19वीं सदी के चीनी आंदोलन (PDF)
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1850
Vaibhavi Pandey
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Summary
यह दस्तावेज़ 19वीं सदी के चीन में ताइपिंग और बॉक्सर आंदोलनों का विश्लेषण करता है, जो चीन के इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ थे। इसमें चीन पर विदेशी प्रभावों और सामाजिक-आर्थिक अस्थिरताओं ने इन आंदोलनों को जन्म दिया है।
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Assignment:1st History of China प्रश्न :1 “19वीं सदी के चीन के ववभिन्न लोकवप्रय आंदोलनों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें, ववशेष रूप से इसके गुप्त समाजों ताइपपंग और बॉक्सर आंदोलन के संदिभ में” 19वीं सदी के चीन का मानभचत्...
Assignment:1st History of China प्रश्न :1 “19वीं सदी के चीन के ववभिन्न लोकवप्रय आंदोलनों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें, ववशेष रूप से इसके गुप्त समाजों ताइपपंग और बॉक्सर आंदोलन के संदिभ में” 19वीं सदी के चीन का मानभचत्र Name- Vaibhavi Pandey Roll no.- His/23/55 Course - BA History Hons Semester - 3rd (2nd year) Professor name - Mr. Satveer Singh 1 पररचय: 19वीं शताब्दी के चीन के लोकवप्रय आंदोलन और गुप्त समाज:- 19वीं शताब्दी का चीन एक उथल-पुथल और पररवतभन का युग था, जो सामाजजक, आर्थभक और राजनीभतक अजथथरता से ग्रस्त था। इस समय, चीन में कई महत्वपूर्भ आंदोलन और गुप्त समाज उिरे, जजन्होंने दे श की राजनीभत और समाज को गहराई से प्रिाववत वकया। पक ं ग राजवंश की कमजोरी, ववदे शी शवियों का हस्तक्षेप, और सामाजजक असमानता जै से कारर्ों ने इन आंदोलनों को जन्म वदया। इनमें सबसे प्रमुख आंदोलन ताइपपंग ववद्रोह और बॉक्सर आंदोलन थे, जो चीन के इभतहास में महत्वपूर्भ मोड़ सावबत हुए। इस समय, चीन की पारंपररक सामंती व्यवथथा चरमरा रही थी, और औद्योवगक क्रांभत से प्रेररत यूरोपीय शवियों ने चीन पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी। "ओवपयम युद्धों" और असमान संभधयों ने चीन की संप्रिु ता को कमजोर कर वदया, और इसने दे श की आंतररक राजनीभत को और अभधक अजथथर बना वदया। इन संभधयों ने न केवल चीन की अथभव्यवथथा पर प्रभतकूल प्रिाव डाला, बल्कि दे श की संस्कृभत और समाज को िी प्रिाववत वकया। इस ववदे शी हस्तक्षेप ने चीन के पारंपररक समाज में गहरी असंतोष की िावना पैदा की, जजसने ताइपपंग और बॉक्सर जैसे आंदोलनों को जन्म वदया। ताइपपंग ववद्रोह (1850-1864) चीन के दजक्षर्ी क्षेत्रों में शुरू हुआ, और इसका नेतत्व ृ हांग जशउछुआन ने वकया, जजन्होंने खुद को यीशु मसीह का छोटा िाई घोवषत वकया। ताइपपंग आंदोलन का उद्देश्य एक ऐसे "स्वगीय राज्य" की थथापना करना था, जो पारंपररक कन्फ्यूजशयस ववचारधारा और मंचू शासन से अलग हो। इस ववद्रोह ने दजक्षर्ी चीन के बड़े वहस्से पर कब्जा कर ल्कलया और लगिग 14 वषों तक पक ं ग राजवंश को चुनौती दी। ताइपपंग ववद्रोह का प्रिाव चीन की सामाजजक संरचना, धार्मभक मान्यताओं , और आर्थभक नीभत पर गहरा था, जजसने िववष्य के आंदोलनों और सुधारों को प्रेररत वकया। दूसरी ओर, बॉक्सर आंदोलन (1899-1901) उत्तरी चीन में ववदे शी हस्तक्षेप और ईसाई वमशनररयों के ल्कखलाफ एक राष्ट्रीयवादी ववद्रोह था। इसका नेतत्व ृ "वयहेतुआन" नामक गुप्त समाज ने वकया, जो पारंपररक चीनी संस्कृभत और धमभ की रक्षा के ल्कलए संगवित हुआ था। बॉक्सर आंदोलन ने ववदे शी नागररकों और ईसाई वमशनररयों पर हमले वकए, जजससे ववदे शी शवियों का क्रोध िड़क उिा और अ ं ततः आि दे शों की संयुि से ना ने इस ववद्रोह को कुचल वदया। बॉक्सर आंदोलन ने चीनी समाज में ववदे शी ववरोधी िावना को और गहरा वकया और चीन की राष्ट्रीय चेतना को मजबूत वकया। गुप्त समाजों की िू वमका इन आंदोलनों में अत्यभधक महत्वपूर्भ रही। ये समाज, जो पारंपररक चीनी संस्कृभत और धमभ की रक्षा के ल्कलए समर्पभत थे, ने जनता को संगवित वकया और आंदोलनों के ल्कलए एक मजबूत आधार तैयार वकया। ताइपपंग ववद्रोह और बॉक्सर आंदोलन, दोनों में गुप्त समाजों ने महत्वपूर्भ िू वमका वनिाई, जजससे ये आंदोलन बड़े पैमाने पर फैल सके और समाज के सिी वगों को प्रिाववत कर सके। इस प्रकार, 19वीं शताब्दी के चीन में ताइपपंग ववद्रोह और बॉक्सर आंदोलन जैसे लोकवप्रय आंदोलनों ने न केवल तत्कालीन समाज और राजनीभत को प्रिाववत वकया, बल्कि िववष्य में होने वाले पररवतभ नों और सुधारों की नींव िी रखी। इन आंदोलनों ने चीनी जनता में राष्ट्रीयता और एकजुटता की िावना को जागृत वकया, जजससे आगे चलकर आधुवनक चीन की नींव रखी जा सकी। 2 ताइपपंग ववद्रोह (1850-1864):- ताइपपंग ववद्रोह (1850-1864) 19वीं शताब्दी के मध्य में चीन में घवटत एक अत्य ं त महत्वपूर्भ ऐभतहाजसक घटना थी, जजसने न केवल उस समय के चीन को बल्कि िववष्य के चीनी समाज और राजनीभत को िी गहराई से प्रिाववत वकया। यह ववद्रोह पक ं ग राजवंश के ल्कखलाफ हुआ था और इसका नेतत्व ृ हांग जशउछुआन ने वकया, जो एक धार्मभक नेता थे और उन्होंने खुद को यीशु मसीह का छोटा िाई घोवषत वकया था। ताइपपंग ववद्रोह का उद्देश्य चीन में एक नए समाज और राज्य की थथापना करना था, जो पारंपररक कन्फ्यूजशयस ववचारधारा और मंचू शासन से भिन्न हो। इस ववद्रोह की जड़ें 19वीं शताब्दी के चीन की सामाजजक, आर्थभक और धार्मभक समस्याओं में थीं। उस समय चीन की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही थी, लेवकन कृवष उत्पादन और सं साधन इसके अनुरूप नहीं बढ़े। पररर्ामस्वरूप, वकसानों और गरीबों की जथथभत दयनीय हो गई। इसके अलावा, पक ं ग राजवंश की सरकार भ्रष्ट और अक्षम हो चुकी थी। प्रशासवनक कुप्रबंधन, करों का बोझ, और प्राकृभतक आपदाओं के कारर् वकसान असंतोष की आग में जल रहे थे। इन पररजथथभतयों में हांग जशउछुआन का नेतत्व ृ उिरा, जजन्होंने एक धार्मभक दृवष्ट से प्रेररत होकर एक नए समाज की कल्पना की। हांग जशउछुआन, जो एक असफल जसववल सेवा परीक्षाथी थे, ने 1837 में एक धार्मभक अनुिव प्राप्त वकया, जजसमें उन्होंने स्वप्न में खुद को स्वगभ में दे खा। इस अनुिव ने उन्हें यह ववश्वास वदलाया वक वे यीशु मसीह के छोटे िाई हैं और उन्हें पृथ्वी पर एक स्वगीय राज्य की थथापना करनी है। उन्होंने बाइवबल के कुछ वहस्सों की अपनी व्याख्या के आधार पर एक नई धार्मभक और सामाजजक ववचारधारा का ववकास वकया, जजसे उन्होंने "ताइपपंग भतयानगुओ" या "स्वगीय राज्य" का नाम वदया। हांग ने चीनी समाज के गरीब और उत्पीवड़त वगों को यह संदे श वदया वक उन्हें एक नए, न्यायपूर्भ समाज के वनमार् के ल्कलए एकजुट होना चावहए। ताइपपंग ववद्रोह की शुरुआत 1850 में दजक्षर्ी चीन के गुआंग्शी प्रांत से हुई, जब हांग जशउछुआन ने अपने अनुयावययों के साथ पक ं ग राजवंश के ल्कखलाफ ववद्रोह का झ ं डा उिाया। हांग ने अपने अनुयावययों को संगवित वकया और एक सैन्य बल का वनमार् वकया। उनका मुख्य उद्देश्य पक ं ग राजवंश को उखाड़ फेंकना और "ताइपपंग भतयानगुओ" की थथापना करना था, जो समानता, न्याय और धार्मभक स्वतंत्रता पर आधाररत हो। हांग और उनके अनुयावययों ने मवहलाओं और पुरुषों की समानता, िू वम सुधार, और पारंपररक कन्फ्यूजशयस समाज की बुराइयों के उन्मूलन की बात की, जो उन्हें व्यापक जनसमथभन वदलाने में सफल रहे। 3 ताइपपंग ववद्रोवहयों ने 1853 में नानजजंग शहर पर कब्जा कर ल्कलया और उसे अपनी राजधानी घोवषत कर वदया। हांग जशउछुआन ने खु द को "स्वगीय राजा" घोवषत वकया और नानजजंग को ताइपपंग राज्य का केंद्र बनाया। यहां से ताइपपंग सेना ने पूरे चीन में पक ं ग राजवंश के ल्कखलाफ अभियान शुरू वकया और दजक्षर्ी और मध्य चीन के कई क्षेत्रों पर कब्जा कर ल्कलया। ताइपपंग शासन ने एक नई प्रशासवनक व्यवथथा की थथापना की, जजसमें िू वम सुधार, करों में कटौती, और धार्मभक सुधार शावमल थे। ताइपपंग राज्य ने पारंपररक सामाजजक व्यवथथा को बदलने की कोजशश की और मवहलाओं की जथथभत में सुधार करने के ल्कलए कई कदम उिाए, जैसे वक मवहलाओं की जशक्षा को प्रोत्सावहत करना और मवहलाओं को सरकारी पदों पर वनयु ि करना। हालांवक, ताइपपंग राज्य की आंतररक संरचना और नेत ृत्व में वविाजन के कारर् यह ववद्रोह ल ं बे समय तक वटक नहीं सका। हांग जशउछुआन का प्रशासवनक कौशल कमजोर था, और उनके अनुयावययों में आपसी मतिेद और संघषभ बढ़ने लगे। ताइपपंग राज्य में सत्ता संघषभ और भ्रष्टाचार िी बढ़ गया, जजससे राज्य की जथथभत कमजोर होने लगी। इसके अलावा, पक ं ग राजवंश ने धीरे-धीरे अपनी जथथभत को मजबूत वकया और पजश्चमी शवियों की मदद से ताइपपंग ववद्रोवहयों के ल्कखलाफ सैन्य अभियान चलाए। पक ं ग सरकार ने जनरल झेंग गुओफान और झो झोंगतान जैसे सेनापभतयों के नेत ृत्व में एक शविशाली से ना तैयार की, जजसने ताइपपंग ववद्रोह को दबाने में महत्वपूर्भ िू वमका वनिाई। इन से नाओं ने ताइपपंग ववद्रोवहयों के ल्कखलाफ एक व्यवजथथत और सुसंगवित सैन्य अभियान चलाया, जजसमें उन्होंने नानजजंग को घेरने और ववद्रोवहयों की आपूर्तभ लाइनों को काटने की रर्नीभत अपनाई। 1864 में, ल ं बे संघषभ और घेराबंदी के बाद, पक ं ग सेनाओं ने नानजजंग पर कब्जा कर ल्कलया और हांग जशउछुआन के नेत ृत्व वाले ताइपपंग शासन का अ ं त कर वदया। ताइपपंग ववद्रोह की असफलता के कई कारर् थे। सबसे बड़ा कारर् था, ववद्रोह के नेत ृत्व में एकजुटता और कुशलता की कमी। हांग जशउछुआन की नेतत्व ृ क्षमता सीवमत थी और वे अपनी धार्मभक ववचारधारा को प्रशासवनक और सैन्य रर्नीभत के रूप में सफलतापूवभक लागू नहीं कर पाए। इसके अलावा, ताइपपंग सेना में अनु शासन और समन्वय की कमी थी, जजसके कारर् वे पक ं ग सेनाओं के संगवित और सुव्यवजथथत हमलों का मुकाबला नहीं कर सके। ववद्रोह के दौरान ववद्रोवहयों के बीच आंतररक मतिेद और सत्ता संघषभ िी बढ़ गए, जजससे ववद्रोह की शवि कमजोर हो गई। ताइपपंग ववद्रोह की ववफलता के बावजूद, इसका चीन के समाज और इभतहास पर गहरा प्रिाव पड़ा। इस ववद्रोह ने चीनी समाज में व्यापक सामाजजक और धार्मभक बदलाव की संिावनाओं को प्रस्तुत वकया। ताइपपंग ववद्रोह ने पारंपररक कन्फ्यूजशयस समाज और धमभ की कमजोररयों को उजागर वकया और समाज के वनचले वगों में एक नई चेतना और समानता की िावना को जागृत वकया। ताइपपंग ववद्रोह ने पक ं ग राजवंश की वैधता और शवि पर गहरा आघात वकया और िववष्य के सुधारवादी और क्रांभतकारी आंदोलनों को प्रेररत वकया। ववद्रोह की ववफलता के बावजूद, ताइपपंग आंदोलन ने चीन के िववष्य के ववकास में महत्वपूर्भ िू वमका वनिाई। इस ववद्रोह ने चीनी समाज को यह संदे श वदया वक पारंपररक व्यवथथा को चुनौती दी जा सकती है और एक नए समाज का वनमार् संिव है। ताइपपंग ववद्रोह की असफलता ने पक ं ग राजवंश को यह एहसास कराया वक अगर उन्हें अपनी सत्ता बनाए रखनी है, तो उन्हें सामाजजक और प्रशासवनक सुधार करने होंगे। इस ववद्रोह के बाद चीन में कई सुधारवादी आंदोलन उिरे, जजनमें 1898 का "सौ वदन का सुधार" (Hundred Days' Reform) और 1911 की जशन्हाई क्रांभत शावमल हैं, जजन्होंने पक ं ग राजवंश के अ ं त और आधुवनक चीन की थथापना की नींव रखी।स प्रकार, ताइपपंग ववद्रोह एक महत्वपूर्भ ऐभतहाजसक घटना थी, जजसने 19वीं शताब्दी के चीन को गहराई से प्रिाववत वकया। इसने न केवल तत्कालीन चीनी समाज और राजनीभत को प्रिाववत वकया, बल्कि िववष्य के चीनी क्रांभतकारी आंदोलनों को िी प्रेररत वकया। ताइपपंग ववद्रोह के आदशों और उसकी ववफलता से सीख लेते हुए, चीनी समाज ने आगे बढ़कर अपने ल्कलए एक नई वदशा की तलाश की, जो आधुवनक चीन की थथापना में सहायक सावबत हुई। 4 ताइपपंग ववद्रोह एक महत्वपूर्भ ऐभतहाजसक घटना थी, जजसने 19वीं शताब्दी के चीन को गहराई से प्रिाववत वकया। इसने न केवल तत्कालीन चीनी समाज और राजनीभत को प्रिाववत वकया, बल्कि िववष्य के चीनी क्रांभतकारी आंदोलनों को िी प्रेररत वकया। ताइपपंग ववद्रोह के आदशों और उसकी ववफलता से सीख लेते हुए, चीनी समाज ने आगे बढ़कर अपने ल्कलए एक नई वदशा की तलाश की, जो आधुवनक चीन की थथापना में सहायक सावबत हुई। बॉक्सर आंदोलन (1899-1901) बॉक्सर आंदोलन, जजसे "वयहेतुआन आंदोलन" के नाम से िी जाना जाता है, 1899-1901 के बीच उत्तरी चीन में घवटत एक प्रमुख राष्ट्रवादी ववद्रोह था। यह आंदोलन पक ं ग राजवंश की अजथथरता, ववदे शी हस्तक्षेप, और चीनी समाज में गहरे असंतोष के पररर्ामस्वरूप उिरा। बॉक्सर आंदोलन का नेतत्व ृ "राइवटयस हामभनी ऑफ वफस्ट् स" नामक एक गुप्त समाज ने वकया, जजसे चीनी िाषा में "वयहेतुआन" कहा जाता था। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य चीन को ववदे शी प्रिाव और ईसाई वमशनररयों से मु ि कराना था। हालांवक आंदोलन ववफल रहा, लेवकन इसने चीन की राजनीभतक चेतना को गहराई से प्रिाववत वकया और िववष्य के क्रांभतकारी आंदोलनों को प्रेररत वकया। बॉक्सर आंदोलन की पृष्ठिू वम 19वीं शताब्दी के उत्तराधभ में चीन की राजनीभतक और सामाजजक पररजथथभतयों में वनवहत थी। इस समय, पक ं ग राजवंश ववदे शी हस्तक्षेप और आंतररक ववद्रोहों के कारर् कमजोर हो चुका था। "ओवपयम यु द्धों" और उसके बाद की असमान संभधयों ने चीन की संप्रिु ता को बुरी तरह प्रिाववत वकया। पजश्चमी शवियों और जापान ने चीन के ववभिन्न वहस्सों में अपना वनयंत्रर् थथावपत कर ल्कलया था, जजससे चीन का सामाजजक और आर्थभक तानाबाना बुरी तरह प्रिाववत हुआ। ववदे शी हस्तक्षेप के कारर् चीनी जनता में गहरी नाराजगी और असंतोष था, जजसे बॉक्सर आंदोलन ने स्वर प्रदान वकया। 5 बॉक्सर आंदोलन का मुख्य लक्ष्य ववदे शी हस्तक्षेप का ववरोध और चीनी संस्कृभत की रक्षा करना था। आंदोलनकाररयों का मानना था वक ववदे शी शवियां, ववशेषकर ईसाई वमशनरी, चीनी समाज को अपववत्र और कमजोर कर रही थीं। ईसाई धमभ के प्रचारकों और उनके अनुयावययों को थथानीय लोगों से ववशेष अभधकार प्राप्त थे, जजससे पारंपररक चीनी धार्मभक और सांस्कृभतक प्रथाओं में हस्तक्षेप होता था। यह बात लोगों को नागवार गुजरती थी और उन्होंने वमशनररयों और उनके समथभकों के ल्कखलाफ पहंसक प्रभतवक्रया व्यि की। आंदोलन की शुरुआत उत्तरी चीन के ग्रामीर् इलाकों से हुई, जहां "वयहेतुआन" नामक गुप्त समाज ने अपने अनुयावययों को संगवित वकया। इस समाज का मानना था वक उनके पास अलौवकक शवियाँ हैं, जजनसे वे गोल्कलयों और अन्य हभथयारों से बच सकते हैं। वे पारंपररक चीनी माशभल आर्टभस और धार्मभक अनुष्ठानों में ववश्वास रखते थे, जजससे उन्हें "बॉक्सर" कहा जाने लगा। शुरुआती दौर में, बॉक्सर आंदोलनकाररयों ने ईसाई वमशनररयों और चचों पर हमले शुरू वकए। उन्होंने थथानीय गांवों में ईसाई समु दायों को वनशाना बनाया और चचों को जलाया। हालांवक, बाद में पक ं ग राजवंश की सम्राज्ञी डॉगर एम्प्रेस जसक्सी ने बॉक्सरों को समथभन दे ना शुरू कर वदया, क्योंवक उन्हें लगा वक यह आंदोलन ववदे शी शवियों को चीन से बाहर वनकालने में मददगार हो सकता है। बॉक्सर आंदोलन की चरम सीमा तब आई जब बॉक्सर आंदोलनकाररयों ने बीजजंग में ववदे शी दूतावासों की घेराबंदी की। यह घटना इभतहास में "सजेशन ऑफ बीजजंग" के नाम से प्रजसद्ध है। लगिग 55 वदनों तक बॉक्सरों ने बीजजंग के ववदे शी क्षेत्र को घेर रखा था, जजसमें कई ववदेशी राजनवयक, सैवनक, और नागररक फ ं से हुए थे। इस घेराबंदी के दौरान ववदे शी दूतावासों की सुरक्षा के ल्कलए तैनात सीवमत संख्या में सैवनकों और थथानीय चीनी सैवनकों ने बॉक्सरों के हमलों का कड़ा मुकाबला वकया। बॉक्सर आंदोलन को कुचलने के ल्कलए आि दे शों – विटे न, फ्रांस, जमभ नी, रूस, जापान, अमेररका, इटली, और ऑजथरया-हंगरी – ने एक संयुि सेना का गिन वकया, जजसे "एलीड एक्सपेवडशनरी फोसभ " कहा जाता है। इस संयुि सेना ने भतयानजजन और बीजजंग की ओर माचभ वकया और जसतंबर 1900 में बीजजंग पर कब्जा कर ल्कलया। इस दौरान िारी पहंसा और ववनाश हुआ। हजारों चीनी नागररक मारे गए, और कई गांवों और शहरों को लूट ल्कलया गया। ववदे शी से नाओं ने बीजजंग और अन्य प्रमुख शहरों में लूटपाट और ववनाश का तांडव मचाया, जजससे चीन की जनता में और िी आक्रोश फैल गया। बॉक्सर आंदोलन की ववफलता के बाद, पक ं ग राजवंश को "बॉक्सर प्रोटोकॉल" पर हस्ताक्षर करने के ल्कलए मजबूर होना पड़ा। इस संभध के तहत, चीन को ववदे शी शवियों को िारी आर्थभक मुआवजा दे ना पड़ा और बीजजंग में ववदे शी सैवनकों की थथायी उपजथथभत को स्वीकार करना पड़ा। इसके अलावा, पक ं ग सरकार को बॉक्सर नेताओं और समथभकों को कड़ी सजा दे ने के ल्कलए िी मजबूर वकया गया। इस संभध ने चीन की संप्रिु ता को और कमजोर कर वदया और पक ं ग राजवंश की प्रभतष्ठा पर गहरा आघात वकया। बॉक्सर आंदोलन की ववफलता और इसके दमन ने चीनी समाज में एक नई राजनीभतक चेतना को जन्म वदया। इस आं दोलन ने यह स्पष्ट कर वदया वक पक ं ग राजवंश ववदे शी हस्तक्षेप का मुकाबला करने में असमथभ था और इससे चीन की जनता में गहरा असंतोष फैल गया। इस असंतोष ने आगे चलकर सुधारवादी और क्रांभतकारी आंदोलनों को प्रेररत वकया, जजनमें 1911 की जशन्हाई क्रांभत शावमल है, जजसने अ ं ततः पक ं ग राजवंश का अ ं त कर वदया और चीन में गर्राज्य की थथापना की। बॉक्सर आंदोलन की ववफलता ने चीन की राजनीभतक व्यवथथा और समाज में कई महत्वपूर्भ बदलावों की नींव रखी। इस आंदोलन ने चीन में राष्ट्रवाद और ववदे शी ववरोधी िावना को बढ़ावा वदया। इसके पररर्ामस्वरूप, चीन में सुधारवादी और क्रांभतकारी समूहों का उदय हुआ, जजन्होंने पारंपररक सामंती व्यवथथा को चुनौती दी और एक आधुवनक, स्वतंत्र और शविशाली चीन की कल्पना की। बॉक्सर आंदोलन ने चीनी जनता को यह जसखाया वक ववदे शी शवियों का मुकाबला केवल पारंपररक और धार्मभक ववचारधारा से संिव नहीं है, बल्कि इसके ल्कलए आधुवनक जशक्षा, ववज्ञान, और तकनीकी ववकास की आवश्यकता है। इसके अलावा, इस आंदोलन ने पक ं ग राजवंश को यह एहसास कराया वक यवद वे अपनी सत्ता बनाए रखना चाहते हैं, तो उन्हें प्रशासवनक और सैन्य सुधार करने होंगे। पररर्ामस्वरूप, पक ं ग सरकार ने जशक्षा, से ना, और प्रशासन में कई सुधार करने की कोजशश की, लेवकन यह सुधार बहुत दे र से और अपयाप्त सावबत हुए। 1911 में, चीन में एक और बड़ा ववद्रोह हुआ, जजसे "जशन्हाई क्रांभत" के नाम से जाना जाता है, जजसने पक ं ग राजवंश को उखाड़ फेंका और चीन में गर्राज्य की थथापना की। 6 इस प्रकार, बॉक्सर आंदोलन चीन के इभतहास में एक महत्वपूर्भ मोड़ सावबत हुआ। इसने न केवल चीनी समाज में ववदे शी हस्तक्षेप के ल्कखलाफ गहरी नाराजगी को उजागर वकया, बल्कि चीन के राजनीभतक और सामाजजक सुधारों की आवश्यकता को िी रेखांवकत वकया। आंदोलन की ववफलता ने चीनी समाज को यह जसखाया वक पारंपररक दृवष्टकोर् और अ ं धववश्वासों के आधार पर ववदे शी शवियों का मुकाबला करना संिव नहीं है, और इसके ल्कलए आधुवनक जशक्षा, ववज्ञान और प्रौद्योवगकी की जरूरत है। बॉक्सर आंदोलन की असफलता के बावजूद, इसने िववष्य के चीनी राष्ट्रवाद और आधुवनकता की नींव रखी और चीन के इभतहास में एक महत्वपूर्भ िू वमका वनिाई। गुप्त समाजों की िूवमका:- गुप्त समाजों की िू वमका चीन के इभतहास में बेहद महत्वपूर्भ रही है, ववशेषकर 19वीं और 20वीं शताब्दी में जब चीन सामाजजक, राजनीभतक और आर्थभक उथल-पुथल से गुजर रहा था। इन गुप्त समाजों ने जनता में असंतोष की िावना को संगवित करने, ववरोध और ववद्रोह की गभतववभधयों का संचालन करने और ववदे शी शवियों के ल्कखलाफ राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने में महत्वपूर्भ िू वमका वनिाई। इन समाजों का उद्िव चीन के पारंपररक सामाजजक ढांचे, सांस्कृभतक मूल्यों और ववदे शी हस्तक्षेप के कारर् हुआ। गुप्त समाजों की शुरुआत चीन में प्राचीन काल से ही हो चुकी थी, जब पारंपररक कन्फ्यूजशयस समाज के िीतर सामाजजक और धार्मभक संगिनों ने अपनी जड़ें जमाईं। ये समाज आमतौर पर धार्मभक, सामाजजक, और सांस्कृभतक समूहों के रूप में कायभ करते थे, लेवकन समय के साथ इनका स्वरूप राजनीभतक हो गया, खासकर जब पक ं ग राजवंश और ववदे शी शवियों ने चीन की संप्रिु ता और पारंपररक जीवनशै ली को चुनौती दी। इन गुप्त समाजों ने तब संगवित होकर सरकार और ववदे शी हस्तक्षेप के ल्कखलाफ आंदोलन का रूप ले ल्कलया। 19वीं शताब्दी में, चीन के सामाजजक और राजनीभतक संकटों ने इन गुप्त समाजों को और अभधक प्रासंवगक बना वदया। पक ं ग राजवंश की प्रशासवनक कमजोरी, भ्रष्टाचार, और असमान संभधयों ने समाज के ववभिन्न वगों में गहरी असंतोष की िावना पैदा की। इन पररजथथभतयों में, गुप्त समाजों ने जनता को संगवित वकया और सरकार के ल्कखलाफ ववद्रोह की िावना को बढ़ावा वदया। सबसे प्रमुख गुप्त समाजों में से एक था "तीन हामोनी सोसाइटी" या "भतयानदी हुई," जजसने पक ं ग राजवंश के ल्कखलाफ संघषभ वकया। इस समाज का उद्देश्य चीन को मंचू शासन से मुि कराना और एक नई राजनीभतक व्यवथथा की थथापना करना था। गुप्त समाजों की िू वमका ताइपपंग ववद्रोह (1850-1864) में िी दे खी जा सकती है। ताइपपंग ववद्रोह का नेतत्व ृ हांग जशउछुआन ने वकया, जो एक धार्मभक नेता थे और उन्होंने "ताइपपंग भतयानगुओ" नामक एक नए स्वगीय राज्य की थथापना का दावा वकया। इस ववद्रोह को कई गुप्त समाजों का समथभन प्राप्त था, जजन्होंने हांग के ने तत्व ृ में पक ं ग राजवंश के ल्कखलाफ ववद्रोह वकया। गुप्त समाजों ने ववद्रोवहयों को संगवित करने, उन्हें समथभन और संसाधन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्भ िू वमका वनिाई। वे ववभिन्न क्षेत्रों में ववद्रोवहयों के बीच समन्वय थथावपत करने का काम िी करते थे। बॉक्सर आंदोलन (1899-1901) िी गुप्त समाजों की िू वमका को उजागर करता है। इस आंदोलन का नेतत्व ृ "वयहेतुआन" नामक गुप्त समाज ने वकया, जो "राइवटयस हामभनी ऑफ वफस्ट् स " के नाम से िी जाना जाता था। इस समाज का मुख्य उद्देश्य चीन को ववदे शी शवियों और ईसाई वमशनररयों के प्रिाव से मुि कराना था। बॉक्सर आंदोलन के दौरान, गुप्त समाजों ने ग्रामीर् इलाकों में जनता को संगवित वकया और उन्हें ववदे शी नागररकों और वमशनररयों के ल्कखलाफ पहंसक गभतववभधयों के ल्कलए प्रेररत वकया। वयहेतुआन समाज ने धार्मभक और सांस्कृभतक प्रतीकों का उपयोग करते हुए एक राष्ट्रवादी िावना को प्रोत्सावहत वकया, जजससे आंदोलन में लाखों लोग शावमल हो गए। 7 इन समाजों का प्रिाव 20वीं शताब्दी के प्रारंभिक दशकों में िी दे खा जा सकता है। 1911 की जशन्हाई क्रांभत, जजसने पक ं ग राजवंश का अ ं त कर चीन में गर्राज्य की थथापना की, में िी गुप्त समाजों की महत्वपूर्भ िू वमका थी। "टनगमेनहुई" जैसे गुप्त समाजों ने क्रांभतकारी नेताओं को संगवित वकया और उन्हें सैन्य और राजनीभतक समथभन प्रदान वकया। इन समाजों ने चीन में क्रांभत की िावना को जीववत रखा और जनता में स्वतंत्रता और लोकतंत्र की िावना को प्रोत्सावहत वकया। हालांवक, गुप्त समाजों की िू वमका केवल सकारात्मक नहीं थी। कई बार, ये समाज आपराभधक गभतववभधयों और पहंसा में िी शावमल हो गए। ववशेषकर 20वीं शताब्दी के मध्य में, जब चीन में राजनीभतक अजथथरता थी, कई गुप्त समाजों ने अपने प्रिाव का दुरुपयोग वकया और वे संगवित अपराध और अवैध गभतववभधयों में ल्कलप्त हो गए। लेवकन वफर िी, उनका मुख्य उद्देश्य चीन में सामाजजक और राजनीभतक पररवतभन लाना और पारंपररक मूल्यों की रक्षा करना था। गुप्त समाजों का एक और महत्वपूर्भ पहलू यह था वक वे समाज के वनचले तबके के लोगों को संगवित करने और उन्हें सशि बनाने का काम करते थे। इन समाजों में वकसान, मजदूर, और अन्य गरीब वगों के लोग बड़ी संख्या में शावमल थे। गुप्त समाजों ने इन लोगों को एक मंच प्रदान वकया, जहां वे अपनी समस्याओं और चचंताओं को व्यि कर सकते थे। इसके अलावा, गुप्त समाजों ने चीनी मवहलाओं की जथथभत में सुधार लाने की कोजशश िी की। ताइपपंग ववद्रोह और अन्य आंदोलनों के दौरान, कई गुप्त समाजों ने मवहलाओं को संगवित वकया और उन्हें सामाजजक और राजनीभतक गभतववभधयों में िाग लेने के ल्कलए प्रेररत वकया। अ ं ततः, गुप्त समाजों की िू वमका चीनी समाज और राजनीभत में बहुत ही जवटल और बहुआयामी थी। वे एक तरफ जहां सामाजजक और राजनीभतक पररवतभन के वाहक थे, वहीं दूसरी तरफ कई बार आपराभधक गभतववभधयों और पहंसा में िी शावमल हो गए। लेवकन उनकी िू वमका को केवल नकारात्मक दृवष्टकोर् से नहीं दे खा जा सकता। उन्होंने चीन की पारंपररक सांस्कृभतक और धार्मभक मान्यताओं की रक्षा की, जनता में राजनीभतक चेतना को जगाया, और दे श को ववदे शी हस्तक्षेप और उत्पीड़न के ल्कखलाफ संगवित वकया। गुप्त समाजों की िू वमका को समझने के ल्कलए हमें उन्हें उस समय के सामाजजक, राजनीभतक, और आर्थभक संदिभ में दे खना होगा। वे उस समय की सामाजजक और राजनीभतक पररजथथभतयों की उपज थे, और उन्होंने चीनी समाज को गहराई से प्रिाववत वकया। गुप्त समाजों ने चीन के इभतहास में एक महत्वपूर्भ िू वमका वनिाई, और उनका प्रिाव आज िी चीनी समाज और राजनीभत में दे खा जा सकता है। उपसंहार /वनष्कषभ:- 19वीं शताब्दी का चीन एक महत्वपूर्भ ऐभतहाजसक मोड़ पर खड़ा था, जहां सामाजजक, राजनीभतक और आर्थभक समस्याओं ने दे श को गहरे संकट में डाल वदया था। इस समय, कई लोकवप्रय आंदोलनों का उद्िव हुआ, जजनमें ताइपपंग ववद्रोह और बॉक्सर आंदोलन जै से प्रमुख आंदोलन शावमल हैं। इन आंदोलनों के पीछे गुप्त समाजों की िू वमका बेहद महत्वपूर्भ थी। गुप्त समाजों ने न केवल इन आंदोलनों को संचाल्कलत वकया, बल्कि जनता को संगवित करने और ववदे शी शवियों के ल्कखलाफ एकजुट करने में िी अहम िू वमका वनिाई। ताइपपंग ववद्रोह (1850-1864) ने चीन के इभतहास में सबसे बड़ा और क्रांभतकारी आंदोलन माना जाता है। इसका नेतत्व ृ हांग जशउछुआन ने वकया, जजसने एक नए धार्मभक और राजनीभतक दृवष्टकोर् के साथ जनता को एकवत्रत वकया। हांग ने "ताइपपंग भतयानगुओ" की थथापना का दावा वकया, जो एक स्वगीय राज्य का प्रतीक था। गुप्त समाजों ने इस ववद्रोह में महत्वपूर्भ योगदान वदया, क्योंवक उन्होंने ववद्रोवहयों को संसाधन, समथभन और सैन्य ताकत प्रदान की। यह ववद्रोह न केवल पक ं ग राजवंश के ल्कखलाफ था, बल्कि यह एक सामाजजक और धार्मभक क्रांभत का प्रतीक िी था, जजसने चीन में व्यापक बदलाव की मांग की। बॉक्सेर आंदोलन (1899-1901) ने िी गुप्त समाजों की महत्वपूर्भ िू वमका को उजागर वकया। यह आंदोलन "वयहेतुआन" नामक गुप्त समाज द्वारा संचाल्कलत था, जजसने ववदे शी शवियों और ईसाई वमशनररयों के ल्कखलाफ ग्रामीर् जनता को संगवित वकया। इस आंदोलन ने चीन के लोगों के िीतर एक गहरी असंतोष की िावना को िड़काया और उन्हें एकजुट करने का 8 कायभ वकया। गुप्त समाजों ने इस समय अपनी ताकत का उपयोग करते हुए ववदे शी प्रिाव के ल्कखलाफ संघषभ वकया और चीन की पारंपररक संस्कृभत और धार्मभक मान्यताओं की रक्षा की। हालांवक, इन आंदोलनों की आलोचना िी की गई है। ताइपपंग ववद्रोह के दौरान हुई पहंसा और अराजकता ने समाज को अजथथर कर वदया, और इसके पररर्ामस्वरूप लाखों लोगों की जानें गईं। इसी प्रकार, बॉक्सर आंदोलन में िी पहंसा और अराजकता का सामना करना पड़ा, जजसने ववदे शी ताकतों के ल्कखलाफ एक अभधक गंिीर प्रभतवक्रया को जन्म वदया। इन आंदोलनों की िले ही गुप्त समाजों ने नेतत्व ृ वकया, लेवकन उनकी संगवितता और स्पष्ट राजनीभतक दृवष्ट का अिाव अ ं ततः उनकी ववफलता का कारर् बना। गुप्त समाजों का प्रिाव केवल राजनीभतक संघषभ तक सीवमत नहीं था। उन्होंने सामाजजक न्याय, समानता और पारंपररक संस्कृभत की रक्षा में िी महत्वपूर्भ िू वमका वनिाई। इन समाजों ने वनचले वगों के लोगों को संगवित वकया और उन्हें आवाज़ दी। हालांवक, समय के साथ, कुछ गुप्त समाजों ने अपने उद्देश्यों से िटककर आपराभधक गभतववभधयों में ल्कलप्त होना शुरू कर वदया, जजससे उनकी छवव धूवमल हुई और उन्हें समाज में नकारात्मक दृवष्ट से दे खा जाने लगा। इन आंदोलनों का अध्ययन करते समय, यह ध्यान रखना आवश्यक है वक गुप्त समाजों की िू वमका को एक जवटल और बहुआयामी दृवष्टकोर् से दे खना चावहए। ये समाज एक ओर जहां सामाजजक और राजनीभतक पररवतभन के वाहक थे, वहीं दूसरी ओर उन्होंने समाज में पहंसा और अराजकता को िी बढ़ावा वदया। उनके योगदान को केवल सकारात्मक या नकारात्मक दृवष्टकोर् से नहीं दे खा जा सकता, बल्कि उन्हें एक सामूवहक ऐभतहाजसक प्रवक्रया के रूप में समझा जाना चावहए। अ ं त में, 19वीं शताब्दी के ये लोकवप्रय आंदोलन और गुप्त समाजों का प्रिाव आज िी चीन के इभतहास में महत्वपूर्भ है। उन्होंने न केवल उस समय की सामाजजक और राजनीभतक जथथभतयों को प्रिाववत वकया, बल्कि िववष्य में होने वाले आंदोलनों और सुधारों के ल्कलए एक आधार िी प्रदान वकया। इन आंदोलनों ने चीनी समाज में राष्ट्रीयता की िावना को जागृत वकया और ववदे शी हस्तक्षेप के ल्कखलाफ एकजुटता की िावना को बढ़ावा वदया। इस प्रकार, गुप्त समाजों और उनके द्वारा संचाल्कलत आं दोलनों का मूल्यांकन करते समय, हमें उनकी जवटलताओं और ऐभतहाजसक महत्व को ध्यान में रखना चावहए। 9