महाकुंभ और गंगा नदी में प्रदुषण

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Questions and Answers

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, संगम में गंगा नदी के पानी में बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) का सुरक्षित स्तर नहाने के लिए कितना होना चाहिए?

  • 3 मिग्रा/लीटर से कम (correct)
  • 10 मिग्रा/लीटर से कम
  • 5.09 मिग्रा/लीटर से कम
  • 3.94 मिग्रा/लीटर से कम

महाकुंभ के संदर्भ में, फीकल कॉलीफॉर्म की अधिकतम सुरक्षित सीमा नहाने लायक पानी में कितनी होनी चाहिए?

  • 1000 एमपीएन/100 एमएल से अधिक नहीं
  • 49000 एमपीएन/100 एमएल से अधिक नहीं
  • 2500 एमपीएन/100 एमएल से अधिक नहीं (correct)
  • 33000 एमपीएन/100 एमएल से अधिक नहीं

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से किस मुद्दे पर सवाल किया?

  • पेड़ों की कटाई
  • वायु प्रदूषण
  • औद्योगिक प्रदूषण
  • पानी की गुणवत्ता और सुरक्षा (correct)

गंगा नदी में प्रदूषित पानी से नहाने से निम्नलिखित में से कौन सी स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं?

<p>त्वचा रोग और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण (B)</p> Signup and view all the answers

भारत में जलजनित बीमारियों का मुख्य कारण क्या है?

<p>नदियों का जल प्रदूषण (A)</p> Signup and view all the answers

नमामि गंगे परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

<p>गंगा नदी को साफ़ करना (D)</p> Signup and view all the answers

सरकार द्वारा जारी की गई अजय सोनकर की रिपोर्ट में क्या दावा किया गया था?

<p>गंगा के पानी में कोई बैक्टीरियल वृद्धि नहीं है (C)</p> Signup and view all the answers

गंगा नदी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले जीडी अग्रवाल के साथ सरकार का रवैया कैसा था?

<p>उनकी अनदेखी की गई (A)</p> Signup and view all the answers

महाकुंभ के दौरान संगम में फीकल कॉलीफॉर्म का स्तर 20 जनवरी को कितना पाया गया?

<p>49000 एमपीएन/100 एमएल (A)</p> Signup and view all the answers

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के अनुसार, संगम का पानी कैसा है जबकि सीपीसीबी की रिपोर्टें इसके विपरीत हैं?

<p>पीने और नहाने के लिए ठीक है (A)</p> Signup and view all the answers

Flashcards

गंगा में BOD का स्तर

गंगा नदी में जैविक ऑक्सीजन की मांग (BOD) का स्तर जो सुरक्षित सीमा से अधिक पाया गया।

फीकल कॉलीफॉर्म

मानव और जानवरों के मल में पाए जाने वाले बैक्टीरिया का स्तर जो गंगा में अधिकतम सीमा से अधिक पाया गया।

जलजनित बीमारियाँ

प्रदूषित पानी में नहाने से होने वाली बीमारियाँ जैसे त्वचा रोग और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण।

नमामि गंगे परियोजना

गंगा नदी को साफ करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजना, जिस पर हज़ारों करोड़ रुपये खर्च किए गए।

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सरकार की प्रतिक्रिया

गंगा नदी में प्रदूषण की समस्या को स्वीकार करने और हल करने में सरकार की अनिच्छा।

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मोदी का वादा

2014 में नरेंद्र मोदी द्वारा गंगा को साफ़ करने का वादा, जिसके बाद भी स्थिति में कोई ख़ास सुधार नहीं हुआ।

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नहाने लायक पानी में फीकल कॉलीफॉर्म का स्तर

वह न्यूनतम स्तर जो नहाने लायक पानी में फीकल कॉलीफॉर्म का होना चाहिए.

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नहाने के लिए बीओडी का स्तर

यह वह न्यूनतम स्तर है जितना बीओडी नहाने के पानी में होना चाहिए.

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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी)

यह वह संस्था है जिसने उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पानी की सुरक्षा के बारे में सवाल किया।

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Study Notes

महाकुंभ और गंगा नदी का प्रदूषण

  • महाकुंभ एक विशाल मानव समागम है, जिसमे करोड़ों लोग भाग लेते है।
  • सरकारी आंकड़ों के अनुसार, महाकुंभ में 50 करोड़ से अधिक लोग सम्मिलित हुए।
  • हिन्दू धर्म में गहरी आस्था होने के बावजूद गंगा नदी का पानी पीने और नहाने के लिए सुरक्षित नहीं है।

प्रदूषण का स्तर और सीपीसीबी की रिपोर्ट

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, संगम में गंगा नदी का पानी पीने और डुबकी लगाने के लिए भी सुरक्षित नहीं है।
  • संगम पर बीओडी (बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड) का स्तर सुरक्षित सीमा से अधिक पाया गया।
    • महाकुंभ की शुरुआत में बीओडी लेवल 3.94 मिग्रा/लीटर था, जो बाद में 5.09 मिग्रा/लीटर तक बढ़ गया।
    • नहाने के लिए बीओडी 3 मिलीग्राम/लीटर से कम होना चाहिए।
  • फीकल कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया भी अधिकतम सीमा से अधिक पाया गया, जो मानव और जानवरों के मल में पाया जाता है।
    • 20 जनवरी को संगम में फीकल कॉलीफॉर्म का स्तर 49000 एमपीएन/100 एमएल पाया गया, जबकि यमुना नदी में यह 33000 एमपीएन/100 एमएल था।
    • नहाने लायक पानी में फीकल कॉलीफॉर्म का स्तर 2500 एमपीएन/100 एमएल से अधिक नहीं होना चाहिए।

एनजीटी और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

  • राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पानी के सुरक्षा स्तर के बारे में प्रश्न किया।
  • बोर्ड ने पुराने सैंपल्स की रिपोर्ट पेश की, जिसमें फीकल कॉलीफॉर्म के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं थी।
  • एनजीटी ने बोर्ड को फटकार लगाई और हाल के सैंपल्स पर आधारित रिपोर्ट की मांग की।
  • वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग न करके गलत रिपोर्ट देने का आरोप भी लगाया गया है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव और जलजनित बीमारियाँ

  • प्रदूषित पानी में स्नान करने से त्वचा रोग, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
  • फीकल कॉलीफॉर्म के उच्च स्तर से हैजा, टाइफाइड और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • भारत में 70% जलजनित बीमारियों का मुख्य कारण नदियों का जल प्रदूषण है।
  • महाकुंभ से वापस लौट रहे लोगों में लूज मोशंस, उल्टी और साँस लेने से संबंधित परेशानियाँ देखी जा रही हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया और नमामि गंगे परियोजना

  • नरेंद्र मोदी ने 2014 में गंगा को साफ़ करने का वादा किया था, लेकिन 10 साल बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
  • नमामि गंगे परियोजना पर 33000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने के बाद भी गंगा का पानी अभी तक नहाने लायक नहीं है।
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि संगम का पानी पीने और नहाने के लिए ठीक है, जबकि रिपोर्ट्स इसके विपरीत हैं।
  • सरकार ने अजय सोनकर नामक एक वैज्ञानिक की रिपोर्ट जारी की, जिसमें गंगा के पानी में किसी भी प्रकार की बैक्टीरियल वृद्धि नहीं होने का दावा किया गया, हालाँकि इस रिपोर्ट के बारे में कोई भी ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं है।

जीडी अग्रवाल और असली साधुओं का अपमान

  • जीडी अग्रवाल, जिन्होंने गंगा नदी के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, की सरकार ने अनदेखी की।
  • सरकार फ्रॉड बाबाओं के साथ मंच साझा करती है, लेकिन असली साधुओं के लिए कोई सम्मान नहीं दिखाती है।

निष्कर्ष

  • गंगा नदी में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, और सरकार इसे स्वीकार करने और हल करने के लिए तैयार नहीं है।
  • लोगों को गंगा में स्नान करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए और ऋषिकेश जैसे स्थानों पर स्नान करना चाहिए जहाँ पानी अपेक्षाकृत साफ़ है।
  • सरकार को गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए और लोगों को भ्रमित नहीं करना चाहिए।

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