राष्ट्रीय आंदोलन 1919-1939: गांधी की भूमिका

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Questions and Answers

गांधी का किस आंदोलन में पहला बड़ा राजनीतिक हस्तक्षेप था?

  • निजीकरण अभियान
  • असहमति आंदोलन
  • कांग्रस अधिवेशन
  • चंपारण और खेड़ा (correct)

नागरिक निरादर आंदोलन की एक मुख्य विशेषता क्या थी?

  • सत्याग्रह का प्रचार
  • लोगों का आत्मनिर्भर रहना
  • ब्रिटिश वस्त्रों का बहिष्कार (correct)
  • कांग्रेस का समर्पण

साम्प्रदायिकता के उदय का मुख्य प्रभाव क्या था?

  • महात्मा गांधी की लोकप्रियता
  • रवीन्रद्रनाथ ठाकुर का नेतृत्व
  • राष्ट्रीय आंदोलन में विभाजन (correct)
  • राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा

साइमन आयोग का क्या उद्देश्य था?

<p>संविधान सुधार की सिफारिश करना (D)</p> Signup and view all the answers

गांधी ने किस आंदोलन के दौरान नागरिक निरादर आन्दोलन का आरंभ किया?

<p>नमक सत्याग्रह (B)</p> Signup and view all the answers

गांधी की नेतृत्व शैली में कौन सा पहलू शामिल था?

<p>अहिंसात्मक प्रतिरोध का कार्यान्वयन (A)</p> Signup and view all the answers

गांधी के नेतृत्व में क्या समर्पण किया गया?

<p>अहिंसात्मकता और जन एकता (B)</p> Signup and view all the answers

गांधी के द्वारा किए गए नमक सत्याग्रह का मुख्य उद्देश्य क्या था?

<p>नमक कर का विरोध (D)</p> Signup and view all the answers

नागरिक निरादर आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?

<p>अविवेकी कानूनों को गैर-हिंसात्मक तरीकों से चुनौती देना (B)</p> Signup and view all the answers

साइमन आयोग के खिलाफ मुख्य विरोध का कारण क्या था?

<p>भारतीय राजनीतिक आकांक्षाओं की अनदेखी करना (D)</p> Signup and view all the answers

गांधी-इरविन पакт किस महत्वपूर्ण घटना के दौरान हुआ?

<p>गांधी-इरविन पक्त पर हस्ताक्षर (D)</p> Signup and view all the answers

किस नेता ने मुस्लिम लीग का नेतृत्व इस समय किया?

<p>मुहम्मद अली जिन्ना (B)</p> Signup and view all the answers

गांधी ने नमक कर के खिलाफ किस आंदोलन का آغاز किया?

<p>नागरिक निरादर आंदोलन (A)</p> Signup and view all the answers

नागरिक निरादर आंदोलन की शुरुआत कब हुई थी?

<p>1930 (D)</p> Signup and view all the answers

सीमोन आयोग का मुख्य उद्देश्य क्या था?

<p>भारतीय संविधान में सुधार करना (C)</p> Signup and view all the answers

गांधी की कौन सी विशेषता ने उसे राष्ट्रवादी आंदोलन में केंद्रीय भूमिका में पहुँचाया?

<p>गैर-हिंसक प्रतिरोध का समर्थन (A)</p> Signup and view all the answers

गांधी-इरविन संधि किस वर्ष में हुई थी?

<p>1931 (C)</p> Signup and view all the answers

राउंड टेबल सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?

<p>भारतीय संविधान में सुधारों पर चर्चा करना (D)</p> Signup and view all the answers

साम्प्रदायिकता के प्रभाव के रूप में क्या हुआ?

<p>सामाजिक और राजनीतिक ध्रुवीकरण में वृद्धि हुई (C)</p> Signup and view all the answers

नागरिक निरादर आंदोलन के दौरान कौन सा प्रमुख घटना हुई थी?

<p>नमक मार्च (B)</p> Signup and view all the answers

सीमोन आयोग के खिलाफ का नारा क्या था?

<p>साइमन गो बैक (D)</p> Signup and view all the answers

गांधी ने किस सिद्धांत को आधार बनाकर भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने का प्रयास किया?

<p>अहिंसा (B)</p> Signup and view all the answers

नागरिक निरादर आंदोलन ने किस प्रमुख परिणाम को जन्म दिया?

<p>जनभागीदारी में वृद्धि (B)</p> Signup and view all the answers

साम्प्रदायिकता के उदय का क्या मुख्य अंतर्निहित कारण था?

<p>राजनीतिक ध्रुवीकरण (B)</p> Signup and view all the answers

सीमोन आयोग के गठन का मुख्य कारण क्या था?

<p>संवैधानिक सुधारों पर संसद का निर्णय (B)</p> Signup and view all the answers

राउंड टेबल सम्मेलन का प्रमुख परिणाम क्या था?

<p>भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (A)</p> Signup and view all the answers

गांधी के नेतृत्व में नमक मार्च का क्या प्रतीकात्मक अर्थ था?

<p>ब्रिटिश कानूनों का विरोध (D)</p> Signup and view all the answers

नागरिक निरादर आंदोलन की एक प्रमुख विशेषता क्या थी?

<p>अहिंसात्मक प्रतिरोध (B)</p> Signup and view all the answers

सीमोन आयोग के प्रति भारतीयों की प्रतिक्रिया कैसे थी?

<p>विरोधात्मक (D)</p> Signup and view all the answers

गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस का एक प्रमुख लक्ष्य क्या था?

<p>स्वराज की मांग (C)</p> Signup and view all the answers

नागरिक निरादर आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?

<p>अहिंसक विरोधों के जरिए ब्रिटिश कानूनों का उल्लंघन करना (C)</p> Signup and view all the answers

1930 में नमक मार्च का नेतृत्व किसने किया?

<p>महात्मा गांधी (D)</p> Signup and view all the answers

साइमन आयोग ने मुख्यतः किस विषय पर ध्यान केंद्रित किया?

<p>भारतीय प्रतिनिधित्व के बिना संवैधानिक सुधार (D)</p> Signup and view all the answers

राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान साम्प्रदायिक तनावों की बढ़ती हुई स्थिति का प्रमुख उदाहरण कौन सा था?

<p>साइमन आयोग के खिलाफ विरोध (C)</p> Signup and view all the answers

गोलमेज सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण परिणाम क्या था?

<p>भारत सरकार अधिनियम 1935 (C)</p> Signup and view all the answers

नागरिक निरादर आंदोलन का कौन सा पहलू सबसे अधिक प्रभावी था?

<p>अहिंसा सिद्धांत का कार्यान्वयन (C)</p> Signup and view all the answers

साइमन आयोग का विरोध किस बात पर आधारित था?

<p>भारतीय प्रतिनिधित्व की कमी (C)</p> Signup and view all the answers

गांधी के नेतृत्व में नागरिक निरादर आंदोलन का कौन सा चरण प्रमुख था?

<p>नमक सत्याग्रह (A)</p> Signup and view all the answers

गोलमेज सम्मेलन के दौरान किस संस्था का गठन हुआ?

<p>मुस्लिम लीग (B)</p> Signup and view all the answers

1930 में पहले गोलमेज सम्मेलन का प्रमुख विषय क्या था?

<p>संवैधानिक सुधारों पर चर्चा (D)</p> Signup and view all the answers

साइमन आयोग के गठन का मुख्य उद्देश्य क्या था?

<p>1919 के भारत सरकार अधिनियम की समीक्षा करना (D)</p> Signup and view all the answers

गांधी का स्वदेशी आंदोलन के दौरान प्रमुख योगदान क्या था?

<p>खादी के प्रचार और उत्पादन को बढ़ावा देना (A)</p> Signup and view all the answers

गांधी के नेतृत्व में नागरिक निरादर आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?

<p>ब्रिटिश कानूनों को चुनौती देना (C)</p> Signup and view all the answers

साम्प्रदायिकता का प्रमुख प्रभाव क्या था जो राष्ट्रीय आंदोलन पर पड़ा?

<p>साम्प्रदायिक दंगों और विभाजन को बढ़ाना (A)</p> Signup and view all the answers

गोलमेज सम्मेलन में सही निर्णय नहीं लिया जाने का क्या परिणाम रहा?

<p>भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में वृद्धि (A)</p> Signup and view all the answers

दूसरे गोलमेज सम्मेलन में किन मुद्दों पर चर्चा हुई?

<p>अछूतों की भूमिका और साम्प्रदायिक प्रतिनिधित्व (D)</p> Signup and view all the answers

गांधी के नेतृत्व में नागरिक निरादर आंदोलन का कौन सा पहलू सबसे अधिक प्रभावी था?

<p>नमक मार्च (B)</p> Signup and view all the answers

साइमन आयोग के खिलाफ प्रदर्शनों में किन लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई?

<p>अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोग (B)</p> Signup and view all the answers

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Study Notes

National Movement 1919-1939

Gandhi's Role

  • Champaran and Kheda (1917-1918): Gandhi's first major involvement in Indian politics, focusing on the issues faced by farmers.
  • Non-Cooperation Movement (1920-1922): Encouraged boycotting British institutions, promoting non-violence and unity.
  • Salt March (1930): A pivotal act of defiance against the salt tax, symbolizing civil disobedience and mass mobilization.
  • Constructive Program: Focused on self-reliance, social reforms (education, health), and the promotion of Khadi.
  • Leadership Style: Advocated for non-violent resistance and mass participation, establishing him as a central figure in the nationalist struggle.

Civil Disobedience Movement

  • Initiation: Launched in 1930 after the Salt March against the salt laws.
  • Key Features:
    • Boycotts of British goods and institutions.
    • Non-payment of taxes, particularly salt-related taxes.
  • Popular Participation: Mobilized millions, including women and the rural population.
  • Government Response: Repression led to widespread arrests, including Gandhi's imprisonment.
  • Impact: Strengthened the Indian National Congress and showcased the effectiveness of non-violent resistance.

Communalism In The National Movement

  • Definition: Emergence of communal identities and divisions based on religious affiliations (primarily Hindus and Muslims).
  • Two-Nation Theory: Promoted by Jinnah and the Muslim League, advocating for separate nationhood for Muslims.
  • Communal Riots: Increased tensions led to violence, notably during events like the 1926 communal riots in various cities.
  • Impact on National Unity: Divided the nationalist movement, weakening collective efforts against colonial rule and complicating post-independence political dynamics.

Simon Commission Impact

  • Established (1927): Aimed at reforming the Government of India Act of 1919; included no Indian members.
  • Protests: Triggered widespread protests as it was seen as a denial of Indian representation.
  • Impact on Nationalism: Unified Indian political factions against colonial policies; increased demands for self-rule.
  • Outcome: The commission's recommendations led to further discussions on constitutional reforms and increased political awareness.

Round Table Conferences

  • Series of three conferences (1930-1932): Held in London to discuss constitutional reforms in India.
  • Participants:
    • Indian National Congress,
    • Muslim League,
    • Other political parties and representatives.
  • Outcome:
    • Limited outcomes, with significant disagreements on representation and self-governance.
    • Led to the Government of India Act 1935, granting limited self-governance but failing to satisfy major factions.
  • Significance: Highlighted the complexities of Indian politics and the challenges in achieving consensus among different groups.

राष्ट्रीय आंदोलन (1919-1939)

गांधी की भूमिका

  • चंपारण और खेड़ा (1917-1918): गांधी का भारतीय राजनीति में पहला प्रमुख योगदान, किसानों के सामने आने वाली समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।
  • असहयोग आंदोलन (1920-1922): ब्रिटिश संस्थानों का बहिष्कार किया गया, अहिंसा और एकता को बढ़ावा दिया गया।
  • नमक मार्च (1930): नमक कर के खिलाफ विरोध का एक महत्वपूर्ण कदम, नागरिक अवज्ञा और सामूहिक जुटान का प्रतीक।
  • रचनात्मक कार्यक्रम: आत्मनिर्भरता, सामाजिक सुधार (शिक्षा, स्वास्थ्य) और खादी को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
  • नेतृत्व शैली: अहिंसक प्रतिरोध और जन भागीदारी की वकालत की, उन्हें राष्ट्रवादी संघर्ष में एक केंद्रीय व्यक्ति के रूप में स्थापित किया।

सविनय अवज्ञा आंदोलन

  • शुरुआत: नमक कानूनों के खिलाफ नमक मार्च के बाद 1930 में शुरू किया गया था। 
  • मुख्य विशेषताएं:
    • ब्रिटिश वस्तुओं और संस्थानों का बहिष्कार।
    • करों का भुगतान न करना, विशेष रूप से नमक से संबंधित कर।
  • जन भागीदारी: लाखों लोगों को जुटाया गया, जिनमें महिलाएं और ग्रामीण आबादी शामिल थी।
  • सरकार की प्रतिक्रिया: दमन के कारण व्यापक गिरफ्तारियां हुईं, जिसमें गांधी की भी जेल हुई।
  • प्रभाव: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को मजबूत किया और अहिंसक प्रतिरोध की प्रभावशीलता को प्रदर्शित किया।

राष्ट्रीय आंदोलन में सांप्रदायिकता

  • परिभाषा: धार्मिक संबद्धता (मुख्य रूप से हिंदू और मुस्लिम) के आधार पर सांप्रदायिक पहचान और विभाजन का उदय।
  • दो-राष्ट्र सिद्धांत: जिन्ना और मुस्लिम लीग द्वारा प्रचारित, मुसलमानों के लिए अलग राष्ट्र की वकालत की गई।
  • सांप्रदायिक दंगे: बढ़ते तनाव के कारण हिंसा हुई, विशेष रूप से 1926 में विभिन्न शहरों में सांप्रदायिक दंगों जैसी घटनाओं के दौरान।
  • राष्ट्रीय एकता पर प्रभाव: राष्ट्रवादी आंदोलन को विभाजित किया, औपनिवेशिक शासन के खिलाफ सामूहिक प्रयासों को कमजोर किया और स्वतंत्रता के बाद की राजनीतिक गतिशीलता को जटिल बनाया।

साइमन कमीशन का प्रभाव

  • स्थापना (1927): 1919 के भारत सरकार अधिनियम में सुधार करने का लक्ष्य था; इसमें कोई भारतीय सदस्य शामिल नहीं था।
  • विरोध: भारतीय प्रतिनिधित्व से इनकार के रूप में इसे देखते हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन किए गए।
  • राष्ट्रवाद पर प्रभाव: औपनिवेशिक नीतियों के खिलाफ भारतीय राजनीतिक गुटों को एकजुट किया; स्वशासन की मांगें बढ़ीं।
  • परिणाम: कमीशन की सिफारिशों ने संवैधानिक सुधारों पर आगे की चर्चाओं को जन्म दिया और राजनीतिक जागरूकता बढ़ गई।

गोलमेज सम्मेलन

  • तीन सम्मेलनों की श्रृंखला (1930-1932): भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए लंदन में आयोजित किए गए। 
  • भागीदार:
    • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस,
    • मुस्लिम लीग,
    • अन्य राजनीतिक दल और प्रतिनिधि।
  • परिणाम:
    • सीमित परिणाम, प्रतिनिधित्व और स्वशासन पर महत्वपूर्ण मतभेद थे।
    • 1935 का भारत सरकार अधिनियम हुआ, जिसमें सीमित स्वशासन प्रदान किया गया लेकिन प्रमुख गुटों को संतुष्ट करने में विफल रहा।
  • महत्व: भारतीय राजनीति की जटिलताओं और विभिन्न समूहों के बीच सहमति प्राप्त करने में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

राष्ट्रीय आंदोलन 1919-1939

  • 1930 में शुरू हुआ असहयोग आंदोलन, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
  • इसका उद्देश्य अहिंसक प्रतिरोध के माध्यम से ब्रिटिश कानूनों को चुनौती देना था।
  • इसमें नमक सत्याग्रह या दांडी मार्च प्रमुख घटना थी।
  • जनता की भागीदारी में वृद्धि हुई और जनता को पूरे भारत में संगठित किया गया।
  • इसके परिणामस्वरूप महात्मा गांधी सहित व्यापक गिरफ्तारियां हुईं।
  • इसने अहिंसक विरोध की प्रभावशीलता को उजागर किया और अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया।

साइमन कमीशन का प्रभाव

  • 1928 में स्थापित, इसमें सात ब्रिटिश सदस्य थे जिनमें कोई भारतीय प्रतिनिधि नहीं था।
  • इसने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए, जिसके कारण "साइमन गो बैक" का नारा दिया गया।
  • इससे नेहरू रिपोर्ट (1928) का निर्माण हुआ जिसमें संवैधानिक सुधारों का समर्थन किया गया।
  • इसने भारतीय राष्ट्रवाद को उजागर किया और स्वशासन की मांग बढ़ गई।
  • इसके परिणामस्वरूप भारतीय चिंताओं को सीधे संबोधित करने के लिए गोलमेज सम्मेलन का आह्वान किया गया।

गांधी की भूमिका

  • 1919-1939 के दौरान भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में केंद्रीय व्यक्ति।
  • अहिंसक प्रतिरोध और असहयोग का प्रचार किया।
  • सत्याग्रह तथा असहयोग आंदोलन (1920) जैसे आंदोलन शुरू किए।
  • औपनिवेशिक नीतियों के खिलाफ किसानों और श्रमिकों को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • कांग्रेस और जनता के बीच मजबूत संबंध स्थापित किया।
  • उनके करिश्मे और नेतृत्व ने आंदोलन के भीतर विविध समूहों को एकजुट करने में मदद की।

गोलमेज सम्मेलन

  • भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए लंदन (1930, 1931, 1932) में आयोजित किया गया।
  • प्रथम सम्मेलन (1930): गांधी ने INC का प्रतिनिधित्व किया; अन्य राजनीतिक समूहों ने इसका बहिष्कार किया।
  • द्वितीय सम्मेलन (1931): गांधी-इरविन समझौता हुआ, ब्रिटिशों के साथ समझौता.
  • तृतीय सम्मेलन (1932): सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व पर केंद्रित; महत्वपूर्ण विरोध का सामना करना पड़ा।
  • इसमें जाति प्रतिनिधित्व पर विवाद और पूर्ण स्वशासन से इनकार शामिल था।

राष्ट्रीय आंदोलन में सांप्रदायिकता

  • 1920 और 1930 के दशक में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक तनाव का उदय।
  • मुस्लिम लीग ने मुहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में अलग मुस्लिम हितों की वकालत करना शुरू कर दिया।
  • सांप्रदायिक दंगे और संघर्ष राजनीतिक वार्ता और ब्रिटिश फूट डालो और राज करो की रणनीति से बढ़ गए।
  • INC ने शुरू में संयुक्त मोर्चा बनाने की कोशिश की; हालाँकि, बढ़ते ध्रुवीकरण ने अलग-अलग सांप्रदायिक पहचान पड़ गई।
  • सांप्रदायिकता ने राष्ट्रवादी प्रवचन को प्रभावित किया, स्वतंत्रता के लिए प्रयास को जटिल बना दिया।

महत्वपूर्ण MCQs

  1. असहयोग आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?

    • A) ब्रिटिश सरकार को उखाड़ फेंकना
    • B) अहिंसक तरीकों से अन्यायपूर्ण कानूनों को चुनौती देना
    • C) मुसलमानों के लिए अलग राज्य बनाना
    • D) सैन्य सरकार स्थापित करना
  2. साइमन कमीशन की आलोचना क्यों की गई?

    • A) इसमें भारतीय प्रतिनिधि शामिल थे
    • B) इसने भारतीय राजनीतिक आकांक्षाओं को नजरअंदाज किया
    • C) तुरंत स्वतंत्रता का प्रस्ताव दिया
    • D) अपने सुधारों में अप्रभावी
  3. गोलमेज सम्मेलनों के दौरान कौन सी महत्वपूर्ण घटना घटी ?

    • A) भारतीय संविधान को अपनाया गया
    • B) गांधी-इरविन समझौता हुआ
    • C) जाति आधारित प्रतिनिधित्व समाप्त हो गया
    • D) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन
  4. इस अवधि के दौरान मुस्लिम लीग के नेता कौन थे?

  • A) जवाहरलाल नेहरू
  • B) सरदार वल्लभभाई पटेल
  • C) मुहम्मद अली जिन्ना
  • D) सुभाष चंद्र बोस
  1. गांधी ने नमक कर के जवाब में कौन सा आंदोलन शुरू किया?
  • A) असहयोग आंदोलन
  • B) असहयोग आंदोलन
  • C) भारत छोड़ो आंदोलन
  • D) खिलाफत आंदोलन

गांधी का नेतृत्व

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता के रूप में उभरे।
  • अहिंसा और सत्याग्रह (सत्य शक्ति) का प्रचार किया।
  • प्रमुख आंदोलन:
    • असहयोग आंदोलन (1920-1922): ब्रिटिश वस्तुओं और संस्थानों का बहिष्कार करने का लक्ष्य था।
    • नमक मार्च (1930): ब्रिटिश नमक कानूनों के प्रतिरोध का प्रतीक, 240 मील की यात्रा।
  • किसानों, श्रमिकों और महिलाओं सहित भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने पर ध्यान केंद्रित किया।

सविनय अवज्ञा आंदोलन

  • 1930 में साइमन कमीशन की विफलता के बाद शुरू किया गया।
  • उद्देश्य: ब्रिटिश कानूनों, खासकर नमक कर का उल्लंघन करना।
  • तरीके: अहिंसक प्रतिरोध, विरोध प्रदर्शन और कानूनों का पालन करने से इनकार।
  • प्रभाव: जनता की बड़े पैमाने पर भागीदारी और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में अंतरराष्ट्रीय जागरूकता बढ़ी।

राष्ट्रीय आंदोलन में सांप्रदायिकता

  • धार्मिक पहचानों के आधार पर राजनीतिक आंदोलनों को संदर्भित करता है।
  • हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव बढ़ा, जिससे स्वतंत्रता आंदोलन में विभाजन हुआ।
  • मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा जैसे संगठनों का उदय।
  • सांप्रदायिक तनाव ने स्वतंत्रता के बाद की राजनीति को प्रभावित किया और 1947 में भारत के विभाजन में योगदान दिया।

साइमन कमीशन का प्रभाव

  • 1928 में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए स्थापित, कमीशन में कोई भी भारतीय सदस्य शामिल नहीं था।
  • पूरे भारत में व्यापक विरोध प्रदर्शन, औपनिवेशिक शासन के खिलाफ राष्ट्रीय एकता का प्रतीक।
  • परिणाम: स्वशासन की मांग को उजागर किया और भारतीय राजनीतिक नेताओं और दलों के लिए समर्थन बढ़ा।
  • राजनीतिक परिणाम: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अधिक स्वायत्तता की मांगों पर पुनर्विचार किया गया।

गोलमेज सम्मेलन

  • भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए लंदन में तीन सम्मेलन (1930, 1931, 1932) आयोजित किए गए।
  • प्रतिभागी: ब्रिटिश अधिकारी, विभिन्न राजनीतिक गुटों के भारतीय नेता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस शामिल थे।
  • परिणाम:
    • भारत सरकार अधिनियम 1935 का उदय हुआ, जिससे प्रांतों की स्वायत्तता बढ़ी।
    • भारत के राजनीतिक भविष्य के संबंध में भारतीय नेताओं के बीच मतभेदों को उजागर किया।
  • महत्व: स्वशासन की ओर एक निर्णायक कदम, जबकि भारतीय राजनीति में लगातार विभाजन का संकेत।

महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न

  1. सविनय अवज्ञा आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?

    • A) ब्रिटिश सरकार का समर्थन करना
    • B) अहिंसक विरोधों के माध्यम से ब्रिटिश कानूनों का उल्लंघन करना
    • C) विदेशी देशों से सैन्य सहायता प्राप्त करना
    • D) एक नई राजनीतिक पार्टी की स्थापना करना
  2. 1930 में नमक मार्च का नेतृत्व किसने किया था?

    • A) जवाहरलाल नेहरू
    • B) सुभाष चंद्र बोस
    • C) महात्मा गांधी
    • D) सरदार वल्लभभाई पटेल
  3. साइमन कमीशन ने मुख्य रूप से क्या संबोधित किया था?

    • A) भारत में भूमि सुधार
    • B) भारतीय प्रतिनिधित्व के बिना संवैधानिक सुधार
    • C) भारत के लिए आर्थिक नीतियां
    • D) ब्रिटिश भारत में सामाजिक सुधार
  4. राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान बढ़ते सांप्रदायिक तनावों को किस घटना ने उजागर किया?

    • A) असहयोग आंदोलन
    • B) सविनय अवज्ञा आंदोलन
    • C) साइमन कमीशन विरोध
    • D) गोलमेज सम्मेलन
  5. गोलमेज सम्मेलनों का एक महत्वपूर्ण परिणाम क्या था?

    • A) भारत के लिए पूर्ण स्वतंत्रता
    • B) भारत सरकार अधिनियम 1935
    • C) भारत में ब्रिटिश शासन का अंत
    • D) मुस्लिम लीग का गठन

गोलमेज सम्मेलन

  • पहला गोलमेज सम्मेलन (1930): लंदन में आयोजित किया गया था जिसमें गांधी (कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते हुए) मुख्य व्यक्ति थे। संवैधानिक सुधारों पर केंद्रित, लेकिन सीमित सफलता मिली।
  • दूसरा गोलमेज सम्मेलन (1931): गांधी फिर से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते हुए शामिल हुए। चर्चाओं में अछूतों की भूमिका और सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व शामिल था।
  • तीसरा गोलमेज सम्मेलन (1932): कांग्रेस के बहिष्कार के कारण चिह्नित। परिणामस्वरूप भारत सरकार अधिनियम 1935 बना जिसने प्रांतीय स्वायत्तता पेश की।

साइमन कमीशन का प्रभाव

  • साइमन कमीशन: भारत सरकार अधिनियम 1919 की समीक्षा करने के लिए बनाया गया था जिसमें कोई भारतीय सदस्य नहीं था।
  • जनता की प्रतिक्रिया: व्यापक विरोध प्रदर्शन, इसे भेदभावपूर्ण माना गया। "साइमन गो बैक" नारा दिया गया।
  • परिणाम: राष्ट्रवादी जोश में वृद्धि हुई, ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन को प्रेरित किया।

राष्ट्रीय आंदोलन में सांप्रदायिकता

  • सांप्रदायिकता अवलोकन: हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव, ब्रिटिश की "फूट डालो और राज करो" नीति से प्रेरित।
  • राजनीतिक दल: मुस्लिम लीग का उदय, मुस्लिम अधिकारों की वकालत कर रहा था। हिंदू महासभा का उद्भव, हिंदू राष्ट्रवाद पर जोर दे रहा था।
  • परिणाम: सांप्रदायिक दंगे और विभाजन, राष्ट्रीय आंदोलन की एकता को प्रभावित करते हुए।

असहयोग आंदोलन

  • अवधि: 1930 में शुरू किया गया था, गांधी के नेतृत्व में अहिंसक विरोध का एक महत्वपूर्ण चरण।
  • मुख्य विशेषताएं: नमक कर के विरोध में नमक मार्च (डांडी मार्च)। करों का भुगतान न करना और ब्रिटिश कानूनों के खिलाफ अहिंसक विरोध।
  • परिणाम: ब्रिटिश दमन के कारण बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हुईं। भारतीयों में स्वतंत्रता के लिए जागरूकता और समर्थन बढ़ा।

गांधी की भूमिका

  • नेतृत्व: राष्ट्रीय आंदोलन में केंद्रीय व्यक्ति, अहिंसक प्रतिरोध का प्रचार किया (सत्याग्रह)।
  • नवाचार: आत्मनिर्भरता (स्वदेशी) और खादी के उपयोग पर जोर दिया। सामाजिक मुद्दों, जिसमें अस्पृश्यता भी शामिल है, पर ध्यान केंद्रित किया।
  • प्रभाव: एक जन आंदोलन को बढ़ावा दिया, भारतीय आबादी को महत्वपूर्ण रूप से जुटाया।

महत्वपूर्ण बहुविकल्पी प्रश्न

  1. गोलमेज सम्मेलनों का मुख्य परिणाम क्या था?

    • क) पूर्ण स्वतंत्रता
    • ख) भारत सरकार अधिनियम 1935 का परिचय
    • ग) संघीय संरचना
    • घ) भारतीयों का पूर्ण प्रतिनिधित्व
  2. साइमन कमीशन के विरोध का नेतृत्व किसने किया?

    • क) जवाहरलाल नेहरू
    • ख) मुहम्मद अली जिन्ना
    • ग) सरदार वल्लभभाई पटेल
    • घ) गांधी
  3. किस घटना ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत को चिह्नित किया?

    • क) नमक सत्याग्रह
    • ख) भारत छोड़ो आंदोलन
    • ग) खिलाफत आंदोलन
    • घ) असहयोग आंदोलन
  4. ब्रिटिश ने कौन सी नीति अपनाई जिसने सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया?

    • क) प्रत्यक्ष शासन
    • ख) फूट डालो और राज करो
    • ग) 1919 में सुधार
    • घ) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  5. राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान गांधी का दर्शन क्या था?

    • क) सैन्य प्रतिरोध
    • ख) अहिंसा और शांति
    • ग) क्रांतिकारी रणनीतियाँ
    • घ) केवल आर्थिक बहिष्कार

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