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Questions and Answers
महामूद खिलजी के खिलाफ कुंभा की विजय:
महामूद खिलजी के खिलाफ कुंभा की विजय:
सारंगपुर = उपलब्धि के उपलक्ष्य में विजय स्तंभ का निर्माण नागौर = शम्स खां के खिलाफ विजय गुजरात = कुतुबुद्दीन के खिलाफ सामरिक सफलता मारवाड़ = रणमल की हत्या के बाद का आक्रमण
कुंभा की उपाधियां:
कुंभा की उपाधियां:
हिन्दु सुरताण = मुस्लिम शासकों द्वारा दी गई उपाधि अभिनव भरताचार्य = संगीत ज्ञान के कारण दानगुरु = दानी शासक होने के कारण अष्वपति = कुषल घुड़सवार होने के कारण
कुंभा द्वारा निर्मित किलें और मंदिर:
कुंभा द्वारा निर्मित किलें और मंदिर:
कुम्भलगढ़ = राजस्थान की स्थापत्य कला का जनक रणकपुर जैन मंदिर = धरणकशाह द्वारा निर्मित शृंगार चंवरी = चिड़़ा में स्थित विजयस्तंभ = सारंगपुर विजय के उपलक्ष्य में
कुंभा के दरबारी कलाकार और लेखक:
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ऊदा के शासनकाल की विशेषताएं:
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कुंभा के प्रमुख युद्ध और उनकी परिणाम:
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कुंभा के समय की विद्या और साहित्य:
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कुंभा के योगदान:
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कुंभा की सैन्य रणनीतियाँ:
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कुंभा के समय की प्रमुख घटनाएं:
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कुंभा की सांस्कृतिक पहचान:
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कुंभा के साथ युद्धों में विशेष आरोपी:
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कुंभा की अंतिम सहयोगी व्यक्ति:
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कुम्भा के समय की प्रमुख रचनाएँ:
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Study Notes
महाराणा कुम्भा (1433-1468)
- महाराणा कुम्भा, मोकल के पुत्र थे, उनकी माता का नाम सौभाग्यवती था।
- उन्हें राजस्थान की स्थापत्य कला के जनक माना जाता है।
- उन्होंने कई किलों, महलों और मंदिरों का निर्माण करवाया।
प्रमुख विजयें एवं संबंध
- देवड़ा चौहानों का दमन: मोकल की मृत्यु के बाद देवड़ा चौहानों ने मेवाड़ के कुछ गांवों पर अधिकार कर लिया। कुंभा ने नरसिंह के नेतृत्व में सेना भेजी और आबू व सिरोही पर अधिकार कर लिया।
- मालवा विजय: 1437 में उन्होंने मालवा के शासक महमूद खिलजी को सारंगपुर (वर्तमान कोटा) में हराया। विजय के उपलक्ष्य में उन्होंने चिड़ाग़ढ़ में 9 मंजिली विजय स्तंभ बनवाया। युद्ध में महमूद को 6 महीने कैद रखने के बाद स्वतंत्र कर दिया।
- मेवाड़-मारवाड़ संबंध: रणमल राठौड़ के हस्तक्षेप और भारमली के माध्यम से उनकी हत्या। चूंडा को मारवाड़ पर आक्रमण भेजा। जोध की भागने से मण्डौर पर अधिकार। अंवल-भांवल की संधि 1453 में हुई। सोजत को सीमा निर्धारित किया। जोधा की बेटी शृंगारदेवी का विवाह कुंभा के पुत्र रायमल के साथ। मण्डौर वापसी।
- नागौर विजय: नागौर के शासक फिरोज खां के भाई मुजाहिद खां के खिलाफ आक्रमण। शम्स खां को किला दिया गया। शम्स खां के उल्लंघन के कारण गुजरात के कुतुबुद्दीन की सहायता ली। कुंभा ने नागौर और गुजरात की सेना को हराया।
- कुतुबुद्दीन का दमन: अपनी प्रतिष्ठा वापस पाने कुतुबुद्दीन ने आक्रमण किया। कुंभा ने सिरोही और कुतुबुद्दीन की संयुक्त सेना को हराया।
- मालवा-गुजरात समझौता (चंम्पानेर की संधि): कुतुबुद्दीन की पराजय के बाद मालवा और गुजरात ने 1456 में कुंभा के खिलाफ संधि की। दक्षिणी मेवाड़ गुजरात और शेष मालवा को देने का निर्णय। बाद में दोनों ने कई बार आक्रमण किए, लेकिन असफल रहे। 1459 में कुतुबुद्दीन की मृत्यु।
कुंभा के समय कलाओं का विकास
- विभिन्न संगीत ग्रंथों की रचना (संगीतराज, संगीत मीमांसा, रसिक प्रिया, सुधा प्रबंध, कामराज रतिसार)।
- चंडी शतक और संगीत रत्नाकर पर टीकाएँ भी लिखी।
- दरबार में कलाकारों की मौजूदगी (कान्ह व्यास, सारंग व्यास, अत्रिभट्ट, महेषभट्ट, मण्डन, नाथा, गोविन्द आदि)
- विभिन्न ग्रंथों की रचना (राजवल्लभ, रूपावतार मण्डन, देवतामूर्ति प्रकरण, रूपमडन, प्रासादमंडन, वस्तुमंडन)।
- वास्तुमंजरी, कलानिधि, उद्धार घोर्णी, द्वारदीपिका ग्रंथों।
कुंभा की उपाधियां
- हिन्दू सुरताण, अभिनव भरताचार्य, राणो रासो, हालगुरू, छापगुरु, दानगुरु, अश्वपति, नरपति, महाराजाधिराज, परमगुरु, महाराणा
ऊदा (1468-1473)
- कुंभा का पुत्र, कुंभलगढ़ में हत्या।
- प्रथम पितृहंता के रूप में जाना जाता है।
- आबू के देवड़ा सामंत को स्वतंत्र शासक बनाया।
- अजमेर और सांभर को जोधपुर को दिया।
- दिल्ली के शासक से मुलाकात।
- बिजली गिरने से मृत्यु।
रायमल (1473-1573)
- कुंभा का पुत्र।
- चित्तौड़ में अद्भुद जी का मंदिर बनवाया।
- उसकी पत्नी शृंगारदेवी ने घोसुंडी की बावड़ी का निर्माण करवाया।
- दिल्ली के शासक बहलोद लोदी ने आक्रमण किया।
- पुत्रों के बीच उत्तराधिकार विवाद।
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Description
इस क्विज़ में महाराणा कुम्भा के जीवन और उनके द्वारा की गई प्रमुख विजयें तथा उनके स्थापत्य कार्यों के बारे में जानकारी दी जाएगी। आप उनके महत्वपूर्ण संघर्षों और भारतीय इतिहास में उनके योगदान से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देंगे।