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Questions and Answers
द्रव्यशास्त्र, जैविक विज्ञान, आणि ज्योतिष विज्ञान हे कोणत्या क्षेत्रात कार्य करतात?
द्रव्यशास्त्र, जैविक विज्ञान, आणि ज्योतिष विज्ञान हे कोणत्या क्षेत्रात कार्य करतात?
- भौतिक विज्ञान, जलवायु शास्त्र, आणि समुद्रशास्त्र
- रसायनशास्त्र, जीवशास्त्र, आणि ज्योतिष्य
- भौतिकी, जैविकी, आणि खगोलशास्त्र (correct)
- प्राणीतत्वविज्ञान, वनस्पतिशास्त्र, आणि खगोलशास्त्र
ज्योतिष विज्ञान संबंधित कोणतं मुख्य विषय म्हणून मानलं जातं?
ज्योतिष विज्ञान संबंधित कोणतं मुख्य विषय म्हणून मानलं जातं?
- कला
- कारक
- कला-संकल्प (correct)
- परिचित्र
कोनते दोन संकेत सहीरित्या ज्योतिष संहितेचा प्रमुख पहीला पुस्तक होते?
कोनते दोन संकेत सहीरित्या ज्योतिष संहितेचा प्रमुख पहीला पुस्तक होते?
- महर्षि पराशर
- रुक्मिणी पराशर होरा (correct)
- नेरेदू पराशर होरा
- सूर्य सिद्धांत
ज्योतिषीय ग्रहांमधून कोणते प्रकारे परंपरेचे परिणाम होते?
ज्योतिषीय ग्रहांमधून कोणते प्रकारे परंपरेचे परिणाम होते?
'केतू-रहू' हे कोनते ग्रह आहेत?
'केतू-रहू' हे कोनते ग्रह आहेत?
द्रव्यशास्त्र क्षेत्रात कोणता विशेष संस्थान अर्थशास्त्राच्या क्षेत्रातील उत्पन्न झाला आहे?
द्रव्यशास्त्र क्षेत्रात कोणता विशेष संस्थान अर्थशास्त्राच्या क्षेत्रातील उत्पन्न झाला आहे?
द्रव्यशास्त्र क्षेत्रात कोणता विषय प्रमुख आहे?
द्रव्यशास्त्र क्षेत्रात कोणता विषय प्रमुख आहे?
जैविक विज्ञान क्षेत्रात कोणता प्रमुख अध्यन केला जातो?
जैविक विज्ञान क्षेत्रात कोणता प्रमुख अध्यन केला जातो?
कोणते घटक ज्योतिष विज्ञानात महत्त्वाचे आहे?
कोणते घटक ज्योतिष विज्ञानात महत्त्वाचे आहे?
'जैविक विज्ञान' में कौनसा प्रकारका अध्यन किया जाता है?
'जैविक विज्ञान' में कौनसा प्रकारका अध्यन किया जाता है?
'ज्योतिष विज्ञान' का क्या महत्पूर्न हिस्सा है?
'ज्योतिष विज्ञान' का क्या महत्पूर्न हिस्सा है?
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Study Notes
विज्ञान के तीन प्राधानिक विभाग: द्रव्यशास्त्र, जैविक विज्ञान, ज्योतिष विज्ञान
विज्ञान के तीन प्राधानिक विभाग द्रव्यशास्त्र, जैविक विज्ञान, और ज्योतिष विज्ञान में बहुत-से प्रश्नों की उत्तर प्राप्त किए गए हैं। ये विभाग संस्करण के समय-काल के साथ-साथ बड़े-बड़े विकसित हुए हैं, प्रतिभा और कल्पना के मुख्य साधनों के साथ।
1. द्रव्यशास्त्र (ओंश्चर्या)
द्रव्यशास्त्र में द्रव्यों के तरीके, प्रकारों, सम्बंधों और इनके तरीके से प्रबंध करने वाले योगानुसार प्रश्लेषण किया जाता है। कई निर्देशक द्रव्यशास्त्र का प्रतिष्ठापन प्रकृतिक सिद्धांतों के आधार पर किया है। यह विभाग संसाधनों के विकसित करने और उनके उपयोग के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका पल रहा है।
2. जैविक विज्ञान (जीवविद्या)
जैविक विज्ञान में जीवों के ऐसे प्रसंग के रूप में जीवीय प्रकारके विषयों का प्रश्लेषण किया जाता है। यह विभाग जीवों के विकास, संवेदन, ऐसे कारणों को ग्राह्य करता है और उनके संबंधित प्रश्नों को जवाब देता है। जैविक विज्ञान के उद्देश्य विज्ञानिक रूप से जीवों को अनुमानित करता है और उनके संस्थान तथा व्यवस्था को प्रकट करता है।
3. ज्योतिष विज्ञान (आयन्य)
ज्योतिष विज्ञान में सूर्य, चंद्र और अनेक अन्य निर्मल और दुर्गन्ध संस्थानों के विषय का प्रश्लेषण किया जाता है। यह विभाग संस्कारों के माध्यम से सूर्य और चंद्रके प्रवाह, दिन-रात्रि के समय तथा अनेक अन्य संस्कारों के प्रभाव को विज्ञापित करता है। ज्योतिष विज्ञान के लिए अनेक प्रकारके संस्करण और संस्करणों के साथ-साथ संस्कृतिक प्राधान्य बनाये गए हैं।
विज्ञान के इस तीन विभाग के बारे में बहुत-से अध्ययन किए गए हैं,
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