र माँ ने शादमा को कैरमबोड नकाल कर दया आ सफ ने उसे साफ कया और कैरमबोड पर पाउडर छड़क कर गो टयाँ सजाने लगा तभी पड़ोस के नूतन और नवीन भी आ गए वे भी साथ म बैठकर खेलने लगे खेलते ए अचानक आ सफ ने कैरम बोड को पलट दया जससे बची गो टयाँ गर ग नूतन को ब त गु ा आया शादमा जोर-जोर से आ सफ को भला-बुरा कहने लगी नवीन क आँख म आँसू आ गए क वो जीतने वाला था शोर-गुल सुनकर आ सफ क माँ वहाँ आ पता चला क आ सफ खेल म हार रहा था अतः उसने खेल ख होने के पहले ही खेल को बगाड़ दया हम जब भी कोई खेल खेलते ह तो उसम या तो हम जीतते ह या हारते ह हमारी को शश होती है क हम जीत ले कन हमेशा ऐसा नह होता हार जाने पर हम जीतने वाले खलाड़ी के खेल के यास क शंसा करनी चा हए और उसे बधाई दे नी चा हए य द हम जीतते ह तो हारने वाले के यास क सराहना करनी चा हए क उसने अ तक जीतने का यास कया जीतने पर अहंकार क भावना नह आनी चा हए माँ से ये सारी बात सुनकर आ सफ को अपनी गलती का एहसास आ उसने नूतन, नवीन और शादमा से माफ माँगी और पुनः चारां◌े खेलने बैठ गए सो चए और बताइए - ा आ सफ का यह वहार उ चत था ? आप आ सफ क जगह होते तो ा करते ? आओ जान खेल के कार खेल दो कार के होते ह - 1 - इ ोर गेम- इसका अथ है घर के अंदर खेले जाने वाले खेल जैसे-षतरं ज, टे बल टे नस, कैरम आ द 2 - आउटडोर गेम- इसका अथ है खेल के मैदान म खेले जाने वाले खेल जैस-े हाॅक , केट, फुटबाल आ द आउटडोर गे ा क से अ धक अ े होते ह क ये खुले वातावरण म उछल कूद के साथ खेले जाते ह इ ोर गे षा वातावरण म मान सक प से अध्ि◌ाक स य होकर खेले जाते हं◌ै कुछ खेल इ ोर और आउटडोर दोन होते ह, जैस-े बैड मटन, टे बल टे नस आ द चचा क रए- आप अपने घर के अ र कौन-कौन से खेल खेलते ह ? आपको खेलना अ ा लगता है ? घर के बाहर खेला जाने वाला आपका य खेल कौन सा है ? मलकर ऐसे खेल- सभी खेल के अपने व श नयम होते ह हम खेल नयम एवं व धय के अनुसार खेलना चा हए खेल मनु को अ ा ा दान करते हं◌ै साथ ही खेल भावना से खेले गए खेल लोग म पार रक सौहाद एवं टीम भावना जागृत करते ह आइए जान- कोई भी खेल लड़के और लड़ कय म बँटे नह होते सभी कार के खेल लड़क के साथ लड़ कयाँ भी खेल सकती ह अपने दे श क पी0टी0 ऊषा, बीनामोल, बालस ा, रोजा कु ी-एथले ट , बुला चैधरी-तैराक , सा नया मज़ा- टे नस, अंजू बाॅबी जाॅज-ल ी कूद, मैरीकाॅम-बाॅ ग, साइना नेहवाल-बैड मटन, सा ी म लक-कु ी म अ रा ीय र पर अपनी छाप छोड़ चुक ह हमारे यहाँ क म हला हाॅक और म हला केट क टीम व व ात ह इसी कार वराट कोहली केट मं◌े, व नाथन आनंद शतरं ज म तथा सरदार सह हाॅक म भारत को स दला रहे ह द ांग म हला एवं पु ष भी पैरा ओल क खेल म भाग लेकर वदे श म पुुर ृ त हो रहे ह हम खेल को लेकर कोई भेदभाव नह करना चा हए अ ास 1. सो चए और ल खए - (क) मान सक वकास के लए शारी रक ा आव क है ? (ख) कैरम बोड खेलते समय आ सफ क जगह आप होते तो ा करते ? (ग) शारी रक ा के लए आप अपनी दनचया म कस या को शा मल करगे और ? इसके लए कौन सा समय नधा रत करगे (घ) अपने पसंद के खेल के नाम ता लका म ल खए इनम से घर के अंदर खेले जाने 2. च दे खकर ल खए- 3. र ान क पू त क जए - शतरं ज.......... गेम है खेल से मनु का ा.......... रहता है........... इं डोर और आउटडोर खेल सकते ह फुटबाॅल............ गेम है 4. पता करके मलान कर - (क) महेश भूप त तैराक (ख) स चन ते लकर मु े बाजी (ग) मैरीकाॅम टे नस (घ) बुला चैधरी केट ोजे वक- 1. न ल खत ाॅफ से स त खेल का च अपनी पु का म चपकाकर खेल का नाम ल खए - 1. रणजी ाॅफ - 2. संतोष ाॅफ - 3. डे वस कप - 4. आगा खाँ ाॅफ - 2. अपने मन पसंद खेल के बारे म ल खए - उस खेल के नयम ाह? आपको यह खेल पसंद है ? 4 - आओ मलकर खेल खेल न तन और गुनगुन ब त खुष ह आज उनके गाँव म नागपंचमी के अवसर पर वभ कार के खेल तयो गताओ ं का आयोजन होने वाला था स ू काका लाउड ीकर से गाँव वाल को तयो गता म ह ा लेने के लए ो ा हत कर रहे थे ‘म तो ल ी कूद म भाग लूँगा ‘ न तन ने कहा ‘म र ाकसी म भाग लूँगी ‘ गुनगुन ने चहकते ए कहा भीम, रे न,ू राकेष, रा हला और आफताब भी वहाँ आ गए सभी अपनी-अपनी पसंद के खेल के बारे म चचा करने लगे उसी समय न तन के दादा जी भी वहाँ आ गए ब ने दादा जी को घेर लया और तरह-तरह के सवाल करने लगे दादाजी ने बताया क जब वो छोटे थे तो अपने म के साथ नागपंचमी के अवसर पर कु ी और कब ी आ द खेल म बड़े उ ाह से भाग लेते थे आओ जान- र ी कूद, कुस दौड़, गद तड़ी, कु ती, र ाकसी, टच ए पास, घेरे म ट ा, खो- खो, कब ी आ द ानीय खेल ह चचा क रए- आप कौन-कौन से खेल खेलते ह ? अपने गाँव म खेले जाने वाले मुख खेल के नाम बताइए इसे कैसे खेलते ह ? ा बड़े बुुजुग भी खेल म तभाग करते ह? कन- कन खेल म, उनके नाम बताइए ा आपक माँ और बहन भी खेलती ह ? वे कौन सा खेल खेलती ह ? और कहाँ खेलती ह? गाँव के लोग के लए यह आयोजन वशेष था गाँव के ही कब ी के खलाड़ी अ नकेत को दे श र पर उ ृ दशन के लए ाम धान ारा स ा नत कया जाना था अ नकेत के अ े दशन के कारण उसका चयन रा ीय रक टीम म भी हो गया था यह सभी गाँव वा सय के लए स ान क बात थी इस अवसर पर आस-पास के अ गाँव के लोग भी एक ए थे सभी अ नकेत क सफलता के बारे म जानने को उ ुक थे अ नकेत ने स ान हण करने के उपरा गाँव के सभी बड़ से आशीवाद लया अपनी सफलता के लए पूछे गए सवाल के जवाब म अ नकेत ने अपने अनुभव को सबके साथ साझा कया मो हत को खेल म ब त च है मो हत का पैर पो लयो हो गया था क ु खेल के त उसका लगाव कभी कम नह आ वह अपनी बैसाखी के सहारे खेल तयो गताओ ं का आयोजन दे खने आया था अ नकेत के अनुभव को सुनकर मो हत क आँख म आँसू आ गए मो हत ने अ नकेत से पूछा - ा म कभी नह खेल पाऊँगा ? ‘‘तुम अव खेल पाओगे! ढ़ इ ा श से सब कुछ संभव है अ ब के साथ द ांग ब के लए सरकार क ओर से खेल योजनाओ ं के अ गत ाॅक र, जनपद र एवं दे श र पर खेल तयो गताओ ं का आयोजन कया जाता है उ ृ दशन से चय नत ब े रा ीय र एवं अंतरा ीय र पर तभाग करने का अवसर ा करते ह ’’ अ नकेत ने मो हत के कंधे पर हाथ रखकर बताया इ जाने- मेजर ानच - पूव क ान, हाॅक : इनके नेतृ म भारतीय टीम ने ओल कम ण पदक जीता पी.वी. स ु - बैड मटन खलाड़ी: रयो ओल क म रजत पदक वजेता सुशील कुमार - पहलवान: भारतीय कु ी मताली राज - क ान, म हला केट: टे केट मैच म दोहरा शतक बनाने वाली पहली भारतीय म हला खलाड़ी अजय ठाकुर - क ान, भारतीय कब ी टीम: भारत को कब ी व ड चै यन बनाने वाले क ान सु या - क ान, रा ीय खो-खो टीम हाॅक , फुटबाल, केट, बैड मटन, जूडो, जमना क, एथले ट (दौड़), कब ी, मलखंब, खो-खो आ द रा ीय खेल ह हाॅक के खलाड़ी मेजर ानचंद के ज दन 29 अग को भारत म ‘रा ीय खेल दवस‘ के प म मनाया जाता है हमारा रा ीय खेल हाॅक है चचा क रए- ा आप अपने व ालय से बाहर भी खेल म भाग लेने गए ह ? खेल का नाम बताइए ? खेल म आपका दशन कैसा था ? रा ीय र के खेल म आपको कौन सा खेल पसंद है और ? कुछ भी मु ल नह - पैरा ओल क खेल म नया भर के शारी रक तौर पर द ांग खलाड़ी ह ा लेते ह इन खला ड़य का ज बा और जीत क को शश इनक शारी रक कमजो रय को पीछे छोड़ दे ती है हमारा गौरव शरीर का नचला ह ा सु हो जाने के बाद भी शाॅटपुट (गोला फक) म दीपा म लक ने रजत पदक जीतकर पैरा ओल क 2016 म पदक जीतने वाली पहली भारतीय म हला खलाड़ी बन गई ह येे जैव लन ो, तैराक एवं मोटर रे स लग से जुड़ी एक द ांग भारतीय खलाड़ी है पैरा ओल क खेल म उ ेखनीय उपल य के कारण भारत सरकार ने इ अजुन पुर ार दान कया त मलनाडु के म रय न थंगावेलू ने ऊँची कूद म ण पदक जीता पाँच साल क उ म एक घटना म उनका एक पैर ज ी हो गया था इलाज के बाद भी ठीक नह आ गरीबी और शारी रक कमजोरी के बाद भी उ ने हार नह मानी अपनी कड़ी मेहनत और लगन से ण पदक हा सल कया ऐसे ही लोग क बदौलत भारत का नाम व र पर चमक रहा है अ ास का मह खेलकूद म शारी रक ा एवं अ ास का मह पूण ान है नर र खेल का अ ास हमारी शारी रक और मान सक स यता को बढ़ाता है खेलकूद से हम अनुशा सत, धैयवान, समयब और वन होते ह खेल का अ ास करने से आ व ास बढ़ता है जससे खेल के कौशल एवं बारी कय को ती ग त से सीखा जा सकता है हम खेल म नय मत अ ास एवं कुशलता से दे श एवं रा ीय र पर सफलता ा कर सकते ह अतः त दन अपने मनपसंद खेल का अ ास अव करना चा हए खेल हम आनंद क अनुभू त भी कराता है हमारे कुछ पार रक खेल ाचीन काल से लेकर आज तक के खेल के प म मह पूण बदलाव ए ह खेल के खेले जाने के साधन, ान, पोशाक तथा नयम आ द म सु वधानुसार अनेक प रवतन ए ह पहले पेड़ क सूखी टह नय एवं लक ड़य को यं तराश कर खेलने यो बनाया जाता था खेल के वही उपकरण अब कारखान म बनाए जाते ह जो योग करने म आरामदे ह तथा दे खने म भी आकषक होते ह खला ड़य के लए सरी टीम से अलग दखने के लए अनेक रं ग के सु वधाजनक ो स कट उपल ह खेलने के लए े डयम एवं खेल के मैदान बनाए गए ह जहाँ टै ªक (मैदान म दौड़ने क लाइन) एवं काश आ द क उ चत व ा रहती है और खला ड़य को खेलने के लए आदश कोट (खेलने का नधा रत ान) उपल होते ह े डयम म ब त सारे लोग एक साथ बैठ कर खेल का आनंद ले सकते ह अ ास 1. र ान भर- (क) हमारे दे श का रा ीय खेल.......... है (ख) खेल का अ ास हमारी.......... और......... स यता को बढ़ाता है (ग) घेरे म ट ा............. खेल है (घ) भारत म रा ीय खेल दवस.......... अग को मनाया जाता है 2. नीचे लखे खला ड़य के नाम के आगे उनसे स त खेल का नाम पता कर और लख- स चन ते लकर..... साइना नेहवाल..... सरदार सह...... गीता फोगाट..... मैरीकाॅम...... 3. खेल के नाम एवं उनके च को दे ख इनम से ानीय खेल के ‘तीर‘ को नीले रं ग से तथा रा ीय खेल के ‘तीर‘ को लाल रं ग से भर-. ोजे वक - अपने घर के बड़े बुजुग से पता कर क जब वे आपक आयु के थे तो कौन-कौन से खेल खेलते थे ? कसी एक खेल का नाम एवं खेलने का तरीका ल खए 5-जीव ज ुओ क रोचक बात आपने अपने आस-पास गौरै या, कबूतर जैसे प य को दाना को चुगते ए दे खा होगा ा आपने कभी सोचा है क ये प ी र से ही इन दान को कैसे दे ख लेते ह ? आपने दे खा होगा क थोड़ी सी मीठी चीज जमीन पर गर जाए तो कुछ ही दे र म वहाँ ची टय का झु इक ा हो जाता है हमारी तरह जानवर म भी दे खने, सुनने, सूँघने और महसूस करने क श होती है कोई जानवर मील र से अपने शकार को दे ख लेता है कोई ह से ह आहट को भी सुन लेता है कोई जानवर अपने साथी को सूँघकर ढूँढ लेता है आप कैसे पहचानते ह, ल खए- रं ग क पहचान - आँख ारा दे खकर आवाज क पहचान-......... ग क पहचान -.......... ाद क पहचान-........... श क पहचान -.......... वभ जीव-ज ु अपने दे खने, सूँघने आ द वशेषताओ ं का उपयोग भोजन को ढूँढ़ने और खतरे को भाँपने म करते ह आइए जाने जानवर क अजब नया के बारे म दे खने क श - जीव म प य क सबसे अ धक तेज होती है चील, बाज और ग जैसे प ी हमसे चार गुना ादा दे ख पाते ह जो चीज हम दो मीटर क री से दखाई पड़ती है, वही चीज ये प ी और भी अ धक री से दे ख लेते ह ब ी, चीता, उ ू, तं◌े आ आ द जीव तो अँधेरे म भी अ ी तरह से दे ख सकते ह अगर प य क तरह आपक आँख, आपके कान क जगह होती तो आप ऐसे ा काम कर पाते, जो अभी नह कर पाते ह ? और ऐसे ा काम नह कर पाते जो अभी कर पाते ह? ादातर प य क आँख उनके सर के दोन तरफ होती ह प ी एक ही समय म दो अलग-अलग चीज को दे ख सकते ह जब ये ब ु ल सामने दे खते है, तब इनक दोन आँख एक ही चीज पर होती ह आपने दे खा होगा क कुछ प ी अपनी गदन ब त ादा घुमाते ह, जैसे-उ ू जानते ह ? इसका कारण है क ादातर प य क आँख क पुतली घूम नह सकती इस लए वे अपने चार तरफ दे खने के लए अपनी गदन घुमाते ह पता क जए और ल खए- ऐसे प ी का नाम जसक आँखे सामने क तरफ होती है इसे भी जान- ब त से जानवर रं ग को दे खने / पहचानने म अ म होते ह उनक मा काला और सफेद रं ग दे ख पाती है कतु बंदर मानव क तरह अलग-अलग रं ग को पहचानने म स म ह सूँघने क श - कुछ जानवर म सूँघने क श ब त तेज होती ह ा आपने कभी कसीकु े को इधर-उधर कुछ सूँघते ए दे खा है कु म सूँघने क मता ब त तेज होती है य दकु ा कसी ान से सरे ान पर चले जाते ह तो वह अपनी सूँघने क श के कारण वापस उसी ान पर आ जाते ह इसे भी जान-कु के सूँघने क श के कारण ही व ोटक व नशीले पदाथ को ढूँढ़ने तथा अपरा धय क पकड़ने म उसक मदद ली जाती है शेर, चीता, ब ी भी अपने सूँघने क श से अपने लए भोजन क तलाश व अपने वास ान को पहचानते ह च टयाँ चलते समय जमीन पर कुछ ऐसा पदाथ नकालती ह जसे सूँघकर पीछे आने वाली ची टय को रा ा मल जाता है कुछ नर क ड़े , मकोड़े गंध से मादा क ड़े क पहचान कर लेते ह म र भी हमारे शरीर क गंध से हम ढूँढ़ लेते ह कन- कन मौक पर आपक सूँघने क श आपके काम आती है, सूची बनाइए - कसी चीज के जलने का पता चलना....... कतने तेज ह कान - त आ, चीता, ब ी आ द जानवर क सुनने क श ब त तेज होती है इनके बड़े कान मामूली न को भी सुन सकते ह इसी तरह खरगोश के भी बड़े कान होते ह जो खतर का अनुमान लगाने म स म होते ह उनके कान न क दशा म घूम जाते ह चचा क रए- आपको ा लगता है, ा जानवर के कान के आकार और उनके सुनने क श म कुछ संबंध होता ह ? साँप के पास बाहरी कान नह होते ह वे जमीन पर होने वाले क न महसूस करते ह बीन क आवाज सुनकर साँप का नाचना लोग म फैला एक म है इसी तरह चमगादड़ क सुनने क मता ब त तेज होती है वे ब त ऊँचे सुर वाली आवाज अपने मुख अथवा नाक से नकालते ह जब वे आवाज कसी व ु से टकराती है तो गूँजती ह इस गूँज को अपने कान से सुनकर चमगादड़ अँधेरे म अपने भोजन क री और दशा का पता लगा लेते ह पता क जए और ल खए- ऐसे ज ुओ ं के नाम ल खए जनके कान हमारे कान से बड़े होते ह-..... ऐसे ज ुओ ं के नाम ल खए जनके बाहरी कान नह होते ह ?...... ऐसे ज ुओ ं के नाम ल खए जनके कान हमारे कान से छोटे होते ह?..... आवाज अलग-अलग- जंगल म ऊँचे पेड़ पर बैठा लंगूर पास आती मुसीबत (जैसे शेर, चीता) को दे खकर एक खास आवाज नकालकर अपने सा थय को संदेश दे ता है इस काम के लए प ी भी खास आवाज नकालते ह कुछ प ी अलग-अलग खतर के लए अलग- अलग आवाज नकालते ह जैसे उड़कर आने वाले न के लए एक तरह क आवाज और जमीन पर चलकर आने वाल के लए सरी तरह क आवाज आवाज चाहे कसी भी जानवर ने नकाली हो, उस इलाके म रहने वाले सभी जानवर इसे चेतावनी समझ सचेत हो जाते ह सोने का ढं ग- जब कभी आप थक जाते ह तो आराम करने क ज रत महसूस करते ह एक छोटा ब ा दन म 14-16 घंटे सोता है वय के लए 6 से 8 घंटे क न द पया है इसी तरह जानवर भी सोते ह ादातर जानवर हमारी तरह रात म सोते ह कुछ जानवर जैसे-उ ू, चमगादड़ दन के समय सोते ह ब त से जीव-ज ु कसी खास मौसम म ल े समय तक दखाई नह दे ते ह क बदलते मौसम के साथ वह अपना अनुकूलन करते ह आपने भी दे खा होगा क स दय म छपक लयाँ नह दखाई दे ती ह च म कुछ जानवर के सोने के समय को दखाया गया है च के नीचे ल खए क वह जानवर दन म कतने घंटे सोता है एक छोटा खाना दो घ े के बराबर है छपकली के लए स दय म यह घड़ी कैसी दखेगी? बनाइए अ ास 1. क दो जीव के नाम ल खए- (क) जनक सूँघने क श तेज होती है.......... (ख) जनक सुनने क श तेज होती है.......... (ग) जनके बाहरी कान नह होते ह.............. (घ) जो रात म दे ख सकते ह................... (ङ) जो दन के समय सोते ह........... 2. सही वा पर (स) का च तथा गलत वा पर ( ग) का च लगाएँ- (क) हम रं गो क पहचान श ारा करते ह ( ) (ख) कु क सुनने क श तेज होती है ( ) (ग) उ ू दन के समय सोते ह ( ) (घ) हम ाद का अनुभव दे खकर करते ह ( ) (ड.) खरगोश अपने कान से खतर का अनुमान लगा लेते ह ( ) (च) साँप के बाहरी कान नह होते ह ( ) (छ) प ी चार तरफ दे खने के लए अपनी गदन घुमा लेते ह ( ) (ज) तं◌े आ अंधेरे म नह दे ख सकता है ( ) 3. न ल खत के उ र ल खए - (क) जमीन पर मीठा गरने से ची टयाँ कैसे आ जाती ह ? (ख) प ी अपनी गदन घुमाते ह ? (ग) कुŸ का उपयोग अपरा धय को पकड़ने म कया जाता है ? (घ) खरगोश कस कार खतरे का अनुमान लगाते ह ? 4. दए गए च म जानवर के कान एक- सरे से बदल दए गए ह पहचा नए और बताइए कतना सीखा-1 1. आपको कौन सा ोहार पस है ? इस दन घर के सद ा- ा काय करते ह ? ता लका म लख - घर के सद काय तुम..................... तु ारी माँ........... तु ारे पता जी......... भाई-बहन........... दादा............... दादी.............. 2. अपने पस के इ ोर और आउटडोर गे क सूची बनाएँ - इ ोर गेम आउट डोर गेम 3. ा आप अपने इलाके के कसी स खलाड़ी को जानते ह ? य द हाँ तो उसका नाम और वह कौन सा खेल खेलते ह, ल खए - खलाड़ी का नाम - खेल का नाम..................-......................... 4. पता कर और लख - (क) भारतीय म हला कब ी टीम क क ान का नाम............ (ख) भारतीय हाॅक (पु ष) टीम के क ान का नाम............. (ग) रा ीय मु े बाज का नाम.............. (घ) पैरा ओल क (म हला) म ऊँची कूद म ण पदक............. जीतने वाली म हला खलाड़ी का नाम 5. दए गए श क सहायता से खाली जगह भर - कु ,े दे खने, जीभ, साँप (क) सूँघने क श......... म ब त तेज होती है (ख)....... के बाहरी कान नह होते है (ग) ाद का अनुभव हम.............. ारा होता है (घ) प य क........... क श तेज होती है 6. कुछ ऐसे जीव के नाम लख जो ल े समय के लए न द म चले जाते ह 7. जानवर खास आवाज नकालते ह ? 8. आप गद से खेलने वाले कतने खेल जानते ह ? दी गई गद म सूची बनाएँ - 6 -व जीव का संर ण आपने अपने आस-पास अनेक जानवर को दे खा होगा इनम कुछ जानवर पालतू होते ह, ज हम अपने उपयोग के लए पालते ह कुछ जानवर जंगल म रहते ह ऐसे जानवर को व जीव कहते ह च को दे खकर पालतू और जंगली जानवर क सूची बनाइए पालतू जानवर - जंगली जानवर....................-............,...... जीव ज ु हम कृ त ारा दए गए उपहार है हम अपनी आव कताओ ं क पू त के लए कसी न कसी प म इन ज ुओ ं पर नभर ह बैल, ख र, ऊँट, घोड़ा आ द जुताई, बोझा ढोने तथा सवारी ढोने का काम करते ह गाय, भस, भेड़, बकरी से ध मलता है मुग , बतख से हम अ ा मलता है इसी तरह मरे ए जानवर क खाल तथा ह य से जूते, पस, बटन, कंघी तथा अ सजावट क साम याँ बनती ह भेड़, ऊँट, याक जैसे ज ुओ ं से हम ऊन मलता है ता लका पूरी कर - चचा क रए- य द ये उपयोगी ज ु हमारे जीवन से धीरे -धीरे वलु होते जाए तो ा होगा ? कटते जंगल, वलु होते जीव - ऊपर बने च को दे ख इन च म मशः प रवतन दखाई पड़ रहा है आइए जान ऐसा आ? आज से ब त साल पहले घने जंगल आ करते थे इन जंगल म तरह-तरह के पेड़- पौधे एवंव जीव पाए जाते थे पेड़-पौध एवं व जीव क सं ा भी ब त अ धक थी जनसं ा बढ़ने के साथ आव कताएँ बढ़ खेती करने व मकान बनाने के लए हम अ धक भू म क आव कता ई इस कारण घने जंगल क कटाई शु ( ार ) क गई जससे पेड़-पौध कम हो गए पेड़-पौध क सं ा कम होने के कारण वषा कम होने लगी न दया लग इसका असर जंगल म रहने वाले व जीव पर पड़ा सुर त ान एवं भोजन एवं पानी क कमी के कारण इनक सं ा कम होने लगी कुछ पशु-प य क जा तयाँ तो पूरी तरह ख हो ग ह कारखान , रे लवे लाइन सड़क व बाँध आ द के नमाण काय ने ब त से जीव- ज ुओ ं के घर को न कया इसके प रणाम प पशु-प य क सं ा म गरावट आई कुछ लोग अपने फायदे के लए गैर कानूनी तरीके से जानवर का शकार करते ह हाथी दाँत के लए हा थय का शकार कया जाता है बाघ, शेर, हरन, कछु आ आ द जानवर क खाल का अवैध ापार कया जाता है गड व बारह सगो को उनक स ग के लए मार दया जाता है इन कारण से व जीव क सं ा लगातार कम होती जा रही है पशु-प य क कुछ जा तयाँ तो पूरी तरह समा (ख ) हो चुक ह, ज वलु जा तयाँ कहते ह ये जा तयाँ अब दखाई नह दे ती ह जब क कुछ जा तयाँ ख होने क कगार पर ह, ज संकट जा तयाँ कहते ह व जीव वलु जा तयाँ- संकट जा तयाँ डायनासोर, गौरै या मेमथ अ कन हाथी, बाघ लाल पा ा, ग डोडो प ी, साही लाल तोता, शेर, काला हरण, बारह सगा, कछु आ व जीव का संर ण - व जीव को बचाने के लए सरकार ारा कानून बनाए गए ह जानवर क खाल, दाँत, ह ी, स ग के अवैध ापार पर रोक लगा दी गई है पशु-प य को सुर ा दान करने के लए रा ीय उ ान एवं व जीव अ ार क ापना क गई है इन ान म व जीव का शकार करना मना होता है यहाँ पशु-प ी तं प से रहते ह ऽ गौरै या को बचाने के लए ा कर सकते ह ? भारत के मुख व जीव अ ार एवं उ ान - धवा रा ीय उ ान (उ..) -च भा व जीव अ ार (उ..) - राजाजी रा ीय उ ान (उ राख ) - गर रा ीय उ ान (गुजरात) - नंदा दे वी रा ीय उ ान (उ राख ) - जम काबट रा ीय उ ान (उ राख ) - बांदीपुर रा ीय उ ान (कनाटक) - काजीरं गा रा ीय उ ान (असोम) - बांधवगढ़ रा ीय उ ान (म..) - का ा कसली अ ार (म..) -सर ा रा ीय उ ान (राज ान) इसे भी जान रे ड डाटा बुक वह कताब है जसम सभी संकट जा तय का रकाड रखा जाता है गौरै या को बचाने के लए अब हर साल 20 माच को ‘‘ व गौरै या दवस‘‘ मनाया जाता है बाघ हमारा रा ीय पशु है इसका अ खतरे म है इसक सुर ा के लए बाघ प रयोजना ( ोजे टाइगर) लागू क गई है जानवर के त संवेदनशीलता- दए गए च को दे खए और प ढ़ए- अब यह पटारी ही मेरा घर बन गया है म तो जंगल के जानवर से मलना भूल ही गया ँ यह मत सोचो क म सकस म नाचकर, कूदकर और कई तरह के करतब दखाकर खुश ँ अगर म ये सब न क ँ , तो भूखा र ँ नाचते-नाचते मेरी हालत खराब हो जाती है कभी-कभी तो खाली पेट नाचना पड़ता है पजड़े म ब रहकर म खुली हवा म साँस लेना भूल ही गया ँ इस पजड़े म रहकर मेरे पंख भी कसी काम के नह ये जानवर उदास ह ?.......... सभी जानवर क बात को पढ़कर आपको ा सीख मलती है ?.......... ायः आपने मदारी, सँपेरे आ द के बारे म सुना होगा मदारी ब र, भालू आ द का खेल दखाता है इसी तरह सँपेरा तरह-तरह के साँप दखाता है तथा अपनी बीन क धुन पर उ नचाता है ये लोग अपनी रोजी-रोटी के लए इन जानवर पर नभर होते ह ये लोग का मनोरं जन करते ह और बदले म लोग इ अनाज, पैसे आ द दे कर जीवन-यापन (गुजर-बसर) म उनक मदद करते ह हम जानवर पर कसी न कसी कार से नभर होते ह हम अपनी आव कताओ ं क पू त के लए व भ जानवर को पालते ह जानवर को पालने के साथ-साथ हम उनके त संवेदनशील होना चा हए हम उनक दे खभाल करनी चा हए उनके भोजन, च क ा क व ा करनी चा हए प य के लए अपने घर के बाहर या छत पर उनके दाना-पानी क व ा करनी चा हए सड़क पर घूमने वाले अ जानवर को भी हम छे ड़ना नह चा हए य द संभव हो तो उ भी खाना दे ना चा हए अ ास 1. सही वा पर (स) का च तथा गलत वा पर (ग) का च लगाएं- (क) जंगली जानवर को हम अपने घर म पालते ह ( ) (ख) ग एक वलु जा त है ( ) (ग) जानवर के त हम संवेदनशील होना चा हए ( ) (घ) व जीवो को बचाने के लए रा ीय पाक क ापना क गई है ( ) (ङ) जम काबट अ ार म दे श म त है ( ) (च) जंगल के कटने से पशु-प य क सं ा म वृ ई है ( ) (छ) मदारी बीन क धुन पर बंदर को नचाता है ( ) 2. दए गए श क सहायता से खाली जगह भ रए - रे ड डाटा बुक, ऊन, वलु , बाघ, उपहार (क) डायनासोर एक....... जा त है (ख) भेड़, ऊँट, याक आ द ज ुओ ं से हम..... ा होता है (ग) संकट जा तय का रकाड....... म रखा जाता है (घ)..... हमारा रा ीय पशु है (ड.) जीव-ज ु हम कृ त ारा दए गए..... ह 3. के उ र ल खए - (क) व जीव क सं ा म गरावट होती जा रही है ? (ख) उ राख रा के दो रा ीय उ ान के नाम ल खए (ग) ोजे टाइगर ा है ? (घ) क दो संकट एवं वलु जा तय के नाम ल खए ? (ङ) व जीव अ ारण तथा रा ीय उ ान क ापना क गई ? ोजे वक 1. वलु हो रहे व भ जीव-ज ओ ु ं या प य के च चाट पेपर पर चपकाएँ तथा उनके बारे म जानकारी एक कर लखे उनके लु होने के कारण लखकर उनक एक रपोट तैयार कर क ा म लगाएँ 7-जंगल और जन-जीवन आपने जंगल के बारे म सुना होगा ायः आपने टी0वी0 म भी जंगल के दे खे ह गे - आपने दे खा होगा तरह-तरह के फल-फूल, कई तरह के छोटे -बड़े पेड़-पौधे, रं ग बरं गी चहचहाती च ड़याँ और ब त से जानवर जंगल म र- र तक ह रयाली रहती है जंगल म प य क चहचहाहट और व भ जानवर क बो लयाँ भी सुनाई दे ती रहती ह ऐसे ही सुंदर जंगल से ढक ह हमारे दे श के कई ह े चचा क रए- कह ब त सारे पेड़ उगाए गए ह तो ा वह जंगल बन जाता है ? जंगल हमारे लए मह पूण ह ? इन जंगल से हम ा मलता है ? जंगल तरह-तरह के पेड़-पौध व पषु-प य का वास ान होते ह इनका मनु के जीवन म अ मह है ये वायुम ल म आॅ ीजन क मा ा को बढ़ाते ह और वशैली गैस क मा ा को कम करते ह ये म ी के कटाव को रोकते ह वषा कराने म भी इनक मह पूण भू मका होती है जंगल से उपयोगी इमारती लक ड़याँ ा होती ह हमारे दे ष म लगभग 4000 से अ धक क क लक ड़याँ वन से ा होती ह इनम सागौन, षीषम, दे वदार, चीड़ आ द इमारती लक ड़याँ मह पूण ह, जन पर हमारा ाईवुड उ ोग, का ठ उ ोग, इमारती लकड़ी उ ोग आ द नभर है बाँस के पेड़ से चटाई, ड लया, हाथ वाला पंखा, बांसुरी बनाई जाती है इनसे कागज दयासलाई, क ा, रे षम, रबर, लाख, बीड़ी, प ल, औश ध आ द उ ोग के लए क ा माल ा होता है पलाश व कुसुम के पौध पर लाख के क ट एवं षहतूत के पौध पर रे षम के क ट का पालन कया जाता है पता क जए- हम जंगल से और ा- ा चीज मलती ह? पशु-प य के अलावा जंगल म और कौन रहता है? ार क मानव जीवन मानव स ता के वकास क कहानी लाख वश पुरानी है स ता के आर म मानव जंगल म रहता था मानव आ दकाल से ही जंगल पर नभर था पहले मानव बंदर क भां त चार पैर पर चलता था धीरे -धीरे उसका वकास आ और वह दो पैर पर सीधा खड़ा चलने लगा अगले पैर का योग हाथ के प म करने लगा म और हाथ का उपयोग वह तरह-तरह के काय म करने लगा आज क भाँ त ारं भ म मानव के पास रहने के लए घर नह थे वे एक जगह से सरी जगह घूमते रहते थे वे खुले आकाष के नीचे, जंगल म, न दय व झील के कनारे , गुफाओ ं म रहते थे जंगली जानवर से अपनी सुर ा तथा उनका शकार करने के लए उनके पास केवल प र के ही औजार थे क मूल फल तथा शकार से ा मांस ही उनका मु भोजन था जानवर क खाल, पेड़ क छाल एवं प को व क तरह पहनते थे इस तरह जीवन तीत करने वाले मानव आ दमानव कहलाए कैसे मली आग - एक बार ब त तेज आँधी आई कुछ पेड़ क डा लय के आपस म रगड़ने से चगा रयाँ नकलने लग ये चगा रयाँ जब सूखे प और घास पर पड़ तो आग लग गई आग लगने से ब त सारे जानवर भाग गए जो नह भाग पाए वे जल गए आ द मानव ने उनके मांस को खा कर दे खा उ भुना मांस अ ा लगा एक बार जब प र से प र टकराया तो उसम से भी चगारी नकली वे खुशी से झूम उठे.......... आहा.......... मल गई आग.......... आग क खोज ार क मानव क एक बड़ी उपल ्ि◌ा थी इसक खोज के साथ ही मानव भोजन को पकाकर खाने लगा आग का उपयोग उसने अपने शरीर को गम रखने और जंगली जानवर से र ा करने के लए कया सो चए और ल खए- आग का उपयोग करने के पहले मानव का जीवन कैसा रहा होगा? आग का ान होने के बाद मानव जीवन म ा प रवतन आया होगा ? य द आग नह होती तो हम ा- ा द त/परे षा नयाँ होती ? आग का उपयोग हम कहाँ-कहाँ करते ह ? धीरे -धीरे मानव अपने चार ओर के वातावरण को समझने लगा उसने प र के छोटे और सुडौल औजार बनाने षु कए प र के अ त र जानवर क ह याँ एवं स ग से भी औजार बनाए उसने अपने आप उगी घास और अनाज को एक त करना षु कर दया इसे भी जान- कु ा मानव का थम पालतू पशु था ताँबा, सव थम खोजी गई धातु थी इधर-उधर बखरे अनाज से पुनः अनाज उगता दे ख उसने खेती करना सीख लया खेती करने के लए उ अलग तरह के औजार बनाने पड़े इन औजार को टकाऊ बनाने क ज रत महसूस ई, क प र के औजार ज ी टू ट जाते थे अपने औजार को टकाऊ बनाने के लए उ ने ब त उपाय कए और जमीन क खुदाई कर ताँबे को खोज नकाला खेती के साथ पषुपालन भी ारं भ आ पषुओ ं का योग मांस व ध ा करने म कया जाता था ताँबे के औजार से काम काफ आसान हो गया बाद म जब लोहे का पता चला, तब उससे भी औजार बनाए ये औजार ताँबे के औजार से अ धक मजबूत रहते थे इन धातुओ ं क खोज के साथ कु ाड़ी और हँ सया उनके मुख औजार हो गए थे पहाड़ो से लुढ़कते ए लकड़ी के बड़े -बड़े ल को दे खकर उ प हए का वचार आया ल को काटकर उ ने प हए का आ व ार कया इसका योग म ी के बतन बनाने म तथा सामान ढोने म कया जाने लगा सो चए और ल खए- कु ाड़ी और हँ सया से ा- ा कया जा सकता है? प हए का उपयोग ारं भक मानव ने कन- कन काय के लए कया होगा? आपने अपने आसपास प हए का उपयोग होते कहाँ-कहाँ दे खा है? जंगल और आ दवासी ा आपको पता है क आज भी हमारी जनसं ा का एक छोटा ह ा जंगल म नवास करता है इ हम आ दवासी कहते ह ये हमारे दे ष के व भ रा म पाए जाने वाले जंगल म नवास करते ह आ दवा सय का जीवन पूरी तरह जंगल पर नभर होता है अपनी दै नक आव कताओ ं क पू त ये जंगल से मलने वाले व भ उ ाद के ारा करते ह जंगल से ा क े पदाथ से ये ड लया, चटाई, ढोल, बांसुरी, टोकरी, पŸ ल, बतन, जड़ी-बूटी से औशध्ि◌ा (दवा) आ द बनाकर ानीय बाजार म बेचते ह और अपना जी वकोपाजन करते ह ये जंगल के रखवाले होते ह ये जंगल को काटते नह ह, जतनी ज रत होती है उतना ही जंगल से लेते ह आ दवा सय क जदगी जंगल से ही जुड़ी होती है अगर जंगल नह बचगे तो ये भी नह बचगे इसे भी जान जंगल अ धकार कानून 2007 -यह कानून आ दवा सय को जंगल पर उनका हक दलाता है इसके अनुसार जो लोग कम से कम 25 साल से जंगल म रहे ह, उनका वहाँ के जंगल और वहाँ पैदा होने वाली चीज पर हक है उ जंगल से हटाया नह जाएगा जंगल बचाने का काम भी उनक ाम सभा करे गी चचा क रए- अगर जंगल नह बचगे तो आ दवासी नही बचगे ऐसा ? य द ये जंगल न हो जाएँं तो हमारे जीवन पर ा भाव पड़े गा ? आ दवा सय के लए जंगल ही सब कुछ है वकास के लए ब त सी योजनाएँ चलाई जाती ह कह बाँध बनाए जाते ह तो कह फै री इन योजनाओ ं के कारण जंगल काटे जाते ह जंगल के कटने से आ दवा सय के जीवन पर तकूल भाव पड़ा है वे अपनी घर, सं ृ त, कला, पर रा आ द से र हो जाते ह आ दवासी ही नह ब गाँव , क और षहर म रहने वाले लोग का जीवन भी जंगल के कटने से भा वत हो रहा है हम पया मा ा म षु हवा नह मल पा रही है वशा म कमी के कारण फसल का उ ादन भा वत आ है पता क जए- ा आपके आस-पास कोई ऐसा काम चल रहा है जसके कारण वहाँ के पेड़ काटे जा रहे ह? इसक वजह से वहाँ के वातावरण पर ा भाव पड़ रहा है ? पेड़-पौध क सं ा बढ़ाने के लए हम ा यास कर सकते ह ? हमारे दे ष म पहले लोग जंगल और बाग बगीच से ार करते थे कसान अपनी खेती के आधे भाग म पेड़ ज र लगाते थे पर अब लोग पेड़ लगाना भूलते जा रहे ह हम अध्ि◌ाक से अ धक पेड़ लगाने चा हए और उनक दे खभाल करनी चा हए य द वकास काय के लए कसी ान वषेश से वृ काटे जाए तो वक के प म अ ान को चय नत कर उनम अ धक से अ धक पेड़ लगाने चा हए वन का बचाव - सरकार ने वन क र ा के लए सामा जक वा नक नाम क योजना शु क है उसने कानून बनाकर वन क कटाई पर रोक लगा दी है पहाड़ी इलाक म लोग ने चपको आ ोलन चलाकर पेड़ क कटाई रोकने क को शश क है इस आ ोलन क शु आत ी सु र लाल ब गुणा जी ने क थी इस आ ोलन म लोग ने पेड़ से चपककर उनको काटने का वरोध कया चपको आ ोलन का एक नारा है-‘‘लकड़ी, पानी और बयार, ये ह जंगल के उपकार ‘‘ वन को बचाने के लए ी के0एम0 मं◌ुशी ारा सन् 1950 म वन महो वक शु आत क गई इस महो व म पेड़ लगाने का काय कया जाता है पहाड़ी इलाके गढ़वाल म लड़के-लड़ कय क शादी के अवसर पर पेड़ लगाने क था शु क गई है इसे ‘मैती आ ोलन‘ कहते ह इसम ववाह के बाद ससुराल आने पर लड़क मायके क याद म एक पौधा लगाती है और उसक दे खभाल करती है इसे मैती वृ कहते ह अ ास 1. दए गए श क सहायता से र ान भ्ि◌ारए - (आॅ ीजन, लाख , प र, जंगल, आ दमानव) (क) ार क मानव........ के औजार बनाते थे (ख) जंगल वायुम ल म.......... क मा ा को बढ़ाते ह (ग) मानव वकास क कहानी........ वष पुरानी है (घ) आ दवा सय का जीवन....... पर नभर होता है (ङ) आग क खोज.......... ने क थी 2. जंगल कटने से होने वाले रणाम ल खए 3. तुलना कर - जीवन शैली आ दमानव आज का मानव (क) रहने का ान ( नवास)........... (ख) खान-पान (भोजन).............. (ग) रहन-सहन (व )............... 4. चपको आ ोलन ा था? इसे कसने ार कया 5. आ दवासी अपना जीवकोपाजन कैसे करते ह? 6. पता कर - म ी के बतन बनाने म आग और प हये क उपयो गता 7. चचा कर - अगर हम खेती करना नह जानते तो भोजन कहाँ से ा करते और ा खाते ? ोजे वक भारत के मान च म, व भ रा म पाए जाने जंगल को हरे रं ग से भर कर दशाएँं और क ा म इसे चपकाएँ 8-भो पदाथ का संर ण ब , ा आप जानते ह क त दन हम जो भोजन करते ह उसे सुर त कैसे रखा जाता है? घर म भो पदाथ जैसे-अनाज, दाल व मेवे आ द को सूखे एवं ड म ब करके रखा जाता है? पके ए भोजन को ढककर रखते ह? सोचो और बताओ हमारे ा क से उ सभी काय हमारे लए अ त आव क है क हमारे वातावरण म उप त सू जीव हमारे भो पदाथ को सं षत (खराब) कर दे ते ह भो पदाथ के सं षत (खराब) होने के मु कारण भो पदाथ के संर ण के बारे म जानने से पूव यह जानना आव क है क हमारे भो पदाथ खराब हो जाते ह ? आओ करके दे ख- भो पदाथ कैसे खराब होते ह योग- एक रोटी पर पानी क कुछ बूँदे डालकर एक ड े म ब कर द कुछ दन तक रोटी को रोज दे खो, जब तक आपको इस पर कुछ बदलाव न दखे दी गई ता लका को चाट पर बनाओ और क ा म चचा करने के बाद उसे भरो दन रोटी म बदलाव छू ने/ शम गंध म रं ग म सामान के खाली पैकेट पर लखी मू , वजन, तारीख आ द संबंधी जानकारी को दे खए और चचा क रए पता करो- रोटी म ा बदलाव आया ? रोटी पर फफूँदी आई ? योग-2 - व ालय म बने एम0डी0एम0 से थोड़ा सा भोजन लेकर उसे कसी कटोरी म ढककर रख ब को इसे दखाएँ और हो रहे बदलाव को ता लका म अं कत कर- दन भोजन म ा बदलाव आ ? थम दन.... तीय दन..... आपने दे खा क ढककर रखे होने के बावजूद भी यह भोजन खराब हो गया ऐसा आ? भो पदाथ को नम ान और खुला रखने से धूल के कण, म याँ फफूँद व जीवाणु आ द उसे खराब कर दे ते ह जससे उसके पोषक त न हो जाते ह और वह खाने यो नह रहता है गम के दन म भोजन ज ी खराब हो जाता है जब क स दय म ज ी खराब नह होता ऐसा ? तापमान कम होने से जीवाणु ज ी नह पनपते भो पदाथ के संर ण क आव कता गम एवं नमी दोन ही तय म फफूँदी व जीवाणु शी ता से पनपते ह यही भो पदाथ को खराब व सड़ाने का भी काय करते ह य द भो पदाथ म इनके बढ़ने पर नयं ण पा लया जाए तो इ खराब होने से बचाया जा सकता है भो पदाथ का उ चत रख-रखाव न करने से न ल खत नुकसान होते ह- उनम फफूँद लग जाती है ाद खराब हो जाता है भो पदाथ म पोषक त क कमी आ जाती है घुन एवं क ड़े पड़ जाते ह हमारे ा क से भो पदाथ को सुर त रखना आव क है हम लोग शीत ऋतु म हरे ताजे मटर बड़े चाव से खाते ह आपने ी ऋतु म भी ड ा ब हरी मटर दे खा और खाया होगा आलू तो हम खाने के लए सभी महीन म मलता है आप सो चए क मटर और आलू को कैसे सुर त रखते ह? भो पदाथ जैसे-गे ,ँ चना, दाल, चावल, अचार व मुर ा आ द को हम साल भर उपयोग कर सक इसके लए उ उ चत व धय से सुर त रखना पड़ता है इसी लए भो पदाथ के संर ण क व धय क खोज क गई एवं उन व धय के अनुसार भो पदाथ को संर त करके रखा जाने लगा है आपके घर म अनाज और दाल को क ड़ से बचाने के लए ा- ा उपाय करते ह ? भो पदाथ के संर ण क व धयाँ- भो पदाथ के संर ण क न व धयाँ ह- 1. सुखाना ( नजलीकरण) -धूप म भो पदाथा◌े को सुखाना एक पुरानी तथा ब च लत व ध है इस व ध म सूय क करण से ा ऊ ा ारा भो पदाथ को सुखाया जाता है, जससे इनम उप त जल क मा ा वा ीकृत हो जाती है और सू जीव क वृ के अवसर कम हो जाते ह धूप म अनाज, दाल, पापड़, बड़ी, च , सेवइयाँ, आँवला, गोभी, मेथी, आम आ द को सुखाया जाता है आजकल कृ म व धय ारा भी नजलीक?