निम्नांकित पद्यांश पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: तेसी धुनी बाँसुरी की मधुर-मधुर जैसी, बंक चितवनि मंद मद मुसकानि री | कदम बिटप के निकट तटिनी के तट, अटा चढ़ि चाहि पीत प... निम्नांकित पद्यांश पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: तेसी धुनी बाँसुरी की मधुर-मधुर जैसी, बंक चितवनि मंद मद मुसकानि री | कदम बिटप के निकट तटिनी के तट, अटा चढ़ि चाहि पीत पट फहरानि री। रस बरसावै तन-तपनि बुझावै नैन, प्राननि रिझावै वह आवै रसखानि री। (अ) उपर्युक्त पद्यांश का संदर्भ लिखिए। (ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए। (स) 'रसखानि री' में कौन-सा अलंकार प्रयुक्त हुआ है? अथवा इससे भी सुन्दर समाधियाँ, हम जग में हैं पाते। उनकी गाथा पर निशीथ में, क्षुद्र जंतु ही गाते। पर कवियों की अमर गिरा में, इसकी अमिट कहानी। स्नेह और श्रद्धा से गाती है, वीरों की बानी ॥ बुंदेले हरबोलों के मुख, हमने सुनी कहानी। खूब लड़ी मरदानी वह थी, झाँसी वाली रानी ॥ यह समाधि, यह चिर समाधि है, झाँसी की रानी की। अंतिम लीलास्थली यही है, लक्ष्मी मरदानी की ॥ (अ) उपर्युक्त पद्यांश का संदर्भ लिखिए। (ब) कवयित्री ने लोगों से रानी लक्ष्मीबाई के विषय में (स) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
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Understand the Problem
यह प्रश्न एक कविता या गद्यांश पर आधारित है, और इसमें कविता के संदर्भ, व्याख्या और अलंकार से संबंधित प्रश्न पूछे गए हैं।
Answer
पहला पद्यांश कृष्ण की सुंदरता का, और दूसरा झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता का वर्णन करता है।
पहला पद्यांश कृष्ण की सुंदरता और प्रेम का वर्णन करता है, जबकि दूसरा झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और बलिदान का वर्णन करता है। संदर्भ कविता और कवि का परिचय देता है, व्याख्या रेखांकित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट करती है, और अलंकार कविता में प्रयुक्त भाषा की शैली को पहचानता है।
Answer for screen readers
पहला पद्यांश कृष्ण की सुंदरता और प्रेम का वर्णन करता है, जबकि दूसरा झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और बलिदान का वर्णन करता है। संदर्भ कविता और कवि का परिचय देता है, व्याख्या रेखांकित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट करती है, और अलंकार कविता में प्रयुक्त भाषा की शैली को पहचानता है।
More Information
इन पद्यांशों का उपयोग हिंदी साहित्य और कविता की सुंदरता और गहराई को समझने में सहायक हो सकता है।
Tips
संदर्भ लिखते समय, कविता का शीर्षक और कवि का नाम अवश्य लिखें। व्याख्या करते समय, पंक्तियों के अर्थ को सरल भाषा में समझाएं। अलंकार पहचानते समय, कविता में प्रयुक्त विभिन्न अलंकारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
Sources
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