चट्टान_-_स्टडी_नोट्स

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चट्टान भूगोल(GA) Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved Download Testbook चट्टान  पृथ्वी की पपडी के ठोस भाग को 'चट्टान' कहा जाता है।...

चट्टान भूगोल(GA) Copyright © 2014-2021 Testbook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved Download Testbook चट्टान  पृथ्वी की पपडी के ठोस भाग को 'चट्टान' कहा जाता है।  चट्टानें दो या दो से अधिक खननजों से बनी होती हैं।  चट्टानों को तीन मुख्य प्रकारों में वगीकृत नकया जाता है -  आग्नेय चट्टानें (ग्रेनाइट, बेसाल्ट, गैब्रो)  अवसादी चट्टानें (बलुआ पत्थर, धजप्सम, चूना पत्थर, डोलोमाइट)  कायाांतररत चट्टानें (सांगमरमर, क्वाटटजाइट, शैल, स्लेट) आग्नेय चट्टानें अवसादी चट्टानें कायाांतरित चट्टानें  चूांनक पृथ्वी के आां तररक भाग से  'अवसादी' शब्द लैनटन शब्द  मेटामॉक्रफिक शब्द का अथट मैग्मा और लावा से आग्नेय चट्टानें सेनडमेंटम से ललया गया है, धजसका 'कयाांतारित रूप' है। बनती हैं, इसललए उन्हें प्राथममक अथट अवसाक्रदत या नीचे बैठना है।  कई हजार नडग्री के उच्च तापमान चट्टान के रूप में जाना जाता है।  आग्नेय चट्टानों के बनने के बाद, और अत्यधिक उच्च दाब के कारण  पृथ्वी की पपडी का ऊपरी भाग िस्ट की ठोस चट्टानें मवघनटत हो आग्नेय और अवसादी चट्टानों के लगभग 95% आग्नेय चट्टानों से बना जाती है या मवक्रभन्न अक्रभकमटकों द्वारा पररवतटन से कायाांतररत चट्टानें बनती है। मवक्रभन्न आकारों के छोटे-छोटे खण्डों हैं।  ये चट्टानें पृथ्वी की सतह के नीचे या में मवघनटत हो जाती है।  मूल चट्टानों को इस तरह से बदल सतह पर लावा के रूप में बन  अवसाद के रूप में जाने जाने वाले क्रदया जाता है नक वे रांग, बनावट, सकती हैं। छोटे खांड को मवक्रभन्न श्रेणीकरण कठोरता और यहाां तक नक खननज  आग्नेय चट्टानें लैनटन शब्द 'फायर' से अक्रभकमटकों जैसे प्रवाहित जल, नदी, सांरचना जैसी अपनी मवशेषताओ ां को आती हैं और मैग्मा के ठां डा होने और िवाओ ां आक्रद द्वारा समुद्र और खो देते हैं। जमने पर बनती हैं। झीलों जैसे ननम्न क्षेत्रों में ले जाया  वह प्रक्रिया धजसके द्वारा कायाांतररत  शीतलन और जमने की प्रक्रिया जाता है, जहाां ऐसे टु कडे अवसाद के चट्टानों का ननमाटण होता है, पृथ्वी की पपडी में या पृथ्वी की रूप में ननक्षेक्रपत होते हैं। कायाांतरण कहलाती है। सतह पर हो सकती है।  अवसादी चट्टानें नदी, िवा, ग्लेधियि  आमतौर पर तीन प्रकार के  आग्नेय चट्टानों को दो मुख्य भागों में या जीवों जैस े उन्नयन के कायाांतरण होते हैं- बाांटा गया है- अक्रभकमटकों के माध्यम से बनती हैं  ऊष्मीय कायाांतिण  जब मैग्मा ठां डा हो जाता है और और सामान्य तापमान पर पृथ्वी की  गततिील कायाांतिण पृथ्वी की पपडी के भीतर िीरे- ननचली सतह पर ननक्षेक्रपत होती हैं।  क्षेत्रीय कायाांतिण िीरे क्रिस्टलीकृत हो जाता है, तो अां तवेधि चट्टानें उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार का एक सामान्य उदाहरण ग्रेनाइट है। भूगोल (GA) | चट्टान पृष्ठ 2 आग्नेय चट्टानें अवसादी चट्टानें कायाांतरित चट्टानें Download Testbook  बहिवेति चट्टानें मैग्मा के सतह  धजस सामग्री से उन्हें बनाया जाता है  कायाांतररत चट्टानों का उदाहरण- पर पहांचने के पररणामस्वरूप वह मूल रूप से पुरानी चट्टानों के  क्वार्बजाइर् उत्पन्न होती हैं क्योंनक लावा से मवघटन और अपघटन से मुख्यतः  सांगमिमि प्यूममस या बेसाल्ट जैसे खननज आग्नेय, से ननममि त होती है।  स्लेर् बनते हैं।  अवसादी चट्टानों को हितीयक  ग्रैफाइर् चट्टानें भी कहते हैं।  िीस्ट  गठन के तरीके के आिार पर,  िैल अवसादी चट्टानों को तीन प्रमुख श्रेलणयों में वगीकृत नकया जाता है-  यांत्रवत् ननहमि त - बलुआ पत्थर, समूह, चूना पत्थर, शेल, लोस आक्रद।  काबबननक रूप से ननहमि त - गीसेराइट, चाक, चूना पत्थर, कोयला आक्रद।  िासायननक रूप से ननहमि त - चूना पत्थर, हलाइट, पोटाश आक्रद। िैल चक्र  वह प्रक्रिया धजसके द्वारा पुरानी चट्टानें नई चट्टानों में बदल जाती हैं, शैल चि कहलाती हैं।  चूांनक आग्नेय चट्टानें प्राथममक चट्टानें हैं और प्राथममक चट्टानों के पररवतटन से अवसादी और कायाांतररत चट्टानों जैसी अन्य चट्टानों का ननमाटण होता है।  आग्नेय चट्टानों के टु कडे कायाांतररत चट्टानें हैं जो अवसादी चट्टानों के ननमाटण की ओर ले जाती हैं।  अवसादी चट्टानें मवखांडन प्रक्रिया से गुजरती हैं और अवसादी चट्टानों के रूप में कायट कर सकती हैं।  िस्टल चट्टानें (आग्नेय, कायाांतररत और अवसादी) आगे ननम्नस्खलन और उसी गलाव नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से मेंटल (पृथ्वी के आां तररक भाग) में ले जाती हैं और क्रपघले हए मैग्मा में बदल जाती हैं, जो आग्नेय चट्टानों का स्रोत होते हैं। भाित में चट्टानों के प्रकाि भारत में चट्टानों का वगीकरण ननम्नललखखत है: भूगोल (GA) | चट्टान पृष्ठ 3 Download Testbook  आनकियन प्रणाली की चट्टानें: इन चट्टानों को यह नाम इसललए क्रमलता है क्योंनक ये गमट क्रपघली हई पृथ्व ी से बनती हैं और सबसे पुरानी और प्राथममक चट्टानें हैं। शैल एक उदाहरण है और कनाटटक, आां ध्र प्रदेश, तममलनाडु , मध्य प्रदेश, उडीसा और झारखांड और राजस्थान के कुछ क्रहस्सों में पाया जाता है।  िािवाड़ प्रणाली की चट्टानें: ये आनकि यन प्रणाली के क्षरण और अवसादन से बनती हैं और सबसे पुर ानी अवसादी चट्टानें हैं। ये मुख्य रूप से कनाटटक में पाए जाते हैं।  कडप्पा प्रणाली की चट्टानें: ये िारवाड प्रणाली के क्षरण और अवसादन से बनती हैं। बलुआ पत्थर, चून ा पत्थर और सांगमरमर के अभ्रक उदाहरण हैं और मुख्य रूप से राजस्थान में पाए जाते हैं।  तविं ध्य प्रणाली की चट्टानें: ये नदी घानटयों और उथले महासागरों की गाद से बनती हैं। लाल बलुआ पत्थर एक उदाहरण है और मुख्य रूप से मध्य प्रदेश में पाया जाता है।  गोंडवाना प्रणाली की चट्टानें: ये घानटयों में अवसादों से बनती हैं। कोयला एक उदाहरण है और मुख्य रूप से मध्य प्रदेश में पाया जाता है।  दक्कन ट्रैप की चट्टानें: ये ज्वालामुख ी मवस्फ ोट से बनती हैं। डोलराइट और बेस ाल्ट उदाहरण हैं और मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गुजरात, तममलनाडु और मध्य प्रदेश के कुछ क्रहस्सों में पाए जाते हैं।  तृतीयक प्रणाली की चट्टानें: ये चट्टानें मुख्य रूप से क्रहमालयी क्षेत्र ों में पाई जाती हैं।  चतुिाबतुक प्रणाली की चट्टानें: ये चट्टानें धसिं िु और गांगा के मैद ानों में पाई जाती हैं। भूगोल (GA) | चट्टान पृष्ठ 4

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