सूरदास के पद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

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Understand the Problem

यह प्रश्न सूरदास के एक पद्यांश पर आधारित है। इसमें पद्यांश का संदर्भ, रेखांकित अंश की व्याख्या, और कुछ प्रश्न पूछे गए हैं, जैसे किसकी कृपा से लंगड़ा व्यक्ति पर्वत लाँघ जाता है और रेखांकित अंश में कौन सा अलंकार है।

Answer

यह पद सूरदास द्वारा रचित 'सूरसागर' से है। इसमें ईश्वर की कृपा से लंगड़ा व्यक्ति पर्वत लांघ जाता है, अंधे को सब कुछ दिखने लगता है। रेखांकित अंश में रूपक अलंकार है।

उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ: प्रस्तुत पद सूरदास द्वारा रचित 'सूरसागर' से उद्धृत है । रेखांकित अंश की व्याख्या: मैं उस ईश्वर (भगवान कृष्ण) के कमलवत् चरण वंदना करता हूँ, जिनकी कृपा से लँगड़ा व्यक्ति पर्वत पर चढ़ जाता है और अन्धे को सब कुछ दिखाई देने लगता है। लंगड़ा व्यक्ति भगवान की कृपा से पर्वत लांघ जाता है। रेखांकित अंश में रूपक अलंकार है।

Answer for screen readers

उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ: प्रस्तुत पद सूरदास द्वारा रचित 'सूरसागर' से उद्धृत है । रेखांकित अंश की व्याख्या: मैं उस ईश्वर (भगवान कृष्ण) के कमलवत् चरण वंदना करता हूँ, जिनकी कृपा से लँगड़ा व्यक्ति पर्वत पर चढ़ जाता है और अन्धे को सब कुछ दिखाई देने लगता है। लंगड़ा व्यक्ति भगवान की कृपा से पर्वत लांघ जाता है। रेखांकित अंश में रूपक अलंकार है।

More Information

सूरदास भक्ति काल के एक महान कवि थे और कृष्ण भक्ति में उनका अद्वितीय योगदान है। उन्होंने अपनी रचनाओं में कृष्ण के बाल रूप और लीलाओं का सुंदर वर्णन किया है।

Tips

सन्दर्भ लिखते समय, पाठ और कवि का नाम सही लिखें। व्याख्या करते समय, सरल भाषा का प्रयोग करें और मूल भाव को स्पष्ट करें।

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