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Questions and Answers
परमेश्वर का भेद सुनाते समय लेखक किस प्रकार आया था?
परमेश्वर का भेद सुनाते समय लेखक किस प्रकार आया था?
लेखक ने किस पर ध्यान देने का निर्णय लिया?
लेखक ने किस पर ध्यान देने का निर्णय लिया?
किस प्रकार का ज्ञान लेखक सुनाते हैं?
किस प्रकार का ज्ञान लेखक सुनाते हैं?
परमेश्वर की बातें कौन जान सकता है?
परमेश्वर की बातें कौन जान सकता है?
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लेखक के अनुसार, शारीरिक मनुष्य कौन सी बातें ग्रहण नहीं करता?
लेखक के अनुसार, शारीरिक मनुष्य कौन सी बातें ग्रहण नहीं करता?
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आत्मिक जन क्या कर सकते हैं?
आत्मिक जन क्या कर सकते हैं?
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जो बातें परमेश्वर ने अपने प्रेम रखनेवालों के लिए तैयार की हैं, उनमें क्या शामिल नहीं है?
जो बातें परमेश्वर ने अपने प्रेम रखनेवालों के लिए तैयार की हैं, उनमें क्या शामिल नहीं है?
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लेखक का प्रचार किस पर निर्भर करता है?
लेखक का प्रचार किस पर निर्भर करता है?
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लेखक का क्या उद्देश्य है जब वह गुप्त ज्ञान की बात करते हैं?
लेखक का क्या उद्देश्य है जब वह गुप्त ज्ञान की बात करते हैं?
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परमेश्वर ने हमें क्या दिया है, जैसा कि लेखक ने कहा?
परमेश्वर ने हमें क्या दिया है, जैसा कि लेखक ने कहा?
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परमेश्वर का किस प्रकार का ज्ञान सिद्ध लोगों को सुनाया जाता है?
परमेश्वर का किस प्रकार का ज्ञान सिद्ध लोगों को सुनाया जाता है?
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कौन सी बातें लेखक के अनुसार आत्मिक रीति से जाँची जाती हैं?
कौन सी बातें लेखक के अनुसार आत्मिक रीति से जाँची जाती हैं?
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किसने तेजोमय प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाने का निर्णय लिया?
किसने तेजोमय प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाने का निर्णय लिया?
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Study Notes
प्रेरितों का संदेश (प्रेरि. 13:27)
- प्रेरितों का प्रचार यीशु मसीह और उसके क्रूस पर चढ़ने पर केंद्रित था, न कि मानवीय ज्ञान पर।
- उनका संदेश आत्मिक और शक्तिशाली था, ताकि विश्वास परमेश्वर की सामर्थ्य पर आधारित हो।
- वे परमेश्वर के गुप्त ज्ञान को संसार के नाश होनेवाले हाकिमों के ज्ञान से अलग करते थे।
- यह ज्ञान सदियों पहले परमेश्वर द्वारा तय किया गया था, और मसीह के क्रूस पर चढ़ने से पहले संसार के शासकों को नहीं समझा जा सका।
परमेश्वर का ज्ञान और मानवीय समझ
- परमेश्वर के विचारों को केवल परमेश्वर की आत्मा ही जान सकती है, और नश्वर मानव मन उन्हें नहीं समझ सकता।
- मानव मन, शारीरिक मनुष्य, परमेश्वर की आत्मा की बातों को समझने में असमर्थ हैं क्योंकि वे आत्मिक समझ से परे हैं।
- पवित्र आत्मा ही आत्मिक बातों की गहराई से व्याख्या कर सकता है, न कि मानवीय ज्ञान।
- आत्मिक व्यक्ति परमेश्वर के विचारों की गहराई से जांच करने में सक्षम होते हैं, पर वे स्वयं परीक्षा के अधीन नहीं होते।
पवित्र आत्मा और ज्ञान
- परमेश्वर ने अपने आत्मा के माध्यम से उन बातों को प्रकट किया जो केवल आत्मिक समझ से समझी जा सकती हैं।
- परमेश्वर का आत्मा, मानव मन से इतर, परमेश्वर की गूढ़ बातों की भी जांच करता है।
- परमेश्वर का आत्मा उन बातों को जानता है जो न तो किसी ने देखी, न तो सुनी और न ही कल्पना की गईं।
पवित्रशास्त्र के उद्धरण (शास्त्रीय आधार)
- यशायाह 64:4 में, परमेश्वर ने अपनी प्रेम करने वालों के लिये जो अदृश्य बातें तैयार की हैं, उनके बारे में बताया गया है।
- यशायाह 40:13 में, यह प्रश्न किया गया है कि कौन परमेश्वर का मन जानता है, जिससे यह समझाया जाता है कि आत्मा ही इसका ज्ञान दे सकता है।
- नीतिवचन 20:27 में, यह समझाया गया है कि केवल परमेश्वर का आत्मा ही परमेश्वर के विचारों को जान सकता है।
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Description
यह क्विज प्रेरितों के संदेश और परमेश्वर के ज्ञान पर केंद्रित है। इसमें पवित्र आत्मा की भूमिका और मानवीय समझ की सीमाएँ बताई गई हैं। आस्था और आत्मिक ज्ञान के महत्व को समझना इस क्विज का उद्देश्य है।