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Questions and Answers
वस्तु विनिमय प्रणाली की सबसे बड़ी कठिनाई क्या है?
वस्तु विनिमय प्रणाली की सबसे बड़ी कठिनाई क्या है?
- उपलब्धता की कमी
- व्यापार की लागत
- वस्तुओं की गुणवत्ता
- आवश्यकताओं का दोहरा संयोग (correct)
वस्तु विनिमय प्रणाली में व्यापार संबंधी लागत में कौन-कौन सी लागत शामिल होती है?
वस्तु विनिमय प्रणाली में व्यापार संबंधी लागत में कौन-कौन सी लागत शामिल होती है?
- उत्पादन लागत
- तलाश की लागत (correct)
- भंडारण की लागत
- खरीदारी की लागत
वस्तु विनिमय प्रणाली में मूल्य की समान इकाई का अभाव होने से क्या समस्या उत्पन्न होती है?
वस्तु विनिमय प्रणाली में मूल्य की समान इकाई का अभाव होने से क्या समस्या उत्पन्न होती है?
- उत्पादकता में वृद्धि
- किसी वस्तु का मूल्य व्यक्त करना कठिन (correct)
- लोगों की पसंद में कमी
- वस्तुओं की अधिकता
वस्तु विनिमय प्रणाली में स्थगित भुगतनों की समस्या क्यों होती है?
वस्तु विनिमय प्रणाली में स्थगित भुगतनों की समस्या क्यों होती है?
मुद्रा का व्यवसाय में मुख्य कार्य क्या है?
मुद्रा का व्यवसाय में मुख्य कार्य क्या है?
मुद्रा द्वारा वस्तु विनिमय प्रणाली की किस कठिनाई का समाधान किया जाता है?
मुद्रा द्वारा वस्तु विनिमय प्रणाली की किस कठिनाई का समाधान किया जाता है?
वस्तु विनिमय प्रणाली में धन या मूल्य का संचय कैसे किया जाता है?
वस्तु विनिमय प्रणाली में धन या मूल्य का संचय कैसे किया जाता है?
वस्तु विनिमय प्रणाली में आवश्यकताओं का दोहरा संयोग किसका उदाहरण है?
वस्तु विनिमय प्रणाली में आवश्यकताओं का दोहरा संयोग किसका उदाहरण है?
व्यापार संबंधी लागत में 'प्रतीक्षा की अनुपयोगिता' क्या दर्शाती है?
व्यापार संबंधी लागत में 'प्रतीक्षा की अनुपयोगिता' क्या दर्शाती है?
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Study Notes
वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयाँ
- आवश्यकताओं का दोहरा संयोग: आवश्यकताओं का दोहरा संयोग वस्तु विनिमय के लिए अनिवार्य है, जिसमें व्यक्ति की अतिरिक्त वस्तु दूसरे की आवश्यकता को पूरा करती है। यह जोड़ना कठिन होता है।
- उदाहरण: एक किसान को गेहूं के बदले कपड़ा प्राप्त करने के लिए उस व्यक्ति की तलाश करनी होती है, जिसके पास कपड़ा हो और जो गेहूं चाहता हो।
व्यापार संबंधी लागत
- ऊंची लागत: आवश्यकताओं का दोहरा सहयोग दुर्लभ है, जिससे वस्तु विनिमय में खर्च अधिक होता है।
- तलाश की लागत: व्यक्ति को उन लोगों की खोज करनी होती है, जो उनकी आवश्यकताओं के अनुसार हैं।
- प्रतीक्षा की अनुपयोगिता: खरीददारी के लिए प्रतीक्षा करने पर समय की बर्बादी होती है।
मूल्य की समान इकाई का अभाव
- मूल्य व्यक्त करने में कठिनाई: वस्तु विनिमय में, वस्तुओं के मूल्य को आसानी से नहीं बताया जा सकता, क्योंकि विभिन्न वस्तुओं का आपस में मूल्य निर्धारण जटिल होता है।
- उदाहरण: 1 बोरी गेहूं का मूल्य मुद्रा में सरलता से व्यक्त किया जा सकता है, लेकिन वस्तु विनिमय में यह कई वस्तुओं के माध्यम से होगा।
स्थगित भुगतनों की प्रणाली का अभाव
- भविष्य के भुगतान: वस्तु विनिमय में भविष्य के लिए भुगतनों का प्रबंधन कठिन होता है क्योंकि इस दौरान वस्तुओं की गुणवत्ता एवं मूल्य में बदलाव हो सकता है।
मूल्य के संचय में कठिनाई
- धन का संचय: वस्तुओं या पशुओं के रूप में धन का संचय तभी संभव है जब मुद्रा का अभाव हो।
मुद्रा का महत्व
- विनिमय का माध्यम: मुद्रा का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है वस्तुओं को खरीदने और बेचने के लिए एक मध्यस्थ प्रदान करना।
- सुगमता: मुद्रा विनिमय की जटिलताओं को खत्म कर देती है, जिससे प्रक्रिया सरल और सुगम होती है।
- आर्थिक स्वतंत्रता: मुद्रा लोगों को अपनी इच्छानुसार वस्तुओं की खरीदारी की स्वतंत्रता देती है।
- बाजार का विस्तार: मुद्रा के माध्यम से बाजार में प्रतिस्पर्धा और विस्तार बढ़ता है, जिससे बाजार संयंत्र को निपुण बनाती है।
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