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Questions and Answers
किस काव्यांश में दन्तूरित मुस्कान का उल्लेख है?
किस काव्यांश में दन्तूरित मुस्कान का उल्लेख है?
- काव्यांश 2
- काव्यांश 4
- काव्यांश 1
- काव्यांश 3 (correct)
लक्ष्मण-परशुराम संवाद में कितने काव्यांश हैं?
लक्ष्मण-परशुराम संवाद में कितने काव्यांश हैं?
- चार
- सात
- छह (correct)
- पांच
किस तत्व का नाम 'उत्साह' से संबंधित है?
किस तत्व का नाम 'उत्साह' से संबंधित है?
- आत्मकथ्य (correct)
- दन्तूरित मुस्कान
- फसल
- सूरदास के पद
किस काव्यांश में 'फसल' का विवरण है?
किस काव्यांश में 'फसल' का विवरण है?
किस काव्यांश में 'अट नहीं रही है' का प्रयोग हुआ है?
किस काव्यांश में 'अट नहीं रही है' का प्रयोग हुआ है?
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Study Notes
काव्यांश 1
- यह काव्यांश "संगतकार" नामक कविता का एक भाग है।
- यह काव्यांश एक व्यक्ति के आत्मकथन से संबंधित है।
- इस काव्यांश में, व्यक्ति अपने जीवन के अनुभवों और भावनाओं को व्यक्त करता है।
- व्यक्ति "दंतूरित मुस्कान" की बात करता है।
- यहां "दंतूरित मुस्कान" का अर्थ है एक दुखद मुस्कान, जो व्यक्ति के जीवन की कठिनाइयों और पीड़ा का प्रतीक है।
काव्यांश 2
- यह काव्यांश "संगतकार" नामक कविता का दूसरा भाग है।
- इस काव्यांश में व्यक्ति अपने जीवन में "उत्साह" की कमी पर बात करता है।
- व्यक्ति "अट नहीं रही है" कहकर अपनी निराशा और असहायता को प्रकट करता है।
- इस "उत्साह" की कमी से व्यक्ति में निष्क्रियता और उदासी पाई जाती है।
काव्यांश 3
- यह काव्यांश "संगतकार" नामक कविता का तीसरा भाग है।
- यह काव्यांश "फसल" की छवि का उपयोग करके व्यक्ति के जीवन के संघर्ष और प्रयासों का वर्णन करता है।
- इस काव्यांश में, व्यक्ति अपनी मेहनत और प्रयासों को "फसल" से जोड़ता है, जो अनिश्चितता के साथ उगती है।
- व्यक्ति अपनी जीवन की दुर्घटनाओं और विफलताओं को भी इस "फसल" की तरह मानता है।
काव्यांश 4
- यह काव्यांश "सूरदास के पद" से संबंधित है।
- इस काव्यांश में सूरदास की कविताओं में दिव्य प्रेम और भक्ति का उल्लेख है।
- सूरदास की कविताओं में कृष्ण भक्ति का प्रधान विषय है।
लक्ष्मण-परशुराम संवाद
- "लक्ष्मण-परशुराम संवाद" एक महाकाव्य "रामचरितमानस" का महत्वपूर्ण भाग है।
- यह संवाद रामचरितमानस की सातवीं कांड में वर्णित है।
- लक्ष्मण और परशुराम के बीच यह संवाद राम की सीता हरण के बाद शुरू होता है।
- इस संवाद में, परशुराम राम से सीता हरण का प्रतिशोध लेने के लिए उनसे युद्ध की चुनौती देते हैं।
- लक्ष्मण परशुराम के आरोपों का सामना करते हुए राम की रक्षा करते हैं।
- यह संवाद युद्ध के आश्रित होने की बजाय बुद्धि और शक्ति का परिचय देता है।
काव्यांश 1
- यह "लक्ष्मण-परशुराम संवाद" के पहले भाग से संबंधित है।
- इस काव्यांश में, राम ने परशुराम को शांत करने के लिए विनम्र और शांत रहकर उनकी बातों को सुना।
काव्यांश 2
- यह "लक्ष्मण-परशुराम संवाद" के दूसरे भाग से संबंधित है।
- इस काव्यांश में, लक्ष्मण ने परशुराम के प्रश्नों के उत्तर दिए और राम की रक्षा करते हुए उनकी शक्ति का प्रदर्शन किया।
काव्यांश 3
- यह "लक्ष्मण-परशुराम संवाद" के तीसरे भाग से संबंधित है।
- इस काव्यांश में, परशुराम ने राम के शक्ति और व्यक्तित्व की प्रशंसा की।
काव्यांश 4
- यह "लक्ष्मण-परशुराम संवाद" के चौथे भाग से संबंधित है।
- इस काव्यांश में, परशुराम ने राम से क्षमा याचना की और उनकी प्रशंसा करते हुए युद्ध से पीछे हट गए।
काव्यांश 5
- यह "लक्ष्मण-परशुराम संवाद" के पाँचवे भाग से संबंधित है।
- इस काव्यांश में, राम ने परशुराम को आशीर्वाद दिया और उनके त्याग और त्याग की प्रशंसा की।
काव्यांश 6
- यह "लक्ष्मण-परशुराम संवाद" के छठे और अंतिम भाग से संबंधित है।
- इस काव्यांश में, परशुराम ने राम को विदा ली और उन्हें आशीर्वाद दिया।
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