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Questions and Answers
न्यूटन का गति का दूसरा नियम बल और [BLANK] के बीच के संबंध को बताता है।
न्यूटन का गति का दूसरा नियम बल और [BLANK] के बीच के संबंध को बताता है।
त्वरण
न्यूटन का गति का तीसरा नियम क्या कहता है?
न्यूटन का गति का तीसरा नियम क्या कहता है?
प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
एक पिंड का द्रव्यमान स्थिर रहता है चाहे वह गति में हो या विराम अवस्था में।
एक पिंड का द्रव्यमान स्थिर रहता है चाहे वह गति में हो या विराम अवस्था में।
True (A)
संवेग का सूत्र क्या है?
संवेग का सूत्र क्या है?
कोणीय वेग क्या है?
कोणीय वेग क्या है?
कोणीय त्वरण क्या है?
कोणीय त्वरण क्या है?
जड़त्व का नियम कहता है कि कोई वस्तु अपनी गति की अवस्था को तब तक नहीं बदलती जब तक उस पर कोई बाहरी बल नहीं लगता।
जड़त्व का नियम कहता है कि कोई वस्तु अपनी गति की अवस्था को तब तक नहीं बदलती जब तक उस पर कोई बाहरी बल नहीं लगता।
जड़त्व के [BLANK] प्रकार होते हैं।
जड़त्व के [BLANK] प्रकार होते हैं।
बल क्या है?
बल क्या है?
बल के कितने प्रकार होते हैं?
बल के कितने प्रकार होते हैं?
संपर्क बल क्या है?
संपर्क बल क्या है?
गुरुत्वाकर्षण बल दो पिंडों के बीच लगने वाला एक असंपर्क बल है।
गुरुत्वाकर्षण बल दो पिंडों के बीच लगने वाला एक असंपर्क बल है।
घर्षण बल एक संपर्क बल है जो दो वस्तुओं की सापेक्ष गति का विरोध करता है।
घर्षण बल एक संपर्क बल है जो दो वस्तुओं की सापेक्ष गति का विरोध करता है।
एक वस्तु पर कार्य करने वाले सभी बलों का परिणामी बल शून्य होता है जब वह एकसमान गति में होती है।
एक वस्तु पर कार्य करने वाले सभी बलों का परिणामी बल शून्य होता है जब वह एकसमान गति में होती है।
कार्य क्या है?
कार्य क्या है?
कार्य एक अदिश राशि है।
कार्य एक अदिश राशि है।
ऊर्जा क्या है?
ऊर्जा क्या है?
ऊर्जा एक अदिश राशि है?
ऊर्जा एक अदिश राशि है?
ऊर्जा के कितने प्रकार होते हैं?
ऊर्जा के कितने प्रकार होते हैं?
गतिज ऊर्जा क्या है?
गतिज ऊर्जा क्या है?
गतिज ऊर्जा का सूत्र क्या है?
गतिज ऊर्जा का सूत्र क्या है?
स्थितिज ऊर्जा क्या है?
स्थितिज ऊर्जा क्या है?
स्थितिज ऊर्जा का सूत्र क्या है?
स्थितिज ऊर्जा का सूत्र क्या है?
ऊर्जा संरक्षण का नियम बताता है कि ऊर्जा न तो उत्पन्न होती है न ही नष्ट होती है, केवल एक रूप से दूसरे रूप में बदलती है।
ऊर्जा संरक्षण का नियम बताता है कि ऊर्जा न तो उत्पन्न होती है न ही नष्ट होती है, केवल एक रूप से दूसरे रूप में बदलती है।
शक्ति का सूत्र क्या है?
शक्ति का सूत्र क्या है?
शक्ति एक सदिश राशि है।
शक्ति एक सदिश राशि है।
एक वस्तु पर कार्य करने वाले सभी बलों का परिणामी बल शून्य होता है जब वह विराम अवस्था में होती है.
एक वस्तु पर कार्य करने वाले सभी बलों का परिणामी बल शून्य होता है जब वह विराम अवस्था में होती है.
Flashcards
जड़त्व का नियम (पहला नियम)
जड़त्व का नियम (पहला नियम)
एक स्थिर वस्तु स्थिर रहती है, और गतिमान वस्तु समान गति और दिशा में गति करती रहती है जब तक कि कोई बाहरी बल उस पर कार्य नहीं करता।
गति का दूसरा नियम
गति का दूसरा नियम
किसी पिंड के संवेग के परिवर्तन की दर उस पर कार्य करने वाले परिणामी बल के समानुपाती होती है और बल की दिशा में होती है। F = ma
गति का तीसरा नियम
गति का तीसरा नियम
प्रत्येक क्रिया के लिए बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
कोणीय वेग
कोणीय वेग
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रेखीय वेग
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संवेग
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संवेग का सदिश राशि
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सरल यंत्र
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बलाघूर्ण
बलाघूर्ण
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अभिकेंद्र बल
अभिकेंद्र बल
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अपकेंद्र बल
अपकेंद्र बल
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Study Notes
न्यूटन के गति के नियम
- न्यूटन ने सन् 1687 में अपनी पुस्तक 'प्रिंसिपिया' में गति के नियम बताए थे।
- गति का प्रथम नियम: किसी वस्तु की विराम अवस्था या एकसमान गति में परिवर्तन तब तक नहीं होगा जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाए। इसे जड़त्व का नियम भी कहते हैं।
- गति का द्वितीय नियम: किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस वस्तु पर आरोपित बल के समानुपाती होती है और बल की दिशा में होती है। (F = ma) जहाँ F बल है, m द्रव्यमान है, और a त्वरण है।
- गति का तृतीय नियम: प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।
वृत्तीय गति
- वृत्तीय गति: जब कोई वस्तु वृत्ताकार पथ पर गति करती है, तो उसे वृत्तीय गति कहते हैं।
- कोणीय वेग (ω): वृत्ताकार पथ पर गतिशील कण को वृत्त के केंद्र से मिलाने वाली रेखा 1 सेकंड में जितने कोण से घूमती है, उसे कोणीय वेग कहते हैं।
- रेखीय चाल (v): रेखीय चाल = कोणीय चाल × त्रिज्या (v = ωr)
- अभिकेंद्र बल (Centripetal Force): वृत्तीय गति में, वस्तु पर वृत्त के केंद्र की ओर लगने वाला बल अभिकेंद्र बल कहलाता है। (F = mv²/r)
संवेग (Momentum)
- संवेग (Momentum): किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को संवेग कहते हैं। (p = mv)
- संवेग संरक्षण का सिद्धांत: यदि किसी निकाय पर कोई बाह्य बल नहीं लग रहा है, तो निकाय का कुल संवेग नियत रहता है।
- आवेग (Impulse): जब कोई बड़ा बल थोड़े समय के लिए वस्तु पर कार्य करता है, तो उस बल और समय के गुणनफल को आवेग कहते हैं।
- आवेग = बल × समय
बल-आघूर्ण (Moment of Force)
- बल-आघूर्ण: बल द्वारा किसी वस्तु को एक अक्ष के परितः घुमाने की प्रवृत्ति को बल-आघूर्ण कहते हैं।
- बल-आघूर्ण = बल × लम्बवत् दूरी
उत्तोलक
- उत्तोलक: एक दृढ़ छड़ जो किसी निश्चित बिंदु (आलम्ब) के परितः घूम सकती है। इसमें तीन भाग हैं:
- आलम्ब (Fulcrum): घूर्णन बिंदु।
- आयास (Effort): लगाया जाने वाला बल।
- भार (Load): उठाने या हटाने का बोझ।
सरल मशीनें
- सरल मशीनें: वे यंत्र जो बल लगाकर भार को उठाने या किसी काम को करने में मदद करते हैं।
- उदाहरण: उत्तोलक, घिरनी, आनत तल, स्क्रू जैक आदि
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