लेखक ने पाठ में किन प्रमुख पहलुओं से जाति प्रथा को एक हानिकारक प्रथा के रूप में दिखाया है? सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए लेखक ने किन विशेषताओं को आवश्यक माना है? लेखक ने पाठ में किन प्रमुख पहलुओं से जाति प्रथा को एक हानिकारक प्रथा के रूप में दिखाया है? सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए लेखक ने किन विशेषताओं को आवश्यक माना है?
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Understand the Problem
यह प्रश्न कुछ पाठों पर आधारित है और जाति प्रथा, लोकतंत्र और संविधान सभा जैसे विषयों पर विचार करने और लिखने के लिए कह रहा है। यह एक गृहकार्य प्रश्नमाला है जो छात्रों से पाठ्यपुस्तक के आधार पर विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करने और तुलना करने को कहती है।
Answer
लेखक के अनुसार जाति प्रथा हानिकारक है क्योंकि यह श्रम विभाजन का अस्वाभाविक रूप है। सच्चे लोकतंत्र के लिए स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व आवश्यक है।
लेखक ने जाति प्रथा को हानिकारक इसलिए बताया है क्योंकि यह श्रम विभाजन का अस्वाभाविक रूप है जिसमें मनुष्य की रूचि और क्षमता की अनदेखी करके, जन्म के आधार पर पेशा थोपा जाता है। सच्चे लोकतंत्र के लिए लेखक स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व पर आधारित समाज को आवश्यक मानते हैं।
Answer for screen readers
लेखक ने जाति प्रथा को हानिकारक इसलिए बताया है क्योंकि यह श्रम विभाजन का अस्वाभाविक रूप है जिसमें मनुष्य की रूचि और क्षमता की अनदेखी करके, जन्म के आधार पर पेशा थोपा जाता है। सच्चे लोकतंत्र के लिए लेखक स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व पर आधारित समाज को आवश्यक मानते हैं।
More Information
यह उत्तर 'श्रम विभाजन और जाति प्रथा' नामक पाठ पर आधारित है, जिसके लेखक डॉ. भीमराव अम्बेडकर हैं।
Sources
- लेखक ने पाठ में किन प्रमुख पहलुओं से जातिप्रथा को एक हानिकारक प्रथा के ... - bsebstudy.com
- Bihar Board class 10th Hindi all question solution || Godhuli bhag 2 - pankajstudycentre.com
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