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Questions and Answers
धातु का परावैद्युतांक [dielectric constant] होता है?
धातु का परावैद्युतांक [dielectric constant] होता है?
- अनन्त (correct)
- एक
- शून्य
- इनमें से कोई नहीं।
द्विध्रुव आघूर्ण p वाले द्विध्रुव के कारण इसके केंद्र से दूरी r पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E की r पर निर्भरता होती है?
द्विध्रुव आघूर्ण p वाले द्विध्रुव के कारण इसके केंद्र से दूरी r पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E की r पर निर्भरता होती है?
- E∝1/r
- E∝1/r²
- E∝r
- E∝1/r³ (correct)
निर्वात [vacuum] की विद्युत्शीलता ε₀ का मान होता है?
निर्वात [vacuum] की विद्युत्शीलता ε₀ का मान होता है?
- 9×10⁸ न्यूटन × मीटर²/कूलॉम²
- 9×10⁹ कूलॉम²/न्यूटन × मीटर²
- 8.85×10⁻¹² कूलॉम
- 8.85×10⁻¹² कूलॉम²/न्यूटन × मीटर² (correct)
विद्युत् द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक है?
विद्युत् द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक है?
आवेश का विमीय सूत्र ________ है।
आवेश का विमीय सूत्र ________ है।
विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का SI मात्रक ________ है।
विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का SI मात्रक ________ है।
विद्युत क्षेत्र का विमीय सूत्र ________ है।
विद्युत क्षेत्र का विमीय सूत्र ________ है।
दो बिन्दु आवेश-q तथा +q दूरी l पर स्थित हैं, द्विध्रुव आघूर्ण ________ होगा।
दो बिन्दु आवेश-q तथा +q दूरी l पर स्थित हैं, द्विध्रुव आघूर्ण ________ होगा।
मूल आवेश का मान कितना होता है?
मूल आवेश का मान कितना होता है?
विद्युत फ्लक्स अदिश है या सदिश राशि। इसका SI मात्रक लिखिए।
विद्युत फ्लक्स अदिश है या सदिश राशि। इसका SI मात्रक लिखिए।
विद्युत् द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा क्या होती है ?
विद्युत् द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा क्या होती है ?
एक खोखले आवेशित चालक के अंदर विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता का मान बताइये।
एक खोखले आवेशित चालक के अंदर विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता का मान बताइये।
आवेशों के क्वाण्टीकरण [quantization] का कारण इलेक्ट्रॉन का स्थानांतरण पूर्ण गुणक के रूप में होना है।
आवेशों के क्वाण्टीकरण [quantization] का कारण इलेक्ट्रॉन का स्थानांतरण पूर्ण गुणक के रूप में होना है।
एक खोखले चालक के अंदर विद्युत बल रेखाएँ नहीं गुजरती है।
एक खोखले चालक के अंदर विद्युत बल रेखाएँ नहीं गुजरती है।
कूलॉम का व्युत्क्रम वर्ग नियम [inverse square law], गतिमान आवेशों के लिए सत्य है?
कूलॉम का व्युत्क्रम वर्ग नियम [inverse square law], गतिमान आवेशों के लिए सत्य है?
विद्युत क्षेत्र की दिशा धनावेश से ऋणावेश की ओर होती है।
विद्युत क्षेत्र की दिशा धनावेश से ऋणावेश की ओर होती है।
विद्युत् धारिता [electric capacitance] का SI मात्रक है?
विद्युत् धारिता [electric capacitance] का SI मात्रक है?
एक गोलीय चालक की धारिता का सूत्र है?
एक गोलीय चालक की धारिता का सूत्र है?
समान्तर प्लेट संधारित्र की दो प्लेटों के बीच विभान्तर नियत है। जब प्लेटों के बीच वायु [air] के स्थान पर परावैद्युत पदार्थ रख दिया जाता है, तो विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता?
समान्तर प्लेट संधारित्र की दो प्लेटों के बीच विभान्तर नियत है। जब प्लेटों के बीच वायु [air] के स्थान पर परावैद्युत पदार्थ रख दिया जाता है, तो विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता?
समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी बढ़ाने से उसकी धारिता?
समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी बढ़ाने से उसकी धारिता?
1 फैरड = एक कूलॉम/ ________
1 फैरड = एक कूलॉम/ ________
विद्युत विभव का विमीय सूत्र ________ है।
विद्युत विभव का विमीय सूत्र ________ है।
पृथ्वी का विभव ________ माना जाता है।
पृथ्वी का विभव ________ माना जाता है।
बिन्दु आवेश q के कारण इससे दूरी r पर विभव = ________
बिन्दु आवेश q के कारण इससे दूरी r पर विभव = ________
चालक की स्थितिज ऊर्जा = ________
चालक की स्थितिज ऊर्जा = ________
कुचालक माध्यम [insulating medium] की उपस्थिति [presence] का विभव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
कुचालक माध्यम [insulating medium] की उपस्थिति [presence] का विभव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता का सूत्र लिखिए।
समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता का सूत्र लिखिए।
संधारित्रों [capacitors] को श्रेणीक्रम [series] में कब जोड़ा जाता है ?
संधारित्रों [capacitors] को श्रेणीक्रम [series] में कब जोड़ा जाता है ?
दो समान धारिता C के संधारित्र समान्तर क्रम [parallel order] में जुड़े हैं। परिणामी धारिता कितनी होगी ?
दो समान धारिता C के संधारित्र समान्तर क्रम [parallel order] में जुड़े हैं। परिणामी धारिता कितनी होगी ?
किसी आवेशित चालक [charged conductor] का विभव [prospective], चालक के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर होता है।
किसी आवेशित चालक [charged conductor] का विभव [prospective], चालक के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर होता है।
किसी चालक [conductor] को असीमित [unlimited] आवेश दिया जा सकता है।
किसी चालक [conductor] को असीमित [unlimited] आवेश दिया जा सकता है।
जब धारिता बढ़ानी हो, तो संधारित्रों को श्रेणी क्रम [series] में जोड़ा जाता है।
जब धारिता बढ़ानी हो, तो संधारित्रों को श्रेणी क्रम [series] में जोड़ा जाता है।
द्विध्रुव की निरक्षीय स्थिति [equatorial position] में किसी बिन्दु [point] पर विद्युत विभव [electric potential] शून्य होता है।
द्विध्रुव की निरक्षीय स्थिति [equatorial position] में किसी बिन्दु [point] पर विद्युत विभव [electric potential] शून्य होता है।
एक तार का विशिष्ट प्रतिरोध [specific resistance] निर्भर करता है?
एक तार का विशिष्ट प्रतिरोध [specific resistance] निर्भर करता है?
ओह्मीय प्रतिरोध है?
ओह्मीय प्रतिरोध है?
ताप [heat] बढ़ाने पर प्रतिरोध [resistance] घटता है?
ताप [heat] बढ़ाने पर प्रतिरोध [resistance] घटता है?
धारा घनत्व [current density] का S.I. मात्रक है?
धारा घनत्व [current density] का S.I. मात्रक है?
________ के नियमानुसार किसी चालक [conductor] की भौतिक अवस्था [physical state] में परिवर्तन न हो तो उसमें प्रवाहित विद्युत धारा [electric current] उसके सिरों [terminals] में आरोपित विभवान्तर [potential difference] के अनुक्रमानुपाती होता है।
________ के नियमानुसार किसी चालक [conductor] की भौतिक अवस्था [physical state] में परिवर्तन न हो तो उसमें प्रवाहित विद्युत धारा [electric current] उसके सिरों [terminals] में आरोपित विभवान्तर [potential difference] के अनुक्रमानुपाती होता है।
किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लम्बाई बढ़ाने पर ________ जाता है।
किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लम्बाई बढ़ाने पर ________ जाता है।
ओम के नियम का V-I ग्राफ एक ________ होती है।
ओम के नियम का V-I ग्राफ एक ________ होती है।
किरचॉफ का प्रथम नियम किस नियम पर आधारित है?
किरचॉफ का प्रथम नियम किस नियम पर आधारित है?
किरचॉफ का द्वितीय नियम किस नियम के अनुकूल है ?
किरचॉफ का द्वितीय नियम किस नियम के अनुकूल है ?
विद्युत धारा की दिशा क्या होती है ?
विद्युत धारा की दिशा क्या होती है ?
विद्युत शक्ति का S.I. मात्रक लिखिए।
विद्युत शक्ति का S.I. मात्रक लिखिए।
अनुगमन [tracking] वेग [speed] पर ताप [heat] का क्या प्रभाव पड़ता है ?
अनुगमन [tracking] वेग [speed] पर ताप [heat] का क्या प्रभाव पड़ता है ?
अर्ध कंडक्टर [semi-conductor] का प्रतिरोध [resistance] ताप गुणांक ऋणात्मक [negative] होता है ?
अर्ध कंडक्टर [semi-conductor] का प्रतिरोध [resistance] ताप गुणांक ऋणात्मक [negative] होता है ?
विद्युत धारा प्रवाह [electric current flow] की दिशा, धनावेशो से प्रवाह की दिशा के अनुदिश [longitudinal] होती है।
विद्युत धारा प्रवाह [electric current flow] की दिशा, धनावेशो से प्रवाह की दिशा के अनुदिश [longitudinal] होती है।
चालक में धारा प्रवाह, मुक्त इलेक्ट्रॉनों [free electrons] के कारण होता है।
चालक में धारा प्रवाह, मुक्त इलेक्ट्रॉनों [free electrons] के कारण होता है।
चालक का प्रतिरोध ताप गुणांक धनात्मक होता है।
चालक का प्रतिरोध ताप गुणांक धनात्मक होता है।
ऐम्पियर [ampere] का परिपथीय [orbital] नियम [rule] है?
ऐम्पियर [ampere] का परिपथीय [orbital] नियम [rule] है?
एकसमान [homogeneous] चुम्बकीय क्षेत्र [magnetic field] में गतिमान [moving] आवेश [charge] पर लगने वाला बल है?
एकसमान [homogeneous] चुम्बकीय क्षेत्र [magnetic field] में गतिमान [moving] आवेश [charge] पर लगने वाला बल है?
चुम्बकनशीलता [permeability] का SI मात्रक ________ है।
चुम्बकनशीलता [permeability] का SI मात्रक ________ है।
चुम्बकीय क्षेत्र का विमीय सूत्र ________ है।
चुम्बकीय क्षेत्र का विमीय सूत्र ________ है।
धारावाही परिनालिका ________ की भाँति व्यवहार करती है।
धारावाही परिनालिका ________ की भाँति व्यवहार करती है।
चुम्बकीय क्षेत्र एक ________ राशि है।
चुम्बकीय क्षेत्र एक ________ राशि है।
शंट [shunt] के उपयोग से धारामापी [ammeter] की ________ कम हो जाती है।
शंट [shunt] के उपयोग से धारामापी [ammeter] की ________ कम हो जाती है।
एक आदर्श वोल्टमीटर [voltmeter] का प्रतिरोध ________ होता है।
एक आदर्श वोल्टमीटर [voltmeter] का प्रतिरोध ________ होता है।
किसी विद्युत परिपथ में वोल्टमीटर को सदैव ________ में जोड़ा जाता है।
किसी विद्युत परिपथ में वोल्टमीटर को सदैव ________ में जोड़ा जाता है।
एक गतिमान आवेश कौन-सा क्षेत्र उत्पन्न करता है ?
एक गतिमान आवेश कौन-सा क्षेत्र उत्पन्न करता है ?
धारामापी को वोल्टमीटर में कैसे परिवर्तित करते हैं ?
धारामापी को वोल्टमीटर में कैसे परिवर्तित करते हैं ?
चुम्बकीय [magnetic] क्षेत्र में गतिशील [mobile] आवेशित [charge] कण [particle] पर लगने वाले बल को क्या कहते हैं ?
चुम्बकीय [magnetic] क्षेत्र में गतिशील [mobile] आवेशित [charge] कण [particle] पर लगने वाले बल को क्या कहते हैं ?
विद्युत् धारा के चुंबकीय [magnetic] प्रभाव [effect] की खोज ओस्टेंड [austend] ने की थी?
विद्युत् धारा के चुंबकीय [magnetic] प्रभाव [effect] की खोज ओस्टेंड [austend] ने की थी?
चुंबकीय [magnetic] क्षेत्र का मात्रक वेबर / मीटर² है?
चुंबकीय [magnetic] क्षेत्र का मात्रक वेबर / मीटर² है?
किसी धारावाही [current carrying] चालक [driver] में चुंबकीय [magnetic] क्षेत्र में लगने वाले चुंबकीय [magnetic] बल [strength] की दिशा फ्लेमिंग के बांये हाथ के नियम से दी जाती है।
किसी धारावाही [current carrying] चालक [driver] में चुंबकीय [magnetic] क्षेत्र में लगने वाले चुंबकीय [magnetic] बल [strength] की दिशा फ्लेमिंग के बांये हाथ के नियम से दी जाती है।
वेबर / मीटर² मात्रक है?
वेबर / मीटर² मात्रक है?
लौह चुंबकीय [ferromagnetic] पदार्थ [material] का उदाहरण [example] है?
लौह चुंबकीय [ferromagnetic] पदार्थ [material] का उदाहरण [example] है?
निम्न [Low] की चुंबकीय प्रवृत्ति अल्प [minor] किंतु धनात्मक [positive] होती है?
निम्न [Low] की चुंबकीय प्रवृत्ति अल्प [minor] किंतु धनात्मक [positive] होती है?
एक चुंबकीय सुई [magnetic needle] को एक असमान [inhomogeneous] चुंबकीय क्षेत्र [magnetic field] में रखा जाता है । वह अनुभव करती है?
एक चुंबकीय सुई [magnetic needle] को एक असमान [inhomogeneous] चुंबकीय क्षेत्र [magnetic field] में रखा जाता है । वह अनुभव करती है?
ध्रुव प्राबल्य [pole strength] का SI मात्रक ________ है।
ध्रुव प्राबल्य [pole strength] का SI मात्रक ________ है।
प्रतिचुंबकीय [antimagnetic] पदार्थ प्रबल चुंबक [magnet] से ________ होते हैं।
प्रतिचुंबकीय [antimagnetic] पदार्थ प्रबल चुंबक [magnet] से ________ होते हैं।
चुंबकीय [magnetic] आघूर्ण [moment] की दिशा [direction] S-ध्रुव से N-ध्रुब की ओर ________ के अनुदिश [longitudinal] होती है।
चुंबकीय [magnetic] आघूर्ण [moment] की दिशा [direction] S-ध्रुव से N-ध्रुब की ओर ________ के अनुदिश [longitudinal] होती है।
Flashcards
वद्युत द्विध्रुव आघूर्ण
वद्युत द्विध्रुव आघूर्ण
वद्युत द्विध्रुव आघूर्ण, आवेश और दूरी का गुणनफल है।
वद्युत फ्लक्स
वद्युत फ्लक्स
यह एक अदिश राशि है। इसका SI मात्रक Nm²/C है।
द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा
द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा
द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा ऋणात्मक आवेश से धनात्मक आवेश की ओर होती है।
आवेश का क्वांटीकरण
आवेश का क्वांटीकरण
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खोखले चालक में विद्युत क्षेत्र
खोखले चालक में विद्युत क्षेत्र
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विद्युत विभव का मात्रक
विद्युत विभव का मात्रक
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संधारित्र में ऊर्जा
संधारित्र में ऊर्जा
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परावैद्युत का प्रभाव
परावैद्युत का प्रभाव
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समानांतर प्लेट संधारित्र की धारिता
समानांतर प्लेट संधारित्र की धारिता
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श्रेणी में संधारित्र
श्रेणी में संधारित्र
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विद्युत धारा की दिशा
विद्युत धारा की दिशा
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चुंबकीय सुग्राहिता मात्रक
चुंबकीय सुग्राहिता मात्रक
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आदर्श वोल्टमीटर प्रतिरोध
आदर्श वोल्टमीटर प्रतिरोध
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वोल्टमीटर का संयोजन
वोल्टमीटर का संयोजन
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एमीटर से वोल्टमीटर
एमीटर से वोल्टमीटर
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चुंबकीय आघूर्ण दिशा
चुंबकीय आघूर्ण दिशा
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कमजोर चुंबकत्व
कमजोर चुंबकत्व
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चुंबक द्वारा प्रतिकर्षित
चुंबक द्वारा प्रतिकर्षित
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लेन्ज का नियम क्या है?
लेन्ज का नियम क्या है?
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विद्युत चुम्बकीय तरंगें कैसे उत्पन्न होती हैं?
विद्युत चुम्बकीय तरंगें कैसे उत्पन्न होती हैं?
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सबसे अधिक आवृत्ति वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगें
सबसे अधिक आवृत्ति वाली विद्युत चुम्बकीय तरंगें
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जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है तो क्या होता है?
जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है तो क्या होता है?
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लेंस की क्षमता और फोकस दूरी के बीच संबंध
लेंस की क्षमता और फोकस दूरी के बीच संबंध
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तरंग सिद्धांत किसने दिया?
तरंग सिद्धांत किसने दिया?
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प्रकाश तरंगों का अध्यारोपण क्या कहलाता है?
प्रकाश तरंगों का अध्यारोपण क्या कहलाता है?
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धातु की सतह से इलेक्ट्रॉन निकलना क्या कहलाता है?
धातु की सतह से इलेक्ट्रॉन निकलना क्या कहलाता है?
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द्रव्य तरंगों की अवधारणा किसने दी?
द्रव्य तरंगों की अवधारणा किसने दी?
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देहली आवृत्ति
देहली आवृत्ति
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बोर की त्रिज्या
बोर की त्रिज्या
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आइंस्टीन का द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण
आइंस्टीन का द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण
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Study Notes
ज़रूर, यहाँ टेक्स्ट पर आधारित अध्ययन नोट्स दिए गए हैं:
एमपी बोर्ड परीक्षा 2024-25: कक्षा 12वीं भौतिक शास्त्र - महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न
विद्युत आवेश तथा क्षेत्र
- धातु का परावैद्युतांक अनन्त होता है।
- द्विध्रुव आघूर्ण p वाले द्विध्रुव के कारण केंद्र से r दूरी पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E, E∝1/r³ के रूप में r पर निर्भर करती है।
- निर्वात की विद्युत्शीलता ε₀ का मान 8.85×10⁻¹² कूलॉम²/न्यूटन × मीटर² है।
- विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक कूलॉम × मीटर है।
- आवेश का विमीय सूत्र AT है।
- विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का SI मात्रक न्यूटन प्रति कूलम्ब है।
- विद्युत क्षेत्र का विमीय सूत्र [M1L1A⁻¹T⁻³] है।
- दो बिंदु आवेश -q और +q एक दूसरे से l दूरी पर होने पर द्विध्रुव आघूर्ण p = q × l होता है।
- मूल आवेश का मान 1.602 × 10⁻¹⁹ C है।
- विद्युत फ्लक्स एक अदिश राशि है और इसका एसआई मात्रक Nm²/C है।
- द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा ऋणात्मक आवेश से धनात्मक आवेश की ओर होती है।
- एक खोखले आवेशित चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होती है।
- आवेशों के क्वांटीकरण का कारण इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण पूर्ण गुणक के रूप में होना है।
- विद्युत क्षेत्र रेखाएँ खोखले चालक के आंतरिक भाग से होकर नहीं गुजरती हैं, क्योंकि खोखले चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र शून्य होता है।
- कूलॉम का व्युत्क्रम वर्ग नियम, गतिमान आवेशों के लिए सत्य नहीं है।
- विद्युत क्षेत्र की दिशा धनावेश से ऋणावेश की ओर होती है।
स्थिर वैधुत विभव तथा धारिता
- विद्युत् धारिता का SI मात्रक फैरड है।
- एक गोलीय चालक की धारिता का सूत्र C = 4πε₀R है।
- समान्तर प्लेट संधारित्र की दो प्लेटों के बीच विभान्तर नियत होने पर परावैद्युत पदार्थ रखने से विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता घट जाती है।
- समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी बढ़ाने से उसकी धारिता घटती है।
- 1 फैरड, एक कूलॉम प्रति वोल्ट के बराबर होता है।
- विद्युत विभव का विमीय सूत्र [M¹L²T⁻³A⁻¹] है।
- पृथ्वी का विभव शून्य माना जाता है।
- बिंदु आवेश q से दूरी r पर विभव V = kq/r या V = 1/4πε *q/r होता है।
- चालक की स्थितिज ऊर्जा U = (Q²) / (2C) है।
- कुचालक माध्यम की उपस्थिति विद्युत क्षेत्र को कमजोर करती है।
- समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता का सूत्र C = ε₀A/d है।
- श्रृंखला में संधारित्र कुल वोल्टेज रेटिंग को बढ़ाने के लिए जोड़े जाते है, और कुल धारिता व्यक्तिगत धारिताओं से कम होती है: 1/C_total = 1/C1 + 1/C2 + 1/C3 + ...
- दो समान धारिता C के संधारित्र समान्तर क्रम में जुड़ने पर परिणामी धारिता 2C होगी।
- एक आवेशित चालक का विभव पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर नहीं करता है।
- किसी चालक को असीमित आवेश देना संभव नहीं है।
- धारिता बढाने के लिए संधारित्रों को श्रेणी क्रम में नहीं जोड़ा जाता है।
- द्विध्रुव की निरक्षीय स्थिति में विद्युत विभव शून्य होता है।
विद्युत धारा
- तार का विशिष्ट प्रतिरोध पदार्थ पर निर्भर करता है।
- ओह्मीय प्रतिरोध ताँबे का तार है।
- ताप बढ़ाने पर अर्द्धचालक का प्रतिरोध घटता है।
- धारा घनत्व का S.I. मात्रक एम्पियर / मीटर² है।
- ओम के नियमानुसार, यदि किसी चालक की भौतिक अवस्था में परिवर्तन न हो तो उसमें प्रवाहित विद्युत धारा उसके सिरों में आरोपित विभवान्तर के अनुक्रमानुपाती होता है।
- किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लम्बाई बढ़ाने पर बढ़ जाता है।
- ओम के नियम का V-I ग्राफ एक सरल रेखा होती है।
- किरचॉफ का प्रथम नियम आवेश के संरक्षण पर आधारित है।
- किरचॉफ का द्वितीय नियम ऊर्जा संरक्षण के अनुकूल है।
- विद्युत धारा की दिशा किसी बाह्य परिपथ में शक्ति स्रोत के धनात्मक टर्मिनल से ऋणात्मक टर्मिनल की ओर होती है।
- विद्युत शक्ति का S.I. मात्रक वाट है।
- अनुगमन वेग पर ताप बढ़ने पर अपवाह वेग घटता है।
- अर्धचालक का प्रतिरोध ताप गुणांक ऋणात्मक होता है।
- विद्युत धारा प्रवाह की दिशा धनावेशों से प्रवाह की दिशा के अनुदिश होती है।
- चालक में धारा प्रवाह, मुक्त इलेक्ट्रॉनों के कारण होता है।
- चालक का प्रतिरोध ताप गुणांक धनात्मक होता है।
गतिमान आवेश और चुंबकत्व
- ऐम्पियर का परिपथीय नियम ∮B⋅(dl) = μ₀I है।
- एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान आवेश पर लगने वाला बल qv × B है।
- धारावाही वृत्तीय कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र कुण्डली के तल में लंबवत होता है।
- चुम्बकनशीलता का SI मात्रक विमाहीन (कोई मात्रक नहीं) है।
- चुंबकीय क्षेत्र का विमीय सूत्र [M¹ T⁻² I⁻¹] है।
- धारावाही परिनालिका छड़ चुंबक की भाँति व्यवहार करती है।
- चुम्बकीय क्षेत्र एक सदिश राशि है।
- शंट के उपयोग से धारामापी की धारा संवेदनशीलता कम हो जाती है।
- एक आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध अनंत (∞) होता है।
- किसी विद्युत परिपथ में वोल्टमीटर को हमेशा समांतर (parallel) क्रम में जोड़ा जाता है।
- एक गतिमान आवेश विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र दोनों उत्पन्न करता है।
- एमीटर को वोल्टमीटर में बदलने के लिए उसके साथ एक उच्च प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है।
- चुम्बकीय क्षेत्र में गतिशील आवेशित कण पर लगने वाले बल को लोरेन्ट्ज़ बल कहते हैं।
- विद्युत् धारा के चुंबकीय प्रभाव की खोज ओस्टेंड ने की थी।
- चुंबकीय क्षेत्र का मात्रक वेबर/मीटर² है।
- किसी धारावाही चालक में चुंबकीय क्षेत्र में लगने वाले चुंबकीय बल की दिशा फ्लेमिंग के बांये हाथ के नियम से दी जाती है।
चुंबकत्व एवं द्रव्य
- वेबर/मीटर² मात्रक चुंबकीय क्षेत्र का है।
- लौह चुंबकीय पदार्थ का उदाहरण निकल है।
- प्रतिचुंबकीय पदार्थ की चुंबकीय प्रवृत्ति अल्प किंतु धनात्मक होती है।
- एक चुंबकीय सुई को एक असमान चुंबकीय क्षेत्र में रखने पर, यह बल आघूर्ण अनुभव करेगी किंतु बल नहीं।
- ध्रुव प्राबल्य का SI मात्रक एम्पीयर x मीटर है।
- प्रतिचुंबकीय पदार्थ प्रबल चुंबक से प्रतिकर्षित होते हैं।।
- चुंबकीय आघूर्ण की दिशा S-ध्रुव से N-ध्रुव की ओर सरल रेखा के अनुदिश होती है।
- धारावाही परिनालिका छड़ चुम्बक की तरह व्यवहार करती है।
- चुंबकीय आघूर्ण की दिशा दक्षिण (S) ध्रुव से उत्तर (N) ध्रुव की ओर होती है।
- बिना ध्रुव का कोई चुंबक नहीं हो सकता है।
- यदि एक पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति 4/5 है, तो यह अनुचुंबकीय पदार्थ है।
- यदि एक पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति -0.5 है, तो यह प्रतिचुंबकीय पदार्थ है।
- चुंबक के चुम्बकीय आघूर्ण का S.I. मात्रक एम्पीयर x मीटर² है।
- दो चुंबकीय बल रेखाएँ एक दूसरे को कभी प्रतिच्छेद नहीं करती हैं।
- समान ध्रुव प्राबल्य के दो सजातीय चुंबकीय ध्रुव, चुंबकीय द्विध्रुव नहीं बनाते हैं।
- प्रतिचुम्बकीय पदार्थ प्रबल चुंबकीय क्षेत्र से प्रतिकर्षित होते हैं।
विधुत चुंबकीय प्रेरण
- किसी कुण्डली का स्वप्रेरकत्व कुण्डली में प्रवाहित धारा पर निर्भर नहीं करता है।
- लेंज का नियम ऊर्जा संरक्षण नियम पर आधारित है।
- ट्रांसफॉर्मर अन्योन्य प्रेरण के सिद्धान्त पर आधारित होता है।
- विद्युत चुम्बकीय प्रेरण में प्रेरित विद्युत वाहक, कुण्डली के प्रतिरोध से स्वतंत्र होता है।
- विद्युत् चुम्बकीय प्रेरण की खोज फैराडे ने की थी ।
- समतल वृत्ताकार कुण्डली का स्वप्रेरकत्व त्रिज्या के अनुपाती होता है।
- स्वप्रेरकत्व का S.I. मात्रक हेनरी है।
- प्रेरित विद्युत् धारा की दिशा फ्लेमिंग के दाएँ हाथ के नियम से दी जाती है।
- किसी कुण्डली में संगृहीत ऊर्जा का चुंबकीय ऊर्जा होता है।
- यदि 'l' लम्बाई का एक सीधा चालक एकसमान वेग 'v' से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र 'B' में लम्बवत् गति करता है, तो तार में प्रेरित विद्युत वाहक बल के लिए व्यंजक e = blv है।
- चुम्बकीय फ्लक्स का मात्रक वेबर है।
- किसी बंद परिपथ में प्रेरित धारा विद्युत क्षेत्र में परिवर्तन के कारण प्रवाहित होती है।
- प्रेरित धारा, चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन के कारण उत्पन्न होती है।
- ट्रांसफॉर्मर अन्योन्य प्रेरण की क्रिया पर आधारित है।
- प्रेरित धारा की दिशा फ्लेमिंग के बायें हाथ के नियम से नहीं दी जाती है।
- प्रेरित विद्युत वाहक का मात्रक वोल्ट है।
प्रत्यावर्ती धारा
- शुद्ध संधारित्र युक्त प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में प्रवाहित धारा एवं आरोपित वोल्टता π/2 मध्य कलांतर होता है ।
- भारत में घरों को दी जाने वाली विद्युत धारा की आवृत्ति 50Hz है।
- प्रत्यावर्ती LCR परिपथ, L=0 में धारा न्यूनतम होगी जब X₁= XC
- शुद्ध धारिता वाले प्रत्यावर्ती परिपथ में औसत शक्ति व्यव शून्य होती हैं
- आदर्श प्रेरकत्व का ओह्मीय प्रतिरोध शून्य होता है।
- डायनेमो का सिद्धान्त विद्युत चुंभकीय प्रेरण पर आधारित है।
- प्रेरण प्रतिघात (X₁) का S.I. पद्धति में मात्रक ओम है।
- दिष्ट धारा की आवृत्ति शून्य होती है |
- आदर्श प्रेरकत्व का ओह्मीय प्रतिरोध शून्य होता है।
- √LC का मात्रक सेकण्ड है।
- L-C-R परिपथ के लिए अनुनादी अवस्था में शक्ति गुणांक का मान एक है।
- प्रत्यावर्ती धारा उष्मीय प्रभाव प्रदर्शित करता है।
- शुद्ध प्ररेकत्व या धारिता युक्त परिपथ का शक्ति गुणांक शून्य होता है ।
- संधारित्र अपने में से दिष्ट धारा को नहीं गुजर जाने देता है।
- दिष्ट धारा प्रत्यावर्ती धारा की तुलना में ज्यादा खतरनाक नहीं होती है।
- धारा के वर्ग माध्य मूल Irms शिखर मान I₀ में संबंध Irms = I₀ / √2 होता है।
- एक पूर्ण चक्र में किसी प्रेरक की आपूर्त माध्यं शक्ति शून्य होती है।
विद्युत चुंबकीय तरंगे
- निर्वात में विद्युत्-चुम्बकीय तरंग की चाल के लिए सूत्र c = 1/√(μ₀ε₀) है।
- विद्युत्-चुम्बकीय तरंगें त्वरित आवेश से उत्पन्न होती हैं।
- तरंग सदिश को व्यक्त K = 2π/λ से किया जाता है।
- विद्युत चुंबकीय तरंग में विद्युत क्षेत्र के परिमाण E और चुंबकीय क्षेत्र के परिमाण B में B=E/C का संबंध है
- विद्युत्-चुम्बकीय तरंगें अनुप्रस्थ तरंगें होती हैं।
- रोगों के कीटाणुओं को मारने में पराबैगनी किरणों का उपयोग होता है।
- सबसे अधिक आवृत्ति की विद्युत चुम्बकीय तरंग गामा है।
- प्रकाश तरंगों की आवृत्ति 10-7 मीटर कोटि की होती है।
- विस्थापन धारा समय के साथ परिवर्तित होने वाले विधुत क्षेत्र के कारन उत्पन्न होती है।
- दृश्य तरंगों का तरंगदैर्ध्य परास 4000 Å - 7800 Å है
- विद्युत चुंबकीय वर्णक्रम में उपस्थित तरंगों (बढ़ते क्रम में): गामा किरणे - एक्स किरण - पराबैंगनी किरणें - दृश्य प्रकाश - अवरुप्त किरणे - सूक्ष्म तरंगे - रेडियो तरंगे
- विद्युत्-चुम्बकीय तरंगों की खोज मैक्सवेल ने की थी ।
- अवरक्त तरंगों की खोज वैज्ञानिक रिटर ने नहीं की है।
- पराबैंगनी विकिरण के कारण उष्णता (गर्मी) महसूस नहीं होती है।
- विस्थापन धारा समय परिवर्तनीय चुंबकीय क्षेत्र के कारण उत्पन्न नहीं होती है।
- माइक्रावेव ओवन का कार्य रेडियो तरंगों पर आधारित नहीं होती है।
किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र
- गोलीय दर्पण की फोकस दूरी (f) एवं वक्रता त्रिज्या (R) में संबंध R=2f होता है ।
- उत्तल दर्पण छोटा एवं आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है।
- संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में नेत्रिका की फोकस दूरी, अभिदुश्यक की फोकस दूरी से अधिक होती है।
- दूरदर्शी में नेत्रिका की फोकस दूरी, अभिदृश्यक की फोकस दूरी से कम होती है।
- प्रकाश किरण के एक समांगी माध्यम से दूसरे समांगी माध्यम में प्रवेश करने पर उसके मार्ग बदलने की क्रिया को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं।
- प्रकाश का वेग विरल माध्यम से सघन माध्यम में जाने पर घट जाता है।
- जल के अंदर वायु का बुलबुला अवतल लेंस की भाँति व्यवहार करता है।
- लेंस की फोकस दूरी लेंस की क्षमता की व्युत्क्रमानुपाती होती है।
- खगोलीय दूरदर्शी में लेंस की फोकस दूरी बड़ा दीजिये और नेत्रिका की फोकस दूरी कम कर देने से आवर्धन की क्षमता बढ़ जाती है।
- प्रिज्म से गुजरने पर बैंगनी रंग का प्रकाश सबसे कम और लाल रंग का प्रकाश ज्यादा विचलित होता है।
- यदि नेत्रिका की फोकस दूरी कम कर दी जाये तो सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता बढ़ जाती है।
- लेंस की क्षमता का मात्रक डायोप्टर है।
- अवतल दर्पण से प्रतिबिम्ब आवर्धित बनता है।
- अपवर्तन का कारण प्रकाश की चाल का भिन्न-भिन्न माध्यमों में अलग-अलग होना है।
- जब एक लेंस को द्रव में डुबोया जाता है तो उसकी क्षमता बढ़ नहीं जाती है।
- किसी लेंस की फोकस दूरी (मीटर में) के व्युत्क्रम को लेंस की क्षमता कहते हैं।
- उत्तल लेंस की क्षमता ऋणात्मक नहीं होती है।
तरंग प्रकाशिकी
- तरंगें एक स्थान से दूसरे स्थान तक ऊर्जा का संचरण करती हैं।
- प्रकाश के व्यतिकरण में ऊर्जा पुनर्वितरित होती है।
- विनाशी व्यतिकरण के लिए φ=π होगी है
- व्यतिकरण अनुदैर्ध्य और अनुप्रस्थ दोनों तरंगों में होती है।
- प्रकाश से संबंधित कणिका सिद्धान्त हाइगेन ने दिया था।
- संपोषी व्यतिकरण के लिए तरंगों के मध्य कलान्तर 2nπ होता है।
- ज्यामिति छाया में प्रकाश के अतिक्रमण की घटना को विवर्तन कहते हैं।
- कलासम्बद्ध स्रोतों के प्रकाश तरंगों के मध्य कलान्तर समय के साथ अपरिवर्तित रहता है ।
- एक तरंगाग्र के दो बिन्दुओं में कलांतर शून्य होता है।
- पतली फिल्म (द्रवों की सतह पर) में व्यतिकरण के कारण रंग दिखाई देते है।
- यंग के द्विस्लिट प्रयोग में फ्रिन्ज चौड़ाई का सूत्र ẞ = Da/d है .
- संपोषी व्यतिकरण के लिए कलांतर φ=2nπ(n=0,1,2,.......) होताहै ।
- व्यतिकरण फ्रिन्जें समदूरस्थ होती हैं।
- विनाशी व्यतिकरण के लिए कलांतर φ≠ 2ηπ (n=1,2,3,....)होता है।
- यदि माध्यम समान रहता है तो द्वितीयक तरंगिकाओं की चाल मूल तरंग की चाल के तुल्य होती है |
विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति
- इलेक्ट्रॉन की खोज जे. जे. थॉमसन ने की थी।
- एक स्त्रोत से ऊर्जा फोटॉन रूप में निकलती है ।
- E ऊर्जा के फोटॉन का संवेग E/c होता है।
- एक कण का द्रव्यमान m तथा वेग v है। उससे सम्बद्ध डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य h/mv होगी
- धातु की सतह से इलेक्ट्रॉन निकलने की क्रिया को इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन कहते हैं।
- प्रत्येक गतिशील कण के साथ तरंग सम्बद्ध होती है, जिसे डी ब्रोग्ली कहते हैं।
- 1eV= 1.6 × 10⁻¹⁹ जूल.
- इलेक्ट्रॉन के विशिष्ट आवेश का मान S.I. पद्धति में 1.76 × 10¹¹ कूलॉम/कि.ग्राम होता है।
- विकिरण की ऊर्जा तथा आवृत्ति में संबंध E = hV है
- फोटॉन का विराम द्रव्यमान शून्य होता है |
- देहली आवृत्ति वह न्यूनतम आवृत्ति है जिस पर किसी धातु से इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होना शुरू होते हैं।
- उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉनों का अधिकतम वेग विकिरण की ऊर्जा और कार्य फलन पर निर्भर करता है।
- डी-ब्रॉग्ली तरंगें विद्युत चुंबकीय तरंगें नहीं हैं।
- सभी उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा समान नहीं होती है।
- फोटॉन का विराम द्रव्यमान शून्य होता है ।
- प्रकाश विद्युत उत्सर्जन के लिए क्षारीय धातुएँ प्रयुक्त की जाती है।
- इलेक्ट्रॉन वोल्ट ऊर्जा का मात्रक है।
परमाणु
- परमाणु का आकार 10⁻¹⁰ मीटर कोटि का होता है।
- परमाणु अनावेशित होता है।
- एक न्यूट्रॉन का द्रव्यमान 1.67×10⁻²⁷kg होता है
- भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र मुम्बई में स्थित है ।
- हाइड्रोजन परमाणु की आयनन ऊर्जा 13.6 eV होती है ।
- अल्फा कण के गाइगर-मार्सडन प्रयोग में प्रयुक्त अल्फा कण की ऊर्जा 5.5 MeV थी
- हाइड्रोजन परमाणु को प्रथम उत्तेजित अवस्था में इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा लगभग -3.4 eV होती है |
- रिडबर्ग नियतांक R का मान 1.09 x 10⁻⁷ होता है।
- हाइड्रोजन परमाणु की त्रिज्या को बोर की त्रिज्या कहा जाता है।
- हीलियम का जो नाभिक होता है उसे ही अल्फ़ा कण कहा जाता है।
- नाभिक में धन आवेश होता है
- परमाणु के आकार की कोटि 10⁻¹⁰ मीटर होती है
- रदरफोर्ड के द्वारा परमाणु के नाभिक महत्वपूर्ण भाग की खोज की गयी।
- परमाणु एक धनात्मक कण नहीं है।
- कम संघट्ट प्राचल के लिए प्रकीर्णन कोण ज्यादा होता है।
- रदरफोर्ड मॉडल परमाणु के स्थायित्व की व्याख्या करने में सफल नहीं रहा था.
नाभिक
- a-कण हीलियम परमाणु का नाभिक होता है
- सूर्य में ऊर्जा का स्रोत संलयन प्रक्रिया है।
- आइन्स्टीन का द्रव्यमान ऊर्जा तुल्यता समीकरण E = mc² है।
- नाभिक में न्यूट्रॉन का द्रव्यमान लगभग प्रोटोन के द्रव्यमान के बराबर होता है
- संलयन प्रक्रिया में हल्के नाभिक मिलकर भारी नाभिक बनाते हैं।
- नाभिकीय विखण्डन की नियंत्रित शृंखल में तापीय न्युट्रोन कहलाते हैं।
- जी हाँ सभी नाभिकों का घनत्व एकसमान होता है।
- नाभिकीय संलयन प्रक्रिया के लिए उच्च ताप और उच्च दाब की आवयश्कता होती है जो की प्रयोगशाला में बनाना संभव नहीं है।
- नाभिक की त्रिज्या उसकी द्रव्यमान संख्या में R = Ro A^(1/3) से संबंधित है
- नाभिक के आकार का क्रम 10⁻¹⁵ m होता है।
- γ-किरणों की बंधन क्षमता न्यूनतम नहीं होती है।
- नाभिकीय संलयन व विखंडन प्रक्रियाओं में ऊर्जा उत्पत्ति का कारण द्रव्यमान क्षति है
- हाइड्रोजन बम की कार्यविधि नाभिकीय विखंडन पर आधारित नहीं है।
- सूर्य की ऊर्जा का कारण नाभिकीय विखंडन नहीं है।
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