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Questions and Answers
सदा नन्द ने शा दी रा म के घर में क्या देखा?
सदा नन्द ने शा दी रा म के घर में क्या देखा?
- नई किताबें
- बहुत सी तस्वीरें
- पुरानी एलबम
- तस्वीरों की किताबें (correct)
शा दी रा म ने कितनी तस्वीरें इकट्ठा की थीं?
शा दी रा म ने कितनी तस्वीरें इकट्ठा की थीं?
- 150
- 200 (correct)
- 300
- 250
सदा नन्द को शा दी रा म के कर्ज के बारे में क्या पता था?
सदा नन्द को शा दी रा म के कर्ज के बारे में क्या पता था?
- वह पैसे का इंतज़ाम नहीं कर सकता
- वह सज्जन व्यक्ति है (correct)
- वह शैतान है
- वह कर्ज चुका चुका है
शा दी रा म ने एलबम से कितने रुपये प्राप्त किए?
शा दी रा म ने एलबम से कितने रुपये प्राप्त किए?
जब सदा नन्द मूर्छित होते हैं, तो शा दी रा म क्या करते हैं?
जब सदा नन्द मूर्छित होते हैं, तो शा दी रा म क्या करते हैं?
एलबम के बारे में सदा नन्द को क्या पता चलता है?
एलबम के बारे में सदा नन्द को क्या पता चलता है?
सदा नन्द ने किसके कहने पर शा दी रा म को कर्ज चुकाने के लिए पैसे दिए?
सदा नन्द ने किसके कहने पर शा दी रा म को कर्ज चुकाने के लिए पैसे दिए?
शा दी रा म ने तस्वीरों की किताब बेची थी, जिससे उन्हें क्या मिला?
शा दी रा म ने तस्वीरों की किताब बेची थी, जिससे उन्हें क्या मिला?
जब शा दी रा म को कर्ज चुकाने का अवसर मिला, तो उन्होंने किसे पैसे दिए?
जब शा दी रा म को कर्ज चुकाने का अवसर मिला, तो उन्होंने किसे पैसे दिए?
शा दी रा म के बारे में सदा नन्द की क्या धारणा थी?
शा दी रा म के बारे में सदा नन्द की क्या धारणा थी?
शा दी रा म ने अपनी तस्वीरें किसके कहने पर इकट्ठा कीं?
शा दी रा म ने अपनी तस्वीरें किसके कहने पर इकट्ठा कीं?
जब शा दी रा म को एक हजार रुपये मिले, तो उन्होंने किसको पैसे लौटाए?
जब शा दी रा म को एक हजार रुपये मिले, तो उन्होंने किसको पैसे लौटाए?
शा दी रा म को कर्ज चुकाने के बाद कैसा महसूस हुआ?
शा दी रा म को कर्ज चुकाने के बाद कैसा महसूस हुआ?
सदा नन्द की मूर्छा आने के समय शा दी रा म ने क्या किया?
सदा नन्द की मूर्छा आने के समय शा दी रा म ने क्या किया?
एलबम के संदर्भ में सदा नन्द को क्या बताया गया?
एलबम के संदर्भ में सदा नन्द को क्या बताया गया?
शा दी रा म को कर्ज चुकाने का अवसर किसकी मदद से मिला?
शा दी रा म को कर्ज चुकाने का अवसर किसकी मदद से मिला?
क्या हुआ जब सदा नन्द ने शा दी रा म की तस्वीरों की किताब देखी?
क्या हुआ जब सदा नन्द ने शा दी रा म की तस्वीरों की किताब देखी?
कर्ज का बोझ सदा नन्द को जब समझ में आया, तो उनका क्या हाल हुआ?
कर्ज का बोझ सदा नन्द को जब समझ में आया, तो उनका क्या हाल हुआ?
ला ला ने एलबम को कब छीना?
ला ला ने एलबम को कब छीना?
किताबों में शा दी रा म को क्या देखकर उत्सुकता हुई?
किताबों में शा दी रा म को क्या देखकर उत्सुकता हुई?
शा दी रा म ने कर्ज चुकाने के पहले कौन सी गतिविधि की थी?
शा दी रा म ने कर्ज चुकाने के पहले कौन सी गतिविधि की थी?
सदा नन्द का शा दी रा म के प्रति आस्था कैसे दिखती है?
सदा नन्द का शा दी रा म के प्रति आस्था कैसे दिखती है?
जब एल्बम से पैसे प्राप्त हुए, तो शा दी रा म का क्या पहला कदम था?
जब एल्बम से पैसे प्राप्त हुए, तो शा दी रा म का क्या पहला कदम था?
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Study Notes
मुख्य पात्र और उनकी विशेषताएँ
- शादीराम एक सज्जन व्यक्ति हैं, जो कभी कर्ज की बात नहीं करते।
- सदानंद शादीराम के अच्छे स्वभाव को जानते हैं और पैसे के विषय में चर्चा करने से कतराते हैं।
चित्रों का संग्रहण
- सदानंद शादीराम के घर में कई पुरानी किताबें पाते हैं।
- चित्रों को देखकर सदानंद सुझाव देते हैं कि इनका संग्रह करके एक एलबम बनाया जाए।
एलबम की बिक्री
- शादीराम ने सदा नन्द के कहने पर दो-ढाई सौ चित्र जुटाए।
- सदा नन्द एलबम को सजाकर पत्रिका के प्रकाशक को बेचने का निर्णय लेते हैं।
- कुछ दिन बाद, कलकत्ता से एक सेठ का पत्र आता है, जिसमें एलबम भेजने का कहा जाता है।
बिक्री की खुशी
- सेठ ने 1,000 रुपये की पेशकश की, जिससे शादीराम बेहद खुश होते हैं।
- शादीराम 500 रुपये सदा नन्द को लौटा देते हैं, जिससे उन्हें कर्ज मुक्त होने का अहसास होता है।
दुखद घटना
- एक दिन, साधारण भक्ति करते वक्त सदा नन्द मूर्छित हो जाते हैं।
- शादीराम उन्हें उठाने के दौरान गिरती हुई एलबम खोजते हैं, जो उन्होंने बेची थी।
- यह पता चलता है कि एलबम अभी भी सदा नन्द से जुड़ी हुई है, जिससे कर्ज का बोझ दो गुना हो जाता है।
अंत में उत्पन्न भावनाएँ
- शादीराम को यह समझ में आता है कि सदा नन्द ने एलबम से कर्ज का उचित निवारण नहीं किया है, बल्कि स्थिति को और भी जटिल बना दिया है।
- इस स्थिति पर शादीराम दुखी हो जाते हैं जब सदा नन्द एलबम को छीन लेते हैं और बताते हैं कि उन्होंने इसे कलकत्ता से मंगवाया है।
मुख्य पात्र और उनकी विशेषताएँ
- शादीराम एक सज्जन व्यक्ति हैं, जो कभी कर्ज की बात नहीं करते।
- सदानंद शादीराम के अच्छे स्वभाव को जानते हैं और पैसे के विषय में चर्चा करने से कतराते हैं।
चित्रों का संग्रहण
- सदानंद शादीराम के घर में कई पुरानी किताबें पाते हैं।
- चित्रों को देखकर सदानंद सुझाव देते हैं कि इनका संग्रह करके एक एलबम बनाया जाए।
एलबम की बिक्री
- शादीराम ने सदा नन्द के कहने पर दो-ढाई सौ चित्र जुटाए।
- सदा नन्द एलबम को सजाकर पत्रिका के प्रकाशक को बेचने का निर्णय लेते हैं।
- कुछ दिन बाद, कलकत्ता से एक सेठ का पत्र आता है, जिसमें एलबम भेजने का कहा जाता है।
बिक्री की खुशी
- सेठ ने 1,000 रुपये की पेशकश की, जिससे शादीराम बेहद खुश होते हैं।
- शादीराम 500 रुपये सदा नन्द को लौटा देते हैं, जिससे उन्हें कर्ज मुक्त होने का अहसास होता है।
दुखद घटना
- एक दिन, साधारण भक्ति करते वक्त सदा नन्द मूर्छित हो जाते हैं।
- शादीराम उन्हें उठाने के दौरान गिरती हुई एलबम खोजते हैं, जो उन्होंने बेची थी।
- यह पता चलता है कि एलबम अभी भी सदा नन्द से जुड़ी हुई है, जिससे कर्ज का बोझ दो गुना हो जाता है।
अंत में उत्पन्न भावनाएँ
- शादीराम को यह समझ में आता है कि सदा नन्द ने एलबम से कर्ज का उचित निवारण नहीं किया है, बल्कि स्थिति को और भी जटिल बना दिया है।
- इस स्थिति पर शादीराम दुखी हो जाते हैं जब सदा नन्द एलबम को छीन लेते हैं और बताते हैं कि उन्होंने इसे कलकत्ता से मंगवाया है।
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