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Questions and Answers
फूलों वाले पौधों में, निषेचन के बाद अंडाशय किसमें विकसित होता है?
फूलों वाले पौधों में, निषेचन के बाद अंडाशय किसमें विकसित होता है?
- बीज
- फल (correct)
- युग्मनज
- भ्रूणपोष
एक परिपक्व भ्रूण थैली में आमतौर पर कितनी कोशिकाएँ होती हैं?
एक परिपक्व भ्रूण थैली में आमतौर पर कितनी कोशिकाएँ होती हैं?
- 7 (correct)
- 6
- 8
- 9
परागण के लिए निम्नलिखित में से कौन सा अनुकूलन हवा से परागित होने वाले फूलों की विशेषता नहीं है?
परागण के लिए निम्नलिखित में से कौन सा अनुकूलन हवा से परागित होने वाले फूलों की विशेषता नहीं है?
- बड़े, पंखदार वर्तिकाग्र
- प्रचुर मात्रा में पराग का उत्पादन
- उज्ज्वल रंग के पंखुड़ियां (correct)
- छोटे, गैर-चिपचिपे परागकण
दोहरे निषेचन में क्या शामिल है?
दोहरे निषेचन में क्या शामिल है?
निम्नलिखित में से कौन सा कथन लघुबीजाणुजनन का सबसे अच्छा वर्णन करता है?
निम्नलिखित में से कौन सा कथन लघुबीजाणुजनन का सबसे अच्छा वर्णन करता है?
एक द्विबीजपत्री भ्रूण में, प्रांकुर किसमें विकसित होता है?
एक द्विबीजपत्री भ्रूण में, प्रांकुर किसमें विकसित होता है?
एक फूल के मादा प्रजनन अंगों को सामूहिक रूप से क्या कहा जाता है?
एक फूल के मादा प्रजनन अंगों को सामूहिक रूप से क्या कहा जाता है?
फल के विकास में फलभित्ति की भूमिका क्या है?
फल के विकास में फलभित्ति की भूमिका क्या है?
निम्नलिखित में से कौन सा फल का झूठा प्रकार है?
निम्नलिखित में से कौन सा फल का झूठा प्रकार है?
स्व-असंगतता किस प्रकार क्रॉस-परागण को बढ़ावा देती है?
स्व-असंगतता किस प्रकार क्रॉस-परागण को बढ़ावा देती है?
Flashcards
लैंगिक प्रजनन
लैंगिक प्रजनन
फूलों वाले पौधों में नर और मादा युग्मकों का संलयन होता है, जिससे युग्मनज बनता है।
गुरुबीजाणुजनन (Megasporogenesis)
गुरुबीजाणुजनन (Megasporogenesis)
अंडाशय में मादा युग्मकोद्भिद (भ्रूण थैली) बनाने की प्रक्रिया।
परागकण (Pollination)
परागकण (Pollination)
परागकणों का परागकोश से फूल के वर्तिकाग्र तक स्थानांतरण।
निषेचन (Fertilization)
निषेचन (Fertilization)
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निषेचन पश्च घटनाएँ (Post-fertilization Events)
निषेचन पश्च घटनाएँ (Post-fertilization Events)
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भ्रूणपोष विकास (Endosperm Development)
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बीज विकास (Seed Development)
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फल विकास (Fruit Development)
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लघुबीजाणुजनन (Microsporogenesis)
लघुबीजाणुजनन (Microsporogenesis)
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पराग नलिका की भूमिका
पराग नलिका की भूमिका
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Study Notes
ज़रूर, मैं आपकी मदद कर सकता हूँ! नीचे अपडेटेड स्टडी नोट्स दिए गए हैं:
- पुष्पीय पौधों में लैंगिक प्रजनन में नर और मादा युग्मकों का संलयन शामिल होता है जिससे युग्मनज बनता है, जिसके परिणामस्वरूप बीज और फलों का विकास होता है।
- पुष्पीय पौधे (आवृतबीजी) सफल लैंगिक प्रजनन को सुविधाजनक बनाने के लिए अनुकूलन की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित करते हैं।
फूल की संरचना
- एक फूल आवृतबीजी का प्रजनन इकाई है, जिसमें आम तौर पर चार मुख्य भाग होते हैं: बाह्यदल, पंखुड़ियां, पुंकेसर और कार्पल।
- बाह्यदल सबसे बाहरी, पत्ती जैसी संरचनाएं होती हैं जो विकासशील फूल की कली की रक्षा करती हैं।
- पंखुड़ियां आमतौर पर परागणकों को आकर्षित करने के लिए चमकीले रंग की होती हैं।
- पुंकेसर नर प्रजनन अंग होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में एक फिलामेंट (डंठल) और एक परागकोश (पराग-उत्पादक संरचना) होती है।
- कार्पल मादा प्रजनन अंग हैं, जो सामूहिक रूप से पिस्टिल बनाते हैं, जिसमें स्टिग्मा (पराग-ग्रहणशील सतह), स्टाइल (स्टिग्मा को अंडाशय से जोड़ने वाला डंठल) और अंडाशय (जिसमें ओव्यूल होते हैं) शामिल होते हैं।
पूर्व-निषेचन घटनाएँ
- ये घटनाएँ युग्मकों के वास्तविक संलयन से पहले होती हैं।
- इनमें माइक्रोस्पोरोजेनेसिस और मेगास्पोरोजेनेसिस शामिल हैं।
माइक्रोस्पोरोजेनेसिस (पराग गठन)
- माइक्रोस्पोरोजेनेसिस परागकोश के अंदर पराग कण निर्माण की प्रक्रिया है।
- प्रत्येक परागकोश में माइक्रोस्पोर मदर सेल (पराग मदर सेल) होते हैं जो अगुणित माइक्रोस्पोर बनाने के लिए अर्धसूत्रीविभाजन करते हैं।
- प्रत्येक माइक्रोस्पोर दो कोशिकाओं वाले पराग कण में परिपक्व होता है: एक वनस्पति कोशिका (ट्यूब कोशिका) और एक जनरेटिव कोशिका।
- जनरेटिव कोशिका विभाजित होकर दो शुक्राणु कोशिकाएं बनाएगी।
- पराग कण को दो-परत वाली दीवार द्वारा संरक्षित किया जाता है: बाहरी एक्सिन (अक्सर अलंकृत) और आंतरिक इंटाइन।
मेगास्पोरोजेनेसिस (भ्रूण थैली गठन)
- मेगास्पोरोजेनेसिस ओव्यूल के भीतर मादा गैमेटोफाइट (भ्रूण थैली) बनाने की प्रक्रिया है।
- प्रत्येक ओव्यूल में एक मेगास्पोर मदर सेल होता है जो चार अगुणित मेगास्पोर बनाने के लिए अर्धसूत्रीविभाजन करता है।
- आमतौर पर, केवल एक मेगास्पोर जीवित रहता है, जबकि अन्य तीन पतित हो जाते हैं।
- जीवित मेगास्पोर माइटोसिस के माध्यम से मादा गैमेटोफाइट (भ्रूण थैली) में विकसित होता है।
- परिपक्व भ्रूण थैली में आमतौर पर सात कोशिकाएँ होती हैं: एक अंडा कोशिका, दो सिनर्जिड कोशिकाएँ, तीन एंटीपोडल कोशिकाएँ और दो ध्रुवीय नाभिक वाली एक केंद्रीय कोशिका।
परागण
- परागण पराग कणों को परागकोश से फूल के वर्तिकाग्र तक स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है।
- यह स्व-परागण (एक ही फूल या पौधे से पराग) या क्रॉस-परागण (एक अलग पौधे से पराग) हो सकता है।
- परागण के एजेंटों में हवा (एनेमोफिली), पानी (हाइड्रोफिली), कीड़े (एंटोमोफिली), पक्षी (ऑर्निथोफिली) और जानवर (ज़ूफिली) शामिल हैं।
- हवा परागण के लिए अनुकूलन में छोटे, गैर-चिपचिपे पराग कण और बड़े, पंखदार कलंक शामिल हैं।
- कीट परागण के लिए अनुकूलन में रंगीन पंखुड़ियां, सुगंधित सुगंध और अमृत उत्पादन शामिल हैं।
- आउटब्रीडिंग डिवाइस, जैसे स्व-असंगतता और पराग रिलीज और स्टिग्मा ग्रहणशीलता का अलग-अलग समय, क्रॉस-परागण को बढ़ावा देते हैं।
निषेचन
- निषेचन नर और मादा युग्मकों का संलयन है, जो पुष्पीय पौधों में अद्वितीय है और इसे दोहरा निषेचन कहा जाता है।
- परागण के बाद, पराग कण स्टिग्मा पर अंकुरित होता है, और पराग नलिका स्टाइल के माध्यम से अंडाशय की ओर बढ़ती है।
- पराग नलिका माइक्रोपाइल के माध्यम से ओव्यूल में प्रवेश करती है और दो शुक्राणु कोशिकाओं को भ्रूण थैली में छोड़ती है।
- एक शुक्राणु कोशिका अंडा कोशिका के साथ मिलकर एक द्विगुणित युग्मनज (सिन्गैमी) बनाती है।
- दूसरी शुक्राणु कोशिका केंद्रीय कोशिका में दो ध्रुवीय नाभिकों के साथ मिलकर एक त्रिगुणित प्राथमिक एंडोस्पर्म नाभिक (PEN) बनाती है।
- इस प्रक्रिया को दोहरा निषेचन के रूप में जाना जाता है, जो एंजियोस्पर्म की एक अनूठी विशेषता है।
- पेन एंडोस्पर्म में विकसित होता है, जो विकासशील भ्रूण को पोषण प्रदान करता है।
निषेचन के बाद की घटनाएँ
- ये घटनाएँ निषेचन के बाद होती हैं और भ्रूण, एंडोस्पर्म, बीज और फल के विकास की ओर ले जाती हैं।
एंडोस्पर्म विकास
- एंडोस्पर्म विकास आमतौर पर भ्रूण के विकास से पहले होता है।
- प्राथमिक एंडोस्पर्म नाभिक (PEN) बार-बार विभाजित होकर एंडोस्पर्म ऊतक बनाता है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
- एंडोस्पर्म विकासशील भ्रूण को पोषण देता है।
- एंडोस्पर्म को विकासशील भ्रूण द्वारा पूरी तरह से खाया जा सकता है (जैसे, द्विबीजपत्री जैसे बीन्स में) या परिपक्व बीज में बना रह सकता है (जैसे, एकबीजपत्री जैसे मक्का में)।
भ्रूण विकास
- युग्मनज एक भ्रूण बनाने के लिए विभाजित होता है, जो भ्रूण बनाने के लिए विभेदन से गुजरता है।
- भ्रूण में एक भ्रूणीय अक्ष (जिसमें प्लमुल और रैडिकल होता है) और एक या दो कोटिलेडन (बीज पत्तियां) होती हैं।
- द्विबीजपत्री में दो कोटिलेडन होते हैं, जबकि एकबीजपत्री में केवल एक ही होता है।
- प्लमुल शूट सिस्टम में विकसित होता है, और रेडिकल रूट सिस्टम में विकसित होता है।
बीज विकास
- निषेचन के बाद ओव्यूल बीज में विकसित होता है।
- बीज में एक बीज कोट (ओव्यूल के इंटेग्यूमेंट्स से प्राप्त), भ्रूण और एंडोस्पर्म (यदि मौजूद है) शामिल होते हैं।
- बीज भ्रूण को सुरक्षा और पोषण प्रदान करते हैं और फैलाव की सुविधा प्रदान करते हैं।
- बीज सुप्तता से गुजर सकते हैं, निष्क्रियता की अवधि जो भ्रूण को प्रतिकूल परिस्थितियों में जीवित रहने की अनुमति देती है।
फल विकास
- निषेचन के बाद अंडाशय फल में विकसित होता है।
- फल विकासशील बीजों की रक्षा करता है और उनके फैलाव में सहायता करता है।
- फल मांसल (जैसे, जामुन, ड्रूप) या सूखे (जैसे, फलियां, नट्स) हो सकते हैं।
- फल की दीवार (पेरीकार्प) में तीन परतें होती हैं: एक्सोकार्प, मेसोकार्प और एंडोकार्प।
- फलों को सच्चे फलों (अकेले अंडाशय से विकसित) या झूठे फलों (अंडाशय के अलावा अन्य फूलों के भागों से विकसित) के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
लैंगिक प्रजनन का महत्व
- लैंगिक प्रजनन पुनर्संयोजन के माध्यम से आनुवंशिक भिन्नता उत्पन्न करता है, जिससे अनुकूलन और विकास होता है।
- लैंगिक प्रजनन के माध्यम से उत्पादित बीज पौधों की प्रजातियों के फैलाव और अस्तित्व को सुविधाजनक बनाते हैं।
- फल विकासशील बीजों को सुरक्षा प्रदान करते हैं और उनके फैलाव में सहायता करते हैं।
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