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Questions and Answers
आनंद यादव का मूल नाम क्या है?
आनंद यादव का मूल नाम क्या है?
- धीरज सिंह
- रतन यादव
- आनंदा रत्नाप्पा (correct)
- केशव प्रथम वीर
किस मराठी उपन्यास से 'जूझ' कहानी ली गई है?
किस मराठी उपन्यास से 'जूझ' कहानी ली गई है?
- सूरज
- भ्रष्ट
- झोबी (correct)
- पुस्तक
आनंद यादव की मां क्यों उन्हें समझाने में दुविधा महसूस कर रही थी?
आनंद यादव की मां क्यों उन्हें समझाने में दुविधा महसूस कर रही थी?
- पिता के साथ कुल्हाड़ी
- पिता की हरकत
- पिता की कमी
- पिता की गुस्सा (correct)
कैसे आनंद यादव की मां ने सुझाव पसंद किया और क्या किया?
कैसे आनंद यादव की मां ने सुझाव पसंद किया और क्या किया?
मुखिया क्या कह रहे थे कि 'जब आनंद यादव का पिता घर आये तो उसे मेरे पास भेज देना'?
मुखिया क्या कह रहे थे कि 'जब आनंद यादव का पिता घर आये तो उसे मेरे पास भेज देना'?
आनंद यादव के पिता ने उनकी पढ़ाई किस कक्षा में छुड़वा दी थी?
आनंद यादव के पिता ने उनकी पढ़ाई किस कक्षा में छुड़वा दी थी?
मुखिया किस पर गुस्सा होकर कह रहे थे 'बच्चे को तुरंत स्कूल भेजो'?
मुखिया किस पर गुस्सा होकर कह रहे थे 'बच्चे को तुरंत स्कूल भेजो'?
क्यों स्कूल में पहले दिन आनंद यादव का अच्छा नहीं बीता?
क्यों स्कूल में पहले दिन आनंद यादव का अच्छा नहीं बीता?
'लेखक' किसको कहा जा रहा है?
'लेखक' किसको कहा जा रहा है?
Study Notes
"जूझ" कहानी की पृष्ठभूमि
- "जूझ" कहानी मराठी उपन्यास "झोबी" से ली गई है, जिसके लेखक डॉ आनंद यादव हैं।
- इस मराठी कहानी का हिंदी अनुवाद केशव प्रथम वीर द्वारा किया है।
- डॉ आनंद रतन यादव का मूल नाम आनंदा रत्नाप्पा ज़काते हैं।
आनंद यादव का बचपन
- आनंद यादव पाँचवी कक्षा में पढ़ते थे तो उनके पिता ने उनका स्कूल जाना बंद करवा दिया था।
- उनके पिता का नाम रत्नाप्पा था जिन्हें वो दादा कह कर बुलाते थे।
- उनके पिता स्वयं घर का कोई काम नहीं करते थे और सारा दिन घूमने – फिरने , आराम व मौज – मस्ती करने में बिता देते थे।
आनंद यादव की स्कूल जाने की इच्छा
- आनंद यादव स्कूल जाना चाहते थे इसलिए एक दिन वो अपनी माँ से स्कूल जाने के विषय में बात करते हुए कहा कि अगर वो इस वक्त स्कूल नहीं गए तो फिर वो भी अपने पिता की तरह गरीब ही रह जायेंगे और अगर पढ़ लिख गए तो शायद जीवन में कुछ कर पायें।
- उनकी माँ चाहती थी कि बच्चा पढ़-लिख ले लेकिन वो आनंद यादव के पिता से डरती थी।
मुखिया दत्ता जी राव सरकार की मदद
- आनंद यादव ने अपनी माँ को सुझाव देते हुए कहा कि क्यों न दोनों चलकर गांव के मुखिया दत्ता जी राव सरकार से बात कर उनको अपनी सारी परेशानियां बताएं।
- मुखिया ने मां – बेटे को आश्वासन देकर घर भेज दिया कि जब आनंद यादव का पिता घर आये तो उसे मेरे पास भेज देना।
- आनंद यादव के पिता को मुखिया ने डांटते हुए कहा कि बच्चे को तुरंत स्कूल भेजो और अगर तुम इसे पढ़ा नहीं सकते हो तो मैं इसे पढ़ाऊंगा।
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Description
Explore the story 'Joojh' which is inspired by the Marathi novel 'Zhoob' written by Dr. Anand Yadav. The Hindi translation of this Marathi story was done by Keshav Pratham Veer. 'Joojh' is a part of Dr. Anand Yadav's autobiography, portraying his struggles and journey towards achieving success in the literary world.