Podcast
Questions and Answers
कन्या लग्न में प्रेम विवाह के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार होता है?
कन्या लग्न में प्रेम विवाह के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार होता है?
यदि कन्या लग्न में गुरु दशम भाव में मिथुन राशि में बैठा है, तो यह जातक के लिए क्या फल देता है?
यदि कन्या लग्न में गुरु दशम भाव में मिथुन राशि में बैठा है, तो यह जातक के लिए क्या फल देता है?
कन्या लग्न में अरेंज विवाह के लिए कौन सा ग्रह महत्वपूर्ण है और क्यों ?
कन्या लग्न में अरेंज विवाह के लिए कौन सा ग्रह महत्वपूर्ण है और क्यों ?
अगर जातक की कुंडली में दोनों विवाह योग मौजूद हैं, तो क्या अपेक्षित है?
अगर जातक की कुंडली में दोनों विवाह योग मौजूद हैं, तो क्या अपेक्षित है?
Signup and view all the answers
कन्या लग्न में केतु की स्थिति का क्या प्रभाव होता है?
कन्या लग्न में केतु की स्थिति का क्या प्रभाव होता है?
Signup and view all the answers
कन्या लग्न में विवाह योग्य आयु के दौरान यदि गुरु की दशा चल रही है, तो इसका क्या परिणाम होगा?
कन्या लग्न में विवाह योग्य आयु के दौरान यदि गुरु की दशा चल रही है, तो इसका क्या परिणाम होगा?
Signup and view all the answers
कन्या लग्न में विवाह के लिए सोचने की क्षमता का क्या महत्व होता है?
कन्या लग्न में विवाह के लिए सोचने की क्षमता का क्या महत्व होता है?
Signup and view all the answers
कन्या लग्न में यदि केतु लग्न में बैठा है, तो क्या होता है?
कन्या लग्न में यदि केतु लग्न में बैठा है, तो क्या होता है?
Signup and view all the answers
क्या कन्या लग्न में विवाह के बाद जातक की आर्थिक स्थिति कैसे होती है?
क्या कन्या लग्न में विवाह के बाद जातक की आर्थिक स्थिति कैसे होती है?
Signup and view all the answers
कन्या लग्न में प्रेम विवाह के योग किस ग्रह की दशम भाव में स्थिति से बनते हैं?
कन्या लग्न में प्रेम विवाह के योग किस ग्रह की दशम भाव में स्थिति से बनते हैं?
Signup and view all the answers
जिस समय केतु लग्न में कन्या राशि में होता है, उस स्थिति में जातक के विवाह का प्रकार क्या होता है?
जिस समय केतु लग्न में कन्या राशि में होता है, उस स्थिति में जातक के विवाह का प्रकार क्या होता है?
Signup and view all the answers
कन्या लग्न के जातकों में प्रेम विवाह के बाद आर्थिक स्थिति में क्या परिवर्तन होता है?
कन्या लग्न के जातकों में प्रेम विवाह के बाद आर्थिक स्थिति में क्या परिवर्तन होता है?
Signup and view all the answers
कन्या लग्न के जातकों की सोचने की क्षमता के बारे में क्या कहा गया है?
कन्या लग्न के जातकों की सोचने की क्षमता के बारे में क्या कहा गया है?
Signup and view all the answers
कन्या लग्न में गुरु की स्थिति से क्या लाभ प्राप्त होता है?
कन्या लग्न में गुरु की स्थिति से क्या लाभ प्राप्त होता है?
Signup and view all the answers
यदि किसी जातक की कुंडली में गुरु और केतु दोनों योग मौजूद हैं, तो विवाह के संबंध में सबसे पहले किसका ध्यान दिया जाना चाहिए?
यदि किसी जातक की कुंडली में गुरु और केतु दोनों योग मौजूद हैं, तो विवाह के संबंध में सबसे पहले किसका ध्यान दिया जाना चाहिए?
Signup and view all the answers
कन्या लग्न के जातकों की प्रेम विवाह और अरेंज विवाह के संबंध में क्या विशेषता है?
कन्या लग्न के जातकों की प्रेम विवाह और अरेंज विवाह के संबंध में क्या विशेषता है?
Signup and view all the answers
कन्या लग्न में जिन जातकों का अरेंज विवाह होता है, उनकी आर्थिक स्थिति कैसे रहती है?
कन्या लग्न में जिन जातकों का अरेंज विवाह होता है, उनकी आर्थिक स्थिति कैसे रहती है?
Signup and view all the answers
कन्या लग्न के जिन जातकों में जल्दी निर्णय लेने की प्रवृत्ति होती है, उनमें क्या विशेषता होती है?
कन्या लग्न के जिन जातकों में जल्दी निर्णय लेने की प्रवृत्ति होती है, उनमें क्या विशेषता होती है?
Signup and view all the answers
तुला लग्न में शनि की स्थिति विवाह योगों पर किस प्रकार प्रभाव डालती है?
तुला लग्न में शनि की स्थिति विवाह योगों पर किस प्रकार प्रभाव डालती है?
Signup and view all the answers
चतुर्थ भाव का स्वामी विवाह योग को कैसे प्रभावित करता है?
चतुर्थ भाव का स्वामी विवाह योग को कैसे प्रभावित करता है?
Signup and view all the answers
सप्तमेश मंगल की स्थिति से क्या समझा जा सकता है?
सप्तमेश मंगल की स्थिति से क्या समझा जा सकता है?
Signup and view all the answers
किस स्थिति में चतुर्थ भाव को डीएक्टिवेट किया जाता है?
किस स्थिति में चतुर्थ भाव को डीएक्टिवेट किया जाता है?
Signup and view all the answers
आलेख में लव मैरिज और अरेंज मैरिज के लिए कौन सी बात सही है?
आलेख में लव मैरिज और अरेंज मैरिज के लिए कौन सी बात सही है?
Signup and view all the answers
यदि मंगल लग्न में है, तो यह किस प्रकार का परिणाम देता है?
यदि मंगल लग्न में है, तो यह किस प्रकार का परिणाम देता है?
Signup and view all the answers
किस बात को ध्यान में नहीं रखना चाहिए जब विवाह योगों का विश्लेषण किया जाता है?
किस बात को ध्यान में नहीं रखना चाहिए जब विवाह योगों का विश्लेषण किया जाता है?
Signup and view all the answers
ग्रहों की फल देने की प्रवृत्ति क्यों महत्वपूर्ण है?
ग्रहों की फल देने की प्रवृत्ति क्यों महत्वपूर्ण है?
Signup and view all the answers
तुला लग्न में मंगल की कार्यप्रवृत्ति क्या है?
तुला लग्न में मंगल की कार्यप्रवृत्ति क्या है?
Signup and view all the answers
लग्न का क्या महत्व है?
लग्न का क्या महत्व है?
Signup and view all the answers
यदि लग्न भाव _____ है, तो निश्चित ही शरीर में कमजोरी रहेगी।
यदि लग्न भाव _____ है, तो निश्चित ही शरीर में कमजोरी रहेगी।
Signup and view all the answers
लग्न को पहले भाव के रूप में हमेशा माना जाता है।
लग्न को पहले भाव के रूप में हमेशा माना जाता है।
Signup and view all the answers
सूर्य यदि लग्न में विराजमान हो, तो इससे क्या पता चलता है?
सूर्य यदि लग्न में विराजमान हो, तो इससे क्या पता चलता है?
Signup and view all the answers
पूर्वी क्षितिज पर जिस भी राशि का _____ हो रहा होता है, वही जातक का लग्न होता है।
पूर्वी क्षितिज पर जिस भी राशि का _____ हो रहा होता है, वही जातक का लग्न होता है।
Signup and view all the answers
प्रसूति के समय सबसे पहले कौन सा अंग दिखाई देता है?
प्रसूति के समय सबसे पहले कौन सा अंग दिखाई देता है?
Signup and view all the answers
सूर्य किस भाव में होने पर जातक का जन्म दोपहर में होता है?
सूर्य किस भाव में होने पर जातक का जन्म दोपहर में होता है?
Signup and view all the answers
शरीर के अंगों को उनके संबंधित भावों से मिलाएँ:
शरीर के अंगों को उनके संबंधित भावों से मिलाएँ:
Signup and view all the answers
लग्न का क्या महत्व है?
लग्न का क्या महत्व है?
Signup and view all the answers
लग्न की स्थिति से यह पता चलता है कि व्यक्ति का जन्म सुबह हुआ है।
लग्न की स्थिति से यह पता चलता है कि व्यक्ति का जन्म सुबह हुआ है।
Signup and view all the answers
यदि सूर्य दशम भाव में हो, तो जन्म का समय क्या होगा?
यदि सूर्य दशम भाव में हो, तो जन्म का समय क्या होगा?
Signup and view all the answers
लग्न की अवधि ___________ होती है।
लग्न की अवधि ___________ होती है।
Signup and view all the answers
सभी भावों को उनके आधिपत्य के साथ मिलाएं:
सभी भावों को उनके आधिपत्य के साथ मिलाएं:
Signup and view all the answers
12 भावों का क्या कार्य है?
12 भावों का क्या कार्य है?
Signup and view all the answers
सूर्य की स्थिति से जन्म का समय नहीं पता चलता।
सूर्य की स्थिति से जन्म का समय नहीं पता चलता।
Signup and view all the answers
लग्न का क्या महत्व है?
लग्न का क्या महत्व है?
Signup and view all the answers
जन्म के समय पूर्वी क्षितिज पर जो राशि उदय हो रही होती है वही जातक का ______ कहलाता है।
जन्म के समय पूर्वी क्षितिज पर जो राशि उदय हो रही होती है वही जातक का ______ कहलाता है।
Signup and view all the answers
अगर सूर्य लग्न में हो तो इसका क्या मतलब है?
अगर सूर्य लग्न में हो तो इसका क्या मतलब है?
Signup and view all the answers
सूर्य की स्थिति के आधार पर जातक के जन्म का समय तय नहीं हो सकता।
सूर्य की स्थिति के आधार पर जातक के जन्म का समय तय नहीं हो सकता।
Signup and view all the answers
कौन सा भाव अष्टम भाव का कार्य है?
कौन सा भाव अष्टम भाव का कार्य है?
Signup and view all the answers
पहले कौन सा अंग बाहर आता है जब जातक जन्म लेता है?
पहले कौन सा अंग बाहर आता है जब जातक जन्म लेता है?
Signup and view all the answers
पैर का पंजा बाहर आते-आते जातक अपनी माता के गर्भ से मुक्त होगा और इसे ______ का भाव कहा गया है।
पैर का पंजा बाहर आते-आते जातक अपनी माता के गर्भ से मुक्त होगा और इसे ______ का भाव कहा गया है।
Signup and view all the answers
जातक का जन्म समय जानने के लिए हमें सूर्य की गति का ध्यान नहीं रखना चाहिए।
जातक का जन्म समय जानने के लिए हमें सूर्य की गति का ध्यान नहीं रखना चाहिए।
Signup and view all the answers
Study Notes
कन्या लग्न में विवाह योग
- कन्या लग्न में गुरु दशम भाव में (मिथुन राशि) बैठा हो तो प्रेम विवाह होता है.
- जातक आर्थिक रूप से उन्नति करते हैं, जल्दबाज़ी की आदत होती है और सोचने की क्षमता कम होती है.
- कन्या लग्न में केतु लग्न में ही (कन्या राशि) बैठा हो तो अरेंज मैरिज होती है.
- जातक जीवन साथी की तरफ़ आकर्षित रहते हैं, उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं, सोचने की क्षमता कम होती है, भौतिक सुखों में रुचि लेते हैं और आर्थिक रूप से सफल होते हैं.
- दोनों योग (गुरु दशम भाव में और केतु लग्न में) मौजूद हों तो जीवन साथी अपरिचित नहीं होता, चाहे प्रेम विवाह हो या अरेंज मैरिज.
- विवाह योग्य आयु में गुरु की दशा अंतर दशा चल रही हो तो प्रेम विवाह और केतु की दशा अत दशा चल रही हो तो अरेंज मैरिज होगी.
वैवाहिक मिलान
- चतुर्थ भाव का स्वामी (चुतर्थेश) अपने भाव से सप्तम (दशम भाव) में बैठे तो प्रेम विवाह होता है.
- सप्तमेश अपने भाव से सप्तम (लग्न) में बैठे तो अरेंज विवाह होता है.
- तुला लग्न में शनि दशम भाव में (कर्क राशि) होने पर लव मैरिज नहीं हो पाती, शनि दशम भाव को बढ़ाता है और चतुर्थ भाव (लव मैरिज) को डीएक्टिवेट करता है.
- तुला लग्न में मंगल लग्न में (तुला राशि) होने पर अरेंज मैरिज होती है, मंगल सप्तम भाव को एक्टिवेट करता है और चतुर्थ भाव को डीएक्टिवेट करता है, धन, कुटुंब और परिवार का सुख देता है.
- किसी भी सूत्र को अक्षरशः लागू न करें, ग्रह की प्रवृत्ति को देखें, सूत्र और ग्रह की प्रवृत्ति के तालमेल से ही सही फल कथन होता है.
लग्न का महत्व
- लग्न शरीर को दर्शाता है और लग्न का सीधा संबंध शरीर की स्वास्थ्य और मान-सम्मान से है।
- कमजोर लग्न, शरीर में कमजोरी और बीमारियों का संकेत हो सकता है।
- मजबूत लग्न स्वास्थ्य, सौंदर्य और मान-सम्मान का प्रतीक है।
- पूर्वी क्षितिज पर उगते हुए राशि का जन्म के समय लग्न होता है।
- जन्म समय के आधार पर, सूर्य की स्थिति लग्न में, दशम भाव में, सप्तम भाव में और चतुर्थ भाव में होने पर क्रमशः सुबह, दोपहर, शाम और आधी रात का जन्म माना जाता है।
- सभी लग्न की अवधि एक समान नहीं होती है, कुछ लग्न दो घंटे से कम होते हैं और कुछ दो घंटे से अधिक होते हैं।
- जन्म समय के विचार के लिए, सूर्य को लग्न से शुरुआत करते हुए, हर दो घंटे में एक भाव आगे चलते रहें।
- सूर्य और अन्य ग्रहों की गति को एंटी क्लॉक वाइज देखा जाता है, लेकिन जन्म समय का पता लगाने के लिए सूर्य को क्लॉक वाइज ही देखना होता है।
- जन्म के समय पूर्वी क्षितिज पर जो भी राशि उदय हो रही हो, वो जातक का लग्न होता है।
- लग्न शरीर की धुरी है और बाकी भाव इसके सहायक भाव हैं।
12 भावों का संबंध शरीर से
- प्रथम भाव (लग्न): कपाल और ललाट
- द्वितीय भाव: आंख, नाक, कान, मुंह
- तृतीय भाव: कंधे
- चतुर्थ भाव: छाती
- पंचम भाव: पेट
- षष्ठ भाव: कमर और कटी प्रदेश
- सप्तम भाव: जननांग
- अष्टम भाव: मलद्वार
- नवम भाव: जांगे
- दशम भाव: घुटने
- एकादश भाव: टांगे
- द्वादश भाव: पैर का पंजा
12 भावों की व्याख्या
- द्वादश भाव मोक्ष का भाव मान्य है क्योंकि जातक पैर का पंजा बाहर निकालने के बाद माता के गर्भ से मुक्त होता है।
- 12 भावों का संबंध शरीर के अंगो से होता है और जब कोई भाव सक्रिय या निष्क्रिय होता है, तो उस भाव से जुड़े अंग में दुख या सुख अनुभव होगा।
- दशा और अंतर दशा के समय सक्रिय या निष्क्रिय भाव के आधार पर शरीर के अंग से संबंधित फल का अनुमान लगाये जा सकते है।
लग्न का महत्व
- लग्न शरीर की धुरी है, जन्म स्थल है। बाकी भाव लग्न के सहायक हैं।
- लग्न कमजोर होने पर शरीर कमजोर होगा, लग्न मजबूत होने पर शरीर स्वस्थ और सुंदर रहेगा।
- लग्न के द्वारा जातक का मान-सम्मान भी प्रभावित होता है।
लग्न कैसे तय होता है?
- पूर्वी क्षितिज पर जिस राशि का उदय होता है, वो जातक का लग्न होता है।
- लग्न = शरीर = पूर्व दिशा
- सूर्य लग्न में होने पर जातक का जन्म सुबह के समय होगा।
- सूर्य दशम भाव में होने पर दोपहर, सप्तम भाव में होने पर संध्या और चतुर्थ भाव में होने पर अर्धरात्रि का जन्म होता है।
- सूर्य की स्थिति से जन्म समय का पता चलता है।
- सभी लग्न की अवधि समान नहीं होती।
- जन्म समय जानने के लिए सूर्य को कुंडली में क्लॉक वाइज देखें।
- पूर्वी क्षितिज पर उदय हो रही राशि ही लग्न है।
लग्न और शरीर
- लग्न = ब्रह्म
- लग्न, काल पुरुष की कुंडली की तरह है।
- सभी भाव मिलकर शरीर की रचना करते हैं।
- प्रसूति के समय जिस क्रम में शरीर के अंग बाहर निकलते हैं, वही भावों का क्रम होता है।
- कपाल (प्रथम भाव)
- आंख, नाक, कान, मुंह (द्वितीय भाव)
- कंधे (तीसरा भाव)
- छाती (चतुर्थ भाव)
- पेट (पंचम भाव)
- कमर (छठा भाव)
- जननांग (सप्तम भाव)
- मलद्वार (अष्टम भाव)
- जांघें (नवम भाव)
- घुटने (दशम भाव)
- टांगे (एकादश भाव)
- पैर का पंजा (द्वादश भाव)
- पैर का पंजा बाहर आने पर जातक माता के गर्भ से मुक्त हो जाता है।
- द्वादश भाव को "मोक्ष का भाव" कहा जाता है।
लग्न भावों का महत्व
- किसी भी भाव के सक्रिय या निष्क्रिय होने पर संबंधित अंग में दुख या सुख होता है।
- इस ज्ञान से कुंडली में अंतर दशा की गणना में सटीकता आएगी।
लग्न का महत्व
- लग्न एक महत्वपूर्ण स्थान है और शरीर का प्रतिनिधित्व करता है।
- कमजोर लग्न शरीर में कमजोरी का संकेत देता है।
- मजबूत लग्न स्वस्थ और सुंदर शरीर का संकेत देता है।
- लग्न जातक के मान-सम्मान का भी प्रतिनिधित्व करता है।
लग्न निर्धारण
- पूर्वी क्षितिज पर उदय होने वाली राशि लग्न होती है।
- सूर्य पूर्व दिशा में उदय होने के कारण पूर्व दिशा को लग्न माना गया है।
- सूर्य की स्थिति से जन्म समय का अंदाजा लगाया जा सकता है।
भावों का महत्व
- 12 भाव शरीर को संपूर्णता प्रदान करते हैं।
- प्रत्येक भाव शरीर के एक अंग का प्रतिनिधित्व करता है।
- प्रसूति के समय शरीर के अंगों के बाहर आने का क्रम भावों का आधिपत्य निर्धारित करता है।
- 12वें भाव को मोक्ष का भाव कहा गया है।
भावों का प्रभाव
- किसी भी भाव की दशा या अंतरदशा के सक्रिय या निष्क्रिय होने पर संबंधित अंग में दुख या सुख का अनुभव हो सकता है।
- भावों को समझने से फल कथन में सटीकता लाने में मदद मिल सकती है।
Studying That Suits You
Use AI to generate personalized quizzes and flashcards to suit your learning preferences.
Related Documents
Description
इस क्विज में हम कन्या लग्न में विवाह योग के विभिन्न पहलुओं को समझेंगे। जानेंगे कि कैसे गुरु और केतु की स्थिति प्रेम और अरेंज विवाह को प्रभावित करती है। विभिन्न भावों के आधार पर विवाह के योगों का विश्लेषण भी किया जाएगा।