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Questions and Answers
पहलवान की ढोलक कहानी में किसे लूटन सिंह ने कुश्ती में हराया?
पहलवान की ढोलक कहानी में किसे लूटन सिंह ने कुश्ती में हराया?
- राजा
- मलेरिया
- चंद सिंह (correct)
- पहलवान
लूटन सिंह के प्रसन्न होने पर, किस चीज की स्थिति मजबूत हुई?
लूटन सिंह के प्रसन्न होने पर, किस चीज की स्थिति मजबूत हुई?
- मलेरिया
- राजसत्ता
- पहलवानी (correct)
- कुश्ती
पहलवान की ढोलक कहानी में क्या पहलवान लूटन सिंह का संसार अपना लेते हैं?
पहलवान की ढोलक कहानी में क्या पहलवान लूटन सिंह का संसार अपना लेते हैं?
- परिवार (correct)
- कुश्ती
- मलेरिया
- राजसत्ता
किस चीज से लूटन सिंह की ढोलक की आवाज ने मलेरिया प्रकोप से प्रभावित गांव में नया जीवन बनाया?
किस चीज से लूटन सिंह की ढोलक की आवाज ने मलेरिया प्रकोप से प्रभावित गांव में नया जीवन बनाया?
पहलवान की समर्पितता क्या प्रकट करती है?
पहलवान की समर्पितता क्या प्रकट करती है?
लूटन सिंह के माता-पिता की मृत्यु के बाद, उन्होंने क्या संसार में अपनाया?
लूटन सिंह के माता-पिता की मृत्यु के बाद, उन्होंने क्या संसार में अपनाया?
पहलवानी के संसार में लूटन सिंह क्या करते हैं?
पहलवानी के संसार में लूटन सिंह क्या करते हैं?
लूटन सिंह की दमदार ढोलक की आवाज से गांव में नया जोश भरता है।
लूटन सिंह की दमदार ढोलक की आवाज से गांव में नया जोश भरता है।
लूटन सिंह का परिवार उसके मृत्यु के बाद पहलवानी का संसार अपनाता है।
लूटन सिंह का परिवार उसके मृत्यु के बाद पहलवानी का संसार अपनाता है।
लूटन सिंह ने कुश्ती में हारकर राजा को प्रसन्न किया और अपनी स्थिति मजबूत की।
लूटन सिंह ने कुश्ती में हारकर राजा को प्रसन्न किया और अपनी स्थिति मजबूत की।
लूटन सिंह की ढोलक की आवाज ने मलेरिया प्रकोप से प्रभावित गांव में नया जीवन बनाया।
लूटन सिंह की ढोलक की आवाज ने मलेरिया प्रकोप से प्रभावित गांव में नया जीवन बनाया।
पहलवान की मौत, उसके जीवन में समर्पितता को प्रकट करती है।
पहलवान की मौत, उसके जीवन में समर्पितता को प्रकट करती है।
लूटन सिंह के परिवार ने पहलवानी का संसार परित्यक्त किया।
लूटन सिंह के परिवार ने पहलवानी का संसार परित्यक्त किया।
पहलवानी में लूतन सिंह संघर्ष और साहस का प्रतिबिम्बित करते हैं।
पहलवानी में लूतन सिंह संघर्ष और साहस का प्रतिबिम्बित करते हैं।
लूटन सिंह की माँ-पिता की मृत्यु के बाद, उन्होंने पहलवानी का संसार परित्यक्त किया।
लूटन सिंह की माँ-पिता की मृत्यु के बाद, उन्होंने पहलवानी का संसार परित्यक्त किया।
पहलवानी में, लूतन सिंह प्रसन्न होकर, अपनी स्थिति महत्वपूर्ण करते हैं।
पहलवानी में, लूतन सिंह प्रसन्न होकर, अपनी स्थिति महत्वपूर्ण करते हैं।
Study Notes
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पहलवान की ढोलक - लेखक फणीश्वर नाथ रेनू*
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यह कहानी राजसत्ता और सामाजिक व्यवस्था के परिवर्तन को उजागर करती है।
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पहलवान लूटन सिंह की दमदार ढोलक की आवाज से गांव में नया जोश भरता है।
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लूटन सिंह की माता-पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने पहलवानी का संसार अपनाया और ढोलक के माध्यम से जीवन को नई ऊर्जा दी।
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उन्होंने चंद सिंह को कुश्ती में हराकर राजा को प्रसन्न किया और अपनी स्थिति मजबूत की।
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लूटन सिंह की ढोलक की आवाज ने मलेरिया प्रकोप से ग्रसित गांव में नया जीवन दिया।
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अंत में, पहलवान की अंतिम इच्छा के अनुसार उसकी मौत होती है, जो उसके जीवन में समर्पितता को प्रकट करती है।
इस कहानी में सामाजिक परिवर्तन, परिवार के महत्व, परिश्रम का महत्व, और समर्पण की महत्वपूर्णता को उजागर किया गया है। लूटन सिंह के चरित्र में संघर्ष और साहस का प्रतिबिम्बित होना, सुनहरे सिखों के माध्यम से, पाठकों को प्रोत्साहित करता है।
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Description
इस कहानी में सामाजिक परिवर्तन, परिवार के महत्व, परिश्रम का महत्व, और समर्पण की महत्वपूर्णता को उजागर किया गया है। लूटन सिंह के चरित्र में संघर्ष और साहस का प्रतिबिम्बित होना, सुनहरे सिखों के माध्यम से, पाठकों को प्रोत्साहित करता है।