Summary

This document provides a comprehensive overview of fire, covering its causes, types, and methods of extinguishing. It details the different classes of fires and the appropriate extinguishing agents for each. The handbook also explains the fire triangle and pyramid concepts, highlighting the key elements needed for a fire, and various fire-fighting techniques.

Full Transcript

# FIRE आग आग एक रासायनिक प्रतिक्रिया है जो ईंधन, ताप और आक्सीजन के मिलने से उत्पन्न होती है इसमें से ऊष्मा प्रकाश तथा धुआं उत्पन्न होता है। उसे आग कहते हैं। Fire is the rapid oxidation of a material (the fuel) in the exothermic chemical process of combustion, releasing heat, light, and various re...

# FIRE आग आग एक रासायनिक प्रतिक्रिया है जो ईंधन, ताप और आक्सीजन के मिलने से उत्पन्न होती है इसमें से ऊष्मा प्रकाश तथा धुआं उत्पन्न होता है। उसे आग कहते हैं। Fire is the rapid oxidation of a material (the fuel) in the exothermic chemical process of combustion, releasing heat, light, and various reaction products. आग लगने के लिए तीन चीजों का होना आवश्यक है 1. ईंधन – जलने योग्य पदार्थ ठोस द्रव और गैस 2. ताप – ईंधन को जलने के लिए उचित तापमान 3. आक्सीजन - ईंधन को ज्वलनशील बनाने के लिए आवश्यक हवा Three things are necessary for a fire to happen. 1. Fuels - Combustible material Solids liquids and gases 2. Heat - Temperature for the fuel to burn 3. Oxygen - Air required to ignite a fuel ## Full Form of Word "Fire" - F - Find - I - Inform - R - Restrict/Rescue - E - Extinguishments 1. Find: - Type of Fire- Place of Fire- How long- Any Casualty/Trapped 2. Inform Control Station - By Shouting "FIRE FIRE FIRE" By Fire Alarm- By Telephone, Walkie Talkie, Radio set- By Messenger 3. Restrict/Rescue By removing Oxygen - Smothering- By removing Heat - Cooling- By removing Fuel-Starving- Cutting MCB - Inhibiting (B.C.R) 4. Extinguishment Use proper Extinguishing Media, (Must know reactivity of extinguishing media on burning substances) ## FIRE is divided in two groups. 1. WANTED FIRE:- Always keep "A" Group Fire aboard this Fire can be ignited with switches on completion of work Fire can be extinguish with switches. It is called wanted fire. This fire provides various services to man such as Fire for cooking, for Power, Energy, and Locomotive. (For travel to Moon and Back to Earth etc.). 2. UNWANTED FIRE: - This Fire must be prevented aboard as name is given unwanted, uncontrolled which burn down dwelling of man, his workplaces, forest wealth and cause of death. # Triangle of fire (आग का त्रिभुज) आग ईंधन और हवा के बीच ताप के उपस्थिति में होने वाला एक रासायनिक प्रक्रिया है और इन तीनों के बिना आग संभव नहीं है। आग के इन तीनों तत्वों को एक त्रिभुज के आकर में दिखाया जाता है इसलिए इसे फायर ट्रायंगल कहते है । (In ordinary combustible fire only three factors are dominantly responsible for fire which is known as fire triangle. Fuel, oxygen &heat) ## आग का पिरामिड या चतुर्भुज ## Tetrahedron of Fire (pyramid) कितने सालो तक हमने यही मान कर चल रहे थे की आग लगने के लिए तीन चीजो की जरूरत होती जैसे ताप, ज्वलनशील वस्तु और ऑक्सीजन जिन्हें हम आग के ट्रायंगल (Fire Triangle) के द्वारा दर्शाते है लेकिन बाद में आगे चल के अग्निशमन के जो वैज्ञानिक थे उन्होंने यह पाया की आग लगने के लिए तीन चीजो के अलावा चौथा चीज भी है जिसके बिना आग नहीं नहीं लग सकती है वह चेन रिएक्शन हैं और इस चेन रिएक्शन को दर्शाने के लिए जो शेप है वह पिरामिड के आकर का है इसलिए उसे पिरामिड (tetrahedron) कहा गया हैं। ठोस और तरल पदार्थ से सीधे नहीं जलते बल्कि ताप के कारण उनमें से गैस उत्पन्न होने लगते ही गैस ऑक्सीजन से मिलकर ज्वलनशील मिश्रण बनती है एक बार आग लगने पर तापमान बढ़ता जाता है और ईंधन में अधिक वेपर उठने लगते हैं ईंधन के ये वेपर अधिक मात्रा में ऑक्सीजन से मिलते हैं और आग निरंतर पैदा होती रहती है इसी प्रक्रिया को चेन रिएक्शन कहते हैं आग को चतुर्भुज में 4 फैक्टर्स होना आवश्यक है। ईंधन, ताप, ऑक्सीजन और चैन रिएक्शन # Heat Transfer <start_of_image> conduction - transfer of heat within the material itself. चालन किसी पिंड के भीतर या एक पिंड से दूसरे पिंड में ऊष्मा के स्थानांतरण की विधि है -Convection - transfer of heat by the physical movement of hot masses of air. संवहन ऊष्मा स्थानांतरण की वह विधि है जो अधिकतर तरल पदार्थों और गैसों में होती है - Radiation - refers to the emission of heat in the form of electromagnetic waves. विकिरण ऊष्मा स्थानांतरण का दूसरा रूप है। इसके लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है # आग बुझाने का तरीका # Method of fire Extinguishing जैसे की हम जानते है आग को फैलने का तीन तरीके है कंडक्टसन, कोन्वेकसन और रेडिएशन होता है और इन्ही तीन तरीको से आग एक जगह से दुसरे जगह फैलती है ! उसी प्रकार से हम यह भी जानते है की आग लगने के लिए तीन चीजो का होना बहुत जरुरी है और उनके आभाव में आग कभी भी लग नहीं सकता है और वह चीजे है ताप, (Heat) हवा (Oxygen), ज्वलनशील बस्तु (burning material) और इनमे से किसी भी एक चीज को हटा दे तो आग बुझ जाएगी ! इसी को ध्यान में रखकर आग को बुझाने के भी चार तरीके है जो की निम्न प्रकार है : 1. स्टारवेसन (Starvation):- स्टारवेसन का अर्थ है भूखा रखना और इसके अर्थ के अनुसार ही हम जब आग को भुझाने के लिए उसके आग पास से ज्वलनशील पदार्थ को हटा देते है तो आग आपने आप कुछ समय के बाद बुझ जाता है यानि जलने की कोई वस्तुनहीं मिलती है और आग बुझ जाता है यानि की आग को लगने या जारी रहने के लिए तीन चीजे है उसमे से हम जब ज्वलनशील पदार्थ को हटा देते है तो उस विधि को स्टारवेसन की विधि से आग बुझाना बोलते है इस विधि में ज्वलनशील बस्तु को आग के नजदीक से हटा देते है • Starving the fire by removing the fuel. (e.g., stopping gas flow during a pipeline fire). 2. स्मूथरिंग (Smothering): - इसी विधि में हम आग से ऑक्सीजन की सप्लाई यानि की हवा को कट ऑफ कर देते है आग के लिए जो तीन चीजे चाहिए उनमे से हम एक चीज हवा को हटा देते है जिससे आग बुझ जाती है Smothering by cutting off oxygen supply (foam, CO2) 3. कुलिंग (Cooling): यह विधि आग बुझाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है और आदि काल से होते आ रही है तथा आग बुझाने का सबसे सस्ता तरीका है। कुलिंग विधि में हम आग के ताप (Heat) को कम करते है और आग बुझ जाती है यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लायी जाने वाली विधि है ! • Cooling the fuel by removing heat (e.g., by applying water) 4. Break Chain Reaction of fire: - इसे कुछ वाष्पीकृत तरल पदार्थ या सूखे रासायनिक पाउडर द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। DCP इन मुक्त कणों को पकड़ लेता है और श्रृंखला वाहकों को धीमा कर देता है। चेन रिएक्शन के टूटने से आग नहीं लगेगी। Inhibition by stopping the chain reaction. (e.g., by applying DCP) # CLASSIFICATION OF FIRE ACCORDING TO TYPE OF FUEL (Ref: para 3.1 of IS 15683: 2018 & para 9 of IS 2190:2010) Fires are classified according to the type of fuel that is burning, which is as under: ## Class of Fire * **Class A** - Fires involving solid combustible materials of organic nature such as wood, paper, rubber, plastics, etc. where the cooling effect of water is essential to extinguish the fire. * **Class B** - Fires involving flammable liquids or liquefiable solids or the like where a blanketing effect is essential to extinguish the fire. * **Class C** - Fires involving flammable gases under pressure including liquefied gases, where it is necessary to inhibit the burning gas at fast rate with an inert gas, powder or vaporizing liquid for extinguishment. * **Class D** - Fires involving combustible metals such as magnesium, aluminum, zinc, sodium, potassium etc., when the burning metals are reactive to water containing agents and in certain cases carbon dioxide, halogenated hydrocarbons and ordinary dry powders. These fires require special media and techniques to extinguish them * **Class F/K** - Fires involving cooking media (vegetable or animal oils and fats) in cooking appliances and may be called kitchen fire. * **No class** Where fire involves energized electrical equipment. # आग का वर्गीकरण जिस प्रकार सभी ज्वलनशील पदार्थ एक प्रकृति/स्वभाव के नहीं होते है उसी प्रकार उन सभी पदार्थ का जलना भी एक जैसा नहीं होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए एवं अग्निशमन की सुविधा को देखते हुए आग का वर्गीकरण किया गया है। अतः आग को पांच भागों में वर्गीकृत किया गया है। 1. **क्लास ए (CLASS-A)** इसके अर्न्तगत साधारण जलने वाले पदार्थों जैसे लकड़ी, कोयला, कागज, जुट, कपड़ा इत्यादि। इसके अन्तर्गत कार्बनिक पदार्थ आते हैं जो जलने पर बहुत धुवा (कार्बन) पैदा करते हैं। इस आग को ठंडा करके बुझाया जाता है। जिसके लिये पानी, ए.बी.सी. पावडर एवं पानी पर आधारित एक्स्टीम्यूशर जैसे सोडा एसिड, water CO2 वाटर एयर प्रेशर टाइप एक्स्टींग्यूशर इत्यादि का उपयोग करके आग बुझाई जाती है। ए क्लास की आग ज्यादातर पानी का उपयोग करके बुझाई जाती है। लेकिन ऐसे स्थान पर जहाँ पानी के उपयोग से सामग्री खराब हो सकती है ABC, CO₂. का उपयोग करके आग बुझाते है। बहुमूल्य कागजात एवं करेन्सी की आग में सामग्री का उपयोगिता को देखते हुए CO2. व्दारा आग को बुझाते हैं क्योंकि ये अपना कोई अवशेष या निशान नहीं छोड़ते हैं एवं उन्हें खराब भी नहीं करते है। सामान्य छोटी आग को Water type कोई भी एक्स्टीग्यूसर का उपयोग करके बुझा सकते है। 2. **क्लास बी (Class-B)** इसके अर्न्तगत ज्वलनशील तरल पदार्थों की आग आती है जैसे पेट्रोल डीजल, तेल, वार्निश, तारकोल, केरोसीन, स्प्रीट, अल्कोहल इत्यादि । वे पदार्थ जो पानी में घुलनशील नहीं हैं एवं पानी से हल्के होते है उनकी आग को पानी से नहीं बुझाया जाता है क्योंकि घनत्व में अंतर होने के कारण पानी नीचे चला जाता है और ज्वलनशील तरल ऊपर आ जाता है जिससे आग फैलने का खतरा रहता है। क्लास B की आग पर सबसे उपयुक्त एक्सटीग्युर फोम है। फोम रासायनिक प्रतिक्रिया व्दारा या मैकेनिकल विधि से बनाया जाता है, तरल पदार्थों से बहुत हल्का होता है एवं तरल पदार्थों की आग को ढंककर बुझाता है। तरल पदार्थों की آکسیجن की सप्लाई बंद हो जाती है। फोम स्मूथरिंग व्दारा आग बुझाता है। बी क्लास की आग को CO 2, DCP का इस्तेमाल करके भी बुझाया जा सकता है। 3. **क्लास सी (Class-C): -** इसके अन्तर्गत समस्त प्रकार की ज्वलनशील गैस की आग आती है। जैसे:- L.P.G., एसीटीलीन, ब्यूटेन, प्रोपेन इत्यादि। इस प्रकार की आग को, डी.सी.पी., एवं सी.ओ. टू इत्यादि का उपयोग करके बुझाया जाता है। * Live Electric Fire भी C - CLASS मे आती है। गैसों की आग पर कार्य करते समय कौन सी गैस हवा से कितनी भारी या कितनी हल्की है इस बात का बहुत महत्व है एवं उसी के आधार पर सही तरीके से फायर फाइटिंग की जा सकती है क्योंकि कौन सी गैस किस सतह पर मिलेगी यह गैस के वाष्प घनत्व पर निर्भर करेगा। 4. **क्लास डी (CLASS-D): -** इसके अर्न्तगत समस्त प्रकार के मेटल अथवा मेटेलिक पाउडर की आग आती है जैसे मेगनेशियम, झिंक, एल्यूमीनियम सोडियम इत्यादि । डी- क्लास की आग को स्मूथरिंग विधि से बुझाया जाता है। इसे T.E.C. सूखी रेत, लाईग स्टोन, चाक पावडर, इत्यादि से बुझाया जाता है। इस वर्ग की आग के लिये सबसे उपयुक्त टी.ई.सी. पावडर है। TEC (Ternary Eutectic Chloride) का मेल्टिंग प्वाइंट 560 डिग्री सेन्टीग्रेड है जबकि मेटल की आग का तापमान 2000 डिग्री सेंटीग्रेड होता है। टी.ई.सी. पावडर 560 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर पिघलकर एक हार्ड लेयर बना देता है जिससे आग को आक्सीजन मिलना बंद हो जाता है। टी.ई. सी. पावडर उष्मा को सोखकर वायुमण्डल में छोड़ देता है। **TEC Powder: - Ternary Eutectic Chloride** 1. Sodium chloride - NaCl (20%) 2. Potassium chloride- KCl (29%) 3. Barium chloride - BaCL2(51%) मेटल की आग की सबसे बड़ी सावधानी है पानी का उपयोग मेटल फायर पर कभी भी पानी का उपयोग नही करना चाहिए। क्योंकि मेटल फायर का तापमान 2000 डिग्री सेन्टीग्रेड तक होता है, जबकि पानी 1650 डिग्री सेन्टीग्रेड पर विच्छेदित हो जाता है। पानी विच्छेदित होने पर हाइड्रोजन और आक्सीजन में परिवर्तित हो जाता है। अतः पानी के उपयोग से आग और ज्यादा भडक जाती है तथा विस्फोट होने का खतरा बना रहता है। 5. **क्लास F/K (class- F/K)** क्लास- एफ आग जो खाना पकाने के तेल और वसा के प्रज्वलन के कारण होती है। ये आग तब लगती है जब तेल या वसा अपने फ़्लैश पॉइंट पर पहुँच जाते हैं - इस मामले में, फ़्लैश पॉइंट लगभग 315 °c है। 340°c पर, खाना पकाने के तेल और वसा स्वतः प्रज्वलन प्राप्त कर सकते हैं - अर्थात वे बिना किसी लौ या अन्य प्रज्वलन स्रोत के जल सकते हैं। ये आग बेहद खतरनाक हो सकती है और बहुत तेज़ी से फैल सकती है। क्लास F की आग को बुझाने के लिए, आपको गीले रासायनिक अग्निशामक यंत्र की आवश्यकता होती है। अन्य सभी प्रकार के अग्निशामक यंत्र इस प्रकार की आग के लिए अनुपयुक्त हैं। प्रक्रिया इस तरह काम करती है: जब आग का छिड़काव किया जाता है, तो जलते हुए तेल के ऊपर एक परत बन जाती है, जो ऑक्सीजन को पहुँचने से रोकती है और आग को ठंडा करती है। ये अग्निशामक पोटेशियम सॉल्ट का भी उपयोग करते हैं, जो लौ को कम करने में प्रभावी होते हैं। # Fire Extinguishers | S.No. | Type of Extinguisher | Size | Contents | Using | |---|---|---|---|---| | 1 | WATER CO₂ cartridge TYPE | 50 litres | WATER-50 litres CO₂ 250 Gm | Class A | | 2 | WATER CO₂ cartridge TYPE | 9 litres | Water 9 litres CO2-90 Gm | Class A | | 3 | Water air stored pressure | 9 litres | Water 9 litres Air pressure 7 bar | Class A | | 4 | Mechanical foam type | 50 litres | Water-47 litres AFFF-3 litres CO2-300 Gm | Class A, B | | 5 | Mechanical foam type | 9 litres | Water - 8.450 litres AFFF-550 Μι CO2-120 Gm | Class B | | 6 | DCP | 10 kg | DCP POWDER-10 kg CO2-200 Gm | Class B C | | 7 | DCP | 25 KG | DCP POWER 25 KG CO2-2 kg | CLASS B C | | 8 | CO2 | 4.5 kg | CO2 gas 4.5 kg Pressure - 55 bar | CLASS B C | | 9 | Water mist cum CAF (ASKA) | 10 litres | Water-9.300 litres AFFF-700 ml | Class A B Live electric | The PASS Method for Fire Extinguishers Using the PASS Method: - Pull: Pull the safety pin on the extinguisher. - Aim: Aim the hose of the extinguisher at the base of the fire. - Squeeze: Squeeze the handle to discharge the material. - Sweep: Sweep the hose across the base of the fire from side to side. # FIRE EXTINGUISHER (अग्निशमन यंत्र) आग को उसकी प्राथमिक अवस्था में ही बुझाना अधिक कारगर होता है. जिसके लिये एक्सटिंग्यूशर बहुत ही उपयोगी अग्निशमन उपकरण है। इनके अन्दर आग बुझाने वाले साधनों की क्षमता एक ही सीमित होती है। अतः इनका प्रयोग आग की प्राथमिक अवस्था में, अग्निशमन कर्मचारियों के पहुँचने से पहले या फिक्स फायर फाइटिंग इंस्टालेशन स्वतः चालू होने से पहले किया जाता है। ये छोटे व हल्के वजन के होते हैं तथा आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाये जा सकते हैं इनको पोर्टेबल या फर्स्ट एड फायर फाइटिंग इक्विपमेंट भी कहा जाता है एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकने वाले तथा आग पर प्रारंभिक क्षणों में उपयोग में लाये जाने वाले अग्निशामक को पोर्टेबल या प्रथमोपचार एक्स्टीग्गुशर कहते है । यह साधारणतः काफी छोटे व वजन में हल्के होते है ताकि हाथ से उठाकर आसानी से, इनको एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सके। (अ) रासायनिक प्रक्रिया_- Ext. को चलाये जाने पर दो या दो से अधिक रसायनों 'को आपस में क्रिया कराकर गैस प्रेशर का निर्माण कराकर आग बुझाने वाले एजेंट को आग पर फेंका जाता है। लेकिन इस तरह की प्रक्रिया का उपयोग, धीरे-धीरे अग्निशमन सेवाओं में कम होता जा रहा है। (ब) CO2 गैस कार्टिज - इस प्रकार में दबाव युक्त तरल गैस के कार्टिज को उपयोग में लाया जाता है। एक्स्टींग्युशर चलाने पर एक्स्टींग्युसर के अन्दर के गैस कार्टिज से निकली गैस प्रेशर द्वारा, आग बुझाने वाले माध्यम को आग पर फेंका जाता है। (स) स्टोर्ड प्रेशर – इसमे, आग बुझाने वाले माध्यम को बाहर फेंकने के लिये गैस या हवा को एक्स्टीग्युर के अन्दर स्थायी तौर पर दबाव के साथ कंप्रेस्ड स्टोर किया जा है। एक्स्टींग्युशरों में इन्हें स्वतः ही दबाव युक्त तरल को उपयोग में लाया जाता है। ## Types of extinguishing agents 1. Water type 2. Foam type 3. DCP type 4. CO2type 5. Clean agent # Water type Extinguishers पानी फेंकने वाले फायर एक्सटिंग्यूशर सबसे अधिक उपयोग में लाये जाते है। इन्हे साधारण या क्लास ए आग पर उपयोग किया जाता है। अग्निशमन सेवा में तीन प्रकार के पानी फेंकने वाले फायर एक्सटिंग्यूशर उपयोग में लाये जाते हैं 1. Soda acid Extinguisher 2. Water CO2 gas Cartridge Extinguisher 3. Water air store pressure Extinguisher 1. **सोडा एसीड एक्सटिंग्यूशर** इन एक्स्टग्युशरों ko, निर्देशित लेवल तक, सोडियम बायकार्बोनेट को पानी में घोलकर, भर दिया जाता है। एक्सटीम्युशर से पानी को आग पर फेंकने के लिये गैस का प्रेशर काम में लाया जाता है, जो पानी मे मिले सोडियम बायकार्बोनेट तथा गंधक का तेजाब की रासायनिक क्रिया कराकर निर्माण किया जाता है। 2. **WATER CO2 GAS CARTRIDGE TYPE EXTINGUISHER 9 LTR. -** इस Ext. का उपयोग A Class की आग को बुझने में किया जाता है इस Ext. में पानी अग्निशमन एजेंट होता है यह कूलिंग विधि से आग को बुझाता है। यह EXT. Mild Steel / Stainless Steel के बने होते है। EXT की. लम्बाई 665mm, चौड़ाई 175 mm, डिस्चार्ज नोजल का डाया 2.5mm हैं और सैंपन ट्यूब का डाया 15mm और लंबाई 505mm होती है इस EXT. का खाली वजन लगभग 5kg होता है भरने के बाद वजन लगभग 14 Kg होता हैं। इस EXT. को तीन भागों में बांटा गया है। (1) व्हील टाईप कैंप असेंब्ली (WHEEL TYPE CAP ASSEMBLY (2) सी ओ 2 गैस कार्टिज (CO2 GAS CARTRIDGE) (3) आऊटर कंटेनर (OUTER CONTAINER) व्हील टाईप कैंप असेंब्ली:- यह EXT. कर के ऊपर का हिस्सा होता है यह पहले पीतल का आता था आजकल स्टील का आता है। (1) सी ओ 2 गैस (CO₂ GAS cartridge) - इस Ext. में CO2 GAS cartridge 90 GM का लगता है इससे ज्यादा नहीं। (2) आउटर कंटेनर (OUTER CONTAINER) - आउटर कंटेनर का रंग लाल होता है इसका हाइड्रोलिक टेस्ट 25 kg/cm² 2 minutes के लिए जाता है। भरने का तरिका (REFILLING):- आउटर कंटेनर को अंदर और बाहर से साफ करने के बाद आउटर कंटेनर में वाटर लेवल तक साफ पानी भरते है। कैप असेंब्ली में लगे CO 2 GAS cartridges को घडी की दिशा में खोलते है इसके बाद स्केटिंग नॉप को ऑयल से लुब्रिकेंट करते है इसके बाद इसमें नया 90Gm CO2 gas cartridges घड़ी की विपरीत दिशा में कसते है। CO2 gas cartridges लगाने से पहले हमेशा सेफ़्टी क्लिप लगानी चाहिए, कैप असेंबली को आउटर कैंटेनर के ऊपर अच्छे से टाइट करते हैं तथा Extinguisher के ऊपर refilling date लिखते है। # Water stored air pressure extinguisher 9 liters इस का उपयोग A class फायर पर किया जाता है यह Ext. Cooling विधि से आग को बुझाता है इस में पानी अग्निशमन एजेंट के रूप में होता है इसके अंदर 9 लीटर पानी और 7 bar par हवा भरी होती है। इस Ext के मुख्य 2 भाग है (1) कैंप असेंब्ली (CAP ASSEMBLY) (2) आऊटर कैन्टेनर (OUTER CONTAINER) (1) कैंप असेंब्ली (CAP ASSEMBLY): - यह EXT के ऊपर का हिस्सा है जिसे कैरिंग हैन्डल, प्रेशर गेज साईफन ट्यूब और डिस्चार्ज ट्यूब लगी होती है। (2) आऊटर कैन्टेनर (OUTER CONTAINER) यह लाल रंग का होता है इसके अंदर 9 लीटर पानी भर होता है इस Ext. की लंबाई 665±10mm, और चौड़ाई 175±5 mm होती हैं डिस्चार्ज ट्युब डाया 12.5 mm व लम्बाई 60 cm (610mm) है, साईफन ट्यूब का डाया 15 mm व लम्बाई 505 mm होती है इस EXT. का आउटर कंटेनर स्टेनलेस स्टील का होता हैं। उसका वजन 5 KG होता है इस Ext. का कुल वजन लगभग 14 kg का होता है जेट 6 मीटर, पानी 9 लीटर, चलने का समय 45-60 sec. हाइड्रोलिक टेस्ट 25 Kg/cm², Life- 5 years चलाने की विधि (Operating) इस एक्स्टींग्युशर को चलाने के लिए, सेफ्टी पिन को निकाल कर स्क्विज ग्रीप लीवर को नीचे की तरफ दबाया जाता है और डिस्चार्ज टयुब मे लगे नोजल से पानी का जेट आग पर मारा जाता है। चलाते समय इसे जमीन पर रखा जाता है तथा आवश्यकतानुसार लीवर को छोड़कर पानी का जेट रोका जा सकता है। इस एक्स्टींग्युशर को सीधी अवस्था में चलाया जाता है ## दुबारा भरना (Refilling) एक्स्टींग्युर की कैप खोलकर पूरी तरह साफ पानी से धो ले। एक्स्टींग्युशर के कैप असेम्बली को चैक करे तथा कन्टेनर को पानी के लेवल तक साफ पानी से भरे । इसके बाद 7 बार प्रेशर पर हवा भरते है कैप असम्बेली में लगे गेज की सूई पर 7 kg/cm². दबाव दिखने तक हवा भरें स्क्वीज ग्रीप लीवर मे लगी सेफ़्टी पिन लगाये तथा आऊटर कन्टेनर पर Refilling date लिखते है टेस्टींग :- प्रेशर होने के कारण इन एक्स्टीग्युसर को चेकिंग के लिये नहीं खोला जा सकता है। इनके अन्दर का प्रेशर गेज पर पता किया जा सकता है। एक्स्टीग्युसर को साल में एक बार या आग पर उपयोग करने के दिनांक se एक साल बाद चलाकर टेस्ट करना चाहिए । कन्टेनर की बाहर से जाँच करना चाहिये कि उसमें जंग तो नहीं लगा है। फायदे ;- साधारण आग के लिये, पानी टाइप वाले अन्य एक्स्टींग्युशरों की तुलना में यह बहुत ही उपयोगी है। कम तापमान वाले स्थानों पर एन्टीफ्रीजिंग रसायन का उपयोग किया जा सकता है। चलाना बहुत ही आसान है। कन्ट्रोल लीवर होने से पानी का जेट नियंत्रित कर सकते है। सस्ता है। प्रेशर गेज से हवा का दबाव पता चलता है । नुकसान :- बीच-बीच में AIR PRESSURE GAUGE की जांच करनी पड़ती है। हवा कम हो गई होती भरना पड़ता है। # Foam type Extinguisher (IS 10204) मैकेनिकल फोम एक्सटिंग्यूशर भी दो प्रकार के होते है । - CO2. काट्रिज टाईप मेकैनिकल फोम एक्स्टीग्युशर, स्टोर्ड प्रेशर टाईप मेकेनिकल फोम एक्सटिंग्यूशर । लेकिन, प्रायः इंडियन आर्मी में सी ओ टू गैस कार्टीज टाईप मेकेनिकल फोम एक्स्टग्युर का ज्यादा उपयोग किया जाता है । # मेकेनिकल फोम एक्स्टींग्युशर CO₂ कार्टीज टाईपः- इस एक्स्टींग्युशर के मुख्यतः तीन भाग होते है। (1) आउटर कन्टेनरः यह स्टील शीट का बना होता है। इसके ऊपर कैप के लिए चूडीयां होती है । कन्टेनर के ऊपरी भाग में डिस्चार्ज ट्यूब तथा मिनिएचर फोम ब्राच लगी होती है। तथा अन्दर के भाग में इससे जुडा अन्दर तक एक साईफन ट्यूब लगा होती है। आउटर कन्टेनर में 8.450 लिटर पानी में 550ml AFFF भरा जाता है। AFFF - Aqueous Film Forming Foam (2) गैस कार्टिजः कैप असेंबली में कार्ट्जि होल्डर में CO₂ गैस काट्रिज को लगाया जाता है। EXT. चलाने पर गैस बाहर निकलने के लिये तीन पोर्ट होल बने होते है। गैस सोल्युशन घोल पर दबाव डालती है और फोम को बाहर निकालने में मदद करती है (3) कैप असेंबली :- यह पीतल की बनी होती ह

Use Quizgecko on...
Browser
Browser