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Questions and Answers
नियन्त्रन और समन्वय का मुख्य उद्देश्य क्या है?
नियन्त्रन और समन्वय का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- संगठन के लक्ष्यों की प्राप्ति (correct)
- कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि
- समस्याओं को दूर करना
- उत्पादन को बढ़ाना
नियन्त्रन की प्रक्रिया में कौन सा तत्व शामिल नहीं है?
नियन्त्रन की प्रक्रिया में कौन सा तत्व शामिल नहीं है?
- लक्ष्य निर्धारण
- परिणामों का मूल्यांकन
- कार्य की योजना बनाना
- विवेकाधीनता (correct)
समन्वय का उपयोग क्यों किया जाता है?
समन्वय का उपयोग क्यों किया जाता है?
- भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन देने
- कार्य के लिए प्रभावी नेतृत्व
- सभी संसाधनों का विश्वसनीय उपयोग (correct)
- संगठन में बिखराव को बढ़ाने
नियन्त्रन और समन्वय की प्रक्रिया में किस प्रकार का निर्णय आवश्यक है?
नियन्त्रन और समन्वय की प्रक्रिया में किस प्रकार का निर्णय आवश्यक है?
नियन्त्रन में कौन सा कार्य करना आवश्यक है?
नियन्त्रन में कौन सा कार्य करना आवश्यक है?
Flashcards
नियंत्रण
नियंत्रण
नियन्त्रण वह प्रक्रिया है जो किसी प्रणाली या कार्य को वांछित दिशा में ले जाने और उसका प्रवाह बनाए रखने के लिए होती है।
समन्वय
समन्वय
समन्वय विभिन्न भागों या कार्यों का एक साथ समन्वित और संगठित कार्य है।
महत्वपूर्ण
महत्वपूर्ण
नियन्त्रण और समन्वय दोनों ही प्राणियों और प्रणालियों को सही ढंग से कार्य करने के लिए आवश्यक हैं।
नियंत्रण तंत्र
नियंत्रण तंत्र
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समन्वय का महत्व
समन्वय का महत्व
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Study Notes
नियन्त्रण एवं समन्वय
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नियन्त्रण व समन्वय जीवधारियों में विभिन्न अंगों के कार्यों को समन्वयित करने की प्रक्रियाएँ हैं जो उन्हें एकीकृत करती हैं।
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नियंत्रण और समन्वय के लिए दो मुख्य तंत्र हैं: तंत्रिका तंत्र और अंतःस्रावी तंत्र।
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तंत्रिका तंत्र: तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) के नेटवर्क से बना होता है जो विद्युत और रासायनिक संकेतों का उपयोग करके संदेश भेजते हैं।
- तंत्रिका तंत्र विभिन्न अंगों और ऊतकों के बीच तेजी से संदेशवाहक या संचार प्रणाली के रूप में कार्य करता है।
- संवेदी अंग जैसे आँख, नाक, कान आदि बाहरी वातावरण से सूचनाएँ ग्रहण करके उन्हें तंत्रिका तंत्र को भेजते हैं।
- मांसपेशियों, ग्रंथियों जैसे विभिन्न अंग तंत्रिका तंत्र द्वारा भेजे गए संकेतों के आधार पर कार्य करते हैं।
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अंतःस्रावी तंत्र: विभिन्न ग्रंथियों द्वारा उत्पादित हार्मोन के माध्यम से कार्य करता है।
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हार्मोन रक्त के माध्यम से शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँचते हैं और लक्षित कोशिकाओं पर प्रभाव डालते हैं।
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ये परिवर्तन धीरे-धीरे होते हैं, लेकिन लंबे समय तक चलते हैं।
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उदाहरण के लिए, वृद्धि, चयापचय, और यौन विकास में अंतःस्रावी तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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अंतःस्रावी तंत्र में स्थित ग्रंथियाँ जैसे: थायरॉयड, अधिवृक्क, पिट्यूटरी, अग्न्याशय ये शरीर के कार्यों जैसे विकास, चयापचय, प्रजनन आदि को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का स्राव करती हैं।
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नियंत्रण और समन्वय की आवश्यकता:
- विभिन्न अंगों के कार्यों का समन्वय एकीकृत तरीके से कार्य करने के लिए आवश्यक है , ताकि जीव एकीकृत रूप से कार्य कर सकें।
- नियंत्रण और समन्वय के माध्यम से बाहरी वातावरण में होने वाले बदलावों को जल्द से जल्द अनुक्रिया करने में मदद मिलती है।
- शरीर की स्थिरता (होमियोस्टेसिस) को बनाए रखने के लिए नियंत्रण और समन्वय आवश्यक है।
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नियंत्रण और समन्वय के प्रकार:
- प्रत्यक्ष नियंत्रण: तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- अप्रत्यक्ष नियंत्रण: अंतःस्रावी तंत्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
तंत्रिका तंत्र के कार्य
- संवेदी सूचनाओं का संग्रहण और प्रसारण
- मस्तिष्क द्वारा निर्णय लेने का कार्य
- विभिन्न अंगों द्वारा क्रियाएँ करवाना
- शरीर के सभी अंगों के कार्यो का समन्वय करना
अंतःस्रावी तंत्र के कार्य
- शरीर के विकास,प्रजनन,पोषण चयापचय को संचालित करने वाले हार्मोन का उत्पादन
- शरीर की विभिन्न प्रक्रियाओं को समन्वयित करना जैसे कि ग्लूकोज का उपयोग करना
- शरीर को पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रति अनुक्रिया करने में मदद करना।
विशिष्ट उदाहरण
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प्रतिवर्ती क्रिया: तंत्रिका तंत्र द्वारा तुरंत होने वाली प्रतिक्रिया
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हार्मोन के माध्यम से वृद्धि: अंतःस्रावी तंत्र द्वारा शरीर के विकास को नियंत्रित करना।
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किसी भी जीव के स्वास्थ्य और सही कार्य करने में नियन्त्रण और समन्वय बेहद महत्वपूर्ण है। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
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