हिन्दी पाठ्यपुस्तक कक्षा 8 AS.pdf

Summary

This document contains Hindi language questions and answers from a class 8 past paper. The questions seem to cover various topics, including stories about birds and animals, water, and historical figures. The questions are focused on the comprehension and explanation.

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## DELHI PUBLIC SCHOOL, BANGALORE -EAST **HINDI** **TOPIC:** बाज और साँप **Name:** **Class VIII** **Sec** **Date:** **प्रश्न 1. बाज ज़िंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी आकाश में उड़ना क्यों चाहता था ?** **उत्तर:** बाज ज़िंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा, फिर भी घायल होने के बाद...

## DELHI PUBLIC SCHOOL, BANGALORE -EAST **HINDI** **TOPIC:** बाज और साँप **Name:** **Class VIII** **Sec** **Date:** **प्रश्न 1. बाज ज़िंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी आकाश में उड़ना क्यों चाहता था ?** **उत्तर:** बाज ज़िंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा, फिर भी घायल होने के बाद भी वह उड़ना चाहता था, क्योंकि असीम आकाश में स्वच्छंद विचरण उसे अत्यंत प्रिय था | अपने अंतिम समय में भी आकाश का आकर्षण उसे अपनी तरफ खींच रहा था | **प्रश्न 2. साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था | फिर भी उसने उड़ने की कोशिश क्यों की ?** **उत्तर:** साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था क्योंकि उसे उड़ने और रेंगने में कोई ख़ास अंतर दिखाई नहीं देता था | बाज के उड़ने के प्रयास और ललक को देखकर साँप के मन में भी बाज की तरह स्वतंत्रतापूर्वक विचरण करने की इच्छा उत्पन्न हुई इसके परिणामस्वरूप उसने उड़ने की कोशिश भी की | **प्रश्न 3. बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था ?** **उत्तर:** बाज के लिए लहरों ने गीत गाया क्योंकि वह साहसी और स्वतंत्रता प्रिय था | निडर बाज ने जीवन के हर खतरे का बहादुरी से सामना किया था तथा अपना कीमती रक्त बहाया था | आकाश की असीम ऊँचाईयों तथा स्वतंत्रता हेतु उसने हर मुश्किल का सामना किया और घायल होने के बाद भी उसके उत्साह में ज़रा भी कमी नहीं आई | बाज के साहस, वीरता, स्वतंत्रप्रियता जैसे गुणों से प्रभावित होकर लहरों ने उसके लिए गीत गाया था | **प्रश्न 4. घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा ?** **उत्तर:** बाज साँप का स्वाभाविक शत्रु है | अपने शत्रु को मरणासन्न अवस्था में देखकर वह निश्चिंत हो गया | उसके मन से भय निकल गया कि बाज उसका कुछ नुकसान कर सकता है | जीवन भर उससे डरने वाला साँप अपने परम शत्रु को घायल और असहाय अवस्था में देखकर मन-ही-मन खुश हो रहा था | **प्रश्न 5. बाज और साँप कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है ?** **उत्तर:** इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें हारकर भी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा प्रयत्न करते रहना चाहिए | अगर एकबार में सफलता न मिले तो कोशिश करते रहना चाहिए | बार-बार की गई कोशिशों से सफलता अवश्य प्राप्त होती है | --- ## DELHI PUBLIC SCHOOL, BANGALORE -EAST **HINDI NOTES** **TOPIC:** पानी की कहानी **Name:** **Class VIII** **Sec** **Date:** **प्रश्न 1- लेखक को ओस की बूँद कहाँ मिली ?** **उत्तर:** लेखक को ओस की बूँद बेर की झाड़ी के पास मिली | जो अचानक ही उसके हाथ में आ गई थी | वास्तव में वह बूँद सूर्योदय तक सहारा पाना चाहती थी | **प्रश्न 2- ओस की बूँद क्रोध और घृणा से क्यों कांप रही थी ?** **उत्तर:** बूँद का क्रोध व घृणा भाव पेड़ों के प्रति है क्योंकि पेड़ों की जड़ों के रोएँ बड़ी निर्दयता से आनंद से घूमने वाली बूँदों को बलपूर्वक अपनी ओर खींच लेते हैं व उनका अस्तित्व मिटा देते हैं | **प्रश्न 3- हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को पानी ने अपना पूर्वज क्यों कहा है ?** **उत्तर:** बूँद ने हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अपना पूर्वज कहा है क्योंकि एक जल कण में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का ही मिश्रण होता है | **प्रश्न 4 - समुद्र के तट पर बसे नगरों में अधिक ठंड और अधिक गर्मी क्यों नहीं पड़ती ?** **उत्तर:** समुद्र-तट के आस-पास के इलाकों के तापमान को समुद्र का पानी अधिक बढ़ने नहीं देता है । यही कारण है कि समुद्र तट पर बसे नगरों में न तो बहुत ठंड पड़ती है और न ही अधिक गर्मी, बल्कि वहाँ का मौसम हमेशा सुहावना बना रहता है | **(मूल्यपरक )** **प्रश्न - जल को जीवन की संज्ञा क्यों दी गई है ?** **उत्तर:** जल को जीवन की संज्ञा दी गई है क्योंकि जल के बिना पूरे प्राणी जगत का जीवन शून्य है | जल के बिना हमारे जीवन की जरूरतें पूरी नहीं हो सकती | लेकिन मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए जल को प्रदूषित करता है | यदि हमने जल को स्वच्छ नहीं रखा तो आने वाले समय में धरती पर तीन-चौथाई भाग पानी होने पर भी हमें पीने हेतु पानी नहीं मिल पाएगा | इसलिए हमें चाहिए कि जल को अमूल्य निधि मान कर उसके संरक्षण का पूरा ध्यान रखें | --- **प्रश्न 1. सुदामा की दीनदशा देखकर श्रीकृष्ण की क्या मनोदशा हुई ? अपने शब्दों में लिखिए |** **उत्तर:** सुदामा श्रीकृष्ण के गुरुभाई तथा परम मित्र थे | अपने बचपन के घनिष्ठ मित्र की ऐसी दीनदशा देखकर श्रीकृष्ण इतने दुखी हुए कि उनकी आँखों से आँसुओं की धारा बहने लगी | परात में भरे पानी से उन्हें मित्र के पैर धुलाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी | सुदामा के पैर श्रीकृष्ण के आँसुओं से ही धुल गए | **प्रश्न 2. अपने गाँव लौटकर जब सुदामा अपनी झोंपड़ी नहीं खोज पाए तब उनके मन में क्या-क्या विचार आए ? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए |** **उत्तर:** द्वारकाधीश प्रभु श्रीकृष्ण की असीम कृपा के फलस्वरूप सुदामा की विपन्नता संपन्नता में परिवर्तित हो गई | अपने गाँव पहुँचकर सुदामा अपनी झोंपड़ी खोज रहे थे, परंतु वहाँ पर उन्हें द्वारका के समान ही आलीशान राजमहल नज़र आ रहे थे | यह देखकर उनके मन में विचार आया कि कहीं वे अपना रास्ता भटककर वापस द्वारका तो नहीं आ गए | **प्रश्न 3. श्रीकृष्ण ने सुदामा की मदद अप्रत्यक्ष रूप से क्यों की ?** **उत्तर:** कृष्ण और सुदामा परम मित्र थे | सुदामा अत्याधिक गरीबी का जीवन जी रहे थे जबकि श्रीकृष्ण राजसी | सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर श्रीकृष्ण से सहायता माँगने के लिए द्वारका जाते हैं । वे कृष्ण से प्रत्यक्ष रूप से कुछ कह नहीं पाते लेकिन कृष्ण ने सुदामा की मनोदशा जान ली थी और वे सुदामा को प्रत्यक्ष रूप से कुछ देकर उसे उसकी नज़रों में नीचा नहीं करना चाहते थे इसलिए श्रीकृष्ण ने सुदामा की सहायता अप्रत्यक्ष रूप से की | **नैतिक / मूल्यपरक प्रश्न** **प्रश्न 4. मित्रता में हमें किन बातों को अनदेखा करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?** **उत्तर:** मित्रता में हमें मित्र के बाहरी रूप-रंग, धन-वैभव या उनकी जाति को अनदेखा कर सिर्फ़ उसके गुण, आचरण और हुनर को प्राथमिकता देनी चाहिए | --- ## DELHI PUBLIC SCHOOL, BANGALORE -EAST **HINDI** **TOPIC:** अकबरी लोटा **Name:** **Class VIII** **Sec** **Date:** **प्रश्न 1. “लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे ।” लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था | फिर भी उन्होंने चुपचाप ले लिया | आपके विचार में चुप क्यों रहे ?** **उत्तर:** लाला झाऊलाल एक सभ्य व्यक्ति थे और अपनी पत्नी का सम्मान करते थे | उनकी पत्नी जब बेढंगे लोटे में पानी लेकर आई तो झाऊलाल ने सोचा कि इस लोटे से फिर भी पानी पिया जा सकता है, परंतु पत्नी को उसके काम के लिए डाँटा जाए, तो सकता है कि गुस्से में आकर अगली बार खाना बाल्टी में ही न परोस दे | अतः उन्होंने अपने गुस्से को पीकर उस बेढंगे लोटे से पानी पी लिया | **प्रश्न 2. अंग्रेज़ के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इनकार कर दिया था ? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे थे ? स्पष्ट कीजिए |** **उत्तर:** बिलवासी जी बड़े ही चालाक व्यक्ति थे | वह चाहते थे कि अपने मित्र को मुसीबत से निकाला जाए और उनकी आर्थिक समस्या का भी निदान किया जाए, इसलिए अंग्रेज़ साहब का विश्वास प्राप्त करने के लिए उन्होंने लाला झाऊलाल को पहचानने तक से इनकार कर दिया | **प्रश्न 3. बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था ? लिखिए |** **उत्तर:** बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध अपनी पत्नी के संदूक से पैसे चुराकर किया था क्योंकि इतने कम समय में इतने अधिक रुपयों का प्रबंध करना असंभव था | अतः उन्होंने सोचा कि कुछ दिन बाद जब रुपयों का प्रबंध हो जाएगा तो वे रुपए अपनी पत्नी के संदूक में वापस रख देंगे | **प्रश्न 4. “उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई ।”** **समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी जी की उड़ी तो क्यों ? लिखिए |** **उत्तर:** उस रात बिलवासी जी को नींद नहीं आई थी क्योंकि उन्हें पत्नी के संदूक में पैसे वापस रखने थे | समस्या उनके मित्र की थी पर नींद उनकी आँखों में नहीं थी क्योंकि उन्होंने अपने मित्र की समस्या को दूर करने के लिए अपनी पत्नी के संदूक से पैसे चुराए थे अब वह पत्नी के जाने बिना ही उन पैसों को वापस उस संदूक में रखना चाहते थे | **मूल्यपरक प्रश्न** **प्रश्न-'अकबरी लोटा' पाठ के आधार पर हमारे देश में विदेशी पर्यटकों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है ? अपने विचार लिखिए |** **उत्तर:** मेरे विचार से हमारे देश में विदेशी पर्यटकों के साथ कुछ ऐसा ही व्यवहार किया जाता है, जैसे इस पाठ में किया गया है | वाहनचालक मनमाना किराया वसूल करते हैं, दुकानदार साधारण वस्तुओं को पुरातन बताकर बेचते हैं | मेरे विचार से विदेशी पर्यटकों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए तब ही कहावत 'अतिथि देवो भव; साकार होगी |

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