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Questions and Answers
उपभोक्ता संतुलन की स्थिति को सबसे सटीक रूप से कौन सा विकल्प दर्शाता है?
उपभोक्ता संतुलन की स्थिति को सबसे सटीक रूप से कौन सा विकल्प दर्शाता है?
- उपभोक्ता को अपनी आय से अधिकतम संतुष्टि मिलती है। (correct)
- उपभोक्ता अपनी आय का अधिकांश भाग बचाता है।
- उपभोक्ता केवल आवश्यक वस्तुएँ ही खरीदता है।
- उपभोक्ता अपनी आवश्यकता से कम वस्तुएँ खरीदता है।
निम्नलिखित में से कौन सा कारक उपभोक्ता संतुलन को प्रभावित नहीं करता है?
निम्नलिखित में से कौन सा कारक उपभोक्ता संतुलन को प्रभावित नहीं करता है?
- वस्तु की कीमत
- उपभोक्ता की पसंद
- उपभोक्ता की आय
- उत्पादक की लागत (correct)
सामान्य वस्तुएँ वे होती हैं जिनकी मांग पर क्या प्रभाव पड़ता है जब उपभोक्ता की आय बढ़ती है?
सामान्य वस्तुएँ वे होती हैं जिनकी मांग पर क्या प्रभाव पड़ता है जब उपभोक्ता की आय बढ़ती है?
- मांग शून्य हो जाती है
- मांग बढ़ती है (correct)
- मांग घटती है
- मांग स्थिर रहती है
अवर (Inferior) वस्तुओं के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
अवर (Inferior) वस्तुओं के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?
गिफ़ेन वस्तुएँ, अवर वस्तुओं से किस प्रकार भिन्न हैं?
गिफ़ेन वस्तुएँ, अवर वस्तुओं से किस प्रकार भिन्न हैं?
सीमांत उपयोगिता नियम के अनुसार, यदि आप किसी वस्तु का अधिक उपभोग करते हैं, तो क्या होता है?
सीमांत उपयोगिता नियम के अनुसार, यदि आप किसी वस्तु का अधिक उपभोग करते हैं, तो क्या होता है?
निम्नलिखित में से कौन सा कथन सीमांत उपयोगिता को मापने के सूत्र को सही ढंग से दर्शाता है?
निम्नलिखित में से कौन सा कथन सीमांत उपयोगिता को मापने के सूत्र को सही ढंग से दर्शाता है?
सीमांत उपयोगिता नियम का निम्नलिखित में से कौन सा महत्व नहीं है?
सीमांत उपयोगिता नियम का निम्नलिखित में से कौन सा महत्व नहीं है?
सम-सीमांत उपयोगिता नियम का मूल सिद्धांत क्या है?
सम-सीमांत उपयोगिता नियम का मूल सिद्धांत क्या है?
सम-सीमांत उपयोगिता नियम की मान्यता क्या है?
सम-सीमांत उपयोगिता नियम की मान्यता क्या है?
उपयोगिता का अर्थ क्या है?
उपयोगिता का अर्थ क्या है?
उपयोगिता और संतुष्टि में मुख्य अंतर क्या है?
उपयोगिता और संतुष्टि में मुख्य अंतर क्या है?
सीमांत उपयोगिता क्या है?
सीमांत उपयोगिता क्या है?
घटती सीमांत उपयोगिता का नियम क्या कहता है?
घटती सीमांत उपयोगिता का नियम क्या कहता है?
निम्नलिखित में से कौन सी सीमांत उपयोगिता नियम की मान्यता नहीं है?
निम्नलिखित में से कौन सी सीमांत उपयोगिता नियम की मान्यता नहीं है?
सीमांत उपयोगिता नियम निम्नलिखित में से किस स्थिति में लागू नहीं होता है?
सीमांत उपयोगिता नियम निम्नलिखित में से किस स्थिति में लागू नहीं होता है?
निम्नलिखित में से कौन सा कथन 'शराबी नियम' के बारे में सही है?
निम्नलिखित में से कौन सा कथन 'शराबी नियम' के बारे में सही है?
वस्तुओं की कीमतों में परिवर्तन होने पर उपभोक्ता के व्यवहार में बदलाव को अनदेखा करना किस आलोचना से संबंधित है?
वस्तुओं की कीमतों में परिवर्तन होने पर उपभोक्ता के व्यवहार में बदलाव को अनदेखा करना किस आलोचना से संबंधित है?
निम्नलिखित में से कौन सा सीमांत उपयोगिता नियम का महत्व है?
निम्नलिखित में से कौन सा सीमांत उपयोगिता नियम का महत्व है?
उपयोगिता और प्रयोग के बीच मुख्य अंतर क्या है?
उपयोगिता और प्रयोग के बीच मुख्य अंतर क्या है?
Flashcards
उपभोक्ता क्या है?
उपभोक्ता क्या है?
उपभोक्ता एक आर्थिक एजेंट है जो उपभोग की क्रियाओं को करता है।
उपभोक्ता संतुलन क्या है?
उपभोक्ता संतुलन क्या है?
वह स्थिति जहाँ उपभोक्ता कम खर्च में अधिकतम संतुष्टि प्राप्त करना चाहता है।
सामान्य वस्तुएँ क्या हैं?
सामान्य वस्तुएँ क्या हैं?
वे वस्तुएँ जिनकी मांग उपभोक्ता की आय बढ़ने पर बढ़ती है और आय घटने पर घटती है।
अवर वस्तुएँ क्या हैं?
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गिफ़ेन वस्तुएँ क्या हैं?
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सीमांत उपयोगिता नियम क्या है?
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सीमांत उपयोगिता क्या है?
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कुल उपयोगिता क्या है?
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सम-सीमांत उपयोगिता नियम क्या है?
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उपयोगिता क्या है?
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उपयोगिता का अर्थ क्या है?
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संतुष्टि का अर्थ क्या है?
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Study Notes
उपभोक्ता: एक परिचय
- उपभोक्ता एक आर्थिक एजेंट होता है जो उपभोग की क्रियाओं को संपन्न करता है
- उपभोक्ता वह व्यक्ति है जो अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं का उपभोग करता है
- आर्थिक एजेंट सिर्फ व्यक्ति नहीं होता, बल्कि एक संघ, कंपनी, फर्म या संस्था भी हो सकती है जो वस्तुओं या सेवाओं का प्रयोग करती है
उपभोक्ता संतुलन
- उपभोक्ता संतुलन वह स्थिति है जहाँ उपभोक्ता कम से कम खर्च में अधिकतम संतुष्टि प्राप्त करना चाहता है
- उपभोक्ता संतुलन में, एक उपभोक्ता अपनी आय को इस प्रकार व्यय करता है कि उसे अधिकतम संतुष्टि मिले
- उदाहरण के लिए, यदि आप ₹150 का मूवी टिकट खरीदते हैं और मूवी देखने के बाद आपको लगता है कि पैसा वसूल हो गया, तो आप उपभोक्ता संतुलन में हैं
- उपभोक्ता संतुलन में होता है जब वह अपनी दी हुई आय तथा बाजार कीमतों से प्राप्त संतुष्टि को अधिकतम कर लेता है
उपभोक्ता संतुलन को प्रभावित करने वाले कारक
- प्रत्येक व्यक्ति की उपयोगिता और संतुष्टि अलग-अलग होती है, इसलिए प्रत्येक वस्तु का संतुलन भी अलग-अलग प्रकार से निर्धारित होता है
- व्यक्ति का खर्च किसी वस्तु पर यह प्रभावित करता है
- उस वस्तु से मिलने वाली संतुष्टि भी प्रभावित करती है
- संतुष्टि का स्तर खर्च, वस्तु, वातावरण और परिस्थिति के अनुसार बदलता रहता है
सामान्य वस्तुएँ
- सामान्य वस्तुएँ वे हैं जिनकी मांग उपभोक्ता की आय बढ़ने पर बढ़ती है और आय घटने पर घटती है
- जब किसी वस्तु की मांग और उपभोक्ता की आय के बीच सीधा संबंध होता है, तो उसे सामान्य वस्तु कहते हैं
- सामान्य वस्तुओं के लिए मांग का नियम लागू होता है, जिसका मतलब है कि मूल्य बढ़ने पर मांग घटती है और मूल्य घटने पर मांग बढ़ती है
- सामान्य वस्तुओं के लिए मांग की लोच सकारात्मक होती है
- उदाहरण के लिए: आय बढ़ने पर लोग बेहतर गुणवत्ता वाले देसी घी जैसे उत्पादों की ओर रुख करते हैं
- जब वस्तुओं की कीमतें घटती हैं, तो उपभोक्ता की वास्तविक आय बढ़ जाती है, जिससे सामान्य वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है
अवर वस्तुएँ
- अवर वस्तुएँ वे हैं जिनकी मांग उपभोक्ता की आय बढ़ने पर घटती है और आय घटने पर बढ़ती है
- गरीब लोग इन वस्तुओं का अधिक उपयोग करते हैं
- जब कीमत घटती है, तो उपभोक्ता की वास्तविक आय बढ़ती है, जिससे इन वस्तुओं की मांग घट जाती है
गिफ़ेन वस्तुएँ
- गिफ़ेन वस्तुएँ विशेष प्रकार की अवर वस्तुएँ हैं, जिनके लिए मांग का नियम लागू नहीं होता है
- जब किसी वस्तु की कीमत घटती है, तो उसकी मांग भी घट जाती है, और कीमत बढ़ने पर मांग बढ़ जाती है
- गिफ़ेन वस्तुओं के मामले में, कीमत और मांग के बीच सीधा संबंध होता है
- जब कीमतें बढ़ती हैं, तो गरीब उपभोक्ता इन वस्तुओं का अधिक उपयोग करने के लिए मजबूर हो जाते हैं क्योंकि उनकी वास्तविक आय कम हो जाती है
- सस्ते स्टेपल खाद्य पदार्थ गिफ़ेन वस्तुओं के उदाहरण हैं
- गिफ़ेन वस्तुओं के मामले में, आय प्रभाव प्रतिस्थापन प्रभाव से अधिक शक्तिशाली होता है
सीमांत उपयोगिता नियम
- जब किसी वस्तु की मानक इकाइयों का लगातार उपभोग किया जाता है, तो प्रत्येक इकाई से प्राप्त होने वाली सीमांत उपयोगिता घटती जाती है
- दूसरे शब्दों में, जैसे-जैसे आप किसी वस्तु का अधिक उपभोग करते हैं, उससे मिलने वाली संतुष्टि कम होती जाती है
- उदाहरण: यदि आपको पनीर की सब्जी पसंद है, तो हर बार जब आपकी माँ इसे बनाती है, तो आपको उससे मिलने वाली खुशी धीरे-धीरे कम होती जाती है
सीमांत उपयोगिता नियम का प्रतिपादन
- इस नियम को सबसे पहले एच.एच. गोसेन ने प्रतिपादित किया था, जो एक ऑस्ट्रेलियाई अर्थशास्त्री थे
- गोसेन का प्रथम नियम इसे कहा जाता है
- इसे संतुष्टि का आधारभूत एवं सार्वभौमिक नियम भी कहा जाता है, क्योंकि यह लोगों के दैनिक जीवन के अनुभवों पर आधारित है
- हर्मन गोसेन ने इस नियम को और अधिक विस्तार से समझाया: किसी व्यक्ति के पास वस्तु-विशेष के स्टॉक में एक ही तीर हुई मात्रा में वृद्धि होने पर, जो अतिरिक्त लाभ प्राप्त होता है, वह स्टॉक में होने वाली प्रत्येक वृद्धि के साथ घटता जाता है
सीमांत उपयोगिता को मापना
-
सीमांत उपयोगिता को मापने के लिए सूत्र: MUn = TUn - TUn-1
- MUₙ = n वीं इकाई की सीमांत उपयोगिता
- TUₙ = n इकाइयों की कुल उपयोगिता
- TUₙ₋₁ = (n-1) इकाइयों की कुल उपयोगिता
-
उदाहरण:
- वस्तु की इकाई 1: कुल उपयोगिता 40, सीमांत उपयोगिता 40
- वस्तु की इकाई 2: कुल उपयोगिता 70, सीमांत उपयोगिता 30
- वस्तु की इकाई 3: कुल उपयोगिता 90, सीमांत उपयोगिता 20
- वस्तु की इकाई 4: कुल उपयोगिता 100, सीमांत उपयोगिता 10
- वस्तु की इकाई 5: कुल उपयोगिता 100, सीमांत उपयोगिता 0
- वस्तु की इकाई 6: कुल उपयोगिता 90, सीमांत उपयोगिता -10
-
जैसे-जैसे हम वस्तु की अधिक इकाइयों का उपभोग करते हैं, सीमांत उपयोगिता घटती जाती है
-
सीमांत उपयोगिता रेखा नीचे की ओर झुकी हुई होती है
- x-अक्ष: वस्तु की इकाई
- y-अक्ष: सीमांत उपयोगिता
सीमांत उपयोगिता के महत्व
- उपभोग: यह उपभोक्ताओं को यह तय करने में मदद करता है कि उन्हें कितनी वस्तुओं का उपभोग करना चाहिए
- उत्पादन: यह उत्पादकों को यह तय करने में मदद करता है कि उन्हें कितनी मात्रा में वस्तुओं का उत्पादन करना चाहिए
- विनिमय: यह दो पक्षों के बीच वस्तुओं के विनिमय को समझने में मदद करता है
- आर्थिक क्षेत्र: यह आर्थिक नीतियों को बनाने में मदद करता है
सीमांत उपयोगिता नियम की सीमाएँ
- उपभोग की जाने वाली वस्तुओं की इकाइयां एक जैसी नहीं होनी चाहिए: यदि इकाइयां एक जैसी नहीं हैं, तो नियम लागू नहीं होगा। उदाहरण: यदि आप गोलगप्पे खा रहे हैं और हर गोलगप्पे का स्वाद अलग है, तो सीमांत उपयोगिता नियम लागू नहीं होगा
- वस्तुओं का उपभोग निरंतर होना चाहिए: यदि उपभोग निरंतर नहीं है, तो नियम लागू नहीं होगा। उदाहरण: यदि आप एक दिन गोलगप्पे खाते हैं और फिर अगले दिन, तो सीमांत उपयोगिता नियम लागू नहीं होगा
- उपभोक्ता की मानसिक स्थिति समान होनी चाहिए: यदि उपभोक्ता की मानसिक स्थिति बदलती है, तो नियम लागू नहीं होगा
- दुर्लभ वस्तुओं के संग्रह के संबंध में लागू नहीं होता
- शक्ति के संचय के संबंध में लागू नहीं होता
- दिखावटी शानो-शौकत के संबंध में लागू नहीं होता
- उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि के मुद्दे को कवर नहीं करता
सम-सीमांत उपयोगिता नियम
- यह उपभोक्ता का आधारभूत नियम है, जिसका प्रतिपादन गोसेन ने किया था
- गोसेन का दूसरा नियम इसे कहा जाता है।
- एक विवेकशील उपभोक्ता अपनी सीमित आय को विभिन्न वस्तुओं पर इस प्रकार खर्च करना चाहता है कि उसे अधिकतम संतुष्टि मिले
नियम का सार
- यदि कोई व्यक्ति अपनी आय को केवल एक ही वस्तु पर खर्च करता रहे, तो धीरे-धीरे उस वस्तु से मिलने वाली सीमांत उपयोगिता कम होती जाएगी
- उपभोक्ता को चाहिए कि वह अपनी आय को अलग-अलग वस्तुओं पर खर्च करे ताकि उसे अधिकतम संतुष्टि मिल सके
- उदाहरण: अगर आपके पास ₹10 हैं, तो आप उन्हें सिर्फ एक ही चीज़ पर खर्च न करें। बल्कि, कुछ रुपए चाट पर, कुछ गोलगप्पे पर, और कुछ दही-भल्ले पर खर्च करें। इससे आपको हर चीज़ का अलग-अलग स्वाद मिलेगा और कुल संतुष्टि अधिक होगी
- उपभोक्ता को अपनी आय को अलग-अलग वस्तुओं पर इस तरह खर्च करना चाहिए कि हर वस्तु से मिलने वाली अतिरिक्त संतुष्टि (सीमांत उपयोगिता) बराबर हो
मान्यताएँ
- वस्तुओं की विभिन्न मात्राएँ: उपभोक्ता के पास अलग-अलग वस्तुओं की मात्राएँ उपलब्ध होनी चाहिए
- वस्तुओं की विभाज्यता: वस्तुएँ छोटी-छोटी इकाइयों में विभाजित होनी चाहिए
- समान इकाइयाँ: सभी इकाइयाँ समान होनी चाहिए
- आय और मानसिक स्थिति: उपभोक्ता की आय और मानसिक स्थिति स्थिर होनी चाहिए
- मुद्रा की सीमांत उपयोगिता: मुद्रा की सीमांत उपयोगिता स्थिर होनी चाहिए
- उपभोक्ता का विवेक: उपभोक्ता समझदार होना चाहिए और उसे पता होना चाहिए कि उसे अपनी आय को कैसे खर्च करना है
- उपभोक्ता को अपनी पसंद का ज्ञान: उपभोक्ता को अपनी पसंद और नापसंद का ज्ञान होना चाहिए
उदाहरण
-
उपभोक्ता जितना पैसा खर्च करता है, उसके बदले में उसे मिलने वाली उपयोगिता एक जैसी होनी चाहिए
-
मान लीजिए कि एक उपभोक्ता के पास ₹1200 हैं और वह इसे तीन वस्तुओं (A, B, और C) पर खर्च करना चाहता है
- वस्तु A: 5 इकाई, कीमत प्रति इकाई ₹120, सीमांत उपयोगिता 120
- वस्तु B: 3 इकाई, कीमत प्रति इकाई ₹180, सीमांत उपयोगिता 180
- वस्तु C: 4 इकाई, कीमत प्रति इकाई ₹30, सीमांत उपयोगिता 30
-
उपभोक्ता वस्तु A की 5 इकाइयाँ, वस्तु B की 3 इकाइयाँ, और वस्तु C की 4 इकाइयाँ खरीदेगा
-
इस तरह, वह अपने ₹1200 को इस प्रकार खर्च करेगा कि उसे प्रत्येक वस्तु से मिलने वाली सीमांत उपयोगिता बराबर हो
आलोचनाएँ
- अवास्तविक मान्यताएँ: यह नियम कुछ अवास्तविक मान्यताओं पर आधारित है, जैसे कि उपयोगिता को मापा जा सकता है
- वस्तुओं की अविभाज्यता: कुछ वस्तुएँ अविभाज्य होती हैं, इसलिए इस नियम को लागू करना मुश्किल हो जाता है
- रीति-रिवाज़: रीति-रिवाज़ों के बदलने पर उपभोक्ता का व्यवहार बदल जाता है, जिससे इस नियम का पालन करना मुश्किल हो जाता है
- ज्ञान का अभाव: कई बार उपभोक्ताओं को बाजार की जानकारी नहीं होती है, जिससे वे सही निर्णय नहीं ले पाते हैं
महत्व
- उपभोग: यह नियम बताता है कि उपभोक्ता अपनी सीमित आय से अधिकतम संतुष्टि कैसे प्राप्त कर सकते हैं
- उत्पादन: यह नियम बताता है कि उत्पादक अपनी सीमित संसाधनों से अधिकतम उत्पादन कैसे कर सकते हैं
- विनिमय: यह नियम वस्तुओं की कीमतों को निर्धारित करने में मदद करता है
- वितरण: यह नियम बताता है कि करों को किस प्रकार लगाया जाना चाहिए। कुछ वस्तुओं पर अधिक कर लगाया जाना चाहिए, जबकि कुछ पर कम
उपयोगिता
- उपयोगिता का अर्थ है किसी वस्तु या सेवा की उपयोगिता या इस्तेमाल करने की क्षमता
- यह इस बात पर निर्भर करता है कि कोई वस्तु किसी व्यक्ति की आवश्यकताओं को कितनी अच्छी तरह से पूरा करती है
- "उपयोगिता: किसी वस्तु या सेवा की आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता।"
उपयोगिता के पहलू
- उपयोगिता व्यक्तिपरक होती है और यह व्यक्ति की ज़रूरतों, इच्छाओं और परिस्थितियों के आधार पर बदलती है
- एक ही वस्तु अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग उपयोगिता रख सकती है
- उपयोगिता समय, स्थान और व्यक्ति के अनुसार बदल सकती है
उपयोगिता और संतुष्टि में अंतर
- उपयोगिता और संतुष्टि दोनों अलग-अलग अवधारणाएं हैं
- उपयोगिता किसी वस्तु में आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता है
- संतुष्टि उस आवश्यकता की पूर्ति के बाद मिलने वाला आनंद है
- दूसरे शब्दों में, उपयोगिता एक वस्तु का गुण है, जबकि संतुष्टि एक व्यक्ति का अनुभव है
उपयोगिता को मापना
- उपयोगिता को मापना एक कठिन काम है, लेकिन अर्थशास्त्रियों ने इसे मापने के दो मुख्य तरीके विकसित किए हैं
- गुणवाचक दृष्टिकोण: उपयोगिता को संख्याओं में मापा जा सकता है
- क्रमवाचक दृष्टिकोण: उपयोगिता को केवल क्रम में मापा जा सकता है
सीमांत उपयोगिता
- सीमांत उपयोगिता किसी वस्तु की एक अतिरिक्त इकाई का उपयोग करने से मिलने वाली अतिरिक्त संतुष्टि है
- गणितीय रूप से, सीमांत उपयोगिता को इस प्रकार दर्शाया जा सकता है: MUn = TUn - TUn-1
- MUₙ = n वीं इकाई की सीमांत उपयोगिता
- TUₙ = n इकाइयों का उपयोग करने से मिलने वाली कुल उपयोगिता
- TUₙ₋₁ = n-1 इकाइयों का उपयोग करने से मिलने वाली कुल उपयोगिता
- सीमांत उपयोगिता सकारात्मक, शून्य या नकारात्मक हो सकती है
- सकारात्मक: वस्तु का उपयोग करने से संतुष्टि बढ़ रही है
- शून्य: वस्तु का उपयोग करने से संतुष्टि में कोई बदलाव नहीं हो रहा है
- नकारात्मक: वस्तु का उपयोग करने से संतुष्टि घट रही है
कुल उपयोगिता
- कुल उपयोगिता किसी वस्तु की सभी इकाइयों का उपयोग करने से मिलने वाली कुल संतुष्टि है
- गणितीय रूप से, कुल उपयोगिता को इस प्रकार दर्शाया जा सकता है: TU = ∑MUᵢ
- TU कुल उपयोगिता है
- MUᵢ ith इकाई की सीमांत उपयोगिता है
- सीमांत उपयोगिता (MU) / कुल उपयोगिता (TU): धनात्मक (+) बढ़ती है शून्य (0) अधिकतम होती है ऋणात्मक (-) घटती है
घटती सीमांत उपयोगिता का नियम
- घटती सीमांत उपयोगिता का नियम कहता है कि जैसे-जैसे कोई व्यक्ति किसी वस्तु की अधिक से अधिक इकाइयों का उपभोग करता है, वैसे-वैसे उस वस्तु की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई से मिलने वाली सीमांत उपयोगिता घटती जाती है
- इस नियम का विचार सबसे पहले एच.एच. गोसेन ने दिया था, और इसे बाद में अल्फ्रेड मार्शल ने विकसित किया था। इस नियम को गोसेन का पहला नियम भी कहा जाता है
उदाहरण: कड़ाही पनीर
- उदाहरण: कड़ाही पनीर का लगातार उपयोग करने से मिलने वाली उपयोगिता कम होती जाती है
सीमांत उपयोगिता की परिभाषा
- सीमांत उपयोगिता वह अतिरिक्त संतुष्टि या उपयोगिता है जो किसी उपभोक्ता को एक अतिरिक्त इकाई का उपभोग करने से मिलती है
- अर्थ जाल में, सीमांत उपयोगिता को दर्शाया जा सकता है
- x-अक्ष: इकाइयों की संख्या
- y-अक्ष: सीमांत उपयोगिता
- जैसे-जैसे इकाइयों की संख्या बढ़ती है, सीमांत उपयोगिता कम होती जाती है और फिर शून्य और अंत में ऋणात्मक हो जाती है
नियम की मान्यताएँ
- उपभोग की जाने वाली वस्तुएँ हर बार समान होनी चाहिए (जैसे, गोलगप्पे का स्वाद हर बार एक जैसा होना चाहिए)
- स्थिर मानसिक स्थिति: उपभोक्ता की मानसिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए
- लगातार उपयोग: वस्तु का उपयोग लगातार होना चाहिए, बीच में कोई अंतराल नहीं होना चाहिए
- समान आकार: हर वस्तु का आकार लगभग समान होना चाहिए
नियम कहाँ लागू नहीं होता?
- दुर्लभ वस्तुएँ: जैसे डाक टिकट या दुर्लभ चित्र। जितना अधिक आप उन्हें इकट्ठा करते हैं, उतना ही अधिक आपको अच्छा लगता है
- शराब: कुछ व्यक्तियों के लिए, शराब का उपयोग करने पर हर बार अधिक मज़ा आता है
- फ़ैशन और दिखावटी वस्तुएँ: जितना महंगा फ़ोन या दिखावटी वस्तु आप उपयोग करते हैं, उतना ही अधिक आपको अच्छा लगता है
नियम की आलोचनाएँ
- शराबी नियम: इसे "शराबी नियम" भी कहा जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि शराब पीने से उपयोगिता हमेशा बढ़ती है
- तुष्टीकरण को मापना असंभव: किसी की संतुष्टि को संख्यात्मक रूप में मापना मुश्किल है
- मुद्रा का सीमांत तुष्टीकरण: मुद्रा का सीमांत उपयोगिता कभी भी समान नहीं हो सकता, क्योंकि वस्तुओं की कीमतें बदलती रहती हैं
- तुष्टीकरण में परिवर्तन: किसी वस्तु के प्रति रुचि कभी भी बदल सकती है
- अन्य प्रभावों की अनदेखी: यह नियम उपभोक्ता की आय और स्थानापन्न वस्तुओं के प्रभाव पर ध्यान नहीं देता है
- अविभाज्य वस्तुएँ: कुछ वस्तुएँ अविभाज्य होती हैं, जैसे करीबी दोस्त
- गिफिन वस्तुएँ: गिफिन वस्तुओं के मामले में भी यह नियम लागू नहीं होता
नियम का महत्व
- मांग का नियम: वस्तुओं की कीमत बढ़ने पर मांग घट जाती है और कीमत घटने पर मांग बढ़ जाती है
- उपभोक्ता की बचत: यह उपभोक्ता की बचत को बढ़ाता है
- कीमत निर्धारण: यह वस्तु की कीमत निर्धारण में मदद करता है
- प्रगतिशील कराधान: यह प्रगतिशील कराधान पर आधारित है, जहाँ अमीर लोगों पर अधिक कर लगाया जाता है
उपयोगिता और प्रयोग में अंतर
- उपयोगिता: किसी वस्तु का उपयोग करने की क्षमता
- प्रयोग: वास्तविक उपयोग
- उपयोगिता का मूल्य होता है, जबकि प्रयोग का कोई मूल्य नहीं होता
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