बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिम्बों/मुहावरों से मिलान करें - बिम्ब/मुहावरा (क) बात की चूड़ी मर जाना (ख) बात की पेंच खोलना (ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना (... बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिम्बों/मुहावरों से मिलान करें - बिम्ब/मुहावरा (क) बात की चूड़ी मर जाना (ख) बात की पेंच खोलना (ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना (घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना (ङ) बात का बन जाना विशेषता (अ) कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना (ब) बात का पकड़ में न आना (स) बात का प्रभावहीन हो जाना (द) बात में कसावट का न होना (इ) बात को सहज और स्पष्ट करना

Understand the Problem
यह प्रश्न हिंदी कक्षा 12 की पाठ्य पुस्तक से है और इसमें मुहावरों और वाक्यांशों के मिलान करने और मुहावरों का अर्थ और वाक्य में प्रयोग करने के बारे में पूछा गया है।
Answer
यहां बात (कथ्य) के लिए मुहावरों का मिलान दिया गया है।
बात (कथ्य) के लिए मुहावरों का मिलान इस प्रकार है: (क) बात की चूड़ी मर जाना - (स) बात का प्रभावहीन हो जाना (ख) बात की पेंच खोलना - (इ) बात को सहज और स्पष्ट करना (ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना - (ब) बात का पकड़ में न आना (घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना - (द) बात में कसावट का न होना (ङ) बात का बन जाना - (अ) कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना
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बात (कथ्य) के लिए मुहावरों का मिलान इस प्रकार है: (क) बात की चूड़ी मर जाना - (स) बात का प्रभावहीन हो जाना (ख) बात की पेंच खोलना - (इ) बात को सहज और स्पष्ट करना (ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना - (ब) बात का पकड़ में न आना (घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना - (द) बात में कसावट का न होना (ङ) बात का बन जाना - (अ) कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना
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यह प्रश्न कुँवर नारायण की कविता 'बात सीधी थी पर' पर आधारित है, जिसमें भाषा और कथ्य के बीच के संबंध को दर्शाया गया है।
Tips
छात्रों को मुहावरों के अर्थ और उनके प्रयोग को समझने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए, प्रत्येक मुहावरे के अर्थ को अच्छी तरह से समझें और फिर उनका मिलान करें।
Sources
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