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Questions and Answers
संविधान की प्रस्तावना का क्या महत्व है?
संविधान की प्रस्तावना का क्या महत्व है?
प्रस्तावना संविधान निर्माताओं के विचारों को जानने की कुंजी है और यह संविधान की आत्मा मानी जाती है।
एस.आर.बंबई वाद में क्या निर्णय लिया गया?
एस.आर.बंबई वाद में क्या निर्णय लिया गया?
इस वाद में 'पंथनिरपेक्षता' को आधारभूत ढांचा घोषित किया गया।
प्रस्तावना में कौन से शब्द 42वें संविधान संशोधन के तहत जोड़े गए?
प्रस्तावना में कौन से शब्द 42वें संविधान संशोधन के तहत जोड़े गए?
'समाजवादी', 'पंथनिरपेक्ष', और 'अखंडता' शब्द जोड़े गए।
प्रस्तावना में कितने प्रकार के न्याय का उल्लेख किया गया है?
प्रस्तावना में कितने प्रकार के न्याय का उल्लेख किया गया है?
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प्रस्तावना को कब अंगीकृत किया गया था?
प्रस्तावना को कब अंगीकृत किया गया था?
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प्रस्तावना में स्वतंत्रता कितनी प्रकारों में वर्णित है?
प्रस्तावना में स्वतंत्रता कितनी प्रकारों में वर्णित है?
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प्रस्तावना का संविधान में स्थान क्या है?
प्रस्तावना का संविधान में स्थान क्या है?
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डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुसार प्रस्तावना का क्या अर्थ है?
डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुसार प्रस्तावना का क्या अर्थ है?
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एल.आई.सी. वाद में क्या निर्णय दिया गया था?
एल.आई.सी. वाद में क्या निर्णय दिया गया था?
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प्रस्तावना में कौन-कौन सी प्राथमिकताएँ दर्शाई गई हैं?
प्रस्तावना में कौन-कौन सी प्राथमिकताएँ दर्शाई गई हैं?
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संविधान की प्रस्तावना को किस नाम से भी जाना जाता है?
संविधान की प्रस्तावना को किस नाम से भी जाना जाता है?
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प्रस्तावना में भारत शब्द कितनी बार आया है?
प्रस्तावना में भारत शब्द कितनी बार आया है?
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प्रस्तावना में न्याय के कितने प्रकारों का उल्लेख है?
प्रस्तावना में न्याय के कितने प्रकारों का उल्लेख है?
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प्रस्तावना में जोड़ी गई तीन विशेषताओं के नाम बताइए।
प्रस्तावना में जोड़ी गई तीन विशेषताओं के नाम बताइए।
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प्रस्तावना में कितने प्रकार की स्वतंत्रता का उल्लेख है?
प्रस्तावना में कितने प्रकार की स्वतंत्रता का उल्लेख है?
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प्रस्तावना में समानता के कितने प्रकारों का उल्लेख किया गया है?
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संविधान की प्रस्तावना में 'हम भारत के लोग' का क्या महत्व है?
संविधान की प्रस्तावना में 'हम भारत के लोग' का क्या महत्व है?
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42वें संविधान संशोधन में कौन से शब्द जोड़े गए थे?
42वें संविधान संशोधन में कौन से शब्द जोड़े गए थे?
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प्रस्तावना में 'बंधुता' का क्या अर्थ है?
प्रस्तावना में 'बंधुता' का क्या अर्थ है?
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प्रस्तावना में 'गरिमा' का उल्लेख किसलिए किया गया है?
प्रस्तावना में 'गरिमा' का उल्लेख किसलिए किया गया है?
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केशवानंद भारती बनाम केरल सरकार वाद का क्या महत्व है?
केशवानंद भारती बनाम केरल सरकार वाद का क्या महत्व है?
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प्रस्तावना में 'लोकतंत्रात्मक गणराज्य' का क्या अर्थ है?
प्रस्तावना में 'लोकतंत्रात्मक गणराज्य' का क्या अर्थ है?
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प्रस्तावना में कौन सी क्रांति की अवधारणाएँ शामिल हैं?
प्रस्तावना में कौन सी क्रांति की अवधारणाएँ शामिल हैं?
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प्रस्तावना में 'आत्मसमर्पण' का क्या अर्थ है?
प्रस्तावना में 'आत्मसमर्पण' का क्या अर्थ है?
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Study Notes
संविधान की प्रस्तावना
- संविधान की प्रस्तावना को उद्देशिका भी कहा जाता है।
- प्रस्तावना भारत के संविधान का परिचय है।
- इसे 13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा में पेश किया था।
प्रस्तावना की भाषा
- प्रस्तावना में भारत शब्द दो बार आया है।
- प्रस्तावना में तीन प्रकार के न्याय का उल्लेख है: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक।
- प्रस्तावना में पांच प्रकार की स्वतंत्रता का उल्लेख है: विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना।
- प्रस्तावना में दो प्रकार की समानता का उल्लेख है: प्रतिष्ठा और अवसर की समानता।
प्रस्तावना में शब्दों का क्रम
- प्रस्तावना में शब्दों का क्रम महत्वपूर्ण है, जैसे:
- संप्रभुता (संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न)
- समाजवादी
- पंथ निरपेक्ष
- लोकतंत्रात्मक गणराज्य
- न्याय
- स्वतंत्रता
- समानता
- गरिमा
- एकता
- अखंडता
- बंधुता
- अंगीकृत
- अधिनियमित
- आत्म अर्पित
प्रस्तावना में संशोधन
- प्रस्तावना में केवल एक बार संशोधन किया गया।
- 42वाँ संविधान संशोधन 1976, जो 3 जनवरी 1977 को लागू हुआ, में तीन शब्द जोड़े गए: समाजवादी, पंथ निरपेक्ष और अखंडता।
प्रस्तावना में शब्दावली
- "हम भारत के लोग": यह शब्द संविधान की शक्ति का स्रोत, भारत की जनता, को दर्शाता है; यह संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर की उद्देशिका में प्रयुक्त "हम संयुक्त राष्ट्र के लोग" के समान है।
- "संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न": यह शब्द भारत की स्वतंत्रता और आंतरिक-बाह्य मामलों में स्वतंत्रता को दर्शाता है।
- "समाजवादी": यह शब्द 42वें संविधान संशोधन में जोड़ा गया; उत्पादन और वितरण के साधनों पर सरकार का नियंत्रण को दर्शाता है।
- "पंथ निरपेक्ष": यह शब्द 42वें संविधान संशोधन में जोड़ा गया; यह धर्म के आधार पर नागरिकों में भेदभाव को निषिद्ध करता है, भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित करता है।
- "लोकतंत्रात्मक गणराज्य": यह शब्द जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन को दर्शाता है; भारत में प्रतिनिधि लोकतंत्र शासन प्रणाली है, राज्य का प्रमुख वंशानुगत नहीं बल्कि जनता द्वारा निर्वाचित राष्ट्रपति होगा।
- "न्याय": प्रस्तावना में तीन प्रकार के न्याय (सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक) का उल्लेख है।
- "स्वतंत्रता": प्रस्तावना में पांच प्रकार की स्वतंत्रता का उल्लेख (विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना) है।
- "समानता": प्रस्तावना में दो प्रकार की समानता का उल्लेख है: प्रतिष्ठा और अवसर की समानता।
- "गरिमा": यह शब्द व्यक्ति की गरिमा को संरक्षित करने के संकल्प को दर्शाता है।
- "एकता": यह शब्द राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के संकल्प को दर्शाता है।
- "अखंडता": देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है; 42वें संविधान संशोधन में जोड़ा गया।
- "बंधुता": देश में भाईचारा और सद्भाव बढ़ाने के संकल्प को दर्शाता है।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- 42वाँ संविधान संशोधन 1976 में प्रस्तावना में "समाजवादी", "पंथनिरपेक्ष" और "अखंडता" शब्द जोड़े गए।
- प्रस्तावना संविधान की जड़ें, अभिसत्ता, प्रभुसत्ता जन साधारण में नीत होती हैं; यह संविधान की आत्मा है।
- प्रस्तावना में व्यक्ति की गरिमा, राष्ट्र की एकता और अखंडता का उल्लेख किया गया है।
- प्रस्तावना को 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया था।
- प्रस्तावना में भारत का संविधान भारत की जनता को आत्म अर्पित करने की बात की गई है।
- प्रस्तावना में तीन प्रकार के न्याय, पांच प्रकार की स्वतंत्रता, दो प्रकार की समानता और एक प्रकार की बंधुता का उल्लेख है।
- प्रस्तावना से संबंधित विस्तृत व्याख्या मूल अधिकार (भाग तीन), नीति निर्देशक तत्व (भाग चार) और मूल कर्तव्य (भाग चार क) में मिलती है।
- (बाकी सभी सूचियाँ पहले जैसी ही हैं, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.)*
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Description
इस क्विज में आप संविधान की प्रस्तावना के विभिन्न पहलुओं को जानेंगे। प्रस्तावना की उद्देशिका, भाषा और महत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह क्विज भारत के संविधान की मूल भावनाओं और सिद्धांतों को समझने में मदद करेगा।