18 Questions
लेखक किस वजह से कस्बे में जा रहा था?
लेखक कस्बे में मूर्तिकार माग्य की मूर्ति देखने जा रहा था
हालदार साहब ने कस्बे में क्या देखा?
हालदार साहब ने नेताजी की मूर्ति में बदलते हुए चश्मों को देखा
लेखक ने मूर्तिकार माग्य की मूर्ति कैसे बनाने की कोशिश की?
लेखक ने मूर्तिकार माग्य की मूर्ति बनाने की कोशिश में पत्थर का चश्मा बनाया
क्या हालदार साहब के साथ हुआ?
हालदार साहब जीप में बैठकर चले गए
लेखक ने मूर्तिकार माग्य की मूर्ति में क्या देखा?
लेखक ने मूर्तिकार माग्य की मूर्ति में बदलते हुए चश्मों को देखा
हालदार साहब ने क्या देखा?
हालदार साहब ने कौतुक और 47 बत्तीसी दिखाई
कैप्टन की मृत्यु के बाद ली ने क्या किया?
ली ने अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ कहा कि वारे की दुकान इसे कैप्टन क्यों बता दिया था
हालदार साहब ने ली से क्या नहीं पूछ पाए?
हालदार साहब ने ली से कुछ नहीं पूछ पाए
ली ने क्या सोचा जब वह कस्बे से गुज़रा?
ली ने सोचा कि उस कौम का क्या होगा जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी - जवानी ज़िंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है
ली ने क्या किया जब वह कस्बे में घुसा?
ली ने पान के पैसे चुकाकर जीप में आ बैठे और रवाना हो गए
कैप्टन की मृत्यु के बाद ली की क्या प्रतिक्रिया थी?
ली दुखी हो गए
ली ने कब फिर से कस्बे में प्रवेश किया?
पंद्रह दिन बाद
मूर्ति के चेहरे पर क्या नहीं था?
चश्मा
पान की दुकान का क्या हाल था?
बंद थी
हालदार साहब ने पानवाले से क्या पूछा?
क्यों भई, क्या बात ह? आज तुम्हारे नेताजी की आँखों पर चश्मा नहीं है?
पानवाले ने क्या किया जब हालदार साहब ने पूछा?
उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर साहब!
क्या मूर्ति के चेहरे पर दूसरी बार भी चश्मा नहीं था?
हाँ
हालदार साहब ने क्या किया?
पान खाया
एक कहानी नेताजी की मूर्ति के बदलते हुए चश्मों की. हालदर साहब के कस्बे से गुजरते हुए mereka देखते हैं. मूर्तिकार की कला और चश्मे के बदलते हुए रूप.
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