छत्तीसगढ़ BED FEES-2023-24 PDF

Summary

This document details the fee structure for a Bachelor of Education (B.Ed.) program in Chhattisgarh state for academic years 2023-24, 2024-25, and 2025-26, outlining the various factors considered in determining the fees. The document highlights relevant legal provisions and precedents from the Supreme Court and High Courts regarding educational institution fees.

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# प्रवेश तथा फीस विनियामक समिति (छत्तीसगढ़ निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्था (प्रवेश का विनियमन एवं शुल्क का निर्धारण) अधिनियम, 2008 के अंतर्गत गठित) ## Page 1 of 63 ## संकल्प दिनांक 10/08/2023 **छ.ग. निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्था (प्रवेश का विनियमन एवं शुल्क का निर्धारण) अधिनियम, 2008, (जिसे आगे "...

# प्रवेश तथा फीस विनियामक समिति (छत्तीसगढ़ निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्था (प्रवेश का विनियमन एवं शुल्क का निर्धारण) अधिनियम, 2008 के अंतर्गत गठित) ## Page 1 of 63 ## संकल्प दिनांक 10/08/2023 **छ.ग. निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्था (प्रवेश का विनियमन एवं शुल्क का निर्धारण) अधिनियम, 2008, (जिसे आगे "अधिनियम, 2008” से उल्लेखित किया जाएगा), की धारा 4 (1) एवं (2) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के तहत छ.ग. शासन द्वारा प्रवेश तथा फीस विनियामक समिति (जिसे आगे ए.एफ.आर.सी. से उल्लेखित किया जाएगा), जिसे निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के विनियमन एवं फीस के निर्धारण के लिए गठित किया गया है।** **ए.एफ.आर.सी. इस संकल्प द्वारा मैट्स यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ एजुकेशन, खरोरा रोड, आरंग, रायपुर (छ.ग.), नेताजी सुभाष कॉलेज, बेलभाटा, अभनपुर, रायपुर (छ.ग.), सेंट विंसेंट पेलोटी कॉलेज, लोधीपारा कांपा, रायपुर (छ.ग.), महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज, श्री रामनाथ भीमसेन मार्ग, समता कालोनी, रायपुर (छ.ग.), पं. हरिशंकर शुक्ला मेमोरियल कॉलेज, कचना रोड, रायपुर (छ.ग.), रामकृष्ण इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, महादेव घाट रोड़, साईं मंदिर के पास, रायपुर (छ.ग.), केडी रूंगटा कॉलेज ऑफ साईंस एंड टेक्नालॉजी, रायपुर (छ.ग.), सम्भवी स्कूल ऑफ एजुकेशन, ग्राम धुसेरा, स्ट्रीट देवारभाटा, तहसील अभनपुर, जिला-रायपुर (छ.ग.), विप्र कला वाणिज्य एवं शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय, पं. रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय के पीछे, रायपुर (छ.ग.), कोलम्बिया बीएड कॉलेज, ग्राम टेकारी, विधानसभा रोड, रायपुर (छ.ग.), दिशा कॉलेज, रामनगर, कोटा मार्ग, रायपुर (छ.ग.), कृति इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन, नॉलेज विलेज, नरदहा, विधानसभा रोड, रायपुर (छ.ग.), ग्रेसियस कॉलेज ऑफ एजुकेशन, बेलभाटा, अभनपुर, जिला-रायपुर (छ.ग.), महात्मा गांधी कॉलेज, गुरूद्वारा के पीछे, स्टेशन रोड, रायपुर (छ.ग.), प्रगति कॉलेज, सेन्टर एवेन्यू, चौबे कॉलोनी, रायपुर (छ.ग.), सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय, राजिम, तहसील अभनपुर, जिला-रायपुर (छ.ग.), दिशा कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, सत्या विहार, विधानसभा रोड, चंद्रखुरी, रायपुर (छ.ग.), सेंट्रल कॉलेज ऑफ एजुकेशन, एनएच 6, राजू ढाबा के पास, मंदिर हसौद रोड, रायपुर (छ.ग.), सीआईटी बीएड कॉलेज, भेलवाडीह, अभनपुर, जिला-रायपुर (छ.ग.), दुर्गा महाविद्यालय, मस्जिद के पास, मौदहापारा, रायपुर (छ.ग.), क्रुति कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, नालेज विलेज, नरदहा, ज्ञान गंगा स्कूल के पास, रायपुर (छ.ग.), विकास शिक्षा महाविद्यालय, देवपुरी, फुंडहर रोड, सब्जी मंडी के बाजू में, डूमरतराई, रायपुर (छ.ग.), विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, परमहंस नगर, कोटा, रायपुर (छ.ग.), स्पेक्ट्रम कॉलेज ऑफ एजुकेशन, नरदहा, पचेड़ा, रायपुर (छ.ग.), श्रीराम कॉलेज, सारागांव, खरोरा रोड, रायपुर (छ.ग.), आदर्श महाविद्यालय, ग्राम-दतरेंगा, रायपुर छ.ग., रावतपुरा सरकार कॉलेज ऑफ एजुकेशन, धनेली, रायपुर (छ.ग.), रविशंकर ग्लोबल कॉलेज ऑफ एजुकेशन, धनेली, रायपुर (छ.ग.), में संचालित बीएड पाठ्यक्रम हेतु फीस का पुनरीक्षण शैक्षणिक सत्र 2023-2024, 2024-2025 एवं 2025-2026 के लिए अंतिम रूप से किया जा रहा है। **उक्त संस्थाओं में पूर्व में दिनांक 16/08/2022 को पारित संकल्प द्वारा अंतरिम फीस निर्धारित की गई थी और इस संकल्प के द्वारा उसे अंतिम रूप प्रदान किया जा रहा है।** **फीस के निर्धारण के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्णयों में प्रतिपादित सिद्धांत और प्रदेश में पूर्व में गठित झा समिति की अनुशंसाओं एवं अधिनियम, 2008 की धारा 9 (1) में वर्णित बिन्दुओं को भी ध्यान में रखा गया।** **माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा (Islamic Academy of Education Vs. State of Karnataka) के प्रकरण में शुल्क के संबंध में जो मुख्य बिन्दु फीस निर्धारण हेतु वर्णित किये हैं, जिसका उल्लेख पैरा-154 एवं 198 में किया गया है, जो निम्नानुसार है:-** ### 154. फीस संरचना, इस प्रकार से, प्रत्येक संस्था के संबंध में अलग-अलग तय की जानी चाहिए, जिसमें उपलब्ध सुविधाओं, उपलब्ध बुनियादी ढांचे, संस्था की आयु, किए गए निवेश, विस्तार और शैक्षिक मानक में सुधार आदि को ध्यान में रखा जाना चाहिए आदि । इस संदर्भ में प्रत्येक संस्था के मामले की जांच उचित समिति द्वारा की जानी चाहिए। इस उद्देश्य के लिए, संस्था द्वारा रखे गये खाते भी देखने पड़ सकते हैं। समिति द्वारा फीस संरचना के संबंध में प्रासंगिक कारकों, जिनमें से कुछ यहाँ पहले शामिल किए गए हैं, को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया जाएगा, प्रबंधन संस्था को अधिक शुल्क लेने का अधिकार नहीं होगा । ### 198. तीसरा, उच्च स्तर की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए और सबसे योग्य उम्मीदवारों को प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए, जो मेरिट के आधार पर हों, एक गरीब देश में, जैसे कि हमारा है, ट्यूशन और अन्य फीस सामान्य लोगों की पहुँच के भीतर होनी चाहिए। **इसी प्रकार माननीय उच्चतम् न्यायालय द्वारा T.M.A. PAI FOUNDATION VS. STATE OF KARNATAKA (2002) 8 SCC 481 का न्याय दृष्टांत जिसमें माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा अपने निर्णय के पैरा 56 एवं पैरा 57 में निम्नानुसार दिशा-निर्देश दिए हैं:-** ### 56. अलग-अलग प्रकार के पाठ्यक्रम आमतौर पर ऐसे शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जाते हैं जिन्हें निर्धारित योग्यताओं के अनुसार नियुक्त किया जाना होता है। यह कोई रहस्य नहीं है कि बेहतर कार्य परिस्थितियाँ बेहतर शिक्षकों को आकर्षित करेंगी। अधिक सुविधाएँ यह सुनिश्चित करेंगी कि बेहतर छात्र उस संस्था में प्रवेश लें। यह तथ्य नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि संस्थाओं को छात्रों के लिए बेहतर सुविधाएँ, योग्य शिक्षक और अन्य बुनियादी ढाँचे के लिए पैसा खर्च करना होगा। ### 57. हालाँकि, हम एक बात पर विशेष जोर देना चाहते हैं, और वह यह है कि चूँकि शिक्षा का पेशा, एक तरह से, दान माना जाता है, सरकार शिक्षा में उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए नियम बना सकती है, साथ ही फीस वसूल करने और संस्था द्वारा मुनाफाखोरी को रोकने के लिए भी नियम बना सकती है। चूँकि शिक्षण संस्था स्थापित करने का उद्देश्य "दान" है, यह स्पष्ट है कि शिक्षण संस्था किसी भी तरह की फीस वसूल नहीं कर सकती जो कि उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए जरूरी नहीं है। दूसरे शब्दों में, शिक्षण संस्था स्थापित करने का उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं बल्कि "दान" है। बेशक, संस्था द्वारा उचित आमदनी प्राप्त हो सकती है जो कि शिक्षण संस्था विकास और विस्तार के लिए पैदा हो। **फीस के निर्धारण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा P.A. Inamdar Vs. State of Maharashtra (2005 AIR SCW 3923 (Seven Judges Bench) के पैरा-92 में वर्णित पर्यवेक्षण का भी यहां पर उल्लेख किया जाना आवश्यक है:-** ### 92. "शिक्षा, उपयोगी क्रियाकलाप के रूप में स्वीकार की जाती है, चाहे वह दान के लिए हो या मुनाफे के लिए, एक व्यवसाय है। फिर भी, यह समाज के लिए सेवा होना बंद नहीं करता। और यद्यपि यह एक व्यवसाय है, इसे व्यापार या कारोबार के बराबर नहीं माना जा सकता।" **माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मार्डन डेंटल कॉलेज एण्ड रिसर्च सेंटर विरूद्ध मध्यप्रदेश राज्य (AIR-2016, SC 2601) में भी सम्पूर्ण तथ्यों का उल्लेख अपने निर्णय के पैरा 175 और 176 में किया है, जैसा कि अधिनियम, 2008 में भी वर्णित है:-** ### 175: उपरोक्त चर्चा से यह स्पष्ट होता है कि निजी संस्थाएं "व्यवसाय के अधिकार" का प्रयोग करते हुए छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकती हैं। स्पष्ट रूप से, अधिनियम प्राधिकारी को शुल्क निर्धारित करने का असीमित अधिकार नहीं देता है। शुल्क निर्धारण अधिनियम की धारा 9 में निर्धारित कारकों के आधार पर होना चाहिए। आगे, अधिनियम, 2007 में पीड़ितों के लिए अपील का अवसर भी प्रदान किया गया है। संस्थानों के प्रशासन के लिए मौलिक अधिकारों में शुल्क निर्धारण शामिल है। हालाँकि, यह अधिकार छात्रों के अधिकारों के साथ संतुलित होना चाहिए ताकि वे शोषण, मुनाफाखोरी आदि के रूप में शोषण का शिकार न हों। ### 176: उपरोक्त चर्चा के आधार पर, मेरा मानना है कि राज्य के पास पेशेवर शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करने और शुल्क निर्धारित करने के लिए विधायी शक्ति है। उच्च न्यायालय ने अधिनियम को सही ढंग से मान्य ठहराया है। अधिनियम में नियम बनाए जाने का प्रयास किया गया है जिसके परिणामस्वरूप राज्य द्वारा आयोजित सामान्य प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश और शुल्क का निर्धारण होता है। समिति द्वारा दिए गए निर्देशों और टिप्पणियों के अनुपालन में हैं, जो टी.एम.ए. पाई, (AIR 2003 SC 355) इस्लामिक एकेडमी ऑफ एजुकेशन (AIR 2003 SC 3274) और पी.ए. इनामदार (AIR 2005 SC 3226) में दिए गए हैं। प्रवेश प्रक्रिया पर विनियमन बड़े सार्वजनिक हित और छात्र समुदाय के कल्याण के लिए आवश्यक है ताकि प्रवेश में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके और प्रवेश में योग्यता को बढ़ावा मिले। शुल्क निर्धारण पर विनियमन शोषण के रूप में मुनाफाखोरी के बिना छात्रों को उच्च शिक्षा तक पहुँचाने का अधिकार संरक्षित करने के लिए है। उपरोक्त तर्कों के साथ, मैं इस मामले में समिति के बहुमत के निर्णय पर सहमत हूँ और उच्च न्यायालय के निर्णय को सही ठहराता हूँ। **छत्तीसगढ़ निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्था (प्रवेश का विनियमन एवं शुल्क का निर्धारण) अधिनियम, 2008 की धारा-9 में यह उल्लेखित है किः-** **समिति सहायता न पाने वाली निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्था द्वारा प्रभारित की जाने वाली शुल्क विहित की गई रीति में निम्नलिखित को ध्यान में रखते हुए अवधारित करेगीः-** * (क) सहायता न पाने वाली निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्था की अवस्थिति: * (ख) व्यावसायिक पाठ्यक्रम की प्रकृति : * (ग) भूमि और भवन का मूल्य : * (घ) उपलब्ध अवसंरचना, अध्यापन, अध्यायनेत्तर कर्मचारिवृंद और उपस्कर : * (ड.) प्रशासन तथा संधारण पर व्यय : * (च) व्यावसायिक संस्था की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक युक्तियुक्त आधिक्य : * (छ) कोई अन्य सुसंगतकारक : **इस तरह उपरोक्त धारा-9 में वर्णित प्रावधान के अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जो बिन्दु फीस के पुनरीक्षण/निर्धारण के लिए निर्धारित किए हैं, उनको भी ध्यान में रखने के लिए ए.एफ.आर.सी. के सदस्य द्वारा उपरोक्त निजी संस्था का निरीक्षण भी किया गया। संबंधित संस्था, छात्र एवं पालकों को समुचित सुनवाई का अवसर भी दिया गया।** **दिनांक 26.04.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान मैट्स यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशन, खरोरा रोड, आरंग, रायपुर (छ.ग.) डॉ० संजीत तिवारी प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई का पूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने फीस प्रस्तावित नहीं किया है, परन्तु फीस बढ़ाने का निवेदन किया है । उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने समुचित फीस निर्धारित किये जाने का अनुरोध किया है।** **दिनांक 16.05.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान नेताजी सुभाष कॉलेज, बेलभाटा, अभनपुर, रायपुर (छ.ग.) के श्री व्ही. के. मिश्रा प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई का पूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने फीस प्रस्तावित नहीं किया है, परन्तु फीस बढ़ाने का निवेदन किया है । उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने समुचित फीस निर्धारित किये जाने का अनुरोध किया है।** **दिनांक 13.04.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान सेंट विंसेंट पेलोटी कॉलेज, लोधीपारा कांपा, रायपुर (छ.ग.) के श्री कुलदीप दुबें प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई का पूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने फीस प्रस्तावित नहीं किया है, परन्तु फीस बढ़ाने का निवेदन किया है । उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने समुचित फीस निर्धारित किये जाने का अनुरोध किया है।** **दिनांक 10/05/2023 को समिति महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज, श्री रामनाथ भीमसेन मार्ग, समता कालोनी, रायपुर (छ.ग.) निरीक्षण हेतु पहुंची, वहां पर शिक्षण संस्थान की ओर से समिति को प्रेषित पत्र क्रमांक 3723, दिनांक 09/05/2023 के द्वारा समिति को दिखलाया कि उनकी संस्था में बी०एड० पाठ्यक्रम अब संचालित नहीं है । अतः उक्त संस्था हेतु बी०एड० पाठ्यक्रम में फीस का निर्धारण किया जाना समुचित नहीं होगा ।** **दिनांक 13.04.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान पं. हरिशंकर शुक्ला मेमोरियल कॉलेज, कचना रोड, रायपुर (छ.ग.), के श्रीमती ममता शर्मा प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई कापूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने फीस प्रस्तावित नहीं किया है, परन्तु फीस बढ़ाने का निवेदन किया है । उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालन में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने समुचित फीस निर्धारित किये जाने का अनुरोध किया है। ** **दिनांक 15.05.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान रामकृष्ण इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, 58-59, सुंदरनगर, रायपुर (छ.ग.) के श्री पी.डी. शर्मा प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई का पूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने अपनी ओर से जो फीस प्रस्तावित की है, उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने फीस रूपये 80,000/- निर्धारित किए जाने का अनुरोध किया है।** **दिनांक 13.05.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान केडी रूंगटा कॉलेज ऑफ साईंस एंड टेक्नालॉजी, रायपुर (छ.ग.) के डॉ. सीमा अग्रवाल प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई का पूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने अपनी ओर से जो फीस प्रस्तावित की है, उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने फीस रूपये 84,760/- निर्धारित किए जाने का अनुरोध किया है।** **दिनांक 19.07.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान सम्भवी स्कूल ऑफ एजुकेशन, ग्राम धुसेरा, स्ट्रीट देवारभाटा, तहसील अभनपुर, जिला-रायपुर (छ.ग.) निरीक्षण के समय संस्था के प्रतिनिधि डॉ० बलराम प्रसाद झारिया उन्हें सुनवाई का पूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने अपनी ओर से जो फीस प्रस्तावित की है, उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने फीस रूपये 35,000/- निर्धारित किए जाने का अनुरोध किया है।** **दिनांक 11.05.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान विप्र कला वाणिज्य एवं शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय, पं. रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय के पीछे, रायपुर (छ.ग.) के श्री एम.के. तिवारी प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई का पूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने फीस प्रस्तावित नहीं किया है, परन्तु फीस बढ़ाने का निवेदन किया है । उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने समुचित फीस निर्धारित किये जाने का अनुरोध किया है।** **दिनांक 15.04.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान कोलम्बिया बीएड कॉलेज, ग्राम टेकारी, विधानसभा रोड, रायपुर (छ.ग.) के श्री अरूण कुमार दुबे प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई कापूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने अपनी ओर से जो फीस प्रस्तावित की है, उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने फीस रूपये 43,500/- निर्धारित किए जाने का अनुरोध किया है।** **दिनांक 23.05.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान दिशा कॉलेज, रामनगर, कोटा मार्ग, रायपुर (छ.ग.) के श्री ए.के. तिवारी प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई का पूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने अपनी ओर से जो फीस प्रस्तावित की है, उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने फीस रूपये 60,000/- निर्धारित किए जाने का अनुरोध किया है।** **दिनांक 17.05.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान कृति इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन, नॉलेज विलेज, नरदहा, विधानसभा रोड, रायपुर (छ.ग.) के डॉ. निधि शुक्ला प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई का पूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने अपनी ओर से जो फीस प्रस्तावित की है, उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने फीस रूपये 38,500/- निर्धारित किए जाने का अनुरोध किया है।** **दिनांक 27.04.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान ग्रेसियस कॉलेज ऑफ एजुकेशन, बेलभाटा, अभनपुर, जिला-रायपुर (छ.ग.) की रिया तिवारी प्रतिनिधि उपस्थित हुई। उन्हें सुनवाई का पूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने फीस प्रस्तावित नहीं किया है, परन्तु फीस बढ़ाने का निवेदन किया है । उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने समुचित फीस निर्धारित किये जाने का अनुरोध किया है।** **दिनांक 19.07.2023 को समिति कालिन्दी कॉलेज, त्रिवेणी विहार, मुस्कान रेसीडेन्सी के पास, लालपुर, रायपुर (छ.ग.) के निरीक्षण के लिए गई परंतु मौके पर कॉलेज न चलना बताया गया और कॉलेज को बंद किये जाने के लिए संबंधित विश्वविद्यालय और संचालक, एससीईआरटी को अवगत कराने के तथ्य बताए गए। इस आधार पर कॉलेज के बंद होने से उसका निरीक्षण नहीं किया जा सका।** **दिनांक 04.05.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान महात्मा गांधी कॉलेज, गुरूद्वारा के पीछे, स्टेशन रोड, रायपुर (छ.ग.) के श्रीमती सोनाली एन. चन्नावार प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई कापूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने अपनी ओर से जो फीस प्रस्तावित की है, उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने फीस रूपये 40,000/- निर्धारित किए जाने का अनुरोध किया है।** **दिनांक 04.05.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान प्रगति कॉलेज, सेन्टर एवेन्यू, चौबे कॉलोनी, रायपुर (छ.ग.) के सौम्या नैयर प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई का पूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने फीस प्रस्तावित नहीं किया है, परन्तु फीस बढ़ाने का निवेदन किया है । उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सुख/सुविधाओं के लिए राशि व्यय की गयी है । इसलिए उक्त आधार पर उन्होंने समुचित फीस निर्धारित किये जाने का अनुरोध किया है।** ** दिनांक 18.05.2023 को समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय, राजिम, तहसील अभनपुर, जिला-रायपुर (छ.ग.) के डॉ. शोभा गावरी प्रतिनिधि उपस्थित हुए। उन्हें सुनवाई कापूर्ण अवसर दिया गया। उन्होंने फीस प्रस्तावित नहीं किया है, परन्तु फीस बढ़ाने का निवेदन किया है । उसके संबंध में यह तथ्य बताया गया कि फेकल्टी और अतिरिक्त मानव संसाधन के लिए उन्हें अत्यधिक राशि व्यय करनी पड़ती है, ताकि अच्छे शिक्षक छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि संस्था ने अपने संचालन हेतु लोन भी लिया है और उस लोन पर ब्याज के रूप में राशि अदा करनी है तथा यह लोन अधोसंरचना आदि को व्यवस्थित रखने के लिए, आवश्यक उपकरण क्रय करने के लिए, पुस्तकालय में आवश्यक पुस्तकों को उपलब्ध कराने के लिए, छात्रों की सु

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