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Questions and Answers
सकारात्मक चार्ज का प्रवाह किस दिशा में होता है?
सकारात्मक चार्ज का प्रवाह किस दिशा में होता है?
- एक निश्चित दिशा में, कोई फर्क नहीं पड़ता
- गति में नहीं होता
- उच्च संभाव्यता से निम्न संभाव्यता की ओर (correct)
- निम्न संभाव्यता से उच्च संभाव्यता की ओर
संभाव्यता का अंतर किस तरह परिभाषित किया जाता है?
संभाव्यता का अंतर किस तरह परिभाषित किया जाता है?
- सकारात्मक चार्ज का मात्र भार
- इलेक्ट्रिक क्षेत्र की तीव्रता
- दो बिंदुओं के बीच की दूरी
- एक इकाई सकारात्मक चार्ज को एक बिंदु से दूसरे बिंदु में ले जाने में किया गया कार्य (correct)
यदि K उच्च संभाव्यता है और Q निम्न संभाव्यता है, तो क्या सही है?
यदि K उच्च संभाव्यता है और Q निम्न संभाव्यता है, तो क्या सही है?
- K और Q का कोई संबंध नहीं है
- हालात के अनुसार K और Q का अंतर हो सकता है
- K हमेशा Q से बड़ा होता है (correct)
- K = Q हमेशा सही है
चार्ज के प्रवाह में कार्य करने की मात्रा क्या है?
चार्ज के प्रवाह में कार्य करने की मात्रा क्या है?
कौन बात संभाव्यता के अंतर को समझाने में गलत है?
कौन बात संभाव्यता के अंतर को समझाने में गलत है?
विद्युत उत्प्रेरण का अंतर क्या दर्शाता है?
विद्युत उत्प्रेरण का अंतर क्या दर्शाता है?
विद्युत क्षेत्र में एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक चार्ज ले जाने में किन चीजों पर निर्भर करता है?
विद्युत क्षेत्र में एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक चार्ज ले जाने में किन चीजों पर निर्भर करता है?
किस स्थिति में विद्युत उत्प्रेरण के अंतर का मान शून्य होगा?
किस स्थिति में विद्युत उत्प्रेरण के अंतर का मान शून्य होगा?
विद्युत उत्प्रेरण के अंतर को मापने की एकाई क्या है?
विद्युत उत्प्रेरण के अंतर को मापने की एकाई क्या है?
कौन-सा कथन विद्युत उत्प्रेरण के अंतर के बारे में गलत है?
कौन-सा कथन विद्युत उत्प्रेरण के अंतर के बारे में गलत है?
Study Notes
विभवान्तर
- धनात्मक आवेश उच्च विभव से निम्न विभव की ओर प्रवाहित होता है।
- दो बिंदुओं के बीच विभव का अंतर एक इकाई धनात्मक आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किए गए कार्य के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- उच्च विभव को K से दर्शाया जाता है।
- निम्न विभव को Q से दर्शाया जाता है।
- आवेश को बिंदुओं के बीच ले जाने में किया गया कार्य आवेश के परिमाण से विभव अंतर को गुणा करने पर प्राप्त होता है।
- गणना में एक इकाई धनात्मक आवेश का उपयोग किया जाता है।
संधारित्र या संघनित्र
- एक संधारित्र या संघनित्र एक ऐसा उपकरण है जो विद्युत आवेश के रूप में ऊर्जा संग्रहीत करता है।
- यह एक विद्युत घटक है जो अपनी दो प्लेटों के बीच आवेश जमा करके ऊर्जा संग्रहीत करता है।
संधारित्र के उपयोग
- संधारित्र का उपयोग उन उपकरणों में किया जाता है जिन्हें स्टार्ट-अप के दौरान शक्ति की आवश्यकता होती है, जैसे:
- इलेक्ट्रिक मोटर
- इलेक्ट्रिक पंखे
- टेलीविजन
- संगीत प्रणाली
- ग्राइंडर
- रेडियो
संधारित्र के प्रकार
- संधारित्र को उनके निर्माण के आधार पर तीन मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:
- समानांतर प्लेट संधारित्र
- गोलाकार संधारित्र
- बेलनाकार संधारित्र
सेल और बैटरी
- एक सेल एक ऐसा उपकरण है जो रेडॉक्स प्रतिक्रियाओं के माध्यम से रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
- एक बैटरी सेलों की एक श्रृंखला है जो विद्युत ऊर्जा को संग्रहीत और जारी करती है।
- किसी सेल का टर्मिनल विभव अंतर, निकाले गए/आपूर्ति किए गए धारा की परवाह किए बिना स्थिर रहता है।
धारिता
- धारिता एक भौतिक राशि है जो किसी संधारित्र की क्षमता को निर्धारित करती है कि वह कितना आवेश जमा कर सकता है।
- किसी संधारित्र के इकाई आयतन में मौजूद आवेश की मात्रा को धारिता कहते हैं।
संधारित्र का चार्जिंग
- जब बैटरी या आवेश स्रोत के दोनों टर्मिनलों को संधारित्र के दोनों सुचालक प्लेटों से जोड़ा जाता है, तो संधारित्र अपने अंदर से आवेश जमा कर लेते हैं और चार्ज हो जाते हैं।
ऊर्जा घनत्व
- ऊर्जा घनत्व एक निश्चित आयतन में संग्रहीत ऊर्जा की मात्रा होती है।
- ऊर्जा घनत्व = ऊर्जा / आयतन
- इसे $E$ प्रतीक से दर्शाया जाता है।
समतुल्य धारिता
- जब एक ऐसा संधारित्र जुड़ा होता है जो एक सर्किट में रखे कई संधारित्रों के समान आवेश को संग्रहीत करता है, तो इस संधारित्र को समतुल्य संधारित्र के रूप में जाना जाता है, और इसकी धारिता को समतुल्य धारिता कहा जाता है।
व्हीटस्टोन ब्रिज
- दस्तावेज़ व्हीटस्टोन ब्रिज उपकरण का वर्णन करता है, इसके श्रेणी और समानांतर संयोजनों की व्याख्या करता है।
- श्रेणी संयोजन:
- श्रेणी संयोजन में समतुल्य धारिता कम हो जाती है।
- श्रेणी संयोजन में प्रत्येक संधारित्र के बीच वोल्टेज अलग-अलग होता है, लेकिन सभी संधारित्रों के बीच कुल वोल्टेज व्यक्तिगत वोल्टेज का योग होगा।
- समानांतर संयोजन:
- समानांतर संयोजन में समतुल्य धारिता बढ़ जाती है।
- समानांतर संयोजन में प्रत्येक संधारित्र के बीच वोल्टेज समान होता है।
- समानांतर संयोजन में प्रत्येक संधारित्र में आवेश अलग-अलग होगा।
- श्रेणी संयोजन:
- पाठ बताता है कि श्रेणी कनेक्शन में समतुल्य धारिता कम होती है और समानांतर कनेक्शन में बढ़ जाती है। इसके अलावा, समतुल्य वोल्टेज श्रेणी संयोजन में बढ़ता है लेकिन समानांतर संयोजन में कम होता है।
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Description
इस क्विज में हम विभवान्तर और संधारित्र के सिद्धांतों का अध्ययन करेंगे। धनात्मक आवेश, वोल्टेज और संधारित्र के कार्य और उपयोगों पर प्रश्न पूछे जाएंगे। यह आपको इन महत्वपूर्ण विद्युत तत्वों की जानकारी को स्पष्ट करने में मदद करेगा।