6 Questions
1917 में कूकी जनजाति ने किसके खिलाफ विद्रोह किया?
अंग्रेज़ी सत्ता
कूकी विद्रोह का विस्तार किन क्षेत्रों में था?
मणिपुर, नगालैंड, मिज़ोरम, त्रिपुरा, चिन पहाड़ी क्षेत्र (वर्तमान म्याँमार), असम के कछार पहाड़ी क्षेत्र
कूकी जनजाति के लोगों ने क्यों विद्रोह किया?
सभी उपरोक्त कारणों से
कूकी विद्रोह कब हुआ था?
1917 में
लेबर बटालियन में गैर-युद्धक भारिक (Non-Combatant Porter) के तौर पर स्थानीय जनजातियों की भर्ती कब अनिवार्य की गई?
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान
अंग्रेजों ने क्षेत्र में क्या अनिवार्य कर दिया?
बलात् श्रम (पोट्टांग)
Study Notes
कूकी विदोह (1917-1919)
- 1891 के आंग्ल-मणिपुर युद्ध के बाद मणिपुर रियासत पर अंग्रेजों का दबदबा बढ़ गया।
- अंग्रेजों ने क्षेत्र में बलात् श्रम (पोट्टांग) को अनिवार्य कर दिया।
- परंपरागत अधिकारों के हनन के बाद प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान लेबर बटालियन में गैर-युद्धक भारिक (Non-Combatant Porter) के तौर पर स्थानीय जनजातियों की भर्ती को अनिवार्य किया गया।
कूकी विदोह के कारण और प्रभाव
- 1917 में कूकी जनजाति के लोगों ने अंग्रेज़ी सत्ता के खिलाफ विद्रोह कर दिया।
- इस विद्रोह का विस्तार कूकी आबादी वाले सभी क्षेत्रों, जैसे- मणिपुर, नगालैंड, मिज़ोरम, त्रิปुरा, चिन पहाड़ी क्षेत्र (वर्तमान म्याँमार), असम के कछार पहाड़ी क्षेत्र आदि में था।
कूकी जनजाति के लोगों ने अंग्रेज़ी सत्ता के खिलाफ विद्रोह कर दिया। इस विद्रोह का विस्तार कूकी आबादी वाले सभी क्षेत्रों में हुआ। जानें कूकी विद्रोह के कारण, घटनाक्रम और परिणाम।
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