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Questions and Answers
Study Notes
- अभिषेक मिश्रा एनसीईआरटी की कक्षा 7 की चित्र 8 की वीडियो पर बात कर रहे हैं।
- चैप्टर 8 में मध्यकालीन भारत में धर्म से संबंधित परिवर्तनों पर चर्चा है।
- चित्र में धार्मिक आंदोलनों, पित्त धर्म, मध्यकालीन भारत के समाज के विचार, जातिवाद, भक्ति भाव, एवं भगवद गीता की महत्वपूर्णता पर चर्चा है।
- भारतीय समाज में जाति और धर्म के महत्व को उजागर किया गया है।
- विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा, धार्मिक अनुष्ठानों के महत्व, और मान्यताओं का विकास चित्र में उल्लेख किया गया है।
- भगवत गीता में भक्ति भाव के महत्व को समझाया गया है।
- इस वीडियो में मध्यकालीन भारत के समाज की धार्मिक स्थिति पर चर्चा की गई है।
- अभिषेक मिश्रा की चैनल पर संबंधित सभी चित्रों के वीडियो उपलब्ध हैं।- शंकराचार्य ने आठवीं शताब्दी में जन्म लिया था।
- उनके अद्वैतवाद के अनुसार जीवात्मा और परमात्मा एक ही हैं।
- उन्होंने ब्रह्मा को एक परम सत्य और संसार को माया बताया।
- उनका कहना था कि सब संसार मिथ्या है और हमारा अध्यात्मिक साधना केवल ब्रह्म की ध्यान में होनी चाहिए।
- शंकराचार्य ने भक्ति के मूल्यों को महत्व दिया और उनकी शिक्षाएं आज भी प्रेरणादायक हैं।- रामानुजन ने विशिष्टाद्वैत के सिद्धांत का प्रतिपादन किया था, जिसके अनुसार आत्मा परमात्मा से जुड़कर एक अलग सकता बनाए रखती है।
- मोक्ष प्राप्ति के लिए विष्णु के प्रति अनन्य भक्ति भाव रखना जरुरी था।
- रामानुजन ने भक्ति की नई धारा को प्रेरित किया, जो उत्तरी भारत में विकसित हुई।
- बसवन्ना और बींस ऐप संतों ने तमिल भक्ति आंदोलन की शुरुआत की, जिसमें मंदिर पूजा और मूर्तिपूजा के बीच संबंध स्थापित किए।
- संतान के अन्य संतों ने भी सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रयास किए, जैसे ज्ञानेश्वर, नामदेव, एकनाथ, और तुकाराम।
- इन संतों ने कर्मकांडों और मूर्ख मूर्तिपूजा के विरोध में प्रबल तर्क प्रस्तुत किया।
- उन्होंने समाज में समानता, जातिवाद के खिलाफ, और महिला के प्रति सम्मान के लिए संघर्ष किया।
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Description
This quiz discusses the religious changes in medieval India focusing on topics like religious movements, caste system, societal beliefs, devotion, importance of Bhagavad Gita, Shankaracharya's Advaita philosophy, Ramanuja's Visishtadvaita philosophy, and Tamil bhakti movement. Explore the significant aspects of Indian society during the medieval period in the context of religion.