जीन पियाजे के अनुसार बच्चों का चिंतन वयस्कों से भिन्न होता है बजाय किसके? जीन पियाजे के अनुसार बच्चों का चिंतन वयस्कों से भिन्न होता है बजाय किसके?

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Understand the Problem

यह प्रश्न जीन पियाजे के अनुसार बच्चों की सोच वयस्कों से कैसे भिन्न होती है, इस बारे में है। इसमें एक कथन दिया गया है जिसमें एक रिक्त स्थान है, और हमें विकल्पों में से सबसे उपयुक्त जोड़ी चुननी है जो उस रिक्त स्थान को सही ढंग से भर सके। मूल रूप से, हमें यह समझना होगा कि पियाजे के सिद्धांत के अनुसार बच्चे वयस्कों से किस पहलू में अलग ढंग से सोचते हैं।

Answer

जीन पियाजे के अनुसार, बच्चों का चिंतन वयस्कों से प्रकार में भिन्न होता है बजाय मात्रा के।

जीन पियाजे के अनुसार, बच्चों का चिंतन वयस्कों से प्रकार में भिन्न होता है बजाय मात्रा के। इसलिए सही उत्तर (C) प्रकार, मात्रा है।

Answer for screen readers

जीन पियाजे के अनुसार, बच्चों का चिंतन वयस्कों से प्रकार में भिन्न होता है बजाय मात्रा के। इसलिए सही उत्तर (C) प्रकार, मात्रा है।

More Information

जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत से पता चलता है कि बच्चे और वयस्क अपनी संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं की गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग ढंग से सोचते हैं।

Tips

जल्दबाजी में उत्तर देने से बचें, प्रश्न को ध्यान से पढ़ें।

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