राजस्थान के लोक देवता

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Questions and Answers

JktLFkku का मुख्य मुद्दा क्या है?

  • युवाओं की असामाजिक प्रवृत्तियाँ
  • पर्यावरण संरक्षण (correct)
  • समाज की समस्याएँ
  • बच्चों की शिक्षा

JktLFkku के तहत किस विशिष्ट समस्या पर विचार किया गया है?

  • भ्रष्टाचार
  • सामाजिक असमानता
  • स्वास्थ्य देखभाल
  • जलवायु परिवर्तन (correct)

JktLFkku द्वारा किस प्रकार की जागरूकता फैलाई जाती है?

  • पर्यावरणीय शिक्षा (correct)
  • आर्थिक विकास
  • राजनीतिक अभियान
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम

JktLFkku कार्यक्रम का उद्देश्य किसके लिए है?

<p>प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण (B)</p> Signup and view all the answers

JktLFkku की परिभाषा में निम्नलिखित में से क्या शामिल नहीं है?

<p>आर्थिक निवेश (C)</p> Signup and view all the answers

Flashcards

yksdnsork

yksdnsork, ryks, lgdkj, fgUnw eafnjk gS.

fo'ks"k

fo'ks"k, ek dfdih gS jisme kष्टकारी मातृद्ध k साथी नहीं होते हैं।

ukksV

ukksV, vkdwo] vkfn gS tFDo thA, vf/kd;ks lhYax; kWijs.

jhMh

jhMh, ek avsar pr aadhaar karke sthiti jise prabhaav ki jarurat hai।

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lkdkj

lkdkj, ek alag sochनी वाली sthiti hai।

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Study Notes

राजस्थान के लोक देवता

  • लोक देवता वे महापुरुष होते हैं जिन्होंने सामाजिक मूल्यों की स्थापना, धर्म की रक्षा और जनहित के लिए सर्वस्व न्योछावर किया।
  • वे जनता के दुःख दूर करने और कल्याण करने वाले माने जाते हैं।
  • इनके मंदिर, देवल, देवरे या चबूतरे लोगों के लिए आस्था के केंद्र हैं।
  • सभी लोक देवता छुआछूत, जाति-पाँति और गौ-रक्षा के विरोधी रहे हैं, साथ ही असाध्य रोगों के चिकित्सक भी।
  • राजस्थान में लोक देवताओं का उदय सांस्कृतिक समन्वय का परिणाम था, जो साम्प्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देते थे।
  • लोकदेवताओं की प्रसिद्धि का कारण ग्रामीण समाज के निचले तबके से जुड़ाव था, जो सरल धर्म और नैतिकता के उपदेश देते थे।
  • लोक देवताओं के स्थानों पर गीत और नृत्य की परंपराएँ पाई जाती हैं।

प्रमुख शब्दावली

  • नाभा: देव की छोटी प्रतिमा जिसे भक्त गले में पहनते हैं।
  • परचा: अलौकिक शक्ति द्वारा कार्य करना।
  • चिरजा: रात के जागरणों में महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले देवी पूजा के पद, गीत या मंत्र।
  • देवरे: ग्रामीण क्षेत्रों में बने लोक देवताओं के पूजा स्थल।
  • पंचपीर: मारवाड़ के पाँच प्रमुख लोक देवता (पाबूजी, हडबूजी, रामदेवजी, मांगलिया, मेहा)।

रामदेवजी

  • प्रमुख अवतारी पुरुष।
  • तंवर वंश के अजमल जी और मैणा दे की संतान हैं।
  • समाज सुधारक, मूर्ति पूजा, तीर्थ यात्रा और जाति व्यवस्था के विरोधी।
  • कर्म की शुद्धता पर बल, भाग्य और कर्म को जोड़ते हैं।
  • साम्प्रदायिक सौहार्द के प्रवर्तक, मुस्लिम समाज द्वारा रामसा पीर के रूप में पूजे जाते हैं।
  • प्रमुख स्थान रामदेवरा (रूणेचा), भाद्रपद माह में विशाल मेला।
  • विभिन्न मंदिर (रूणेचा/रामदेवरा, मसूरिया पहाड़ी जोधपुर, विराटिया खुर्द, सूरतखेड़ा चित्तौड़, छोटा रामदेवरा गुजरात, उडू काश्मेर)।
  • जन्म स्थान: (1405 ई.)
  • गुरु: बालिनाथ
  • पत्नी: नेतल-दे
  • बहन: डालीबाई मेघवाल
  • समाधि पर बीकानेर महाराजा गंगासिंह ने मंदिर बनवाया।
  • मंदिर का मुख्य आकर्षण: कामड़िया पंथ द्वारा किया जाने वाला तेरह ताली नृत्य।

गोगाजी

  • राजस्थान के प्रमुख पांच पीरों में से एक।
  • जेवर ददेरवा (चुरू की राजगढ़ तहसील) के चौहान शासक।
  • गायों की रक्षा में वीर गति को प्राप्त।
  • सर्प दंश के उपचारक।
  • मुख्य मंदिर: गोगामेड़ी (हनुमानगढ़), अन्य मंदिर: ददरेवा (शीशमेड़ी-चुरू, ओल्डी सांचौर)।
  • गुरु: गोरखनाथ जी
  • पिता: जेवर सिंह
  • माता: बाछल
  • पत्नि: केमल-दे
  • वाहन: नीला घोड़ा।

पाबूजी

  • मारवाड़ के प्रमुख लोक देवता।
  • राव आसथान के पुत्र धांधल जी राठौड़ की संतान।
  • बहनोई जायल (नागौर) नरेश जींद राव खींची के विरुद्ध गायों को बचाने के लिए संघर्ष और वीरगति प्राप्त की।
  • ऊंटों के देवता, प्लेग रक्षक।
  • मुख्य मंदिर: कोलुमन्ड (जोधपुर)।
  • मेला: चैत्र अमावस्या।
  • पिता: धांधल जी राठौड़।
  • पत्नी: सुपियार सोढ़ी।

अन्य लोक देवता (संक्षेप में)

  • हरभूजी: राव जोधा के समकालीन, बड़े सिद्ध योगी, शस्त्र त्याग कर बाली जी के शिष्य।
    • मुख्य मंदिर: बेंगटी।
    • मेला: राव जोधा को तलवार भेंट, बेंगटी की जागीर प्रदान की।
  • तेजाजी: जाट समुदाय द्वारा पूजे जाने वाले लोक देवता, गौ रक्षक, सर्प दंश उपचारकर्ता।
    • प्रमुख मंदिर: सुरसरा, अजमेर, पर्वतसर, नागौर, आदि।
    • भाद्रपद सुदी दशमी को परबतसर मे मेला लगता है।
  • मेहाजी मांगलिया: मांगलिकों के इष्टदेव, गायों की रक्षा किए।
    • मुख्य मंदिर: बापणी गांव जोधपुर।
    • मेला: भाद्रपद कृष्ण अष्टमी।
  • मल्लीनाथ जी: भविष्यवक्ता, भोपा, तिलवाड़ा, बाड़मेर के प्रसिद्ध लोक देवता।
    • प्रमुख मंदिर: तिलबाड़ा, बाड़मेर।
  • तल्लीनाथ जी: प्रकृति प्रेमी लोक देवता, जालौर।
  • देवजी (देवनारायणजी): गुर्जर जाति के आराध्य देवता, गुर्जर जाति के तीर्थ स्थल।
    • मुख्य मंदिर: गौठा दडावता, आसीन्द, भीलवाड़ा।
  • भूरिया बाबा/गौतमेश्वर: मीणा लोगों के इष्टदेव, शौर्य और कल्याण के प्रतीक।
  • वीर कल्लाजी राठौड़: चार हाथों वाले लोक देवता।
  • बग्गा जी: जाखड़ समाज के कुलदेवता, राव महन।
  • बाबा झुंझार जी: स्यालोदड़ा (सीकर)। मुस्लिम लुटेरों से गाँव की रक्षा करते हुए प्राण गवाए।
  • झरड़ा जी/रूपनाथ: गायों की रक्षा करते हुए प्राणोत्सर्ग।
  • फत्ता जी: लुटेरों से गाँव की रक्षा करते हुए प्राणोत्सर्ग।
  • पनराजजी: काठोड़ी गाँव जैसलमेर के बाह्यण परिवार की गायों की रक्षा।
  • हरिराम बाबा: झोरड़ा गाँव (नागौर), जड़ी-बूटियों का ज्ञानी।
  • भौमिया जी: भूमि के रक्षक देवता।
  • केसरिया कुँवर जी: सर्पदंश के इलाजकर्ता।
  • डूंगर जी-जवाहरजी: शेखावाटी क्षेत्र के प्रसिद्ध लोक देवता, डाकू के रूप में प्रसिद्ध।
  • गालव ऋषि: 1857 क्रांति के समय क्रांतिकारी प्रतीक।
  • मामादेव: बरसात का देवता, अश्वारूढ़ मृणमूर्तियाँ।
  • इलोजी: छेडछाड़ के लोक देवता.

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