सस्य विज्ञान का परिचय

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सस्य विज्ञान की परिभाषा क्या है, और यह किन दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है?

सस्य विज्ञान कृषि विज्ञान की वह शाखा है जिसमें फसल उत्पादन, मृदा से सम्बंधित क्रियाओं और प्रबंध का अध्ययन किया जाता है। यह 'एग्रोस' (खेत) और 'नोमस' (प्रबंध करना) से मिलकर बना है।

सस्य विज्ञान का जनक किसे माना जाता है, और भारत में इस विज्ञान का क्या महत्व है?

डॉक्टर पीटर डिक्रेसे जी को सस्य विज्ञान का जनक माना जाता है। भारत में, यह भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी के रूप में जाना जाता है क्योंकि लगभग 70% आबादी कृषि पर निर्भर है।

मृदा उर्वरता को परिभाषित कीजिए और इसके दो मुख्य प्रकारों का उल्लेख कीजिए।

मृदा उर्वरता मृदा की भौतिक, रासायनिक और जैविक शक्ति का योग है। इसके दो मुख्य प्रकार हैं: प्राकृतिक उर्वरता और उपार्जित उर्वरता।

मृदा उर्वरता को प्रभावित करने वाले किन्हीं दो प्राकृतिक कारकों का वर्णन कीजिए।

<p>दो प्राकृतिक कारक हैं: (1) पत्रक पदार्थ, जो मृदा का निर्माण करने वाली चट्टानों की प्रकृति (अम्लीय या क्षारीय) को दर्शाता है, और (2) स्थलाकृति, जो खेत की आकृति के कारण पोषक तत्वों के बहाव को प्रभावित करती है।</p> Signup and view all the answers

मृदा उर्वरता को प्रभावित करने वाले किन्हीं दो कृत्रिम कारकों का वर्णन कीजिए।

<p>दो कृत्रिम कारक हैं: (1) जलाक्रांति, जो आवश्यकता से अधिक पानी भरने के कारण पोषक तत्वों का निक्षालन करती है, और (2) फसल प्रणाली, जिसमें लगातार एक ही फसल उगाने से पोषक तत्वों की कमी होती है।</p> Signup and view all the answers

मृदा पीएच स्केल क्या है, और खेती के लिए उपयुक्त पीएच मान क्या है?

<p>मृदा पीएच स्केल 0 से 14 तक होता है, जिसमें 7 पर मृदा उदासीन होती है। खेती के लिए उपयुक्त पीएच मान 6.5 से 7.5 है।</p> Signup and view all the answers

मृदा में सूक्ष्मजीवों का क्या महत्व है?

<p>सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों का विघटन करते हैं, जिससे पोषक तत्व बनते हैं।</p> Signup and view all the answers

मृदा उत्पादकता को परिभाषित कीजिए और इसे किस रूप में व्यक्त किया जाता है?

<p>मृदा उत्पादकता मृदा द्वारा प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने की क्षमता है। इसे रुपयों में या प्रति हेक्टेयर उपज के रूप में व्यक्त किया जाता है।</p> Signup and view all the answers

मृदा उत्पादकता को प्रभावित करने वाले किन्हीं दो कारकों का उल्लेख कीजिए।

<p>दो कारक हैं: (1) मृदा उर्वरता, क्योंकि उर्वर मृदा का होना आवश्यक है, और (2) उत्पाद की मांग, क्योंकि मांग बढ़ने पर उत्पादकता बढ़ती है।</p> Signup and view all the answers

मृदा उर्वरता और उत्पादकता के बीच मुख्य अंतर क्या है?

<p>मृदा उर्वरता मृदा की भौतिक, रासायनिक और जैविक शक्ति का योग है, जबकि मृदा उत्पादकता प्रति हेक्टेयर पैदावार देने की क्षमता है। उर्वर मृदा उत्पादक हो भी सकती है और नहीं भी, लेकिन उत्पादक मृदा हमेशा उर्वर होती है।</p> Signup and view all the answers

सस्य विज्ञान की आवश्यकता वाले किन्हीं दो क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए।

<p>सस्य विज्ञान की आवश्यकता वाले दो क्षेत्र हैं: कृषि उत्पादन का क्षेत्र और नियोजन के रूप में कृषि।</p> Signup and view all the answers

मृदा में अम्लीयता और क्षारीयता का क्या अर्थ है, और इसका पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

<p>मृदा में अम्लीयता का अर्थ है H+ आयनों की अधिकता (पीएच 7 से नीचे), जबकि क्षारीयता का अर्थ है OH- आयनों की अधिकता (पीएच 7 से ऊपर)। अत्यधिक अम्लीय या क्षारीय मृदा पौधों की वृद्धि को बाधित कर सकती है, क्योंकि पोषक तत्वों की उपलब्धता प्रभावित होती है।</p> Signup and view all the answers

मृदा अपरदन क्या है, और यह मृदा उर्वरता को कैसे प्रभावित करता है?

<p>मृदा अपरदन मृदा की ऊपरी परत का बहाव है, जो पोषक तत्वों को भी साथ ले जाता है। इससे मृदा में पोषक तत्वों की मात्रा कम हो जाती है, जिससे उर्वरता घट जाती है।</p> Signup and view all the answers

फसल प्रणाली का मृदा उर्वरता पर क्या प्रभाव पड़ता है, और इसे कैसे सुधारा जा सकता है?

<p>लगातार एक ही फसल उगाने से कुछ पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे मृदा उर्वरता घट जाती है। इसे फसल चक्रण द्वारा सुधारा जा सकता है, जिसमें अलग-अलग पोषक तत्वों की आवश्यकता वाली फसलों को बारी-बारी से उगाया जाता है।</p> Signup and view all the answers

जलाक्रांति (water logging) मृदा उर्वरता को कैसे प्रभावित करती है, और इससे बचने के क्या उपाय हैं?

<p>जलाक्रांति से पोषक तत्वों का निक्षालन होता है और सूक्ष्मजीवों की कमी हो जाती है, जिससे मृदा उर्वरता घट जाती है। इससे बचने के लिए उचित जल निकासी व्यवस्था और सिंचाई प्रबंधन आवश्यक है।</p> Signup and view all the answers

मृदा की भौतिक दशा से क्या तात्पर्य है, और इसके मुख्य घटक क्या हैं?

<p>मृदा की भौतिक दशा से तात्पर्य मृदा की संरचना, कणाकार, वायु और जल आदि से है।</p> Signup and view all the answers

मृदा में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा का क्या महत्व है, और इसकी कमी के क्या परिणाम हो सकते हैं?

<p>मृदा में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा पोषक तत्वों का स्रोत है और यह मृदा संरचना को सुधारता है। इसकी कमी से पोषक तत्वों की कमी होती है, और मृदा की जल धारण क्षमता घट जाती है।</p> Signup and view all the answers

सस्य विज्ञान, कला और विज्ञान दोनों कैसे है?

<p>सस्य विज्ञान कला इसलिए है क्योंकि इसमें अनुभव और कौशल की आवश्यकता होती है, जैसे फसल का चुनाव और प्रबंधन। यह विज्ञान इसलिए है क्योंकि यह मृदा, पौधों और पर्यावरण के वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित है।</p> Signup and view all the answers

मृदा जुताई की विधि और समय का मृदा उर्वरता पर क्या प्रभाव पड़ता है?

<p>गलत विधि अपनाने से मृदा की संरचना बिगड़ सकती है और उर्वरता में कमी हो सकती है। उचित समय पर जुताई करने से मृदा में वायु संचार बढ़ता है और पोषक तत्वों का बेहतर उपयोग होता है।</p> Signup and view all the answers

शहर के समीप वाली मृदाएँ अधिक उत्पादक क्यों होती हैं?

<p>शहर के समीप वाली मृदाएँ अधिक उत्पादक इसलिए होती हैं क्योंकि उन्हें बेहतर प्रबंधन और बाजार तक आसान पहुंच मिलती है, जिससे उत्पादों की मांग बनी रहती है और निवेश करने की प्रेरणा मिलती है।</p> Signup and view all the answers

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Flashcards

सस्य विज्ञान क्या है?

कृषि विज्ञान की वह शाखा जिसमें फसल उत्पादन, मृदा से संबंधित क्रियाओं और प्रबंध का अध्ययन किया जाता है।

"एग्रोनॉमी" शब्द की उत्पत्ति

"एग्रोनॉमी" शब्द ग्रीक भाषा के शब्द "एग्रोस" (agros) और "नोमस" (nomos) से बना है।

सस्य विज्ञान का जनक

डॉक्टर पीटर डिक्रेसे जी को सस्य विज्ञान का जनक माना जाता है।

मृदा उर्वरता

मृदा की भौतिक, रासायनिक और जैविक शक्ति का योग।

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प्राकृतिक उर्वरता

मृदा निर्माण के समय से मौजूद उर्वरता।

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उपार्जित उर्वरता

खाद, उर्वरक और अन्य पोषक तत्व डालकर बनाई गई उर्वरता।

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स्थलाकृति

खेत की आकृति, जिससे पोषक तत्वों का बहाव होता है।

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जलाक्रांति (Water logging)

आवश्यकता से अधिक पानी भरने के कारण पोषक तत्वों का निक्षालन और सूक्ष्मजीवों की कमी।

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फसल प्रणाली

लगातार एक ही फसल उगाने से पोषक तत्वों की कमी।

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मृदा पीएच

खेती के लिए उपयुक्त pH मान 6.5 से 7.5 है।

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मृदा उत्पादकता

मृदा द्वारा प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने की क्षमता।

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मृदा की स्थिति

शहरी क्षेत्रों के पास की मिट्टी अधिक उत्पादक होती है।

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उत्पाद की मांग

मांग बढ़ने पर उत्पादकता बढ़ती है।

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यातायात के साधन

अच्छी परिवहन सुविधा आवश्यक है।

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मृदा उर्वरता

भौतिक, रासायनिक और जैविक शक्ति का योग।

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मृदा उत्पादकता

प्रति हेक्टेयर पैदावार देने की क्षमता।

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उर्वरता और उत्पादकता का संबंध

उर्वर मृदा उत्पादक हो भी सकती है और नहीं भी।

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मृदा उर्वरता की जाँच

प्रयोगशाला में की जाती है।

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मृदा उत्पादकता की जाँच

खेत से प्राप्त उत्पादन और रुपयों में की जाती है।

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मृदा उर्वरता का फलन

मृदा में उपस्थित कुल पोषक तत्वों का फलन।

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Study Notes

सस्य विज्ञान का परिचय

  • सस्य विज्ञान कृषि विज्ञान की वह शाखा है जो फसल उत्पादन, मिट्टी से संबंधित क्रियाओं और प्रबंधन का अध्ययन करती है।
  • इसमें मृदा प्रबंधन के सिद्धांतों और क्रियाओं का अध्ययन शामिल है।
  • सस्य विज्ञान को अंग्रेजी में "एग्रोनॉमी" (Agronomy) कहा जाता है।
  • "एग्रोनॉमी" शब्द ग्रीक भाषा के शब्द "एग्रोस" (agros) और "नोमस" (nomos) से लिया गया है।
  • "एग्रोस" का अर्थ है खेत (field), और "नोमस" का अर्थ है प्रबंध करना (to manage)।
  • इस प्रकार, एग्रোনमी का अर्थ है "खेत का प्रबंधन करना"।
  • डॉ. पीटर डिक्रेसे को सस्य विज्ञान का जनक माना जाता है।

सस्य विज्ञान का महत्व और कार्यक्षेत्र

  • सस्य विज्ञान कला और विज्ञान दोनों है।
  • यह एक व्यवसाय के रूप में भी महत्वपूर्ण है, जैसे डेयरी व्यवसाय और अनाज की खरीद-बिक्री।
  • यह पूरी आबादी के जीवन का आधार है।
  • भारत की लगभग 70% आबादी कृषि पर निर्भर है।
  • यह कृषि उनका रोजगार और भरण-पोषण का साधन है।
  • सस्य विज्ञान को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है।

सस्य विज्ञान की आवश्यकता वाले क्षेत्र

  • कृषि उत्पादन के क्षेत्र
  • नियोजन के रूप में कृषि
  • व्यवसाय के रूप में कृषि
  • उद्योगों में (कच्चे माल की आपूर्ति)

मृदा उर्वरता और मृदा उत्पादकता

  • मृदा उर्वरता: मृदा की भौतिक, रासायनिक और जैविक शक्ति का योग है।
    • भौतिक शक्ति: मृदा की संरचना, कणाकार, वायु, जल आदि।
    • रासायनिक शक्ति: मृदा का pH मान, पोषक तत्व आदि।
    • जैविक शक्ति: कार्बनिक पदार्थ, खनिज पदार्थ आदि।
  • एक अन्य परिभाषा: पादप वृद्धि के लिए अनुकूल परिस्थितियों में पोषक तत्वों को उपलब्ध कराने की क्षमता, उचित मात्रा में और उपयुक्त संतुलन में।

मृदा उर्वरता के प्रकार

  • प्राकृतिक उर्वरता: मृदा निर्माण के समय से मौजूद उर्वरता।
  • अर्जित उर्वरता: खाद, उर्वरक और अन्य पोषक तत्वों को डालकर बनाई गई उर्वरता।

मृदा उर्वरता को प्रभावित करने वाले कारक

  • प्राकृतिक कारक
    • पत्रक पदार्थ: मृदा का निर्माण करने वाली चट्टानों की प्रकृति (अम्लीय या क्षारीय)।
    • स्थलाकृति: खेत की आकृति, जिससे पोषक तत्वों का बहाव होता है।
    • मृदा आयु: पुरानी मृदा (लंबे समय से खेती की जा रही है) या नई मृदा।
    • जलवायु: बारिश और तापमान का प्रभाव।
    • मृदा की भौतिक दशा: संरचना, कणाकार आदि।
    • मृदा अपरदन: पोषक तत्वों का बहाव।
    • मृदा में पोषक तत्वों की मात्रा: संतुलन आवश्यक है।
    • मृदा प्रोफाइल की गहराई: अधिक गहराई से कार्बनिक पदार्थ और पोषक तत्व अधिक होते हैं।
  • कृत्रिम कारक
    • जलाक्रांति: आवश्यकता से अधिक पानी भरने के कारण पोषक तत्वों का निक्षालन और सूक्ष्मजीवों की कमी।
    • फसल प्रणाली: लगातार एक ही फसल उगाने से पोषक तत्वों की कमी।
    • मृदा पीएच: 6.5 से 7.5 के बीच उपयुक्त।
    • मृदा में सूक्ष्मजीव: जीवाणु, एक्टिनोमाइसिटीज, कवक आदि।
    • कार्बनिक पदार्थ की मात्रा: कमी होने से पोषक तत्वों की कमी।
    • मृदा जुताई की विधि और समय: सही विधि न अपनाने से उर्वरता में कमी।

मृदा पीएच स्केल

  • 0 से 14 तक अंक होते हैं।
  • 7 पर मृदा उदासीन होती है।
  • 7 से नीचे H+ आयन (अम्लीय) और 7 से ऊपर OH- आयन (क्षारीय) होते हैं।
  • खेती के लिए उपयुक्त pH मान 6.5 से 7.5 है।

सूक्ष्मजीवों का महत्व

  • सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों का विघटन करते हैं, जिससे पोषक तत्व बनते हैं।

मृदा उत्पादकता

  • परिभाषा: मृदा द्वारा प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने की क्षमता।
  • इसे रुपये में या प्रति हेक्टेयर उपज के रूप में व्यक्त किया जाता है।

मृदा उत्पादकता को प्रभावित करने वाले कारक

  • मृदा उर्वरता: उर्वर मृदा का होना आवश्यक है।
  • मृदा की भौतिक दशा: लवणीय या क्षारीय नहीं होनी चाहिए।
  • मृदा की स्थिति: शहर के समीप वाली मृदाएँ अधिक उत्पादक होती हैं।
  • उत्पाद की मांग: मांग बढ़ने पर उत्पादकता बढ़ती है।
  • यातायात के साधन: अच्छी परिवहन सुविधा आवश्यक है।
  • अन्य कारक: कीट, रोग, जंगली जानवर और प्रतिकूल मौसम से नुकसान।

मृदा उर्वरता और उत्पादकता में अंतर

विशेषता मृदा उर्वरता मृदा उत्पादकता
परिभाषा भौतिक, रासायनिक और जैविक शक्ति का योग प्रति हेक्टेयर पैदावार देने की क्षमता
संबंध उर्वर मृदा उत्पादक हो भी सकती है और नहीं भी उत्पादक मृदा हमेशा उर्वर होती है
जांच प्रयोगशाला में खेत से प्राप्त उत्पादन और रुपयों में की जाती है
फलन मृदा में उपस्थित कुल पोषक तत्वों का फलन मृदा की उर्वरता, प्रबंधन और जलवायु का फलन

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