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Questions and Answers
सूरदास के पद में 'हरिराई' का किससे संबंध है?
सूरदास के पद में 'हरिराई' का किससे संबंध है?
- भगवान कृष्ण (correct)
- भगवान राम
- भगवान विष्णु
- भगवान शिव
सूरदास के अनुसार, किस स्थिति में पंगु और अंधा भगवान की कृपा से उन्नति करते हैं?
सूरदास के अनुसार, किस स्थिति में पंगु और अंधा भगवान की कृपा से उन्नति करते हैं?
- ज्ञान से
- शक्ति से
- दया से (correct)
- धन्यते
सूरदास के पद 2 में 'अगम अगोचर' का क्या अर्थ है?
सूरदास के पद 2 में 'अगम अगोचर' का क्या अर्थ है?
- अविज्ञेय और अनुभव हो न सकने वाला (correct)
- सुलभ और समझने योग्य
- अच्छा और सुगम
- आसान और प्राप्य
सूरदास के किस पद में 'नाटक की परिपाटी' का उल्लेख किया गया है?
सूरदास के किस पद में 'नाटक की परिपाटी' का उल्लेख किया गया है?
पद 4 में 'अधर रस मुरली' का संदर्भ किससे जुड़ा है?
पद 4 में 'अधर रस मुरली' का संदर्भ किससे जुड़ा है?
सूरदास के पद 5 में 'चरननि रस रासी' का क्या उद्देश्य है?
सूरदास के पद 5 में 'चरननि रस रासी' का क्या उद्देश्य है?
पद 1 में 'स्वामी करुणामय' किसकी ओर इशारा करता है?
पद 1 में 'स्वामी करुणामय' किसकी ओर इशारा करता है?
पद 3 में 'भरम-जवनिका' का क्या संदर्भ है?
पद 3 में 'भरम-जवनिका' का क्या संदर्भ है?
पद 2 में 'निरालंब मन चकृत धावै' का क्या अर्थ है?
पद 2 में 'निरालंब मन चकृत धावै' का क्या अर्थ है?
पद 5 में 'करत उदासी' का क्या भावार्थ है?
पद 5 में 'करत उदासी' का क्या भावार्थ है?
Flashcards
सूरदास के पद में कृष्ण की कृपा का क्या वर्णन है?
सूरदास के पद में कृष्ण की कृपा का क्या वर्णन है?
सूरदास के पद में भगवान कृष्ण की कृपा का वर्णन है जो पंगु को पर्वत पार करने में मदद करती है, अंधे को दिखाती है, बहरे को सुनने में सक्षम बनाती है और मूक को बोलने में सक्षम बनाती है।
सूरदास कृष्ण के किस गुण का वर्णन कैसे करते हैं?
सूरदास कृष्ण के किस गुण का वर्णन कैसे करते हैं?
सूरदास अपने पद में भगवान कृष्ण की गति, रूप और गुणों को वर्णित करते हैं जो इतने अद्भुत हैं कि उनका वर्णन शब्दों में करना असंभव है। कृष्ण के स्वाद का वर्णन गूंगे व्यक्ति के मीठे फल के स्वाद को अनुभव करने से किया गया है जो शब्दों से परे है।
सूरदास के पद में कृष्ण के किस स्वभाव का वर्णन किया गया है?
सूरदास के पद में कृष्ण के किस स्वभाव का वर्णन किया गया है?
इस पद में भगवान कृष्ण के मायावी स्वभाव का वर्णन है। उनके माया के कारण मनुष्य भ्रमित होते हैं और उनकी असली पहचान को नहीं पहचान पाते हैं।
सूरदास कृष्ण की मुरली के रस का क्या महत्व बताते हैं?
सूरदास कृष्ण की मुरली के रस का क्या महत्व बताते हैं?
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सूरदास के पद में क्या भावना व्यक्त होती है?
सूरदास के पद में क्या भावना व्यक्त होती है?
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सूरदास इन पंक्तियों में क्या भावना व्यक्त करते हैं?
सूरदास इन पंक्तियों में क्या भावना व्यक्त करते हैं?
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सूरदास के अनुसार कृष्ण कैसा भगवान हैं?
सूरदास के अनुसार कृष्ण कैसा भगवान हैं?
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सूरदास के अनुसार 'गोकुल गोपाल उपासी' कौन होते हैं?
सूरदास के अनुसार 'गोकुल गोपाल उपासी' कौन होते हैं?
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सूरदास इन पंक्तियों में क्या भावना व्यक्त करते हैं?
सूरदास इन पंक्तियों में क्या भावना व्यक्त करते हैं?
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Study Notes
सूरदास के पद
- चरण कमल की वंदना और प्रसंशा की गई है।
- कृपा से पंगु भी पर्वत पार कर सकता है, अंधे को सब दिखाई देता है, बहरे सुन सकते हैं, और गरीब भी छत्रधारी बन सकते हैं।
- भगवान की करुणा को बार-बार याद किया जा रहा है।
अवस्था और अनुभव
- समय की गति को समझाया गया है, जो कभी परिवर्तित नहीं होती।
- भगवान के स्वाद सभी के लिए अलग-अलग होते हैं।
- प्रेम की भावना और भक्ति समझाया गया है, जिसमें मन और आत्मा की अवस्थाओं पर प्रकाश डाला गया है।
- भगवान की महिमा का वर्णन किया गया है।
प्रेम और विरह
- प्रेम की अभिव्यक्ति और भगवान के प्रति विरह की भावना का उल्लेख है।
- प्रेम को एक अनूठा अनुभव बताया गया है, जो किसी भी शब्द से परे है।
- भक्ति का मार्ग बताया गया है।
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Description
इस क्विज़ में सूरदास के पदों के विविध भाव और भावनाएँ व्यक्त की गई हैं। इसमें भगवान की करुणा, प्रेम, और विरह की गहराई को समझाया गया है। इसमें भक्ति के मार्ग और भगवान के प्रति व्यक्त प्रेम का उल्लेख है।