मानव जनन: अध्याय 2

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Questions and Answers

वृषणों के तापमान को शरीर के तापमान से कितना कम रखने की आवश्यकता होती है ताकि शुक्राणुजनन हो सके?

  • 1-1.5 डिग्री सेंटीग्रेड
  • 4-4.5 डिग्री सेंटीग्रेड
  • 3-3.5 डिग्री सेंटीग्रेड
  • 2-2.5 डिग्री सेंटीग्रेड (correct)

लीडिग कोशिकाएँ प्रतिरक्षात्मक कार्य करने में सक्षम होती हैं।

True (A)

शुक्रजनक नलिकाओं के बाहरी क्षेत्र को क्या कहा जाता है?

अंतराली अवकाश (इंटरस्टीशियल स्पेस)

पुरुष लिंग की सहायक ग्रंथियों के अंतर्गत एक जोड़ा शुक्राशय, एक पुरस्थ ग्रंथि तथा एक जोड़ा ______ ग्रंथियाँ शामिल होती हैं।

<p>बल्बोयूरेथ्रल</p> Signup and view all the answers

निम्नलिखित पुरुष जनन अंगों को उनके कार्यों के साथ सुमेलित कीजिए:

<p>वृषण जालिकाएँ = शुक्रजनक नलिकाओं से शुक्राणुओं का शुक्रवाहिकाओं में स्थानांतरण शुक्रवाहिकाएँ = वृषण से अधिवृषण तक शुक्राणुओं का परिवहन अधिवृषण = शुक्राणुओं का भंडारण और परिपक्वता शुक्रवाहक = अधिवृषण से स्खलनीय वाहिनी तक शुक्राणुओं का परिवहन</p> Signup and view all the answers

शिश्न के उद्घर्षण (इरेक्शन) में कौन से ऊतक सहायता प्रदान करते हैं, जो वीर्यसेचन (इंसेमिनेशन) को सुगम बनाता है?

<p>विशेष प्रकार के ऊतक (B)</p> Signup and view all the answers

स्त्री जनन तंत्र में केवल एक अंडाशय होता है।

<p>False (B)</p> Signup and view all the answers

अंडवाहिनी (डिम्बवाहिनी नलिका/फेलोपियन नलिका) की लंबाई लगभग कितनी होती है?

<p>10-12 से.मी.</p> Signup and view all the answers

गर्भाशय ग्रीवा की गुहा को ______ कहते हैं, जो योनि के साथ मिलकर जन्म-नाल बनाती है।

<p>ग्रीवा नाल (सर्वाइकल कैनाल)</p> Signup and view all the answers

निम्नलिखित गर्भाशय स्तरों को उनके कार्यों के साथ सुमेलित कीजिए:

<p>परिगर्भाशय (पेरिमैट्रियम) = बाहरी पतली झिल्लीमय स्तर गर्भाशय पेशी स्तर (मायोमैट्रियम) = मध्य मोटी चिकनी पेशीय स्तर, प्रसव के दौरान तेज संकुचन गर्भाशय अंतःस्तर (एंडोमैट्रियम) = आंतरिक ग्रंथिल स्तर, आर्तव चक्र के दौरान चक्रीय परिवर्तन</p> Signup and view all the answers

योनि का द्वार प्रायः एक पतली झिल्ली से ढका होता है, जिसे क्या कहते हैं?

<p>योनिच्छद (हाइमेन) (C)</p> Signup and view all the answers

कार्यशील स्तन ग्रंथि केवल नर स्तनधारियों का अभिलक्षण है।

<p>False (B)</p> Signup and view all the answers

स्तन ग्रंथियों (स्तन) का ग्रंथिल ऊतक कितने स्तन पालियों (मैमरी लोब्स) में विभक्त होता है?

<p>15-20</p> Signup and view all the answers

प्राथमिक लैंगिक अंग पुरुषों में ______ और स्त्रियों में अंडाशय युग्मकजनन (गैमीटोजेनेसिस) विधि द्वारा क्रमशः नर युग्मक यानी शुक्राणु और मादा युग्मक यानी अंडाणु उत्पन्न करते हैं।

<p>वृषण</p> Signup and view all the answers

शुक्राणुजनन (स्पर्मेटोजेनेसिस) की प्रक्रिया कब शुरू होती है?

<p>किशोरावस्था में (C)</p> Signup and view all the answers

शुक्राणुजनन के पश्चात् शुक्राणु शीर्ष लीडिग कोशिकाओं में अंतःस्थापित (इंबेडेड) हो जाता है।

<p>False (B)</p> Signup and view all the answers

शुक्राणुजनन प्रक्रिया किशोरावस्था/यौवनारंभ से होने लगती है क्योंकि इस दौरान किस हॉर्मोन के स्रवण में काफी वृद्धि हो जाती है?

<p>गोनेडोट्रोपिन रिलीजिंग हार्मोन (जीएनआरएच)</p> Signup and view all the answers

अग्रपिंडक उन ______ से भरा होता है, जो अंडाणु के निषेचन में मदद करते हैं।

<p>प्रकिण्वों (एंजाइम्स)</p> Signup and view all the answers

निम्नलिखित को सुमेलित करें:

<p>अंडजनन (ऊजेनेसिस) = परिपक्व मादा युग्मक के निर्माण की प्रक्रिया। प्राथमिक ऊसाइट = अर्धसूत्री विभाजन के पूर्वावस्था-1 में अवरुद्ध कोशिकाएँ। द्वितीयक ऊसाइट = अंडाशय से मोचित होने वाले अगुणित कोशिका।</p> Signup and view all the answers

स्त्री में आर्तव चक्र लगभग कितने वर्ष की आयु में बंद हो जाता है?

<p>50 वर्ष (D)</p> Signup and view all the answers

Flashcards

युग्मकजनन क्या है?

पुरुषों में शुक्राणुओं और महिलाओं में अंडाणुओं का निर्माण

वृषणकोष का क्या कार्य है?

शरीर के तापमान से 2-2.5 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान बनाए रखता है, जो शुक्राणु उत्पादन के लिए आवश्यक है।

पुरुष सहायक नलिकाओं का कार्य

शुक्राणुओं को ले जाना और उनका भंडारण करना

सर्टोली कोशिकाओं का क्या काम है?

शुक्राणुओं के पोषण और सुरक्षा में मदद करती हैं।

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लीडिग कोशिकाओं का क्या काम है?

वृषण हार्मोन, टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन

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अंडाशय का क्या कार्य है?

अंडाणु और स्टेरॉयड हार्मोन का उत्पादन

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डिम्बवाहिनी नलिका का क्या कार्य है?

अंडाशय से गर्भाशय तक, अंडाणु ले जाना

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गर्भाशय का मुख्य कार्य क्या है?

भ्रूण का विकास

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बार्थोलिन ग्रंथियों का कार्य

स्राव का उत्पादन जो योनि को चिकनाई प्रदान करता है

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आर्तव चक्र क्या है?

एक निश्चित क्रम में होने वाली घटनाओं की चक्रीय श्रृंखला

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अंडोत्सर्ग क्या है?

अंडाशय से अंडाणु का निकलना

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आर्तव चक्र का नियमन कैसे होता है?

एफएसएच और एलएच जैसे हार्मोन द्वारा

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निषेचन कहाँ होता है?

डिंबवाहिनी में

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निषेचन के बाद क्या बनता है?

युग्मनज (जाइगोट) का निर्माण

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कोरकपुटी क्या है?

कोशिकाओं का समूह जो गर्भाशय की दीवार में प्रत्यारोपित होता है

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अपरा का क्या कार्य है?

भ्रूण को पोषण और सुरक्षा प्रदान करता है

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मानव गर्भावस्था की अवधि क्या है?

लगभग 9 महीने

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प्रसव क्या है?

शिशु का जन्म

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दुग्धस्रवण क्या है?

स्तन ग्रंथियों द्वारा दूध का उत्पादन

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खीस (कोलोस्ट्रम) का क्या महत्व है?

शिशु को बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

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Study Notes

ज़रूर, यहाँ पाठ के आधार पर विस्तृत अध्ययन नोट्स हैं:

अध्याय 2: मानव जनन

  • मानव लैंगिक प्रजनन करने वाले जीव हैं और सजीवप्रजक (जरायुज) प्राणी हैं।
  • जनन क्रिया में युग्मकों का निर्माण (युग्मकजनन) शामिल है, जिसमें पुरुषों में शुक्राणु और महिलाओं में अंडाणु बनते हैं।
  • शुक्राणुओं का स्थानांतरण स्त्री जनन पथ में होता है (वीर्यसेचन), जिसके बाद नर और मादा युग्मकों का संलयन (निषेचन) होता है, जिससे युग्मनज (जाइगोट) बनता है।
  • युग्मनज के बाद कोरकपुटी (ब्लास्टोसिस्ट) का विकास होता है और वह गर्भाशय की दीवार से चिपक जाता है (अंतर्रोपण)।
  • इसके बाद भ्रूणीय परिवर्तन (गर्भावधि) और शिशु का जन्म (प्रसव) होता है।
  • ये जनन घटनाएँ यौनारंभ के बाद शुरू होती हैं।
  • पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन जीवन भर जारी रहता है, लेकिन महिलाओं में अंडाणु उत्पादन लगभग 50 वर्ष की आयु में समाप्त हो जाता है।

2. 1 पुरुष जनन तंत्र

  • पुरुष जनन तंत्र शरीर के श्रोणि क्षेत्र (पेल्विस रीजन) में स्थित होता है।
  • इसके मुख्य भाग हैं: एक जोड़ा वृषण, सहायक नलिकाएँ, ग्रंथियाँ और बाह्य जननेंद्रिय।
  • वृषण उदर गुहा के बाहर एक थैली (वृषणकोष या स्क्रोटम) में स्थित होते हैं, जिससे शुक्राणुजनन के लिए शरीर के तापमान से 2-2.5 डिग्री सेल्सियस कम तापमान बना रहता है।
  • वयस्कों में प्रत्येक वृषण अंडाकार होता है और लगभग 4-5 सेमी लंबा और 2-3 सेमी चौड़ा होता है।
  • वृषण सघन आवरण से ढका होता है और इसमें लगभग 250 कक्ष होते हैं, जिन्हें वृषण पालिकाएँ कहते हैं।
  • प्रत्येक वृषण पालिका में 1-3 अति कुंडलित शुक्रजनक नलिकाएँ होती हैं, जहाँ शुक्राणु बनते हैं।
  • शुक्रजनक नलिका के भीतरी भाग में दो प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं: नर जर्म कोशिकाएँ (शुक्राणुजन/ स्पर्मेटोगोनिया) और सर्टोली कोशिकाएँ।
  • नर जर्म कोशिकाएँ अर्धसूत्री विभाजन द्वारा शुक्राणु बनाती हैं, जबकि सर्टोली कोशिकाएँ जर्म कोशिकाओं को पोषण देती हैं।
  • शुक्रजनक नलिकाओं के बाहरी क्षेत्र को अंतराली अवकाश (इंटरस्टीशियल स्पेस) कहते हैं, जिसमें रुधिर वाहिकाएँ और अंतराली कोशिकाएँ (लीडिग कोशिकाएँ) होती हैं।
  • लीडिग कोशिकाएँ पुंजन (एंड्रोजन) नामक वृषण हार्मोन बनाती हैं और कुछ अन्य कोशिकाएँ प्रतिरक्षात्मक कार्य करती हैं।
  • पुरुष लिंग सहायक नलिकाओं में वृषण जालिकाएँ (रेटे टेस्टिस), शुक्र वाहिकाएँ (वास इफेरेंशिया), अधिवृषण (ऐपिडिडिमिस) और शुक्रवाहक (वास डेफेरेंस) शामिल हैं।
  • वृषण की शुक्रजनक नलिकाएँ वृषण नलिकाओं के माध्यम से शुक्रवाहिकाओं में खुलती हैं, जो अधिवृषण में खुलती हैं।
  • अधिवृषण शुक्रवाहक की ओर बढ़ता है और मूत्राशय के ऊपर लूप बनाता है, जहाँ शुक्राशय से एक वाहिनी आती है और मूत्र मार्ग में स्खलनीय वाहिनी बनाती है।
  • ये नलिकाएँ शुक्राणुओं का भंडारण करती हैं और मूत्र मार्ग से बाहर स्थानांतरण करती हैं।
  • मूत्रमार्ग मूत्राशय से निकलकर शिश्न (पेनिस) के माध्यम से गुजरता हुआ एक छिद्र के रूप में बाहर खुलता है, जिसे मूत्राशय मुख (यूरेथ्रल मीऐटस) कहते हैं।
  • शिश्न पुरुष की बाहरी जननेन्द्रिय है, जो विशेष ऊतकों से बनी होती है और वीर्यसेचन (इन्सेमिनेशन) को सुगम बनाती है।
  • शिश्न का अंतिम वर्धित भाग शिश्न मुंड (ग्लांस पेनिस) कहलाता है, जो एक ढीली त्वचा (अग्रच्छद/फोरस्किन) से ढका होता है।
  • पुरुष लिंग की सहायक ग्रंथियों में एक जोड़ा शुक्राशय, एक पुरस्थ (प्रोस्टेट) ग्रंथि और एक जोड़ा बल्बोयूरेथ्रल ग्रंथियाँ शामिल हैं।
  • इन ग्रंथियों का स्राव शुक्रीय प्लाज्मा का निर्माण करता है, जिसमें फ्रुक्टोज, कैल्शियम और कुछ प्रकिण्व (एंजाइम्स) होते हैं और बल्बोयूरेथ्रल ग्रंथियों का स्राव मैथुन के दौरान शिश्न में स्नेहन (लूब्रिकेशन) प्रदान करने में मदद करता है।

2. 2 स्त्री जनन तंत्र

  • स्त्री जनन तंत्र में एक जोड़ा अंडाशय, एक जोड़ा अंडवाहिनी (ओविडक्ट), एक गर्भाशय (यूटेरस), एक गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स), एक योनि (वेजाइना) और बाह्य जननेन्द्रिय (एक्सटर्नल जेनिटेलिया) शामिल होते हैं।
  • ये सभी अंग श्रोणि क्षेत्र में स्थित होते हैं और एक जोड़ा स्तन ग्रंथियों (मैमरी ग्लैंड्स) के साथ संरचनात्मक तथा क्रियात्मक रूप में संयोजित होते हैं।
  • अंडाशय स्त्री के प्राथमिक लैंगिक अंग हैं, जो स्त्री युग्मक (अंडाणु/ओवम) और कई स्टेरॉयड हॉर्मोन (अंडाशयी हार्मोन) उत्पन्न करते हैं।
  • अंडाशय उदर के निचले भाग के दोनों ओर एक-एक स्थित होते हैं और श्रोणि भित्ति तथा गर्भाशय से स्नायुओं (लिगामेंट्स) द्वारा जुड़े होते हैं।
  • प्रत्येक अंडाशय एक पतली उपकला (एपिथिलियम) से ढका होता है, जो अंडाशय पीठिका (ओवेरियन स्ट्रोमा) से जुड़ा होता है।
  • यह पीठिका दो क्षेत्रों में विभाजित होती है: परिधीय वल्कुट (पेरिफेरल कॉर्टेक्स) और आंतरिक मध्यांश (मेडुला)।
  • अंडवाहिनियाँ (डिम्बवाहिनी नलिका/फेलोपियन नलिका), गर्भाशय तथा योनि मिलकर स्त्री सहायक नलिकाएँ बनाती हैं।
  • प्रत्येक डिम्बवाहिनी नली लगभग 10-12 सेमी लंबी होती है और प्रत्येक अंडाशय की परिधि से चलकर गर्भाशय तक जाती है।
  • अंडाशय के ठीक पास डिंबवाहिनी का हिस्सा कीप के आकार का होता है, जिसे कीपक (इंफन्डीबुलम) कहा जाता है।
  • इस कीपक के किनारे अंगुलि सदृश्य प्रक्षेप (प्रोजेक्शन) होते हैं, जिन्हें झालर (फिंब्री) कहते हैं और ये अंडोत्सर्ग के दौरान अंडाशय से उत्सर्जित अंडाणु को संग्रह करने में सहायक होते हैं।
  • कीपक आगे चलकर अंडवाहिनी के एक चौड़े भाग में खुलता है, जिसे तुंबिका (एंपुला) कहते हैं।
  • अंडवाहिनी का अंतिम भाग संकीर्ण पथ (इस्थमस) में एक संकरी अवकाशिका (ल्यूमेन) होती है, जो गर्भाशय को जोड़ती है।

2. 3 युग्मकजनन

  • पुरुष लिंग में प्राथमिक लैंगिक अंग वृषण और स्त्रियो में अंडाशय युग्मकजनन (गैमीटोजेनेसिस) विधि द्वारा क्रमश: नर युग्मक शुक्राणु और मादा युग्मक अंडाणु उत्त्पन्न करते है।
  • वृषण में अपरिपक्व नर जनन कोशिकाएँ (शुक्राणुजन) शुक्रजनन (स्पर्मेटोजेनेसिस) द्वारा शुक्राणु उत्पन करती हैं, जिसकी शुरुआत यौवनारंभ के साथ होती है। शक्रमापक नलिकाओ के भीतरी भित्ति ने उपस्थित शुक्रजन समसूत्री विभाजन (माइटोटिक डिविजन) द्वारा संख्या में वृद्धि करते है।
  • शुक्राणु पूर्व रुपातरित होर शुक्राणु (स्पर्मेटोजोया) बंधते हैं और उस प्रक्रिया को शुक्राकुजनन (स्पर्मिगोजेनेसिस) कहते हैं।

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