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Questions and Answers
पृथ्वी की उत्पत्ति के लिए निम्नलिखित में से कौन सी परिकल्पना संबंधित है?
पृथ्वी की उत्पत्ति के लिए निम्नलिखित में से कौन सी परिकल्पना संबंधित है?
- चक्रवात परिकल्पना
- प्रकाश वर्ष परिकल्पना
- गैसीय परिकल्पना (correct)
- ज्वारीय परिकल्पना (correct)
निम्नलिखित में से किस वैज्ञानिक ने ग्रहाणु परिकल्पना का समर्थन किया?
निम्नलिखित में से किस वैज्ञानिक ने ग्रहाणु परिकल्पना का समर्थन किया?
- चेम्बिललन औि मौलटन (correct)
- जीन औि जेफ्रीज़
- इम्मैनुएल काांत
- होय्ले
सुपिनोवा परिकल्पना से कौन सा वैज्ञानिक संबंधित है?
सुपिनोवा परिकल्पना से कौन सा वैज्ञानिक संबंधित है?
- जॉजेस-हेनिी लेबमट्रे
- जींस
- होय्ले (correct)
- लाप्लास
अन्तिमात्कालिक धूल परिकल्पना से किसका संबंध है?
अन्तिमात्कालिक धूल परिकल्पना से किसका संबंध है?
नीचे दिए गए में से किस परिकल्पना को बिग बैंग सिद्धांत के रूप में जाना जाता है?
नीचे दिए गए में से किस परिकल्पना को बिग बैंग सिद्धांत के रूप में जाना जाता है?
लाप्लास द्वारा समर्थित परिकल्पना कौन सी है?
लाप्लास द्वारा समर्थित परिकल्पना कौन सी है?
नीचे दिए गए में से कौन सी परिकल्पना ज्वारीय प्रभावों पर आधारित है?
नीचे दिए गए में से कौन सी परिकल्पना ज्वारीय प्रभावों पर आधारित है?
नीचे दिए गए में से किस परिकल्पना का संबंध परमाणु कणों से है?
नीचे दिए गए में से किस परिकल्पना का संबंध परमाणु कणों से है?
भारत का मानक समय किस देशांतर पर आधारित है?
भारत का मानक समय किस देशांतर पर आधारित है?
पृथ्वी पर प्रत्येक समय क्षेत्र की चौड़ाई कितनी होती है?
पृथ्वी पर प्रत्येक समय क्षेत्र की चौड़ाई कितनी होती है?
अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा किस देशांतर पर स्थित है?
अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा किस देशांतर पर स्थित है?
पृथ्वी की पपडी में कौन सा तत्व सबसे अधिक अनुपात में पाया जाता है?
पृथ्वी की पपडी में कौन सा तत्व सबसे अधिक अनुपात में पाया जाता है?
किस तापमान पर पृथ्वी के आंतरिक भाग का तापमान सामान्यतः 5500 डिग्री सेल्सियस होता है?
किस तापमान पर पृथ्वी के आंतरिक भाग का तापमान सामान्यतः 5500 डिग्री सेल्सियस होता है?
पृथ्वी की उत्पत्ति के लिए कौन सा तत्व जिम्मेदार है?
पृथ्वी की उत्पत्ति के लिए कौन सा तत्व जिम्मेदार है?
पृथ्वी और पूरी सौर मंडल का निर्माण कब हुआ?
पृथ्वी और पूरी सौर मंडल का निर्माण कब हुआ?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे घने पदार्थ कौन से थे?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे घने पदार्थ कौन से थे?
कौन सा प्रक्रिया पृथ्वी के निर्माण में नहीं हुई?
कौन सा प्रक्रिया पृथ्वी के निर्माण में नहीं हुई?
कैसे छोटे कण एकत्र होकर बड़े होते हैं?
कैसे छोटे कण एकत्र होकर बड़े होते हैं?
ग्रहों के निर्माण के लिए कौन सा सिद्धांत प्रासंगिक है?
ग्रहों के निर्माण के लिए कौन सा सिद्धांत प्रासंगिक है?
कम घने पदार्थ प्रक्रियागत रूप से कहाँ गए?
कम घने पदार्थ प्रक्रियागत रूप से कहाँ गए?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान कौन सा पदार्थ सबसे पहले डूबा?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान कौन सा पदार्थ सबसे पहले डूबा?
पृथ्वी के निर्माण में किस कारक ने भिन्नता उत्पन्न की?
पृथ्वी के निर्माण में किस कारक ने भिन्नता उत्पन्न की?
पृथ्वी की उत्पत्ति में कौन सा तत्व सबसे महत्वपूर्ण है?
पृथ्वी की उत्पत्ति में कौन सा तत्व सबसे महत्वपूर्ण है?
पृथ्वी के आकार को किस रूप में दर्शाया गया है?
पृथ्वी के आकार को किस रूप में दर्शाया गया है?
पृथ्वी और सूर्य के बीच की न्यूनतम दूरी कब होती है?
पृथ्वी और सूर्य के बीच की न्यूनतम दूरी कब होती है?
पृथ्वी की ध्रुवीय अक्ष से संगतता किस कारण होती है?
पृथ्वी की ध्रुवीय अक्ष से संगतता किस कारण होती है?
पृथ्वी की सबसे दूर की स्थिति को किस तारीख को हासिल किया जाता है?
पृथ्वी की सबसे दूर की स्थिति को किस तारीख को हासिल किया जाता है?
ध्रुवीय अक्ष के साथ पृथ्वी के आकार को कैसे वर्णित किया जा सकता है?
ध्रुवीय अक्ष के साथ पृथ्वी के आकार को कैसे वर्णित किया जा सकता है?
पृथ्वी की गतिविधियों की दो प्रकारें क्या हैं?
पृथ्वी की गतिविधियों की दो प्रकारें क्या हैं?
पृथ्वी के घूमने के केन्द्रापसारक बल का क्या प्रभाव है?
पृथ्वी के घूमने के केन्द्रापसारक बल का क्या प्रभाव है?
सूर्य के लिए पृथ्वी की न्यूनतम स्थिति कितनी दूरी पर होती है?
सूर्य के लिए पृथ्वी की न्यूनतम स्थिति कितनी दूरी पर होती है?
पृथ्वी का आकार चपटा दीघषवृत्ताभ क्यों है?
पृथ्वी का आकार चपटा दीघषवृत्ताभ क्यों है?
पृथ्वी की गतिविधियों में कौन सी गतिविधि शामिल नहीं है?
पृथ्वी की गतिविधियों में कौन सी गतिविधि शामिल नहीं है?
पृथ्वी अपनी धुिी पर कितने घंटे, मिनट और सेकंड में घूमती है?
पृथ्वी अपनी धुिी पर कितने घंटे, मिनट और सेकंड में घूमती है?
ग्रीष्म संक्रान्ति कब होती है?
ग्रीष्म संक्रान्ति कब होती है?
अक्षांश का मापन किसमें किया जाता है?
अक्षांश का मापन किसमें किया जाता है?
शीतकालीन संक्रान्ति कब होती है?
शीतकालीन संक्रान्ति कब होती है?
पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी गोलाधिशों के तापमान क्षेत्र क्या होते हैं?
पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी गोलाधिशों के तापमान क्षेत्र क्या होते हैं?
प्राइम मेरिडियन का मान क्या होता है?
प्राइम मेरिडियन का मान क्या होता है?
पृथ्वी की परिक्रमण गति से किन घटनाओं का अनुभव होता है?
पृथ्वी की परिक्रमण गति से किन घटनाओं का अनुभव होता है?
अक्षांश और देर्ांतर के माध्यम से क्या निर्धारित किया जा सकता है?
अक्षांश और देर्ांतर के माध्यम से क्या निर्धारित किया जा सकता है?
भूमध्य रेखा (0°) से उत्तरी गोलाधिश की कक्षा कब तक होती है?
भूमध्य रेखा (0°) से उत्तरी गोलाधिश की कक्षा कब तक होती है?
पृथ्वी के ताप क्षेत्र क्या कहलाते हैं?
पृथ्वी के ताप क्षेत्र क्या कहलाते हैं?
भाईय भारतीय मानक समय (आईएसटी) जीएमटी से कितना आगे है?
भाईय भारतीय मानक समय (आईएसटी) जीएमटी से कितना आगे है?
भूमध्य रेखा के पश्चिम और पूर्व में मानक समय के लिए कितने समय क्षेत्र हैं?
भूमध्य रेखा के पश्चिम और पूर्व में मानक समय के लिए कितने समय क्षेत्र हैं?
आंतरराष्ट्रीय समय रेखा कितनी डिग्री पर स्थित है?
आंतरराष्ट्रीय समय रेखा कितनी डिग्री पर स्थित है?
पृथ्वी की पपडी में सबसे अधिक किस तत्व का अनुपात पाया जाता है?
पृथ्वी की पपडी में सबसे अधिक किस तत्व का अनुपात पाया जाता है?
पृथ्वी के आंतरिक भाग का तापमान प्रति 32 मीटर की गहराई पर कितना बढ़ता है?
पृथ्वी के आंतरिक भाग का तापमान प्रति 32 मीटर की गहराई पर कितना बढ़ता है?
प्रारंभिक पृथ्वी की उत्पत्ति से जुड़ी गैसीय परिकल्पना का समर्थन किसने किया?
प्रारंभिक पृथ्वी की उत्पत्ति से जुड़ी गैसीय परिकल्पना का समर्थन किसने किया?
ज्वारीय परिकल्पना किसके द्वारा प्रस्तुत की गई थी?
ज्वारीय परिकल्पना किसके द्वारा प्रस्तुत की गई थी?
बिग बैंग सिद्धांत से संबंधित परिकल्पना कौन सी है?
बिग बैंग सिद्धांत से संबंधित परिकल्पना कौन सी है?
निनहारिका परिकल्पना का समर्थन किस वैज्ञानिक ने किया?
निनहारिका परिकल्पना का समर्थन किस वैज्ञानिक ने किया?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे घने पदार्थ कौन से थे?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे घने पदार्थ कौन से थे?
पृथ्वी के निर्माण की अनुप्रवृत्ति किनका योगदान है?
पृथ्वी के निर्माण की अनुप्रवृत्ति किनका योगदान है?
अन्तिमात्कालिक धूल परिकल्पना से संबंधित वैज्ञानिक कौन है?
अन्तिमात्कालिक धूल परिकल्पना से संबंधित वैज्ञानिक कौन है?
ग्रहाणु परिकल्पना किसके द्वारा प्रस्तुत की गई थी?
ग्रहाणु परिकल्पना किसके द्वारा प्रस्तुत की गई थी?
पृथ्वी का आकार किस रूप में दर्शाया गया है?
पृथ्वी का आकार किस रूप में दर्शाया गया है?
पृथ्वी और सूर्य के बीच की न्यूनतम दूरी कब होती है?
पृथ्वी और सूर्य के बीच की न्यूनतम दूरी कब होती है?
पृथ्वी की गतिविधियों की दो प्रकारें क्या हैं?
पृथ्वी की गतिविधियों की दो प्रकारें क्या हैं?
पृथ्वी का सबसे दूर का बिंदु कब होता है?
पृथ्वी का सबसे दूर का बिंदु कब होता है?
पृथ्वी की ध्रुवीय अक्ष से संगतता का क्या कारण होता है?
पृथ्वी की ध्रुवीय अक्ष से संगतता का क्या कारण होता है?
पृथ्वी के घूमने के केन्द्रापसारक बल का क्या प्रभाव है?
पृथ्वी के घूमने के केन्द्रापसारक बल का क्या प्रभाव है?
पृथ्वी की गतिविधियों में कौन सी गतिविधि शामिल नहीं है?
पृथ्वी की गतिविधियों में कौन सी गतिविधि शामिल नहीं है?
पृथ्वी की धरती में कौन सा तत्व सबसे अधिक अनुपात में पाया जाता है?
पृथ्वी की धरती में कौन सा तत्व सबसे अधिक अनुपात में पाया जाता है?
पृथ्वी के आकार को किस रूप में वर्णित किया गया है?
पृथ्वी के आकार को किस रूप में वर्णित किया गया है?
भूमध्य रेखा (0°) से उत्तरी गोलाधिश की कक्षा कब तक होती है?
भूमध्य रेखा (0°) से उत्तरी गोलाधिश की कक्षा कब तक होती है?
पृथ्वी का निर्माण कब हुआ था?
पृथ्वी का निर्माण कब हुआ था?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे घने पदार्थ कौन से थे?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे घने पदार्थ कौन से थे?
जब पृथ्वी बनी, तब कम घने पदार्थ कहाँ गए?
जब पृथ्वी बनी, तब कम घने पदार्थ कहाँ गए?
पृथ्वी के निर्माण में कौन सा प्रक्रिया शामिल नहीं थी?
पृथ्वी के निर्माण में कौन सा प्रक्रिया शामिल नहीं थी?
पृथ्वी बनने के समय छोटे कणों का क्या हुआ?
पृथ्वी बनने के समय छोटे कणों का क्या हुआ?
ग्रहों के निर्माण के लिए कौन सा मॉडल प्रासंगिक है?
ग्रहों के निर्माण के लिए कौन सा मॉडल प्रासंगिक है?
पृथ्वी के निर्माण में सामग्रियों के घनत्व वितरण को क्या कहते हैं?
पृथ्वी के निर्माण में सामग्रियों के घनत्व वितरण को क्या कहते हैं?
पृथ्वी के निर्माण में किस तत्व ने प्रमुखता से भूमिका निभाई?
पृथ्वी के निर्माण में किस तत्व ने प्रमुखता से भूमिका निभाई?
सूर्य के चारों ओर घूमने वाले छोटे कणों का क्या नाम है?
सूर्य के चारों ओर घूमने वाले छोटे कणों का क्या नाम है?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान गैसीय पदार्थ कहाँ गए?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान गैसीय पदार्थ कहाँ गए?
पृथ्वी का परिक्रमण किस कारक के कारण होता है?
पृथ्वी का परिक्रमण किस कारक के कारण होता है?
ग्रीष्म संक्रान्ति कब होती है?
ग्रीष्म संक्रान्ति कब होती है?
पृथ्वी की धुिी पर घूमने के लिए कितने घंटे, मिनट और सेकंड लगते हैं?
पृथ्वी की धुिी पर घूमने के लिए कितने घंटे, मिनट और सेकंड लगते हैं?
अक्षांश का मापन किसमें किया जाता है?
अक्षांश का मापन किसमें किया जाता है?
शीतकालीन संक्रान्ति कब होती है?
शीतकालीन संक्रान्ति कब होती है?
भूमध्य रेखा की स्थिति क्या है?
भूमध्य रेखा की स्थिति क्या है?
पृथ्वी के ताप क्षेत्र की पहचान क्या है?
पृथ्वी के ताप क्षेत्र की पहचान क्या है?
प्राइम मेरिडियन की स्थिति क्या है?
प्राइम मेरिडियन की स्थिति क्या है?
पृथ्वी की धुिी की घूर्णन गति से कौन सी घटना होती है?
पृथ्वी की धुिी की घूर्णन गति से कौन सी घटना होती है?
अक्षांश और देर्ांतर से क्या निर्धारित किया जा सकता है?
अक्षांश और देर्ांतर से क्या निर्धारित किया जा सकता है?
गैसीय परिकल्पना का समर्थन किस वैज्ञानिक ने किया?
गैसीय परिकल्पना का समर्थन किस वैज्ञानिक ने किया?
ज्वारीय परिकल्पना किसके द्वारा प्रस्तुत की गई थी?
ज्वारीय परिकल्पना किसके द्वारा प्रस्तुत की गई थी?
बिग बैंग सिद्धांत से संबंधित परिकल्पना कौन सी है?
बिग बैंग सिद्धांत से संबंधित परिकल्पना कौन सी है?
भूगोल में पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित कौन सी परिकल्पना ज्वारीय प्रभावों पर आधारित है?
भूगोल में पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित कौन सी परिकल्पना ज्वारीय प्रभावों पर आधारित है?
अंतिमात्कालिक धूल परिकल्पना का संबंध किससे है?
अंतिमात्कालिक धूल परिकल्पना का संबंध किससे है?
पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित किस परिकल्पना में परमाणु कणों की भूमिका है?
पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित किस परिकल्पना में परमाणु कणों की भूमिका है?
पृथ्वी के निर्माण में सबसे घने पदार्थ कौन से थे?
पृथ्वी के निर्माण में सबसे घने पदार्थ कौन से थे?
पृथ्वी की उत्पत्ति के दौरान गैसीय तत्व किस सिद्धांत से संबंधित हैं?
पृथ्वी की उत्पत्ति के दौरान गैसीय तत्व किस सिद्धांत से संबंधित हैं?
भारत में मानक समय किस माप को आधार मानता है?
भारत में मानक समय किस माप को आधार मानता है?
आंतरराष्ट्रीय समय रेखा 180° पूर्व और 180° पश्चिम पर क्या निर्धारित करती है?
आंतरराष्ट्रीय समय रेखा 180° पूर्व और 180° पश्चिम पर क्या निर्धारित करती है?
पृथ्वी में वायुमंडल और आंतरिक भाग के बीच कौन सा संबंध है?
पृथ्वी में वायुमंडल और आंतरिक भाग के बीच कौन सा संबंध है?
पृथ्वी के बाहर के कोर में कौन से तत्व प्रमुखता से होते हैं?
पृथ्वी के बाहर के कोर में कौन से तत्व प्रमुखता से होते हैं?
भारतीय मानक समय (आईएसटी) जीएमटी से कितने घंटे आगे है?
भारतीय मानक समय (आईएसटी) जीएमटी से कितने घंटे आगे है?
पृथ्वी और पूरी सौर मंडल का निर्माण कब हुआ था?
पृथ्वी और पूरी सौर मंडल का निर्माण कब हुआ था?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे घने पदार्थ कौन से थे?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे घने पदार्थ कौन से थे?
पृथ्वी की उत्पत्ति में किस कारक ने भिन्नता उत्पन्न की?
पृथ्वी की उत्पत्ति में किस कारक ने भिन्नता उत्पन्न की?
कम घने पदार्थ प्रक्रियागत रूप से कहाँ गए?
कम घने पदार्थ प्रक्रियागत रूप से कहाँ गए?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे पहले कौन सा पदार्थ डूबा?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे पहले कौन सा पदार्थ डूबा?
पृथ्वी में सबसे सघन पदार्थ कैसे व्यवस्थित हुए?
पृथ्वी में सबसे सघन पदार्थ कैसे व्यवस्थित हुए?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान किस कारण से गैसें बाहर की ओर गईं?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान किस कारण से गैसें बाहर की ओर गईं?
'ग्रैनीस्सिमल्स' किस प्रकार के पदार्थों को संदर्भित करता है?
'ग्रैनीस्सिमल्स' किस प्रकार के पदार्थों को संदर्भित करता है?
पृथ्वी का आकार चपटा दीघषवृत्ताभ क्यों है?
पृथ्वी का आकार चपटा दीघषवृत्ताभ क्यों है?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान अधिकतम दबाव किस स्थल पर था?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान अधिकतम दबाव किस स्थल पर था?
पृथ्वी का असली आकार किस रूप में दर्शाया गया है?
पृथ्वी का असली आकार किस रूप में दर्शाया गया है?
पृथ्वी की ध्रुवीय अक्ष से संगतता किस कारण होती है?
पृथ्वी की ध्रुवीय अक्ष से संगतता किस कारण होती है?
पृथ्वी का सूरज से न्यूनतम दूरी कब होती है?
पृथ्वी का सूरज से न्यूनतम दूरी कब होती है?
पृथ्वी का सबसे दूर का त्तबिंदु कब होता है?
पृथ्वी का सबसे दूर का त्तबिंदु कब होता है?
पृथ्वी के घूमने के केन्द्रापसारक बल का क्या प्रभाव होता है?
पृथ्वी के घूमने के केन्द्रापसारक बल का क्या प्रभाव होता है?
पृथ्वी की गत्तत की दो प्रकारें कौन सी हैं?
पृथ्वी की गत्तत की दो प्रकारें कौन सी हैं?
पृथ्वी का चपटा दीघषवृत्ताभ आकार किस कारण होता है?
पृथ्वी का चपटा दीघषवृत्ताभ आकार किस कारण होता है?
पृथ्वी और सूर्य के बीच की अधिकतम दूरी कब होती है?
पृथ्वी और सूर्य के बीच की अधिकतम दूरी कब होती है?
पृथ्वी का आकार किस कारण से गोलाकार दिखाई देता है?
पृथ्वी का आकार किस कारण से गोलाकार दिखाई देता है?
पृथ्वी पर किलोमीटर में न्यूनतम दूरी कितनी होती है जब यह सूरज के निकटतम होती है?
पृथ्वी पर किलोमीटर में न्यूनतम दूरी कितनी होती है जब यह सूरज के निकटतम होती है?
पृथ्वी की परिक्रमण गति का मुख्य कारण क्या है?
पृथ्वी की परिक्रमण गति का मुख्य कारण क्या है?
ग्रीष्म संक्रान्ति कब होती है?
ग्रीष्म संक्रान्ति कब होती है?
भूमध्य रेखा के संबंध में अक्षाांश की स्थिति क्या है?
भूमध्य रेखा के संबंध में अक्षाांश की स्थिति क्या है?
पृथ्वी के ताप क्षेत्र के अंतर्गत कौन सा क्षेत्र शामिल नहीं है?
पृथ्वी के ताप क्षेत्र के अंतर्गत कौन सा क्षेत्र शामिल नहीं है?
पृथ्वी के दो मुख्य ध्रुव कौन से हैं?
पृथ्वी के दो मुख्य ध्रुव कौन से हैं?
प्राइम मेरिडियन का मान क्या होता है?
प्राइम मेरिडियन का मान क्या होता है?
21 मार्च को कौन सा विशेष मौसम परिवर्तन होता है?
21 मार्च को कौन सा विशेष मौसम परिवर्तन होता है?
पृथ्वी का कोणीय गति प्रति घण्टा कितनी डिग्री होती है?
पृथ्वी का कोणीय गति प्रति घण्टा कितनी डिग्री होती है?
अक्षांश को किस प्रणाली में मापा जाता है?
अक्षांश को किस प्रणाली में मापा जाता है?
पृथ्वी की परिक्रमण गति का एक प्रभाव क्या है?
पृथ्वी की परिक्रमण गति का एक प्रभाव क्या है?
ज्वारीय परिकल्पना किसके द्वारा प्रस्तुत की गई थी?
ज्वारीय परिकल्पना किसके द्वारा प्रस्तुत की गई थी?
सुपिनोवा परिकल्पना से संबंधित वैज्ञानिक कौन हैं?
सुपिनोवा परिकल्पना से संबंधित वैज्ञानिक कौन हैं?
किस परिकल्पना को गैसीय परिकल्पना कहा जाता है?
किस परिकल्पना को गैसीय परिकल्पना कहा जाता है?
अन्तिमात्कालिक धूल परिकल्पना का समर्थन किसने किया?
अन्तिमात्कालिक धूल परिकल्पना का समर्थन किसने किया?
ग्रहाणु परिकल्पना का समर्थन किस वैज्ञानिक ने किया?
ग्रहाणु परिकल्पना का समर्थन किस वैज्ञानिक ने किया?
किस सिद्धांत में पृथ्वी के निर्माण में छोटे कणों के एकत्रित होने की प्रक्रिया पर जोर दिया गया है?
किस सिद्धांत में पृथ्वी के निर्माण में छोटे कणों के एकत्रित होने की प्रक्रिया पर जोर दिया गया है?
नीचे दिए गए में से किस परिकल्पना को पृथ्वी की उत्पत्ति का सबसे पुराना सिद्धांत माना जाता है?
नीचे दिए गए में से किस परिकल्पना को पृथ्वी की उत्पत्ति का सबसे पुराना सिद्धांत माना जाता है?
किस पृथ्वी उत्पत्ति परिकल्पना में बाहरी प्रभावों का उल्लेख किया गया है?
किस पृथ्वी उत्पत्ति परिकल्पना में बाहरी प्रभावों का उल्लेख किया गया है?
पृथ्वी और पूरे सौर मंडल का निर्माण कब हुआ?
पृथ्वी और पूरे सौर मंडल का निर्माण कब हुआ?
कौन सा पदार्थ पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे घना था?
कौन सा पदार्थ पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे घना था?
कम घने पदार्थों का पृथ्वी के निर्माण के दौरान क्या हुआ?
कम घने पदार्थों का पृथ्वी के निर्माण के दौरान क्या हुआ?
ग्रहों का निर्माण किस प्रक्रिया में हुआ?
ग्रहों का निर्माण किस प्रक्रिया में हुआ?
पृथ्वी का आकार किस प्रकार वर्णित किया जा सकता है?
पृथ्वी का आकार किस प्रकार वर्णित किया जा सकता है?
प्रारंभिक पृथ्वी की स्थिति क्या थी?
प्रारंभिक पृथ्वी की स्थिति क्या थी?
ग्रहों के निर्माण के लिए कौन सा सिद्धांत अधिक प्रासंगिक है?
ग्रहों के निर्माण के लिए कौन सा सिद्धांत अधिक प्रासंगिक है?
पृथ्वी की उत्पत्ति में गुरुत्वाकर्षण की भूमिका क्या थी?
पृथ्वी की उत्पत्ति में गुरुत्वाकर्षण की भूमिका क्या थी?
पृथ्वी की स्थिति का प्राथमिक कारण क्या था?
पृथ्वी की स्थिति का प्राथमिक कारण क्या था?
प्रारंभिक पृथ्वी में छोटे कणों का किस प्रकार का संघटन हुआ?
प्रारंभिक पृथ्वी में छोटे कणों का किस प्रकार का संघटन हुआ?
भारत का मानक समय किस देशांतर पर आधारित है?
भारत का मानक समय किस देशांतर पर आधारित है?
भूपपषटी के घटक सामूहिक रूप से किस नाम से जाने जाते हैं?
भूपपषटी के घटक सामूहिक रूप से किस नाम से जाने जाते हैं?
पृथ्वी का आंतरिक भाग किस तत्व से बना होता है?
पृथ्वी का आंतरिक भाग किस तत्व से बना होता है?
अंतरराष्ट्रीय समय रेखा किस डिग्री पर स्थित है?
अंतरराष्ट्रीय समय रेखा किस डिग्री पर स्थित है?
पृथ्वी के आंतरिक तापमान में वृद्धि कितनी होती है प्रति 32 मीटर की गहराई में?
पृथ्वी के आंतरिक तापमान में वृद्धि कितनी होती है प्रति 32 मीटर की गहराई में?
पृथ्वी की अपनी ध्रुवी धुरी पर घूमने की गति कितनी है?
पृथ्वी की अपनी ध्रुवी धुरी पर घूमने की गति कितनी है?
ग्रीष्म संक्रान्ति का अनुभव किस तारीख को होता है?
ग्रीष्म संक्रान्ति का अनुभव किस तारीख को होता है?
ग्लोब का क्या महत्व है?
ग्लोब का क्या महत्व है?
अक्षांश का मापन किसमें किया जाता है?
अक्षांश का मापन किसमें किया जाता है?
पृथ्वी के ताप क्षेत्र में कौन सा क्षेत्र सबसे कम तापमान जमा करता है?
पृथ्वी के ताप क्षेत्र में कौन सा क्षेत्र सबसे कम तापमान जमा करता है?
भूमध्य रेखा का मान क्या होता है?
भूमध्य रेखा का मान क्या होता है?
पृथ्वी की परिक्रमण गति से कौन सी घटना प्रभावित होती है?
पृथ्वी की परिक्रमण गति से कौन सी घटना प्रभावित होती है?
21 मार्च और 23 सितंबर को किन क्षेत्रों में दिन और रात समान होते हैं?
21 मार्च और 23 सितंबर को किन क्षेत्रों में दिन और रात समान होते हैं?
पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी गोलाध्शों में तापमान क्षेत्र को क्या कहा जाता है?
पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी गोलाध्शों में तापमान क्षेत्र को क्या कहा जाता है?
प्राइम मेरिडियन का मान क्या होता है?
प्राइम मेरिडियन का मान क्या होता है?
पृथ्वी का असली रूप किस प्रकार का होता है?
पृथ्वी का असली रूप किस प्रकार का होता है?
पृथ्वी की न्यूनतम दूरी सूर्य से कब होती है?
पृथ्वी की न्यूनतम दूरी सूर्य से कब होती है?
पृथ्वी की गतिविधियों में से कौन सी गतिविधि शामिल नहीं है?
पृथ्वी की गतिविधियों में से कौन सी गतिविधि शामिल नहीं है?
पृथ्वी की गतिविधियों के लिए कौन सा बल जिम्मेदार है?
पृथ्वी की गतिविधियों के लिए कौन सा बल जिम्मेदार है?
पृथ्वी और सूर्य के बीच की अधिकतम दूरी कितनी होती है?
पृथ्वी और सूर्य के बीच की अधिकतम दूरी कितनी होती है?
पृथ्वी के सबसे निकटतम बिंदु को जब प्राप्त किया जाता है तब पृथ्वी की स्थिति क्या होती है?
पृथ्वी के सबसे निकटतम बिंदु को जब प्राप्त किया जाता है तब पृथ्वी की स्थिति क्या होती है?
पृथ्वी पर प्रत्येक समय क्षेत्र की चौड़ाई कितनी होती है?
पृथ्वी पर प्रत्येक समय क्षेत्र की चौड़ाई कितनी होती है?
पृथ्वी की अंटार्कटिक अक्षांश का मापन किससे किया जाता है?
पृथ्वी की अंटार्कटिक अक्षांश का मापन किससे किया जाता है?
पृथ्वी के पपडी में सबसे अधिक किस तत्व का अनुपात पाया जाता है?
पृथ्वी के पपडी में सबसे अधिक किस तत्व का अनुपात पाया जाता है?
पृथ्वी का आकार किस रूप में दर्शाया गया है?
पृथ्वी का आकार किस रूप में दर्शाया गया है?
भारतीय मानक समय (आईएसटी) की गणना के लिए किस देशांतर का उपयोग किया जाता है?
भारतीय मानक समय (आईएसटी) की गणना के लिए किस देशांतर का उपयोग किया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा की विशेषता क्या है?
अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा की विशेषता क्या है?
पृथ्वी की पपडी में सबसे अधिक अनुपात में कौन सा तत्व पाया जाता है?
पृथ्वी की पपडी में सबसे अधिक अनुपात में कौन सा तत्व पाया जाता है?
पृथ्वी के आंतरिक भाग के तापमान वृद्धि की दर क्या है?
पृथ्वी के आंतरिक भाग के तापमान वृद्धि की दर क्या है?
पृथ्वी का कोर मुख्यतः किस तत्व से बना है?
पृथ्वी का कोर मुख्यतः किस तत्व से बना है?
ग्रहाणु परिकल्पना का समर्थन किस वैज्ञानिक ने किया?
ग्रहाणु परिकल्पना का समर्थन किस वैज्ञानिक ने किया?
सुपिनोवा परिकल्पना के सिद्धांत को कौन बताता है?
सुपिनोवा परिकल्पना के सिद्धांत को कौन बताता है?
ज्वारीय परिकल्पना के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति कैसे हुई?
ज्वारीय परिकल्पना के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति कैसे हुई?
बिग बैंग सिद्धांत का संबंध किस परिकल्पना से है?
बिग बैंग सिद्धांत का संबंध किस परिकल्पना से है?
नीहारिका परिकल्पना का योगदान किसने दिया था?
नीहारिका परिकल्पना का योगदान किसने दिया था?
पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित किस परिकल्पना को दार्शनिक दृष्टिकोण से समझाया गया है?
पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित किस परिकल्पना को दार्शनिक दृष्टिकोण से समझाया गया है?
अंतिमात्कालिक धूल परिकल्पना किस वैज्ञानिक द्वारा समर्थित है?
अंतिमात्कालिक धूल परिकल्पना किस वैज्ञानिक द्वारा समर्थित है?
गैसीय परिकल्पना के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति का क्या मुख्य कारण था?
गैसीय परिकल्पना के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति का क्या मुख्य कारण था?
पृथ्वी का आकार किस रूप में दर्शाया गया है?
पृथ्वी का आकार किस रूप में दर्शाया गया है?
पृथ्वी की सूरज के लिए न्यूनतम दूरी किस दिन होती है?
पृथ्वी की सूरज के लिए न्यूनतम दूरी किस दिन होती है?
पृथ्वी की गतिविधियों में कौन सी गतिविधि शामिल नहीं है?
पृथ्वी की गतिविधियों में कौन सी गतिविधि शामिल नहीं है?
पृथ्वी की सबसे दूर की स्थिति किस तारीख को प्राप्त होती है?
पृथ्वी की सबसे दूर की स्थिति किस तारीख को प्राप्त होती है?
पृथ्वी के घूमने के केंद्रापसारक बल का क्या प्रभाव है?
पृथ्वी के घूमने के केंद्रापसारक बल का क्या प्रभाव है?
पृथ्वी की गतिविधियों की कौन सी प्रकारें हैं?
पृथ्वी की गतिविधियों की कौन सी प्रकारें हैं?
पृथ्वी सूरज के कितने निकटतम श्मिबत में आती है?
पृथ्वी सूरज के कितने निकटतम श्मिबत में आती है?
पृथ्वी के आकार में चपटा दीघषवृत्ताभ का एक कारण क्या है?
पृथ्वी के आकार में चपटा दीघषवृत्ताभ का एक कारण क्या है?
पृथ्वी की स्थिति का निर्धारण कौन सा कारक करता है?
पृथ्वी की स्थिति का निर्धारण कौन सा कारक करता है?
पृथ्वी का निर्माण कब हुआ था?
पृथ्वी का निर्माण कब हुआ था?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे घने पदार्थ कौन थे?
पृथ्वी के निर्माण के दौरान सबसे घने पदार्थ कौन थे?
कम घने पदार्थों का क्या हुआ था पृथ्वी के निर्माण के दौरान?
कम घने पदार्थों का क्या हुआ था पृथ्वी के निर्माण के दौरान?
पृथ्वी और सूर्य के चारों ओर घूमने वाले छोटे कणों को क्या कहा जाता था?
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पृथ्वी कैसे बनी जब छोटे कण आपस में टकराने लगे?
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पृथ्वी का निर्माण करने वाली प्रक्रिया क्या है?
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पृथ्वी के घनत्व का मापन किस चीज से होता है?
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पृथ्वी के निर्माण के सबसे प्रमुख घटक कौन से थे?
पृथ्वी के निर्माण के सबसे प्रमुख घटक कौन से थे?
पृथ्वी की उत्पत्ति में गुरुत्वाकर्षण की भूमिका क्या थी?
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पृथ्वी का निर्माण कब से प्रारंभ हुआ?
पृथ्वी का निर्माण कब से प्रारंभ हुआ?
पृथ्वी की घूमने की गति और इसके कारण क्या प्रभाव डालते हैं?
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ग्रीष्म संक्रांति के दौरान उत्तरी गोलार्ध में क्या होता है?
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दक्षिणी गोलार्ध में शीतकालीन संक्रांति कब होती है?
दक्षिणी गोलार्ध में शीतकालीन संक्रांति कब होती है?
भूमध्य रेखा (0°) से उत्तरी गोलार्ध में अक्षांश की माप कैसे होती है?
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पृथ्वी के ताप क्षेत्र कौन से होते हैं?
पृथ्वी के ताप क्षेत्र कौन से होते हैं?
पृथ्वी के घूर्णन के समय किसको देखा जा सकता है?
पृथ्वी के घूर्णन के समय किसको देखा जा सकता है?
पृथ्वी की ध्रुवीय अक्ष के साथ संगतता का कारण क्या है?
पृथ्वी की ध्रुवीय अक्ष के साथ संगतता का कारण क्या है?
देर्ांतर का घाटा (longitude) किस मात्रा में मापा जाता है?
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प्राइम मेरिडियन का मान क्या होता है?
प्राइम मेरिडियन का मान क्या होता है?
पृथ्वी के झुकाव का क्या प्रभाव होता है?
पृथ्वी के झुकाव का क्या प्रभाव होता है?
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Study Notes
पृथ्वी की उत्पत्ति
- पृथ्वी और पूरा सौर मंडल 4.6 बिलियन साल पहले एक बड़े नेबुला से बना था।
- पृथ्वी की उत्पत्ति के बारे में कई सिद्धांत और परिकल्पनाएं प्रस्तुत की गई हैं:
- गैसीय परिकल्पना (इम्मैनुएल कांत)
- नेबुला परिकल्पना (लाप्लास)
- ग्रहाणु परिकल्पना (चेम्बिललन और मौलटन)
- ज्वालामुखी परिकल्पना (जींस और जेफ्रीज़)
- द्वैत तारा परिकल्पना (लिसेल)
- सुपरनोवा परिकल्पना (होय्ले)
- अंतरातारकीय धूल परिकल्पना (ओट्टो श्मिट)
- बिग बैंग सिद्धांत (जॉजेस-हेनिी लेबमट्रे)
- गुरुत्वाकर्षण के कारण, केंद्र में बहुत सारे पदार्थ इकट्ठे हुए और परमाणु संलयन शुरू हो गया, जिससे सूर्य का निर्माण हुआ।
- सूर्य के आसपास के छोटे-छोटे कण टकराने लगे, जिससे आकार में बड़े होने लगे, जिन्हें "ग्रैनीससमल्स" कहा जाता है, और बाद में ग्रह बने।
- ग्रह ठंडे हुए और जमना शुरू हुआ। आंतरिक हिस्से अभी भी बहुत गर्म हैं।
महाद्वीपीय बहाव सिद्धांत
- अल्फ्रेड वेगनर द्वारा 1912 में प्रस्तुत किया गया।
- महाद्वीपों की स्थिति समय के साथ बदल रही है।
- लगभग 200 मिलियन साल पहले, सभी महाद्वीप एक साथ थे, जिसे पैंजिया कहा जाता था।
- पैंजिया टूट गया और महाद्वीपों ने अपनी वर्तमान स्थिति में जाना।
पृथ्वी का आकार
- पृथ्वी का वास्तविक आकार एक गोले जैसा दिखता है, जिसे ध्रुवीय अक्ष के साथ संकुचित किया गया है और भूमध्य रेखा के चारों ओर थोड़ा उभारा गया है।
- इस आकार को एक चपटा दीर्घवृत्ताभ के रूप में जाना जाता है।
- बतिछापन पृथ्वी के घूमने के केन्द्रापसारक बल के कारण होता है।
पृथ्वी का सबसे निकट और दूर का बिंदु
- सूर्य समीपक: सूर्य के लिए पृथ्वी की निकटतम स्थिति। पृथ्वी हर साल लगभग तीन महीने की दूरी पर 3 जनवरी को अपने परिमाण में पहुँचती है, सूर्य से 147 मिलियन किलोमीटर।
- अपसौर: सूर्य से पृथ्वी की सबसे दूर की स्थिति। पृथ्वी इस साल 4 जुलाई को अपने अपसौर तक पहुँचती है जब पृथ्वी 152 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है।
पृथ्वी की गति
- पृथ्वी की दो प्रकार की गतियाँ हैं:
- निरंतर घूर्णन
- परिक्रमण
निरंतर घूर्णन और परिक्रमण
- निरंतर घूर्णन: पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर अपनी धुरी पर घूमती है, यानी वामावर्त दिशा में। इसमें एक चक्कर में 23 घंटे, 56 मिनट और 4.09 सेकंड लगते हैं।
- इस घूर्णी गति के कारण दिन और रात होते हैं।
- अपनी धुरी के साथ घूमने के कारण, पृथ्वी एक सही गोला नहीं है।
- परिक्रमण: पृथ्वी की सूर्य के चारों ओर गति को परिक्रमण कहते हैं।
- चूंकि पृथ्वी का मार्ग अंडाकार है, इसलिए पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी बदलती रहती है।
- पृथ्वी सूर्य के सापेक्ष चार महत्वपूर्ण स्थिति प्राप्त करती है।
- यह अपनी धुरी के साथ पृथ्वी के झुकाव के कारण होता है।
- ये विषुव और संक्रांति हैं।
पृथ्वी की कक्षा, अक्षीय झुकाव और मौसम
- ग्रीष्म संक्रांति: 21 जून को, कर्क रेखा सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणों को प्राप्त करती है। इस स्थिति को ग्रीष्म संक्रांति के रूप में जाना जाता है।
- इस समय उत्तरी गोलार्ध का अनुभव सबसे लंबा दिन होता है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में सबसे छोटी रात होती है।
- शीतकालीन संक्रांति: 22 दिसंबर को, मकर रेखा को सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणें प्राप्त होती हैं। इसे शीतकालीन संक्रांति कहा जाता है।
- इस समय उत्तरी गोलार्ध का अनुभव सबसे छोटा दिन होता है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में सबसे लंबी रात होती है।
विषुव
- पृथ्वी की दो स्थिति हैं जो 21 मार्च और 23 सितंबर को आती हैं, जब भूमध्य रेखा को सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणें प्राप्त होती हैं और दिन और रात दुनिया भर में समान होते हैं।
- इन पदों को विषुव के रूप में जाना जाता है। 21 मार्च में वसंत विषुव होता है और 23 सितंबर को शरद ऋतु विषुव होता है।
ग्लोब: अक्षांश और देशांतर
- ग्लोब पृथ्वी का एक सच्चा नमूना (लघु रूप) है।
- दुनिया के किसी विशेष स्थान का पता लगाने के लिए हमें संदर्भ बिंदुओं और रेखाओं की आवश्यकता है।
- एक सुई को झुके हुए तरीके से ग्लोब के माध्यम से तय किया जाता है जिसे उसकी धुरी कहा जाता है। ग्लोब पर दो बिंदु जिनके माध्यम से सुई गुजरती है वे दो ध्रुव हैं - उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव।
- पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है, जो एक काल्पनिक रेखा है। ग्लोब पर चलने वाली एक और काल्पनिक रेखा इसे दो समान भागों में विभाजित करती है। इस रेखा को भूमध्य रेखा के रूप में जाना जाता है।
- पृथ्वी के उत्तरी आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध के रूप में जाना जाता है और दक्षिणी आधे हिस्से को दक्षिणी गोलार्ध के रूप में जाना जाता है। अक्षांश पृथ्वी की सतह पर एक बिंदु की कोणीय दूरी है।
- भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक के सभी समानांतर वृत्त अक्षांशों के समानांतर कहलाते हैं। अक्षांश को डिग्री में मापा जाता है। भूमध्य रेखा शून्य डिग्री अक्षांश का प्रतिनिधित्व करती है।
अक्षांश की महत्वपूर्ण समानांतर
- भूमध्य रेखा (0°) के अलावा, अक्षांश की चार महत्वपूर्ण समानांतर हैं:
- उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा (23½°N)।
- दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा (23½°S)।
- भूमध्य रेखा के उत्तर में 66½° पर आर्कटिक वृत्त।
- भूमध्य रेखा के दक्षिण में 66½° पर अंटार्कटिक वृत्त।
पृथ्वी के ताप क्षेत्र
- कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर साल में कम से कम एक बार दोपहर का सूर्य ठीक से उगता है। इसलिए, इस क्षेत्र को सर्वाधिक गर्मी प्राप्त होती है और इसे उष्ण कटिबंध कहा जाता है।
- मध्य-दिवस का सूर्य कभी भी कर्क रेखा और मकर रेखा के पार किसी अक्षांश पर नहीं दिखता है।
- सूर्य की किरणों का कोण ध्रुवों की ओर कम होता चला जाता है। जैसे, उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा और आर्कटिक वृत्त द्वारा और दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा और अंटार्कटिक वृत्त के क्षेत्रों में मध्यम तापमान होता है। इसलिए, इन्हें समशीतोष्ण क्षेत्र कहा जाता है।
- उत्तरी गोलार्ध में आर्कटिक वृत्त और उत्तरी ध्रुव के बीच स्थित क्षेत्र और दक्षिणी गोलार्ध में अंटार्कटिक वृत्त और दक्षिणी ध्रुव, बहुत ठंडे हैं। सूर्य यहाँ लक्ष्य से बहुत ऊपर नहीं उठता है। इसकी किरणें हमेशा तिरछी होती हैं। तो, इन क्षेत्रों को शीत कटिबंध कहा जाता है।
देशांतर
- मध्याह्न जो ग्रीनविच से गुजरता है, जहाँ सेंटश शाही वेधशाला स्थित है, द प्राइम मेरिनडियन कहा जाता है, इसका मान 0° है देशांतर और इससे हम 180° पूर्व की ओर और साथ ही 180° पश्चिम की ओर गिनती करते हैं।
- प्राइम मेरिनडियन ने पृथ्वी को दो समान हिस्सों में विभाजित किया है - पूर्वी गोलार्ध और पश्चिम-गोलार्ध।
- आंतरिक समय की गणना निम्न अनुसार की जा सकती है। पृथ्वी लगभग 24 घंटे में 360° घूमती है, जिसका अर्थ है 15° प्रति घंटा या चार मिनट में 1°।
- देशांतर में एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य होता है, अर्थात वे स्थानीय समय निर्धारित करते हैं।
देशांतर की विशेषताएँ
- मध्याह्न के रूप में जाने जाते हैं।
- उत्तर-दक्षिण दिशा में दौड़ते हैं।
- प्राइम मेरिनडियन के पूर्व या पश्चिम की दूरी मापते हैं।
- भूमध्य रेखा पर अलग हैं और ध्रुवों पर मिलते हैं।
- समकोण पर समकोण पार करते हैं।
- उन विमानों में लेटें जो पृथ्वी की धुरी से गुजरते हैं।
- लंबाई में विविध हैं।
- बड़े हलकों के हिस्से हैं।
मानक समय
- मानक समय किसी देश के मानक मध्याह्न का स्थानीय समय होता है।
- भारत में, 82½°E (82° 30'E) के देशांतर को मानक मध्याह्न रेखा के रूप में माना जाता है। इस मध्याह्न पर स्थानीय समय पूरे देश के लिए मानक समय के रूप में लिया जाता है। इसे भारतीय मानक समय (IST) के रूप में जाना जाता है।
- भारतीय मानक समय GMT से 5.30 घंटे आगे है।
- ध्यान दें: कुछ देशों में एक बड़ा देशांतर सीमा है और इसलिए उन्होंने एक से अधिक मानक समय को अपनाया है। उदाहरण के लिए, रूस में, लगभग ग्यारह मानक समय हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका नौ मानक समय क्षेत्रों का उपयोग करता है।
- पृथ्वी को प्रत्येक एक घंटे के चौबीस समय क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। इस प्रकार प्रत्येक क्षेत्र 15° देशांतर को कवर करता है।
अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा
- 180° पूर्व और 180° पश्चिम मध्याह्न एक ही रेखा है जिसे अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा कहा जाता है।
- यह देशांतर है जहां तारीखें ठीक एक दिन बदल जाती हैं जब इसे पार किया जाता है।
- एक यात्री पूर्व से पश्चिम की ओर समय रेखा को पार करता है तो एक दिन कम हो जाता है और एक दिन में पश्चिम से पूर्व की ओर समय रेखा को पार करता है तो वह एक दिन में लाभ प्राप्त करता है।
- मध्य प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा बेरि, जलडमरूमध्य, फ़िजी, टोंगा और अन्य में सामान्य 180° मध्याह्न रेखा से घटती है- भूभाग जो मेरिनडियन द्वारा काटे गए कुछ द्वीप समूहों में दिन और तारीख के भ्रम को रोकने के लिए है।
पृथ्वी का आंतरिक भाग
- यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी और सबसे पतली परत है। इसकी औसत गहराई 33 किमी तक है।
- महाद्वीपीय क्षेत्र में पपड़ी की मोटाई लगभग 40 किमी है जबकि समुद्री पपड़ी केवल 5-10 किमी मोटी है।
- पृथ्वी के भूपपषटी भाग को लिथोस्फीयर भी कहा जाता है। इसमें दो अलग-अलग हिस्से शामिल हैं: बाहरी भूपपषटी और आंतरिक भूपपषटी।
- पृथ्वी की पपड़ी का बाहरी पतला भाग तलछटी चट्टानों से बना है।
- बाहरी भूपपषटी में, मुख्य घटक सिलिका और एल्यूमिनियम हैं, जिसका औसत औसत घनत्व 2.7 ग्राम / सेमी 3 है और जिसे सामूहिक रूप से सियाल (यानी सिलिका + एल्यूमिनियम) कहा जाता है।
- आंतरिक भूपपषटी में, घटक सिलिका और मैग्नीशियम हैं।
- यह बेसाल्ट चट्टान की एक परत है।
- घटक सामूहिक रूप से सिमा (सिलिका + मैग्नीशियम) के रूप में जाने जाते हैं। सिमा का औसत औसत घनत्व 3 g/cm3 है।
पृथ्वी की परतें
- पृथ्वी में तीन प्रमुख परतें होती हैं:
- भूपटल: पृथ्वी की सबसे बाहरी परत जो ठोस है
- लबादा: भूपटल के नीचे स्थित परत जो ठोस, तरल और गैसों से बनी होती है
- क्रोड: पृथ्वी का केंद्र जो मुख्य रूप से लोहे और निकेल से बना है
पृथ्वी की पपड़ी में प्रमुख तत्व
- ऑक्सीजन - 47%
- सिलिकॉन - 28%
- एल्यूमिनियम - 8%
- आयरन - 5%
- मैग्नीशियम - 4%
- कैल्शियम - 2%
- पोटेशियम -2%
- सोडियम - 2%
- अन्य - 2%
पूरी पृथ्वी में प्रमुख तत्व
- आयरन - 35%
- ऑक्सीजन - 30%
- सिलिकॉन - 15%
- मैग्नीशियम - 13%
- निकल - 2%
- सल्फर - 2%
- कैल्शियम - 1%
- एल्यूमिनियम - 1%
- अन्य - 1%
लबादा
- लबादा लगभग 2900 किमी मोटा है और इसमें पृथ्वी का लगभग 83% हिस्सा है।
- लबादा के ऊपरी हिस्से को दुर्बलता मंडल (400 किमी तक विस्तार) कहा जाता है।
- यह द्रवपुंज का मुख्य स्रोत है।
- इसमें भूपटल (3.4 ग्राम / सेमी 3) से अधिक घनत्व है।
- भूपटल और लबादा के ऊपरी भाग को लिथोस्फीयर कहा जाता है। इसकी मोटाई से लेकर 10 से 200 किमी तक।
- माना जाता है कि यह लोहे और मैग्नीशियम से भरपूर सिलिकेट खनिजों से बना है।
पृथ्वी की अंतर परतों की असंगतियाँ
- मोहोरोविकिस असंगति: निचली पपड़ी और ऊपरी लबादा के बीच।
- कोनराड असंगति: ऊपरी और निचली पपड़ी के बीच।
- गुंटनबर्ग असंगति: निचले लबादा और बाहरी क्रोड के बीच।
- लेहमैन असंगति: बाहरी और आंतरिक क्रोड के बीच।
क्रोड
- लबादा से नीचे, पृथ्वी के आंतरिक भाग को इसका क्रोड कहा जाता है।
- यह मुख्य रूप से निकेल और आयरन से बना है, जिसे NIFE (निकेल - Ni + लौह - Fi) भी कहा जाता है।
- क्रोड को भी दो भागों में विभाजित किया गया है: बाहरी क्रोड और आंतरिक क्रोड।
- बाहरी क्रोड 2900 किमी से 5100 किमी तक फैला हुआ है। यह तरल अवस्था में है।
- केंद्र से 5100 किमी नीचे आंतरिक क्रोड कहा जाता है। यह अत्यधिक दबाव के कारण ठोस अवस्था में है। इस भाग में गैसें ठोस अवस्था में पाई जाती हैं।
- क्रोड का घनत्व और तापमान क्रमशः 13 ग्राम / सेमी 3 और 5500 डिग्री सेल्सियस है।
- पृथ्वी के आंतरिक भाग का तापमान गहराई के साथ बढ़ता है। प्रयोगों ने पुष्टि की है कि तापमान प्रत्येक 32 मीटर के लिए 1 डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ता है।
पृथ्वी की उत्पत्ति
- पृथ्वी और पूरा सौर मंडल 4.6 बिलियन साल पहले एक विशाल नेबुला से बना था।
- गुरुत्वाकर्षण के कारण, नेबुला के केंद्र में स्थित पदार्थ इकट्ठा हुए और परमाणु संलयन शुरू हुआ जिससे सूर्य का निर्माण हुआ।
- सूर्य के आस-पास के छोटे कण आपस में टकराए और बड़े आकार लेने लगे, जिन्हें "प्लैनेटिसिमल" कहा जाता है, जो बाद में ग्रह बन गए।
- पृथ्वी, शुरुआत में बहुत गर्म और पिघली हुई थी। सबसे घने पदार्थ, जैसे लोहा, पृथ्वी में डूब गए, जबकि कम घने पदार्थ बाहरी भाग में चले गए।
महाद्वीपीय बहाव सिद्धांत
- 1912 में अल्फ्रेड वेगनर द्वारा महाद्वीपीय बहाव सिद्धांत दिया गया था।
- यह दर्शाता है कि महाद्वीप एक दूसरे से गति करते हैं, भले ही धीरे-धीरे।
- यह पृथ्वी की सतह पर मौजूद प्लेटों की गति के कारण होता है, जिन्हें टेक्टॉनिक प्लेट्स कहा जाता है।
- यह सिद्धांत भूकंप, ज्वालामुखी और पहाड़ निर्माण जैसी घटनाओं को समझाने में मदद करता है।
पृथ्वी का आकार
- पृथ्वी का वास्तविक आकार एक गोले जैसा दिखता है, जो ध्रुवीय अक्ष के साथ थोड़ा संकुचित और भूमध्य रेखा के चारों ओर थोड़ा उभार वाला है।
- इस आकार को एक "चपटा दीर्घवृत्ताभ" (oblate spheroid) कहा जाता है।
- यह चपटा रूप पृथ्वी के घूमने के केन्द्रापसारक बल के कारण होता है।
पृथ्वी की सबसे नज और दूर बिंदु
- सूर्य समीपक: सूर्य के लिए पृथ्वी का सबसे नजदीकी बिंदु।
- पृथ्वी हर साल लगभग 3 जनवरी को सूर्य से 147 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर अपने सूर्य समीपक तक पहुँचती है।
- अपसौर: सूर्य से पृथ्वी का सबसे दूर बिंदु।
- पृथ्वी हर साल 4 जुलाई को अपने अपसौर तक पहुँचती है जब यह सूर्य से 152 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर होती है।
पृथ्वी की गति
-
पृथ्वी की दो तरह की गतियाँ हैं:
- घूर्णन
- परिक्रमा
घूर्णन और परिक्रमा
- घूर्णन: पृथ्वी अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है, यानी वामावर्त दिशा में।
- एक चक्र पूरा करने में 23 घंटे, 56 मिनट और 4.09 सेकंड का समय लगता है।
- इस घूर्णन गति के कारण दिन और रात होते हैं।
- अपनी धुरी के साथ घूमने के कारण, पृथ्वी एक सही क्षेत्र नहीं है।
- परिक्रमा: पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है जिसे परिक्रमा कहते हैं।
- चूँकि पृथ्वी का मार्ग अण्डाकार है, इसलिए पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी बदलती रहती है।
- पृथ्वी सूर्य के सापेक्ष चार महत्वपूर्ण स्थिति प्राप्त करती है।
- यह पृथ्वी के झुके हुए अक्ष (axial tilt) के कारण होता है।
पृथ्वी की कक्षा, अक्षीय झुकाव और मौसम
- पृथ्वी का झुकाव (axial tilt) 23.5 डिग्री है।
- यह झुकाव पृथ्वी पर मौसमों का कारण बनता है।
ग्रीष्म संक्रांति
- 21 जून को, कर्क रेखा सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणों को प्राप्त करती है।
- इस स्थिति को ग्रीष्म संक्रांति (summer solstice) कहा जाता है।
- इस समय उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में सबसे छोटी रात होती है।
शीतकालीन संक्रांति
- 22 दिसंबर को, मकर रेखा को सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणें प्राप्त होती हैं।
- इस स्थिति को शीतकालीन संक्रांति (winter solstice) कहा जाता है।
- इस समय दक्षिणी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है जबकि उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटी रात होती है।
विषुव
- पृथ्वी की दो स्थितियां हैं जो 21 मार्च और 23 सितंबर को आती हैं, जब भूमध्य रेखा को सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणें प्राप्त होती हैं और दिन और रात दुनिया भर में बराबर होते हैं।
- इन स्थिति को विषुव (equinox) कहा जाता है।
- 21 मार्च को वसंत विषुव (vernal equinox) होता है और 23 सितंबर को शरद ऋतु विषुव (autumnal equinox) होता है।
ग्लोब: अक्षांश और देशांतर
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ग्लोब पृथ्वी का एक सच्चा नमूना (लघु रूप) है।
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किसी भी स्थान का पता लगाने के लिए हमें निर्देशांक और रेखाओं के कुछ बुनियादी अवधारणाओं की आवश्यकता होती है।
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एक सुई को ग्लोब के माध्यम से झुके हुए तरीके से तय किया जाता है जिसे उसकी धुरी कहा जाता है।
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ग्लोब पर दो बिंदु सजनके माध्यम से सुई गुजरती है, वे दो ध्रुव हैं: उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव।
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पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है, जो एक काल्पनिक रेखा है।
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ग्लोब पर चलने वाली एक और काल्पनिक रेखा इसे दो समान भागों में विभाजित करती है।
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इस रेखा को भूमध्य रेखा कहा जाता है।
अक्षांश
- पृथ्वी के उत्तरी आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी आधे भाग को दक्षिणी गोलार्ध के रूप में जाना जाता है।
- अक्षांश पृथ्वी की सतह पर किसी बिंदु की कोणीय दूरी है।
- भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक के सभी समानांतर वृत्त अक्षांशों के समानांतर कहलाते हैं।
- अक्षांश को डिग्री में मापा जाता है।
- भूमध्य रेखा शून्य डिग्री अक्षांश का प्रतिनिधित्व करती है।
अक्षांश की महत्वपूर्ण समानांतर
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भूमध्य रेखा (0 °) के अलावा, अक्षांश की चार महत्वपूर्ण समानांतर हैं:
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उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा (23½°N)।
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दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा (23½°S)।
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भूमध्य रेखा के उत्तर में 66½ ° पर आर्कटिक वृत्त (Arctic Circle)。
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भूमध्य रेखा के दक्षिण में 66½ ° पर अंटार्कटिक (Antarctic Circle)。
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पृथ्वी के ताप क्षेत्र
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कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर वर्ष में कम से कम एक बार दोपहर का सूर्य ठीक से उगता है।
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इस क्षेत्र को सबसे अधिक गर्मी प्राप्त होती है और इसे उष्णकटिबंध कहा जाता है।
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मध्य-दिन का सूर्य कभी भी कर्क रेखा और मकर रेखा के पार किसी भी अक्षांश पर नहीं दिखाई देता है।
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सूर्य की किरणों का कोण ध्रुवों की ओर कम होता जाता है।
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जैसे, उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा और आर्कटिक वृत्त के बीच के क्षेत्र और दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा और अंटार्कटिक वृत्त के बीच के क्षेत्रों में मध्यम तापमान होता है।
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इसलए, इन्हें शीतोष्ण क्षेत्र (temperate zones) कहा जाता है।
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उत्तरी गोलार्ध में आर्कटिक वृत्त और उत्तरी ध्रुव के बीच के क्षेत्र और दक्षिणी गोलार्ध में अंटार्कटिक वृत्त और दक्षिणी ध्रुव बहुत ठंडे हैं।
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सूर्य यहां लंबवत से बहुत ऊंचा नहीं उठता है।
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इसकी किरणें हमेशा तिरछी होती हैं।
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तो, इन क्षेत्रों को शीत क्षेत्र (frigid zones) कहा जाता है।
देशांतर
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ग्रीनविच (Greenwich), जहां "रॉयल ऑब्जर्वेटरी" (Royal Observatory) स्थित है, से गुजरने वाला मध्याह्न रेखा को प्रधान मध्याह्न रेखा कहा जाता है। इसका मान 0 ° है।
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देशांतर को इससे हम 180 ° पूर्व की ओर और साथ ही 180 ° पश्चिम की ओर बढ़ाते हैं।
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प्रधान मध्याह्न रेखा ने पृथ्वी को दो समान भागों में विभाजित किया है: पूर्वी गोलार्ध और पश्चिमी गोलार्ध।
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किसी भी स्थान की देशांतर की गणना निम्नलिखित प्रकार से की जा सकती है: पृथ्वी लगभग 24 घंटे में 360 ° घूमती है, जिसका अर्थ है 15 ° प्रति घंटा या चार मिनट में 1 °।
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देशांतर का एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य होता है, अर्थात् वे स्थानीय समय निर्धारित करते हैं।
देशांतर की विशेषताएं
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मध्याह्न रेखा (meridians) के रूप में जाना जाता है।
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उत्तर-दक्षिण दिशा में दौड़ते हैं।
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प्रधान मध्याह्न रेखा के पूर्व या पश्चिम की दूरी मापते हैं।
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भूमध्य रेखा पर अलग हैं और ध्रुवों पर मिलते हैं।
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समकोण पर समकोण पर मिलते हैं।
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उन विमानों में लेटते हैं जो पृथ्वी की धुरी से गुजरते हैं।
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लंबाई में समान हैं।
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बड़े हलकों के हिस्से हैं।
मानक समय
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मानक समय किसी देश के मानक मध्याह्न रेखा का स्थानीय समय होता है।
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भारत में, 82½°E (82° 30'E) के देशांतर को मानक मध्याह्न रेखा के रूप में माना जाता है।
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इस मध्याह्न पर स्थानीय समय पूरे देश के लिए मानक समय के रूप में लिया जाता है।
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इसे भारतीय मानक समय (IST) के रूप में जाना जाता है।
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भारतीय मानक समय जीएमटी (GMT) से 5.30 घंटे आगे है।
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ध्यान दें: कुछ देशों में एक महान देशांतर सीमा है और इसलि उन्होंने एक से अधिक मानक समय को अपनाया है।
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उदाहरण के लिए, रूस में, लगभग ग्यारह मानक समय हैं।
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संयुक्त राज्य अमेरिका नौ मानक समय क्षेत्रों का उपयोग करता है।
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पृथ्वी को प्रत्येक एक घंटे के चौबीस समय क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। इस प्रकार प्रत्येक क्षेत्र 15° देशांतर को कवर करता है।
अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा
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180 ° पूर्व और 180 ° पश्चिम मध्याह्न एक ही रेखा है जिसे अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा कहा जाता है।
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यह देशांतर है जहां स्थानों की तिथियां ठीक एक दिन बदल जाती हैं जब यह पार हो जाती है।
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एक यात्री पूर्व से पश्चिम की ओर समय रेखा को पार करता है तो एक दिन कम हो जाता है, और एक दिन में पश्चिम से पूर्व की ओर समय रेखा को पार करता है तो वह एक दिन में लाभ प्राप्त करता है।
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मध्य प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा बेरिअर जलडमरूमध्य, फिजी, टोंगा और अन्य में सामान्य 180 ° मध्याह्न रेखा से घटती है- भू-भाग जो मेरिडियन द्वारा काटे गए कुछ द्वीप समूहों में दिन और तिथि के भ्रम को रोकने के लिए हैं।
पृथ्वी का आंतरिक भाग
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पृथ्वी की सबसे ऊपरी और सबसे पतली परत है। यह सतह से 33 किलोमीटर तक मोटी है।
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महाद्वीपीय क्षेत्र में पपड़ी की मोटाई लगभग 40 किलोमीटर है, जबकि समुद्री पपड़ी केवल 5-10 किलोमीटर मोटी है।
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पृथ्वी के भूपर्पटी भाग को लिथोस्फियर (lithosphere) भी कहा जाता है। इसमें दो अलग-अलग हिस्से शामिल हैं: बाहरी भूपर्पटी और आंतरिक भूपर्पटी।
-
पृथ्वी की पपड़ी का बाहरी पतला भाग तलछटी चट्टानों से बना है।
-
बाहरी भूपर्पटी में, मुख्य घटक सिलिकॉन और एल्यूमीनियम हैं, जिसका औसत घनत्व 2.7 ग्राम/सेमी3 है और जिसे सामूहिक रूप से सियाल (sial) (यानी सिलिकॉन + एल्यूमीनियम) कहा जाता है।
-
आंतरिक भूपर्पटी में, घटक सिलिकॉन और मैग्नीशियम हैं।
-
यह बेसाल्ट चट्टान की एक परत है।
-
घटक सामूहिक रूप से साइमा (sima) (सिलिकॉन + मैग्नीशियम) के रूप में जाने जाते हैं।
-
साइमा का औसत घनत्व 3 g/cm3 है।
पृथ्वी की परतें
-
पृथ्वी की परतें निम्नलिखित हैं:
-
पृथ्वी की पपड़ी (crust)
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लबादा (mantle)
-
कोर (core)
-
पृथ्वी की पपड़ी में प्रमुख तत्व
पृथ्वी की पपड़ी | पूरी पृथ्वी |
---|---|
ऑक्सीजन —47% | आयरन– 35% |
सिलिकॉन- 28% | ऑक्सीजन- 30% |
एल्यूमीनियम-8% | सिलिकॉन-15% |
आयरन-5% | मैग्नीशियम-13% |
मैग्नीशियम-4% | निकल 2% |
कैल्शियम-2% | सल्फर-2% |
पोटेशियम-2% | कैल्शियम-1% |
सोडियम-2% | एल्यूमीनियम-1% |
अन्य -2% | अन्य -1% |
लबादा
-
लबादा लगभग 2900 किलोमीटर मोटा है और इसमें पृथ्वी का लगभग 83% हिस्सा है।
-
लबादा के ऊपरी हिस्से को एस्थेनोस्फियर (400 किलोमीटर तक विस्तार) कहा जाता है।
-
यह द्रवित पत्थर का मुख्य स्रोत है।
-
इसमें भूपर्पटी (3.4 ग्राम/सेमी3) से अधिक घनत्व है।
-
भूपर्पटी और लबादा के ऊपरी भाग को लिथोस्फियर कहा जाता है। इसकी मोटाई 10 से 200 किलोमीटर है।
-
माना जाता है कि यह लोहे और मैग्नीशियम से समृद्ध सिलिकेट खनिजों से बना है।
महत्वपूर्ण असंगतियाँ
- कॉनराड असंगति- ऊपरी और निचली पपड़ी के बीच
- मोहोरोवोसिविच असंगति- लोअर क्रस्ट और ऊपरी लबादा के बीच
- गूटनबर्ग- वेइचर्ट असंगति- निचले लबादा और बाहरी कोर
के बीच - लेहमैन असंगति- बाहरी और आंतरिक कोर के बीच
कोर
-
लबादा से नीचे, पृथ्वी के आंतरिक भाग को इसका कोर कहा जाता है।
-
यह मुख्य रूप से निकल और आयरन से बना है, जिसे NIFE (निकल - Ni + आयरन -Fi) भी कहा जाता है।
-
कोर को भी दो भागों में विभाजित किया गया है: बाहरी कोर और आंतरिक कोर।
-
बाहरी कोर 2900 किलोमीटर से 5100 किलोमीटर तक विस्तारित है। यह द्रव अवस्था में है।
-
केंद्र से 5100 किलोमीटर से नीचे आंतरिक कोर
कहा जाता है। -
यह अत्यधिक दबाव के कारण ठोस अवस्था में है।
-
इस भाग में गैसें ठोस अवस्था में पाई जाती हैं।
-
कोर का घनत्व और तापमान क्रमशः 13 ग्राम/सेमी3 और 5500 डिग्री सेल्सियस है।
-
पृथ्वी के आंतरिक भाग का तापमान गहराई के साथ बढ़ता है।
-
प्रयोगों ने पुष्टि की है कि तापमान प्रत्येक
32 मीटर के लिए 1 डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ता है।
पृथ्वी की उत्पत्ति
- पृथ्वी और पूरा सौर मंडल 4.6 बिलियन साल पहले एक बड़े नेबुला से बना था।
- पृथ्वी के केंद्र में गुरुत्वाकर्षण के कारण बहुत सारे पदार्थ इकट्ठे हो गए और परमाणु संलयन होने लगा, जिससे सूर्य का निर्माण हुआ।
- सूर्य के आसपास के छोटे-छोटे कण आपस में टकराने लगे और आकार में बड़े होने लगे, जो "ग्रहणु" थे और बाद में ग्रह बन गए।
- इस समय में, पृथ्वी बहुत गर्म और पिघली हुई थी। सबसे घने पदार्थ, जैसे कि निकल और लोहा, पृथ्वी में डूब गए, जबकि कम घने पदार्थ, जैसे गैसें, बाहरी ओर चले गए ("घनत्व भेदन")।
- ग्रह ठंडे हुए और जमना शुरू हो गए। हालांकि, आंतरिक भाग अभी भी बहुत गर्म हैं।
महाद्वीपीय बहाव सिद्धांत
- 1912 में अल्फ्रेड वेगनर द्वारा दिया गया था।
पृथ्वी का आकार
- पृथ्वी का वास्तविक आकार एक गोले जैसा दिखता है जिसे ध्रुवीय अक्ष के साथ संकुचित किया गया है और भूमध्य रेखा के चारों ओर थोड़ा उभरा हुआ बनाया गया है।
- इस आकार को एक चपटा दीर्घवृत्ताभ के रूप में जाना जाता है।
- फैलाव पृथ्वी के घूमने के केन्द्रापसारक बल के कारण होता है।
पृथ्वी का सबसे निकट और दूर का बिंदु
- सूर्य समीपक: सूर्य के लिए पृथ्वी की निकटतम स्थिति। पृथ्वी लगभग तीन महीने के अंतराल पर हर साल 3 जनवरी को अपने परिघ में सूर्य से 147 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर पहुँचती है।
- अपसौर: सूर्य से पृथ्वी की सबसे दूर की स्थिति। पृथ्वी हर साल 4 जुलाई को अपने अपसौर तक पहुँचती है जब पृथ्वी 152 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है।
पृथ्वी की गति
- पृथ्वी की दो प्रकार की गतियां हैं:
- निरंतर घूर्णन
- परिक्रमण
निरंतर घूर्णन और परिक्रमण
निरंतर घूर्णन
- पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर अपनी धुरी पर घूमती है, यानी वामावर्त दिशा में। इसमें एक चक्र में 23 घंटे, 56 मिनट और 4.09 सेकंड लगते हैं।
- इस घूर्णी गति के कारण दिन और रात होते हैं।
- अपनी धुरी के साथ घूमने के कारण, पृथ्वी एक सही क्षेत्र नहीं है।
परिक्रमण
- पृथ्वी की सूर्य के चारों ओर की गति को परिक्रमण कहते हैं।
- चूँकि पृथ्वी का मार्ग अंडाकार है, इसलिए पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी बदलती रहती है।
- पृथ्वी सूर्य के सापेक्ष चार महत्वपूर्ण बिंदु प्राप्त करती है।
- यह अपनी धुरी के साथ पृथ्वी के झुकाव के कारण होता है।
- ये विषुव और संक्रांति हैं।
पृथ्वी की कक्षा, अक्षीय झुकाव और मौसम
ग्रीष्म संक्रांति
- 21 जून को, कर्क रेखा सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणों को प्राप्त करती है। इस स्थिति को ग्रीष्म संक्रांति के रूप में जाना जाता है।
- इस समय उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन होता है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में सबसे छोटी रात होती है।
शीतकालीन संक्रांति
- 22 दिसंबर को, मकर रेखा को सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणें प्राप्त होती हैं। इस अवधि को शीतकालीन संक्रांति कहा जाता है।
विषुव
- पृथ्वी की दो अवस्थाएं हैं जो 21 मार्च और 23 सितंबर को आती हैं, जब भूमध्य रेखा को सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणें प्राप्त होती हैं और दिन और रात दुनिया भर में समान होते हैं।
- इन अवधियों को विषुव के रूप में जाना जाता है। 21 मार्च में वसंत विषुव होता है और 23 सितंबर को शरद ऋतु विषुव होता है।
ग्लोब: अक्षांश और देशांतर
अक्षांश
- ग्लोब पृथ्वी का एक सच्चा नमूना (लघु रूप) है।
- दुनिया के किसी भी स्थान का पता लगाने के लिए हमें सापेक्षिक रेखाओं और कुछ बिंदुओं की आवश्यकता है।
- यह देखा जा सकता है कि एक सुई को झुके हुए तरीके से ग्लोब के माध्यम से तय किया जाता है जिसे उसकी धुरी कहा जाता है। ग्लोब पर दो बिंदुओं के माध्यम से सुई गुजरती है, वे दो ध्रुव हैं - उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव।
- पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है, जो एक काल्पनिक रेखा है। ग्लोब पर चलने वाली एक और काल्पनिक रेखा इसे दो समान भागों में विभाजित करती है। इस रेखा को भूमध्य रेखा के रूप में जाना जाता है।
- पृथ्वी के उत्तरी आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध के रूप में जाना जाता है और दक्षिणी आधे हिस्से को दक्षिणी गोलार्ध के रूप में जाना जाता है। अक्षांश पृथ्वी की सतह पर एक बिंदु की कोणीय दूरी है।
- भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक के सभी समानांतर वृत्त अक्षांशों के समानांतर कहलाते हैं। अक्षांश को डिग्री में मापा जाता है। भूमध्य रेखा शून्य डिग्री अक्षांश का प्रतिनिधित्व करती है।
अक्षांश के महत्वपूर्ण समानांतर
- भूमध्य रेखा (0°) के अलावा, अक्षांश के चार महत्वपूर्ण समानांतर हैं:
- उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा (23½°N)।
- दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा (23½°S)।
- भूमध्य रेखा के उत्तर में 66½° पर आर्कटिक वृत्त।
- भूमध्य रेखा के दक्षिण में 66½° पर अंटार्कटिक वृत्त।
पृथ्वी के ताप क्षेत्र
- कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर, वर्ष में कम से कम एक बार दोपहर का सूर्य ठीक से ऊपर उगता है। इसलिए, इस क्षेत्र को अधिकतम गर्मी प्राप्त होती है और इसे उष्ण कटिबंध कहा जाता है।
- मध्य-दिन का सूर्य कभी भी कर्क रेखा और मकर रेखा के पार किसी भी अक्षांश पर नहीं दिखता है।
- सूर्य की किरणों का कोण ध्रुवों की ओर कम होता चला जाता है। जैसे, उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा और आर्कटिक वृत्त द्वारा और दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा और अंटार्कटिक वृत्त के क्षेत्रों में मध्यम तापमान होता है। इसलिए, इन्हें शीतोष्ण क्षेत्र कहा जाता है।
- उत्तरी गोलार्ध में आर्कटिक वृत्त और उत्तरी ध्रुव के बीच का क्षेत्र और दक्षिणी गोलार्ध में अंटार्कटिक वृत्त और दक्षिणी ध्रुव, बहुत ठंडे हैं। सूर्य यहाँ लंबवत से बहुत ऊपर नहीं उठता है। इसकी किरणें हमेशा तिरछी होती हैं। तो, इन क्षेत्रों को शीतल क्षेत्र कहा जाता है।
देशांतर
- दोपहर जो ग्रीनविच से गुजरती है, जहां रॉयल ऑब्जर्वेटरी स्थित है, प्रधान मध्याह्न रेखा कहलाती है। इसका मान 0° है देशांतर और इससे हम 180° पूर्व की ओर और साथ ही 180° पश्चिम की ओर बढ़ते हैं।
- प्रधान मध्याह्न रेखा ने पृथ्वी को दो समान हिस्सों में विभाजित किया है - पूर्वी गोलार्ध और पश्चिमी गोलार्ध।
- किसी भी दो स्थानों के मध्य समय की गणना निम्न अनुसार की जा सकती है। पृथ्वी लगभग 24 घंटे में 360° घूमती है, जिसका अर्थ है 15° प्रति घंटा या चार मिनट में 1°।
- देशांतर का एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य है, अर्थात वे स्थानीय समय निर्धारित करते हैं।
देशांतर की विशेषताएं
- मध्याह्न रेखाएं कहलाती हैं।
- उत्तर-दक्षिण दिशा में दौड़ें।
- प्रधान मध्याह्न रेखा के पूर्व या पश्चिम की दूरी नापें।
- भूमध्य रेखा पर अलग हैं और ध्रुवों पर मिलते हैं।
- समकोण पर समकोण पार करते हैं।
- उन विमानों में लेटें जो पृथ्वी की धुरी से गुजरते हैं।
- लंबाई में भिन्न हैं।
- बड़े हलकों के हिस्से हैं।
मानक समय
- मानक समय किसी देश के मानक मध्याह्न का स्थानीय समय होता है।
- भारत में, 82½°E (82° 30'E) के देशांतर को मानक मध्याह्न रेखा के रूप में माना जाता है। इस मध्याह्न पर स्थानीय समय पूरे देश के लिए मानक समय के रूप में लिया जाता है। इसे भारतीय मानक समय (IST) के रूप में जाना जाता है।
- भारतीय मानक समय GMT से 5.30 घंटे आगे है।
- ध्यान दें: कुछ देशों में एक महान देशांतर सीमा है और इसलिए उन्होंने एक से अधिक मानक समय को अपनाया है। उदाहरण के लिए, रूस में, लगभग ग्यारह मानक समय हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका नौ मानक समय क्षेत्रों का उपयोग करता है।
- पृथ्वी को प्रत्येक एक घंटे के चौबीस समय क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। इस प्रकार प्रत्येक क्षेत्र 15° देशांतर को कवर करता है।
अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा
- 180° पूर्व और 180° पश्चिम मध्याह्न एक ही रेखा है जिसे अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा कहा जाता है।
- यह देशांतर है जहाँ तिथियाँ ठीक एक दिन बदल जाती हैं जब यह पार हो जाती है।
- एक यात्री पूर्व से पश्चिम की ओर समय रेखा को पार करता है तो एक दिन कम हो जाता है और एक दिन में पश्चिम से पूर्व की ओर में समय रेखा को पार करता है तो वह एक दिन में लाभ प्राप्त करता है।
- मध्य प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा बेरिंग जलडमरूमध्य, फ़िजी, टोंगा और अन्य में सामान्य 180° मध्याह्न रेखा से घटती है- भूमि जो मेरिडियन द्वारा काटे गए कुछ द्वीप समूहों में दिन और तिथि के भ्रम को रोकने के लिए है।
पृथ्वी का आंतरिक भाग
- यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी और सबसे पतली परत है। इसकी औसत गहराई 33 किलोमीटर तक है।
- महाद्वीपीय क्षेत्र में पपड़ी की मोटाई लगभग 40 किलोमीटर है जबकि समुद्री पपड़ी केवल 5-10 किलोमीटर मोटी है।
- पृथ्वी के भूपर्पटी भाग को लिथोस्फीयर भी कहा जाता है। इसमें दो अलग-अलग हिस्से शामिल हैं: बाहरी भूपर्पटी और आंतरिक भूपर्पटी।
- पृथ्वी की पपड़ी का बाहरी पतला भाग तलछटी चट्टानों से बना है।
- बाहरी भूपर्पटी में, मुख्य घटक सिलिका और एल्यूमीनियम हैं, जिसका औसत घनत्व 2.7 ग्राम/सेमी3 है और जिसे सामूहिक रूप से सियाल (यानी सिलिका + एल्यूमीनियम) कहा जाता है।
- आंतरिक भूपर्पटी में, घटक सिलिका और मैग्नीशियम हैं।
- यह बेसाल्ट चट्टान की एक परत है।
- घटक सामूहिक रूप से सिमा (सिलिका + मैग्नीशियम) के रूप में जाने जाते हैं। सिमा का औसत घनत्व 3 g/cm3 है।
पृथ्वी की परतें
पृथ्वी की पपड़ी में प्रमुख तत्व
पृथ्वी की पपड़ी | पूरी पृथ्वी |
---|---|
ऑक्सीजन —47% | आयिन — 35% |
सिलिकॉन- 28% | ऑक्सीजन- 30% |
एल्यूबमननयम-8% | सिलिकॉन-15% |
आयिन-5% | मैग्नीशियम-13% |
मैग्नीशियम-4% | निकल 2% |
कैल्शशयम-2% | सल्फर-2% |
पोटेसशयम-2% | कैल्शशयम-1% |
सोनडयम-2% | एल्यूबमननयम-1% |
अन्य -2% | अन्य -1% |
लबादा
- लबादा लगभग 2900 किलोमीटर मोटा है और इसमें पृथ्वी का लगभग 83% हिस्सा है।
- लबादा के ऊपरी हिस्से को दुर्बलतामांडल (400 किलोमीटर तक विस्तार) कहा जाता है।
- यह द्रवपुंज का मुख्य स्रोत है।
- इसमें भूपर्पटी (3.4 ग्राम/सेमी3) से अधिक घनत्व है।
- भूपर्पटी और लबादा के ऊपरी भाग को लिथोस्फीयर कहा जाता है। इसकी मोटाई से लेकर 10 से 200 किलोमीटर।
- माना जाता है कि यह लोहे और मैग्नीशियम से भरपूर सिलिकेट खनिजों से बना है।
कोर
- लबादा से नीचे, पृथ्वी के आंतरिक भाग को इसका कोर कहा जाता है।
- यह मुख्य रूप से निकल और आयिन से बना है, जिसे NIFE (निकल - Ni + फेरी -Fi) भी कहा जाता है।
- कोर को भी दो भागों में विभाजित किया गया है: बाहरी कोर और आंतरिक कोर।
- बाहरी कोर 2900 किलोमीटर से 5100 किलोमीटर तक फैला हुआ है। यह तरल अवस्था में है।
- केंद्र से 5100 किलोमीटर नीचे आंतरिक कोर कहा जाता है। यह अत्यधिक दबाव के कारण ठोस अवस्था में है। इस भाग में गैसें ठोस अवस्था में पाई जाती हैं।
- कोर का घनत्व और तापमान क्रमशः 13 ग्राम/सेमी3 और 5500 डिग्री सेल्सियस है।
- पृथ्वी के आंतरिक भाग का तापमान गहराई के साथ बढ़ता है। प्रयोगों ने पुष्टि की है कि तापमान प्रत्येक 32 मीटर के लिए 1 डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ता है।
पृथ्वी की उत्पत्ति
-
पृथ्वी और पूरा सौर मंडल एक विशाल नेबुला से 4.6 अरब वर्ष पहले बना था।
-
पृथ्वी के केंद्र में, गुरुत्वाकर्षण बल के कारण, बहुत सारे पदार्थ इकट्ठा होकर परमाणु संलयन शुरू हुआ जिससे सूर्य का निर्माण हुआ।
-
सूर्य के आसपास के छोटे-छोटे कण आपस में टकराने लगे और आकार में बड़े होने लगे, जो ग्रहानु थे, जो बाद में ग्रह बन गये।
-
पृथ्वी बहुत गर्म और पिघली हुई थी। सबसे घने पदार्थ, जैसे लौह, पृथ्वी में डूब गए, जबकि कम घने पदार्थ, जैसे गैसें, बाहर की ओर भाग गईं, घनत्व विभेदन के निर्माण के साथ।
-
ग्रह ठंडा होकर जमने लगे। पृथ्वी का आंतरिक भाग अभी भी बहुत गर्म है ।
महाद्वीपीय बहाव सिद्धांत
-
अल्फ्रेड वेगनर द्वारा 1912 में प्रस्तावित।
-
यह सिद्धांत बताता है कि महाद्वीप एक दूसरे के सापेक्ष गति करते हैं।
-
प्रमाण: महाद्वीपों के किनारों का मिलान, ऐसे जीवाश्म जो अलग-अलग महाद्वीपों पर पाए जाते हैं, और चट्टानों के समान संरेखण।
पृथ्वी का आकार
-
पृथ्वी का वास्तविक आकार एक गोले जैसा दिखता है, जो ध्रुवीय अक्ष के साथ संकुचित और भूमध्य रेखा के चारों ओर थोड़ा उभरा हुआ है।
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इस आकार को चपटा दीर्घवृत्ताभ कहा जाता है।
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पृथ्वी के घूमने के कारण उत्पन्न अपकेंद्रिक बल के कारण चपटापन होता है।
पृथ्वी का सबसे निकटतम और दूरतम बिंदु
-
सूर्य समीपक: पृथ्वी का सूर्य के सबसे निकट बिंदु। लगभग तीन वर्ष की दूरी पर, हर साल 3 जनवरी को, पृथ्वी सूर्य से 147 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर होती है।
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अपसौर: सूर्य से पृथ्वी की सबसे दूर की स्थिति। पृथ्वी हर साल 4 जुलाई को अपसौर तक पहुँचती है जब यह सूर्य से 152 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है।
पृथ्वी की गति
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पृथ्वी की दो प्रकार की गतियाँ हैं:
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घूर्णन
-
परिक्रमण
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घूर्णन और परिक्रमण
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घूर्णन: पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर अपनी धुरी पर घूमती है (वामावर्त दिशा में), एक चक्र में 23 घंटे, 56 मिनट और 4.09 सेकंड लगते हैं।
-
घूर्णन के कारण दिन और रात होते हैं।
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घूर्णन गति के कारण, पृथ्वी एक सही क्षेत्र नहीं है।
-
परिक्रमण: पृथ्वी की सूर्य के चारों ओर गति को परिक्रमण कहा जाता है।
-
प ृथ्वी का मार्ग अंडाकार है इसलिए सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी बदलती रहती है।
-
पृथ्वी सूर्य के संबंध में चार प्रमुख स्थिति प्राप्त करती है।
-
यह पृथ्वी के अपने अक्ष के साथ झुकाव के कारण होता है।
-
ये हैं: उत्तरायण और दक्षिणायन।
पृथ्वी की कक्षा, अक्षीय झुकाव और मौसम
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उत्तरायण: 21 जून को, उत्तरायण रेखा सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणों को प्राप्त करती है। इस स्थिति को ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है।
-
इस समय, उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में सबसे छोटी रात होती है।
-
दक्षिणायन: 22 दिसंबर को, मकर रेखा सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणों को प्राप्त करती है। इसे शीतकालीन संक्रांति कहा जाता है।
-
विषुव: पृथ्वी की दो स्थितियां हैं जो 21 मार्च और 23 सितंबर को आती हैं, जब भूमध्य रेखा सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणों को प्राप्त करती है और दिन और रात दुनिया भर में समान होते हैं।
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इन दिनों को विषुव कहा जाता है। 21 मार्च को वसंत विषुव और 23 सितंबर को शरद ऋतु विषुव होता है।
ग्लोब: अक्षांश और देशांतर
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ग्लोब पृथ्वी का एक सच्चा मॉडल (छोटा रूप) है।
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विश्व में किसी भी स्थान का पता लगाने के लिए हमें निर्देशांक और रेखाओं के कुछ युग्मों की आवश्यकता होती है।
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एक सुई को झुके हुए तरीके से ग्लोब में तय किया जाता है, जिसे इसकी धुरी कहा जाता है। ग्लोब में जिन दो बिंदुओं से सुई गुजरती है, वे दो ध्रुव हैं - उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव।
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पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है, जो एक काल्पनिक रेखा है। ग्लोब पर चलने वाली दूसरी काल्पनिक रेखा इसे दो समान हिस्सों में विभाजित करती है। इस रेखा को भूमध्य रेखा के रूप में जाना जाता है।
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पृथ्वी के उत्तरी आधे हिस्से को उत्तरी गोलार्ध के रूप में जाना जाता है और दक्षिणी आधे हिस्से को दक्षिणी गोलार्ध के रूप में जाना जाता है। अक्षांश पृथ्वी की सतह पर किसी बिंदु की कोणीय दूरी है।
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భూमध्य रेषेतून ध्रुवांपर्यंतच्या सर्व समांतर वृत्तांना अक्षांशांचे समांतर म्हणतात. अक्षांश अंशा मध्ये मोजतात. भूमध्य रेखा शून्य अंश अक्षांश दर्शवते.
अक्षांश की महत्वपूर्ण समानताएँ
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भूमध्य रेखा (0°) के अलावा, अक्षांश के चार महत्वपूर्ण समाांतर हैं:
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उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा (23½°N)।
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दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा (23½°S)।
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भूमध्य रेखा के उत्तर में 66½° पर आर्कटिक वृत्त।
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भूमध्य रेखा के दक्षिण में 66½° पर अंटार्कटिक वृत्त।
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पृथ्वी के ताप क्षेत्र
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कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर, साल में कम से कम एक बार दोपहर का सूर्य ठीक से ऊपर उगता है। इस कारण, यह क्षेत्र सबसे अधिक गर्मी प्राप्त करता है और इसे उष्णकटिबंध कहा जाता है।
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मध्य दिन का सूर्य कर्क रेखा और मकर रेखा के पार किसी भी अक्षांश पर कभी नहीं दिखता है।
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सूर्य की किरणों का कोण ध्रुवों की ओर कम होता जाता है। उदाहरण के लिए, उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा और आर्कटिक वृत्त के बीच और दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा और अंटार्कटिक वृत्त के क्षेत्रों में मध्यम तापमान होता है। इसलिए, इन्हें समशीतोष्ण क्षेत्र कहा जाता है।
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उत्तरी गोलार्ध में आर्कटिक वृत्त और उत्तरी ध्रुव के बीच के क्षेत्र और दक्षिणी गोलार्ध में अंटार्कटिक वृत्त और दक्षिणी ध्रुव, बहुत ठंडे हैं। सूर्य यहां लंबवत से बहुत ऊपर नहीं उठता है। इसकी किरणें हमेशा तिरछी होती हैं। इसलिए, इन क्षेत्रों को शीतल क्षेत्र कहा जाता है।
देशांतर
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ग्रीनविच में स्थित रॉयल ऑब्जर्वेटरी से होकर गुजरने वाला मेरिडियन, जिसे प्राइम मेरिडियन कहा जाता है, देशांतर का मान 0° है और इससे हम 180° पूर्व की ओर और साथ ही 180° पश्चिम की ओर गिनती करते हैं।
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प्राइम मेरिडियन ने पृथ्वी को दो समान हिस्सों में विभाजित किया है - पूर्वी गोलार्ध और पश्चिमी गोलार्ध।
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अां ति की गणना इस प्रकार की जा सकती है। पृथ्वी लगभग 24 घंटे में 360° घूमती है, जिसका अर्थ है 1 घंटे में 15° या चार मिनट में 1°।
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देशांतर का एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य है, अर्थात वे स्थानीय समय निर्धारित करते हैं।
देशांतर की तर्ज.
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मध्याह्न के रूप में जाने जाते हैं।
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उत्तरी-दक्षिणी दिशा में दौड़ते हैं।
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प्राइम मेरिडियन के पूर्व या पश्चिम की दूरी मापते हैं।
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भूमध्य रेखा पर अलग हैं और ध्रुवों पर मिलते हैं।
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समकोण पर समकोण पाि करते हैं।
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उन विमानों में स्थित हैं जो पृथ्वी की धुरी से गुजरते हैं।
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लंबाई में विभिन्न हैं।
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बड़े हलकों के हिस्से हैं।
मानक समय
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मानक समय किसी देश के मानक मेरिडियन का स्थानीय समय होता है।
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भारत में, 82½°E (82° 30'E) के देशांतर को मानक मेरिडियन के रूप में माना जाता है। इस मेरिडियन पर स्थानीय समय पूरे देश के लिए मानक समय मा माना जाता है। इसे भारतीय मानक समय (IST) के रूप में जाना जाता है।
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भारतीय मानक समय GMT से 5.30 घंटे आगे है।
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ध्यान दें: कुछ देशों में एक बड़ी देशांतर सीमा है और इसलिए उन्होंने एक से अधिक मानक समय को अपनाया है। उदाहरण के लिए, रूस में, लगभग ग्यारह मानक समय हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका नौ मानक समय क्षेत्रों का उपयोग करता है।
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पृथ्वी को हर एक घंटे के चौबीस समय क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। इस प्रकार प्रत्येक क्षेत्र 15° देशांतर को कवर करता है।
अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा
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180° पूर्व और 180° पश्चिम मेरिडियन एक ही रेखा है जिसे अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा कहा जाता है।
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यह देशांतर है जहाँ तारीखें ठीक एक दिन बदल जाती हैं जब इसे पार किया जाता है।
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एक यात्री पूर्व से पश्चिम की ओर समय रेखा को पार करता है तो एक दिन कम हो जाता है और एक दिन में पश्चिम से पूर्व की ओर समय रेखा को पार करता है तो उसे एक दिन का लाभ प्राप्त होता है।
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मध्य प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा बेरिंग जलडमरूमध्य, फीजी, टोंगा और अन्य में सामान्य 180° मेरिडियन से हटती है - भूभाग जो मेरिडियन द्वारा काटे गए कुछ द्वीप समूहों में दिन और तारीख के भ्रम को रोकने के लिए है।
पृथ्वी का आंतरिक भाग
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यह पृथ्वी की सबसे बाहरी और सबसे पतली परत है। इसकी औसत गहराई 33 किमी तक है।
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महाद्वीपीय क्षेत्र में पपड़ी की मोटाई लगभग 40 किमी है जबकि समुद्री पपड़ी केवल 5-10 ਕਿमी मोटी है।
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पृथ्वी की पपड़ी को भूपर्पटी भी कहा जाता है। इसमें दो अलग-अलग हिस्से शामिल हैं: बाहरी भूपर्पटी और आंतरिक भूपर्पटी।
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पृथ्वी की पपड़ी का बाहरी पतला भाग तलछटी चट्टानों से बना है।
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बाहरी भूपर्पटी में, मुख्य घटक सिलिका और एल्यूमीनियम हैं, जिसका औसत घनत्व 2.7 ग्राम/सेमी3 है और इसे सामूहिक रूप से सियाल (यानी सिलिका + एल्यूमीनियम) कहा जाता है।
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आंतरिक भूपर्पटी में, घटक सिलिका और मैग्नीशियम हैं।
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यह बेसाल्ट चट्टान की एक परत है।
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घटक सामूहिक रूप से साइमा (सिलिका + मैग्नीशियम) के रूप में जाने जाते हैं। साइमा का औसत घनत्व 3 g/cm3 है।
पृथ्वी की परतें
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पृथ्वी की पपड़ी (भूपर्पटी) : यह पृथ्वी की सबसे बाहरी परत है, जिसमें स्थल और समुद्र तल शामिल हैं। लगभग 35 किमी मोटी है।
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लबादा: पृथ्वी की भूपर्पटी के नीचे और कोर के ऊपर स्थित है। लगभग 2900 किमी मोटी है।
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कोर: भूमि का आंतरिक भाग है। लगभग 3500 किमी मोटी है।
पृथ्वी की पपड़ी में मुख्य तत्व
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पृथ्वी की पपड़ी
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ऑक्सीजन — 47%
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सिलिकॉन - 28%
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एल्यूमीनियम - 8%
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आयिन - 5%
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मैग्नीशियम - 4%
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कैल्शियम - 2%
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पोटेशियम - 2%
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सोडियम - 2%
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अन्य - 2%
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पूरी पृथ्वी
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आयिन — 35%
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ऑक्सीजन - 30%
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सिलिकॉन - 15%
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मैग्नीशियम - 13%
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निकल - 2%
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सल्फर - 2%
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कैल्शियम - 1%
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एल्यूमीनियम - 1%
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अन्य - 1%
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लबादा
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लबादा लगभग 2900 किमी मोटा है और इसमें पृथ्वी का लगभग 83% हिस्सा है।
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लबादा के ऊपरी हिस्से को दुर्बलतामंडल (400 किमी तक विस्तार) कहा जाता है।
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यह द्रवपुंज का मुख्य स्रोत है।
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इसमें भूपर्पटी (3.4 ग्राम/सेमी3) से अधिक घनत्व है।
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भूपर्पटी और लबादा के ऊपरी हिस्से को लिथोस्फीयर कहा जाता है। इसकी मोटाई 10 से 200 किमी है।
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माना जाता है कि यह लोहे और मैग्नीशियम से समृद्ध सिलिकेट खनिजों से बना है।
कोर
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लबादा से नीचे, पृथ्वी के आंतरिक हिस्से को इसका कोर कहा जाता है।
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यह मुख्य रूप से निकल और आयिन से बना है, इसे NIFE (निकल - Ni + लोहा - Fi) भी कहा जाता है।
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कोर को भी दो भागों में विभाजित किया गया है: बाहरी कोर और आंतरिक कोर।
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बाहरी कोर 2900 किमी से 5100 किमी तक विस्तारित है। यह द्रव अवस्था में है।
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केंद्र से 5100 किमी पर आंतरिक कोर कहा जाता है। यह अत्यधिक दाबा के कारण ठोस अवस्था में है। इस हिस्से में गैसें ठोस अवस्था में पाई जाती हैं।
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कोर का घनत्व और तापमान क्रमशः 13 ग्राम/सेमी3 और 5500 डिग्री सेल्सिअस है।
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पृथ्वी के आंतरिक हिस्से का तापमान गहराई के साथ बढ़ता है। प्रयोगों ने पुष्टी की है कि तापमान हर 32 मीटर के लिए 1 डिग्री सेल्सिअस की दर से बढ़ता है।
पृथ्वी की उत्पत्ति
- पृथ्वी और पूरा सौर मंडल 4.6 अरब साल पहले एक बड़े नेबुला से बना था।
- नेबुला के केंद्र में, गुरुत्वाकर्षण के कारण, बहुत सारे पदार्थ इकट्ठा हो गए और परमाणु संलयन होने लगा, जिससे सूर्य का निर्माण हुआ।
- सूर्य के आस-पास के छोटे-छोटे कण आपस में टकराने लगे और आकार में बड़े होने लगे, जो "ग्रैनीससमल्स" और बाद में, ग्रह थे।
- इस स्तर पर, पृथ्वी बहुत गर्म और पिघली हुई थी। सबसे घने पदार्थ, जैसे लौह, पृथ्वी में डूब गए, जबकि कम घने पदार्थ, जैसे गैसें, अलग-अलग परतों ("घनत्व विभेदन") का निर्माण करते हुए, बाहर की ओर भाग गए।
- ग्रह ठंडे हुए और जमना शुरू हो गया। आंतरिक हिस्से अभी भी बहुत गर्म हैं।
महाद्वीपीय बहाव सिद्धांत
- 1912 में अल्फ्रेड वेगनर द्वारा महाद्वीपीय बहाव सिद्धांत प्रस्तुत किया गया था।
- यह सिद्धांत कहता है कि महाद्वीप एक समय में एक साथ जुड़े हुए थे और फिर धीरे-धीरे अलग हो गए।
- यह सिद्धांत पृथ्वी की सतह पर चट्टानों के सबूत, जीवाश्मों की समानता, और महाद्वीपों के किनारे पर मिलाने पर हदखने वाले मिलान पर आधारित है।
पृथ्वी का आकार
- पृथ्वी का असली रूप एक गोले जैसा दिखता है जिसे ध्रुवीय अक्ष के साथ संकुचित किया गया है और भूमध्य रेखा के चारों ओर थोड़ा उभारा गया है।
- इसे एक चपटा दीर्घ वृत्ताभ के रूप में जाना जाता है।
- यह चपटा होना पृथ्वी के घूमने के केन्द्रापसारक बल के कारण होता है।
पृथ्वी का सबसे निकट और दूर का बिंदु
- सूर्य समीपक: सूर्य के लिए पृथ्वी का निकटतम बिंदु। पृथ्वी लगभग तीन साल की दूरी पर, प्रतिवर्ष 3 जनवरी को अपने परिमाण में पहुंचती है, जो सूर्य से 147 मिलियन किलोमीटर दूर होती है।
- नक्षत्र: सूर्य से पृथ्वी का सबसे दूर बिंदु। पृथ्वी इस साल 4 जुलाई को अपने नक्षत्र तक पहुंचती है जब पृथ्वी 152 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर होती है।
पृथ्वी की गति
- पृथ्वी की दो प्रकार की गतियां हैं:
- निरंतर घूर्णन
- परिक्रमण
निरंतर घूर्णन और परिक्रमण
निरंतर घूर्णन
- पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर अपनी धुरी पर घूमती है, यानी वामावर्त दिशा में। इसमें एक चक्र में 23 घंटे, 56 मिनट और 4.09 सेकंड लगते हैं।
- इस घूर्णी गति के कारण दिन और रात होते हैं।
- अपनी धुरी के साथ घूमने के कारण, पृथ्वी एक सही क्षेत्र नहीं है।
परिक्रमण
- पृथ्वी की सूर्य के चारों ओर गति को परिक्रमण कहते हैं।
- चूंकि पृथ्वी का मार्ग अंडाकार है, इसलिए पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी बदलती रहती है।
- पृथ्वी सूर्य के संबंध में चार महत्वपूर्ण बिंदु प्राप्त करती है।
- यह अपनी धुरी के साथ पृथ्वी के झुकाव के कारण होता है।
- ये विषुव और संक्रांति हैं।
पृथ्वी की कक्षा, अक्षीय झुकाव और मौसम
ग्रीष्म संक्रांति
- 21 जून को, कर्क रेखा सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणों को प्राप्त करती है। इस बिंदु को ग्रीष्म संक्रांति के रूप में जाना जाता है।
- इस समय उत्तरी गोलार्ध का अनुभव सबसे लंबा दिन होता है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में सबसे छोटी रात होती है।
शीतकालीन संक्रांति
- 22 दिसंबर को, मकर रेखा को सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणें प्राप्त होती हैं। इस अवधि को शीतकालीन संक्रांति कहते हैं।
विषुव
- पृथ्वी के दो बिंदु हैं जो 21 मार्च और 23 सितंबर को आते हैं, जब भूमध्य रेखा को सूर्य की ऊर्ध्वाधर किरणें प्राप्त होती हैं और दिन और रात दुनिया भर में समान होते हैं।
- इन बिंदुओं को विषुव के रूप में जाना जाता है। 21 मार्च में वसंत विषुव होता है और 23 सितंबर को शरद ऋतु विषुव होता है।
ग्लोब: अक्षांश और देशांतर
अक्षांश
- ग्लोब पृथ्वी का एक सच्चा नमूना (लघु रूप) है।
- विश्व के किसी विशेष स्थान का पता लगाने के लिए हमें सापेक्षिक बिंदुओं और रेखाओं की आवश्यकता होती है।
- एक सुई को झुके हुए तरीके से ग्लोब के माध्यम से तय किया जाता है जिसे उसकी धुरी कहा जाता है। ग्लोब पर दो बिंदु जिनके माध्यम से सुई गुजरती है वे दो ध्रुव हैं - उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव।
- पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है, जो एक काल्पनिक रेखा है। ग्लोब पर चलने वाली एक और काल्पनिक रेखा इसे दो समान भागों में विभाजित करती है। इस रेखा को भूमध्य रेखा के रूप में जाना जाता है।
- पृथ्वी के उत्तरी आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध के रूप में जाना जाता है और दक्षिणी आधे हिस्से को दक्षिणी गोलार्ध के रूप में जाना जाता है। अक्षांश पृथ्वी की सतह पर किसी बिंदु की कोणीय दूरी है।
- भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक के सभी समानांतर वृत्त अक्षांशों के समानांतर कहलाते हैं। अक्षांश को डिग्री में मापा जाता है। भूमध्य रेखा शून्य डिग्री अक्षांश का प्रतिनिधित्व करती है।
अक्षांश के महत्वपूर्ण समानांतर
- भूमध्य रेखा (0°) के अलावा, अक्षांश के चार महत्वपूर्ण समानांतर हैं:
- उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा (23½°N)।
- दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा (23½°S)।
- भूमध्य रेखा के उत्तर में 66½° पर आर्कटिक वृत्त।
- भूमध्य रेखा के दक्षिण में 66½° पर अंटार्कटिक वृत्त।
पृथ्वी के ताप क्षेत्र
- कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर वर्ष में कम से कम एक बार दोपहर का सूर्य ठीक से ऊपर उठता है। इसलिए, इस क्षेत्र को अधिकतम गर्मी प्राप्त होती है और इसे उष्णकटिबंध कहा जाता है।
- मध्य-दिवस का सूर्य कभी भी कर्क रेखा और मकर रेखा के पार किसी भी अक्षांश पर नहीं दिखता है।
- सूर्य की किरणों का कोण ध्रुवों की ओर कम होता चला जाता है। जैसे, उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा और आर्कटिक वृत्त द्वारा और दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा और अंटार्कटिक वृत्त के क्षेत्रों में मध्यम तापमान होता है। इसलिए, इन्हें शीतोष्ण क्षेत्र कहा जाता है।
- उत्तरी गोलार्ध में आर्कटिक वृत्त और उत्तरी ध्रुव के बीच स्थित क्षेत्र और दक्षिणी गोलार्ध में अंटार्कटिक वृत्त और दक्षिणी ध्रुव, बहुत ठंडे हैं। सूर्य यहां लंबवत से बहुत ऊपर नहीं उठता है। इसकी किरणें हमेशा तिरछी होती हैं।
- तो, इन क्षेत्रों को शीत क्षेत्र कहा जाता है।
देशांतर
- मध्याह्न जो ग्रीनविच, जहां रॉयल वेधशाला स्थित है, से गुजरता है, प्राइम मेरिडियन कहलाता है। इसका मान 0° है देशांतर और इससे हम 180° पूर्व की ओर और साथ ही 180° पश्चिम की ओर गिनती करते हैं।
- प्राइम मेरिडियन ने पृथ्वी को दो समान हिस्सों में विभाजित किया है - पूर्वी गोलार्ध और पश्चिम-गोलार्ध।
- किसी भी स्थान की दि की गणना निम्न प्रकार की जा सकती है। पृथ्वी लगभग 24 घंटे में 360° घूमती है, जिसका अर्थ है 15° प्रति घंटा या चार मिनट में 1°।
- देशांतर में एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य होता है, अर्थात वे स्थानीय समय निर्धारित करते हैं।
देशांतर की विशेषताएं
- मध्याह्न के रूप में जाना जाता है।
- उत्तर-दक्षिण दिशा में दौड़ें।
- प्राइम मेरिडियन के पूर्व या पश्चिम की दूरी नापें।
- भूमध्य रेखा पर अलग हैं और ध्रुवों पर मिलते हैं।
- समकोण पर समकोण पाठ किनें।
- उन विमानों में लेटें जो पृथ्वी की धुरी से गुजरते हैं।
- लंबाई में भिन्न हैं।
- बड़े हलकों के हिस्से हैं।
मानक समय
- मानक समय किसी देश के मानक मध्याह्न का स्थानीय समय होता है।
- भारत में, 82½°E (82° 30'E) के देशांतर को मानक मध्याह्न रेखा के रूप में माना जाता है। इस मध्याह्न पर स्थानीय समय पूरे देश के लिए मानक समय के रूप में लिया जाता है। इसे भारतीय मानक समय (IST) के रूप में जाना जाता है।
- भारतीय मानक समय GMT से 5.30 घंटे आगे है।
- ध्यान दें: कुछ देशों में एक महान देशांतर सीमा है और इसलिए उन्होंने एक से अधिक मानक समय को अपनाया है। उदाहरण के लिए, रूस में, लगभग ग्यारह मानक समय हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका नौ मानक समय क्षेत्रों का उपयोग करता है।
- पृथ्वी को प्रत्येक एक घंटे के चौबीस समय क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। इस प्रकार प्रत्येक क्षेत्र 15° देशांतर को कवर करता है।
अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा
- 180° पूर्व और 180° पश्चिम मध्याह्न एक ही रेखा है जिसे अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा कहा जाता है।
- यह देशांतर है जहां तिथियां ठीक एक दिन बदल जाती हैं जब यह पार हो जाती है।
- एक यात्री पूर्व से पश्चिम की ओर समय रेखा को पार करता है तो एक दिन कम हो जाता है और एक दिन में पश्चिम से पूर्व की ओर पार करता है तो वह एक दिन में लाभ प्राप्त करता है।
- मध्य प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय समय रेखा बेरिंग जलडमरूमध्य, हवाई, टोंगा और अन्य में सामान्य 180° मध्याह्न रेखा से घटती है- भूभाग जो मेरिडियन द्वारा काटे गए कुछ द्वीप समूहों में दिन और तिथि के भ्रम को रोकने के लिए है।
पृथ्वी का आंतरिक भाग
- यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी और सबसे पतली परत है। इसकी औसत गहराई 33 किलोमीटर तक है।
- महाद्वीपीय क्षेत्र में पपड़ी की मोटाई लगभग 40 किलोमीटर है जबकि समुद्री पपड़ी केवल 5-10 किलोमीटर मोटी है।
- पृथ्वी के भूपपषटी भाग को लिथोस्फीयर भी कहा जाता है। इसमें दो अलग-अलग हिस्से शामिल हैं: बाहरी भूपपषटी और आंतरिक भूपपषटी।
- पृथ्वी की पपड़ी का बाहरी पतला भाग तलछटी चट्टानों से बना है।
- बाहरी भूपपषटी में, मुख्य घटक सिलिका और एल्यूमीनियम हैं, जिसका औसत घनत्व 2.7 ग्राम/सेमी3 है और जिसे सामूहिक रूप से सियाल (यानी सिलिका + एल्यूमीनियम) कहा जाता है।
- आंतरिक भूपपषटी में, घटक सिलिका और मैग्नीशियम हैं।
- यह बेसाल्ट चट्टान की एक परत है।
- घटक सामूहिक रूप से सिमा (सिलिका + मैग्नीशियम) के रूप में जाने जाते हैं। सिमा का औसत घनत्व 3 g/cm3 है।
पृथ्वी की परतें
- पृथ्वी को मुख्य रूप से तीन परतों में विभाजित किया जा सकता है:
- पपड़ी
- लबादा
- कोर
पृथ्वी की पपड़ी में प्रमुख तत्व
पृथ्वी की पपड़ी | पूरी पृथ्वी |
---|---|
ऑक्सीजन —47% | आयिन– 35% |
सिलिकॉन- 28% | ऑक्सीजन- 30% |
एल्यूबमननयम-8% | सिलिकॉन-15% |
आयिन-5% | मैग्नीशियम-13% |
मैग्नीशियम-4% | निकल 2% |
कैल्शियम-2% | सल्फर-2% |
पोटेशियम-2% | कैल्शियम-1% |
सोडियम-2% | एल्यूबमननयम-1% |
अन्य -2% | अन्य -1% |
लबादा
- लबादा लगभग 2900 किलोमीटर मोटा है और इसमें पृथ्वी का लगभग 83% हिस्सा है।
- लबादा के ऊपरी हिस्से को दुर्बलतामांडल (400 किलोमीटर तक विस्तार) कहा जाता है।
- यह द्रुतपुंज का मुख्य स्रोत है।
- इसमें भूपपषटी (3.4 ग्राम/सेमी3) से अधिक घनत्व है।
- भूपपषटी और लबादा के ऊपरी भाग को लिथोस्फीयर कहा जाता है। इसकी मोटाई से लेकर 10 से 200 किलोमीटर।
- माना जाता है कि यह लोहा और मैग्नीशियम से भरपूर सिलिकेट खनिजों से बना है।
प्रमुख असंगतियाँ
- कॉनड्रॉप नडस्क्यूइटी-ऊपरी और निचली पपड़ी के बीच
- मोहोरोत्तिक नडस्कनेक्टित्तिटी-लोअर क्रस्ट और अपर मेंटल के बीच
- गुंटन े बगश नडसकंनटननटी-बीच में
- ननचले मेंटल और बाहरी कोर
- लेहमैन असंगतता - बाहरी और आंतरिक कोर के बीच
कोर
- लबादा से नीचे, पृथ्वी के आंतरिक भाग को इसका कोर कहा जाता है।
- यह मुख्य रूप से निकल और आयिन से बना है, जिसे NIFE (निकल - Ni + Fe -Fi) भी कहा जाता है।
- कोर को भी दो भागों में विभाजित किया गया है: बाहरी कोर और आंतरिक कोर।
- बाहरी कोर 2900 किलोमीटर से 5100 किलोमीटर तक फैला हुआ है। यह तरल अवस्था में है।
- केंद्र से 5100 किलोमीटर नीचे आंतरिक कोर कहा जाता है। यह अत्यधिक दबाव के कारण ठोस अवस्था में है। इस भाग में गैसें ठोस अवस्था में पाई जाती हैं।
- कोर का घनत्व और तापमान क्रमशः 13 ग्राम/सेमी3 और 5500 डिग्री सेल्सियस है।
- पृथ्वी के आंतरिक का तापमान गहराई के साथ बढ़ता है। प्रयोगों ने पुष्टि की है कि तापमान प्रत्येक 32 मीटर के लिए 1 डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ता है।
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