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7th शब्दकोष कक्षा - VII माह - सितंबर 2021 व्याकर पर्यायवा क्रम शब्द णिक अर्थ विलोम...
7th शब्दकोष कक्षा - VII माह - सितंबर 2021 व्याकर पर्यायवा क्रम शब्द णिक अर्थ विलोम वाक्य प्रयोग- जिसमें मख् ु य शब्द रे खांकित हो | ची इकाई 1 अनक ु ूल संज्ञा अनस ु ार अनरू ु प प्रतिकूल हिमाचल की जलवायु मेरे लिए अनक ु ू ल है । 2 नत ू न विशेषण नया नवीन परु ातन मेरे मन में नत ू न अभिलाषा जागत ृ हुई| 3 निरर्थक विशेषण अनावश्यक व्यर्थ सार्थक हमें निरर्थक बातें नहीं करनी चाहिए | 4 निर्माण क्रिया उत्पादन सज ृ न विनाश अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण जारी है । 5 अविचल विशेषण स्थिर अटल विचल हिमालय अविचल है | मानवता विरोधी दृश्य दे खकर मेरा मन व्यग्र हो 6 व्यग्र विशेषण बेचन ै अधीर शांत जाता है । मनष्ु य के अच्छे कार्यों से उसकी कीर्ति चारों दिशाओं 7 कीर्ति विशेषण प्रसिद्धि यश अपकीर्ति में फैलती है | 8 निंदा संज्ञा बरु ाई भर्त्सना स्तति ु दस ू रों की निंदा करना बरु ी बात है | आम असाधार 9 साधारण विशेषण सामान्य साधारण मनष्ु य सक ु ू न से जीवन जीता है | (मामल ू ी) ण विद्यमा अनप ु स्थि 10 उपस्थित विशेषण मौज़द ू सभा में उपस्थित सभी जन मौन थे | न त 11 तरुण विशेषण यव ु ा जवान वद् ृ ध तरुण होने पर बालक समझदार हो जाते हैं । 12 नम्रता संज्ञा दया सौम्यता उद्दण्डता नम्रता का भाव मनष्ु य के उच्च व्यक्तित्व की पहचान है | 13 चंचल संज्ञा अधीर अस्थिर स्थिर बच्चे स्वाभाविक रूप से चंचल होते हैं । 14 अतिथि संज्ञा मेहमान पाहुन आतिथेय अतिथि दे वता स्वरुप होते हैं | 15 संयम संज्ञा धीरज धैर्य असंयम हमें अपनी इच्छाओं पर संयम रखना चाहिए | 16 सरल विशेषण सीधा सहज जटिल हिंदी भाषा सरल है | 17 आशा संज्ञा उम्मीद आस निराशा आशा मन में उत्साह का संचार करती है । 18 सरु संज्ञा दे वता विबध ु असरु सरु सागर मंथन से अमत ृ पाने में सफल हुए । 19 फुर्ती संज्ञा चस् ु ती तेज़ी आलस्य सब ु ह जल्दी उठने से शरीर में फुर्ती रहती है । पारितोषि 20 परु स्कार संज्ञा इनाम दण्ड मेहनत करने पर ही परु स्कार मिलता है | क कक्षा - VII माह - अक्टूबर 2021 क्रम शब्द व्याकरणि अर्थ पर्यायवाची विलोम वाक्य प्रयोग- जिसमें मख् ु य शब्द रे खांकित हो | क इकाई 1 निर्मम विशेषण ममताहीन निष्ठुर दयालु माँ कभी निर्मम नहीं होती । 2 परवाह संज्ञा चिंता ध्यान बेपरवाह सैनिक दे श की रक्षा के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं करते । 3 निःस्वार्थ क्रिया बिना स्वार्थ स्वार्थ-हीन स्वार्थी हमें नि:स्वार्थ भाव से बड़ों की सेवा करनी चाहिए l -विशेषण के 4 आकांक्षा संज्ञा कामना अभिलाषा अनाकां मेरी आकांक्षा है कि मैं एक सफल व्यक्ति बनँू | क्षा 5 ग्लानि संज्ञा पश्चाताप पछतावा हर्ष मेरे मन में ग्लानि है कि मैं आपकी सहायता नहीं कर सका l 6 प्रतिकार संज्ञा बदला प्रतिशोध सहयोग स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए क्रांतिकारियों में प्रतिकार की भावना थी l 7 क्रंदन संज्ञा रुदन विलाप हर्ष महामारी ने बहुत लोगों को क्रंदन के लिए विवश कर दिया था । 8 आसक्त विशेषण मोहित अनरु क्त अनास माँ अपने पत्र ु के प्रेम में आसक्त थी । क्त 9 सत्कार संज्ञा सम्मान आवभगत तिरस्कार मेहमान का सत्कार करना भारतीय संस्कृति की विशेषता है । 10 व्यथित विशेषण दख ु ी परे शान प्रमदि ु त घायलों को दे ख कर मन व्यथित हो उठा । 11 परिचित संज्ञा जानकार ज्ञात अपरिचि त्योहार के अवसर पर सभी परिचित घर पर आए l त 12 संपन्न संज्ञा धनवान समद् ृ ध विपन्न प्रत्येक व्यक्ति संपन्न होना चाहता है । 13 कलह संज्ञा लड़ाई झगड़ा सल ु ह घर की शांति कलह से भंग हो जाती है । 14 नियक् ु त क्रिया तैनात पदासीन निष्कासि प्रशासनिक पद पर नियक् ु त होना सहज नहीं है । त 15 आशीर्वाद संज्ञा आशीष शभ ु कामना शाप पिता ने पत्र ु ी को उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद दिया l 16 अधीन विशेषण आश्रित निर्भर मक् ु त नेताजी ने अंग्रेज़ों के अधीन न रहने की शपथ ली । 17 अभिमान संज्ञा घमंड गर्व निराभि हमें अपने दे श पर अभिमान है l मान 18 परमार्थ संज्ञा भलाई परोपकार स्वार्थ परमार्थ ही मनष्ु यता की पहचान है । 19 उत्सक ु विशेषण जानने की जिज्ञासु अनत्ु सक ु नए विचारों के प्रति उत्सक ु होना ज्ञानवर्धक होता है । इच्छा 20 उपचार संज्ञा इलाज निदान अपचार चिकित्सक ने रोगी की बीमारी का उपचार किया l कक्षा - VII माह - नवंबर 2021 व्याकर पर्यायवा क्रम शब्द णिक अर्थ विलोम वाक्य प्रयोग- जिसमें मख् ु य शब्द रे खांकित हो | ची इकाई 1 मैत्री संज्ञा मित्रता दोस्ती वैमनस्य भगवान कृष्ण कौरवों को मैत्री की राह बताने के लिए आए l सम ु ार्ग संज्ञा उत्तम सन्मार्ग कुमार्ग ज्ञान हमें सम ु ार्ग पर चलना सिखाता है l 2 रास्ता असाध्य विशेष मश्कि ु ल दष्ु कर साध्य कोई भी कार्य असाध्य नहीं होता l 3 ण प्रखर विशेष तेज़ तीक्ष्ण मंद प्रखर बद् ु धि असंभव को भी संभव बना दे ती है l 4 ण 5 मनज ु संज्ञा मानस ु मनष्ु य दनज ु गरु ु मनज ु जीवन को सार्थक बनाना सिखाते हैं । 6 विवेक संज्ञा बद् ु धि समझ अविवेक मस ु ीबत के समय विवेक से काम लेना चाहिए l तप्ृ त विशेष अघाना संतष्ु ट अतप्ृ त भिखारी भोजन कर के तप्ृ त हो गया । 7 ण निर्भय विशेष भय निडर भयभीत दे श की रक्षा के लिए सैनिक निर्भय होकर आगे बढ़ते हैं l 8 ण रहित विशेष साधओ ु ं ने असरु ों को पज ू ा में विघ्न डालने पर कुपित होकर 9 कुपित नाराज़ क्रोधित प्रसन्न ण शाप दे दिया l 10 विध्वंस संज्ञा बर्बादी विनाश निर्माण यद् ु ध विध्वंस का कारण बनता है l निराला जी ने अपनी कविता में प्रकृति के मानवीय स्वरूप का 11 स्वरूप संज्ञा आकार आकृति विरूप चित्रण किया है । भीषण विशेष भयंकर डरावना सौम्य जन ू के महीनें में भीषण गर्मी होती है । 12 ण 13 न्याय संज्ञा निबटारा फ़ैसला अन्याय न्यायाधीश न्याय करने में चक ू नहीं करते l 14 हित संज्ञा भलाई कल्याण अहित सरकार सभी के हित में कार्य करती है l विकराल विशेष बहुत भयानक लघक ु ाय राक्षसों का रूप विकराल होता है l 15 ण बड़ा अचेत विशेष बेहोश जड़ सचेत अधिक गर्मी के कारण व्यक्ति अचेत हो सकता है l 16 ण 17 सग ु ंध संज्ञा ख़श ु बू महक दर्गं ु ध फूलों की सग ु ंध वातावरण में फैल गई l भारतीय संस्कृति में शीश झुकाकर प्रणाम करने की परं परा हैं 18 शीश संज्ञा सिर शिर पद l 19 कसर संज्ञा कमी अधरू ा पर्ण ू परीक्षा की तैयारी में कोई कसर नहीं रखनी चाहिए l अनठ ू ा विशेष अद्भत ु विलक्षण सामान्य हमारा दे श सभ्यता व संस्कृति का अनठ ू ा उदाहरण है l 20 ण कक्षा - VII माह - दिसंबर 2021 क्रम शब्द व्याकर अर्थ पर्यायवा विलोम वाक्य प्रयोग णिक ची इकाई 1 स्मरण संज्ञा याद स्मति ृ विस्मरण हमें सदै व ईश्वर का स्मरण करना चाहिए । 2 धमि ू ल विशेषण धध ुँ ला धम ू वर्णी उज्ज्वल कोहरे के कारण सब कुछ धमि ू ल नजर आ रहा है । सम्मानित विशेषण सम्मान के सम्मान अपमानित श्री नीरज चोपड़ा को प्रधानमंत्री ने सम्मानित किया । 3 योग्य नीय 4 सावधान संज्ञा चौकन्ना सचेत असावधान हमें अजनबियों से सावधान रहना चाहिए । चेष्टा संज्ञा कोशिश प्रयास कुचेष्टा अधिक धन पाने की चेष्टा व्यक्ति के सोचने समझने 5 की शक्ति को नष्ट कर दे ती है । कृपण विशेषण कंजस ू सम ू दानी कृपण व्यक्ति सदै व धन जोड़ने के बारे में सोचता रहता 6 है । आश्रित संज्ञा निर्भर अवलंबि निराश्रित हमें दस ू रों पर आश्रित नहीं रहना चाहिए । 7 त 8 आस्था संज्ञा भरोसा निष्ठा अनास्था हमें ईश्वर में आस्था रखनी चाहिए । अभिमानी विशेषण अहं कारी घमंडी निराभिमा अभिमानी व्यक्ति जीवन में कभी सफल नहीं होते । 9 नी सम्मिलित संज्ञा शामिल यक् ु त असम्मिलि हमें अपनी दिनचर्या में योगा व सैर को सम्मिलित 10 त करना चाहिए । 11 तनिक अव्यय थोड़ा ज़रा-सा अधिक मोहन की काबिलियत पर तनिक भी संदेह नहीं है । 12 तीव्र विशेषण तेज द्रत ु मंद गाड़ी तीव्र गति से चल रही थी । 13 सार्थक विशेषण अर्थपर्ण ू मन ु ासिब निरर्थक हमें हमेशा सार्थक बातें करनी चाहिए । प्रत्यक्ष संज्ञा साक्षात दृष्टिगोच परोक्ष प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है । 14 र 15 स्थिरता संज्ञा दृढ़ता अटलता अस्थिरता हमें अपने मन में स्थिरता का भाव रखना चाहिए । 16 विलायती विशेषण दस ू रे दे श का विदे शी स्वदे शी गांधीजी ने विलायती वस्तओ ु ं का बहिष्कार किया । ग्राहक संज्ञा लेने या पाने ख़रीददार विक्रेता ग्राहक के साथ कभी धोखा नहीं करना चाहिए। 17 की इच्छा रखने वाला 18 तारीफ़ संज्ञा बड़ाई प्रशंसा बरु ाई अच्छे काम करने वालों की हमेशा तारीफ़ होती है । 19 मज़बत ू विशेषण ताकतवर बलशाली कमज़ोर लोहे के बरतन मज़बत ू होते हैं । 20 संभवत: अव्यय शायद मम ु किन असंभवत: संभवत: मेरे दादा जी इस सप्ताह अमेरिका से भारत आएँगें । कक्षा - VII माह - जनवरी 2022 क्रम शब्द व्याकर अर्थ पर्यायवा विलोम वाक्य प्रयोग णिक ची इकाई 1 प्रतीत विशेषण मालम ू होना विदित अप्रतीत समद्र ु का जल नीला प्रतीत होता है । 2 उपयोग संज्ञा इस्तेमाल में उपभोग हमें हमेशा स्वदे शी वस्तओ ु ं का उपयोग करना चाहिए लाना । अपनाप 3 बेरुखी संज्ञा रूखापन शष्ु कता न मोहन ने आज मझ ु से बेरुखी से बात की । 4 कर्क श विशेषण कठोर सख्त मधरु कौए की आवाज कर्क श होती है l ` अंबर संज्ञा आकाश अंतरिक्ष मेहनती मनष्ु य अंबर को छू लेने का दम रखते हैं l 6 सतष्ृ ण विशेषण तष्ृ णा-यक् ु त ललचाई अतष्ृ ण भिखारी ने भोजन की ओर सतष्ृ ण दृष्टि से दे खा l हमें कभी भी दस ू रों के प्रति द्वेष की भावना नहीं 7 द्वेष संज्ञा ईर्ष्या नफ़रत राग रखनी चाहिए l अस्वीका 8 स्वीकार संज्ञा ग्रहण करना स्वीकृत र अपनी गलती स्वीकार करने में बड़प्पन है । सभी को अपना जीवन सार्थक बनाने का प्रयास करना 9 सार्थक विशेषण अर्थवान उपयोगी निरर्थक चाहिए l 10 अविनाशी विशेषण जिसका नाश अनंत विनाशी ईश्वर अविनाशी हैं l न हो 11 भयभीत संज्ञा डरा हुआ भयावह निडर नन्हा बालक शेर को दे खकर भयभीत हो गया l न्यायाधीश ने प्रमाण के आधार पर दोषी को दं ड दिया 12 आधार संज्ञा मापदं ड कसौटी निराधार l करुणा 13 करुण विशेषण दयनीय यक् ु त निष्ठुर मेरे मित्र की आँखों में करुण भाव दिखाई दे रहा था l 14 जीवन संज्ञा जिंदगी प्राण मरण हमें अपने जीवन में सदै व अच्छे कर्म करने चाहिए | 15 कष्ट संज्ञा पीड़ा वेदना सख ु हमें किसी को भी कष्ट नहीं दे ना चाहिए l 16 गुण संज्ञा स्वभाव कौशल अवगुण प्रत्येक मनष्ु य में कोई ना कोई गुण अवश्य होता है l 17 गणतंत्र विशेषण लोकतंत्र जनतंत्र राजतंत्र हम प्रति वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं l 18 पक्ष संज्ञा समह ू वर्ग विपक्ष हमें कभी भी बरु े लोगों का पक्ष नहीं लेना चाहिए । 19 भिज्ञ संज्ञा जानकार ज्ञाता अनभिज्ञ मेरा मित्र मेरे स्वभाव से भिज्ञ है l असाम 20 सामर्थ्य संज्ञा योग्यता शक्ति र्थ्य हमें अपनी सामर्थ्य के अनस ु ार कार्य करना चाहिए l कक्षा - VII माह - फरवरी 2022 क्रम शब्द व्याकरणि अर्थ पर्यायवाची विलोम वाक्य प्रयोग क इकाई 1 आकर्षण संज्ञा सम्मोहन कशिश विकर्षण आगरा में ताजमहल आकर्षण का केंद्र है । 2 अहं कार संज्ञा गर्व अभिमान निरहं कार अहं कार हमेशा विनाश का कारण होता है । 3 उज्ज्वल विशेषण स्वच्छ/प्रका दीप्तिमान धमि ू ल सोमेश ने अच्छे अंक पाकर अपने माता-पिता का नाम शमान उज्ज्वल कर दिया । 4 उत्साह संज्ञा जोश उमंग निरुत्साह गुरुजी की बातों से मेरा उत्साह वर्धन हुआ । 5 उपकार संज्ञा भलाई परोपकार अपकार हमें हमेशा उपकार की भावना रखनी चाहिए । 6 उपयक् ु त विशेषण उचित मन ु ासिब अनप ु यु परीक्षा में उपयक् ु त उत्तर से ही पर्ण ू अंक प्राप्त होते हैं । क्त 7 ऊष्मा संज्ञा गरमी ताप ठं डक हाथों के घर्षण से ऊष्मा पैदा होती है । 8 एकता संज्ञा एका एकसत्र ू ता अनेकता एकता में बल है । 9 ऐश्वर्य संज्ञा वैभव सम्पन्नता अनैश्वर्य ऐश्वर्य से जीने के लिए धन की आवश्यकता होती है । 10 कर्म संज्ञा कार्य निष्कर्म हमें हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए । काम 11 उन्नति संज्ञा प्रगति उत्थान अवनति मेहनती मनष्ु य सदै व उन्नति करते हैं । 12 संधि संज्ञा मेल संयोग विग्रह यद् ु ध करने वाले दे शों के बीच संधि हो गई | 13 एकांत संज्ञा निर्जन सन ु सान भीड़ एकांत में ध्यान लगाना प्रभावशाली होता है । 14 ओजस्वी विशेषण ओजशाली तेजस्वी ओजहीन राम एक ओजस्वी राजा थे | 15 ईर्ष्या संज्ञा जलन द्वेष प्रेम ईर्ष्या करना बरु ी बात है । 16 कृत्रिम विशेषण अवास्तविक नकली प्राकृतिक कुछ कृत्रिम वस्तओ ु ं की चमक लंबे समय के लिए नहीं होती है | 17 उदार विशेषण दयालु दयावान अनद ु ार उदार व्यक्ति हमेशा सबकी मदद करने के लिए तैयार रहते हैं | 18 जटिल विशेषण कठिन दर्बो ु ध सरल मेहनती व्यक्ति के लिए जटिल कार्य असंभव नहीं होते | 19 उत्कर्ष संज्ञा उन्नति उत्थान अपकर्ष हमें उत्कर्ष की राह पर चलना चाहिए | 20 क्षीण विशेषण दर्ब ु ल बलहीन पष्ु ट वद् ृ धावस्था में शरीर क्षीण हो जाता है | कक्षा - VIII माह - मार्च 2022 क्रम शब्द व्याकर अर्थ पर्यायवा विलोम वाक्य प्रयोग णिक ची इकाई आश्चर्य संज्ञा ताज़्ज़ब ु विस्मय अनाश्चर्य बचपन के मित्र में परिवर्तन दे खकर मझ ु े बहुत आश्चर्य 1 हुआ । 2 पाक़ विशेषण पवित्र पावन नापाक़ हमारी सोच सदै व पाक़ होनी चाहिए । 3 रज़ामंदी संज्ञा सहमति स्वीकृति असहमति सोहन अपने पिता की रज़ामंदी से ही सब कार्य करता है । 4 सघन विशेषण घना गझिन विरल भारत के उत्तर पर्व ू में सघन वन हैं । 5 नरू संज्ञा चमक प्रकाश बेनरू सीता के चेहरे पर गज़ब का नरू है । 6 मरम्मत संज्ञा सध ु ारना दरु ु स्त क्षति परु ाने भवन को मरम्मत की आवश्यकता है । 7 सन ु हली विशेषण सोने के स्वर्णिम धध ुँ ला सर्दियों में सन ु हली धप ू सभी को अच्छी लगती है । रं ग का 8 नश ृ ंस विशेषण निर्दय क्रूर दयालु जलियाँवाला बाग के नश ृ ंस हत्याकांड को कभी नहीं भल ु ाया जा सकता । 9 बेखौफ़ विशेषण निर्भय निडर ख़ौफ़ साहसी मनष्ु य की जिंदगी बिल्कुल बेखौफ़ होती है । 10 संगठन संज्ञा एकत्रीकरण समन्वय विघटन संगठन में बहुत शक्ति है । 11 फ़ुर्सत संज्ञा अवकाश छुट्टी व्यस्त फ़ुर्सत के क्षणों का सदप ु योग करके जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है । 12 दर्दनाक विशेषण दर्द से भरा कष्टप्रद सख ु दायी मैनें एक दर्दनाक सड़क दर्घ ु टना दे खी । हुआ 13 पण् ु य संज्ञा पवित्र पावन पाप जरूरतमंद की सहायता करना एक पण् ु य का काम है । 14 शिष्टाचार संज्ञा शिष्टतापर्व ू सदाचार अशिष्टाचा अपनों से बड़ों का आदर करना शिष्टाचार है । क किया र गया व्यवहार 15 निस्पंद विशेषण जिसमे स्थिर गतिशील घायल व्यक्ति निस्पंद पड़ा था । कोई हरकत ना हो 16 आदर्श विशेषण प्रतिमान प्रतिरूप अनादर्श आदर्श व्यक्ति के विचार अनक ु रणीय हैं | 17 कर्ज़ संज्ञा ऋण उधार उऋण कर्ज़ लेकर खर्च करना अच्छी आदत नहीं है । 18 है सियत संज्ञा सामर्थ्य बिसात बेहैसियत हमें अपनी है सियत के अनस ु ार खर्च करना चाहिए । 19 नौजवान संज्ञा यव ु ा तरुण वद् ृ ध नौजवान ही दे श का भविष्य हैं । 20 निगरानी संज्ञा संरक्षण निरीक्षण अनदे खी पलि ु स की निगरानी में चोर को कोर्ट ले जाया गया। कक्षा - VIII माह - अप्रैल 2022 क्रम शब्द व्याकर अर्थ पर्यायवा विलोम वाक्य प्रयोग णिक ची इकाई 1 विच्छिन्न विशेषण काट कर विभक्त अविच्छि राम ने यद् ु ध में रावण का सिर विच्छिन्न कर दिया । अलग किया न्न हुआ विपत्ति संज्ञा संकट आपत्ति संपत्ति विपत्ति के कठिन क्षणों में विधाता को दोषी नहीं ठहराना 2 चाहिए । निष्ठा संज्ञा विश्वास अनिष्ठा चंद्रा ने अपनी निष्ठा, धैर्य एवं साहस से पी.एच. डी की 3 दृढ़ निश्चय उपाधि हासिल की । 4 निर्जीव विशेषण मरा हुआ मत ृ सजीव डॉक्टर चंद्रा का निचला धड़ निर्जीव था । 5 तटस्थ विशेषण जो किसी का निष्पक्ष पक्षपाती न्यायालय में न्यायाधीश तटस्थ होते हैं । पक्ष न लेता हो 6 स्मरण संज्ञा स्मति ृ याद विस्मरण रोज सब ु ह बादाम खाने से स्मरण शक्ति अच्छी होती है । 7 अमानवीय विशेषण जो मनष्ु य के क्रूर मानवीय हमें अमानवीय व्यवहार नहीं करना चाहिए । योग्य न हो 8 निष्प्राण विशेषण प्राणरहित निर्जीव प्राणवान चंद्रा का निचला शरीर निष्प्राण मांसपिंड मात्र होने पर भी, वह सदै व प्रसन्न रहती थीं । 9 दं ड संज्ञा सज़ा जर्मा ु ना परु स्कार अदालत ने चोर को जेल की सजा का दं ड दिया । अस्तित्व संज्ञा वजद ू सत्ता अनस्ति पर्यावरण का अस्तित्व पेड़ों को बचाने पर निर्भर करता है 10 त्व । 11 सग ु म विशेषण सरल सहज दर्ग ु म कड़ी मेहनत कठिन परिस्थितियों को भी सग ु म बना दे ती है । 12 पाश्चात्य विशेषण पश्चिमी दे शों पश्चिमी पौर्वात्य आज की पीढ़ी पाश्चात्य सभ्यता की ओर आकर्षित हो रही का (पर्वी ू ) है । 13 संतल ु न संज्ञा ठीक से साम्य असंतल ु न तराज़ू समान भार होने पर आपसी संतल ु न बना कर तौलने की रखती है । क्रिया या भाव 14 अदम्य विशेषण जिसका दमन प्रचंड दमनीय भारतीय सैनिकों में अदम्य साहस होता है । न हो सके 15 अभिशाप संज्ञा शाप वरदान भगवान इंद्र के अहं कार को शांत करने के लिए ऋषि बद्दआ ु दर्वा ु सा ने उन्हें अभिशाप दिया था । 16 विषाद संज्ञा दख ु अवसाद हर्ष हर्ष और विषाद जीवन के दो पहलू हैं । 17 अचल विशेषण गतिहीन अटल चल हिमालय पर्वत अचल है । सर्वांगीण विशेषण सभी अंगों में सर्वांगी एकांगी सर्य ू नमस्कार करने से शरीर का सर्वांगीण विकास होता है 18 व्याप्त क । विशिष्ट विशेषण असाधारण विलक्ष सामान्य इस बार गणतंत्र दिवस की परे ड में विशिष्ट अतिथि 19 ण पधारें गे । 20 प्रख्यात विशेषण अतिप्रसिद्ध मशहूर अख्यात सोनू निगम एक प्रख्यात गायक हैं । कक्षा - VIII माह - मई 2022 क्रम शब्द व्याकरणि अर्थ पर्यायवा विलोम वाक्य प्रयोग क इकाई ची नगण्य विशेषण तच् ु छ निकृष्ट गण्य समाज की भलाई हे तु अपराध का नगण्य होना ही 1 उचित है । 2 बदहवा विशेषण घबराया उद्विग्न होश-हवास/ हमले की खबर सन ु कर जनता बदहवास सी भागने स हुआ / विकल सतर्क लगी । क्रंदन संज्ञा विलाप रुदन हँसना अभिमन्यु की मत्ृ यु का समाचार सन ु कर द्रौपदी क्रंदन 3 करना करने लगी । अभ्य विशेषण दक्ष निपण ु नौसिखिया मर्ति ू कार के अभ्यस्त हाथों ने पत्थर में भी जान डाल 4 स्त दी। 5 दरख़्वा संज्ञा प्रार्थना पत्र अर्जी आदे श/आदे अचानक हुए हमले के कारण सभी सैनिको की छुट्टी स्त श पत्र की दरख़्वास्त नामंजरू हो गई। कुटिल विशेषण चालाकी दष्ु ट सरल बरु े लोगों की कुटिल बातों में नहीं आना चाहिए । 6 भरा 7 बैरागी संज्ञा संसार से संन्यासी गह ृ स्थ संसार का मोह त्यागकर मोहन बैरागी हो गया। विरक्त 8 असंख्य विशेषण संख्यातीत अनगिनत गणनीय स्वाधीनता संग्राम में असंख्य वीरो ने बलिदान दिया। 9 विकृत विशेषण बिगडा हुआ विकारयु विकारमक् ु त भय के कारण राहुल का चेहरा विकृत हो गया। क्त 10 चकमा संज्ञा धोखा वंचना निश्छ्ल चोर पलि ु स को चकमा दे कर भाग गया। 11 रद्दी विशेषण परु ाने और अनप ु यो उपयोगी रद्दी कागज़ सड़क पर नहीं फेकने चाहिए । बेकार गी कागज़ 12 निवेदन संज्ञा विनय अनन ु य आज्ञा मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि आप सच का साथ दें | 13 विघ्न संज्ञा बाधा अड़चन निर्विघ्न राक्षस साधओ ु ं की पज ू ा में विघ्न डालते थे । 14 दिलच विशेषण मजेदार रूचिकर अरुचिकर रोहन के दिलचस्प किस्सों के कारण सभा में चार चाँद स्प लग गए । 15 भिक्षा संज्ञा दीनता भीख दान फ़कीर भिक्षा पर ही गुजर-बसर करते हैं । पर्व ू क माँगना सिफ़ारि संज्ञा अनश ु ंसा संस्तति ु शिकायत नौकरी पाने के लिए राम ने नेताजी से सिफ़ारिश 16 श करना लगवाई। 17 गुज़ारा संज्ञा खर्च / निर्वाह तंगी महँगाई के इस दौर में गुज़ारा करना अत्यंत मश्कि ु ल आजीविका हो गया है । 18 कौड़ी संज्ञा थोड़ा धन द्रव्य कीमती राम ने अपनी जमीन कौड़ी के दम बेंच दी । अधिका संज्ञा आज के समय में महिलाएँ अपने अधिकार के प्रति 19 र हक स्वामित्व अनाधिकार जागरूक हैं | 20 असमर्थ विशेषण अक्षम अयोग्य समर्थ मैं तम् ु हारी मदद करने में असमर्थ हूँ। कक्षा - आठ माह - जल ु ाई 2022 क्रम शब्द व्याकरणिक अर्थ पर्यायवाची विलोम वाक्य प्रयोग इकाई 1 निराश विशेषण हताश मायस ू आशावान मनष्ु य को कभी निराश नहीं होना चाहिए । 2 अवनि संज्ञा धरती पथ् ृ वी अंबर अवनि की हरियाली मन को मोह लेती है । उद्यम संज्ञा श्रम, मेहनत उद्योग-धं आलस्य जीवन में उद्यम ही सफलता दिलाता है । 3 धा 4 प्रशस्त विशेषण श्रेष्ठ उत्तम अप्रशस्त भारतीय खिलाड़ियों ने विदे श में प्रशस्त प्रदर्शन किया । 5 अलभ्य विशेषण दर्ल ु भ बहुमल् ू य लभ्य कुछ सँपेरों के पास अलभ्य नागमणि होती है । 6 सपना संज्ञा स्वप्न मनगढ़ं त हकीकत सफलता के लिए सपना दे खना ही पर्याप्त नहीं है । 7 निज विशेषण अपना मख् ु य पर निज भाषा विचार सम्प्रेषण का सशक्त माध्यम होती है | 8 लक्ष्य संज्ञा उद्दे श्य निशाना अलक्ष्य विद्यार्थियों को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए । नभ संज्ञा आकाश अंबर पाताल वर्षा ऋतु में नभ काले-काले मेघों से घिरा रहता 9 है । 10 अवलंब संज्ञा सहारा आश्रय निरालंब अमरबेल दस ू रे वक्ष ृ ों पर अवलंब होकर बढ़ती है । 11 निष्क्रिय विशेषण क्रियाहीन निश्चेष्ट क्रियाशील दर्घ ु टना के पश्चात कुछ यात्री निष्क्रिय अवस्था में थे । 12 अनिरु विशेषण व्यवधान-रहित निर्विरोध निरुद्ध दे वताओं का यज्ञ अनिरुद्ध संपन्न हुआ । द्ध 13 शचि ु विशेषण शद् ु ध पवित्र अशचि ु मंदिर एक शचि ु स्थान है । 14 सत्कार संज्ञा आदर-सम्मान आतिथ्य दत्ु कार हमें साध-ु संतों का सत्कार करना चाहिए | 15 मान संज्ञा सम्मान आदर अपमान हमें सदै व बड़ों का मान करना चाहिए । दान विशेषण श्रद्धा से कुछ ख़ैरात भीख अंग दान महादान है । 16 दे ना (आदान) 17 वांछित विशेषण चाहा हुआ इच्छित अवांछित वांछित फल प्राप्त करने के लिए कर्म करना आवश्यक है । दोष संज्ञा ख़राबी अवगण ु , गण ु बिना सोचे-समझे किसी को दोष नहीं दे ना चाहिए 18 कमी । 19 शद् ु ध विशेषण स्वच्छ निर्मल अशद् ु ध हमें सदै व शद् ु ध जल पीना चाहिए । 20 खेद संज्ञा पछतावा रं ज प्रसन्नता समय का महत्त्व समझ लेने से जीवन में कभी भी खेद नहीं होगा । कक्षा - VIII माह - अगस्त 2021 क्रम शब्द व्याकरणि अर्थ पर्यायवा विलोम वाक्य प्रयोग- जिसमें मख् ु य शब्द रे खांकित हो | क इकाई ची 1 उत्तग ंु विशेषण बहुत ऊँचा गगनस्पर्शी नगण्य उत्तग ंु शिखर को दे खकर पर्वतारोही रोमांचित हो उठे । 2 धरती स्त्रीलिंग पथ् ृ वी धरा आकाश मेरे गाँव की धरती उपजाऊ है | 3 पावन विशेषण पवित्र शचि ु पतित भाई-बहन का पावन पर्व रक्षा - बंधन श्रावण मास की पर्णि ू मा को मनाया जाता है । 4 अमर विशेषण न मरने वाला अविनाशी नश्वर गांधी जी अमर हैं | 5 स्वर्णिम विशेषण सोने की तरह सन ु हला धध ुँ ला भक्ति काल हिंदी साहित्य का स्वर्णिम काल था । चमकता हुआ 6 पर्ण ू विशेषण पर्ण ू ता भरा संपर्ण ू अपर्ण ू परीक्षा में पर्ण ू वाक्य में उत्तर लिखना चाहिए । हुआ 7 ज्ञान पल्लि ु ंग बोध जानकारी अज्ञान पस् ु तकें ज्ञान से भरी होती हैं । 8 करुणा संज्ञा दया कृपा क्रूरता भगवान बद् ु ध दे व करुणा और प्रेम के प्रतीक हैं । 9 चेतन संज्ञा आत्मा जीवन जड़ प्रकृति चेतन है । 10 महान विशेषण बहुत बड़ा उच्च कोटि तच् ु छ का भारत में अनेक महान परु ु षों ने जन्म लिया है । 11 परु ातन विशेषण परु ाना प्राचीन नत ू न परु ातन काल से चली आ रही परं पराएँ आज भी प्रचलित हैं । 12 दीन विशेषण लाचार गरीब समद् ृ ध भगवान दीन - दखि ु यों का रखवाला है । 13 सक्ष् ू म विशेषण बारीक महीन स्थल ू जीवाणु सक्ष् ू म होते हैं | 14 कर्म संज्ञा काम कार्य अकर्म हमें अच्छे कर्म करने चाहिए । 15 शद् ु ध विशेषण साफ़ स्वच्छ अशद् ु ध शद् ु ध जल पीना चाहिए । 16 अमत ृ संज्ञा सध ु ा अमी गरल प्राचीन काल में समद्र ु मंथन से अमत ृ निकला था । 17 आर्य संज्ञा पज् ू य श्रेष्ठ अनार्य भारत में आर्य समाज के अत्यधिक अनय ु ायी हैं । 18 उत्कर्ष संज्ञा ऊपर खींचना उन्नति अपकर्ष भारतीय खेल जगत अपने उत्कर्ष पर है । 19 मधु संज्ञा शहद पष्ु परस कटु मधु का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है । 20 यश संज्ञा ख्याति प्रसिद्धि अपयश सचिन तें दल ु कर को बहुत यश प्राप्त हुआ |